हिंदी मुहावरों की लिस्ट – हिंदी भाषा में मुहावरे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये वाक्यांश हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझाने में मदद करते हैं और भाषा को और भी रंगीन बना देते हैं। मुहावरे वाक्य को संक्षेप में और अधिक प्रभावशाली बना देते हैं, जिससे सुनने वाले या पाठक को उसका असली अर्थ तुरंत समझ में आ जाता है।
हिंदी में हजारों मुहावरे हैं जो विभिन्न संदर्भों और परिस्थितियों में प्रयुक्त होते हैं। ये मुहावरे अक्सर जीवन के अनुभवों, समाज की परंपराओं और भारतीय सांस्कृतिक धारोहर से जुड़े होते हैं। इन्हें समझना और सही संदर्भ में प्रयोग करना हर हिंदी पाठक और लेखक के लिए महत्वपूर्ण है।
इस लेख में हम कुछ प्रमुख हिंदी मुहावरों की सूची प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आमतौर पर हमारे दैनिक जीवन में प्रयुक्त होते हैं। ये मुहावरे न केवल भाषा की समृद्धि में योगदान करते हैं, बल्कि वे हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठ भी सिखाते हैं।
आइए अब जानते हैं उन मुहावरों के बारे में जो हमारे जीवन का हिस्सा बन चुके हैं और हमें विभिन्न स्थितियों में सहायक होते हैं।
1. मुहावरा – आँख चुराना
अर्थ: किसी से नजरें मिलाने से बचना, खासकर शरम या डर के कारण।
प्रयोग: जब राम ने सुनील से उसकी गलती के बारे में पूछा, तो सुनील ने आँख चुराई।
उदाहरण: जब गुरुजी ने छात्रों से प्रश्न पूछा, तो अधिकांश ने आँख चुराई क्योंकि उन्हें उत्तर नहीं पता था।
2. मुहावरा – आँखों का पानी ढलना
अर्थ: शरम से निर्लज्ज हो जाना।
प्रयोग: जब राम ने सुनील की गलती सभी के सामने उजागर की, तो सुनील की आँखों का पानी ढल गया।
उदाहरण: प्रधानाध्यापक की डांट सुनते ही राजीव की आँखों का पानी ढल गया और वह चुपचाप अपनी सीट पर बैठ गया।
3. मुहावरा – अपने पैरों पर खड़ा होना:
अर्थ: स्वतंत्रता और आत्म-निर्भरता से अपने जीवन को संचालित करना।
प्रयोग: राम ने अपनी मेहनत और संघर्ष से दिखा दिया कि वह अब अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है।
उदाहरण: जब सीमा ने अपनी पढ़ाई पूरी की और स्वतंत्रता से अपना करियर शुरू किया, तो सभी ने कहा कि अब वह अपने पैरों पर खड़ी है।
4. मुहावरा – छछूंदर के सर पर चमेली का तेल:
अर्थ: किसी अयोग्य व्यक्ति को
बहुमूल्य वस्तु मिलना
प्रयोग: अगर किसी बच्चे को उसकी उम्र से अधिक महंगा और विशेष उपहार दिया जाए, जिसकी वह समझ नहीं सकता, तो इस स्थिति में इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: राम ने अपने मित्र को नई कार दी, लेकिन उसने उसकी अहमियत को नहीं समझा, जैसे छछूंदर के सर पर चमेली का तेल।
5. मुहावरा – बोलबाला होना:
अर्थ: प्रभाव होना या ख्याति होना
प्रयोग: अगर किसी संगठन में, एक व्यक्ति की राय को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है और उसकी बातों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है, तो उसे ‘बोलबाला’ कह सकते हैं।
उदाहरण: इस मुद्दे पर रामनाथ का बोलबाला है, उसकी राय सबसे अधिक मायने रखती है।
6. मुहावरा – भाग्य का मारा होना मुहावरा
अर्थ: किस्मत का मारा होना या भाग्य ख़राब होना
प्रयोग: अगर किसी को लगातार दुर्घटनाएं हो रही हों, जैसे की वह बार-बार बीमार पड़ रहा हो या उसका संविधानिक अधिकार बार-बार विफल हो रहा हो, तो उसे ‘भाग्य का मारा’ कह सकते हैं।
उदाहरण: राम की नौकरी चली गई, और फिर उसकी तबियत भी खराब हो गई। वाकई, वह भाग्य का मारा है।
7. मुहावरा – तलवे चाटना:
अर्थ: अधिक प्रशंसा करना, चापलूसी करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने किसी और की अधिक प्रशंसा की या उसे प्रसन्न करने के लिए अधिकता से विनम्रता दिखाई, तो उसे कहा जाता है कि वह “तलवे चाट रहा है।”
उदाहरण: जब किसी व्यक्ति ने किसी और की अधिक प्रशंसा की या उसे प्रसन्न करने के लिए अधिकता से विनम्रता दिखाई, तो उसे कहा जाता है कि वह “तलवे चाट रहा है।”
8. मुहावरा – मुँह काला करना:
अर्थ: बदनाम होना, कलंकित होना, अपमानित होना
प्रयोग: जब किसी को उसकी गलती के चलते बेइज्जती हो, या जब कोई अपनी गलती को मानता है और उससे शरम महसूस होती है, तो ‘मुँह काला करना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सभा में अपनी गलती को स्वीकारते हुए कहा, मैंने अपना मुँह काला कर लिया है।
9. मुहावरा – नाक रगड़ना:
अर्थ: गिड़गिड़ाना या विनम्रता से किसी से कुछ मांगना
प्रयोग: जब किसी को किसी चीज़ की अधिक जरूरत होती है और वह उसे प्राप्त करने के लिए विनम्रता दिखाता है या गिड़गिड़ाता है, तो ‘नाक रगड़ना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने दोस्त से पैसे मांगते हुए कहा, मुझे माफ़ कर, मैं तुझसे अपनी नाक रगड़ रहा हूँ, पर मुझे अभी पैसों की सख्त जरूरत है।
10. मुहावरा –
नज़रों से गिरना
अर्थ: सम्मान या इज़्जत खो देना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी गलती या अच्छे आचरण की अपेक्षा बुरे आचरण के कारण किसी के सम्मान में गिर जाता है, तो ‘नज़रों से गिरना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: मोनू ने इतना घृणित कार्य किया है की वह मेरी नज़रों से गिर गया है।
11. मुहावरा – पानी में आग लगाना:
अर्थ: असंभव कार्य को संभव कर देना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति ऐसा कार्य करने की कोशिश करता है जो संभवत: ना हो, तो ‘पानी में आग लगाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।”
उदाहरण: दीपक ने IIT की परीक्षा पास करके तो पानी में आग लगा दी, जबकि मास्टर साहब को लगता था की ये पक्का फेल होगा।
12. मुहावरा – पत्थर का कलेजा होना:
अर्थ: दयारहित होना, दयाभाव न होना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को दूसरों की पीड़ा या भावनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता और वह उन्हें अनदेखा कर देता है, तो ‘पत्थर का कलेजा होना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने मित्र की मुश्किलें देखी, लेकिन उसने मदद नहीं की। लोगों ने कहा, राम का कलेजा पत्थर का है।
13. मुहावरा – पीठ दिखाना:
अर्थ: किसी से मुँह फेर लेना या उससे दूर हो जाना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपने मित्र, परिवार या किसी संगठन से अलग हो जाता है या उससे संपर्क तोड़ देता है, तो ‘पीठ दिखाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने पुराने दोस्त से छोटी-सी बात पर झगड़ा कर लिया और उसने उसे पीठ दिखा दी।
14. मुहावरा – सिर पर पाँव रखकर भागना
अर्थ: बहुत तेजी से भागना, विशेष रूप से जब आप डरे होते हैं
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति डर या खतरे की स्थिति में तेजी से पलायन करता है, तो ‘सिर पर पाँव रखकर भागना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब जंगल में रामू ने शेर को देखा, वह सिर पर पाँव रखकर भाग गया।
15. मुहावरा – हवाई किले बनाना:
अर्थ: बड़ी बड़ी काल्पनिक योजनाएं बनाना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अधिक आशावादी होता है और असंभावित चीजों की उम्मीद करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।”
उदाहरण: अर्जुन ने बिना किसी तैयारी या पूर्वाध्ययन के IAS की परीक्षा पास करने की बात की। उसके दोस्तों ने कहा, “तू तो हवाई किले बना रहा है।
16. मुहावरा – हथेली पर सरसों जमाना:
अर्थ: असंभव को संभव बना देना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को बहुत ही तेजी से और बिना किसी अड़चन के पूरा कर लेता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: राम ने अपने परियोजना कार्य को सिर्फ दो दिनों में पूरा कर दिया, मानो उसने ‘हथेली पर सरसों जमा ली हो
17. मुहावरा – दांत खट्टे करना:
अर्थ: किसी को पराजित करना या हराना
प्रयोग: जब किसी खेल में, विवाद में या किसी अन्य प्रतिस्पर्धा में कोई व्यक्ति या समूह अपने प्रतिद्वंद्वी को हरा दे, तो ‘दांत खट्टे करना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: गाँधी जी के नमक सत्याग्रह ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिये थे।
18. मुहावरा – अँगूठा चूसना
अर्थ: किसी विषय में अनजान होना या अनुभवहीन होना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी विषय में कोई जानकारी न हो और वह उस विषय में बात करने की कोशिश करे, तो ‘अँगूठा चूसना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने नई तकनीकी उपकरण के बारे में बात करते हुए महसूस किया कि वह ‘अँगूठा चूस रहा है’, क्योंकि उसे उसके बारे में कुछ भी पता नहीं था।
19. मुहावरा – अंग अंग फूले न समाना :
अर्थ: अत्यधिक खुशी या उत्साह महसूस करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी खास घटना या समाचार से अधिक खुशी हो, तो ‘अंग अंग फूले न समाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब अर्जुन को पता चला कि उसे विदेशी यात्रा के लिए चुना गया है, तो उसके ‘अंग अंग फूले न समाए’।
20. मुहावरा – अंधे के आगे रोना:
अर्थ: कठोर व्यक्ति को अपनी परेशानी बताना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति की बातें या भावनाएं उस स्थल पर महत्वहीन हों, जहाँ वह उन्हें प्रकट कर रहा है, तो ‘अंधे के आगे रोना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपनी समस्या के बारे में अपने मित्र से कहा, पर उस मित्र ने उसे ध्यान नहीं दिया। तब राम ने सोचा कि वह ‘अंधे के आगे रो रहा है’।
21. मुहावरा – आपे से बाहर होना:
अर्थ: अपने आप पर नियंत्रण खो देना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का व्यवहार सामान्य से अलग होता है और वह अपनी सामान्य प्रतिक्रिया से बाहर होता है, तो ‘आपे से बाहर होना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील को देखा और कहा, “तुम आज बहुत चिड़चिड़े हो रहे हो, क्या तुम आपे से बाहर हो गए हो?”
