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1000+ मुहावरे: हिंदी मुहावरे और उनके अर्थ (List of 1000+ Hindi muhavare )

मुहावरे क्या है?

मुहावरा एक ऐसा वाक्यांश होता है जिसका प्रयोग भाषा में रूपक या लाक्षणिक अर्थ में किया जाता है। यह एक विशेष भाव, स्थिति या विचार को प्रकट करने के लिए उपयोग में लाया जाता है। मुहावरे में शब्दों का सीधा अर्थ न लेकर उनके गहरे और प्रतीकात्मक अर्थ को समझा जाता है।

मुहावरे भाषा को और अधिक प्रभावी और रोचक बनाते हैं। ये अक्सर कविता, कहानियों, नाटकों और रोजमर्रा की बातचीत में भी प्रयोग किए जाते हैं। हर भाषा और संस्कृति के अपने मुहावरे होते हैं, जो उस संस्कृति के इतिहास, मान्यताओं और जीवन शैली को दर्शाते हैं।

उदाहरण के लिए, हिंदी मुहावरे ‘आंखें खोलना’ का अर्थ होता है किसी को सचेत करना या जागरूक करना। यहां ‘आंखें खोलना’ का शाब्दिक अर्थ न लेकर उसके लाक्षणिक अर्थ को समझा जाता है।

मुहावरे हमारी भाषा को और भी समृद्ध और विविधतापूर्ण बनाते हैं और संवाद को जीवंतता प्रदान करते हैं।

मुहावरे और लोकोक्तियों में क्या अंतर है?

हिंदी भाषा की समृद्धि में मुहावरे और लोकोक्तियाँ महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। ये दोनों तत्व भाषा को रंगीन और प्रभावशाली बनाते हैं। लेकिन इनमें कुछ अंतर हैं जो इन्हें एक-दूसरे से अलग करते हैं।

मुहावरे क्या होते हैं?

मुहावरे भाषा के ऐसे वाक्यांश होते हैं जिनका प्रयोग किसी विशेष भाव या स्थिति को अभिव्यक्त करने के लिए होता है। इनका शाब्दिक अर्थ नहीं होता बल्कि ये लाक्षणिक या रूपकात्मक अर्थ रखते हैं। मुहावरे भाषा को गतिशील और रोचक बनाते हैं और अक्सर भाषण या लेखन में विशेष प्रभाव जोड़ते हैं।

लोकोक्तियाँ क्या होती हैं?

लोकोक्तियाँ, जिन्हें कहावतें भी कहा जाता है, वे वाक्यांश होते हैं जो सामाजिक, नैतिक या जीवन-शैली से जुड़े अनुभवों और सिद्धांतों को प्रकट करते हैं। ये आमतौर पर जीवन के सबक या नीति-निर्देशों को दर्शाती हैं और अक्सर व्यापक अर्थ लिए होती हैं।

मुहावरे और लोकोक्तियों में मुख्य अंतर:

  1. अर्थ का अंतर:
    • मुहावरे में शब्दों का लाक्षणिक अर्थ होता है और वे विशेष रूप से भावनाओं या स्थितियों को व्यक्त करते हैं।
    • लोकोक्तियाँ जीवन के सामान्य सिद्धांतों या नीतियों को दर्शाती हैं और इनमें सीख या शिक्षा निहित होती है।
  2. उपयोग का अंतर:
    • मुहावरे भाषण और लेखन में विशेष प्रभाव या भावनात्मक गहराई जोड़ने के लिए प्रयोग किए जाते हैं।
    • लोकोक्तियाँ अक्सर सामान्य ज्ञान या जीवन के पाठों को संक्षेप में प्रस्तुत करती हैं।
  3. उदाहरण:
    • मुहावरा: ‘आंखें खोलना’ – इसका मतलब है जागरूक होना या किसी बात का अहसास होना।
    • लोकोक्ति: ‘नेकी कर दरिया में डाल’ – यह कहावत यह सिखाती है कि अच्छे काम करने के बाद प्रतिफल की आशा नहीं करनी चाहिए।
  4. सामाजिक संदर्भ:
    • मुहावरे अक्सर व्यक्तिगत अनुभवों या भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
    • लोकोक्तियाँ सामाजिक सिद्धांतों और आम अनुभवों पर आधारित होती हैं।

निष्कर्ष:

मुहावरे और लोकोक्तियाँ दोनों ही हिंदी भाषा के अमूल्य खजाने हैं और इनका उपयोग भाषा को समृद्ध और प्रभावशाली बनाता है। ये दोनों अपने-अपने तरीके से भाषा की शक्ति और विविधता को दर्शाते हैं। जहां मुहावरे व्यक्तिगत और भावनात्मक पहलू को अभिव्यक्त करते हैं, वहीं लोकोक्तियाँ सामाजिक और नैतिक मूल्यों को सामने लाती हैं। इस प्रकार, दोनों का अपना विशेष महत्व और स्थान है।

मुहावरे कैसे बनते हैं?

मुहावरे भाषा के अत्यंत महत्वपूर्ण तत्व होते हैं, जो भाषा को जीवंतता और अभिव्यक्ति की गहराई प्रदान करते हैं। इनका निर्माण और विकास समय के साथ सामाजिक, सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और साहित्यिक प्रक्रियाओं के माध्यम से होता है।

1. सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव:

मुहावरे अक्सर लोक जीवन, सामाजिक रीति-रिवाजों, परंपराओं, और विभिन्न सामाजिक वर्गों के अनुभवों से उत्पन्न होते हैं। ये लोगों के दैनिक जीवन, उनके कार्य, उनकी धार्मिक आस्थाओं, उत्सवों और अन्य सामाजिक गतिविधियों से प्रेरित होकर बनते हैं।

2. ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य:

मुहावरों का विकास ऐतिहासिक घटनाओं, प्रमुख व्यक्तित्वों, और प्राचीन कथाओं या उपाख्यानों से भी प्रेरित होता है। ऐतिहासिक घटनाएं और कहानियां अक्सर ऐसे वाक्यांशों को जन्म देती हैं जो बाद में मुहावरों के रूप में प्रचलित हो जाते हैं।

3. साहित्यिक सृजन:

महान कवियों, लेखकों, और साहित्यकारों द्वारा रचित कृतियों में प्रयोग किए गए विशेष वाक्यांश अक्सर मुहावरे का रूप ले लेते हैं। साहित्य में इनका प्रयोग भाषा को और अधिक समृद्ध और अर्थपूर्ण बनाता है।

4. लोकगीत और कहानियां:

लोकगीतों, कहानियों और किंवदंतियों में उपयोग किए गए वाक्यांश भी कई बार मुहावरे का रूप ले लेते हैं। ये वाक्यांश लोगों के बीच मौखिक रूप से प्रचलित होकर मुहावरों के रूप में स्थापित हो जाते हैं।

5. प्रकृति और परिवेश:

मुहावरे अक्सर प्राकृतिक घटनाओं, परिवेशीय स्थितियों, और मानव और प्रकृति के बीच के संबंधों से प्रेरित होते हैं। ये वाक्यांश प्रकृति के विभिन्न पहलुओं को समझने और व्यक्त करने का एक माध्यम बन जाते हैं।

6. भावनात्मक और मानवीय अनुभव:

मुहावरे अक्सर मानवीय भावनाओं और अनुभवों से भी जुड़े होते हैं। खुशी, दुःख, क्रोध, प्रेम, ईर्ष्या जैसी मानवीय भावनाएँ मुहावरों के निर्माण में अहम भूमिका निभाती हैं।

7. सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तन:

सामाजिक और राजनीतिक परिवर्तनों के समय में उत्पन्न हुए वाक्यांश भी कई बार मुहावरों में परिवर्तित हो जाते हैं। ये परिवर्तन भाषा में नए आयाम जोड़ते हैं और समय के साथ भाषा के विकास में योगदान देते हैं।

8. मौखिक परंपरा और अभिव्यक्ति:

मुहावरे कई बार मौखिक परंपराओं और लोगों के बीच की बातचीत से भी उत्पन्न होते हैं। ये वाक्यांश लोगों के बीच प्रचलित होकर भाषा का हिस्सा बन जाते हैं।

निष्कर्ष:

मुहावरे न केवल भाषा को समृद्ध बनाते हैं बल्कि वे उस समाज की सांस्कृतिक और सामाजिक विशेषताओं को भी दर्शाते हैं। वे भाषा के उस अमूल्य खजाने का हिस्सा होते हैं जो पीढ़ी-दर-पीढ़ी चलता आ रहा है। मुहावरे हमारी भाषा को जीवंतता प्रदान करते हैं और भाषा के प्रति हमारी समझ को गहरा बनाते हैं।

मुहावरों का महत्व क्या है?

मुहावरे भाषा के वे अनूठे तत्व हैं जो सामान्य शब्दों के माध्यम से विशेष और गहन अर्थ प्रकट करते हैं। ये भाषा को समृद्ध और प्रभावशाली बनाने में अपना अहम योगदान देते हैं।

  1. भाषाई विविधता और समृद्धि: मुहावरे भाषा को अधिक विविध और समृद्ध बनाते हैं। ये भाषा के सामान्य अर्थ को एक नया और गहरा आयाम प्रदान करते हैं।
  2. संवाद को प्रभावशाली बनाना: मुहावरे संवाद को और अधिक प्रभावशाली और यादगार बनाते हैं। ये शब्दों के माध्यम से चित्र बनाने में मदद करते हैं, जिससे संदेश अधिक प्रभावी ढंग से पहुंचता है।
  3. सांस्कृतिक महत्व: हर भाषा और बोली के अपने मुहावरे होते हैं, जो उस समाज की सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं। इनके माध्यम से इतिहास, सांस्कृतिक मान्यताएँ और जीवन शैली की झलक मिलती है।
  4. भावनात्मक अभिव्यक्ति: मुहावरे भावनाओं को व्यक्त करने का एक अनोखा तरीका प्रदान करते हैं। ये गहरी और जटिल भावनाओं को सरल और स्पष्ट तरीके से प्रकट करने में सहायक होते हैं।
  5. शिक्षा में उपयोगिता: शिक्षा के क्षेत्र में मुहावरों का विशेष महत्व है। ये भाषा सीखने की प्रक्रिया को रोचक और इंटरेक्टिव बनाते हैं।
  6. कलात्मक अभिव्यक्ति: साहित्य और कला में मुहावरों का उपयोग विविधता और गहराई लाता है। लेखक, कवि और कलाकार अपने विचारों और भावनाओं को मुहावरों के माध्यम से अधिक प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करते हैं।
  7. सामाजिक संचार: मुहावरे सामाजिक संचार में एक अनिवार्य तत्व हैं। ये सामाजिक नियमों, मान्यताओं, और व्यवहार के नियमों को परिलक्षित करते हैं।
  8. संक्षिप्तता और सुगमता: मुहावरे जटिल और लंबी बातों को संक्षिप्त और सरल रूप में व्यक्त करने का माध्यम भी होते हैं।
  9. हास्य और मनोरंजन: कई बार मुहावरे हास्य और मनोरंजन का साधन भी बन जाते हैं, जो बोलने और सुनने वाले दोनों को आनंद प्रदान करते हैं।
  10. भाषाई कौशल का प्रदर्शन: एक व्यक्ति जब मुहावरों का उपयोग करता है, तो यह उसकी भाषाई क्षमता और सूझबूझ का प्रमाण होता है।

उदाहरण के लिए, ‘आंखों में धूल झोंकना’ का अर्थ है किसी को धोखा देना। यह मुहावरा एक जटिल विचार को सरलता से व्यक्त करता है।

अंततः, मुहावरे न केवल भाषा को समृद्ध बनाते हैं बल्कि संस्कृति, साहित्य, और सामाजिक संचार के विविध आयामों में भी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इनका सही और प्रभावी उपयोग भाषा की सौंदर्यता और प्रभावशीलता को बढ़ाते हैं।

मुहावरे की विशेषताएँ?

मुहावरे भाषा के वे रोचक और महत्वपूर्ण तत्व हैं जो शब्दों को गहराई और रंगीनता प्रदान करते हैं। ये भाषा की सुंदरता और अभिव्यक्ति की क्षमता को बढ़ाते हैं। मुहावरे की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  1. अर्थ की गहराई और व्यापकता: मुहावरे अक्सर सामान्य शब्दों से परे गहरे और व्यापक अर्थ लिए होते हैं। वे सीधे तौर पर नहीं, बल्कि प्रतीकात्मक रूप से विचारों या भावनाओं को व्यक्त करते हैं।
  2. सांस्कृतिक और क्षेत्रीय पहचान: मुहावरे अक्सर एक विशेष संस्कृति या क्षेत्र की विशिष्टताओं को दर्शाते हैं। वे समाज के इतिहास, परंपराओं, और जीवन शैली की झलक प्रस्तुत करते हैं।
  3. भावनात्मक प्रभाव: मुहावरे अक्सर भावनात्मक गहराई लिए होते हैं। वे संवेदनाओं और भावनाओं को सशक्त और प्रभावी ढंग से व्यक्त करते हैं।
  4. संवाद में विविधता और रोचकता: मुहावरे संवाद को रोचक और विविधतापूर्ण बनाते हैं। वे भाषा को और अधिक जीवंत और आकर्षक बनाते हैं।
  5. सांकेतिक और प्रतीकात्मक भाषा: मुहावरे अक्सर प्रतीकात्मक होते हैं। वे शब्दों के माध्यम से गहरे और जटिल विचारों को सरलता से व्यक्त करने का काम करते हैं।
  6. अभिव्यक्ति में संक्षिप्तता: मुहावरे अक्सर छोटे होते हैं लेकिन वे बड़े और जटिल विचारों को संक्षेप में प्रस्तुत करते हैं। यह उन्हें संवाद में अत्यंत उपयोगी बनाता है।
  7. भाषाई सौंदर्य और कलात्मकता: मुहावरे भाषा को एक कलात्मक और सौंदर्यपूर्ण आयाम प्रदान करते हैं। वे शब्दों के माध्यम से चित्र बनाने में सहायक होते हैं।
  8. साहित्यिक उपयोगिता: साहित्य में मुहावरों का विशेष महत्व है। लेखक और कवि मुहावरों के माध्यम से अपने विचारों और भावनाओं को अधिक प्रभावशाली ढंग से प्रकट करते हैं।
  9. शिक्षा में महत्व: शिक्षण के क्षेत्र में मुहावरों का उपयोग भाषा सीखने की प्रक्रिया को रोचक और सहज बनाता है। वे विद्यार्थियों को भाषा की गहराई और समृद्धि को समझने में मदद करते हैं।
  10. मानसिक चुस्ती और रचनात्मकता: मुहावरे व्यक्ति की मानसिक चुस्ती और रचनात्मकता को बढ़ाते हैं। उनका उपयोग भाषाई निपुणता और सूझबूझ का प्रतीक होता है।

उदाहरण के लिए, ‘ओछी दाल फूलना’ का अर्थ है किसी अनुपयुक्त चीज़ का अधिक महत्वपूर्ण होना। यह मुहावरा एक जटिल विचार को सरलता और प्रतीकात्मकता के साथ व्यक्त करता है।

हिंदी मुहावरों की लिस्ट – हिंदी भाषा में मुहावरे एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये वाक्यांश हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझाने में मदद करते हैं और भाषा को और भी रंगीन बना देते हैं। मुहावरे वाक्य को संक्षेप में और अधिक प्रभावशाली बना देते हैं, जिससे सुनने वाले या पाठक को उसका असली अर्थ तुरंत समझ में आ जाता है।

हिंदी में हजारों मुहावरे हैं जो विभिन्न संदर्भों और परिस्थितियों में प्रयुक्त होते हैं। ये मुहावरे अक्सर जीवन के अनुभवों, समाज की परंपराओं और भारतीय सांस्कृतिक धारोहर से जुड़े होते हैं। इन्हें समझना और सही संदर्भ में प्रयोग करना हर हिंदी पाठक और लेखक के लिए महत्वपूर्ण है।

इस लेख में हम कुछ प्रमुख हिंदी मुहावरों की सूची प्रस्तुत कर रहे हैं, जो आमतौर पर हमारे दैनिक जीवन में प्रयुक्त होते हैं। ये मुहावरे न केवल भाषा की समृद्धि में योगदान करते हैं, बल्कि वे हमें जीवन के महत्वपूर्ण पाठ भी सिखाते हैं।

आइए अब जानते हैं उन मुहावरों के बारे में जो हमारे जीवन का हिस्सा बन चुके हैं और हमें विभिन्न स्थितियों में सहायक होते हैं।

1. मुहावरा – आँख चुराना
अर्थ: किसी से नजरें मिलाने से बचना, खासकर शरम या डर के कारण।
प्रयोग: जब राम ने सुनील से उसकी गलती के बारे में पूछा, तो सुनील ने आँख चुराई।
उदाहरण: जब गुरुजी ने छात्रों से प्रश्न पूछा, तो अधिकांश ने आँख चुराई क्योंकि उन्हें उत्तर नहीं पता था।

2. मुहावरा – आँखों का पानी ढलना
अर्थ: शरम से निर्लज्ज हो जाना।
प्रयोग: जब राम ने सुनील की गलती सभी के सामने उजागर की, तो सुनील की आँखों का पानी ढल गया।
उदाहरण: प्रधानाध्यापक की डांट सुनते ही राजीव की आँखों का पानी ढल गया और वह चुपचाप अपनी सीट पर बैठ गया।

3. मुहावरा – अपने पैरों पर खड़ा होना:
अर्थ: स्वतंत्रता और आत्म-निर्भरता से अपने जीवन को संचालित करना।
प्रयोग: राम ने अपनी मेहनत और संघर्ष से दिखा दिया कि वह अब अपने पैरों पर खड़ा हो सकता है।
उदाहरण: जब सीमा ने अपनी पढ़ाई पूरी की और स्वतंत्रता से अपना करियर शुरू किया, तो सभी ने कहा कि अब वह अपने पैरों पर खड़ी है।

4. मुहावरा – छछूंदर के सर पर चमेली का तेल:
अर्थ: किसी अयोग्य व्यक्ति को बहुमूल्य वस्तु मिलना
प्रयोग: अगर किसी बच्चे को उसकी उम्र से अधिक महंगा और विशेष उपहार दिया जाए, जिसकी वह समझ नहीं सकता, तो इस स्थिति में इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: राम ने अपने मित्र को नई कार दी, लेकिन उसने उसकी अहमियत को नहीं समझा, जैसे छछूंदर के सर पर चमेली का तेल।

5. मुहावरा – बोलबाला होना:
अर्थ: प्रभाव होना या ख्याति होना
प्रयोग: अगर किसी संगठन में, एक व्यक्ति की राय को सबसे अधिक महत्व दिया जाता है और उसकी बातों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जाता है, तो उसे ‘बोलबाला’ कह सकते हैं।
उदाहरण: इस मुद्दे पर रामनाथ का बोलबाला है, उसकी राय सबसे अधिक मायने रखती है।

6. मुहावरा – भाग्य का मारा होना मुहावरा
अर्थ: किस्मत का मारा होना या भाग्य ख़राब होना
प्रयोग: अगर किसी को लगातार दुर्घटनाएं हो रही हों, जैसे की वह बार-बार बीमार पड़ रहा हो या उसका संविधानिक अधिकार बार-बार विफल हो रहा हो, तो उसे ‘भाग्य का मारा’ कह सकते हैं।
उदाहरण: राम की नौकरी चली गई, और फिर उसकी तबियत भी खराब हो गई। वाकई, वह भाग्य का मारा है।

7. मुहावरा – तलवे चाटना:
अर्थ: अधिक प्रशंसा करना, चापलूसी करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने किसी और की अधिक प्रशंसा की या उसे प्रसन्न करने के लिए अधिकता से विनम्रता दिखाई, तो उसे कहा जाता है कि वह “तलवे चाट रहा है।”
उदाहरण: जब किसी व्यक्ति ने किसी और की अधिक प्रशंसा की या उसे प्रसन्न करने के लिए अधिकता से विनम्रता दिखाई, तो उसे कहा जाता है कि वह “तलवे चाट रहा है।”

8. मुहावरा – मुँह काला करना:
अर्थ: बदनाम होना, कलंकित होना, अपमानित होना
प्रयोग: जब किसी को उसकी गलती के चलते बेइज्जती हो, या जब कोई अपनी गलती को मानता है और उससे शरम महसूस होती है, तो ‘मुँह काला करना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सभा में अपनी गलती को स्वीकारते हुए कहा, मैंने अपना मुँह काला कर लिया है।

9. मुहावरा – नाक रगड़ना:
अर्थ: गिड़गिड़ाना या विनम्रता से किसी से कुछ मांगना
प्रयोग: जब किसी को किसी चीज़ की अधिक जरूरत होती है और वह उसे प्राप्त करने के लिए विनम्रता दिखाता है या गिड़गिड़ाता है, तो ‘नाक रगड़ना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने दोस्त से पैसे मांगते हुए कहा, मुझे माफ़ कर, मैं तुझसे अपनी नाक रगड़ रहा हूँ, पर मुझे अभी पैसों की सख्त जरूरत है।

10. मुहावरा – नज़रों से गिरना
अर्थ: सम्मान या इज़्जत खो देना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी गलती या अच्छे आचरण की अपेक्षा बुरे आचरण के कारण किसी के सम्मान में गिर जाता है, तो ‘नज़रों से गिरना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: मोनू ने इतना घृणित कार्य किया है की वह मेरी नज़रों से गिर गया है।

11. मुहावरा – पानी में आग लगाना:
अर्थ: असंभव कार्य को संभव कर देना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति ऐसा कार्य करने की कोशिश करता है जो संभवत: ना हो, तो ‘पानी में आग लगाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।”
उदाहरण: दीपक ने IIT की परीक्षा पास करके तो पानी में आग लगा दी, जबकि मास्टर साहब को लगता था की ये पक्का फेल होगा।

12. मुहावरा – पत्थर का कलेजा होना:
अर्थ: दयारहित होना, दयाभाव न होना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को दूसरों की पीड़ा या भावनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता और वह उन्हें अनदेखा कर देता है, तो ‘पत्थर का कलेजा होना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने मित्र की मुश्किलें देखी, लेकिन उसने मदद नहीं की। लोगों ने कहा, राम का कलेजा पत्थर का है।

13. मुहावरा – पीठ दिखाना:
अर्थ: किसी से मुँह फेर लेना या उससे दूर हो जाना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपने मित्र, परिवार या किसी संगठन से अलग हो जाता है या उससे संपर्क तोड़ देता है, तो ‘पीठ दिखाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने पुराने दोस्त से छोटी-सी बात पर झगड़ा कर लिया और उसने उसे पीठ दिखा दी।

14. मुहावरा – सिर पर पाँव रखकर भागना
अर्थ: बहुत तेजी से भागना, विशेष रूप से जब आप डरे होते हैं
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति डर या खतरे की स्थिति में तेजी से पलायन करता है, तो ‘सिर पर पाँव रखकर भागना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब जंगल में रामू ने शेर को देखा, वह सिर पर पाँव रखकर भाग गया।

15. मुहावरा – हवाई किले बनाना:
अर्थ: बड़ी बड़ी काल्पनिक योजनाएं बनाना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अधिक आशावादी होता है और असंभावित चीजों की उम्मीद करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।”
उदाहरण: अर्जुन ने बिना किसी तैयारी या पूर्वाध्ययन के IAS की परीक्षा पास करने की बात की। उसके दोस्तों ने कहा, “तू तो हवाई किले बना रहा है।

16. मुहावरा – हथेली पर सरसों जमाना:
अर्थ: असंभव को संभव बना देना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति किसी कार्य को बहुत ही तेजी से और बिना किसी अड़चन के पूरा कर लेता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: राम ने अपने परियोजना कार्य को सिर्फ दो दिनों में पूरा कर दिया, मानो उसने ‘हथेली पर सरसों जमा ली हो

17. मुहावरा – दांत खट्टे करना:
अर्थ: किसी को पराजित करना या हराना
प्रयोग: जब किसी खेल में, विवाद में या किसी अन्य प्रतिस्पर्धा में कोई व्यक्ति या समूह अपने प्रतिद्वंद्वी को हरा दे, तो ‘दांत खट्टे करना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: गाँधी जी के नमक सत्याग्रह ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिये थे।

18. मुहावरा – अँगूठा चूसना
अर्थ: किसी विषय में अनजान होना या अनुभवहीन होना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी विषय में कोई जानकारी न हो और वह उस विषय में बात करने की कोशिश करे, तो ‘अँगूठा चूसना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने नई तकनीकी उपकरण के बारे में बात करते हुए महसूस किया कि वह ‘अँगूठा चूस रहा है’, क्योंकि उसे उसके बारे में कुछ भी पता नहीं था।

19. मुहावरा – अंग अंग फूले न समाना :
अर्थ: अत्यधिक खुशी या उत्साह महसूस करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी खास घटना या समाचार से अधिक खुशी हो, तो ‘अंग अंग फूले न समाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब अर्जुन को पता चला कि उसे विदेशी यात्रा के लिए चुना गया है, तो उसके ‘अंग अंग फूले न समाए’।

20. मुहावरा – अंधे के आगे रोना:
अर्थ: कठोर व्यक्ति को अपनी परेशानी बताना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति की बातें या भावनाएं उस स्थल पर महत्वहीन हों, जहाँ वह उन्हें प्रकट कर रहा है, तो ‘अंधे के आगे रोना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपनी समस्या के बारे में अपने मित्र से कहा, पर उस मित्र ने उसे ध्यान नहीं दिया। तब राम ने सोचा कि वह ‘अंधे के आगे रो रहा है’।

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21. मुहावरा – आपे से बाहर होना:
अर्थ: अपने आप पर नियंत्रण खो देना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का व्यवहार सामान्य से अलग होता है और वह अपनी सामान्य प्रतिक्रिया से बाहर होता है, तो ‘आपे से बाहर होना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील को देखा और कहा, “तुम आज बहुत चिड़चिड़े हो रहे हो, क्या तुम आपे से बाहर हो गए हो?”