22. मुहावरा – 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली
अर्थ: जीवन-भर पाप करके बाद में पूजा-पाठ का ढोंग करना
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति का अच्छा व्यवहार उसकी पूर्व गलतियों को छुपाने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: राम ने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों को धोखा दिया, लेकिन अब वह मंदिर में प्रतिदिन जा रहा है। लोग कहते हैं, “100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।”
23. मुहावरा – आँख चुराना :
अर्थ: शरम या भय के कारण किसी से नजरें न मिला पाना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को अपनी गलती का एहसास होता है और वह दूसरे से नजरें मिलाने में संकोच करता है, तो ‘आँख चुराना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब अध्यापिका ने सुनील से प्रश्न पूछा और उसे उत्तर नहीं आया, तो वह शरम से अध्यापिका की आँखों में आँख नहीं डाल पाया और अपनी आँख चुराई।
24. मुहावरा – पलकें बिछाना:
अर्थ: प्यार से इंतज़ार करना या प्रेमपूर्वक प्रतीक्षा करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का इंतजार किसी चीज़ या व्यक्ति का हो, तो ‘पलकें बिछाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, “मैं तुम्हारे जवाब का इतना बेसब्री से इंतजार कर रहा था, मानो पलकें बिछा रखी थीं।”
25. मुहावरा – आँख दिखाना:
अर्थ: किसी को धमकी देना या डराना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपनी प्रतिष्ठा या शक्ति दिखाने के लिए धमकी दे, तो ‘आँख दिखाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब सीता ने अपनी चॉकलेट खो दी और उसे पता चला कि उसे अर्जुन ने चुराई है, तो उसने अर्जुन को आँख दिखाई और कहा, “अगर तुमने फिर से ऐसा किया तो देख लेना।”
26. मुहावरा – अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना
अर्थ: खुद की प्रशंसा करना या अपनी ही तारीफ में बोलना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपने आप को बहुत अच्छा मानता है और बार-बार खुद की तारीफ करता है, तो ‘अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, “तुम तो हर समय अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनते हो, हर बार अपनी ही प्रशंसा करते रहते हो।”
27. मुहावरा – अपना सा मुँह लेकर रह जाना :
अर्थ: निराश हो जाना या उदास हो जाना
प्रयोग: जब किसी को किसी घातक समाचार या घटना का पता चलता है और वह उससे प्रभावित होता है, तो ‘अपना सा मुँह लेकर रह जाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: “राम ने सुना कि उसका प्रिय कुत्ता चल बसा, तो वह पूरे दिन ‘अपना सा मुँह लेकर रह गया।”
28. मुहावरा – आँखों पर पर्दा पड़ना:
अर्थ: किसी बात को न समझ पाना या उसे अनदेखा कर देना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को स्पष्ट रूप से कुछ दिखाई दे और वह उसे अनदेखा कर दे, तो ‘आँखों पर पर्दा पड़ना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, “तुम्हारे दोस्त तुम्हें धोखा दे रहे हैं, लेकिन तुम्हारी आँखों पर पर्दा पड़ गया है।”
29. मुहावरा – अपना राग अलापना:
अर्थ: अपनी बातों या विचारों को बार-बार दोहराना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी बातों को बार-बार दुहराता है या अपनी बात पर अड़ा रहता है, तो ‘अपना राग अलापना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम अपनी पुरानी कहानियों को बार-बार सुनाता रहता है, वह हमेशा अपना राग अलापता रहता है।
30. मुहावरा – आँखें नीची होना
अर्थ: शरम से या अपनी गलती को महसूस करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को अपनी गलती का अहसास होता है या वह किसी से शरम सा महसूस करता है, तो ‘आँखें नीची होना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब गुरुजी ने मुझसे मेरी गलती के बारे में पूछा, मेरी तो ‘आँखें नीची हो गईं’।
31. मुहावरा – आँखें चार होना:
अर्थ: दो लोगों के बीच गहरी दोस्ती या समझदारी होना
प्रयोग: जब दो लोग एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझते हैं, जब उनके बीच एक खास बंधन और अदृश्य संवाद होता है, तो ‘आँखें चार होना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम और श्याम की दोस्ती पर सभी कहते थे कि उनकी ‘आँखें चार’ होती हैं। जब भी वे एक-दूसरे की बातों में खो जाते हैं।
32. मुहावरा – आंखें खुल जाना:
अर्थ: किसी बात का अच्छे से समझ आ जाना या किसी चीज़ की असलियत को समझ लेना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी विषय पर स्पष्टता प्राप्त होती है या वह किसी गलतफहमी से बाहर आता है, तो ‘आंखें खुल जाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब मुझे सच्चाई पता चली, मेरी तो ‘आंखें खुल गईं’। मैं समझ गया कि मैं कितनी बड़ी गलती कर बैठा था।
33. मुहावरा – आकाश पाताल एक करना:
अर्थ: बहुत अधिक मेहनत या परिश्रम करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने किसी कार्य में अधिक समय और प्रयास लगाया हो, तो ‘आकाश पाताल एक करना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।।
उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, मैंने तुम्हारी खोई हुई पेन ढूंढने में आकाश पाताल एक कर दिया, लेकिन मुझे वह कहीं नहीं मिली।
34. मुहावरा – आग बबूला होना
अर्थ: बहुत अधिक गुस्सा होना या अत्यधिक क्रोधित होना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति में अधिक गुस्सा या क्रोध हो, तो ‘आग बबूला होना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जराम ने सुनील से कहा, “जब मैंने सुना कि तुमने मेरी किताब खो दी, मैं तो ‘आग बबूला’ हो गया।”
35. मुहावरा – टुकुर-टुकुर देखना:
अर्थ: बहुत ध्यान से या गहरी नजर से किसी चीज़ या व्यक्ति को देखना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने किसी चीज़ या व्यक्ति को बहुत गहरी नजर से देखा हो, तो ‘टुकुर-टुकुर देखना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राज ने सुनील से कहा, “तुम मेरी नई बाइक को टुकुर-टुकुर क्यों देख रहे हो? कुछ खास है क्या?”
36. मुहावरा – खरी खोटी सुनाना:
अर्थ: किसी को उसकी गलतियों के लिए डांटना या फटकारना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को उसकी गलतियों या चूकों के लिए सख्त तरीके से समझाया जाए, तो ‘खरी-खोटी सुनाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने छोटे भाई श्याम को उसकी लापरवाही के लिए ‘खरी-खोटी सुनाई’ जब वह अपनी किताबें बिना पढ़े खेलने चला गया।
37. मुहावरा – गुरु घंटाल:
अर्थ: अत्यंत चालाक व्यक्ति
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को उसकी चालाकियों और धूर्तता के लिए चिह्नित किया जाए, तो ‘गुरु घंटाल’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, “तुम तो असली ‘गुरु घंटाल’ निकले, मुझे कभी सोचा नहीं था कि तुम मुझे इस तरह धोखा दोगे।”
38. मुहावरा – जिसकी लाठी उसकी भैंस
अर्थ: जिसके पास अधिक शक्ति या संसाधन होते हैं, वही अधिकार में होता है
प्रयोग: जब किसी के पास अधिक शक्ति या संसाधन हो और वह उसका उपयोग अपनी बात मानवाने के लिए करे, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, “तुम्हारे पास पैसा है इसलिए तुम हमें डांटते हो, लेकिन याद रखो ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस’ यह सच है, लेकिन यह सच्चाई नहीं है।”
39. मुहावरा – उल्टा चोर कोतवाल को डांटे:
अर्थ: जब कोई व्यक्ति खुद कुछ गलत करता है और फिर दूसरों को उसके लिए दोषी ठहराता है या उन्हें डांटता है
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने खुद कुछ गलत किया हो और फिर बिना अपनी गलती माने दूसरों को डांटे, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राज ने स्कूल में अपनी किताब खो दी और फिर अनिल को डांटने लगा कि उसने उसकी किताब चुराई। अनिल ने हंसते हुए कहा, “अरे, तुम तो ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांट रहे हो’।
40. मुहावरा – मन चंगा तो कठौती में गंगा:
अर्थ: अगर किसी का मन और विचार शुद्ध हों, तो उसे बाहरी जगहों में पवित्रता की तलाश करने की जरूरत नहीं है
प्रयोग: जब किसी को यह बताना हो कि असली पवित्रता और शुद्धता बाहरी जगहों में नहीं, बल्कि अपने आप में है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने सोमेश को कहा, “तुम बार-बार तीर्थ यात्रा पर जा रहे हो, लेकिन असली पवित्रता तो मन में होती है। ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’।”
41. मुहावरा – जख़्म पर नमक छिड़कना:
अर्थ: किसी की पीड़ा या दुख में और अधिक वृद्धि करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति के दुख या पीड़ा में और वृद्धि की जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम को जब पता चला कि उसका परिणाम अच्छा नहीं आया, तो वह बहुत दुखी हुआ। लेकिन जब मोहन ने उसका मजाक उड़ाया, तो लगा जैसे उसने राम के ‘ज़ख़्म पर नमक छिड़क दिया’।
42. मुहावरा – जान पर खेलना
अर्थ: अपनी जान को खतरे में डालना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने अपनी सुरक्षा को नकारते हुए या अपनी जान को खतरे में डालते हुए किसी कार्य को किया हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने बहुत तेज बह रही नदी में डूबते हुए बच्चे को बचाने के लिए कूद पड़ा। लोगों ने कहा, “राम ने आज अपनी ‘जान पर खेला’।”
43. मुहावरा – गोलमाल करना:
अर्थ: धोखा देना, भ्रांति पैदा करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने जानबूझकर अथवा अनजाने में किसी स्थिति में अस्पष्टता या भ्रांति पैदा की हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: मोहन ने सड़क के ठेके में गोलमाल करके कंपनी को लाखो का चुना लगा दिया।
44. मुहावरा – घी के दिये जलाना:
अर्थ: अत्यधिक आनंद और मंगल महसूस करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी खुशी के मौके पर अधिक आनंद आए और वह अपनी खुशी को प्रकट करने में कोई कसर न छोड़े, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम को जब पता चला कि वह परीक्षा में प्रथम आया है, तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। लोग कहने लगे, “राम तो आज ‘घी के दीये जला रहा है’।”
45. मुहावरा – खून खौलना:
अर्थ: अत्यधिक क्रोध करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी बात पर अधिक गुस्सा आए या वह किसी कारण से बहुत उत्साहित हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने सुना कि उसके गाँव में एक अज्ञात व्यक्ति ने बच्चों को परेशान किया। यह सुनते ही उसका ‘खून खौल उठा’ और वह तुरंत वहाँ पहुंचा।
46. मुहावरा – खिल्ली उड़ाना
अर्थ: किसी का मजाक उड़ाना या उसे चिढ़ाना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को जानबूझकर चिढ़ाया जाए या उसका मजाक बनाया जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने श्याम की नई शर्ट को देखकर मजाक उड़ाया। अन्य लोगों ने कहा, “राम हमेशा श्याम की ‘खिल्ली उड़ाता’ रहता है।”
47. मुहावरा – टांग अड़ाना:
अर्थ: किसी के काम में रुकावट डालना या उसे परेशान करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने जानबूझकर या अनजाने में किसी दूसरे व्यक्ति के काम में बाधा डाल दी हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने श्याम की परियोजना में जानबूझकर गलत जानकारी दी, जिससे श्याम को समस्या हो गई। मोहन ने देखते हुए कहा, “राम तो श्याम की परियोजना में ‘टाँग अड़ा रहा है’।”
48. मुहावरा – चिराग तले अंधेरा:
अर्थ: जहाँ समाधान होना चाहिए, वहीं समस्या हो
प्रयोग: जब किसी स्थान या व्यक्ति पर उम्मीद हो कि वह समस्या का समाधान प्रदान करेगा, लेकिन वही समस्या का कारण बन जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:जब स्कूल में शिक्षा की स्तर में गिरावट आई और प्रधानाध्यापक ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो लोगों ने कहा, “यहाँ तो ‘चिराग तले अंधेरा’ है।”
49. मुहावरा – चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना:
अर्थ: किसी को बहुत डर लगना या उसके चेहरे पर डर का स्पष्ट अभिव्यक्ति होना
प्रयोग: जब किसी को किसी डरावनी बात से डर लगे और वह डर उसके चेहरे पर दिखाई दे, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम को जब पता चला कि वह अकेला रात को पुराने हवेली में जाना है, तो उसके चेहरे पर जैसे ‘हवाइयाँ उड़ने’ लगीं।
50. मुहावरा – छाती पर साँप लोटना
अर्थ: ईर्ष्या या जलन महसूस करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी दूसरे की सफलता से ईर्ष्या हो या वह उससे जले, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुना कि उसके साथी श्याम ने उससे बड़ी गाड़ी खरीदी है। इससे सुनकर राम को लगा जैसे ‘छाती पर साँप लोट रहा हो’।
51. मुहावरा – छाती पर मूंग दलना:
अर्थ: किसी के निकट रह कर उसे कष्ट देना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने अपने साथी, मित्र या परिवार के सदस्य को अनजाने में या जानबूझकर परेशानी में डाल दिया हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने मित्र श्याम के सामने ही उसकी बुराई की, जिससे श्याम को बहुत दुःख हुआ। लोग कहने लगे, “राम तो श्याम की ‘छाती पर मूंग डाल रहा है’।”
52. मुहावरा – चाँद पर थूकना:
अर्थ: मासूम व्यक्ति पर बेमेल इलजाम लगाना
प्रयोग: जब किसी मासूम व्यक्ति पर बिना किसी ठोस सबूत के इलजाम लगाया जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने अपनी गलती छुपाने के लिए मोहन पर इलजाम लगा दिया। सुनते ही श्याम ने कहा, “राम तो ‘चाँद पर थूक रहा है’।”
53. मुहावरा – छक्के छुड़ाना:
अर्थ: किसी को पूरी तरह से हरा देना या उसे अच्छी तरह से पराजित कर देना
प्रयोग: जब किसी को अपेक्षिक रूप से आसानी से हराया जाए और वह पूरी तरह से पराजित हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने शतरंज में श्याम को इतनी आसानी से हराया कि लोग कहने लगे, “राम ने श्याम के ‘छक्के छुड़ा दिए’।”
54. मुहावरा – चादर से बाहर पैर पसारना
अर्थ: अपनी सामर्थ्य से अधिक काम लेना या अपनी सीमा से अधिक खर्च करना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति या सामर्थ्य के मुकाबले में अधिक खर्च करता है या जब वह अपनी सीमा से अधिक जिम्मेदारियां लेता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपनी सालाना आमदनी से ज्यादा कीमत वाली कार खरीद ली। श्याम ने उसे देखते हुए कहा, “राम, तुमने तो ‘चादर के बाहर पैर पसार लिए’।”
55. मुहावरा – चार चाँद लगाना:
अर्थ: किसी चीज़ को और भी सुंदर बना देना
प्रयोग: जब किसी चीज़, जगह या अवसर को और भी खास और सुंदर बनाया जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने कमरे में नई-नई सजावट की, जिससे कमरा और भी आकर्षक लगने लगा। श्याम ने देखा और कहा, “तुमने तो अपने कमरे में ‘चार चाँद लगा दिए’।
56. मुहावरा – अंधों में काना राजा :
अर्थ: जब किसी समूह में सभी अज्ञानी हों और केवल एक व्यक्ति को ही थोड़ी बहुत जानकारी हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
प्रयोग: जब किसी समूह में सभी अज्ञानी हों और केवल एक व्यक्ति को ही थोड़ी बहुत जानकारी हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:एक गाँव में इंटरनेट का उपयोग करने वाला कोई भी नहीं था, सिवाय राम के, जिसे बेसिक ईमेल भेजने का तरीका पता था। लोग उसे देखकर कहते थे, “हमारे गाँव में तो ‘अंधों में काना राजा’ है राम।”
57. मुहावरा – अंधे के हाथ बटेर लगना:
अर्थ: किसी अयोग्य व्यक्ति को अच्छा परिणाम प्राप्त होता है
प्रयोग: जब किसी अयोग्य व्यक्ति को अच्छा परिणाम प्राप्त होता है और लोग उस परिणाम को देखकर हैरान होते हैं, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने बिना किसी मेहनत और योग्यता के एक बड़ी प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया। उसके दोस्त मोहन और सोहन ने आपस में चुपचाप कहा, “राम के तो ‘अंधे के हाथ बटेर लग गया’।”
58. मुहावरा – आँखों में धूल झोंकना
अर्थ: किसी को धोखा देना या उससे सच छुपाना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति से कुछ छुपाया हो या उसे भ्रांति में डालने का प्रयास किया हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने श्याम से अपनी असली आजीविका के बारे में झूठ बोल दिया। श्याम को बाद में पता चला कि राम ने उसकी ‘आँखों में धूल झोंकी’ थी।
59. मुहावरा – गज भर की छाती होना:
अर्थ: बहुत अधिक साहसिक या वीर होना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति की साहसिकता, वीरता या आत्म-विश्वास की प्रशंसा की जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने अकेले ही चोरों को पकड़ लिया। लोगों ने कहा, “राम की तो ‘गज भर की छाती’ है।”
60. मुहावरा – गजब ढाना:
अर्थ: किसी चीज़ को बहुत अद्भुत या असाधारण मानना
प्रयोग: जब किसी चीज़, घटना या व्यक्ति की प्रशंसा की जाए और उसे असाधारण माना जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने नई फिल्म देखी और उसके बारे में कहा, “यह फिल्म तो ‘गजब ढाना’ है।”
61. मुहावरा – गाँठ बाँधना:
अर्थ: किसी बात को या समझौते को पक्का कर लेना
प्रयोग: जब दो व्यक्तियों या समूहों के बीच में किसी बात पर समझौता हो जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम और श्याम ने व्यापार में साझेदारी के लिए समझौता किया। दोनों ने मान लिया कि अब उन्होंने ‘गाँठ बाँध ली’ है।
62. मुहावरा – गुड़ गोबर करना
अर्थ: किसी अच्छी चीज़ को बर्बाद कर देना या उसकी अवशेषता को खत्म कर देना
प्रयोग: जब किसी अच्छी स्थिति, वस्तु या अवसर को बर्बाद किया जाए या जब उसका सही उपयोग नहीं किया जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपनी नई कार को बिना ध्यान दिए चलाया और उसे टक्कर में डाल दिया। श्याम ने कहा, “तुमने तो अपनी नई कार का ‘गुड़ गोबर’ कर दिया।”
63. मुहावरा – गुल खिलाना:
अर्थ: कुछ निन्दनीय कार्य करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने समाज की आम सोच और मान्यताओं के खिलाफ कुछ किया हो, जिसे लोग निन्दा करते हैं, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने समाज की परंपराओं के खिलाफ जा कर अपनी पसंद की लड़की से शादी की। लोगों ने कहा, “राम ने तो ‘गुल खिला दिया’।”
64. मुहावरा – गंगा नहाना
अर्थ: पापों से मुक्त होना या अपनी गलतियों का प्रायश्चित करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने अपनी गलतियों का समर्थन किया हो या जब वह अपनी गलतियों का प्रायश्चित करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपनी गलतियों को मानते हुए कहा, “मैं अब अपनी सभी गलतियों का प्रायश्चित करना चाहता हूँ, मुझे लगता है मैंने ‘गंगा नहा ली’ है।”
65. मुहावरा – गड़े मुर्दे उखाड़ना:
अर्थ: पुरानी और भूली हुई बातों को फिर से याद दिलाना या उन पर चर्चा करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने पुरानी बातों को फिर से ताजा किया हो या जब वह पुरानी समस्याओं पर चर्चा करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम और श्याम के बीच में पुराना झगड़ा था, जिसे वे भूल चुके थे। लेकिन जब मोहन ने उस झगड़े का जिक्र किया, तो राम ने कहा, “तुम फिर से ‘गड़े मुर्दे उखाड़’ रहे हो।”
66. मुहावरा – दाल में काला होना
अर्थ: किसी बात में कुछ संदेह या अविश्वास होना
प्रयोग: जब किसी बात में संदेह हो या जब कुछ अजीब लगे, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुना कि उसके मित्र ने उसके पीछे बुरी बातें की हैं। वह सोचने लगा कि ‘दाल में कुछ काला’ है।
67. मुहावरा – अंगूठा दिखाना:
अर्थ: अवमानित करना या तिरस्कार करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को तिरस्कार किया जाए या उसे अवमानित किया जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने श्याम को उसकी सलाह पर ध्यान नहीं दिया और उसे अनदेखा कर दिया। श्याम ने महसूस किया कि राम ने उसे ‘अंगूठा दिखाया’।
68. मुहावरा – आँखें सेंकना
अर्थ: किसी को वासनाभरी या आकर्षणभरी दृष्टि से देखना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति की नजर में विशेष आकर्षण या वासनिक भावना हो, और वह दूसरे व्यक्ति को वही भावना से देखे, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राज और उसके दोस्त पार्टी में लड़कियों के देखकर आँखें सकते रहे।
69. मुहावरा – अधजल गगरी छलकत जाए:
अर्थ: काम ज्ञान होने पर भी ज्यादा दिखावा करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का दिखावा या अहंकार उसकी सीमा से अधिक हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:राम ने अपनी नई बाइक को दिखाते हुए सभी मित्रों को बताया कि वह कितनी महंगी है। इस पर श्याम ने कहा, “राम, तुम तो ‘अधजल गगरी छलकत जाए’ की तरह बहुत दिखावा कर रहे हो।”
70. मुहावरा – गागर में सागर भरना
अर्थ: छोटे स्थल में बहुत अधिक जानकारी या सामग्री को संग्रहित करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने छोटे स्थल में बहुत अधिक जानकारी या विवरण प्रदान किया हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपनी प्रस्तुति में विश्व के सभी महाद्वीपों की जानकारी दी। श्याम ने कहा, “तुमने तो अपनी प्रस्तुति में ‘गागर में सागर भर दिया’।”
71. मुहावरा – डूब मरना:
अर्थ: अत्यधिक शरम से या अपमान से गहरी चिंता में पड़ जाना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को अत्यधिक शरम या अपमान का सामना करना पड़े, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने सभा में अपनी गलती को स्वीकारते हुए कहा, “मुझे अपनी इस गलती के लिए वाकई ‘डूब मरने’ का मन हो रहा है।”
72. मुहावरा – धोबी का कुत्ता घर का न घाट का
अर्थ: किसी व्यक्ति का कहीं भी स्थायित्व नहीं होना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को लगे कि वह किसी भी स्थल पर स्वीकार नहीं हो रहा है या वह दोनों स्थलों में अस्थायी है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राजू ने शादी होने वावजूद दूसरी शादी की तैयारी कर दी, जब दोनों लड़कियों को पता चला तो दोनों ने उसे छोड़ दिया। राजू की हालत धोबी के कुत्ते जैसी हो गयी न घर का रहा न घाट का।
73. मुहावरा – छोटा मुँह बड़ी बात:
अर्थ: छोटे व्यक्ति या अनुभवहीन व्यक्ति द्वारा बड़ी-बड़ी बातें करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने अपनी सीमा से अधिक बोल दिया हो या जब वह अपनी क्षमता से ज्यादा की बात करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने सभा में बोला कि वह अकेला ही पूरी परियोजना को संचालित कर सकता है। इस पर श्याम ने मुस्कराते हुए कहा, “अरे भाई, छोटा मुँह और बड़ी बात!”