22. मुहावरा – 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली
अर्थ: जीवन-भर पाप करके बाद में पूजा-पाठ का ढोंग करना
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति का अच्छा व्यवहार उसकी पूर्व गलतियों को छुपाने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: राम ने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों को धोखा दिया, लेकिन अब वह मंदिर में प्रतिदिन जा रहा है। लोग कहते हैं, “100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।”

23. मुहावरा – आँख चुराना :
अर्थ: शरम या भय के कारण किसी से नजरें न मिला पाना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को अपनी गलती का एहसास होता है और वह दूसरे से नजरें मिलाने में संकोच करता है, तो ‘आँख चुराना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब अध्यापिका ने सुनील से प्रश्न पूछा और उसे उत्तर नहीं आया, तो वह शरम से अध्यापिका की आँखों में आँख नहीं डाल पाया और अपनी आँख चुराई।

24. मुहावरा – पलकें बिछाना:
अर्थ: प्यार से इंतज़ार करना या प्रेमपूर्वक प्रतीक्षा करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का इंतजार किसी चीज़ या व्यक्ति का हो, तो ‘पलकें बिछाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, “मैं तुम्हारे जवाब का इतना बेसब्री से इंतजार कर रहा था, मानो पलकें बिछा रखी थीं।”

25. मुहावरा – आँख दिखाना:
अर्थ: किसी को धमकी देना या डराना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को अपनी प्रतिष्ठा या शक्ति दिखाने के लिए धमकी दे, तो ‘आँख दिखाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब सीता ने अपनी चॉकलेट खो दी और उसे पता चला कि उसे अर्जुन ने चुराई है, तो उसने अर्जुन को आँख दिखाई और कहा, “अगर तुमने फिर से ऐसा किया तो देख लेना।”

26. मुहावरा – अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना
अर्थ: खुद की प्रशंसा करना या अपनी ही तारीफ में बोलना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपने आप को बहुत अच्छा मानता है और बार-बार खुद की तारीफ करता है, तो ‘अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, “तुम तो हर समय अपने मुँह मियाँ मिट्ठू बनते हो, हर बार अपनी ही प्रशंसा करते रहते हो।”

27. मुहावरा – अपना सा मुँह लेकर रह जाना :
अर्थ: निराश हो जाना या उदास हो जाना
प्रयोग: जब किसी को किसी घातक समाचार या घटना का पता चलता है और वह उससे प्रभावित होता है, तो ‘अपना सा मुँह लेकर रह जाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: “राम ने सुना कि उसका प्रिय कुत्ता चल बसा, तो वह पूरे दिन ‘अपना सा मुँह लेकर रह गया।”

28. मुहावरा – आँखों पर पर्दा पड़ना:
अर्थ: किसी बात को न समझ पाना या उसे अनदेखा कर देना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को स्पष्ट रूप से कुछ दिखाई दे और वह उसे अनदेखा कर दे, तो ‘आँखों पर पर्दा पड़ना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, “तुम्हारे दोस्त तुम्हें धोखा दे रहे हैं, लेकिन तुम्हारी आँखों पर पर्दा पड़ गया है।”

29. मुहावरा – अपना राग अलापना:
अर्थ: अपनी बातों या विचारों को बार-बार दोहराना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी बातों को बार-बार दुहराता है या अपनी बात पर अड़ा रहता है, तो ‘अपना राग अलापना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम अपनी पुरानी कहानियों को बार-बार सुनाता रहता है, वह हमेशा अपना राग अलापता रहता है।

30. मुहावरा – आँखें नीची होना
अर्थ: शरम से या अपनी गलती को महसूस करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को अपनी गलती का अहसास होता है या वह किसी से शरम सा महसूस करता है, तो ‘आँखें नीची होना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब गुरुजी ने मुझसे मेरी गलती के बारे में पूछा, मेरी तो ‘आँखें नीची हो गईं’।

31. मुहावरा – आँखें चार होना:
अर्थ: दो लोगों के बीच गहरी दोस्ती या समझदारी होना
प्रयोग: जब दो लोग एक-दूसरे को अच्छी तरह से समझते हैं, जब उनके बीच एक खास बंधन और अदृश्य संवाद होता है, तो ‘आँखें चार होना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम और श्याम की दोस्ती पर सभी कहते थे कि उनकी ‘आँखें चार’ होती हैं। जब भी वे एक-दूसरे की बातों में खो जाते हैं।

32. मुहावरा – आंखें खुल जाना:
अर्थ: किसी बात का अच्छे से समझ आ जाना या किसी चीज़ की असलियत को समझ लेना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी विषय पर स्पष्टता प्राप्त होती है या वह किसी गलतफहमी से बाहर आता है, तो ‘आंखें खुल जाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब मुझे सच्चाई पता चली, मेरी तो ‘आंखें खुल गईं’। मैं समझ गया कि मैं कितनी बड़ी गलती कर बैठा था।

33. मुहावरा – आकाश पाताल एक करना:
अर्थ: बहुत अधिक मेहनत या परिश्रम करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने किसी कार्य में अधिक समय और प्रयास लगाया हो, तो ‘आकाश पाताल एक करना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।।
उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, मैंने तुम्हारी खोई हुई पेन ढूंढने में आकाश पाताल एक कर दिया, लेकिन मुझे वह कहीं नहीं मिली।

34. मुहावरा – आग बबूला होना
अर्थ: बहुत अधिक गुस्सा होना या अत्यधिक क्रोधित होना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति में अधिक गुस्सा या क्रोध हो, तो ‘आग बबूला होना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जराम ने सुनील से कहा, “जब मैंने सुना कि तुमने मेरी किताब खो दी, मैं तो ‘आग बबूला’ हो गया।”

35. मुहावरा – टुकुर-टुकुर देखना:
अर्थ: बहुत ध्यान से या गहरी नजर से किसी चीज़ या व्यक्ति को देखना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने किसी चीज़ या व्यक्ति को बहुत गहरी नजर से देखा हो, तो ‘टुकुर-टुकुर देखना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राज ने सुनील से कहा, “तुम मेरी नई बाइक को टुकुर-टुकुर क्यों देख रहे हो? कुछ खास है क्या?”

36. मुहावरा – खरी खोटी सुनाना:
अर्थ: किसी को उसकी गलतियों के लिए डांटना या फटकारना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को उसकी गलतियों या चूकों के लिए सख्त तरीके से समझाया जाए, तो ‘खरी-खोटी सुनाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने छोटे भाई श्याम को उसकी लापरवाही के लिए ‘खरी-खोटी सुनाई’ जब वह अपनी किताबें बिना पढ़े खेलने चला गया।

37. मुहावरा – गुरु घंटाल:
अर्थ: अत्यंत चालाक व्यक्ति
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को उसकी चालाकियों और धूर्तता के लिए चिह्नित किया जाए, तो ‘गुरु घंटाल’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, “तुम तो असली ‘गुरु घंटाल’ निकले, मुझे कभी सोचा नहीं था कि तुम मुझे इस तरह धोखा दोगे।”

38. मुहावरा – जिसकी लाठी उसकी भैंस
अर्थ: जिसके पास अधिक शक्ति या संसाधन होते हैं, वही अधिकार में होता है
प्रयोग: जब किसी के पास अधिक शक्ति या संसाधन हो और वह उसका उपयोग अपनी बात मानवाने के लिए करे, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील से कहा, “तुम्हारे पास पैसा है इसलिए तुम हमें डांटते हो, लेकिन याद रखो ‘जिसकी लाठी उसकी भैंस’ यह सच है, लेकिन यह सच्चाई नहीं है।”

39. मुहावरा – उल्टा चोर कोतवाल को डांटे:
अर्थ: जब कोई व्यक्ति खुद कुछ गलत करता है और फिर दूसरों को उसके लिए दोषी ठहराता है या उन्हें डांटता है
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने खुद कुछ गलत किया हो और फिर बिना अपनी गलती माने दूसरों को डांटे, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राज ने स्कूल में अपनी किताब खो दी और फिर अनिल को डांटने लगा कि उसने उसकी किताब चुराई। अनिल ने हंसते हुए कहा, “अरे, तुम तो ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांट रहे हो’।

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40. मुहावरा – मन चंगा तो कठौती में गंगा:
अर्थ: अगर किसी का मन और विचार शुद्ध हों, तो उसे बाहरी जगहों में पवित्रता की तलाश करने की जरूरत नहीं है
प्रयोग: जब किसी को यह बताना हो कि असली पवित्रता और शुद्धता बाहरी जगहों में नहीं, बल्कि अपने आप में है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने सोमेश को कहा, “तुम बार-बार तीर्थ यात्रा पर जा रहे हो, लेकिन असली पवित्रता तो मन में होती है। ‘मन चंगा तो कठौती में गंगा’।”

41. मुहावरा – जख़्म पर नमक छिड़कना:
अर्थ: किसी की पीड़ा या दुख में और अधिक वृद्धि करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति के दुख या पीड़ा में और वृद्धि की जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम को जब पता चला कि उसका परिणाम अच्छा नहीं आया, तो वह बहुत दुखी हुआ। लेकिन जब मोहन ने उसका मजाक उड़ाया, तो लगा जैसे उसने राम के ‘ज़ख़्म पर नमक छिड़क दिया’।

42. मुहावरा – जान पर खेलना
अर्थ: अपनी जान को खतरे में डालना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने अपनी सुरक्षा को नकारते हुए या अपनी जान को खतरे में डालते हुए किसी कार्य को किया हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने बहुत तेज बह रही नदी में डूबते हुए बच्चे को बचाने के लिए कूद पड़ा। लोगों ने कहा, “राम ने आज अपनी ‘जान पर खेला’।”

43. मुहावरा – गोलमाल करना:
अर्थ: धोखा देना, भ्रांति पैदा करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने जानबूझकर अथवा अनजाने में किसी स्थिति में अस्पष्टता या भ्रांति पैदा की हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: मोहन ने सड़क के ठेके में गोलमाल करके कंपनी को लाखो का चुना लगा दिया।

44. मुहावरा – घी के दिये जलाना:
अर्थ: अत्यधिक आनंद और मंगल महसूस करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी खुशी के मौके पर अधिक आनंद आए और वह अपनी खुशी को प्रकट करने में कोई कसर न छोड़े, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम को जब पता चला कि वह परीक्षा में प्रथम आया है, तो उसकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं रहा। लोग कहने लगे, “राम तो आज ‘घी के दीये जला रहा है’।”

45. मुहावरा – खून खौलना:
अर्थ: अत्यधिक क्रोध करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी बात पर अधिक गुस्सा आए या वह किसी कारण से बहुत उत्साहित हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने सुना कि उसके गाँव में एक अज्ञात व्यक्ति ने बच्चों को परेशान किया। यह सुनते ही उसका ‘खून खौल उठा’ और वह तुरंत वहाँ पहुंचा।

46. मुहावरा – खिल्ली उड़ाना
अर्थ: किसी का मजाक उड़ाना या उसे चिढ़ाना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को जानबूझकर चिढ़ाया जाए या उसका मजाक बनाया जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने श्याम की नई शर्ट को देखकर मजाक उड़ाया। अन्य लोगों ने कहा, “राम हमेशा श्याम की ‘खिल्ली उड़ाता’ रहता है।”

47. मुहावरा – टांग अड़ाना:
अर्थ: किसी के काम में रुकावट डालना या उसे परेशान करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने जानबूझकर या अनजाने में किसी दूसरे व्यक्ति के काम में बाधा डाल दी हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने श्याम की परियोजना में जानबूझकर गलत जानकारी दी, जिससे श्याम को समस्या हो गई। मोहन ने देखते हुए कहा, “राम तो श्याम की परियोजना में ‘टाँग अड़ा रहा है’।”

48. मुहावरा – चिराग तले अंधेरा:
अर्थ: जहाँ समाधान होना चाहिए, वहीं समस्या हो
प्रयोग: जब किसी स्थान या व्यक्ति पर उम्मीद हो कि वह समस्या का समाधान प्रदान करेगा, लेकिन वही समस्या का कारण बन जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:जब स्कूल में शिक्षा की स्तर में गिरावट आई और प्रधानाध्यापक ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो लोगों ने कहा, “यहाँ तो ‘चिराग तले अंधेरा’ है।”

49. मुहावरा – चेहरे पर हवाइयाँ उड़ना:
अर्थ: किसी को बहुत डर लगना या उसके चेहरे पर डर का स्पष्ट अभिव्यक्ति होना
प्रयोग: जब किसी को किसी डरावनी बात से डर लगे और वह डर उसके चेहरे पर दिखाई दे, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम को जब पता चला कि वह अकेला रात को पुराने हवेली में जाना है, तो उसके चेहरे पर जैसे ‘हवाइयाँ उड़ने’ लगीं।

50. मुहावरा – छाती पर साँप लोटना
अर्थ: ईर्ष्या या जलन महसूस करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी दूसरे की सफलता से ईर्ष्या हो या वह उससे जले, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुना कि उसके साथी श्याम ने उससे बड़ी गाड़ी खरीदी है। इससे सुनकर राम को लगा जैसे ‘छाती पर साँप लोट रहा हो’।

51. मुहावरा – छाती पर मूंग दलना:
अर्थ: किसी के निकट रह कर उसे कष्ट देना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने अपने साथी, मित्र या परिवार के सदस्य को अनजाने में या जानबूझकर परेशानी में डाल दिया हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने मित्र श्याम के सामने ही उसकी बुराई की, जिससे श्याम को बहुत दुःख हुआ। लोग कहने लगे, “राम तो श्याम की ‘छाती पर मूंग डाल रहा है’।”

52. मुहावरा – चाँद पर थूकना:
अर्थ: मासूम व्यक्ति पर बेमेल इलजाम लगाना
प्रयोग: जब किसी मासूम व्यक्ति पर बिना किसी ठोस सबूत के इलजाम लगाया जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने अपनी गलती छुपाने के लिए मोहन पर इलजाम लगा दिया। सुनते ही श्याम ने कहा, “राम तो ‘चाँद पर थूक रहा है’।”

53. मुहावरा – छक्के छुड़ाना:
अर्थ: किसी को पूरी तरह से हरा देना या उसे अच्छी तरह से पराजित कर देना
प्रयोग: जब किसी को अपेक्षिक रूप से आसानी से हराया जाए और वह पूरी तरह से पराजित हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने शतरंज में श्याम को इतनी आसानी से हराया कि लोग कहने लगे, “राम ने श्याम के ‘छक्के छुड़ा दिए’।”

54. मुहावरा – चादर से बाहर पैर पसारना
अर्थ: अपनी सामर्थ्य से अधिक काम लेना या अपनी सीमा से अधिक खर्च करना
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति या सामर्थ्य के मुकाबले में अधिक खर्च करता है या जब वह अपनी सीमा से अधिक जिम्मेदारियां लेता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपनी सालाना आमदनी से ज्यादा कीमत वाली कार खरीद ली। श्याम ने उसे देखते हुए कहा, “राम, तुमने तो ‘चादर के बाहर पैर पसार लिए’।”

55. मुहावरा – चार चाँद लगाना:
अर्थ: किसी चीज़ को और भी सुंदर बना देना
प्रयोग: जब किसी चीज़, जगह या अवसर को और भी खास और सुंदर बनाया जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने कमरे में नई-नई सजावट की, जिससे कमरा और भी आकर्षक लगने लगा। श्याम ने देखा और कहा, “तुमने तो अपने कमरे में ‘चार चाँद लगा दिए’।

56. मुहावरा – अंधों में काना राजा :
अर्थ: जब किसी समूह में सभी अज्ञानी हों और केवल एक व्यक्ति को ही थोड़ी बहुत जानकारी हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
प्रयोग: जब किसी समूह में सभी अज्ञानी हों और केवल एक व्यक्ति को ही थोड़ी बहुत जानकारी हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:एक गाँव में इंटरनेट का उपयोग करने वाला कोई भी नहीं था, सिवाय राम के, जिसे बेसिक ईमेल भेजने का तरीका पता था। लोग उसे देखकर कहते थे, “हमारे गाँव में तो ‘अंधों में काना राजा’ है राम।”

57. मुहावरा – अंधे के हाथ बटेर लगना:
अर्थ: किसी अयोग्य व्यक्ति को अच्छा परिणाम प्राप्त होता है
प्रयोग: जब किसी अयोग्य व्यक्ति को अच्छा परिणाम प्राप्त होता है और लोग उस परिणाम को देखकर हैरान होते हैं, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने बिना किसी मेहनत और योग्यता के एक बड़ी प्रतियोगिता में पहला स्थान प्राप्त किया। उसके दोस्त मोहन और सोहन ने आपस में चुपचाप कहा, “राम के तो ‘अंधे के हाथ बटेर लग गया’।”

58. मुहावरा – आँखों में धूल झोंकना
अर्थ: किसी को धोखा देना या उससे सच छुपाना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने दूसरे व्यक्ति से कुछ छुपाया हो या उसे भ्रांति में डालने का प्रयास किया हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने श्याम से अपनी असली आजीविका के बारे में झूठ बोल दिया। श्याम को बाद में पता चला कि राम ने उसकी ‘आँखों में धूल झोंकी’ थी।

59. मुहावरा – गज भर की छाती होना:
अर्थ: बहुत अधिक साहसिक या वीर होना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति की साहसिकता, वीरता या आत्म-विश्वास की प्रशंसा की जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने अकेले ही चोरों को पकड़ लिया। लोगों ने कहा, “राम की तो ‘गज भर की छाती’ है।”

60. मुहावरा – गजब ढाना:
अर्थ: किसी चीज़ को बहुत अद्भुत या असाधारण मानना
प्रयोग: जब किसी चीज़, घटना या व्यक्ति की प्रशंसा की जाए और उसे असाधारण माना जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने नई फिल्म देखी और उसके बारे में कहा, “यह फिल्म तो ‘गजब ढाना’ है।”

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61. मुहावरा – गाँठ बाँधना:
अर्थ: किसी बात को या समझौते को पक्का कर लेना
प्रयोग: जब दो व्यक्तियों या समूहों के बीच में किसी बात पर समझौता हो जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम और श्याम ने व्यापार में साझेदारी के लिए समझौता किया। दोनों ने मान लिया कि अब उन्होंने ‘गाँठ बाँध ली’ है।

62. मुहावरा – गुड़ गोबर करना
अर्थ: किसी अच्छी चीज़ को बर्बाद कर देना या उसकी अवशेषता को खत्म कर देना
प्रयोग: जब किसी अच्छी स्थिति, वस्तु या अवसर को बर्बाद किया जाए या जब उसका सही उपयोग नहीं किया जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपनी नई कार को बिना ध्यान दिए चलाया और उसे टक्कर में डाल दिया। श्याम ने कहा, “तुमने तो अपनी नई कार का ‘गुड़ गोबर’ कर दिया।”

63. मुहावरा – गुल खिलाना:
अर्थ: कुछ निन्दनीय कार्य करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने समाज की आम सोच और मान्यताओं के खिलाफ कुछ किया हो, जिसे लोग निन्दा करते हैं, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने समाज की परंपराओं के खिलाफ जा कर अपनी पसंद की लड़की से शादी की। लोगों ने कहा, “राम ने तो ‘गुल खिला दिया’।”

64. मुहावरा – गंगा नहाना
अर्थ: पापों से मुक्त होना या अपनी गलतियों का प्रायश्चित करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने अपनी गलतियों का समर्थन किया हो या जब वह अपनी गलतियों का प्रायश्चित करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपनी गलतियों को मानते हुए कहा, “मैं अब अपनी सभी गलतियों का प्रायश्चित करना चाहता हूँ, मुझे लगता है मैंने ‘गंगा नहा ली’ है।”

65. मुहावरा – गड़े मुर्दे उखाड़ना:
अर्थ: पुरानी और भूली हुई बातों को फिर से याद दिलाना या उन पर चर्चा करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने पुरानी बातों को फिर से ताजा किया हो या जब वह पुरानी समस्याओं पर चर्चा करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम और श्याम के बीच में पुराना झगड़ा था, जिसे वे भूल चुके थे। लेकिन जब मोहन ने उस झगड़े का जिक्र किया, तो राम ने कहा, “तुम फिर से ‘गड़े मुर्दे उखाड़’ रहे हो।”

66. मुहावरा – दाल में काला होना
अर्थ: किसी बात में कुछ संदेह या अविश्वास होना
प्रयोग: जब किसी बात में संदेह हो या जब कुछ अजीब लगे, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुना कि उसके मित्र ने उसके पीछे बुरी बातें की हैं। वह सोचने लगा कि ‘दाल में कुछ काला’ है।

67. मुहावरा – अंगूठा दिखाना:
अर्थ: अवमानित करना या तिरस्कार करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को तिरस्कार किया जाए या उसे अवमानित किया जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने श्याम को उसकी सलाह पर ध्यान नहीं दिया और उसे अनदेखा कर दिया। श्याम ने महसूस किया कि राम ने उसे ‘अंगूठा दिखाया’।

68. मुहावरा – आँखें सेंकना
अर्थ: किसी को वासनाभरी या आकर्षणभरी दृष्टि से देखना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति की नजर में विशेष आकर्षण या वासनिक भावना हो, और वह दूसरे व्यक्ति को वही भावना से देखे, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राज और उसके दोस्त पार्टी में लड़कियों के देखकर आँखें सकते रहे।

69. मुहावरा – अधजल गगरी छलकत जाए:
अर्थ: काम ज्ञान होने पर भी ज्यादा दिखावा करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का दिखावा या अहंकार उसकी सीमा से अधिक हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:राम ने अपनी नई बाइक को दिखाते हुए सभी मित्रों को बताया कि वह कितनी महंगी है। इस पर श्याम ने कहा, “राम, तुम तो ‘अधजल गगरी छलकत जाए’ की तरह बहुत दिखावा कर रहे हो।”

70. मुहावरा – गागर में सागर भरना
अर्थ: छोटे स्थल में बहुत अधिक जानकारी या सामग्री को संग्रहित करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने छोटे स्थल में बहुत अधिक जानकारी या विवरण प्रदान किया हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपनी प्रस्तुति में विश्व के सभी महाद्वीपों की जानकारी दी। श्याम ने कहा, “तुमने तो अपनी प्रस्तुति में ‘गागर में सागर भर दिया’।”

71. मुहावरा – डूब मरना:
अर्थ: अत्यधिक शरम से या अपमान से गहरी चिंता में पड़ जाना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को अत्यधिक शरम या अपमान का सामना करना पड़े, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने सभा में अपनी गलती को स्वीकारते हुए कहा, “मुझे अपनी इस गलती के लिए वाकई ‘डूब मरने’ का मन हो रहा है।”

72. मुहावरा – धोबी का कुत्ता घर का न घाट का
अर्थ: किसी व्यक्ति का कहीं भी स्थायित्व नहीं होना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को लगे कि वह किसी भी स्थल पर स्वीकार नहीं हो रहा है या वह दोनों स्थलों में अस्थायी है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राजू ने शादी होने वावजूद दूसरी शादी की तैयारी कर दी, जब दोनों लड़कियों को पता चला तो दोनों ने उसे छोड़ दिया। राजू की हालत धोबी के कुत्ते जैसी हो गयी न घर का रहा न घाट का।

73. मुहावरा – छोटा मुँह बड़ी बात:
अर्थ: छोटे व्यक्ति या अनुभवहीन व्यक्ति द्वारा बड़ी-बड़ी बातें करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने अपनी सीमा से अधिक बोल दिया हो या जब वह अपनी क्षमता से ज्यादा की बात करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राम ने सभा में बोला कि वह अकेला ही पूरी परियोजना को संचालित कर सकता है। इस पर श्याम ने मुस्कराते हुए कहा, “अरे भाई, छोटा मुँह और बड़ी बात!”

74. मुहावरा – डंके की चोट पर
अर्थ: किसी बात को स्पष्ट और निर्भीक होकर कहना या मानना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को अपनी बातों पर पूरा यकीन हो और वह उसे सार्वजनिक रूप से और निर्भीकता से स्वीकार करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सभा में कहा कि वह अगले महीने अपना व्यापार शुरू करेगा, और वह इस बात को ‘डंके की चोट पर’ कह रहा था।

75. मुहावरा – एड़ी-चोटी का पसीना एक करना:
अर्थ: किसी कार्य में पूरी तरह से मेहनत और समर्पण से लगना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने किसी कार्य में अपनी पूरी ताकत और समर्थन लगा दी हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:राम ने अपनी परीक्षा की तैयारी में दिन-रात मेहनत की और अध्ययन किया। जब वह परीक्षा में उत्तीर्ण हुआ, तो उसके मित्र ने कहा, “तुमने तो अपनी तैयारी में ‘एड़ी-चोटी का पसीना एक किया’।”

76. मुहावरा – अंधे की लकड़ी
अर्थ: किसी का सहारा बनना या किसी की मदद करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति की अधिक जरूरत होती है या वह दूसरे पर निर्भर होता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: राम अपने परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करने के लिए श्याम की मदद पर पूरी तरह से निर्भर था। उसके मित्र ने कहा, “श्याम तुम्हारे लिए तो ‘अंधे की लकड़ी’ जैसा है।”

77. मुहावरा – नौ दिन चले अढ़ाई कोस:
अर्थ: बहुत समय लगने के बावजूद बहुत ही कम प्रगति होना
प्रयोग: जब किसी कार्य में अधिक समय लगे और उसका परिणाम बहुत ही कम हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:राम ने अपने परियोजना पर तीन महीने काम किया, लेकिन अंत में उसने सिर्फ दो अध्याय ही पूरे किए। इस पर श्याम ने कहा, “तुम तो ‘नौ दिन चले, अढ़ाई कोस’ वाली स्थिति में हो।”

78. मुहावरा – डूबते को तिनके का सहारा
अर्थ: जब किसी की स्थिति बहुत ही खराब होती है और वह किसी भी छोटी-छोटी चीज़ को अपने लिए सहारा मानता है
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को बहुत ज्यादा समस्या हो और वह किसी भी तरह की मदद को स्वीकार करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:राम की दुकान में बहुत समस्या हो रही थी और वह बहुत चिंतित था। जब श्याम ने उसे कुछ पैसे उधार दिए, तो राम ने उसे धन्यवाद दिया और कहा, “इस समय मेरे लिए यह पैसे ‘डूबते को तिनके का सहारा’ जैसे हैं।”

79. मुहावरा – गधे को बाप बनाना:
अर्थ: काम निकालने के लिए किसी बेवकूफ को खुश करना
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को अपनी बातों में फंसाया जाता है या जब वह धोखा खाता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:राजू अपना काम निकलने के किसी गधे को भी बाप बना सकता है।

80. मुहावरा – गरीबी में आटा गीला होना
अर्थ: जब किसी की स्थिति पहले से ही बुरी हो और फिर उस पर और भी बुरा वक्त आए
प्रयोग: जब किसी की पहले से ही स्थिति खराब हो और उस पर और भी अधिक समस्याएं आ जाएं, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: राम की दुकान पहले से ही अच्छी नहीं चल रही थी, और अब उसका माल भी चोरी हो गया। लोगों ने कहा, “राम के लिए तो गरीबी में आटा गीला हो गया।”

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81. मुहावरा – अंग अंग ढीला होना
अर्थ: बिल्कुल शक्तिहीन और आलस्यमय होना
प्रयोग: ऐसे समय पर जब हमारे शरीर और मन में उर्जा की कमी महसूस होती है, तब “अंग अंग ढीला होना” जैसे मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:अखिल ने पूरे दिन काम किया और शाम को वह अंग अंग ढीला महसूस कर रहा था।

82. मुहावरा – टूट पड़ना
अर्थ: किसी व्यक्ति पर आक्रमण करने या धावा बोलने के अर्थ में किया जाता है।
प्रयोग: जब हमें या हमारे साथियों को अचानक से किसी चीज़ पर प्रतिक्रिया करनी पड़ती है। इसे दर्शाने के लिए “टूट पड़ना” जैसे मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:जैसे ही गेट खुला, अनुज का कुत्ता मुझ पर टूट पड़ा।

83. मुहावरा – कान खड़े होना
अर्थ: किसी खतरे के संकेत को महसूस करना और सावधान या चौकन्ना हो जाना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को खतरे का अहसास होता है या वह किसी खतरे के संकेत को समझता है, तो ‘कान खड़े होना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण:विकास जब जंगल में शेर की दहाड़ सुनी, उसके ‘कान खड़े हो गए’ और वह तुरंत जंगल से बाहर भागने लगा।

84. मुहावरा – दूध की नदियां बहाना
अर्थ: बहुत अधिक संपत्ति या धनवान होना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत हो और वह अपने धन को बिना सोचे-समझे खर्च करे, तो ‘दूध की नदियां बहाना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण: सुरेंद्र ने अपनी नई फैक्टरी के उद्घाटन पर इतनी भव्य पार्टी दी कि लोग कहने लगे, “वाह! सुरेंद्र तो दूध की नदिया बहा रहा है।”

85. मुहावरा – गूलर का फूल होना
अर्थ: जब कोई चीज या स्थिति अचानक और अनपेक्षित रूप से आती है।
प्रयोग: अचानक और अनपेक्षित रूप की घटना को दर्शाने के लिए यह मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण:अजय अपने घर के कामों में इतना व्यस्त है की आज जब अचानक उस पार्टी में पहुँची, तो सभी को वह गूलर का फूल लगी।

86. मुहावरा – गाल बजाना
अर्थ: गाल बजाना’ का अर्थ है अपनी प्रशंसा में बढ़ चढ़ कर बोलना और शेखी बघारना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी उपलब्धियों, सामग्री या किसी अन्य विषय पर अधिक बल देता है, तो ‘गाल बजाना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण:विशाल अक्सर अपनी नई कार के बारे में शेखी बघारता रहता है, जैसे वह गाल बजा रहा हो।