74. मुहावरा – डंके की चोट पर
अर्थ: किसी बात को स्पष्ट और निर्भीक होकर कहना या मानना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को अपनी बातों पर पूरा यकीन हो और वह उसे सार्वजनिक रूप से और निर्भीकता से स्वीकार करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सभा में कहा कि वह अगले महीने अपना व्यापार शुरू करेगा, और वह इस बात को ‘डंके की चोट पर’ कह रहा था।
75. मुहावरा – एड़ी-चोटी का पसीना एक करना:
अर्थ: किसी कार्य में पूरी तरह से मेहनत और समर्पण से लगना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने किसी कार्य में अपनी पूरी ताकत और समर्थन लगा दी हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:राम ने अपनी परीक्षा की तैयारी में दिन-रात मेहनत की और अध्ययन किया। जब वह परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ, तो उसके मित्र ने कहा, “तुमने तो अपनी तैयारी में ‘एड़ी-चोटी का पसीना एक किया’।”
76. मुहावरा – अंधे की लकड़ी
अर्थ: किसी का सहारा बनना या किसी की मदद करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति की अधिक जरूरत होती है या वह दूसरे पर निर्भर होता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: राम अपने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए श्याम की मदद पर पूरी तरह से निर्भर था। उसके मित्र ने कहा, “श्याम तुम्हारे लिए तो ‘अंधे की लकड़ी’ जैसा है।”
77. मुहावरा – नौ दिन चले अढ़ाई कोस:
अर्थ: बहुत समय लगने के बावजूद बहुत ही कम प्रगति होना
प्रयोग: जब किसी कार्य में अधिक समय लगे और उसका परिणाम बहुत ही कम हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:राम ने अपने परियोजना पर तीन महीने काम किया, लेकिन अंत में उसने सिर्फ दो अध्याय ही पूरे किए। इस पर श्याम ने कहा, “तुम तो ‘नौ दिन चले, अढ़ाई कोस’ वाली स्थिति में हो।”
78. मुहावरा – डूबते को तिनके का सहारा
अर्थ: जब किसी की स्थिति बहुत ही खराब होती है और वह किसी भी छोटी-छोटी चीज़ को अपने लिए सहारा मानता है
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा समस्या हो और वह किसी भी तरह की मदद को स्वीकार करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:राम की दुकान में बहुत समस्या हो रही थी और वह बहुत चिंतित था। जब श्याम ने उसे कुछ पैसे उधार दिए, तो राम ने उसे धन्यवाद दिया और कहा, “इस समय मेरे लिए यह पैसे ‘डूबते को तिनके का सहारा’ जैसे हैं।”
79. मुहावरा – गधे को बाप बनाना:
अर्थ: काम निकालने के लिए किसी बेवकूफ को खुश करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को अपनी बातों में फंसाया जाता है या जब वह धोखा खाता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राजू अपना काम निकलने के किसी गधे को भी बाप बना सकता है।
80. मुहावरा – गरीबी में आटा गीला होना
अर्थ: जब किसी की स्थिति पहले से ही बुरी हो और फिर उस पर और भी बुरा वक्त आए
प्रयोग: जब किसी की पहले से ही स्थिति खराब हो और उस पर और भी अधिक समस्याएं आ जाएं, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: राम की दुकान पहले से ही अच्छी नहीं चल रही थी, और अब उसका माल भी चोरी हो गया। लोगों ने कहा, “राम के लिए तो गरीबी में आटा गीला हो गया।”
81. मुहावरा – अंग अंग ढीला होना
अर्थ: बिल्कुल शक्तिहीन और आलस्यमय होना
प्रयोग: ऐसे समय पर जब हमारे शरीर और मन में उर्जा की कमी महसूस होती है, तब “अंग अंग ढीला होना” जैसे मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:अखिल ने पूरे दिन काम किया और शाम को वह अंग अंग ढीला महसूस कर रहा था।
82. मुहावरा – टूट पड़ना
अर्थ: किसी व्यक्ति पर आक्रमण करने या धावा बोलने के अर्थ में किया जाता है।
प्रयोग: जब हमें या हमारे साथियों को अचानक से किसी चीज़ पर प्रतिक्रिया करनी पड़ती है। इसे दर्शाने के लिए “टूट पड़ना” जैसे मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:जैसे ही गेट खुला, अनुज का कुत्ता मुझ पर टूट पड़ा।
83. मुहावरा – कान खड़े होना
अर्थ: किसी खतरे के संकेत को महसूस करना और सावधान या चौकन्ना हो जाना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को खतरे का अहसास होता है या वह किसी खतरे के संकेत को समझता है, तो ‘कान खड़े होना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण:विकास जब जंगल में शेर की दहाड़ सुनी, उसके ‘कान खड़े हो गए’ और वह तुरंत जंगल से बाहर भागने लगा।
84. मुहावरा – दूध की नदियां बहाना
अर्थ: बहुत अधिक संपत्ति या धनवान होना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत हो और वह अपने धन को बिना सोचे-समझे खर्च करे, तो ‘दूध की नदियां बहाना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण: सुरेंद्र ने अपनी नई फैक्टरी के उद्घाटन पर इतनी भव्य पार्टी दी कि लोग कहने लगे, “वाह! सुरेंद्र तो दूध की नदिया बहा रहा है।”
85. मुहावरा – गूलर का फूल होना
अर्थ: जब कोई चीज या स्थिति अचानक और अनपेक्षित रूप से आती है।
प्रयोग: अचानक और अनपेक्षित रूप की घटना को दर्शाने के लिए यह मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण:अजय अपने घर के कामों में इतना व्यस्त है की आज जब अचानक उस पार्टी में पहुँची, तो सभी को वह गूलर का फूल लगी।
86. मुहावरा – गाल बजाना
अर्थ: गाल बजाना’ का अर्थ है अपनी प्रशंसा में बढ़ चढ़ कर बोलना और शेखी बघारना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी उपलब्धियों, सामग्री या किसी अन्य विषय पर अधिक बल देता है, तो ‘गाल बजाना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण:विशाल अक्सर अपनी नई कार के बारे में शेखी बघारता रहता है, जैसे वह गाल बजा रहा हो।
87. मुहावरा – हवा से बातें करना
अर्थ: बिना सोच-समझ के, अचानक और अनावश्यक बातें करना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति के शब्दों में कोई विचारधारा या ठोसपन नहीं होती, और वह सिर्फ बोलने के लिए बोलता है, तब ‘हवा से बातें करना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण:अभय जब भी समूह में होता, वह बिना सोचे अनावश्यक और असंबंधित बातें करता, जैसे वह हवा से बातें कर रहा हो।
88. मुहावरा – कान का कच्चा होना
अर्थ: जो सुनी सुनाई बातों पर बहुत जल्दी विश्वास कर लेता है बिना सोचे-समझे।
प्रयोग: इस मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति की बातों में आसानी से यकीन कर लेना, चाहे वह बात सच हो या नहीं।
उदाहरण: सुधीर इतना सीधा है कि वह जो कुछ भी सुनता है, उस पर यकीन कर लेता है, मानो वह ‘कान का कच्चा’ हो।
89. मुहावरा – हाथ मलना
अर्थ: जब कोई अपनी भूल को महसूस करता है और उसके लिए पछतावा होता है।
प्रयोग: ‘हाथ मलना’ का अर्थ है पछताना, अफ़सोस होना या मलाल होना।
उदाहरण:अनुज ने समय पर प्रोजेक्ट सबमिट नहीं किया, और अब जब उसे जानकारी मिली कि उसके अंक कट गए हैं, वह ‘हाथ मल रहा है’।
90. मुहावरा – लकीर का फकीर होना
अर्थ: “लकीर का फकीर होना” का मुख्य अर्थ है किसी विषय या चीज में कट्टर और अड़ियल रहना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का विश्वास केवल पुरानी चीज़ों और तरीकों पर होता है, और वह नई चीज़ों और तरीकों को अपनाने में अनिच्छुक होता है, तो उसे “लकीर का फकीर” कहा जाता है।
उदाहरण:मुनीश अपनी कंपनी में प्रौद्योगिकी का उपयोग नहीं करता और अभी भी पुराने तरीकों पर विश्वास करता है। उसे लगता है कि पुरानी रीतियाँ और तकनीकें सबसे बेहतर हैं। इसलिए, लोग उसे “लकीर का फकीर” मानते हैं।
91. मुहावरा – कुबेर का धन मिलना
अर्थ: अचानक बहुत अधिक धन प्राप्त करना। कुबेर हिन्दू धर्म में धन के देवता माने जाते हैं।
प्रयोग: कई बार जीवन में ऐसा होता है कि हम अचानक से एक बड़ी संपत्ति का मालिक बन जाते हैं। यह शायद किसी जीत के रूप में, किसी विरासत में या फिर किसी अच्छे निवेश के फलस्वरूप होता है।br>उदाहरण:विनीत ने एक गेम में भाग लिया और उसे इतना बड़ा इनाम मिला कि उसे लगा मानो ‘कुबेर का धन’ मिल गया हो।
92. मुहावरा – लकीर पीटना
अर्थ: ‘लकीर पीटना’ का मुख्य अर्थ है पुरानी प्रथाओं, परम्पराओं और रीति रिवाजों को दोहराना।
प्रयोग: इसे उन लोगों के लिए अक्सर प्रयोग किया जाता है जो बार-बार वही पुरानी बातें, परंपराएं या रीतियाँ दोहराते हैं
उदाहरण: सुभाष जी गाँव के बुजुर्ग थे और वे हमेशा पुरानी परंपराओं और रीतियों का पालन करते थे। जब भी गाँव में कोई नई चीज़ आती, वह उसे तुरंत नकार देते और अपनी पुरानी परंपराओं की बारें में बातें करते रहते थे। अक्सर लोग कहते थे कि वह ‘लकीर पीट रहे हैं’।
93. मुहावरा – बाल की खाल निकालना
अर्थ: किसी मामले में अत्यधिक विस्तार से या बिना जरूरत के विवाद करना, मीन-मेख निकालना।
प्रयोग: किसी विषय या बात पर अत्यधिक तर्क और विवाद करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण:विशाल और विकास एक छोटी सी बात पर घंटों-घंटों तक बहस करते रहे। लोग कहते थे कि वे ‘बाल की खाल’ निकाल रहे हैं।
94. मुहावरा – लोहे के चने चबाना
अर्थ: किसी व्यक्ति की कठिनाईयों, संघर्षों और परिश्रम को प्रकट करने के लिए उपयोग किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन लोगों के लिए प्रयुक्त होता है जो मुश्किल हालात में भी मजबूती और साहस दिखाते हैं।
उदाहरण:विनीत ने अपनी प्रतिष्ठित कंपनी में जोब छोड़ दी और अपना स्टार्टअप शुरू किया। शरुआती दिनों में उसे बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने हार मानी नहीं और लोग कहते थे कि वह “लोहे के चने चबा रहा है”।
95. मुहावरा – रंग जमाना
अर्थ: किसी कार्य में सफलता प्राप्त करना या उस कार्य में अपनी प्रतिभा और कौशल द्वारा छाप डाल देना।
प्रयोग: “रंग जमाना” मुहावरा उस समय का प्रतिनिधित्व करता है जब किसी व्यक्ति ने अपनी कौशल, प्रतिभा या भाषण से दूसरों पर एक मजबूत प्रभाव डाला हो।
उदाहरण:अनुज ने सभा में अपनी वाकचातुरता से सभी को मोहित कर दिया, मानो उसने अपना रंग जमा दिया।
96. मुहावरा – आस्तीन का साँप
अर्थ: ‘‘आस्तीन का साँप’ मुहावरे का अर्थ होता है किसी व्यक्ति को अधिक विश्वास करना, जिससे वह व्यक्ति धोखा दे सकता है।
प्रयोग: साँप आस्तीन में छिपा होता है और जब उसका मन करता है वह डस सकता है, ठीक वैसे ही किसी विश्वस्त व्यक्ति से धोखा खाना।
उदाहरण: “मैंने कभी नहीं सोचा था कि राज इतना बड़ा धोखा देगा, वाकई, वह तो ‘आस्तीन का साँप’ निकला।”
97. मुहावरा – एक अनार सौ बीमार
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि एक ही वस्तु, संसाधन या व्यक्ति के प्रति कई लोगों की इच्छा हो।
प्रयोग: जब किसी एक चीज को लेकर कई लोग उत्सुकता या चाहत रखते हैं, तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:स्कूल में नया क्रिकेट बैट आया था और सभी बच्चे उसे चाहते थे। मैंने अपने दोस्त से कहा, “देखो, एक अनार सौ बीमार।”
98. मुहावरा – काला अक्षर भैंस बराबर
अर्थ: काला अक्षर भैंस बराबर’ मुहावरे का अर्थ है जिसे पढ़ना-लिखना नहीं आता, उसके लिए लिखावट या की कोई समझ नहीं होती है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन लोगों के लिए प्रयुक्त होता है जिन्हें पढ़ाई की समझ नहीं होती या जो अशिक्षित होते हैं।
उदाहरण:रामु को तो पुस्तकों में लिखे हर शब्द काला अक्षर भैंस बराबर लगते हैं।
99. मुहावरा – कोल्हू का बैल
अर्थ: ‘कोल्हू का बैल’ मुहावरे का अर्थ होता है एक व्यक्ति जो बार-बार एक ही प्रकार का काम करता रहे बिना किसी परिवर्तन या आराम के।
प्रयोग: यह मुहावरा उस समय प्रयुक्त होता है, जब किसी को बार-बार एक ही प्रकार की मेहनतशील गतिविधियों में लगाव हो।
उदाहरण:राज रोजाना 9 से 5 तक काम करता है, बिना किसी छुट्टी के। वह अब तो कोल्हू का बैल बन चुका है।
100. मुहावरा – आग लगने पर कुआँ खोदना
अर्थ: जब तक समस्या बड़ी न हो, तब तक उसे अनदेखा करना और जब वह समस्या विशाल हो जाए तो उसके लिए तत्पर समाधान खोजना।
प्रयोग: इसे आमतौर पर उस समय का संदर्भ में प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति या समुदाय समस्या का समाधान तलाशता है जब वह पहले से ही बहुत बड़ा बन चुका हो।
उदाहरण: वायरस संक्रमण की शुरुआती चेतावनी नकारते हुए, जब संक्रमण बढ़ गया तो सरकार ने टीका वितरण में तेजी लाई। यहाँ पर भी ‘आग लगने पर कुआँ खोदने’ की बात हुई।
101. मुहावरा – भैंस के आगे बीन बजाना
अर्थ: “भैंस के आगे बीन बजाना” मुहावरे का अर्थ है किसी ऐसे व्यक्ति को समझाने की कोशिश करना, जो समझने के लिए तैयार न हो या जिसे बात समझ में ही न आए। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब आपके प्रयास व्यर्थ जा रहे हों क्योंकि सामने वाला उन्हें सराहना या समझने में असमर्थ हो।
प्रयोग: “भैंस के आगे बीन बजाना” मुहावरा हमें यह याद दिलाता है कि कभी-कभी, हमारे सबसे अच्छे प्रयास भी उन लोगों के लिए व्यर्थ हो सकते हैं, जो उन्हें समझने में असमर्थ या अनिच्छुक हों। इसलिए, हमें चुनौतियों का सामना करते समय धैर्य और सूझबूझ के साथ काम लेना चाहिए।
उदाहरण:अनपढ़ या मूर्ख व्यक्ति को जटिल विचार समझाने की कोशिश करना – “उसे ये गणितीय समस्याएं समझाना तो भैंस के आगे बीन बजाने जैसा है।”
102. मुहावरा – अंकुश रखना
अर्थ: ‘अंकुश रखना’ का अर्थ होता है किसी व्यक्ति, स्थिति, या चीज पर संयमित और नियंत्रित तरीके से नजर रखना। यह मुहावरा सीधे तौर पर संयम, नियंत्रण और सतर्कता के भावों से जुड़ा हुआ है।
महत्व: यह मुहावरा न सिर्फ संयम और नियंत्रण की महत्ता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि समझदारी और विवेक से लिए गए निर्णय किसी भी परिस्थिति या व्यक्ति को सही दिशा में ले जा सकते हैं।
उदाहरण:माता-पिता को अपने बच्चों पर अंकुश रखना चाहिए ताकि वे गलत संगत में न पड़ें।
103. मुहावरा – चले तो चांद तक वरना शाम तक
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि कुछ चीजें या तो बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगी या फिर बहुत जल्दी विफल हो जाएंगी। यहाँ ‘चाँद’ का अर्थ है अत्यधिक सफलता और ‘शाम’ का मतलब है अल्पकालिक या असफलता।
प्रयोग: बाजार में बिकने वाले सस्ते और कम गुणवत्ता वाले सामान अक्सर इस मुहावरे के पर्याय बन जाते हैं। जैसे कोई इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद या खिलौना, जो बहुत सस्ता होता है और जिसकी लंबी उम्र की कोई गारंटी नहीं होती। ऐसे में, यह मुहावरा इस्तेमाल किया जाता है – “यह तो ‘चले तो चाँद तक, वरना शाम तक’ वाली बात है।”
उदाहरण:मान लीजिए आपने एक सस्ता मोबाइल फोन खरीदा है जिसकी गुणवत्ता और टिकाऊपन के बारे में आपको पूर्ण विश्वास नहीं है। आप इसे उपयोग करते हुए कह सकते हैं कि, “यह मोबाइल ‘चले तो चाँद तक, वरना शाम तक’।”
104. मुहावरा – ज्वार उठना
अर्थ: “ज्वार उठना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – समुद्र में उच्च लहरों का उठना। लेकिन अलंकारिक रूप से इसका प्रयोग किसी व्यक्ति के भावनाओं या विचारों में अचानक उत्थान को दर्शाने के लिए किया जाता है। जब किसी के मन में विचारों का संचार तीव्रता से होता है तो कहा जाता है कि उसके मन में “ज्वार उठा है।”
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर सकारात्मक संदर्भ में किया जाता है। जैसे कि, “सृजनात्मक विचारों का ज्वार उठना” यह दर्शाता है कि किसी व्यक्ति के मन में नए और मौलिक विचारों का आगमन हो रहा है।
उदाहरण: जब पूजा ने उस नए प्रोजेक्ट के बारे में सुना, तो उसके मन में ज्वार उठने लगा जिसने बहुत सरे नए विचारों को जन्म दिया।
105. मुहावरा – चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात
अर्थ: “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात” मुहावरे का अर्थ है कि कुछ समय के लिए तो सुख-सुविधाएँ और अच्छे दिन आते हैं, लेकिन वे ज्यादा देर तक नहीं रहते और उनके बाद फिर से कठिनाईयां या दुःख का समय आता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ किसी को कुछ समय के लिए आनंद या सफलता मिलती है लेकिन वह स्थायी नहीं होती। जैसे किसी कंपनी में अचानक प्रमोशन मिलना और फिर कुछ समय बाद नौकरी से निकाल दिया जाना।
उदाहरण:अनुज को जब उसकी नई नौकरी में प्रमोशन मिला, उसने खूब जश्न मनाया। लेकिन फिर अगले ही महीने उसकी नौकरी चली गई। वाकई, चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात।
106. मुहावरा – वाह वाह करना
अर्थ: “वाह वाह करना” का अर्थ होता है किसी की प्रशंसा करना या किसी के कार्य या बातों की सराहना करना। यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी की बुद्धिमत्ता, कला, या अन्य प्रतिभा की तारीफ कर रहा हो।
प्रयोग: आज के डिजिटल युग में, “वाह वाह करना” अक्सर सोशल मीडिया पर देखने को मिलता है, जहाँ लोग अपने मित्रों या प्रसिद्ध व्यक्तित्वों की पोस्ट पर प्रशंसात्मक कमेंट्स के रूप में इसका प्रयोग करते हैं।
उदाहरण:जब पूजा ने अपनी कविता सुनाई, सभी श्रोताओं ने वाह वाह की।
107. मुहावरा – अंगारे उगलना
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा संबंध गुस्से और आक्रोश से है। ‘अंगारे उगलना’ का शाब्दिक अर्थ है – क्रोध की अत्यधिक अवस्था में ऐसे शब्द बोलना जो अंगारों की तरह जलते हुए और हानिकारक हों। यह मुहावरा आमतौर पर नकारात्मक भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: ‘अंगारे उगलना’ जैसे मुहावरे हमें भाषा की शक्ति और शब्दों के प्रभाव की याद दिलाते हैं। यह मुहावरा यह भी दर्शाता है कि कैसे कठोर शब्द और क्रोध दूसरों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम संवाद करते समय संयम और समझदारी बरतें।
उदाहरण:बैठक के दौरान, मैनेजर ने टीम के प्रदर्शन पर अंगारे उगले।
108. मुहावरा – अंगूर खट्टे होना
अर्थ: ‘अंगूर खट्टे होना’ मुहावरे का अर्थ है कि जब किसी व्यक्ति को कोई चीज नहीं मिलती, या वह किसी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता, तो वह उस चीज की बुराई करने लगता है या उसमें कमी निकालने लगता है।