87. मुहावरा – हवा से बातें करना
अर्थ: बिना सोच-समझ के, अचानक और अनावश्यक बातें करना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति के शब्दों में कोई विचारधारा या ठोसपन नहीं होती, और वह सिर्फ बोलने के लिए बोलता है, तब ‘हवा से बातें करना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण:अभय जब भी समूह में होता, वह बिना सोचे अनावश्यक और असंबंधित बातें करता, जैसे वह हवा से बातें कर रहा हो।

88. मुहावरा – कान का कच्चा होना
अर्थ: जो सुनी सुनाई बातों पर बहुत जल्दी विश्वास कर लेता है बिना सोचे-समझे।
प्रयोग: इस मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति की बातों में आसानी से यकीन कर लेना, चाहे वह बात सच हो या नहीं।
उदाहरण: सुधीर इतना सीधा है कि वह जो कुछ भी सुनता है, उस पर यकीन कर लेता है, मानो वह ‘कान का कच्चा’ हो।

89. मुहावरा – हाथ मलना
अर्थ: जब कोई अपनी भूल को महसूस करता है और उसके लिए पछतावा होता है।
प्रयोग: ‘हाथ मलना’ का अर्थ है पछताना, अफ़सोस होना या मलाल होना।
उदाहरण:अनुज ने समय पर प्रोजेक्ट सबमिट नहीं किया, और अब जब उसे जानकारी मिली कि उसके अंक कट गए हैं, वह ‘हाथ मल रहा है’।

90. मुहावरा – लकीर का फकीर होना
अर्थ: “लकीर का फकीर होना” का मुख्य अर्थ है किसी विषय या चीज में कट्टर और अड़ियल रहना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का विश्वास केवल पुरानी चीज़ों और तरीकों पर होता है, और वह नई चीज़ों और तरीकों को अपनाने में अनिच्छुक होता है, तो उसे “लकीर का फकीर” कहा जाता है।
उदाहरण:मुनीश अपनी कंपनी में प्रौद्योगिकी का उपयोग नहीं करता और अभी भी पुराने तरीकों पर विश्वास करता है। उसे लगता है कि पुरानी रीतियाँ और तकनीकें सबसे बेहतर हैं। इसलिए, लोग उसे “लकीर का फकीर” मानते हैं।

91. मुहावरा – कुबेर का धन मिलना
अर्थ: अचानक बहुत अधिक धन प्राप्त करना। कुबेर हिन्दू धर्म में धन के देवता माने जाते हैं।
प्रयोग: कई बार जीवन में ऐसा होता है कि हम अचानक से एक बड़ी संपत्ति का मालिक बन जाते हैं। यह शायद किसी जीत के रूप में, किसी विरासत में या फिर किसी अच्छे निवेश के फलस्वरूप होता है।br>उदाहरण:विनीत ने एक गेम में भाग लिया और उसे इतना बड़ा इनाम मिला कि उसे लगा मानो ‘कुबेर का धन’ मिल गया हो।

92. मुहावरा – लकीर पीटना
अर्थ: ‘लकीर पीटना’ का मुख्य अर्थ है पुरानी प्रथाओं, परम्पराओं और रीति रिवाजों को दोहराना।
प्रयोग: इसे उन लोगों के लिए अक्सर प्रयोग किया जाता है जो बार-बार वही पुरानी बातें, परंपराएं या रीतियाँ दोहराते हैं
उदाहरण: सुभाष जी गाँव के बुजुर्ग थे और वे हमेशा पुरानी परंपराओं और रीतियों का पालन करते थे। जब भी गाँव में कोई नई चीज़ आती, वह उसे तुरंत नकार देते और अपनी पुरानी परंपराओं की बारें में बातें करते रहते थे। अक्सर लोग कहते थे कि वह ‘लकीर पीट रहे हैं’।

93. मुहावरा – बाल की खाल निकालना
अर्थ: किसी मामले में अत्यधिक विस्तार से या बिना जरूरत के विवाद करना, मीन-मेख निकालना।
प्रयोग: किसी विषय या बात पर अत्यधिक तर्क और विवाद करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण:विशाल और विकास एक छोटी सी बात पर घंटों-घंटों तक बहस करते रहे। लोग कहते थे कि वे ‘बाल की खाल’ निकाल रहे हैं।

94. मुहावरा – लोहे के चने चबाना
अर्थ: किसी व्यक्ति की कठिनाईयों, संघर्षों और परिश्रम को प्रकट करने के लिए उपयोग किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन लोगों के लिए प्रयुक्त होता है जो मुश्किल हालात में भी मजबूती और साहस दिखाते हैं।
उदाहरण:विनीत ने अपनी प्रतिष्ठित कंपनी में जोब छोड़ दी और अपना स्टार्टअप शुरू किया। शरुआती दिनों में उसे बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने हार मानी नहीं और लोग कहते थे कि वह “लोहे के चने चबा रहा है”।

95. मुहावरा – रंग जमाना
अर्थ: किसी कार्य में सफलता प्राप्त करना या उस कार्य में अपनी प्रतिभा और कौशल द्वारा छाप डाल देना।
प्रयोग: “रंग जमाना” मुहावरा उस समय का प्रतिनिधित्व करता है जब किसी व्यक्ति ने अपनी कौशल, प्रतिभा या भाषण से दूसरों पर एक मजबूत प्रभाव डाला हो।
उदाहरण:अनुज ने सभा में अपनी वाकचातुरता से सभी को मोहित कर दिया, मानो उसने अपना रंग जमा दिया।

96. मुहावरा – आस्तीन का साँप
अर्थ: ‘‘आस्तीन का साँप’ मुहावरे का अर्थ होता है किसी व्यक्ति को अधिक विश्वास करना, जिससे वह व्यक्ति धोखा दे सकता है।
प्रयोग: साँप आस्तीन में छिपा होता है और जब उसका मन करता है वह डस सकता है, ठीक वैसे ही किसी विश्वस्त व्यक्ति से धोखा खाना।
उदाहरण: “मैंने कभी नहीं सोचा था कि राज इतना बड़ा धोखा देगा, वाकई, वह तो ‘आस्तीन का साँप’ निकला।”

97. मुहावरा – एक अनार सौ बीमार
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि एक ही वस्तु, संसाधन या व्यक्ति के प्रति कई लोगों की इच्छा हो।
प्रयोग: जब किसी एक चीज को लेकर कई लोग उत्सुकता या चाहत रखते हैं, तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:स्कूल में नया क्रिकेट बैट आया था और सभी बच्चे उसे चाहते थे। मैंने अपने दोस्त से कहा, “देखो, एक अनार सौ बीमार।”

98. मुहावरा – काला अक्षर भैंस बराबर
अर्थ: काला अक्षर भैंस बराबर’ मुहावरे का अर्थ है जिसे पढ़ना-लिखना नहीं आता, उसके लिए लिखावट या की कोई समझ नहीं होती है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन लोगों के लिए प्रयुक्त होता है जिन्हें पढ़ाई की समझ नहीं होती या जो अशिक्षित होते हैं।
उदाहरण:रामु को तो पुस्तकों में लिखे हर शब्द काला अक्षर भैंस बराबर लगते हैं।

99. मुहावरा – कोल्हू का बैल
अर्थ: ‘कोल्हू का बैल’ मुहावरे का अर्थ होता है एक व्यक्ति जो बार-बार एक ही प्रकार का काम करता रहे बिना किसी परिवर्तन या आराम के।
प्रयोग: यह मुहावरा उस समय प्रयुक्त होता है, जब किसी को बार-बार एक ही प्रकार की मेहनतशील गतिविधियों में लगाव हो।
उदाहरण:राज रोजाना 9 से 5 तक काम करता है, बिना किसी छुट्टी के। वह अब तो कोल्हू का बैल बन चुका है।

100. मुहावरा – आग लगने पर कुआँ खोदना
अर्थ: जब तक समस्या बड़ी न हो, तब तक उसे अनदेखा करना और जब वह समस्या विशाल हो जाए तो उसके लिए तत्पर समाधान खोजना।
प्रयोग: इसे आमतौर पर उस समय का संदर्भ में प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति या समुदाय समस्या का समाधान तलाशता है जब वह पहले से ही बहुत बड़ा बन चुका हो।
उदाहरण: वायरस संक्रमण की शुरुआती चेतावनी नकारते हुए, जब संक्रमण बढ़ गया तो सरकार ने टीका वितरण में तेजी लाई। यहाँ पर भी ‘आग लगने पर कुआँ खोदने’ की बात हुई।

101. मुहावरा – भैंस के आगे बीन बजाना
अर्थ: “भैंस के आगे बीन बजाना” मुहावरे का अर्थ है किसी ऐसे व्यक्ति को समझाने की कोशिश करना, जो समझने के लिए तैयार न हो या जिसे बात समझ में ही न आए। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब आपके प्रयास व्यर्थ जा रहे हों क्योंकि सामने वाला उन्हें सराहना या समझने में असमर्थ हो।
प्रयोग: “भैंस के आगे बीन बजाना” मुहावरा हमें यह याद दिलाता है कि कभी-कभी, हमारे सबसे अच्छे प्रयास भी उन लोगों के लिए व्यर्थ हो सकते हैं, जो उन्हें समझने में असमर्थ या अनिच्छुक हों। इसलिए, हमें चुनौतियों का सामना करते समय धैर्य और सूझबूझ के साथ काम लेना चाहिए।
उदाहरण:अनपढ़ या मूर्ख व्यक्ति को जटिल विचार समझाने की कोशिश करना – “उसे ये गणितीय समस्याएं समझाना तो भैंस के आगे बीन बजाने जैसा है।”

102. मुहावरा – अंकुश रखना
अर्थ: ‘अंकुश रखना’ का अर्थ होता है किसी व्यक्ति, स्थिति, या चीज पर संयमित और नियंत्रित तरीके से नजर रखना। यह मुहावरा सीधे तौर पर संयम, नियंत्रण और सतर्कता के भावों से जुड़ा हुआ है।
महत्व: यह मुहावरा न सिर्फ संयम और नियंत्रण की महत्ता को दर्शाता है, बल्कि यह भी बताता है कि समझदारी और विवेक से लिए गए निर्णय किसी भी परिस्थिति या व्यक्ति को सही दिशा में ले जा सकते हैं।
उदाहरण:माता-पिता को अपने बच्चों पर अंकुश रखना चाहिए ताकि वे गलत संगत में न पड़ें।

103. मुहावरा – चले तो चांद तक वरना शाम तक
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि कुछ चीजें या तो बहुत अच्छा प्रदर्शन करेंगी या फिर बहुत जल्दी विफल हो जाएंगी। यहाँ ‘चाँद’ का अर्थ है अत्यधिक सफलता और ‘शाम’ का मतलब है अल्पकालिक या असफलता।
प्रयोग: बाजार में बिकने वाले सस्ते और कम गुणवत्ता वाले सामान अक्सर इस मुहावरे के पर्याय बन जाते हैं। जैसे कोई इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद या खिलौना, जो बहुत सस्ता होता है और जिसकी लंबी उम्र की कोई गारंटी नहीं होती। ऐसे में, यह मुहावरा इस्तेमाल किया जाता है – “यह तो ‘चले तो चाँद तक, वरना शाम तक’ वाली बात है।”
उदाहरण:मान लीजिए आपने एक सस्ता मोबाइल फोन खरीदा है जिसकी गुणवत्ता और टिकाऊपन के बारे में आपको पूर्ण विश्वास नहीं है। आप इसे उपयोग करते हुए कह सकते हैं कि, “यह मोबाइल ‘चले तो चाँद तक, वरना शाम तक’।”

104. मुहावरा – ज्वार उठना
अर्थ: “ज्वार उठना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – समुद्र में उच्च लहरों का उठना। लेकिन अलंकारिक रूप से इसका प्रयोग किसी व्यक्ति के भावनाओं या विचारों में अचानक उत्थान को दर्शाने के लिए किया जाता है। जब किसी के मन में विचारों का संचार तीव्रता से होता है तो कहा जाता है कि उसके मन में “ज्वार उठा है।”
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर सकारात्मक संदर्भ में किया जाता है। जैसे कि, “सृजनात्मक विचारों का ज्वार उठना” यह दर्शाता है कि किसी व्यक्ति के मन में नए और मौलिक विचारों का आगमन हो रहा है।
उदाहरण: जब पूजा ने उस नए प्रोजेक्ट के बारे में सुना, तो उसके मन में ज्वार उठने लगा जिसने बहुत सरे नए विचारों को जन्म दिया।

105. मुहावरा – चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात
अर्थ: “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात” मुहावरे का अर्थ है कि कुछ समय के लिए तो सुख-सुविधाएँ और अच्छे दिन आते हैं, लेकिन वे ज्यादा देर तक नहीं रहते और उनके बाद फिर से कठिनाईयां या दुःख का समय आता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ किसी को कुछ समय के लिए आनंद या सफलता मिलती है लेकिन वह स्थायी नहीं होती। जैसे किसी कंपनी में अचानक प्रमोशन मिलना और फिर कुछ समय बाद नौकरी से निकाल दिया जाना।
उदाहरण:अनुज को जब उसकी नई नौकरी में प्रमोशन मिला, उसने खूब जश्न मनाया। लेकिन फिर अगले ही महीने उसकी नौकरी चली गई। वाकई, चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात।

106. मुहावरा – वाह वाह करना
अर्थ: “वाह वाह करना” का अर्थ होता है किसी की प्रशंसा करना या किसी के कार्य या बातों की सराहना करना। यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी की बुद्धिमत्ता, कला, या अन्य प्रतिभा की तारीफ कर रहा हो।
प्रयोग: आज के डिजिटल युग में, “वाह वाह करना” अक्सर सोशल मीडिया पर देखने को मिलता है, जहाँ लोग अपने मित्रों या प्रसिद्ध व्यक्तित्वों की पोस्ट पर प्रशंसात्मक कमेंट्स के रूप में इसका प्रयोग करते हैं।
उदाहरण:जब पूजा ने अपनी कविता सुनाई, सभी श्रोताओं ने वाह वाह की।

107. मुहावरा – अंगारे उगलना
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा संबंध गुस्से और आक्रोश से है। ‘अंगारे उगलना’ का शाब्दिक अर्थ है – क्रोध की अत्यधिक अवस्था में ऐसे शब्द बोलना जो अंगारों की तरह जलते हुए और हानिकारक हों। यह मुहावरा आमतौर पर नकारात्मक भावनाओं की अभिव्यक्ति के लिए प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: ‘अंगारे उगलना’ जैसे मुहावरे हमें भाषा की शक्ति और शब्दों के प्रभाव की याद दिलाते हैं। यह मुहावरा यह भी दर्शाता है कि कैसे कठोर शब्द और क्रोध दूसरों पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। इसलिए, यह महत्वपूर्ण है कि हम संवाद करते समय संयम और समझदारी बरतें।
उदाहरण:बैठक के दौरान, मैनेजर ने टीम के प्रदर्शन पर अंगारे उगले।

108. मुहावरा – अंगूर खट्टे होना
अर्थ: ‘अंगूर खट्टे होना’ मुहावरे का अर्थ है कि जब किसी व्यक्ति को कोई चीज नहीं मिलती, या वह किसी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता, तो वह उस चीज की बुराई करने लगता है या उसमें कमी निकालने लगता है।
प्रयोग: मान लीजिए एक व्यक्ति किसी उच्च पद के लिए साक्षात्कार देता है, लेकिन चयनित नहीं होता। बाद में वह कहता है कि वह तो चाहता ही नहीं था कि वह नौकरी मिले क्योंकि उसमें बहुत अधिक काम का बोझ है। यहां वह ‘अंगूर खट्टे होने’ का प्रदर्शन कर रहा है।

109. मुहावरा – अंतर के पट खोलना
अर्थ: ‘अंतर के पट खोलना’ का अर्थ होता है मन के भावों को प्रकट करना या छिपे हुए इरादों को सामने लाना।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यक्तिगत संवाद, साहित्यिक कृतियों, रंगमंच और फिल्मों में पात्रों की आंतरिक स्थिति को प्रकट करने के लिए प्रयोग होता है।
उदाहरण:जब अभय ने अपने विचार खुलकर सबके सामने रखे, तो सभी को समझ में आया कि वह क्यों उस निर्णय पर पहुंचा – वास्तव में उसने ‘अंतर के पट खोल’ दिए थे।

110. मुहावरा – अंधेर नगरी चौपट्ट राजा
अर्थ: इस मुहावरे का इस्तेमाल आमतौर पर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां नेतृत्व की कमी या निर्णय लेने में अयोग्यता के कारण समाज में अराजकता और भ्रष्टाचार पनपता है। यह उस समय को भी दर्शाता है जब कानून और न्याय की जगह भ्रष्टाचार और मनमानी चलती हो।
प्रयोग: इसका उपयोग विशेष रूप से तब किया जाता है जब सरकार या नेता जनता के हित की अनदेखी करते हुए, स्वार्थी और अविवेकी निर्णय लेते हैं जिससे समाज के सभी वर्गों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
उदाहरण:“जब से नया प्रशासन आया है, शहर की स्थिति ‘अंधेर नगरी चौपट राजा’ जैसी हो गई है, जहां नियम और कानून का कोई मोल नहीं रहा।”

111. मुहावरा – अपनी करनी पार उतरनी
अर्थ: ‘अपनी करनी पार उतरनी’ का अर्थ होता है कि व्यक्ति को अपने किए गए कर्मों का परिणाम स्वयं भोगना पड़ता है। यह विचार जीवन में न्याय और धर्म की अवधारणा पर आधारित है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति के कर्मों का सीधा प्रतिफल उसे देखने को मिलता है। यदि कोई व्यक्ति अच्छे काम करता है, तो उसे अच्छा परिणाम प्राप्त होता है और यदि वह बुरे काम करता है, तो उसे बुरा परिणाम सहना पड़ता है।
उदाहरण:अनेक कहानियां और पुराणिक कथाएँ हैं जो ‘अपनी करनी पार उतरनी’ के मुहावरे को चरितार्थ करती हैं। महाभारत, रामायण जैसे महाकाव्यों में भी कर्मों के फल की गाथाएँ बहुतायत से मिलती हैं।

112. मुहावरा – अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जब एक बार अवसर चूक जाए, तो बाद में पछताने से क्या फायदा? यह मुहावरा किसान और खेतों की परिस्थिति से उपजा है, जहां किसान ने अपने खेतों की रक्षा के लिए उपाय नहीं किए और चिड़िया फसल को नुकसान पहुंचा देती है। जब फसल खराब हो जाती है, तब किसान के पछताने से फसल वापस नहीं आती।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति महत्वपूर्ण अवसर खो देता है और बाद में पछताता है। इसे उस समय भी प्रयोग किया जा सकता है जब किसी को सावधानीपूर्वक कदम उठाने की आवश्यकता होती है, ताकि भविष्य में पछतावा न हो।
उदाहरण:“तुम्हें उस समय परीक्षा की तैयारी कर लेनी चाहिए थी, अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।”

113. मुहावरा – अरमान निकालना
अर्थ: ‘अरमान निकालना’ मुहावरे का अर्थ है किसी लंबे समय से दबी हुई इच्छा या आकांक्षा को पूरा करना। जब किसी व्यक्ति की कोई गहरी इच्छा होती है और वह किसी कारणवश उसे पूरा नहीं कर पाता, तो जब वह अवसर प्राप्त होता है और वह अपनी इच्छा को पूरा करता है, तो कहते हैं कि उसने अपने अरमान निकाल लिए।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब होता है जब किसी व्यक्ति को बहुत समय के बाद कोई मनचाहा अवसर मिलता है और वह उसका लाभ उठाकर अपनी किसी पुरानी इच्छा को सिद्ध करता है।
उदाहरण:“अभय ने बचपन से ही पायलट बनने का सपना देखा था और जब उसे विमान उड़ाने का मौका मिला, तो उसने अपने अरमान निकाल लिए।”

114. मुहावरा – आँख उठाकर न देखना
अर्थ: इस मुहावरे का वास्तविक अर्थ है किसी व्यक्ति या वस्तु को इतना तिरस्कार करना कि उस पर नजर तक न डाली जाए।
प्रयोग: इसका प्रयोग तब किया जाता है जब कोई इंसान किसी अन्य व्यक्ति को कोई महत्व नहीं देना चाहता, या फिर जब कोई व्यक्ति अपनी दृष्टि से किसी चीज़ या व्यक्ति को पूरी तरह नजरअंदाज कर रहा हो।
उदाहरण:राहुल ने अपने गाँव के लोगों की बात को इतना हल्के में लिया कि उसने उनकी ओर आँख उठाकर भी न देखा।

115. मुहावरा – आँख का अंधा गाँठ का पूरा
अर्थ: “आँख का अंधा” से आशय है कि व्यक्ति की समझ या ज्ञान में कमी है, और “गाँठ का पूरा” से तात्पर्य है कि उसकी जेब हमेशा पैसों से भरी रहती है। इस तरह, यह मुहावरा उन लोगों के लिए प्रयुक्त होता है जो शायद समझदारी के मामले में पिछड़े हों, परंतु वित्तीय रूप से संपन्न होते हैं।
प्रयोग: समाज में अक्सर हम देखते हैं कि कुछ व्यक्ति बुद्धि और चतुराई में कम परंतु धन के मामले में अत्यधिक समृद्ध होते हैं। ऐसे लोगों की धन संपदा का अच्छा उपयोग न हो पाना या उनकी समृद्धि के बावजूद समाज में उनके योगदान का अभाव होना, इस मुहावरे की वास्तविकता को दर्शाता है।
उदाहरण:अनुज भले ही शिक्षा में अव्वल नहीं हैं, लेकिन उनके व्यवसाय की सफलता ने सभी को चौंका दिया है। वह एक प्रत्यक्ष उदाहरण हैं कि कैसे “आँख का अंधा गाँठ का पूरा” व्यक्ति भी समाज में अपना स्थान बना सकता है।

116. मुहावरा – आग में कूदना
अर्थ: ‘आग में कूदना’ मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी आग में स्वेच्छा से कूद पड़ना। परंतु, लाक्षणिक रूप से इसका प्रयोग किसी ऐसे कार्य के लिए होता है जो अत्यंत जोखिम भरा होता है या जिसमें नुकसान की संभावना अधिक होती है।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति बिना परिणाम की परवाह किए बड़ा जोखिम लेता है, तब हम कहते हैं कि वह ‘आग में कूद रहा है।’ उदाहरण के लिए, यदि कोई नया उद्यमी बिना बाजार के रुझान को समझे अपनी सारी पूँजी एक नए व्यापार में लगा देता है, तो यह कहा जा सकता है कि वह ‘आग में कूद गया है।’
उदाहरण:कोई व्यक्ति बिना पूरी जानकारी के किसी विवाद में पड़ जाता है, तो उसे भी ‘आग में कूदना’ कहा जा सकता है

117. मुहावरा – आगे कुआँ पीछे खाई
अर्थ: “आगे कुआँ पीछे खाई” मुहावरे का अर्थ है कि किसी भी दिशा में कदम बढ़ाने पर समस्याएँ हैं और व्यक्ति किसी भी प्रकार की समस्या से मुक्त नहीं हो पाता। यह एक ऐसी स्थिति का वर्णन करता है जहाँ चुनौतियाँ सभी ओर से आ रही हों।
प्रयोग: इसका शाब्दिक अर्थ है कि एक ओर कुआँ है और दूसरी ओर खाई, यानी व्यक्ति दो ऐसी समस्याओं के बीच में है जहाँ से बचने के लिए उसके पास कोई स्पष्ट रास्ता नहीं है।
उदाहरण:जब व्यक्ति अपने काम और व्यक्तिगत जीवन के बीच संघर्ष कर रहा हो।

118. मुहावरा – आधा तीतर आधा बटेर
अर्थ: यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति या वस्तु किसी भी श्रेणी में पूर्णतया फिट नहीं बैठता, या जब किसी चीज़ के दो पहलू बिल्कुल भिन्न हों।
प्रयोग: यदि कोई छात्र विज्ञान और कला दोनों विषयों में सामान रूप से औसत प्रदर्शन करता है, तो उसे आधा तीतर आधा बटेर कहा जा सकता है।
उदाहरण:सुधीर की दुकान आधा रेस्तरां आधा किराना स्टोर है, जिससे ग्राहक कई बार भ्रमित हो जाते हैं। वाकई उसकी दुकान “आधा तीतर आधा बटेर” लगती है।

119. मुहावरा – आव देखा न ताव
अर्थ: “आव देखा न ताव” मुहावरे का अर्थ है किसी भी चीज़ को करने से पहले उसके नतीजे या अन्य पहलुओं पर विचार न करना। इसका प्रयोग आमतौर पर उन स्थितियों में होता है जहाँ कोई व्यक्ति अविवेकपूर्ण या आवेगी निर्णय लेता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जा सकता है जब कोई बिना गंभीरता से सोचे तुरंत कोई कदम उठा लेता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति बिना नौकरी के विकल्पों पर विचार किए अपनी नौकरी छोड़ देता है, तो हम कह सकते हैं कि “उसने तो ‘आव देखा न ताव’, बस नौकरी से इस्तीफा दे दिया।”
उदाहरण:अनुज ने आव देखा न ताव बस विकास को पीटने लगा।

120. मुहावरा – आसमान से गिरा खजूर में अटका
अर्थ: जब कोई एक मुसीबत से बचने के चक्कर में दूसरी बड़ी मुसीबत में पड़ जाता है।
प्रयोग: स मुहावरे का प्रयोग किसी ऐसी दुर्घटना या अनपेक्षित समस्या के विवरण में किया जाता है जहां व्यक्ति किसी बुरी परिस्थिति से बचने के लिए कदम उठाता है, परन्तु वह कदम उसे एक और गंभीर संकट में डाल देता है।
उदाहरण:“राम ने जब अपने छोटे व्यापार की समस्या से बचने के लिए बड़ा कर्ज लिया, तो अब वह कर्ज की चक्रवृद्धि ब्याज में फंस गया है।”

121. मुहावरा – इधर की उधर करना
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा संबंध चुगलखोरी से है। जब कोई व्यक्ति दो पक्षों की बातें एक-दूसरे तक पहुंचाता है और अक्सर इसे मसाला लगाकर पेश करता है, तो वह “इधर की उधर करने” का दोषी होता है।
प्रयोग: इसका अर्थ है कि एक व्यक्ति जो कुछ भी सुनता है, उसे दूसरों तक इस तरह पहुँचाता है कि वह सूचना की मूल भावना या अर्थ को बदल दे।
उदाहरण:“पूजा हमेशा इधर की उधर करती रहती है, जिससे दोस्तों में गलतफहमी हो जाती है।”

122. मुहावरा – उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई
अर्थ: इस मुहावरे का संपूर्ण भाव यह है कि एक बार जब किसी की इज़्ज़त खो जाती है, तो फिर उसे ज्यादा फर्क नहीं पड़ता।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग किसी ऐसे व्यक्ति के संदर्भ में किया जा सकता है जिसने अपनी प्रतिष्ठा खो दी हो, और जिसके बारे में अब और कुछ कहने या करने की जरूरत ना हो। यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग में लाया जाता है जब किसी के चरित्र पर लगे आरोप के बाद उसकी सामाजिक स्थिति गिर जाती है और वह बेफिक्र हो जाता है ।
उदाहरण:अभय की गलतियों के कारण उसकी सामाजिक स्थिति ख़राब हो गई है. अब वह कहता है की “उतर गई लोई तो क्या करेगा कोई”।

123. मुहावरा – उन्नीस-बीस का अंतर होना
अर्थ: यह मुहावरा हिन्दी भाषा में बेहद प्रचलित है और इसका इस्तेमाल आमतौर पर तब किया जाता है जब दो वस्तुओं, व्यक्तियों, अवस्थाओं या परिस्थितियों में मामूली अंतर हो। उन्नीस (19) और बीस (20) में सिर्फ एक अंक का ही अंतर है, जिसका प्रतीकात्मक अर्थ लेकर यह मुहावरा बना है जो बताता है कि दो चीजों के बीच नगण्य या बहुत कम भेद है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उस समय किया जाता है जब हमें दो समान रूप से अच्छे या समान रूप से कमी वाले विकल्पों में से चुनना होता है। उदाहरण के लिए, यदि दो खिलाड़ी लगभग समान प्रदर्शन करते हैं, तो कोच कह सकता है कि “इन दोनों के प्रदर्शन में उन्नीस-बीस का ही अंतर है।”
उदाहरण:इन दो रेस्तरां की बिरयानी चखकर देखो, दोनों में उन्नीस-बीस का ही फर्क होगा।

124. मुहावरा – उल्टी पट्टी पढ़ाना
अर्थ: “उल्टी पट्टी पढ़ाना” मुहावरे का अर्थ होता है किसी को गलत जानकारी देकर या भ्रमित करके उसकी सोच को विपरीत दिशा में मोड़ देना। यह मुहावरा अक्सर उस स्थिति में प्रयोग होता है जब कोई व्यक्ति जान-बूझकर दूसरों को भ्रामक तथ्य प्रस्तुत करता है।
प्रयोग: अगर कोई शिक्षक छात्रों को इस प्रकार की शिक्षा दे जो उनके विकास में सहायक न हो, तो कहा जा सकता है कि शिक्षक छात्रों को “उल्टी पट्टी पढ़ा रहे हैं”।
उदाहरण:मान लीजिए एक व्यापारी अपने ग्राहकों को गलत जानकारी देता है ताकि वे उसके महंगे उत्पाद खरीदें, तो यह कहा जाएगा कि व्यापारी ग्राहकों को “उल्टी पट्टी पढ़ा रहा है”।

125. मुहावरा – एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा
अर्थ: इसका अर्थ है कि एक बुरी स्थिति में पहले से ही जूझ रहे होते हैं, और फिर एक और नकारात्मक परिस्थिति उसमें जुड़ जाती है। करेला स्वयं में कड़वा होता है और जब उस पर नीम की पत्तियों का लेप लगा दिया जाए, जो कि स्वयं में और भी कड़वी होती हैं, तो स्थिति और भी अधिक कष्टकारी हो जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल आमतौर पर उन परिस्थितियों में किया जाता है, जब एक व्यक्ति पहले से ही किसी कठिनाई या नकारात्मक स्थिति में होता है, और तब कोई और विपत्ति उस पर आ पड़ती है।
उदाहरण:“अभय की पहले से ही कुछ वित्तीय समस्याएँ थीं, और ऊपर से उसकी कार भी खराब हो गई, सच में ‘एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा’ वाली स्थिति हो गई।”

126. मुहावरा – उल्टे बांस बरेली को
अर्थ: ‘उल्टे बांस बरेली को’ मुहावरे का अर्थ है किसी कार्य को उसके उचित प्रकार से विपरीत या अनुचित तरीके से करना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी काम को उस तरह से न करके बिल्कुल विपरीत कर देता है जैसा कि उसे करना चाहिए था, जिससे काम बिगड़ जाता है या उसका कोई लाभ नहीं होता।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को अपने कार्य क्षेत्र में या किसी विशेष स्थिति में सही कार्य करने की बजाय उल्टा या गलत कार्य करते देखा जाता है।
उदाहरण:यदि कोई व्यक्ति रसोई में बर्तन धोने की बजाय उन्हें और अधिक गंदा कर दे, तो यह कहा जा सकता है कि उसने ‘उल्टे बांस बरेली को’ का काम किया है।

127. मुहावरा – एक लाठी से हाँकना
अर्थ: “एक लाठी से हाँकना” का अर्थ होता है किसी भी समूह के सभी सदस्यों के साथ एक जैसा व्यवहार करना, चाहे वे अच्छे हों या बुरे।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति या प्रणाली सभी को एक ही तरह से जांचती या संभालती है, बिना किसी को विशेष मान्यता या उपचार दिए।
उदाहरण:स्कूल में अध्यापक सभी बच्चों को ‘एक लाठी से हाँकते हैं’, चाहे वह अध्ययन में होशियार हो या कमजोर।

128. मुहावरा – ऐरा गैरा नत्थू खैरा
अर्थ: “ऐरा गैरा नत्थू खैरा” मुहावरे का अर्थ है ऐसे व्यक्ति जो सामान्य हों, जिनका कोई विशेष महत्व न हो या जो अप्रसिद्ध हों। इसका प्रयोग कभी-कभी थोड़े निंदात्मक अर्थ में भी किया जाता है जैसे किसी को हेय दृष्टि से देखना।
प्रयोग: “ऐरा गैरा नत्थू खैरा” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि समाज में हर व्यक्ति की अपनी एक जगह होती है, और हर किसी की अपनी विशिष्टता होती है।
उदाहरण:“इस महत्वपूर्ण मीटिंग में ‘ऐरा गैरा नत्थू खैरा’ को नहीं बुलाया जाता।”

129. मुहावरा – कंधे से कंधा मिलाना
अर्थ: “कंधे से कंधा मिलाना” का अर्थ है साथ देना, सहयोग करना या किसी का साथी बनकर उसके संघर्ष में उसके साथ खड़ा होना।
प्रयोग: जब किसी को दर्शाना हो कि वह किसी दूसरे की सहायता कर रहा है या किसी के संघर्ष में उसके साथ खड़ा है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:जब गाँव में सूखा पड़ा, तो सुभाष ने अपने पड़ोसी के साथ “कंधे से कंधा मिला” कर पानी की खोज में मदद की।

130. मुहावरा – कलई खुलना
अर्थ: ‘कलई खुलना’ का मुख्य अर्थ है किसी का राज या गुप्त बातें प्रकट हो जाना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी या दूसरों की गुप्त जानकारियां बाहर आ जाती हैं तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:जब सभी लोगों के सामने अनुभव के किये गए घोटाले पकड़े गए, तो उसे समझ में आ गया कि उसकी ‘कलई खुल चुकी’ है।

131. मुहावरा – कलंक का टीका लगाना
अर्थ: “कलंक का टीका लगाना” मुहावरे का सीधा अर्थ है किसी पर दोष आरोपित करना या किसी की प्रतिष्ठा को धूमिल करना। जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की छवि को खराब करने के लिए झूठे आरोप लगाता है तो कहा जाता है कि उसने उस पर “कलंक का टीका लगा दिया”।
प्रयोग: जब किसी को बिना सबूत और तथ्यों के आधार पर झूठा आरोप लगाया जाता है तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:अभय ने अपने प्रतिस्पर्धी पर बिना किसी सबूत के धन घोटाले का आरोप लगा दिया, जिससे उसने उसकी छवि में “कलंक का टीका” लगा दिया।

132. मुहावरा – कलेजा छलनी होना
अर्थ: “कलेजा छलनी होना” इस मुहावरे का अर्थ है अत्यधिक दुःखी होना या अधिक परेशानी महसूस करना। जैसे छलनी में अनेक छेद होते हैं, ठीक वैसे ही किसी के मन में बहुत सारी बातें होती हैं जो उसे परेशान करती हैं।
प्रयोग: जब किसी की मासूम भावनाओं का सम्मान नहीं किया जाता या वह किसी बड़ी समस्या का सामना कर रहा हो, तो उसकी स्थिति को व्यक्त करने के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:अनुज के पिता की मौत के बाद उसका कलेजा छलनी हो गया।

133. मुहावरा – कसौटी पर खरा उतरना
अर्थ: जैसा कि हम जानते हैं कि ‘कसौटी’ एक परीक्षण या चुनौती का संकेत है, इस मुहावरे में ‘खरा उतरना’ का अर्थ है सफलता पाना। इसलिए, जब कोई व्यक्ति कहता है कि वह ‘कसौटी पर खरा उतरा’, इसका मतलब है कि वह किसी परीक्षण में सफल रहा है।
प्रयोग: जब किसी को उसकी कठिनाइयों और चुनौतियों का सामना करते हुए सफलता मिलती है और वह अपने आप को सही साबित करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:अभय ने अपने व्यापार में कई चुनौतियों का सामना किया, लेकिन अंत में उसने सफलता पाई। उसके दोस्त ने कहा, “अभय, तुम वाकई ‘कसौटी पर खरे उतरे’।”

134. मुहावरा – का वर्षा जब कृषि सुखानी
अर्थ: “का वर्षा जब कृषि सुखानी” यह मुहावरा तब प्रयुक्त होता है, जब किसी बात की महत्वपूर्णता का समय निकल चुका हो और अब वह बात अधिक महत्वपूर्ण नहीं रही हो।
प्रयोग: जब कोई चीज या सहायता जरूरत से ज्यादा देर बाद आती है और अब वह चीज या सहायता किसी काम की नहीं रहती, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:अनन्य को परीक्षा में पास होने के लिए गाइड चाहिए थी। लेकिन जब उसके मित्र ने उसे गाइड दी, तब परीक्षा समाप्त हो चुकी थी। अनन्य ने कहा, “अब इस गाइड का क्या काम, यह तो ‘का वर्षा जब कृषि सुखानी’ हो गया।”

135. मुहावरा – काठ का उल्लू
अर्थ: ‘काठ का उल्लू’ यह मुहावरा उस व्यक्ति के लिए प्रयुक्त होता है जो अज्ञानी या मूर्ख होता है।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को उसकी भूल या मूर्खता का अहसास कराया जाए, तब यह मुहावरा प्रयुक्त हो सकता है।
उदाहरण:प्रथम अपनी किताबें घर भूल आया। शुभ ने उससे कहा, “तू तो सचमुच काठ का उल्लू है!”

136. मुहावरा – काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती
अर्थ: ‘काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती’ यह मुहावरा दर्शाता है कि एक ही तरीके, चाल या झूठ से किसी को बार-बार धोखा नहीं दिया जा सकता।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने किसी अन्य व्यक्ति को एक झूठ या चाल से धोखा दिया हो, और फिर उसी तरीके से उसे फिर से धोखा देने की कोशिश करे, तो उसे यह कहा जा सकता है कि “काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती”।
उदाहरण:विनीत ने सुधीर को एक झूठी कहानी सुनाई और उससे पैसे ले लिए। जब वह दोबारा उसी तरह से पैसे मांगने पहुँचा, तो सुधीर ने कहा, “काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती, विनीत!”

137. मुहावरा – कानों कान खबर न होना
अर्थ: ‘कानों कान खबर न होना’ एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है किसी बात का पता न चलना या किसी को किसी बारे में जानकारी न होना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब हम चाहते हैं कि किसी विषय पर हमारी जानकारी गुप्त रहे या कोई बात किसी को न पता चले। उदाहरण स्वरुप, अगर हम चाहते हैं कि हमारा एक रहस्य सुरक्षित रहे और किसी को पता न चले, तो हम कह सकते हैं, “इस बारे में किसी को भी कानों कान खबर नहीं होनी चाहिए।”
उदाहरण:अमन ने अंश से कहा, “मैं तुम्हें एक बड़ा रहस्य बता रहा हूँ, लेकिन इसके बारे में किसी को कानों कान खबर नहीं होनी चाहिए।”

138. मुहावरा – किस खेत की मूली
अर्थ: ‘किस खेत की मूली’ एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ है किसी व्यक्ति या वस्तु की अहमियत या मूल्य को नकारते हुए उसे तुच्छ या बहुत छोटा मानना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति को उसकी कमजोरी या शक्तिहीन होने का इशारा किया जाता है। जैसे कि अगर किसी व्यक्ति ने बिना किसी अधिकार या शक्ति के कोई कार्य किया हो और उससे सवाल किया जाए, तो कह सकते हैं, “तुम किस खेत की मूली हो, जो यह निर्णय ले रहे हो?”
उदाहरण:विशाल ने अपने छोटे भाई विकास से कहा, “तुम अभी पढ़ाई कर रहे हो, तुम्हें व्यापार के बारे में क्या पता? तुम किस खेत की मूली हो?”

139. मुहावरा – कीचड़ उछालना
अर्थ: किसी के प्रति बिना आधार के आरोप लगाना या उसकी बदनामी करने की कोशिश करना।
प्रयोग: कई बार लोग अपनी नाराजगी या जलन को छुपाने के लिए दूसरों पर बिना सोचे-समझे आरोप लगा देते हैं, जिसे हम ‘कीचड़ उछालना’ कहते हैं।
उदाहरण:विकास ने अनुज पर बिना ठोस सबूत के चोरी का आरोप लगा दिया, जिससे सुभाष की बदनामी हुई। इसे ही लोग ‘कीचड़ उछालना’ कहते हैं।

140. मुहावरा – कौआ चला हंस की चाल
अर्थ: जब कोई व्यक्ति दूसरे की नकल उतारने का प्रयास करता है, पर वह असफल होता है और अपनी असली पहचान छुपाने में विफल होता है।
प्रयोग: अगर कोई व्यक्ति दूसरे की तरह बनने, बोलने या व्यवहार करने की कोशिश करता है पर असफल रहता है, तो इस स्थिति में यह मुहावरा प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:अनुभव ने नई कंपनी में अपने सीनियर की तरह व्यवहार करने की कोशिश की, पर वह असफल रहा। लोगों ने उससे कहा, “कौआ चला हंस की चाल”।

141. मुहावरा – खाली दिमाग शैतान का घर
अर्थ: जब किसी का मन खाली होता है या वह बेकार बैठा होता है, तो उसके मन में गलत विचार आने लगते हैं। यह मुहावरा इसे ही प्रकट करता है कि अकेलेपन और फुर्सत में बैठना अच्छा नहीं होता।
प्रयोग: अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक बेरोजगार रहता है या उसके पास कोई काम-धंधा नहीं होता, तो लोग कहते हैं, “खाली दिमाग शैतान का घर” होता है।
उदाहरण:जब से अभय की नौकरी गयी है तब से वह दिन भर खली बैठा रहता है, उसे समझाओ भाई खली दिमाग शैतान का घर होता है।

142. मुहावरा – खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे
अर्थ: जब कोई व्यक्ति अपनी भूल, असफलता या अन्य किसी बात की वजह से गुस्सा हो जाता है और वह उस गुस्से को और किसी अन्य चीज़ पर निकालता है, तो उस स्थिति को इस मुहावरे के माध्यम से व्यक्त किया जाता है।
प्रयोग: ‘खिसियानी बिल्ली खंबा नोचे’ इस मुहावरे में बिल्ली उस व्यक्ति को दर्शाती है जो अपनी असफलता या भूल के कारण गुस्सा होती है, और खंबा वह अज्ञात वस्तु होती है जिस पर वह व्यक्ति अपने गुस्से को निकालना है।
उदाहरण:जैसे अगर कोई कर्मचारी अपने बॉस से डांट खाता है और फिर वह गुस्सा अपने जूनियर पर निकालता है, तो उस स्थिति में कहा जा सकता है – “अरे, तुम तो खिसियानी बिल्ली की तरह खंबा नोच रहे हो।”

143. मुहावरा – गया मर्द जो खाई खटाई, गई नार जो खाई मिठाई
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि अत्यधिक खटाई पुरुषों के लिए हानिकारक है और अधिक मिठाई महिलाओं के लिए हानिकारक है।
प्रयोग: यह मुहावरा उस समय का संकेत करता है जब लोग ख़ासतौर पर पुराने समय में अपने खाने को लेकर सतर्क रहते थे। खटाई से यहाँ खट्टा खाना मुख्य रूप से कहा गया है, जैसे की अचार और चटनियाँ। अत्यधिक मिठाई से मधुमेह जैसी समस्याएं हो सकती हैं, जिसका संकेत इस मुहावरे से दिया गया है।
उदाहरण:“अरे अमन, तुम तो हर दिन अचार खा रहे हो। क्या तुमने वह मुहावरा नहीं सुना ‘गया मर्द जो खाई खटाई’?”

144. मुहावरा – गरीब की लुगाई सबकी भौजाई
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जो व्यक्ति या संस्था कमजोर होती है, उस पर हर कोई अपना अधिकार जताने की कोशिश करता है या उसे अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल करता है।
प्रयोग: अगर किसी गरीब व्यक्ति को उसके अधिकारों की जानकारी नहीं होती, तो उस पर अक्सर अमीर और शक्तिशाली लोग अपना अधिकार जताने का प्रयास करते हैं। उसकी ज़मीन, उसकी सम्पत्ति, उसके संसाधन – सभी चीज़ों पर अन्य लोग अपना हक़ जताने की कोशिश करते हैं।
उदाहरण:मान लीजिए एक गाँव में एक गरीब किसान है जिसके पास थोड़ी ज़मीन है। वह ज़मीन पर अपनी मेहनत से कृषि करता है। लेकिन गाँव के एक अमीर व्यक्ति ने उसकी ज़मीन पर अपना हक़ जताने की कोशिश की। वह सोचता है कि गरीब किसान उसके खिलाफ आवाज नहीं उठा सकता, इसलिए उसे उसकी ज़मीन पर कब्जा करने में कोई परेशानी नहीं होगी।

145. मुहावरा – घर का भेदी लंका ढाए
अर्थ:इस मुहावरे का अर्थ है कि घर का ही आदमी ही अपने घर या परिवार को नुकसान पहुंचा सकता है। जब किसी परिवार के सदस्य को परिवार से कुछ विवाद या मतभेद होता है, तो वह सदस्य परिवार के भीतरी राज और सीक्रेट्स को बाहर लाकर परिवार को नुकसान पहुंचा सकता है।
प्रयोग: किसी परिवार में अगर आपसी मतभेद होते हैं, तो सदस्यों को चाहिए कि वे उसे आपस में ही हल करें। अगर किसी एक सदस्य ने परिवार की गोपनीय बातों को बाहर लाकर बता दिया, तो पूरे परिवार की इज्जत खो सकती है।
उदाहरण:रावण ने विभीषण की सलाह को अनदेखा किया था, जिससे वह राम के पक्ष में चला गया और रावण की हार में अहम भूमिका निभाई। विभीषण ने राम को रावण की कमजोरी बताई, जिससे रावण का वध हुआ।

146. मुहावरा – घर की मुर्गी दाल बराबर
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जिस तरह से घर की मुर्गी को देखकर लगता है कि वह सामान्य है और उसकी महत्व को नकारा जाता है, वैसे ही हम अक्सर जो चीजें या व्यक्तियों को रोजाना देखते हैं, उनका महत्व कम समझते हैं।
प्रयोग: अगर किसी परिवार में पति अपनी पत्नी के प्रति उसके कामकाज या क्षमताओं की उपेक्षा करता है, क्योंकि वह उसे रोज देखता है, तो हम कह सकते हैं कि “वह अपनी पत्नी को घर की मुर्गी दाल बराबर मानता है।”
उदाहरण:‘घर की मुर्गी दाल बराबर’ मुहावरा विशेष रूप से उस समय प्रयोग होता है जब हम अपने घर या परिवार में किसी व्यक्ति की महत्व को अनदेखा करते हैं। यह एक ऐसा मुहावरा है जो हमें यह सिखाता है कि हमें कभी भी अपने प्रियजनों या अपने घर की चीजों का महत्व समझना चाहिए और उन्हें उपेक्षित नहीं करना चाहिए।

147. मुहावरा – चट मंगनी पट ब्याह
अर्थ: ‘चट मंगनी पट ब्याह’ एक प्रमुख हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी कार्य को तेजी से और बिना किसी देरी के पूरा करना। मूल रूप में इसका संबंध तेजी से होने वाली सगाई और शादी से है, लेकिन इसे किसी भी तेजी से पूरा होने वाले कार्य के संदर्भ में भी प्रयोग किया जा सकता है।
प्रयोग: अगर किसी ने अपने कार्य को तेजी से और अच्छी तरह से समाप्त कर लिया है, तो हम कह सकते हैं कि उसने उस कार्य को ‘चट मंगनी पट ब्याह’ किया।
उदाहरण:अनुज ने होने प्रोजेक्ट को सिर्फ एक हफ्ते में पूरा कर लिया, जैसे चट मंगनी पट ब्याह।

148. मुहावरा – चने के झाड़ पर चढ़ाना
अर्थ: किसी को अधिक महत्व देना या उसे अधिक प्रशंसा करना, जिसकी वह हकदार नहीं है। जब हम किसी व्यक्ति या चीज की अधिक तारीफ करते हैं जिसका वास्तविक में उतना महत्व नहीं होता, तो हम उसे “चने के झाड़ पर चढ़ाना” कहते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा वहां प्रयोग होता है जहां किसी की अनुचित तारीफ हो रही हो। यदि किसी को लगता है कि किसी व्यक्ति या चीज की अधिक तारीफ हो रही है जिसका वास्तव में उतना महत्व नहीं है, तो वह इस मुहावरे का प्रयोग कर सकता है।
उदाहरण:अभय अच्छा गाता है, पर अनुभव ने तो उसकी इतनी तारीफ की कि अभय को लगने लगा की उससे बड़ा गायक तो हो ही नहीं सकता। वास्तविकता में, अनुभव अभय को “चने के झाड़ पर चढ़ा रहा है”।

150. मुहावरा – दाम सँवारे सारे काम
अर्थ:इस मुहावरे का अर्थ यह है कि वित्तीय संसाधन या धन की उपलब्धता से अधिकांश समस्याएं हल हो जाती हैं और काम आसानी से पूरे होते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां धन की भूमिका किसी समस्या के समाधान या किसी काम के सुचारू रूप से संपन्न होने में महत्वपूर्ण होती है।
उदाहरण:उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति को अपने घर की मरम्मत करवानी हो और उसके पास पर्याप्त धन हो, तो वह कह सकता है कि “दाम सँवारे सारे काम”, क्योंकि पैसे से वह आसानी से घर की मरम्मत करवा सकता है।

151. मुहावरा – दामन छोड़ना
अर्थ: “दामन छोड़ना” का अर्थ है किसी संबंध या स्थिति से पूरी तरह से अलग हो जाना, खासकर जब उस संबंध या स्थिति से कोई नकारात्मक प्रभाव या असहमति हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति नैतिकता, असहमति, या अन्य कारणों से किसी संबंध या स्थिति से खुद को अलग कर लेता है।
उदाहरण:उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति अपनी कंपनी की गलत नीतियों के कारण नौकरी छोड़ देता है, तो कहा जा सकता है कि उसने “कंपनी का दामन छोड़ दिया है”।

152. मुहावरा – दामन में दाग होना
अर्थ: “दामन में दाग होना” का अर्थ है किसी व्यक्ति के जीवन या चरित्र पर लगा एक ऐसा दाग जो उसकी प्रतिष्ठा को प्रभावित करता है। यह अक्सर किसी गलत काम या अपराध के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी के व्यवहार या कार्यों के कारण उसकी प्रतिष्ठा में कमी आई हो और उसे समाज में नीचा देखा जा रहा हो।
उदाहरण:उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यापारी धोखाधड़ी में पकड़ा जाता है, तो कहा जा सकता है कि “उसके दामन में दाग लग गया है”।

153. मुहावरा – दाल में नमक बराबर
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि दाल में नमक की मात्रा बहुत कम होती है। लाक्षणिक रूप से, यह दर्शाता है कि किसी बड़े संदर्भ या समग्र दृश्य में किसी छोटी चीज का योगदान या महत्व नगण्य है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम किसी बड़े समूह या संगठन में किसी व्यक्ति के छोटे योगदान को व्यक्त करना चाहते हैं। यह व्यक्त करता है कि वह व्यक्ति या चीज इतनी महत्वपूर्ण नहीं है कि उसके बिना काम नहीं चल सकता।
उदाहरण:उस बड़ी कंपनी में विशाल का योगदान ‘दाल में नमक बराबर’ है, वह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है।

154. मुहावरा – दाल-रोटी चलाना
अर्थ:यह मुहावरा जीवन के सरल और मौलिक तरीके से गुजारे जाने की बात करता है, जहां व्यक्ति के पास बहुत अधिक विलासिता या संसाधन नहीं होते, लेकिन वह अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर पाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन स्थितियों में प्रयोग होता है जहाँ व्यक्ति सीमित साधनों में अपना जीवन यापन कर रहा होता है। यह जीवन में सादगी और आत्मनिर्भरता की ओर इशारा करता है।
उदाहरण:अनुज शहर में अकेला रहता है और अपनी पढ़ाई के साथ-साथ जॉब भी करता है, वह बस दाल-रोटी चला कर अपना खर्चा उठा रहा है।

155. मुहावरा – दांतों में जीभ सा रहना
अर्थ: “दांतों में जीभ सा रहना” का अर्थ है किसी स्थिति या परिस्थिति में अत्यंत सावधान और संयमित रहना। यह दर्शाता है कि किसी भी परिस्थिति में विवेकपूर्ण और सोच-समझकर कार्य करना चाहिए।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां व्यक्ति को अपने शब्दों और क्रियाओं पर विशेष ध्यान देना पड़ता है, खासकर तब जब थोड़ी सी भी असावधानी बड़ी समस्या का कारण बन सकती है।
उदाहरण:एक उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति अपने बॉस के साथ बात कर रहा हो और उसे अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना हो, तब वह “दांतों में जीभ सा रहना” का अनुसरण कर रहा होता है।

156. मुहावरा – दाई से पेट छिपाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है उस व्यक्ति से कुछ छुपाने की असफल कोशिश करना, जो पहले से ही उस विषय के बारे में अच्छी तरह जानता है। यह व्यर्थ प्रयासों और आत्म-धोखे की भावना को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का अक्सर व्यंग्यात्मक तरीके से प्रयोग किया जाता है, जब किसी व्यक्ति को यह एहसास नहीं होता कि वह जिससे कुछ छुपा रहा है, वह व्यक्ति पहले से ही सब जानता है।
उदाहरण:मान लीजिए, एक कर्मचारी अपने बॉस से यह छुपा रहा है कि वह ऑफिस के समय में व्यक्तिगत कार्य कर रहा है, लेकिन बॉस पहले से ही इस बारे में जानते हैं। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि वह कर्मचारी “दाई से पेट छिपाने” की कोशिश कर रहा है।

157. मुहावरा – दान की बछिया के दाँत नहीं देखे जाते
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति आपको कुछ दान करता है, तो उस उपहार की आलोचना नहीं करनी चाहिए। दान में मिली वस्तु की कीमत या गुणवत्ता पर टिप्पणी करना अनुचित है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उस स्थिति में किया जाता है जब किसी को उपहार या दान में कुछ मिलता है और वे उसके बारे में शिकायत या आलोचना करते हैं।
उदाहरण:उदाहरण के तौर पर, यदि किसी ने आपको कोई पुरानी किताब दान में दी और आप उसके पन्नों की गुणवत्ता पर टिप्पणी करते हैं, तो यह कहा जा सकता है कि आप “दान की बछिया के दाँत देख रहे हैं”।

158. मुहावरा – दिल छोटा करना
अर्थ:इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी बात पर आहत या निराश होता है। यह अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ उम्मीदें पूरी नहीं होतीं या कोई अपेक्षा अधूरी रह जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग व्यक्तिगत और सामाजिक संदर्भों में किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी का मित्र उसकी मदद न करे तो वह कह सकता है कि “मैंने तो दोस्त से इतनी उम्मीद की थी, पर उसने मेरा दिल छोटा कर दिया।”
उदाहरण:मुनीश ने सोचा था कि उसका बॉस उसके काम की प्रशंसा करेगा, पर जब ऐसा नहीं हुआ तो उसका दिल छोटा हो गया।

159. मुहावरा – जहँ-जहँ चरण पड़े संतन के तहँ-तहँ बंटाधार
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जहाँ भी संत या महापुरुष के चरण पड़ते हैं, वहाँ विनाश या बर्बादी होती है। यह विडंबनापूर्ण भाव व्यक्त करता है क्योंकि सामान्यतः संतों के चरणों को पवित्र और कल्याणकारी माना जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी अच्छे या सम्मानित व्यक्ति के आने से अप्रत्याशित रूप से नुकसान या विपत्ति हो जाती है।
उदाहरण:जब से नए मैनेजर ने कार्यालय संभाला, कर्मचारियों की समस्याएँ बढ़ गई हैं। कहने को तो वे अनुभवी हैं, पर “जहँ-जहँ चरण पड़े संतन के तहँ-तहँ बंटाधार”।

160. मुहावरा – जंगल की आग की तरह फैलना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि किसी चीज का फैलाव जंगल में लगी आग की तरह तेजी से होना। यह अक्सर उन परिस्थितियों के लिए प्रयोग किया जाता है जो बहुत तेजी से बदल रही हों या विस्तार पा रही हों।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर समाचार, अफवाह, बीमारी, या अन्य सूचनाओं के तेजी से फैलने के संदर्भ में किया जाता है।
उदाहरण:सोशल मीडिया पर उस खबर ने “जंगल की आग की तरह फैलना” शुरू कर दिया था।

161. मुहावरा – चींटी के पर निकलना
अर्थ:अपने आपको बहुत महत्वपूर्ण समझना या अधिक घमंड करना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को छोटी-सी सफलता मिलती है और वह उसे बड़ा समझता है, तो उसके आचरण को व्यक्त करने के लिए “चींटी के पर निकलना” मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण:अनुभव ने थोड़ी सी सफलता पाई और उसके तो “पर निकल गए”।

162. मुहावरा – चूड़ियाँ पहनना
अर्थ: “चूड़ियाँ पहनना” मुहावरे का अर्थ होता है डरपोक या कायर बन जाना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति संकट में पड़कर अपनी कर्तव्य निर्वहन से पीछे हट जाता है।
उदाहरण:जब टीम को सबसे ज्यादा आवश्यकता थी, अनुज ने अचानक से मैच छोड़ दिया। टीम के अन्य सदस्यों ने उसे कहा, “तुमने चूड़ियाँ पहन ली हैं क्या?”