प्रयोग: मान लीजिए एक व्यक्ति किसी उच्च पद के लिए साक्षात्कार देता है, लेकिन चयनित नहीं होता। बाद में वह कहता है कि वह तो चाहता ही नहीं था कि वह नौकरी मिले क्योंकि उसमें बहुत अधिक काम का बोझ है। यहां वह ‘अंगूर खट्टे होने’ का प्रदर्शन कर रहा है।
109. मुहावरा – अंतर के पट खोलना
अर्थ: ‘अंतर के पट खोलना’ का अर्थ होता है मन के भावों को प्रकट करना या छिपे हुए इरादों को सामने लाना।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यक्तिगत संवाद, साहित्यिक कृतियों, रंगमंच और फिल्मों में पात्रों की आंतरिक स्थिति को प्रकट करने के लिए प्रयोग होता है।
उदाहरण:जब अभय ने अपने विचार खुलकर सबके सामने रखे, तो सभी को समझ में आया कि वह क्यों उस निर्णय पर पहुंचा – वास्तव में उसने ‘अंतर के पट खोल’ दिए थे।
110. मुहावरा – अंधेर नगरी चौपट्ट राजा
अर्थ: इस मुहावरे का इस्तेमाल आमतौर पर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां नेतृत्व की कमी या निर्णय लेने में अयोग्यता के कारण समाज में अराजकता और भ्रष्टाचार पनपता है। यह उस समय को भी दर्शाता है जब कानून और न्याय की जगह भ्रष्टाचार और मनमानी चलती हो।
प्रयोग: इसका उपयोग विशेष रूप से तब किया जाता है जब सरकार या नेता जनता के हित की अनदेखी करते हुए, स्वार्थी और अविवेकी निर्णय लेते हैं जिससे समाज के सभी वर्गों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
उदाहरण:“जब से नया प्रशासन आया है, शहर की स्थिति ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ जैसी हो गई है, जहां नियम और कानून का कोई मोल नहीं रहा।”
111. मुहावरा – अपनी करनी पार उतरनी
अर्थ: ‘अपनी करनी पार उतरनी’ का अर्थ होता है कि व्यक्ति को अपने किए गए कर्मों का परिणाम स्वयं भोगना पड़ता है। यह विचार जीवन में न्याय और धर्म की अवधारणा पर आधारित है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति के कर्मों का सीधा प्रतिफल उसे देखने को मिलता है। यदि कोई व्यक्ति अच्छे काम करता है, तो उसे अच्छा परिणाम प्राप्त होता है और यदि वह बुरे काम करता है, तो उसे बुरा परिणाम सहना पड़ता है।
उदाहरण:अनेक कहानियां और पुराणिक कथाएँ हैं जो ‘अपनी करनी पार उतरनी’ के मुहावरे को चरितार्थ करती हैं। महाभारत, रामायण जैसे महाकाव्यों में भी कर्मों के फल की गाथाएँ बहुतायत से मिलती हैं।
112. मुहावरा – अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जब एक बार अवसर चूक जाए, तो बाद में पछताने से क्या फायदा? यह मुहावरा किसान और खेतों की परिस्थिति से उपजा है, जहां किसान ने अपने खेतों की रक्षा के लिए उपाय नहीं किए और चिड़िया फसल को नुकसान पहुंचा देती है। जब फसल खराब हो जाती है, तब किसान के पछताने से फसल वापस नहीं आती।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति महत्वपूर्ण अवसर खो देता है और बाद में पछताता है। इसे उस समय भी प्रयोग किया जा सकता है जब किसी को सावधानीपूर्वक कदम उठाने की आवश्यकता होती है, ताकि भविष्य में पछतावा न हो।
उदाहरण:“तुम्हें उस समय परीक्षा की तैयारी कर लेनी चाहिए थी, अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।”
113. मुहावरा – अरमान निकालना
अर्थ: ‘अरमान निकालना’ मुहावरे का अर्थ है किसी लंबे समय से दबी हुई इच्छा या आकांक्षा को पूरा करना। जब किसी व्यक्ति की कोई गहरी इच्छा होती है और वह किसी कारणवश उसे पूरा नहीं कर पाता, तो जब वह अवसर प्राप्त होता है और वह अपनी इच्छा को पूरा करता है, तो कहते हैं कि उसने अपने अरमान निकाल लिए।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब होता है जब किसी व्यक्ति को बहुत समय के बाद कोई मनचाहा अवसर मिलता है और वह उसका लाभ उठाकर अपनी किसी पुरानी इच्छा को सिद्ध करता है।
उदाहरण:“अभय ने बचपन से ही पायलट बनने का सपना देखा था और जब उसे विमान उड़ाने का मौका मिला, तो उसने अपने अरमान निकाल लिए।”
114. मुहावरा – आँख उठाकर न देखना
अर्थ: इस मुहावरे का वास्तविक अर्थ है किसी व्यक्ति या वस्तु को इतना तिरस्कार करना कि उस पर नजर तक न डाली जाए।
प्रयोग: इसका प्रयोग तब किया जाता है जब कोई इंसान किसी अन्य व्यक्ति को कोई महत्व नहीं देना चाहता, या फिर जब कोई व्यक्ति अपनी दृष्टि से किसी चीज़ या व्यक्ति को पूरी तरह नजरअंदाज कर रहा हो।
उदाहरण:राहुल ने अपने गाँव के लोगों की बात को इतना हल्के में लिया कि उसने उनकी ओर आँख उठाकर भी न देखा।
115. मुहावरा – आँख का अंधा गाँठ का पूरा
अर्थ: “आँख का अंधा” से आशय है कि व्यक्ति की समझ या ज्ञान में कमी है, और “गाँठ का पूरा” से तात्पर्य है कि उसकी जेब हमेशा पैसों से भरी रहती है। इस तरह, यह मुहावरा उन लोगों के लिए प्रयुक्त होता है जो शायद समझदारी के मामले में पिछड़े हों, परंतु वित्तीय रूप से संपन्न होते हैं।
प्रयोग: समाज में अक्सर हम देखते हैं कि कुछ व्यक्ति बुद्धि और चतुराई में कम परंतु धन के मामले में अत्यधिक समृद्ध होते हैं। ऐसे लोगों की धन संपदा का अच्छा उपयोग न हो पाना या उनकी समृद्धि के बावजूद समाज में उनके योगदान का अभाव होना, इस मुहावरे की वास्तविकता को दर्शाता है।
उदाहरण:अनुज भले ही शिक्षा में अव्वल नहीं हैं, लेकिन उनके व्यवसाय की सफलता ने सभी को चौंका दिया है। वह एक प्रत्यक्ष उदाहरण हैं कि कैसे “आँख का अंधा गाँठ का पूरा” व्यक्ति भी समाज में अपना स्थान बना सकता है।
116. मुहावरा – आग में कूदना
अर्थ: ‘आग में कूदना’ मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी आग में स्वेच्छा से कूद पड़ना। परंतु, लाक्षणिक रूप से इसका प्रयोग किसी ऐसे कार्य के लिए होता है जो अत्यंत जोखिम भरा होता है या जिसमें नुकसान की संभावना अधिक होती है।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति बिना परिणाम की परवाह किए बड़ा जोखिम लेता है, तब हम कहते हैं कि वह ‘आग में कूद रहा है।’ उदाहरण के लिए, यदि कोई नया उद्यमी बिना बाजार के रुझान को समझे अपनी सारी पूँजी एक नए व्यापार में लगा देता है, तो यह कहा जा सकता है कि वह ‘आग में कूद गया है।’
उदाहरण:कोई व्यक्ति बिना पूरी जानकारी के किसी विवाद में पड़ जाता है, तो उसे भी ‘आग में कूदना’ कहा जा सकता है
117. मुहावरा – आगे कुआँ पीछे खाई
अर्थ: “आगे कुआँ पीछे खाई” मुहावरे का अर्थ है कि किसी भी दिशा में कदम बढ़ाने पर समस्याएँ हैं और व्यक्ति किसी भी प्रकार की समस्या से मुक्त नहीं हो पाता। यह एक ऐसी स्थिति का वर्णन करता है जहाँ चुनौतियाँ सभी ओर से आ रही हों।
प्रयोग: इसका शाब्दिक अर्थ है कि एक ओर कुआँ है और दूसरी ओर खाई, यानी व्यक्ति दो ऐसी समस्याओं के बीच में है जहाँ से बचने के लिए उसके पास कोई स्पष्ट रास्ता नहीं है।
उदाहरण:जब व्यक्ति अपने काम और व्यक्तिगत जीवन के बीच संघर्ष कर रहा हो।
118. मुहावरा – आधा तीतर आधा बटेर
अर्थ: यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति या वस्तु किसी भी श्रेणी में पूर्णतया फिट नहीं बैठता, या जब किसी चीज़ के दो पहलू बिल्कुल भिन्न हों।
प्रयोग: यदि कोई छात्र विज्ञान और कला दोनों विषयों में सामान रूप से औसत प्रदर्शन करता है, तो उसे आधा तीतर आधा बटेर कहा जा सकता है।
उदाहरण:सुधीर की दुकान आधा रेस्तरां आधा किराना स्टोर है, जिससे ग्राहक कई बार भ्रमित हो जाते हैं। वाकई उसकी दुकान “आधा तीतर आधा बटेर” लगती है।
119. मुहावरा – आव देखा न ताव
अर्थ: “आव देखा न ताव” मुहावरे का अर्थ है किसी भी चीज़ को करने से पहले उसके नतीजे या अन्य पहलुओं पर विचार न करना। इसका प्रयोग आमतौर पर उन स्थितियों में होता है जहाँ कोई व्यक्ति अविवेकपूर्ण या आवेगी निर्णय लेता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जा सकता है जब कोई बिना गंभीरता से सोचे तुरंत कोई कदम उठा लेता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति बिना नौकरी के विकल्पों पर विचार किए अपनी नौकरी छोड़ देता है, तो हम कह सकते हैं कि “उसने तो ‘आव देखा न ताव’, बस नौकरी से इस्तीफा दे दिया।”
उदाहरण:अनुज ने आव देखा न ताव बस विकास को पीटने लगा।
120. मुहावरा – आसमान से गिरा खजूर में अटका
अर्थ: जब कोई एक मुसीबत से बचने के चक्कर में दूसरी बड़ी मुसीबत में पड़ जाता है।
प्रयोग: स मुहावरे का प्रयोग किसी ऐसी दुर्घटना या अनपेक्षित समस्या के विवरण में किया जाता है जहां व्यक्ति किसी बुरी परिस्थिति से बचने के लिए कदम उठाता है, परन्तु वह कदम उसे एक और गंभीर संकट में डाल देता है।
उदाहरण:“राम ने जब अपने छोटे व्यापार की समस्या से बचने के लिए बड़ा कर्ज लिया, तो अब वह कर्ज की चक्रवृद्धि ब्याज में फंस गया है।”
121. मुहावरा – इधर की उधर करना
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा संबंध चुगलखोरी से है। जब कोई व्यक्ति दो पक्षों की बातें एक-दूसरे तक पहुंचाता है और अक्सर इसे मसाला लगाकर पेश करता है, तो वह “इधर की उधर करने” का दोषी होता है।
प्रयोग: इसका अर्थ है कि एक व्यक्ति जो कुछ भी सुनता है, उसे दूसरों तक इस तरह पहुँचाता है कि वह सूचना की मूल भावना या अर्थ को बदल दे।
उदाहरण:“पूजा हमेशा इधर की उधर करती रहती है, जिससे दोस्तों में गलतफहमी हो जाती है।”
122. मुहावरा – उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई
अर्थ: इस मुहावरे का संपूर्ण भाव यह है कि एक बार जब किसी की इज़्ज़त खो जाती है, तो फिर उसे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग किसी ऐसे व्यक्ति के संदर्भ में किया जा सकता है जिसने अपनी प्रतिष्ठा खो दी हो, और जिसके बारे में अब और कुछ कहने या करने की जरूरत ना हो। यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग में लाया जाता है जब किसी के चरित्र पर लगे आरोप के बाद उसकी सामाजिक स्थिति गिर जाती है और वह बेफिक्र हो जाता है ।
उदाहरण:अभय की गलतियों के कारण उसकी सामाजिक स्थिति ख़राब हो गई है. अब वह कहता है की “उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई”।
123. मुहावरा – उन्नीस-बीस का अंतर होना
अर्थ: यह मुहावरा हिन्दी भाषा में बेहद प्रचलित है और इसका इस्तेमाल आमतौर पर तब किया जाता है जब दो वस्तुओं, व्यक्तियों, अवस्थाओं या परिस्थितियों में मामूली अंतर हो। उन्नीस (19) और बीस (20) में सिर्फ एक अंक का ही अंतर है, जिसका प्रतीकात्मक अर्थ लेकर यह मुहावरा बना है जो बताता है कि दो चीजों के बीच नगण्य या बहुत कम भेद है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उस समय किया जाता है जब हमें दो समान रूप से अच्छे या समान रूप से कमी वाले विकल्पों में से चुनना होता है। उदाहरण के लिए, यदि दो खिलाड़ी लगभग समान प्रदर्शन करते हैं, तो कोच कह सकता है कि “इन दोनों के प्रदर्शन में उन्नीस-बीस का ही अंतर है।”
उदाहरण:इन दो रेस्तरां की बिरयानी चखकर देखो, दोनों में उन्नीस-बीस का ही फर्क होगा।
124. मुहावरा – उल्टी पट्टी पढ़ाना
अर्थ: “उल्टी पट्टी पढ़ाना” मुहावरे का अर्थ होता है किसी को गलत जानकारी देकर या भ्रमित करके उसकी सोच को विपरीत दिशा में मोड़ देना। यह मुहावरा अक्सर उस स्थिति में प्रयोग होता है जब कोई व्यक्ति जान-बूझकर दूसरों को भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करता है।
प्रयोग: अगर कोई शिक्षक छात्रों को इस प्रकार की शिक्षा दे जो उनके विकास में सहायक न हो, तो कहा जा सकता है कि शिक्षक छात्रों को “उल्टी पट्टी पढ़ा रहे हैं”।
उदाहरण:मान लीजिए एक व्यापारी अपने ग्राहकों को गलत जानकारी देता है ताकि वे उसके महंगे उत्पाद खरीदें, तो यह कहा जाएगा कि व्यापारी ग्राहकों को “उल्टी पट्टी पढ़ा रहा है”।
125. मुहावरा – एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा
अर्थ: इसका अर्थ है कि एक बुरी स्थिति में पहले से ही जूझ रहे होते हैं, और फिर एक और नकारात्मक परिस्थिति उसमें जुड़ जाती है। करेला स्वयं में कड़वा होता है और जब उस पर नीम की पत्तियों का लेप लगा दिया जाए, जो कि स्वयं में और भी कड़वी होती हैं, तो स्थिति और भी अधिक कष्टकारी हो जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल आमतौर पर उन परिस्थितियों में किया जाता है, जब एक व्यक्ति पहले से ही किसी कठिनाई या नकारात्मक स्थिति में होता है, और तब कोई और विपत्ति उस पर आ पड़ती है।
उदाहरण:“अभय की पहले से ही कुछ वित्तीय समस्याएँ थीं, और ऊपर से उसकी कार भी खराब हो गई, सच में ‘एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा’ वाली स्थिति हो गई।”
126. मुहावरा – उल्टे बांस बरेली को
अर्थ: ‘उल्टे बांस बरेली को’ मुहावरे का अर्थ है किसी कार्य को उसके उचित प्रकार से विपरीत या अनुचित तरीके से करना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी काम को उस तरह से न करके बिल्कुल विपरीत कर देता है जैसा कि उसे करना चाहिए था, जिससे काम बिगड़ जाता है या उसका कोई लाभ नहीं होता।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को अपने कार्य क्षेत्र में या किसी विशेष स्थिति में सही कार्य करने की बजाय उल्टा या गलत कार्य करते देखा जाता है।
उदाहरण:यदि कोई व्यक्ति रसोई में बर्तन धोने की बजाय उन्हें और अधिक गंदा कर दे, तो यह कहा जा सकता है कि उसने ‘उल्टे बांस बरेली को’ का काम किया है।
127. मुहावरा – एक लाठी से हाँकना
अर्थ: “एक लाठी से हाँकना” का अर्थ होता है किसी भी समूह के सभी सदस्यों के साथ एक जैसा व्यवहार करना, चाहे वे अच्छे हों या बुरे।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति या प्रणाली सभी को एक ही तरह से जांचती या संभालती है, बिना किसी को विशेष मान्यता या उपचार दिए।
उदाहरण:स्कूल में अध्यापक सभी बच्चों को ‘एक लाठी से हाँकते हैं’, चाहे वह अध्ययन में होशियार हो या कमजोर।
128. मुहावरा – ऐरा गैरा नत्थू खैरा
अर्थ: “ऐरा गैरा नत्थू खैरा” मुहावरे का अर्थ है ऐसे व्यक्ति जो सामान्य हों, जिनका कोई विशेष महत्व न हो या जो अप्रसिद्ध हों। इसका प्रयोग कभी-कभी थोड़े निंदात्मक अर्थ में भी किया जाता है जैसे किसी को हेय दृष्टि से देखना।
प्रयोग: “ऐरा गैरा नत्थू खैरा” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि समाज में हर व्यक्ति की अपनी एक जगह होती है, और हर किसी की अपनी विशिष्टता होती है।
उदाहरण:“इस महत्वपूर्ण मीटिंग में ‘ऐरा गैरा नत्थू खैरा’ को नहीं बुलाया जाता।”
129. मुहावरा – कंधे से कंधा मिलाना
अर्थ: “कंधे से कंधा मिलाना” का अर्थ है साथ देना, सहयोग करना या किसी का साथी बनकर उसके संघर्ष में उसके साथ खड़ा होना।
प्रयोग: जब किसी को दर्शाना हो कि वह किसी दूसरे की सहायता कर रहा है या किसी के संघर्ष में उसके साथ खड़ा है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:जब गाँव में सूखा पड़ा, तो सुभाष ने अपने पड़ोसी के साथ “कंधे से कंधा मिला” कर पानी की खोज में मदद की।
130. मुहावरा – कलई खुलना
अर्थ: ‘कलई खुलना’ का मुख्य अर्थ है किसी का राज या गुप्त बातें प्रकट हो जाना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी या दूसरों की गुप्त जानकारियां बाहर आ जाती हैं तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:जब सभी लोगों के सामने अनुभव के किये गए घोटाले पकड़े गए, तो उसे समझ में आ गया कि उसकी ‘कलई खुल चुकी’ है।
131. मुहावरा – कलंक का टीका लगाना
अर्थ: “कलंक का टीका लगाना” मुहावरे का सीधा अर्थ है किसी पर दोष आरोपित करना या किसी की प्रतिष्ठा को धूमिल करना। जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की छवि को खराब करने के लिए झूठे आरोप लगाता है तो कहा जाता है कि उसने उस पर “कलंक का टीका लगा दिया”।
प्रयोग: जब किसी को बिना सबूत और तथ्यों के आधार पर झूठा आरोप लगाया जाता है तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:अभय ने अपने प्रतिस्पर्धी पर बिना किसी सबूत के धन घोटाले का आरोप लगा दिया, जिससे उसने उसकी छवि में “कलंक का टीका” लगा दिया।
132. मुहावरा – कलेजा छलनी होना
अर्थ: “कलेजा छलनी होना” इस मुहावरे का अर्थ है अत्यधिक दुःखी होना या अधिक परेशानी महसूस करना। जैसे छलनी में अनेक छेद होते हैं, ठीक वैसे ही किसी के मन में बहुत सारी बातें होती हैं जो उसे परेशान करती हैं।
प्रयोग: जब किसी की मासूम भावनाओं का सम्मान नहीं किया जाता या वह किसी बड़ी समस्या का सामना कर रहा हो, तो उसकी स्थिति को व्यक्त करने के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:अनुज के पिता की मौत के बाद उसका कलेजा छलनी हो गया।
133. मुहावरा – कसौटी पर खरा उतरना
अर्थ: जैसा कि हम जानते हैं कि ‘कसौटी’ एक परीक्षण या चुनौती का संकेत है, इस मुहावरे में ‘खरा उतरना’ का अर्थ है सफलता पाना। इसलिए, जब कोई व्यक्ति कहता है कि वह ‘कसौटी पर खरा उतरा’, इसका मतलब है कि वह किसी परीक्षण में सफल रहा है।
प्रयोग: जब किसी को उसकी कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता मिलती है और वह अपने आप को सही साबित करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:अभय ने अपने व्यापार में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन अंत में उसने सफलता पाई। उसके दोस्त ने कहा, “अभय, तुम वाकई ‘कसौटी पर खरे उतरे’।”
134. मुहावरा – का वर्षा जब कृषि सुखानी
अर्थ: “का वर्षा जब कृषि सुखानी” यह मुहावरा तब प्रयुक्त होता है, जब किसी बात की महत्वपूर्णता का समय निकल चुका हो और अब वह बात अधिक महत्वपूर्ण नहीं रही हो।
प्रयोग: जब कोई चीज या सहायता जरूरत से ज्यादा देर बाद आती है और अब वह चीज या सहायता किसी काम की नहीं रहती, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:अनन्य को परीक्षा में पास होने के लिए गाइड चाहिए थी। लेकिन जब उसके मित्र ने उसे गाइड दी, तब परीक्षा समाप्त हो चुकी थी। अनन्य ने कहा, “अब इस गाइड का क्या काम, यह तो ‘का वर्षा जब कृषि सुखानी’ हो गया।”
135. मुहावरा – काठ का उल्लू
अर्थ: ‘काठ का उल्लू’ यह मुहावरा उस व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो अज्ञानी या मूर्ख होता है।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को उसकी भूल या मूर्खता का अहसास कराया जाए, तब यह मुहावरा प्रयुक्त हो सकता है।
उदाहरण:प्रथम अपनी किताबें घर भूल आया। शुभ ने उससे कहा, “तू तो सचमुच काठ का उल्लू है!”