163. मुहावरा – चौकड़ी भरना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी कार्य को जल्दी और तेजी से पूरा करना। यहाँ “चौकड़ी” का संकेत तेजी से दौड़ने वाले घोड़ों की चौकड़ी से है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तेजी से काम करने या किसी कार्य में तेजी लाने के लिए किया जाता है।
उदाहरण:प्रोजेक्ट की समय सीमा नजदीक आ रही थी, इसलिए मैनेजर ने टीम से कहा कि वे अब चौकड़ी भरें ताकि प्रोजेक्ट समय पर पूरा हो सके।

164. मुहावरा – जंगल में मोर नाचा, किसने देखा
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि मोर जंगल में अपने रंगीन पंख फैलाकर नाच रहा है, परंतु वहां कोई भी उसे देखने के लिए मौजूद नहीं है। अतः, उसका प्रदर्शन बेमानी हो जाता है।
प्रयोग: जिसका उपयोग हम उस समय करते हैं जब कोई व्यक्ति अपनी प्रतिभा या क्षमता का प्रदर्शन किसी ऐसी जगह पर करता है जहाँ कोई उसे देखने वाला नहीं होता।
उदाहरण:पूजा ने अपने नए ड्रेस को जब वह सुनसान गली में पहना, तो अभय ने कहा, “जंगल में मोर नाचा, किसने देखा!”

165. मुहावरा – जल में रहकर मगर से बैर
अर्थ:“जल में रहकर मगर से बैर” का अर्थ है कि जब आप किसी शक्तिशाली या प्राधिकृत व्यक्ति के साथ एक ही परिप्रेक्ष्य में हैं, तो उससे दुश्मनी रखना उचित नहीं है।
प्रयोग: इस मुहावरे का मूल संदेश यह है कि जब हम किसी संस्थान, समाज या समुदाय में हैं, तो हमें उस जगह के प्रमुख व्यक्तियों से सम्झौता करना चाहिए और उनसे सहमत होना चाहिए।
उदाहरण:अभय ने अपने मैनेजर से बहस की, लेकिन वह समझ गया कि जल में रहकर मगर से बैर ठीक नहीं है, और उसने अपनी गलती मानकर माफी मांग ली।

166. मुहावरा – जहर उगलना
अर्थ: ‘जहर उगलना’ मुहावरे का अर्थ होता है – कटु या दुष्ट वचन बोलना। जब कोई व्यक्ति अप्रिय या अवशेषणीय शब्दों में बोलता है, तो उसे कहा जाता है कि वह ‘जहर उगल रहा है’।
प्रयोग: ‘जहर उगलना’ एक ऐसे ही मुहावरे का प्रतिनिधित्व करता है, जिसमें व्यक्ति अपनी नकारात्मक और विषाक्त भावनाओं को शब्दों के माध्यम से व्यक्त करता है।
उदाहरण:अनुज अधिकांश समय जहर उगलता रहता है, इसलिए उसके ज्यादा दोस्त नहीं हैं।

167. मुहावरा – जहाँ चाह वहाँ राह
अर्थ: “जहाँ चाह वहाँ राह” मुहावरे का सामान्य अर्थ है कि जब किसी के पास ठोस इच्छा और संकल्प होता है कुछ प्राप्त करने का, तो वह उसे पाने का मार्ग जरूर ढूंढ लेता है।
प्रयोग: “जहाँ चाह वहाँ राह” यह मुहावरा हमें यह दर्शाता है कि संघर्ष में आगे बढ़ने और अपने लक्ष्यों को प्राप्त करने की इच्छा शक्ति सबसे महत्वपूर्ण है। जब तक इच्छा शक्ति मजबूत है, तब तक कोई भी रास्ता नहीं बंद होता।
उदाहरण:अभय गरीब था पर उसकी इच्छा शक्ति ने उसे अपने लक्ष्य तक पहुंचाया। यहाँ पर भी कहा जा सकता है, “जहाँ चाह वहाँ राह”।

168. मुहावरा – जान बची तो लाखों पाए
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि अगर आपकी जान सुरक्षित है, तो आप फिर से सम्पत्ति बना सकते हैं। जान ही सबसे बड़ी संपत्ति है।
प्रयोग: “जान बची तो लाखों पाए” मुहावरा हमें जीवन की मौलिक बातों की याद दिलाता है। यह हमें सीख देता है कि जीवन के सामान्य संकटों में हार मानना नहीं चाहिए, क्योंकि जीवन में जब तक संघर्ष है, तब तक आशा है।
उदाहरण:जब विशाल उस दुर्घटना से बच गया, तो उसके मित्र ने कहा, “जान बची तो लाखों पाए।”

169. मुहावरा – जितने मुँह उतनी बातें
अर्थ:“जितने मुँह उतनी बातें” मुहावरे का अर्थ होता है कि हर व्यक्ति का अपना विचार और अपनी राय होती है। जैसे कि एक ही समस्या या प्रस्थिति पर विभिन्न लोग विभिन्न तरीके से सोचते हैं और अपनी अपनी राय व्यक्त करते हैं।
प्रयोग: हर व्यक्ति की उसके जीवन के अनुभव, उसकी शिक्षा, संस्कृति और उसकी सोच के आधार पर अपनी एक अलग पहचान और विचार होते हैं। इसलिए, जब भी एक समूह में चर्चा होती है, हर व्यक्ति अपनी अपनी राय रखता है। ‘जितने मुँह उतनी बातें’ मुहावरा इसी बात को प्रकट करता है कि हर व्यक्ति का अपना दृष्टिकोण होता है।
उदाहरण:परिवार में हो रही चर्चा में हर किसी का अपना अलग विचार था। माँ ने हंसते हुए कहा, “जितने मुँह उतनी बातें”।

170. मुहावरा – जी चुराना
अर्थ: ‘जी चुराना’ एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है – किसी कार्य, व्यक्ति, स्थल या परिस्थिति से दूर रहने की इच्छा करना। जब कोई व्यक्ति किसी चीज से बचने, उससे दूर रहने या उसे नकारने की सोचता है, तो उसे ‘जी चुराना’ कहा जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयुक्त होता है जब किसी का मन किसी कार्य में न हो, जैसे किसी कार्य से बचना, किसी स्थल से दूर रहना या किसी व्यक्ति से मिलना नहीं चाहना।
उदाहरण:विकास पार्टी में जाने से अपना जी चुरा रहा है, क्योंकि वह वहां लोगों से मिलना नहीं चाहता।

171. मुहावरा – जी तोड़ मेहनत करना
अर्थ: ‘जी तोड़ मेहनत करना’ का अर्थ होता है बहुत अधिक मेहनत और परिश्रम करना। जब कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधिकतम प्रयास और संघर्ष करता है, तो उसे कहते हैं कि वह ‘जी तोड़ मेहनत’ कर रहा है।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेष रूप से उन समयों में प्रयुक्त होता है जब किसी का काम या प्रयास सराहनीय होता है और जब हम चाहते हैं कि उसकी मेहनत की पहचान हो।
उदाहरण:अमन ने अपने परीक्षा में श्रेष्ठ अंक प्राप्त करने के लिए जी तोड़ मेहनत की।

172. मुहावरा – जैसा देश वैसा भेष
अर्थ: ‘जैसा देश वैसा भेष’ का सीधा अर्थ है कि जिस देश या स्थान में आप होते हैं, आपको उसी अनुसार अपना वेशभूषा और आचरण में बदलाव कर लेना चाहिए।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयुक्त होता है जब किसी को सलाह दी जाती है कि वह अपने आस-पास के परिवेश के अनुसार अपनी शैली और जीवनशैली में समायोजन करे।
उदाहरण:जब सुरेंद्र पंजाब की यात्रा पर गए, तो उन्होंने टर्बन पहनना शुरू किया। उन्हें समझ में आ गया था, ‘जैसा देश वैसा भेष’।

173. मुहावरा – जैसी करनी वैसी भरनी
अर्थ:‘जैसी करनी वैसी भरनी’ मुहावरे का अर्थ है कि व्यक्ति को उसके किए गए कर्मों का फल जरूर मिलता है। अगर वह अच्छा कार्य करता है तो उसे अच्छा परिणाम मिलता है और अगर वह बुरा कार्य करता है तो उसे बुरा परिणाम मिलता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयुक्त होता है जब किसी को उसके किए गए कर्मों का सीधा परिणाम मिलता है।
उदाहरण:सुभाष ने अपने मित्र की मदद की और जब उसे सहायता की जरूरत पड़ी, उसका मित्र भी उसके पास था। जैसी करनी वैसी भरनी।

174. मुहावरा – जैसे को तैसा
अर्थ: “जैसे को तैसा” मुहावरे का अर्थ है कि जैसा कोई व्यक्ति दूसरों के साथ व्यवहार करता है, वैसा ही वह फल पाता है या वैसा ही व्यवहार उसके साथ होता है। यह मुहावरा कर्म के सिद्धांत को प्रकट करता है।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को उसके किये गए अच्छे या बुरे कर्मों का परिणाम मिलता है, तब “जैसे को तैसा” मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:“अभय ने अपने दोस्त की मदद की थी और जब उसे जरूरत पड़ी, तो उसका दोस्त भी उसकी मदद को आया। जैसे को तैसा।”

175. मुहावरा – जो गरजते हैं वो बरसते नहीं
अर्थ: “जो गरजते हैं वो बरसते नहीं” मुहावरे का अर्थ है कि जो लोग बहुत अधिक डींगें मारते हैं या धमकाते हैं, वे आमतौर पर वास्तव में कुछ करने में सक्षम नहीं होते।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को देखकर लगे कि वह बहुत बड़े-बड़े दावे कर रहा है, लेकिन उसके पास उन दावों को साकार करने की ताकत नहीं है, तब हम इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैं।
उदाहरण:“अभय अक्सर अपने प्रोजेक्ट की बड़ी-बड़ी बातें करता है, लेकिन अब तक उसने प्रोजेक्ट पर कुछ भी नहीं किया। जैसा कि कहते हैं, जो गरजते हैं वो बरसते नहीं।”

176. मुहावरा – टका सा जवाब देना
अर्थ: ‘टका सा जवाब देना’ का अर्थ है सीधा-सीधा या स्पष्ट रूप से इंकार कर देना।
प्रयोग: जब किसी को किसी प्रस्ताव का सीधा और स्पष्ट तरीके से इंकार कर दिया जाए, तो हम कह सकते हैं कि उसने ‘टका सा जवाब’ दे दिया।
उदाहरण:“अभय ने विशाल के पार्टी में आने का आमंत्रण सुनते ही टका सा जवाब दिया कि वह उस दिन व्यस्त है।”

177. मुहावरा – झक मारना
अर्थ:‘झक मारना’ का अर्थ है बिना सोच-समझ के समय बर्बाद कर देना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपना बहुमूल्य समय व्यर्थ में बिता रहा होता है और वह कुछ भी उपयोगी कार्य नहीं कर रहा होता है, तो हम कहते हैं कि वह ‘झक मार रहा है’।
उदाहरण:“अमन दिन-रात टेलीविजन देखता रहा, बिना किसी उपयोगी कार्य किए। उसने अपना पूरा समय ‘झक मार’ दिया।”

178. मुहावरा – ठिकाने लगाना
अर्थ: ““ठिकाने लगाना” का अर्थ है किसी को उसकी जगह दिखाना या उसे समाप्त कर देना। इसे अक्सर वार-प्रतिवार या समाप्ति के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: “जब वह शेर हमला करने वाला था, शिकारी ने उसे ठिकाने लगा दिया।”
उदाहरण:यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग होता है जब किसी को उसकी गलती का अहसास करवाया जाता है या किसी खतरनाक चीज या प्राणी को अपनी जगह दिखाने के लिए।

179. मुहावरा – ठोकर खाना
अर्थ: “ठोकर खाना” का अर्थ होता है किसी प्रकार की हानि या नुकसान का सामना करना। यह मुहावरा आमतौर पर किसी असफलता, धोखा या अनावश्यक परेशानी को दर्शाने के लिए प्रयोग होता है।
प्रयोग: “परीक्षा में असफल होने पर अनुज को लगा कि उसने जीवन की सबसे बड़ी ठोकर खाई है।”
उदाहरण:हर ठोकर से हमें कुछ न कुछ सिखने को मिलता है। इसलिए, अगर आप भी कभी ठोकर खाएं, तो उसे अनुभव के रूप में लें और उससे सिखें।

180. मुहावरा – डींग हांकना
अर्थ: अधिक अभिमान दिखाना या व्यर्थ में शेखी बघारना।
प्रयोग: यह मुहावरा उस समय प्रयोग होता है जब कोई अधिक प्रशंसा या अधिक शेखी बघारता है, जबकि उसके पास ऐसी कोई विशेष बात नहीं होती जो वह दिखा रहा हो।
उदाहरण:अभय अपनी नई गाड़ी के बारे में बार-बार डींग हांक रहा था, हालांकि वह गाड़ी किराए पर ली गई थी।

181. मुहावरा – ढाक के तीन पात
अर्थ:“ढाक के तीन पात” मुहावरे का अर्थ है कि बहुत अधिक प्रचार-प्रसार या शोर-शराबा होना, जबकि असल में कुछ विशेष परिवर्तन नहीं होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से उन स्थितियों में होता है, जहाँ बड़ी आशाें जताई जाती हैं लेकिन परिणाम में कोई विशेष अंतर नहीं दिखाई पड़ता।
उदाहरण:सभी लोग सोच रहे थे कि समाज में बड़ा परिवर्तन आएगा, लेकिन अंत में यह सिर्फ “ढाक के तीन पात” निकला।

182. मुहावरा – ढिंढोरा पीटना
अर्थ: “ढिंढोरा पीटना” का मुख्यत: अर्थ है किसी घोषणा, समाचार या सूचना को जोर-शोर से प्रचारित करना।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर ऐसे समय में प्रयुक्त होता है, जब किसी जानकारी, ख़बर या समाचार को बड़े पैमाने पर फैलाया जा रहा हो।
उदाहरण:जब अभय ने अपनी प्रमोशन की ख़बर सुनाई, तो अभय ने पूरे कार्यालय में उसका ढिंढोरा पीट दिया।

183. मुहावरा – तार तार होना
अर्थ: “तार तार होना” का शाब्दिक अर्थ है किसी चीज़ का इतना अधिक टूटना कि वह तार की तरह पतली-पतली टुकड़ों में बिखर जाए। इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर चीज़ों के विघटन या बिखराव को दर्शाने के लिए किया जाता है।
प्रयोग: “तार तार होना” मुहावरे का प्रयोग उस समय भी होता है जब हम किसी चीज़, संगठन या संस्था के आंतरिक विघटन या असंगठित हो जाने की बात करते हैं।
उदाहरण:समुद्र के किनारे लहरों की चोट से पत्थर धीरे-धीरे ‘तार तार’ हो गए।

184. मुहावरा – तीन कनौजिया तेरह चूल्हा
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा संबंध उस समय से है जब लोग ज्यादा संख्या में एक साथ जीते थे, लेकिन हर व्यक्ति की अपनी आदतें और अपनी पसंद थीं। अब जब वे सभी एक साथ खाना बनाने जाते, तो हर व्यक्ति का अपना अलग तरीका और स्वाद होता। इसलिए, अगर तीन लोग होते हैं, तो तीनों के अलग-अलग स्वाद के अनुसार तीन अलग चूल्हे चाहिए होते है।
प्रयोग: “तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” इस मुहावरे से हमें यह सिखने को मिलता है कि जब हम अपने स्वार्थ को परिवार से ऊपर रखते हैं, तो हमारे बीच समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
उदाहरण:अब भी समय है कि हम समझें कि परिवार के साथ जीने में जो आनंद है, वह अकेलेपन में नहीं। अंत में, “तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” हमें यह प्रेरित करता है कि हमें अपने स्वार्थ को छोड़कर परिवार के साथ मिलकर और सहमति से जीने की कोशिश करनी चाहिए।

185. मुहावरा -तीन लोक से मथुरा न्यारी
अर्थ:मुहावरा “तीन लोक से मथुरा न्यारी” का अर्थ है कि कोई व्यक्ति या चीज़ अन्य सभी से बहुत अद्वितीय और विशेष है। इसका संदर्भ मथुरा नगरी से लिया गया है, जिसे कृष्ण भगवान का जन्म स्थान माना जाता है और जो अपनी सांस्कृतिक और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग जब किया जाता है जब हम किसी व्यक्ति, वस्त्र, स्थल या घटना की अद्वितीयता और विशेषता को जोर देना चाहते हैं।
उदाहरण:अनुभव की गायन प्रतिभा तीन लोक से मथुरा न्यारी है, उसकी आवाज़ में विशेष मधुरता है।

186. मुहावरा – तीन-पाँच करना
अर्थ: जब किसी व्यक्ति ने सीधा उत्तर देने के बजाय अनावश्यक बातें करने लगे और मुद्दे से भटक जाए, तब “तीन-पाँच करना” जैसी स्थिति उत्पन्न होती है।
प्रयोग: ‘तीन-पाँच करना’ का मुख्य संदेश यह है कि हमें अनावश्यक बातों में उलझकर अपना और दूसरों का समय नहीं गवाना चाहिए। यह मुहावरा उस समय प्रयोग होता है जब किसी को अपनी बात राम्बलिंग (असंगत और लंबी) बन जाती है।
उदाहरण:जब अध्यापक ने अंश से उसकी अनुपस्थिति का कारण पूछा, तो वह तीन-पाँच करने लगा।

187. मुहावरा – तू डाल डाल मैं पात पात
अर्थ: “तू डाल डाल मैं पात पात” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ है कि अगर तुमने कुछ किया तो मैं उससे भी अधिक कर सकता हूँ।
प्रयोग: इसे आमतौर पर प्रतिस्पर्धा में उस समय प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को चुनौती देता है या अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करता है।
उदाहरण:अनन्य ने अपने मित्र से कहा, “अगर तू एक घंटे में 5 किमी दौड़ सकता है तो मैं 6 किमी दौड़ सकता हूँ, तू डाल डाल मैं पात पात।”

188. मुहावरा – तेते पाँव पसारिये जेती लंबी सौर
अर्थ: “तेते पाँव पसारिये जेती लंबी सौर” इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि आपको उतना ही बिछाना फैलाना चाहिए जितनी आपकी चादर हो।
प्रयोग: इससे मुक्तार्थ है कि आपको अपनी आजीविका और संसाधनों के हिसाब से ही व्यय करना चाहिए।
उदाहरण:अभय ने अपने दोस्त से कहा, “मैं तो ‘तेते पाँव पसारिये जेती लंबी सौर’ के हिसाब से जीवन जीता हूँ, ताउम्र कर्ज में नहीं पड़ना चाहता।”

189. मुहावरा -तेल देखो तेल की धार देखो
अर्थ:“तेल देखो तेल की धार देखो” का अर्थ होता है – किसी चीज़ की परिणामी अवस्था या फल को देखना।
प्रयोग: जब आपको लगे कि आपने किसी चीज़ की सच्चाई या उसके असली परिणाम को समझ लिया है, तो आप इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैं।
उदाहरण:परियोजना को पूरा करने के बाद, अनुज ने परिणाम देखे और दोस्तों से कहा कि, “तेल देखो तेल की धार देखो”.

190. मुहावरा – तेली का बैल होना
अर्थ: “तेली का बैल होना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है कि व्यक्ति निरंतर काम करता रहता है, लेकिन उसे उस काम का मूल उद्देश्य या फायदा समझ में नहीं आता। जैसे तेली का बैल तेल निचोड़ने के लिए चक्की में चक्कर लगाता रहता है, लेकिन वह नहीं जानता कि वह क्यों और कैसे कर रहा है।
प्रयोग: जब आपको लगे कि कोई व्यक्ति बिना किसी ठोस उद्देश्य या समझ-बूझ के काम कर रहा है, तो आप इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैं।
उदाहरण:विकास तो पूरे दिन काम में लगा रहता है, पर उसे इसका मुख्य उद्देश्य ही समझ में नहीं आता। वह तो पूरी तरह ‘तेली का बैल’ बन गया है।

191. मुहावरा – थोथा चना बाजे घना
अर्थ: “थोथा चना बाजे घना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है कि जिन लोगों में वास्तविक गुण नहीं होते, वह अधिक शोर-शराबा करते हैं। इस मुहावरे का प्रयोग उन व्यक्तियों के लिए किया जाता है जो अपनी अयोग्यता को छिपाने के लिए अधिक प्रदर्शन करते हैं।
प्रयोग: जब किसी को लगे कि कोई व्यक्ति अपनी असीमित योग्यताओं को बड़ा चढ़ाकर दिखा रहा है या वास्तविकता से ज्यादा दिखावा कर रहा है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण:अंश अपने आप को बड़ा होशियार मानता है, लेकिन सभी जानते हैं कि वह तो “थोथा चना बाजे घना” है।

192. मुहावरा – दबे पाँव आना
अर्थ: ‘दबे पाँव आना’ इस मुहावरे का अर्थ होता है चुपचाप और संकोच के साथ किसी स्थान पर पहुँचना। जब कोई व्यक्ति बिना किसी को जाने या सुने, खामोशी से कहीं पहुंचता है, तो इसे ‘दबे पाँव आना’ कहते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति के आगमन को चिपाया जाना चाहते हैं या जब कोई अपनी उपस्थिति को अधिकतर गुम्राह करने की कोशिश करता है।
उदाहरण:अनुज देर रात घर दबे पाँव वापस आया, ताकि उसकी माँ को पता न चले।

193. मुहावरा -दम भरना
अर्थ:“दम भरना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है – किसी कार्य को पूरी साहस और संकल्प से करना या किसी बात पर पूरा विश्वास करना।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग व्यक्ति की दृढ़ता और प्रतिबद्धता को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण:इससे दिखाया जाता है कि उस व्यक्ति ने अपने काम में समर्पित रूप से जोर दिया और उसकी कठिनाइयों के बावजूद उसने सफलता प्राप्त की।

194. मुहावरा – दलदल में फसना
अर्थ: जिसका सीधा अर्थ होता है – किसी समस्या या मुश्किल में पड़ जाना, जिससे बाहर निकलना कठिन हो।
प्रयोग: “दलदल में फसना” एक मुश्किल समय का स्ंकेत होता है और इसका मतलब होता है कि कोई व्यक्ति किसी समस्या में फंस गया है और उसे समस्या से बाहर निकलने में कठिनाइयां आ रही हैं।
उदाहरण:जब वह क्रेडिट कार्ड से बिना सोचे समझे पैसे खर्च करने लगा, तो उसे लगा मानो वह आर्थिक दलदल में फसता जा रहा है।

195. मुहावरा – दस्तक देना
अर्थ: दस्तक देना एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जिसका सीधा अर्थ होता है – किसी के दरवाजे पर हाथ मारकर अपनी उपस्थिति की जानकारी देना।
प्रयोग: जब हम कहते हैं “बीमारी ने दस्तक दी”, तो इसका मतलब है कि बीमारी ने अपनी उपस्थिति जानकारी दी है या बीमारी का सामना करना पड़ रहा है।
उदाहरण:वहां सूखे का प्रकोप है, और अब अकाल भी दस्तक देने वाला है।

196. मुहावरा – दुखड़ा रोना
अर्थ: ‘दुखड़ा रोना’ का अर्थ है अपने दुःख या कष्ट को जताना या उसे व्यक्त करना।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयुक्त होता है जब कोई व्यक्ति अपने मन के भीतर संचित दर्द और दुःख को जोर-शोर से व्यक्त करता है।
उदाहरण:पूजा ने सुनिल की मौत की खबर सुनकर अपने दुखड़े रोते हुए अपनी वेदना को व्यक्त किया।

197. मुहावरा -दिमाग खाना
अर्थ:“दिमाग खाना” का अर्थ है किसी को परेशान करना, बार-बार उससे बिना विचार-समझ बात करना या उसे बिना बात के चिढ़ाना।
प्रयोग: अक्सर तब प्रयुक्त होता है जब कोई व्यक्ति अन्य को बिना रुके सताता है या अत्यधिक बक-बक करके उसका मनोबल तोड़ता है।
उदाहरण:सुरेंद्र ने मुनीश को बार-बार अपनी बेतुकी बातों से सताया, जिस पर मुनीश ने कहा, “अब और मत बोल, तुम मेरा दिमाग खा रहे हो।”

198. मुहावरा – दिमाग का दही करना
अर्थ: “दिमाग का दही करना” मुहावरे का अर्थ है किसी को बार-बार चिढ़ाना, परेशान करना या उसे गुस्सा दिलाना।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग होता है जब हम अपनी भावनाओं और असंतोष को व्यक्त करने में असमर्थ होते हैं। इसलिए, अगर कोई व्यक्ति आपको बताए कि आपने उसका ‘दिमाग का दही’ बना दिया है, तो यह समझना महत्वपूर्ण है कि वह व्यक्ति आपसे परेशान है और उसे आपकी बहुत अधिक आवश्यकता है।
उदाहरण:विकास ने अनुज को बार-बार चिढ़ाया, जिससे अनुज बोल पड़ा, “तुमने मेरा दिमाग का पूरा दही बना दिया है।”

199. मुहावरा – दिल बाग बाग होना
अर्थ: “दिल बाग बाग होना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी का अत्यधिक खुश होना या हर्षित होना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति बहुत खुशी महसूस करता है, तब इसे प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:जब अखिल को उसकी पसंदीदा नौकरी मिली, तो उसका दिल बाग बाग हो गया।

200. मुहावरा – दिन फिरना
अर्थ: “दिन फिरना” मुहावरे का सीधा अर्थ है अच्छे दिन आना या स्थितियों में सुधार होना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति या समुदाय कठिनाइयों से गुजर रहा होता है, और फिर अच्छे समय आते हैं, तो कहते हैं कि उनका “दिन फिर गया”।
उदाहरण:जब अखिल को नौकरी मिल गई, तो उसके मित्रों ने कहा, “अब तो अखिल के दिन फिर गए हैं।”

201. मुहावरा -दाहिना हाथ होना
अर्थ:“दाहिना हाथ होना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है – किसी के लिए बहुत ही विश्वसनीय और महत्वपूर्ण होना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति दूसरे के लिए अत्यंत विश्वसनीय और सहायक होता है, तब उसे उसका ‘दाहिना हाथ’ कहा जाता है।
उदाहरण:अनुभव अपने मालिक के लिए इतना वफादार और मेहनती था कि लोग उसे उसके मालिक का ‘दाहिना हाथ’ मानते थे।