136. मुहावरा – काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती
अर्थ: ‘काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती’ यह मुहावरा दर्शाता है कि एक ही तरीके, चाल या झूठ से किसी को बार-बार धोखा नहीं दिया जा सकता।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने किसी अन्य व्यक्ति को एक झूठ या चाल से धोखा दिया हो, और फिर उसी तरीके से उसे फिर से धोखा देने की कोशिश करे, तो उसे यह कहा जा सकता है कि “काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती”।
उदाहरण:विनीत ने सुधीर को एक झूठी कहानी सुनाई और उससे पैसे ले लिए। जब वह दोबारा उसी तरह से पैसे मांगने पहुँचा, तो सुधीर ने कहा, “काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती, विनीत!”
137. मुहावरा – कानों कान खबर न होना
अर्थ: ‘कानों कान खबर न होना’ एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है किसी बात का पता न चलना या किसी को किसी बारे में जानकारी न होना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब हम चाहते हैं कि किसी विषय पर हमारी जानकारी गुप्त रहे या कोई बात किसी को न पता चले। उदाहरण स्वरुप, अगर हम चाहते हैं कि हमारा एक रहस्य सुरक्षित रहे और किसी को पता न चले, तो हम कह सकते हैं, “इस बारे में किसी को भी कानों कान खबर नहीं होनी चाहिए।”
उदाहरण:अमन ने अंश से कहा, “मैं तुम्हें एक बड़ा रहस्य बता रहा हूँ, लेकिन इसके बारे में किसी को कानों कान खबर नहीं होनी चाहिए।”
138. मुहावरा – किस खेत की मूली
अर्थ: ‘किस खेत की मूली’ एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ है किसी व्यक्ति या वस्तु की अहमियत या मूल्य को नकारते हुए उसे तुच्छ या बहुत छोटा मानना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति को उसकी कमजोरी या शक्तिहीन होने का इशारा किया जाता है। जैसे कि अगर किसी व्यक्ति ने बिना किसी अधिकार या शक्ति के कोई कार्य किया हो और उससे सवाल किया जाए, तो कह सकते हैं, “तुम किस खेत की मूली हो, जो यह निर्णय ले रहे हो?”
उदाहरण:विशाल ने अपने छोटे भाई विकास से कहा, “तुम अभी पढ़ाई कर रहे हो, तुम्हें व्यापार के बारे में क्या पता? तुम किस खेत की मूली हो?”
139. मुहावरा – कीचड़ उछालना
अर्थ: किसी के प्रति बिना आधार के आरोप लगाना या उसकी बदनामी करने की कोशिश करना।
प्रयोग: कई बार लोग अपनी नाराजगी या जलन को छुपाने के लिए दूसरों पर बिना सोचे-समझे आरोप लगा देते हैं, जिसे हम ‘कीचड़ उछालना’ कहते हैं।
उदाहरण:विकास ने अनुज पर बिना ठोस सबूत के चोरी का आरोप लगा दिया, जिससे सुभाष की बदनामी हुई। इसे ही लोग ‘कीचड़ उछालना’ कहते हैं।
140. मुहावरा – कौआ चला हंस की चाल
अर्थ: जब कोई व्यक्ति दूसरे की नकल उतारने का प्रयास करता है, पर वह असफल होता है और अपनी असली पहचान छुपाने में विफल होता है।
प्रयोग: अगर कोई व्यक्ति दूसरे की तरह बनने, बोलने या व्यवहार करने की कोशिश करता है पर असफल रहता है, तो इस स्थिति में यह मुहावरा प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:अनुभव ने नई कंपनी में अपने सीनियर की तरह व्यवहार करने की कोशिश की, पर वह असफल रहा। लोगों ने उससे कहा, “कौआ चला हंस की चाल”।
141. मुहावरा – खाली दिमाग शैतान का घर
अर्थ: जब किसी का मन खाली होता है या वह बेकार बैठा होता है, तो उसके मन में गलत विचार आने लगते हैं। यह मुहावरा इसे ही प्रकट करता है कि अकेलेपन और फुर्सत में बैठना अच्छा नहीं होता।
प्रयोग: अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक बेरोजगार रहता है या उसके पास कोई काम-धंधा नहीं होता, तो लोग कहते हैं, “खाली दिमाग शैतान का घर” होता है।
उदाहरण:जब से अभय की नौकरी गयी है तब से वह दिन भर खली बैठा रहता है, उसे समझाओ भाई खली दिमाग शैतान का घर होता है।
142. मुहावरा – खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे
अर्थ: जब कोई व्यक्ति अपनी भूल, असफलता या अन्य किसी बात की वजह से गुस्सा हो जाता है और वह उस गुस्से को और किसी अन्य चीज़ पर निकालता है, तो उस स्थिति को इस मुहावरे के माध्यम से व्यक्त किया जाता है।
प्रयोग: ‘खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे’ इस मुहावरे में बिल्ली उस व्यक्ति को दर्शाती है जो अपनी असफलता या भूल के कारण गुस्सा होती है, और खंबा वह अज्ञात वस्तु होती है जिस पर वह व्यक्ति अपने गुस्से को निकालना है।
उदाहरण:जैसे अगर कोई कर्मचारी अपने बॉस से डांट खाता है और फिर वह गुस्सा अपने जूनियर पर निकालता है, तो उस स्थिति में कहा जा सकता है – “अरे, तुम तो खिसियानी बिल्ली की तरह खंबा नोच रहे हो।”
143. मुहावरा – गया मर्द जो खाई खटाई, गई नार जो खाई मिठाई
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि अत्यधिक खटाई पुरुषों के लिए हानिकारक है और अधिक मिठाई महिलाओं के लिए हानिकारक है।
प्रयोग: यह मुहावरा उस समय का संकेत करता है जब लोग ख़ासतौर पर पुराने समय में अपने खाने को लेकर सतर्क रहते थे। खटाई से यहाँ खट्टा खाना मुख्य रूप से कहा गया है, जैसे की अचार और चटनियाँ। अत्यधिक मिठाई से मधुमेह जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिसका संकेत इस मुहावरे से दिया गया है।
उदाहरण:“अरे अमन, तुम तो हर दिन अचार खा रहे हो। क्या तुमने वह मुहावरा नहीं सुना ‘गया मर्द जो खाई खटाई’?”
144. मुहावरा – गरीब की लुगाई सबकी भौजाई
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जो व्यक्ति या संस्था कमजोर होती है, उस पर हर कोई अपना अधिकार जताने की कोशिश करता है या उसे अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करता है।
प्रयोग: अगर किसी गरीब व्यक्ति को उसके अधिकारों की जानकारी नहीं होती, तो उस पर अक्सर अमीर और शक्तिशाली लोग अपना अधिकार जताने का प्रयास करते हैं। उसकी ज़मीन, उसकी सम्पत्ति, उसके संसाधन – सभी चीज़ों पर अन्य लोग अपना हक़ जताने की कोशिश करते हैं।
उदाहरण:मान लीजिए एक गाँव में एक गरीब किसान है जिसके पास थोड़ी ज़मीन है। वह ज़मीन पर अपनी मेहनत से कृषि करता है। लेकिन गाँव के एक अमीर व्यक्ति ने उसकी ज़मीन पर अपना हक़ जताने की कोशिश की। वह सोचता है कि गरीब किसान उसके खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता, इसलिए उसे उसकी ज़मीन पर कब्जा करने में कोई परेशानी नहीं होगी।
145. मुहावरा – घर का भेदी लंका ढाए
अर्थ:इस मुहावरे का अर्थ है कि घर का ही आदमी ही अपने घर या परिवार को नुकसान पहुंचा सकता है। जब किसी परिवार के सदस्य को परिवार से कुछ विवाद या मतभेद होता है, तो वह सदस्य परिवार के भीतरी राज और सीक्रेट्स को बाहर लाकर परिवार को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रयोग: किसी परिवार में अगर आपसी मतभेद होते हैं, तो सदस्यों को चाहिए कि वे उसे आपस में ही हल करें। अगर किसी एक सदस्य ने परिवार की गोपनीय बातों को बाहर लाकर बता दिया, तो पूरे परिवार की इज्जत खो सकती है।
उदाहरण:रावण ने विभीषण की सलाह को अनदेखा किया था, जिससे वह राम के पक्ष में चला गया और रावण की हार में अहम भूमिका निभाई। विभीषण ने राम को रावण की कमजोरी बताई, जिससे रावण का वध हुआ।
146. मुहावरा – घर की मुर्गी दाल बराबर
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जिस तरह से घर की मुर्गी को देखकर लगता है कि वह सामान्य है और उसकी महत्व को नकारा जाता है, वैसे ही हम अक्सर जो चीजें या व्यक्तियों को रोजाना देखते हैं, उनका महत्व कम समझते हैं।
प्रयोग: अगर किसी परिवार में पति अपनी पत्नी के प्रति उसके कामकाज या क्षमताओं की उपेक्षा करता है, क्योंकि वह उसे रोज देखता है, तो हम कह सकते हैं कि “वह अपनी पत्नी को घर की मुर्गी दाल बराबर मानता है।”
उदाहरण:‘घर की मुर्गी दाल बराबर’ मुहावरा विशेष रूप से उस समय प्रयोग होता है जब हम अपने घर या परिवार में किसी व्यक्ति की महत्व को अनदेखा करते हैं। यह एक ऐसा मुहावरा है जो हमें यह सिखाता है कि हमें कभी भी अपने प्रियजनों या अपने घर की चीजों का महत्व समझना चाहिए और उन्हें उपेक्षित नहीं करना चाहिए।
147. मुहावरा – चट मंगनी पट ब्याह
अर्थ: ‘चट मंगनी पट ब्याह’ एक प्रमुख हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी कार्य को तेजी से और बिना किसी देरी के पूरा करना। मूल रूप में इसका संबंध तेजी से होने वाली सगाई और शादी से है, लेकिन इसे किसी भी तेजी से पूरा होने वाले कार्य के संदर्भ में भी प्रयोग किया जा सकता है।
प्रयोग: अगर किसी ने अपने कार्य को तेजी से और अच्छी तरह से समाप्त कर लिया है, तो हम कह सकते हैं कि उसने उस कार्य को ‘चट मंगनी पट ब्याह’ किया।
उदाहरण:अनुज ने होने प्रोजेक्ट को सिर्फ एक हफ्ते में पूरा कर लिया, जैसे चट मंगनी पट ब्याह।
148. मुहावरा – चने के झाड़ पर चढ़ाना
अर्थ: किसी को अधिक महत्व देना या उसे अधिक प्रशंसा करना, जिसकी वह हकदार नहीं है। जब हम किसी व्यक्ति या चीज की अधिक तारीफ करते हैं जिसका वास्तविक में उतना महत्व नहीं होता, तो हम उसे “चने के झाड़ पर चढ़ाना” कहते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा वहां प्रयोग होता है जहां किसी की अनुचित तारीफ हो रही हो। यदि किसी को लगता है कि किसी व्यक्ति या चीज की अधिक तारीफ हो रही है जिसका वास्तव में उतना महत्व नहीं है, तो वह इस मुहावरे का प्रयोग कर सकता है।
उदाहरण:अभय अच्छा गाता है, पर अनुभव ने तो उसकी इतनी तारीफ की कि अभय को लगने लगा की उससे बड़ा गायक तो हो ही नहीं सकता। वास्तविकता में, अनुभव अभय को “चने के झाड़ पर चढ़ा रहा है”।
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