202. मुहावरा – दांत पीसना
अर्थ: “दांत पीसना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है अत्यधिक क्रोधित होना या बहुत अधिक गुस्सा होना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का धैर्य सीमा पार हो जाए और वह बहुत ही गुस्से में आ जाए, तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:जब अमन ने सुना कि उसके दोस्त ने उसके पीठ पीछे बुरी बातें कहीं, तो वह दांत पीसने लगा।

203. मुहावरा – दूध की मक्खी होना
अर्थ: “दूध की मक्खी होना” एक प्रचिन हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है किसी व्यक्ति का निरुपयोग होना या बेकार होना।
प्रयोग: जैसे दूध में मक्खी अवशेष रह जाती है और उसका कोई उपयोग नहीं होता, वैसे ही इस मुहावरे का अर्थ बेकार व्यक्ति से संबंधित है।
उदाहरण:अभय बहुत आलसी है, वह तो बस दूध की मक्खी की तरह पड़ा रहता है।

204. मुहावरा – दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम
अर्थ: “दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम” मुहावरे का अर्थ होता है कि जब किसी व्यक्ति को दो विकल्प मिलते हैं और वह दोनों में से किसी एक को चुनने में असमर्थ रहता है, जिससे वह दोनों ही मौकों या वस्त्रों को खो देता है।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति दो चीजों में फंस जाता है और उसे चुनने में कठिनाई होती है, तो अधिकांश समय वह दोनों ही मौकों को खो देता है। इसी बात को इस मुहावरे में प्रकट किया गया है। जैसे किसी को दो अच्छी जॉब्स की पेशकश हो और वह चुनने में असमर्थ रहे, तो हो सकता है वह दोनों जॉब्स को भी खो दे।
उदाहरण:अभय ने अपने दो दोस्तों की शादी में जाने की सोची, लेकिन आखिरकार उसने किसी भी शादी में नहीं जाने का निर्णय लिया, और फिर उसे समझ में आया “दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम”।

205. मुहावरा -दूध के दाँत न टूटना
अर्थ:“दूध के दाँत न टूटना” मुहावरे का अर्थ है किसी के पास अनुभव या ज्ञान की कमी होना। जैसे बच्चे के दूध के दाँत टूटते हैं, उसी तरह से किसी व्यक्ति के जीवन में ज्ञान और अनुभव की वृद्धि होती है।
प्रयोग: जब हम कहते हैं कि किसी के “दूध के दाँत नहीं टूटे”, तो इसका अभिप्रेत यह है कि वह व्यक्ति अनुभवहीन है और उसके पास ज्ञान की कमी है। इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर उस समय होता है जब हम किसी को उसकी अनुभवहीनता के कारण समझाते हैं।
उदाहरण:अमन को व्यवसाय के बारे में कुछ भी नहीं पता, उसके तो अभी “दूध के दाँत” भी नहीं टूटे।

206. मुहावरा – दो नावों पर पैर रखना
अर्थ: “दो नावों पर पैर रखना” मुहावरे का अर्थ है दो कार्यों या दो चीजों को एक साथ करना या जोड़ना। यहाँ ‘नाव’ और ‘पैर’ शब्दों का प्रयोग प्रतीकात्मक रूप में है, जिससे दो अलग-अलग चीजों में समय समय पर ध्यान देने की बात की जा रही है।
प्रयोग: जैसे किसी व्यक्ति को दो नावों पर एक साथ पैर रखना संभव नहीं है, वैसे ही दो अलग-अलग कार्यों में एक समय में ध्यान देना कठिन होता है। इस मुहावरे का प्रयोग वहाँ होता है, जहाँ किसी व्यक्ति को दो अलग-अलग कार्यों में समय-समय पर ध्यान देने की जरूरत होती है।
उदाहरण:अमन अपने काम और पढ़ाई दोनों में ध्यान दे रहा है, मानो वह “दो नावों पर पैर रख” रहा हो।

207. मुहावरा – दो पाटों के बीच आना
अर्थ: “दो पाटों के बीच आना” का अर्थ है किसी दुर्दशा, मुश्किल या संघर्ष में फंस जाना।
प्रयोग: यह उस स्थिति को दर्शाने के लिए भी प्रयोग होता है जब कोई व्यक्ति दो विपरीत विचारधारा वाले लोगों के बीच में आ जाता है।
उदाहरण:अभय अपने दो मित्रों की वाद-विवाद में फंस गया, वाकई वह दो पाटों के बीच आ गया।

208. मुहावरा – दोनों हाथों में लड्डू होना
अर्थ: जब किसी व्यक्ति को दोनों तरफ से लाभ होता है, तो उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए ‘दोनों हाथों में लड्डू होना’ मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: ‘दोनों हाथों में लड्डू होना’ का सीधा संदर्भ है जब किसी को दोहरा लाभ होता है। यह मुहावरा उस समय प्रयोग होता है, जब किसी को एक ही समय में दो सुखद परिणाम मिलते हैं, जैसे की दोहरी आमदनी या दो अच्छे अवसर।
उदाहरण:विशाल ने एक ही दिन में दो नौकरियों के ऑफर पाए, वाकई उसके लिए तो दोनों हाथों में लड्डू हैं।

209. मुहावरा -धाक जमाना
अर्थ:धाक जमाना, जब किसी व्यक्ति, घटना या वस्तु ने अपनी उपस्थिति, प्रभाव या उसकी किसी खास गुणवत्ता से किसी चीज़ पर गहरा प्रभाव डाल दिया हो, तो हम कहते हैं कि उसने ‘धाक जमा दी’।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग व्यक्ति की प्रतिभा, सामर्थ्य या उसकी किसी विशेष गुणवत्ता को प्रकट करने के लिए किया जाता है, जो अन्य लोगों पर गहरा प्रभाव छोड़ता है।
उदाहरण:जया की अदाकारी ने फिल्म में सभी कलाकारों पर धाक जमा दी।

210. मुहावरा – धूप में बाल सफेद होना
अर्थ: “धूप में बाल सफेद होना” एक प्रमुख हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है किसी कार्य में बहुत अधिक समय और अनुभव होना। इसका सीधा संदर्भ है किसी व्यक्ति की लंबी अवधि तक कठिनाई और चुनौतियों का सामना करना, जिससे उसके बाल सफेद हो जाते हैं।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति किसी विषेष क्षेत्र में बहुत समय से काम कर रहा होता है और उसने उस क्षेत्र की हर चुनौती का सामना किया होता है, तो हम कहते हैं कि उसके “धूप में बाल सफेद हो गए”। यह मुहावरा व्यक्ति के अनुभव और उसके जीवन में आए चुनौतियों को दर्शाता है।
उदाहरण:अनुज ने अपनी कंपनी में 20 साल काम किया है उसके ऐसे ही धूप में बाल सफेद नहीं हुए हैं।

211. मुहावरा – न रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी
अर्थ: अगर मूल स्रोत ही न हो तो उससे उत्पन्न होनेवाली समस्याएँ भी नहीं होंगी।
प्रयोग: अगर किसी विवाद में संघर्ष का मूल कारण ही दूर किया जाए, तो विवाद स्वतः ही समाप्त हो जाएगा। जैसे अगर दो लोग पानी की टंकी के लिए लड़ रहे हैं, तो उसका समाधान यह है कि उन्हें और अधिक पानी की सप्लाई दी जाए, ताकि उन्हें लड़ने की जरूरत ही न हो।
उदाहरण:जब दो समूह एक ही जमीन पर दावा कर रहे थे, तो नगरपालिका ने उस जमीन को सार्वजनिक पार्क में बदल दिया, इससे “न रहेगा बांस ना बजेगी बांसुरी” की तरह विवाद समाप्त हो गया।

212. मुहावरा – नहले पे दहला
अर्थ: “नहले पे दहला” एक प्रचीन हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है अच्छे ढंग से, ठोस तरीके से जवाब देना या समाधान प्रस्तुत करना।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग होता है जब हम चाहते हैं कि हमारी बातें और कार्य पूरी ताक़त से, बेहद प्रभावशाली तरीके से प्रस्तुत हों। जैसे किसी के प्रतिवाद में अच्छा जवाब देना, या किसी की उम्मीदों को पार करना।
उदाहरण:टीम के कप्तान ने मैच में हार के बावजूद अच्छे प्रदर्शन से विपक्षी टीम को ‘नहले पे दहला’ दिया।

213. मुहावरा – ना उधो का लेना न माधो का देना
अर्थ:इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी विषय में हमारा कोई रोल नहीं है और हमें उससे कोई प्रत्याशा नहीं है।
प्रयोग: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी विषय में हमारा कोई रोल नहीं है और हमें उससे कोई प्रत्याशा नहीं है।
उदाहरण:अन्य शब्दों में, जब हम किसी विषय में प्रत्याशित नहीं होते और उसे अन्य लोगों को छोड़ देते हैं, तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है।

214. मुहावरा – नाक पर मक्खी न बैठने देना
अर्थ: जब कोई व्यक्ति अपनी महत्वकांक्षाओं या अहंकार में इतना डूबा होता है कि वह अन्य लोगों को अपने पास आने या अपनी उचाई तक पहुँचने की अनुमति नहीं देता, तो उस स्थिति को इस मुहावरे के माध्यम से व्यक्त किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि सफलता, समृद्धि या उचाई पाने के बाद भी हमें अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए। अहंकार से दूर रहकर ही वास्तविक सफलता प्राप्त होती है।
उदाहरण:अभय सफलता पाने के बाद इतना अहंकारी हो गया कि अब वह अपने पुराने दोस्तों से मिलने से भी कतराता है, मानो उसने “नाक पर मक्खी न बैठने दिया” हो।

215. मुहावरा – नाम निशान न रहना
अर्थ: जब कोई वस्तु, स्थल या व्यक्ति पूरी तरह से समाप्त हो जाता है, ताउम्र के लिए गायब हो जाता है या उसका कोई भी चिह्न नहीं बचता, तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से तब होता है जब हम बात करते हैं किसी पुरानी बात, स्थल या व्यक्ति की जो अब मौजूद नहीं है और उसकी यादें ही बची हैं।
उदाहरण:जिस बड़े पेड़ के नीचे हम खेलते थे, वह अब ऐसे कट गया कि उसका नाम निशान न रहा।

216. मुहावरा – नानी याद आना
अर्थ: जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक चिंता, तनाव या डर महसूस करता है, तो उसे कहा जाता है कि उसकी “नानी याद आ गई”।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग व्यक्ति की चिंताभरी स्थिति को जानकारी देने के लिए किया जाता है।
उदाहरण:परीक्षा के दिन अमन को इतनी चिंता हो गई कि उसे नानी याद आ गई।

217. मुहावरा -नींद हराम होना
अर्थ:जब किसी को अधिक चिंता होती है या किसी घातक विचार में डूबा रहता है, जिससे वह सहजता से सो नहीं पाता, तो इसे “नींद हराम हो जाना” कहते हैं।
प्रयोग: “नींद हराम होना” एक आम हिंदी मुहावरा है, जिसे ज्यादा चिंता, अशांति या किसी विषय पर अधिक चिंतन करने के परिणामस्वरूप स्वाभाविक नींद न आने की स्थिति को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:जब से विकास को उसकी नौकरी से निकाला गया, उसकी नींद हराम हो गई है।

218. मुहावरा – नाक पर मक्खी न बैठने देना
अर्थ: जब कोई व्यक्ति अपनी महत्वकांक्षाओं या अहंकार में इतना डूबा होता है कि वह अन्य लोगों को अपने पास आने या अपनी उचाई तक पहुँचने की अनुमति नहीं देता, तो उस स्थिति को इस मुहावरे के माध्यम से व्यक्त किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि सफलता, समृद्धि या उचाई पाने के बाद भी हमें अपनी जड़ों को नहीं भूलना चाहिए। अहंकार से दूर रहकर ही वास्तविक सफलता प्राप्त होती है।
उदाहरण:अभय सफलता पाने के बाद इतना अहंकारी हो गया कि अब वह अपने पुराने दोस्तों से मिलने से भी कतराता है, मानो उसने “नाक पर मक्खी न बैठने दिया” हो।

219. मुहावरा – नीम हकीम खतरे जान
अर्थ: जब कोई व्यक्ति किसी विषय में पूरी तरह से माहिर नहीं होता, लेकिन वह उसे अच्छे से जानता होने का दावा करता है और उस पर अमल करता है, तो वह खुद के लिए और दूसरों के लिए भी खतरनाक साबित हो सकता है।
प्रयोग: “नीम हकीम खतरे जान” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसे अधूरे ज्ञान और अनुभव की खतरनाकता को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:अनुभव ने अपनी कार की मरम्मत को खुद ही ठीक करने की कोशिश की, लेकिन वह इसमें माहिर नहीं था। उसका दोस्त उसे देखते हुए बोला, “नीम हकीम खतरे जान।”

220. मुहावरा – पहाड़ से टक्कर लेना
अर्थ: जैसे कि पहाड़ अपनी ऊंचाई, मज़बूती और स्थिरता के लिए प्रसिद्ध है, इसी तरह इस मुहावरे का अर्थ है किसी शक्तिशाली या प्रबल विरोधी से सामना करना।
प्रयोग: “पहाड़ से टक्कर लेना” एक ऐसा हिंदी मुहावरा है, जिसे किसी मजबूत और शक्तिशाली विरोधी से मुकाबला करने के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:जब अभय ने अपनी कंपनी के सबसे बड़े बॉस से कम्पटीशन करने का निर्णय लिया, तो उसके मित्र ने कहा, “तुम तो पहाड़ से टक्कर ले रहे हो।”

221. मुहावरा -9 नगद न 13 उधार
अर्थ:इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि थोड़ी कमी से भी नकदी में समझौता करना, उधार पर ज्यादा लेने से बेहतर होता है। अर्थात्, नकदी में काम करना उधार पर काम करने से बेहतर है।
प्रयोग: उधार पर काम करने में अक्सर जोखिम बढ़ जाता है। पैसे की वापसी की गारंटी नहीं होती और अक्सर ऋण जमा हो जाता है। वहीं, नकदी काम में ऐसा कोई जोखिम नहीं होता। पैसे का लेन-देन स्थायी होता है, और व्यापार में स्थिरता आती है।
उदाहरण:जब सुरेंद्र अपने मित्र से पैसे उधार मांगने जा रहा था, उसका पिता ने कहा, “9 नगद न 13 उधार” और उसे कुछ पैसे दिए।

222. मुहावरा – नेकी कर दरिया में डाल
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब हम कोई अच्छा काम करें, तो हमें उसे चुपचाप करना चाहिए, बिना इसकी उम्मीद किए कि हमें उसके लिए कोई पुरस्कार या प्रशंसा मिलेगी।
प्रयोग: “नेकी कर दरिया में डाल” यह हिंदी मुहावरा है जो अक्सर हमें अच्छे काम को बिना किसी स्वार्थ या प्रशंसा की उम्मीद में करने के लिए प्रेरित करता है।
उदाहरण:अभय ने अपने पड़ोसी के लिए खाना बनाया और चुपचाप उसके घर पर रख दिया, जैसे ही वह यह कहावत अपनाता है, “नेकी कर दरिया में डाल।”

223. मुहावरा – पिंड छुड़ाना
अर्थ: “पिंड छुड़ाना” मुहावरे का मुख्य अर्थ है – किसी परेशानी, संकट या दर्द से मुक्ति पाना या उससे बचना।
प्रयोग: “पिंड छुड़ाना” हिंदी भाषा में एक प्रचीन और प्रयुक्त मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है किसी मुश्किल, संकट या दुखद स्थिति से मुक्ति पाना या उसे दूर करना।
उदाहरण:अनुज ने अपनी मेहनत और समर्पण से अपनी आर्थिक संकट से पिंड छुड़ाया।

224. मुहावरा – पीठ ठोकना
अर्थ: “पीठ ठोकना” मुहावरे का मुख्य अर्थ है किसी की प्रशंसा करना या उसे प्रोत्साहित करना।
प्रयोग: “पीठ ठोकना” हिंदी भाषा में एक लोकप्रिय मुहावरा है, जो किसी को प्रशंसा करने, उत्तेजित करने या मान्यता देने के संदर्भ में प्रयुक्त होता है।
उदाहरण:जब अनुज ने अपनी प्रस्तुति समाप्त की, सभी लोगों ने उसकी पीठ ठोकी।

225. मुहावरा -पेट पर लात मारना
अर्थ:जब किसी की आजीविका या उसके जीवन का साधन चीन लिया जाता है, तो कहा जाता है कि उसे “पेट पर लात मारी गई है।” इसका मुख्य अभिप्रेत यह है कि व्यक्ति को उसकी जीवन की जरूरी चीज़ों से वंचित कर दिया गया है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर उस समय होता है जब किसी की स्थायिता या सुरक्षा में बड़ा झटका लगता है। “पेट” यहाँ पर जीवन के मूलाधार को प्रकट करता है और “लात मारना” इसे हानि पहुंचाने के लिए प्रयुक्त है।
उदाहरण:जब फैक्ट्री बंद हो गई, तो कई मजदूरों को लगा कि उन्हें पेट पर लात मारी गई है।

226. मुहावरा – पेट में चूहे दौड़ना
अर्थ: जब किसी व्यक्ति को अत्यधिक भूख लगी होती है, और वह इसे व्यक्त करना चाहता है, तो वह कहता है कि “मेरे पेट में चूहे दौड़ रहे हैं।” इसका अभिप्रेत यह होता है कि उसे भोजन की अत्यधिक जरूरत है।
प्रयोग: “पेट में चूहे दौड़ना” हिंदी में एक बहुत प्रचलित मुहावरा है। इसका प्रत्यक्ष अर्थ नहीं होता, लेकिन इसे तब उपयोग में लाया जाता है जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक भूखा होता है।
उदाहरण:नियांत ने दोपहर में ही अपने दोस्त से कहा, “यार! मेरे पेट में चूहे दौड़ रहे हैं, चलो खाना खाने।”

227. मुहावरा – फलना फूलना
अर्थ: “फलना-फूलना” मुहावरे का अर्थ है – समृद्धि में वृद्धि, सफलता पाना या अच्छा होना।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर समृद्धि, सफलता और विकास की भावना को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है।
उदाहरण:सुभाष की व्यापारिक समीक्षा बहुत ही अच्छी हुई, और अब उसका व्यापार “फलने -फूलने” लगा है।

228. मुहावरा – फूट-फूट कर रोना
अर्थ: “जब कोई व्यक्ति अधिक मात्रा में और जोर-शोर से रोता है, तो हम कहते हैं कि वह “फूट-फूट कर रो रहा है।” इस मुहावरे में “फूट-फूट” शब्द जोर-शोर से और अधिक मात्रा में रोने की भावना को दर्शाता है।
प्रयोग: जीवन में कई समय ऐसे पल आते हैं जब हमें अधिक दुःख होता है। ऐसे ही कुछ समय में, हम अपनी भावनाओं को रोक नहीं पाते और जोर-शोर से रोते हैं। “फूट-फूट कर रोना” इसी जज्बाती अवस्था को दर्शाता है, जब व्यक्ति अपने दुःख को पूरी तरह से व्यक्त करता है।
उदाहरण:जब अनीता ने अपने प्रिय पालतू कुत्ते को मरा हुआ देखा, वह “फूट-फूट कर रोने” लगी।

229. मुहावरा -बखिया उधेड़ना
अर्थ:जैसे जब किसी वस्त्र की सीवन में एक बखिया उधेड़ दी जाए, तो पूरी सीवन खुलकर बिखर सकती है, वैसे ही किसी गुप्त बात को बाहर आने पर सब कुछ सामने आ जाता है।
प्रयोग: रहस्य और गुप्त बातें अक्सर हमारे समाज में होती रहती हैं। कई बार, जब यह बातें सामने आती हैं, तो वे असर डालते हैं। “बखिया उधेड़ना” मुहावरे का प्रयोग उस समय होता है जब हम चाहते हैं कि रहस्य या गुप्त बात सामने आ जाए।
उदाहरण:जब अमन ने अपनी टीम की योजना बता दी, तो सभी को लगा कि उसने पूरी टीम की “बखिया उधेड़ दी”।

230. मुहावरा – बगलें झाँकना
अर्थ: जब कोई व्यक्ति अच्छी तरह से जानकारी नहीं रखता या उसे कोई उत्तर नहीं पता होता, और वह अपनी असहायता या अज्ञानता को छिपाने के लिए आस-पास देखता है, तो इसे “बगलें झाँकना” कहते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को कोई उत्तर नहीं पता होता और वह शरम से किसी और की तरफ देखता है, अशा की साथ कि वह उसे कोई सहायता प्रदान करेगा।
उदाहरण:शुभ से जब अध्यापक ने एक प्रश्न पूछा। उसे उस प्रश्न का उत्तर नहीं पता था, तो वह अपने सहपाठियों की तरफ बगलें झाकता हुआ देखने लगा।

231. मुहावरा – बायें हाथ का खेल
अर्थ: “बायें हाथ का खेल” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है किसी कार्य को बहुत ही आसानी से और अनायास कर लेना। जैसे किसी कार्य को करना उसके लिए बहुत ही साधारण हो।
प्रयोग: जब हम किसी कार्य को बिना किसी कठिनाई या अधिक समय लिए बहुत ही आसानी से पूरा कर लेते हैं, तो हम कहते हैं कि यह हमारे लिए “बायें हाथ का खेल” है। यह मुहावरा आमतौर पर उस समय उपयोग होता है, जब कोई व्यक्ति किसी विषेष कौशल में माहिर हो।
उदाहरण:अंश गणित में बहुत अच्छा था। जब भी उससे कोई मुश्किल समस्या पूछी जाती, वह उसे हल कर देता था और कहता था, “यह तो मेरे लिए बायें हाथ का खेल है।”

232. मुहावरा – बाट जोहना
अर्थ: “बाट जोहना” एक प्राचीन हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है किसी चीज या व्यक्ति का इंतजार करना।
प्रयोग: जब हम किसी विशेष समय या अवसर की प्रतीक्षा करते हैं या किसी कार्य के पूरा होने की उम्मीद में रहते हैं, तो हम ‘बाट जोहना’ कह सकते हैं। यह मुहावरा हमें यह दिखाता है कि प्रतीक्षा और सब्र का महत्व है जीवन में।
उदाहरण:अमन रोज स्कूल के द्वार पर अपने मित्र की ‘बाट जोहता’ था।

233. मुहावरा -बाल बाँका न होना
अर्थ:‘बाल बाँका न होना’ का अर्थ है किसी प्रकार की कोई भी हानि या क्षति न होना। जब कोई व्यक्ति या वस्तु किसी प्रकार के संकट या कठिनाई से गुजरता है और उसे बिना किसी चोट या क्षति के बचाव होता है, तो इसे ‘बाल बाँका न होना’ कहा जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब उपयोग किया जाता है जब हम बताना चाहते हैं कि किसी व्यक्ति या वस्तु को कोई भी हानि नहीं हुई है, चाहे जो परिस्थितियाँ हों। यह मुहावरा आमतौर पर सकारात्मक अर्थ में उपयोग होता है।
उदाहरण:जब सुरेंद्र अपातकालीन बारिश में बाहर गया, तो उसका चश्मा गिर गया, पर वह बिना किसी क्षति के पाया गया। वह बोला, “मेरे चश्मे को तो बाल बाका नहीं हुआ।”

234. मुहावरा – बाल-बाल बचना
अर्थ: ‘बाल-बाल बचना’ एक प्राचीन हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ है किसी संकट या मुश्किल से अच्छे समय पर बच जाना। यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है, जब कोई व्यक्ति बहुत ही संकटपूर्ण स्थिति से जैसे तैसे बचता है।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी संकटपूर्ण स्थिति से बचने का अवसर प्राप्त होता है तो हम इस मुहावरे का उपयोग कर सकते हैं।
उदाहरण:परीक्षा में अमन फेल होने से बाल-बाल बचा।

235. मुहावरा – बिन पेंदी का लोटा
अर्थ: जो व्यक्ति अपने विचार या भावनाओं कोअधिक समय तक स्थिर नहीं रख सकता, उसे ‘बिन पेंदी का लोटा’ कहा जाता है।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अकेला अपनी सोच या मान्यता में परिवर्तन करता है बिना किसी ठोस कारण के, तब उसे ‘बिन पेंदी का लोटा’ कहा जा सकता है।
उदाहरण:अनुभव आजकल हर बार अपनी पार्टी की विचारधारा बदल देता है, वह तो बिल्कुल ‘बिन पेंदी का लोटा’ हो गया है।

236. मुहावरा – बूँद बूँद से घड़ा भरता है
अर्थ: “बूँद बूँद से घड़ा भरता है” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका मूल अर्थ है कि छोटी छोटी चीजें मिलकर बड़ा परिणाम उत्पन्न करती हैं। धीरे-धीरे जमा करने से बड़ा संग्रह बनता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का मुख्य संदेश यह है कि हर छोटी मेहनत और प्रयास महत्वपूर्ण है। किसी भी कार्य में धीरज और समर्पण से धीरे-धीरे प्रगति की जाए, तो अंत में उससे महान परिणाम मिलते हैं। जैसे कि धीरे-धीरे पानी की बूँदें जमा होती हैं और एक दिन घड़ा भर जाता है, वैसे ही छोटी-छोटी मेहनत से बड़ी सफलता मिलती है।
उदाहरण:अनुज ने धीरे-धीरे पैसे जोड़ना शुरू किया, और अंत में उसने समझा कि “बूँद बूँद से घड़ा भरता है” जब उसने एक बड़ी राशि जमा की।

237. मुहावरा -भूखे भजन न होय ​​गोपाला
अर्थ:“भूखे भजन न होय गोपाला” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका तात्पर्य यह है कि जब किसी का पेट खाली होता है तो वह किसी भी कार्य में मन नहीं लगा पाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि जब हमारी मौलिक जरूरतें पूरी नहीं होती, जैसे भोजन की जरूरत, तब हम किसी भी अन्य कार्य में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सकते। “Nothing can be done on an empty stomach” की इस अंग्रेजी कहावत का यही अर्थ है कि भूखे पेट से किसी भी कार्य को संपन्न कर पाना मुश्किल होता है।
उदाहरण:अमन ने कहा कि पहले वह भोजन करेगा, फिर काम पर लगेगा क्योंकि “भूखे भजन न होय गोपाला”।

238. मुहावरा – मन मसोस कर रह जाना
अर्थ: ‘इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – किसी बात को लेकर अंदर ही अंदर दुखी होना लेकिन उस दुख को बाहर न दिखाना। यह व्यक्ति की असहायता और आंतरिक संघर्ष को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां व्यक्ति कुछ करना चाहता है लेकिन परिस्थितियों या अन्य कारणों से वह अपनी इच्छा पूरी नहीं कर पाता।
उदाहरण:अखिल अपने दोस्त की मदद करना चाहता था लेकिन अपनी आर्थिक स्थिति के कारण वह मन मसोस कर रह गया।

239. मुहावरा – मर मिटना
अर्थ: ‘मर मिटना’ का अर्थ है किसी के लिए अपने आप को पूरी तरह से समर्पित कर देना, उसके लिए अपनी जान भी देने को तैयार हो जाना। इसे अंग्रेजी में ‘to die for’ या ‘to sacrifice oneself’ के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
प्रयोग: ‘मर मिटना’ मुहावरे का प्रयोग वहीं होता है जहां किसी की भावनाओं की गहराई और समर्पण की उच्चतम स्तर को दर्शाना हो। यह उस समय का संकेत करता है जब कोई व्यक्ति अपने प्रेम, समर्पण, या निष्ठा के भाव में अपनी जान की बाजी लगा सकता है।
उदाहरण:माँ अपने बच्चों के लिए ‘मर मिटने’ को सदैव तैयार होती है।

240. मुहावरा – माथा ठनकना
अर्थ: “माथा ठनकना” मुहावरे का अर्थ होता है किसी विषय में संदेह या अनिश्चितता का अहसास होना। जब किसी को किसी बारे में डाउट हो या वह किसी चीज को लेकर सुनिश्चित न हो, तो कहते हैं कि उसका माथा ठनक रहा है।
प्रयोग: “माथा ठनकना” मुहावरे का प्रयोग व्यक्ति के मन में उत्पन्न होने वाले संदेह या अनिश्चितता को दर्शाने के लिए होता है। यह एक ऐसी भावना है जो अकेला महसूस किया जा सकता है और इसका असर व्यक्ति के निर्णयों और क्रियावलियों पर होता है।
उदाहरण:लक्ष्मी ने अपनी सहेली से सुना कि उसका प्रेमी उसे धोखा दे रहा है। इस बात को सुनकर प्रिया का माथा ठनक गया।

241. मुहावरा -माथे पर बल पड़ना
अर्थ:“माथे पर बल पड़ना” मुहावरे का अर्थ होता है किसी के मुख पर असंतोष या क्रोध के भाव प्रकट होना। जब कोई व्यक्ति नाराज़ या असहमत होता है, तो उसके मुख पर वह अभिव्यक्ति आ जाती है जिसे हम “माथे पर बल पड़ना” कहते हैं।
प्रयोग: क्रोध और असंतोष की भावना जब व्यक्ति के अंदर होती है, तो यह उसके चेहरे पर स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ती है। “माथे पर बल पड़ना” इसी अवस्था को दर्शाने वाला मुहावरा है।
उदाहरण:जब अनुज ने सुना कि उसका प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया है, तो उसके माथे पर बल पड़ गया।

242. मुहावरा – मान न मान मैं तेरा मेहमान
अर्थ: “मान न मान मैं तेरा मेहमान” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है कि किसी व्यक्ति या परिस्थिति को चाहे आप चाहें या नहीं, वह आपके जीवन में प्रवेश कर जाता है।
प्रयोग: जब आपके पास में कोई नया व्यक्ति आता है और वह आपसे बार-बार मिलने आता है, चाहे आप उससे मिलना चाहते हो या नहीं, तो आप कह सकते हैं, “मान न मान, वह अब मेरा मेहमान है।”
उदाहरण:अगर किसी समाजिक समारोह में आप किसी अजनबी से मिलते हैं और वह व्यक्ति आपको बार-बार फोन करता है या आपसे मिलने के लिए बार-बार कहता है, तो आप उसे “मान न मान मैं तेरा मेहमान” कह सकते हैं।

243. मुहावरा – मिट्टी में मिलाना
अर्थ: “मिट्टी में मिलाना” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है किसी व्यक्ति, चीज़ या समस्या को नष्ट कर देना या बर्बाद कर देना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति या वस्तु को अपमानित, नकारात्मक प्रभावित या बर्बाद किया जाता है, तो इसे “मिट्टी में मिलाना” कहा जाता है।
उदाहरण:अनुभव ने अपनी लापरवाही से पूरी परियोजना को मिट्टी में मिला दिया।

244. मुहावरा – मिट्टी पलीद करना
अर्थ: “मिट्टी पलीद करना” का अर्थ है – किसी को अपमानित करना, किसी का जीवन दुखदायी बना देना, किसी चीज़ या स्थिति को बिगाड़ देना, या किसी के जीवन को कठिन बना देना।
प्रयोग: यह मुहावरा हमें यह बताता है कि जीवन में कितनी भी बुरी परिस्थितियां हो, किसी की जिंदगी की मिट्टी पलीद करना सही नहीं है। हर कोई अपने जीवन में संघर्ष कर रहा है, इसलिए हमें चाहिए कि हम दूसरों की इज्जत करें और उन्हें समर्थन प्रदान करें।
उदाहरण:अभय ने अपने सहयोगी को बीच में ही छोड़ दिया, और उसने उसकी मिट्टी पलीद कर दी।

245. मुहावरा -मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक
अर्थ:“मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक” का अर्थ होता है किसी चीज़ की सीमा या उसकी सीमित दूरी। इसका उपयोग वहां किया जाता है जहां किसी चीज़, स्थिति या व्यक्ति की सीमा सीमित होती है।
प्रयोग: यह मुहावरा हमें यह बताता है कि किसी भी प्रक्रिया, स्थिति या व्यक्ति की सीमा हो सकती है। किसी के पास जितनी सीमा हो, वह उसी तक ही पहुँच सकता है। इसलिए, हमें हमेशा सीमित सोच और सीमित संसाधनों के बावजूद अधिकतम प्रयास करना चाहिए।
उदाहरण:विशाल को अपने व्यवसाय में अधिक प्रगति की उम्मीद थी, लेकिन उसमें प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक थी, इसलिए उसकी प्रगति ‘मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक’ ही सीमित रही।

246. मुहावरा – मुँह खुला रह जाना
अर्थ: “मुँह खुला रह जाना” का अर्थ होता है अचंभित या अवाक होना। जब किसी को कोई ऐसी बात सुनाई जाए जिसे सुनकर वह अचंभित हो जाए, तो इसे व्यक्त करने के लिए इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: हमारे जीवन में अक्सर ऐसे मौके आते हैं जब हम अचंभित हो जाते हैं। ऐसे समय पर “मुँह खुला रह जाना” जैसे मुहावरे हमें अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में मदद करते हैं।
उदाहरण:जब अखिल ने सुना कि वह लॉटरी में 1 करोड़ रुपए जीता है, उसका मुँह खुला रह गया।

247. मुहावरा – मुह ताकना
अर्थ: “मुह ताकना” का अर्थ होता है किसी दूसरे पर आश्रित होना या किसी पर निर्भर रहना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति, स्थिति या चीज़ पर पूरी तरह से निर्भर हो जाता है दूसरे पर आश्रित होना होता है, तो हम कहते हैं कि वह व्यक्ति “मुह ताक रहा है।”
उदाहरण:अभय हमेशा पैसों के लिए दोस्तों के मुँह ताकता रहता है।

248. मुहावरा – मुहं में खून लगना
अर्थ: “मुहं में खून लगना” का सीधा अर्थ है किसी चीज़ में बहुत ज्यादा रुचि या चाव हो जाना या लत लग जाना।
प्रयोग: “मुहं में खून लगना” मुहावरा जब किसी को किसी चीज़ में बहुत ज्यादा रुचि हो, विशेष रूप से जब वह चीज़ उसकी एक आदत बन जाए, तो व्यक्त करने के लिए उपयुक्त है।
उदाहरण:अनुभव को शराब की लत लग गयी है, अब वह बिना शराब के नहीं रह पाता। उसके मुँह में मनो खून लग गया हो।

249. मुहावरा -मुह लगाना
अर्थ:जब किसी को किसी चीज़ या व्यक्ति से बहुत अधिक संलग्नता या आकर्षण हो, उस समय उसके लिए “मुह लगाना” मुहावरा प्रयुक्त होता है।
प्रयोग: अधिक स्वतंत्रता देने पर कई बार व्यक्ति का मन उस स्वतंत्रता में ही इतना डूब जाता है कि वह उसका फायदा उठाने लगता है।
उदाहरण:“सुरेंद्र नेता जी ने अपने नौकर को इतना मुँह लगा लिया की अब वह लोगो पर अपनी धौंस जमाता है।

250. मुहावरा – मुंह में पानी आना
अर्थ: जब हमें कोई स्वादिष्ट खाना दिखाई देता है और हमें उसे खाने की तीव्र इच्छा होती है, तो हमारे मुंह में पानी आ जाता है। इसी अवस्था को व्यक्त करने के लिए इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से तब किया जाता है जब किसी को किसी विषय में अधिक रुचि होती है या किसी चीज की अधिक इच्छा होती है।
उदाहरण:अमन ने मिठाई की दुकान की ओर इशारा किया और बोला, “जब भी मैं जलेबी देखता हूँ, मेरे मुंह में पानी आ जाता है।”

251. मुहावरा – मुंह में राम बगल में छुरी
अर्थ: “मुंह में राम” इससे अभिप्रेत है कि व्यक्ति बाहर से भलाई और धार्मिकता की बातें करता है। “बगल में छुरी” इससे मेरा तात्पर्य है कि उसी व्यक्ति के पास अपने अधिकार या स्वार्थ के लिए दूसरों को चोट पहुंचाने का उपाय छुपा हुआ है।
प्रयोग: अनुज अपने साथी विकास से मिलता है और उससे मधुर वार्तालाप करता है, लेकिन जब अनुज जाता है, तो विकास उसकी चुगली करता है। इसे ही हम कहते हैं “मुंह में राम बगल में छुरी”।
उदाहरण:“मुंह में राम बगल में छुरी” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हमें लोगों को उनकी बाहरी उपस्थिति या शब्दों से मूल्यांकन नहीं करना चाहिए। हमें उनके कार्यों और उनकी स्थिरता पर विश्वास करना चाहिए।

252. मुहावरा – रंग चढ़ना
अर्थ: “रंग चढ़ना” का सीधा अर्थ है ‘प्रभावित होना’ या ‘असर होना’। जब किसी बात, घटना या परिस्थिति का किसी पर किसी प्रकार का प्रभाव पड़ता है, तो इसे व्यक्त करने के लिए इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
प्रयोग: “रंग चढ़ना” मुहावरे का प्रयोग अधिकतर तब होता है जब हम किसी व्यक्ति पर हो रहे किसी बाहरी प्रभाव को दर्शाना चाहते हैं।
उदाहरण:पूजा को शराब का ज्यादा रंग चढ़ गया था, इसलिए वह ठीक से चल भी नहीं पा रही थी।

253. मुहावरा -यथा राजा तथा प्रजा
अर्थ:इस मुहावरे का अर्थ है कि प्रजा (लोग) और राजा (नेता/शासक) के गुण और स्वभाव आमतौर पर एक-दूसरे के प्रतिनिधित्व करते हैं। अर्थात्, नेता अच्छे हैं, तो जनता भी अच्छी होगी, और अगर नेता बुरे हैं, तो जनता भी बुरी होगी।
प्रयोग: “यथा राजा तथा प्रजा” मुहावरा हमें यह समझाता है कि हमें अपने आचरण, सोच और मूल्यों को सुधारना चाहिए, ताकि हम अच्छे नेता चुन सकें। यह एक बदलाव की प्रक्रिया है, जिसमें हम सभी शामिल होते हैं।
उदाहरण:जब एक समाज ईमानदारी और सच्चाई की मूल्यों को महत्व देता है, तो उसके नेता भी उसी प्रकार के होते हैं। यथा राजा तथा प्रजा।

254. मुहावरा – रोंगटे खड़े होना
अर्थ: अत्यधिक भावुकता या भय की स्थिति में होना।
प्रयोग: “रोंगटे खड़े होना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को अच्छाई, भय, आश्चर्य या सम्मान जैसी भावनाएँ महसूस होती हैं।
उदाहरण:जब अर्जुन ने महाभारत के युद्ध भूमि में श्रीकृष्ण का विश्वरूप देखा, तो उनके रोंगटे खड़े हो गए।

255. मुहावरा – रंग में भंग पड़ना
अर्थ: मजे या खुशी में अचानक बाधा आना।
प्रयोग: जब किसी खुशी या मजेदार समय में कोई समस्या या विघ्न आ जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:अमन और गार्गी पार्क में पिकनिक मना रहे थे, लेकिन अचानक बारिश होने लगी और उनके पिकनिक के रंग में भंग पड़ गया।

256. मुहावरा – रट लगाना
अर्थ: किसी विषय या बात पर लगातार जोर देना और उसी पर अड़े रहना।
प्रयोग: कई बार लोग किसी विचार या मान्यता पर इतना अड़ जाते हैं कि वे उसे बार-बार और जोर-जोर से दोहराते हैं, मानो उसे अपने मन में रटा लिया हो।
उदाहरण:अभय हमेशा अपनी नयी गाड़ी खरीदने की रट लगाए रहता है।

257. मुहावरा -लट्टू होना
अर्थ:“लट्टू होना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी विषय, व्यक्ति, या चीज़ को अधिक पसंद करना या उसमें बहुत अधिक रुचि रखना।
प्रयोग: “लट्टू होना” मुहावरा किसी व्यक्ति की अत्यधिक प्रेम या रुचि को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है। यह उस समय भी प्रयुक्त होता है जब किसी व्यक्ति का ध्यान किसी विशेष विषय पर केंद्रित होता है।
उदाहरण:अमन नए मोबाइल गेम में इतना लट्टू हो गया है कि वह पूरे दिन वही खेलता रहता है।

258. मुहावरा – रत्ती भर
अर्थ:रत्ती एक प्राचीन भारतीय माप है जो वजन को मापने के लिए प्रयुक्त होता था और यह बहुत ही छोटा वजन होता था। “रत्ती भर” मुहावरे का अर्थ है किसी चीज़ की बहुत ही छोटी मात्रा।
प्रयोग: “रत्ती भर” एक बहुत ही प्रसिद्ध मुहावरा है, जिसका उपयोग किसी चीज़ की बहुत ही कम मात्रा को दर्शाने के लिए किया जाता है।
उदाहरण:मुझे उसकी बातों में रत्ती भर भी विश्वास नहीं है।

259. मुहावरा – लातो के भूत बातों से नहीं मानते
अर्थ: ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते’ एक प्रमुख हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है कि कुछ लोग शांतिपूर्वक दिए गए सुझाव या सलाह से नहीं मानते, उन्हें सख्त उपायों से ही समझाना पड़ता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन लोगों के लिए होता है जो सामान्य बातों या समझाने से नहीं मानते और जिन्हें सख्ती से ही अनुशासन में लाया जा सकता है।
उदाहरण:अखिल ने अपने छोटे भाई को बार-बार समझाया कि उसे देर रात तक बाहर नहीं रहना चाहिए, पर जब उसने अपने भाई को घर की चाबी देने से मना कर दिया, तभी उसने समझा। यहाँ कहा जा सकता है कि ‘लातों के भूत बातों से नहीं मानते।’

260. मुहावरा – राम नाम जपना पराया माल अपना
अर्थ: “राम नाम जपना पराया माल अपना” एक प्राचीन और प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी अन्य की संपत्ति को धार्मिक या अन्य तरह से धोखाधड़ी से अपना लेना।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग उस समय होता है जब कोई व्यक्ति धार्मिकता का आड़ में या अन्य किसी चालाकी से अन्य की संपत्ति को चुरा लेता है।
उदाहरण:पूजा ने अपनी कुछ जमा पूंजी को एक ऐसे संगठन में जमा करवाया, जिसे वह समझती थी कि वह धार्मिक कार्य में इस्तेमाल होगा, लेकिन बाद में पता चला कि वह संगठन फ़र्ज़ी था। उस समय उसके मित्र ने कहा, “यह तो ‘राम नाम जपना पराया माल अपना’ वाली बात हो गई।”

261. मुहावरा -लेने के देने पड़ना
अर्थ:‘लेने के देने पड़ना’ एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका तात्पर्य होता है किसी समस्या या मुश्किल में पड़ जाना, खासकर जब आपको नुक्सान हो जाए।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का उद्देश्य लाभ प्राप्त करना होता है, पर वह उल्टा नुक्सान में चला जाता है, तो उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए ‘लेने के देने पड़ना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण:सुभाष ने अपनी कार तेज चलाई और अब उसे चालान का सामना करना पड़ रहा है। लगता है उसके लिए भी लेने के देने पड़ गए।

262. मुहावरा – वीरगति को प्राप्त होना
अर्थ:‘वीरगति को प्राप्त होना’ एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है वीरता पूर्वक मरना या युद्ध में शहीद होना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी वीरता और पराक्रम दिखाते हुए मौत को प्राप्त करता है, विशेष रूप से जब वह अपने प्रियजन, धर्म या देश की रक्षा में लड़ रहा हो, तो उसे ‘वीरगति को प्राप्त होना’ कहा जाता है।
उदाहरण:भारतीय सैनिक सीमा पर देश की रक्षा में वीरगति को प्राप्त हुए।

263. मुहावरा – शह देना
अर्थ: ‘शह देना’ एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है किसी को उकसाना या प्रेरित करना।
प्रयोग: मुहावरे ‘शह देना’ का प्रयोग तब होता है जब किसी को किसी विषय पर कार्रवाई करने के लिए उकसाया जाता है या जब किसी को किसी विषय पर विचार करने के लिए प्रेरित किया जाता है।
उदाहरण:जब अमन ने अपने मित्र को शह दी तभी वो लड़ाई में जीत पाया।

264. मुहावरा – सकते में आना
अर्थ: जब कोई व्यक्ति अच्छा नहीं महसूस करता, उसे डर लगता है या वह किसी चीज़ में अच्छा नहीं होता, तो उसे कहा जाता है कि वह “सकते में आ गया” है।
प्रयोग: “सकते में आना” मुहावरा एक व्यक्ति की असहजता, भय या आश्चर्य को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है।
उदाहरण:जब अमन ने अचानक सांप को देखा, वह पूरी तरह से सकते में आ गया।

265. मुहावरा -सठिया जाना
अर्थ:किसी के पूरी तरह से असमझ या विचित्र व्यवहार को दर्शाने के लिए “सठिया जाना” मुहावरा प्रयुक्त होता है।
प्रयोग: आमतौर पर किसी के असमझ या स्थायी रूप से अद्भुत व्यवहार को दर्शाने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
उदाहरण:जब अनुभव ने बिना किसी कारण अचानक अपनी नई बाइक बेच दी, तो लोगों ने कहा, “अनुभव पूरी तरह से सठिया गया है।”

266. मुहावरा – सन्न रह जाना
अर्थ:‘सन्न रह जाना, किसी अचानक आई घातक समस्या या असमाजिक घटना के चलते अच्छानक स्तंभित हो जाना। या फिर, किसी अप्रत्याशित समाचार से चौंक जाना।
प्रयोग: “सन्न रह जाना” मुहावरा हमें वह समय याद दिलाता है जब हम अचानक किसी घातक या अनपेक्षित घटना से स्तंभित हो जाते हैं। यह मुहावरा हमारी भाषा में उस समय की भावना को व्यक्त करने का अद्वितीय तरीका है।
उदाहरण:जब अखिल को पता चला कि उसके प्रिय मित्र का दुर्घाटना में निधन हो गया, वह सन्न रह गया।

267. मुहावरा – सफेद झूठ बोलना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है ऐसा झूठ बोलना जिससे किसी को चोट नहीं पहुंचे या किसी की भावनाओं को आहत नहीं किया जाए।
प्रयोग: अगर आप अपने जीवन में किसी स्थिति में पाते हैं जहां आपको लगता है कि सत्य बताने से किसी को चोट पहुंच सकती है, तो आप इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैं। लेकिन, यह याद रखना चाहिए कि झूठ का सहारा लेना हमेशा सही नहीं होता।
उदाहरण:माँ अपने बच्चे को डॉक्टर के पास लेकर जा रही थी। बच्चे को इंजेक्शन से डर लग रहा था। माँ ने कहा, “बिलकुल दर्द नहीं होगा।” यहाँ पर माँ ने सफेद झूठ बोला, ताकि बच्चे को डर न हो।

268. मुहावरा – सहम जाना
अर्थ: डर जाना, भयभीत हो जाना, डर से कांप जाना
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को बिना उम्मीद किए अचानक किसी स्थिति से डर लगता है या जब वह किसी अचानक घातक परिस्थिति में पाया जाता है।
उदाहरण:जब अमन अचानक बड़ी आवाज़ से चीखा, तो सभी लोग सहम गए।

269. मुहावरा -सांच को आंच नहीं
अर्थ:‘सांच को आंच नहीं’ का अर्थ होता है किसी सच्चाई को किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं हो सकता।
प्रयोग: यह मुहावरा उस समय प्रयोग किया जाता है जब हम बताना चाहते हैं कि सच्चाई और नैतिकता को किसी भी अवस्था में कोई हानि नहीं पहुंच सकती।
उदाहरण:अमन ने अपनी मासूमियत को साबित कर दिया तो सब लोगो ने कहा की वाकई साँच को आंच नहीं आती।

270. मुहावरा – साँचे में ढला होना
अर्थ:“साँचे में ढला होना” मुहावरे का अर्थ होता है किसी की बहुत अच्छी और सुंदर आकृति होना, या किसी की शकल या शरीर का आकार बहुत ही अच्छा होना।
प्रयोग: अक्सर इस मुहावरे का प्रयोग लोग किसी की सुंदरता या उसकी आकर्षणशीलता को व्यक्त करने के लिए करते हैं।
उदाहरण:पूजा ने जब उस नई ड्रेस को पहना तो ऐसा लगा जैसे वह साँचे में ढली हो।

271. मुहावरा – सांप को दूध पिलाना
अर्थ: “सांप को दूध पिलाना” का अर्थ है किसी दुर्जन या बुरे व्यक्ति की सहायता करना, जिससे वह और भी शक्तिशाली हो जाए। इससे आमतौर पर उस व्यक्ति के द्वारा और भी अधिक नकरात्मक क्रियावली की संभावना बढ़ जाती है।
प्रयोग: ‘सांप को दूध पिलाना’ मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हमें चाहिए कि बिना सोचे-समझे किसी भी व्यक्ति की सहायता ना करें, खासकर जब वह व्यक्ति हमारे लिए हानिकारक हो।
उदाहरण:अभय अपने दुश्मन की मदद कर रहा है, वह सांप को दूध पिला रहा है।

272. मुहावरा – सिर आँखों पर बैठाना
अर्थ: “सिर आँखों पर बैठाना” का अर्थ है किसी की बहुत अधिक इज़्ज़त करना, उसे बहुत महत्व देना या उसे अपने ऊपर से गुजारना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग हमें यह दर्शाता है कि हम किसी को कितना महत्व देते हैं और उसके प्रति हमारी भावनाएँ कितनी गहरी हैं।
उदाहरण:अनुज ने अपने मित्र अखिल को अपने परिवार में सिर आंखों पर बिठा रखा है।

273. मुहावरा -सिक्का जमाना
अर्थ:‘सिक्का जमाना’ मुहावरे का अर्थ है किसी विषेष क्षेत्र में प्रभाव डालना या अपनी उपस्थिति अनुभव कराना।
प्रयोग: आमतौर पर इसका प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति ने अपनी प्रतिभा या काम से अच्छा प्रभाव डाल दिया हो।
उदाहरण:अखिल ने अपनी गायिकी से संगीत जगत में सिक्का जमा दिया।

274. मुहावरा – सांप सूंघ जाना
अर्थ:“‘सांप सूंघ जाना’ का अर्थ है अचानक से चुप हो जाना या बेहोश हो जाना।
प्रयोग: जब किसी की स्थिति ऐसी होती है कि वह अचानक से पूरी तरह से मौन हो जाता है या अपनी होश खो देता है, तो उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए ‘सांप सूंघ जाना’ शब्द का इस्तेमाल होता है।
उदाहरण:जब अमन ने सुना कि उसके प्रिय टीम ने मैच हार दिया, तो वह एक पल के लिए सांप सूंघ गया।

275. मुहावरा – सिर पर भूत सवार होना
अर्थ: ‘सिर पर भूत सवार होना’ का अर्थ है किसी चीज़, विषय या कार्य में पूरी तरह संलग्न हो जाना या उससे ग्रस्त हो जाना।
प्रयोग: जब किसी को किसी चीज़ के प्रति अत्यधिक रुचि या अभिप्रेता हो, तो उसे इस मुहावरे का उपयोग करके व्यक्त किया जाता है।
उदाहरण:अमन ने तीरंदाजी में इतनी मेहनत की कि लोग कहने लगे कि उसके सिर पर तीरंदाजी का भूत सवार है।

276. मुहावरा – सिर नीचा करना
अर्थ: ‘सिर नीचा करना’ का अर्थ है अपमानित या शरमिंदा होना।
प्रयोग: यह मुहावरा तब उपयोग होता है, जब किसी को खुद पर या अपने कार्य पर अविश्वास होता है या वह किसी गलती के कारण अपमानित महसूस करता है।
उदाहरण:जब अमन ने परीक्षा में खराब अंक प्राप्त किए, तो वह अपने माता-पिता के सामने ‘सिर नीचा कर’ बैठ गया।

277. मुहावरा -सिर ऊँचा करना
अर्थ:‘सिर ऊँचा करना’ मुहावरे का अर्थ है अपने आप को समाज में सम्मानित और गर्वित महसूस करना। जब कोई व्यक्ति अपनी मेहनत और संघर्ष से कुछ अद्वितीय प्राप्त करता है, तो उसे अपना सिर ऊंचा करने की अनुमति होती है।
प्रयोग: जैसे की “अमन ने कठिनाइयों को पार करते हुए अच्छे अंक प्राप्त किए और उसने अपने माता-पिता का सिर ऊँचा कर दिया।”
उदाहरण:इस मुहावरे का उपयोग अक्सर उस समय किया जाता है जब किसी को अपनी उपलब्धियों पर गर्व होता है या जब वह अपने परिवार और समाज के लिए कुछ विशेष प्राप्त करता है।

278. मुहावरा – सिर पर कफन बांधना
अर्थ:‘सिर पर कफन बांधना’ मुहावरे का अर्थ है किसी महत्वपूर्ण लक्ष्य या कारण के लिए जीवन की सम्पूर्ण समर्पण और त्याग की भावना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को उसकी मूल्यवान वस्तुओं, स्थितियों या जीवन का त्याग करने की तैयारी होती है।
उदाहरण:जब राजा सुरेंद्र ने अपनी सम्पूर्ण संपत्ति, राज्य और परिवार को त्याग दिया, तो उसे कहा गया कि उसने ‘सिर पर कफन बांध लिया’।

279. मुहावरा – सूरज को दीपक दिखाना
अर्थ: सूरज अपने आप में एक बड़ी ज्योति है, और उसे दीपक दिखा कर उसे रोशनी का परिचय कराना बेमानी होता है।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को उसकी खुद की जानकारी या पहचान का परिचय दिया जाए, तो यह मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण:जब फिल्म निर्देशक मुनीश ने अभिनेता अनुज को उनके हिट फिल्मों के बारे में बताने की कोशिश की, तो अनुज ने मुस्करा कर कहा, “आप मुझे मेरी ही फिल्मों का परिचय कर रहे हैं। यह तो जैसे ‘सूरज को दीपक दिखाना’ है।”

280. मुहावरा – सेंध लगाना
अर्थ: सेंध लगाना का सीधा अर्थ होता है किसी दीवार या स्थल में छेद बनाना। इसे व्यक्तिगत, सामाजिक या राजनीतिक संदर्भ में भी प्रयोग किया जाता है, जैसे किसी संगठन, पार्टी या समूह में फूट डालने के अभिप्रेत में।
प्रयोग: “सेंध लगाना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसे अक्सर चोरी, घुसपैठ या किसी दीवार में छेद करके अंदर घुसने के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:जब विशाल ने रात में शर्मा जी के घर की दीवार में छेद कर उसमें सेंध लगाई और अंदर घुसने की कोशिश की, पड़ोसी ने तुरंत ही पुलिस को फोन कर दिया।

281. मुहावरा -सैंया भये कोतवाल अब डर काहे का
अर्थ:“सैंया भये कोतवाल अब डर काहे का” यह हिंदी का एक प्रमुख मुहावरा है, जिसका अभिप्रेत होता है कि जब आपका कोई निकट संबंधी अधिकारी या शक्तिशाली हो, तो आपको डरने की कोई जरूरत नहीं है।
प्रयोग: “सैंया” मतलब है शौहर, “कोतवाल” मतलब है शहर का प्रमुख पुलिस अधिकारी और “डर काहे का” का अर्थ है “अब डरने की क्या बात है?”। अगर आपका शौहर या पति ही पुलिस अधिकारी हो, तो आपको डरने की कोई जरूरत नहीं है।
उदाहरण:पूजा और अपर्णा बाजार में थीं और वहां पर कुछ लड़ाई चल रही थी। पूजा डरी हुई थी, लेकिन अपर्णा ने उसे याद दिलाया, “तुम्हारा भाई ही थानेदार है तो फिर तू क्यों डर रही है, सैंया भये कोतवाल अब डर काहे का?”

282. मुहावरा – सोने पे सुहागा
अर्थ:“सोने पे सुहागा” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है किसी अच्छी स्थिति या चीज़ पर और भी अधिक बढ़ोतरी हो जाना।
प्रयोग: यह मुहावरा वह समय पर इस्तेमाल होता है जब किसी चीज़ की अच्छाई में और भी वृद्धि होती है।
उदाहरण:जब अभय को प्रमोशन मिला और उसी दिन उसकी पत्नी ने उसे खुशखबरी सुनाई कि वह मां बनने वाली है, तो उसने कहा, “यह तो सोने पे सुहागा हो गया।”

283. मुहावरा – हजामत बनाना
अर्थ: “हजामत बनाना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है ‘किसी को अच्छी तरह से पीटना’ या ‘किसी को बुरी तरह से हराना’।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर किसी को बोधिक या शारीरिक रूप में हराने के संदर्भ में इस्तेमाल होता है।
उदाहरण:जब अभय ने विकास को बहुत मारा, तो लोगो ने कहा कहा, “आज तो अभय ने विकास की हजामत बना दी।”

284. मुहावरा – हवा हो जाना
अर्थ: “हवा हो जाना” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है ‘अचानक और अनपेक्षित रूप से गायब हो जाना’। इसका उपयोग आमतौर पर किसी के अचानक दूर जाने या फिर अचानक से लापता हो जाने के संदर्भ में किया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल अधिकतर तब होता है जब किसी व्यक्ति ने या तो भागकर कहीं छुपने का निर्णय लिया हो या वह अचानक ही किसी जानकार के बिना किसी स्थान से चला जाए।
उदाहरण:जब पुलिस ने सुभाष को पकड़ने की कोशिश की, तो वह ‘हवा हो गया’।

285. मुहावरा -हरी झंडी दिखाना
अर्थ:“हरी झंडी दिखाना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है ‘अनुमति देना’ या ‘सहमति प्रकट करना’।
प्रयोग: यह मुहावरा तब उपयोग में लिया जाता है जब किसी को किसी कार्य के लिए अनुमति दी जाए। यह सहमति किसी योजना, परियोजना, या किसी अन्य कार्य को आगे बढ़ाने के लिए हो सकती है।
उदाहरण:जब अनुभव ने अपने व्यापारिक प्रस्ताव प्रस्तुत किया, तो बोर्ड ने उसे ‘हरी झंडी दिखा दी’।

286. मुहावरा – हाथ कंगन को आरसी क्या
अर्थ:‘हाथ कंगन को आरसी क्या’ एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है कि जब कुछ स्पष्ट और साफ हो, तो उसका प्रमाण प्रस्तुत करने की जरूरत नहीं होती।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति स्पष्टता से कुछ बताना चाहता है और वह चाहता है कि उसके बयान को बिना किसी प्रमाण के स्वीकार किया जाए, तो वह इस मुहावरे का प्रयोग कर सकता है।
उदाहरण:जब अनुज ने अपने मित्र से अपने नए प्रोजेक्ट के बारे में बताया, तो उस मित्र ने प्रमाण मांगा। तब अनुज ने कहा, “देख, मेरी सफलता ही मेरा प्रमाण है, हाथ कंगन को आरसी क्या।”

287. मुहावरा – हाथ का मैल होना
अर्थ:‘हाथ का मैल होना’ एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है। इस मुहावरे का अर्थ है किसी चीज का किसी के लिए कोई महत्व नहीं होना या किसी चीज को तुच्छ समझना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को लगता है कि कोई चीज उसके लिए महत्वपूर्ण नहीं है या वह उसे अहमियत नहीं देता, तब वह कहता है कि यह उसके लिए ‘हाथ का मैल’ है।
उदाहरण:अनुभव के लिए यह सोने की घड़ी हाथ का मैल है, क्योंकि वह इसे कभी पहनता नहीं है।

288. मुहावरा – आंच न आने देना
अर्थ: ‘आंच न आने देना’ एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी को किसी प्रकार की परेशानी या कठिनाई नहीं आने देना।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेष रूप से तब प्रयोग होता है, जब हम किसी की सुरक्षा, रक्षा या संरक्षण की बात करते हैं।
उदाहरण:विकास ने अपने छोटे भाई को सभी मुश्किलों से दूर रखकर उस पर ‘आंच नहीं आने दी’।

289. मुहावरा -बालू से तेल निकलना
अर्थ:“बालू से तेल निकलना” एक प्रमुख हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है ऐसा कार्य करना जो लगता है कि वह असंभव है या बहुत कठिन है, लेकिन फिर भी किसी ने उसे किया।
प्रयोग: जब हम किसी के द्वारा किए गए कार्य को देखकर अचंभित होते हैं और उस कार्य को असंभव मानते हैं, तो हम इस मुहावरे का प्रयोग करते हैं।
उदाहरण:अखिल ने अपनी संघर्षपूर्ण जीवन की कठिनाइयों में से गुजरते हुए सफलता प्राप्त की, मानो उसने ‘बालू से तेल निकाल लिया’।

290. मुहावरा – मक्खीचूस होना
अर्थ:“मक्खीचूस होना” एक प्रमुख हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है किसी को अत्यधिक कंजूस।
प्रयोग: जब हम किसी को बहुत अधिक कंजूस समझते हैं, तब हम इस मुहावरे का प्रयोग करते हैं।
उदाहरण:अनुज अपने दोस्तों के लिए कभी भी पैसे नहीं खर्च करता, वह तो पूरी तरह से ‘मक्खीचूस’ है।

291. मुहावरा – होनहार बिरवान के होत चीकने पात
अर्थ:इस मुहावरे में ‘होनहार’ शब्द का अर्थ होता है प्रतिभाशाली और ‘बिरवान’ का अर्थ होता है वृक्ष। ‘चीकने पात’ का अर्थ होता है पतले पत्ते। अतः सम्पूर्ण मुहावरा का अर्थ होता है कि जैसे पतले पत्तों से ही पता चल जाता है कि वृक्ष प्रतिभाशाली है, वैसे ही बचपन में ही पता चल जाता है कि कोई व्यक्ति प्रतिभाशाली है।
प्रयोग: जब किसी बालक या बालिका की प्रतिभा को पहचानने के लिए इसे प्रशंसा की जाती है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण:अमन छोटे ही उम्र में गाने में महारत हासिल कर ली है। वाकई, होनहार बिरवान के होत चीकने पात।

292. मुहावरा – हाथों हाथ लेना
अर्थ: ‘हाथों हाथ लेना’ मुहावरे का अर्थ होता है किसी चीज़ को तुरंत और बिना किसी विलंब के प्राप्त करना।
प्रयोग: ‘हाथों हाथ लेना’ जो अक्सर किसी चीज़ को तुरंत प्राप्त करने या स्वागत करने के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:अनुज ने पूजा को स्टेशन पहुँच कर हाथों हाथ लिया और उसे अपने घर ले आया।”

293. मुहावरा -हाथ लगना
अर्थ:‘हाथ लगना’ मुहावरे का अर्थ होता है किसी कार्य या प्रयास से सकारात्मक परिणाम प्राप्त करना या किसी व्यक्ति को सफलता पूर्वक पाना।
प्रयोग: जिसे अक्सर परिणाम या किसी व्यक्ति को पाने के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण:अनन्य ने अपनी मेहनत और समर्पण से परीक्षा की तैयारी की तब जाके उसे सफलता हाथ लगी।

294. मुहावरा – हाथ बटाना
अर्थ:‘हाथ बटाना’ मुहावरे का अर्थ होता है किसी की सहायता करना या सहयोग करना।
प्रयोग: ‘हाथ बटाना’ का सहयोग में प्रयोग होने पर इसका अर्थ होता है किसी की मदद करना। जब हम किसी के साथ या किसी के लिए कुछ कार्य करते हैं, तो हम उसे ‘हाथ बटाना’ कहते हैं। यह मुहावरा आमतौर पर सहयोग और मित्रता के प्रतीक के रूप में प्रयुक्त होता है।
उदाहरण:जब अमन को उसकी परीक्षा की तैयारी में मुश्किल हो रही थी, तो विकास ने उसके साथ हाथ बटाया।

295. मुहावरा – हाथ पर हाथ धरे रहना
अर्थ:‘हाथ पर हाथ धरे रहना’ मुहावरे का अर्थ होता है कोई कार्य ना करना या आलस्य में रहना।
प्रयोग: यह मुहावरा बगुले की प्रवृत्तियों से आया है। बगुला साधु की तरह शांत और धार्मिक दिखाई देता है जब वह मेंढ़ से कीड़े पकड़ने की प्रतीक्षा करता है। लेकिन जब मेंढ़ पास आता है, बगुला तत्पर हो जाता है और उसे पकड़ लेता है।
उदाहरण:अमन अगर परीक्षा में पास होना चाहता है तो उसे हाथ पर हाथ धरे नहीं रहना चाहिए।

296. मुहावरा – हाथ को हाथ न सूझना
अर्थ: ‘हाथ को हाथ न सूझना’ मुहावरे का अर्थ होता है कुछ दिखाई न देना। जब किसी चीज़ का पता न चले तब इसे प्रयोग में लाया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा हाथ के अदृश्य हो जाने से संबंधित है। जैसे हाथ आमतौर पर हमारे नजर के सामने होते हैं, लेकिन जब अँधेरा हो जाये या धुंध हो जाएं तो उसेहाथ को हाथ न सूझना कहते हैं।
उदाहरण:जब अंश अंधेरे कमरे में गया, तो उसे अपना हाथ भी नहीं सूझा।

297. मुहावरा -हाथ खींचना
अर्थ:“हाथ खींचना” मुहावरे का अर्थ होता है किसी से दूर हो जाना या किसी से संपर्क तोड़ देना।
प्रयोग: यह मुहावरा हाथ को खींचकर दूर करने की प्राकृतिक प्रवृत्ति से आया है, जैसे किसी से अवसर्थित व्यक्ति से बचने के लिए।
उदाहरण:अनुज और अभय पहले अच्छे दोस्त थे, पर कुछ समय बाद अनुज ने अभय से अपना हाथ खींच लिया।

298. मुहावरा – हाथ तंग होना
अर्थ:‘हाथ तंग होना’ का अर्थ होता है पैसों की कमी होना। जब किसी व्यक्ति के पास पर्याप्त धन नहीं होता, तो उसे कहा जाता है कि उसका ‘हाथ तंग है’।
प्रयोग: यह मुहावरा पैसे के महत्व को दर्शाता है। जब किसी के पास पैसे नहीं होते, तो उसके पास विकल्प कम हो जाते हैं और वह अनेक चीजों में सीमित हो जाता है।
उदाहरण: विकास को अच्छी तरह से जानते हुए भी मैंने उससे पैसे उधार नहीं मांगे, क्योंकि मुझे पता था कि उसका हाथ तंग है।

299. मुहावरा – हाथ खाली होना
अर्थ:“हाथ खाली होना” मुहावरे का अर्थ होता है कुछ नहीं होना या रुपया पैसा ना होना, असफल होना या उम्मीद के अनुसार परिणाम नहीं प्राप्त होना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति किसी काम या किसी उद्देश्य के लिए निकलता है और वह अपने उद्देश्य में सफल नहीं हो पाता, तो उसे कहा जाता है कि वह “हाथ खाली” लौटा।
उदाहरण: विकास नौकरी पाने की उम्मीद में बहुत सारी जगह गया, पर अंत में वह हाथ खाली लौटा।

300. मुहावरा – बगुला भगत होना
अर्थ: “बगुला भगत होना” का अर्थ है किसी को धर्मिक या साधु-संत जैसा दिखावा करना पर असल में उसका उद्देश्य कुछ और होना, ढोंगी होना।
प्रयोग: यह मुहावरा बगुले की प्रवृत्तियों से आया है। बगुला साधु की तरह शांत और धार्मिक दिखाई देता है जब वह मेंढ़ से कीड़े पकड़ने की प्रतीक्षा करता है। लेकिन जब मेंढ़ पास आता है, बगुला तत्पर हो जाता है और उसे पकड़ लेता है।
उदाहरण: मुनीश अक्सर मंदिर में बैठकर भिक्षा मांगता है, लेकिन उसका असली चेहरा तब सामने आता है, जब वह रात को अपनी जमा की हुई रकम से शराब पीता है। वाकई, वह ‘बगुला भगत’ बनता है।

301. मुहावरा -ठन ठन गोपाल
अर्थ:‘ठन ठन गोपाल’ मुहावरे का अर्थ होता है – किसी के पास कुछ नहीं होना। जब किसी व्यक्ति के पास धन या संपत्ति का पूरी तरह से अभाव हो, तब इसे प्रयोग में लाया जाता है।
प्रयोग: ‘ठन ठन गोपाल’ मुहावरे का प्रयोग उस समय होता है, जब किसी को उसकी गरीबी या अभाव की स्थिति को बताने की जरूरत होती है। गोपाल भगवान श्रीकृष्ण का एक रूप है। इस मुहावरे के माध्यम से व्यक्ति के अभाव की स्थिति को प्रकट किया जाता है।
उदाहरण: विकास तो ‘ठन ठन गोपाल’ है, फिर भी वह हमेशा प्रसन्न रहता है।

302. मुहावरा – तिलमिला उठना
अर्थ:‘तिलमिला उठना’ का अर्थ है जब किसी की भावनाओं में हलचल होती है या वह अपनी भावनाओं को छुपाने में असमर्थ होता है। यह मुहावरा तब प्रयुक्त होता है जब किसी को बुरा महसूस होता है या उसकी भावनाएँ आहत होती हैं।
प्रयोग: ‘तिलमिला उठना’ मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से वहीं होता है जब हम किसी की आहत भावनाओं को दर्शाना चाहते हैं। यह व्यक्ति के अंदर उत्पन्न होने वाले आंतरिक संवेदनाओं को बयां करता है।
उदाहरण: जब अभय ने सुना कि उसके सबसे अच्छे मित्र ने उसके पीठ पीछे बुरा भला कहा, तो वह तिलमिला उठा।

303. मुहावरा – लाले पड़ना
अर्थ:‘लाले पड़ना’ का अर्थ होता है बहुत अधिक आवश्यकता या अत्यधिक कमी होना। अधिकतर, जब किसी चीज़ की अत्यधिक कमी होती है तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
प्रयोग: जब भी किसी वस्त्र, सेवा, संसाधन या किसी अन्य चीज़ की घातक कमी होती है तो ‘लाले पड़ना’ मुहावरे का प्रयोग होता है। यह मुहावरा आमतौर पर एक नकारात्मक संदर्भ में प्रयोग होता है जब कोई संकट या असुविधा होती है।
उदाहरण: पानी की भयंकर कमी के चलते गाँव में पानी के लाले पड़ गए।

304. मुहावरा – जान के लाले पड़ना
अर्थ: “जान के लाले पड़ना” मुहावरे का अर्थ है जीवन के प्रति संकट में आ जाना। यानी जब किसी की जान को खतरा होता है, तो उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
प्रयोग: जब भी किसी का सामना मौत से होता है या जब वह महसूस करता है कि उसकी जान में खतरा है, तो “जान के लाले पड़ना” मुहावरे का प्रयोग होता है। यह एक बहुत ही प्रचलित और प्रयोग किया जाने वाला मुहावरा है जो जीवन के संकटपूर्ण पलों को दर्शाता है।
उदाहरण: समुद्र में तैरते हुए अखिल को जान के लाले पड़ गए जब उसे दूर तक कोई भी किनारा नहीं दिखाई दिया।

305. मुहावरा – दौड़ धूप करना
अर्थ:“दौड़ धूप करना” मुहावरे का अर्थ है बहुत अधिक परिश्रम करना या बहुत ज्यादा मेहनत करना। यह मुहावरा विशेष रूप से तापमान और परिश्रम के संबंध में प्रयोग होता है।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति किसी विशेष लक्ष्य को पाने के लिए अथाह परिश्रम करता है और उसके लिए अपनी सीमा को पार करता है, तब “दौड़ धूप करना” जैसे मुहावरे का प्रयोग होता है। यह मुहावरा अधिकतम परिश्रम और ताकत का प्रतीक है।
उदाहरण: अभय ने अपने व्यापार को सफल बनाने के लिए दिन-रात “दौड़ धूप की”।

306. मुहावरा – खून पसीना एक करना
अर्थ: ‘खून पसीना एक करना’ मुहावरे का अर्थ होता है कठिन परिश्रम या मेहनत करना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपने लक्ष्य को पाने के लिए अत्यधिक संघर्ष और परिश्रम करता है, तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: अभय ने अपनी कंपनी को शीर्ष पर पहुंचाने के लिए ‘खून पसीना एक किया’।

307. मुहावरा – दुम दबा कर भागना
अर्थ:‘दुम दबा कर भागना’ का अर्थ होता है भय के चलते अचानक और तेजी से भाग जाना या डरकर भाग जाना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी चीज़ से अधिक डर लगे और वह बिना किसी विचार या सोच-विचार के तेजी से उस स्थिति से बाहर निकलने की कोशिश करे, तो ‘दुम दबा कर भागना’ मुहावरा उस परिस्थिति को अच्छे से व्यक्त करता है।
उदाहरण: जब अमन ने वह भूतिया चित्र देखा, वह डर से ‘दुम दबा कर भाग गया’।

308. मुहावरा – चंपत हो जाना
अर्थ: ‘चंपत हो जाना’ का अर्थ है अचानक से भाग जाना या फिर पलायन कर जाना।
प्रयोग: ‘चंपत हो जाना’ मुहावरा तभी प्रयुक्त होता है जब किसी व्यक्ति ने अचानक से और तीव्रता से किसी स्थान से पलायन किया हो। इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर आपात स्थितियों में भाग जाने के संदर्भ में होता है।
उदाहरण: जब पुलिस वहाँ पहुंची, सभी अवैध व्यापारी चंपत हो गए।

309. मुहावरा – गले का हार होना
अर्थ:“गले का हार होना” का अर्थ है किसी की बहुत प्रशंसा करना या किसी को बहुत महत्वपूर्ण समझना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति, वस्तु, या स्थान को विशेष महत्व दिया जाता है और उसे समाज में बहुत ही उच्च स्थान पर रखा जाता है, तो उस समय “गले का हार होना” जैसे मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: अमन अपने स्कूल में हर विषय में श्रेष्ठ है, वह उस स्कूल का ‘गले का हार’ है।

310. मुहावरा – आम के आम गुठलियों के दाम
अर्थ:“आम के आम गुठलियों के दाम” मुहावरे का अर्थ है किसी कार्य से दोगुना लाभ प्राप्त करना।
प्रयोग: जब हमें एक ही प्रयास से अधिक फायदा हो, तो हम इस मुहावरे का उपयोग कर सकते हैं।
उदाहरण: अमन ने पुरानी किताबें बेच दीं और उसे नई किताबें खरीदने का पैसा भी मिला, वाह! आम के आम गुठलियों के दाम।

311. मुहावरा – आ बैल मुझे मार
अर्थ:यह मुहावरा उस समय का संकेत करता है जब किसी की हालत पहले से ही खराब होती है और वह और अधिक समस्याओं को आमंत्रित करता है।
प्रयोग: “आ बैल मुझे मार” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसका प्रयोग अक्सर उस समय किया जाता है, जब कोई व्यक्ति अपनी हालत को और भी बिगाड़ने के लिए तैयार होता है या जब वह अधिक समस्याओं का सामना करने को तैयार है।
उदाहरण: अनुज ने अभी लोन लेके कार खरीदी थी अब उसने लोन लेके बाइक ले ली। ये तो “आ बैल मुझे मार” वाली कहावत सिद्ध होती है।

312. मुहावरा – कान में तेल डालना
अर्थ: “कान में तेल डालना” मुहावरे का अर्थ है किसी की बातों को नकारते हुए, उसे ध्यान में नहीं लेना।
प्रयोग: इसका प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति ने जान बूझकर किसी की सलाह या बात को अनदेखा किया हो।
उदाहरण: विकास ने अपने दोस्त की सलाह को नकारते हुए उससे बड़ा नुकसान उठाया। उसने तो पूरी तरह से “कान में तेल डाल” लिया।

313. मुहावरा – कलेजा मुँह को आना
अर्थ: “कलेजा मुँह को आना” मुहावरे का अर्थ है अत्यधिक डर या चिंता महसूस करना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को अधिक डर या चिंता हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: जब अंश अधेरे कमरे में अकेला था, वह बहुत डर रहा था ऐसा लगा की उसका कलेजा मुँह को आ गया हो।

314. मुहावरा – कलेजा ठंडा होना
अर्थ:“कलेजा ठंडा होना” का मुख्य अर्थ है कि किसी व्यक्ति को राहत महसूस होना या उसकी चिंता दूर हो जाना।
प्रयोग: आमतौर पर, जब किसी बड़े कार्य को पूरा कर लिया जाता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: अनुज ने पिछले सात महीनों से बिना रुके अपने परियोजना पर काम किया। जब वह परियोजना सफलतापूर्वक पूरी कर ली, तो उसे ऐसा लगा जैसे उसका कलेजा ठंडा हो गया हो। अब वह बिना किसी चिंता के अपने अगले कार्य में प्रवृत्त हो सकता है।

315. मुहावरा – ख्याली पुलाव पकाना
अर्थ:“ख्याली पुलाव पकाना” मुहावरे का अर्थ है किसी अधारहीन पर विचार करना, कल्पनाओं में कोना, बेसिर पैर की बातें करना, असंभवं बातें सोचना, कोरी कल्पनाएं करना।
प्रयोग: इसका प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति की आशा या विचार असंभावना से परिपूर्ण होते हैं।
उदाहरण: अनुज अगले महीने अमेरिका जाने का प्लान बना रहा था, बिना वीजा के। उसके दोस्त ने कहा, “तू ख्याली पुलाव पका रहा है।”

316. मुहावरा – आसमान पर चढ़ना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति का अहंकार में चढ़ जाना, अपने आप को दूसरों से ऊपर समझना और मिथ्या गर्व में पूरी तरह डूब जाना।
प्रयोग: “आसमान पर चढ़ना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसे अहंकार और मिथ्या गर्व की स्थिति में व्यक्ति के व्यवहार को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
उदाहरण: अनुभव ने अभी हाल ही में प्रोमोशन पाया है और अब उसका आसमान पर चढ़ना स्वाभाविक लगता है, वह अपने पुराने कर्मचारियों से बात तक नहीं करता।

317. मुहावरा – आँख मारना
अर्थ:आँख मारने का मुख्य अर्थ है किसी को इशारा करना या किसी गोपनीय बात का संकेत देना। यह किसी चुपचाप समझाने वाली बात या समझाने की कोशिश के लिए भी किया जाता है।
प्रयोग: “आँख मारना” अक्सर इस तरीके से किसी के साथ संपर्क साधने के लिए प्रयुक्त होता है। यह एक अव्यक्त तरीके से अन्य को किसी विषेष बात का संकेत देने के लिए होता है, जिसे शब्दों में नहीं कहा जा सकता।
उदाहरण: अभय ने अपने दोस्त से आँख मारकर उसे पार्टी में एक लड़की की ओर इशारा किया।

318. मुहावरा – तिल का ताड़ बनाना
अर्थ:इस मुहावरे का अर्थ है किसी छोटी सी बात को बहुत बड़ा बना देना।
प्रयोग: हमारे जीवन में कई बार ऐसे समय आते हैं जब हम छोटी-छोटी बातों पर अधिक ध्यान देने लगते हैं। ऐसी स्थितियों में, हम वास्तविकता को अधिक महत्व दे देते हैं, जो कि वास्तव में जरूरी नहीं होता।
उदाहरण: सुभाष ने सुना कि उसके दोस्त ने उसके पीछे कुछ गलत कहा, लेकिन जब उसने समझने की कोशिश की तो पता चला वह तिल का ताड़ बना रहा था।

319. मुहावरा – दिमाग सातवें आसमान पर होना
अर्थ: दिमाग सातवें आसमान पर होना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी व्यक्ति का मन और ध्यान कहीं और लगा होना। हालांकि, यह मुहावरा अक्सर अहंकार या घमंड में भी प्रयोग होता है, जब कोई व्यक्ति अपनी प्रशंसा में इतना डूब जाता है कि वह औरों की भावनाओं और समझ को नकारता है।
प्रयोग: जब किसी को अधिक सफलता मिलती है या वह किसी बड़ी उपलब्धि को प्राप्त करता है, तो अक्सर वह अहंकार में आ जाता है और उसका दिमाग सातवे आसमान पर चला जाता है। वह औरों को तुच्छ मानने लगता है और अपनी ही प्रशंसा में डूबा रहता है।
उदाहरण: अनुज ने अभी-अभी प्रोमोशन पाया है और अब उसका दिमाग सातवे आसमान पर है, वह अपने पुराने दोस्तों को अब महसूस ही नहीं करता।

320. मुहावरा – बात का बतंगड़ बनाना
अर्थ: “बात का बतंगड़ बनाना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका मतलब है किसी छोटी-सी बात को बड़ा बना देना या उसे अधिक महत्व देना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी सामान्य या छोटी सी बात को बिना वजह के अधिक बड़ा या महत्वपूर्ण बना देता है।
उदाहरण: अभय ने विशाल के छोटे से मजाक पर बहुत ज्यादा ड्रामा कर दिया। लगता है वह बात का बतंगड़ बना रहा है।

321. मुहावरा – ऊंची दुकान फीका पकवान
अर्थ: इस मुहावरे का साधारण अर्थ है कि जब किसी वस्तु या व्यक्ति का बाहरी दिखावा शानदार होता है, लेकिन उसकी असली गुणवत्ता या योग्यता उससे कम होती है।
प्रयोग: “ऊंची दुकान फीका पकवान” एक प्रमुख हिंदी मुहावरा है, जो व्यक्ति या वस्तु के बाहरी दिखावे और वास्तविक गुणों में अंतर को दर्शाने के लिए प्रयुक्त होता है।
उदाहरण: अनुज ने नई दुकान खोली है, जो बहुत ही सुंदर और आकर्षक है, लेकिन जब मैं वहां से कुछ खरीदा तो समझा कि वह ऊंची दुकान फीका पकवान है।

322. मुहावरा – राई का पहाड़ बनाना
अर्थ: “राई का पहाड़ बनाना” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है छोटी सी बात को बड़ा बना देना या उसे अधिक महत्व देना।
प्रयोग: इस मुहावरे का नाम ही संकेत करता है कि कैसे एक छोटी सी राई को पहाड़ में बदल दिया जाता है, अर्थात् छोटी सी बात को अधिक महत्व दिया जाता है।
उदाहरण: अनुज ने पूजा की एक छोटी-सी टिप्पणी पर बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया कर दी है, वह इसे जानबूझ कर राई का पहाड़ बना रहा है।

323. मुहावरा – टोपी उछालना
अर्थ: “टोपी उछालना” एक प्रचीन हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी को अपमानित या बेइज्जत करना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को जानबूझकर नीचा दिखाने का प्रयास होता है।
उदाहरण: अनुज ने सभा में अखिल की बहुत अलोचना की और उसकी टोपी उछाल दी।

324. मुहावरा – आटे दाल का भाव मालूम होना
अर्थ: ‘आटे दाल का भाव मालूम होना’ का अर्थ होता है किसी विषय या स्थिति की गहरी और वास्तविक जानकारी होना, दुनियादारी की जानकारी होना खासकर संघर्ष और जीवन की वास्तविकताओं के विषय में।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति जीवन की चुनौतियों और संघर्षों के बारे में पूरी तरह से जागरूक और समझदार होता है, तब कहा जाता है कि उसे ‘आटे दाल का भाव’ मालूम है। इसका संदर्भ मूल जीवन की वास्तविकता से है, जहाँ आटा और दाल मूल जरूरतें होती हैं।
उदाहरण: जब अखिल ने अपना स्टार्टअप डाला तब उसे आटे दाल का भाव मालूम हुआ।

325. मुहावरा – हाथ पाँव मारना
अर्थ: ‘हाथ पाँव मारना’ मुहावरे का अर्थ होता है अत्यधिक प्रयास करना या अधिक मेहनत करना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अधिक मेहनत और प्रयास किया हो, तो हम कहते हैं कि वह ‘हाथ पाँव मार रहा है’। यह मुहावरा उस व्यक्ति की अधिक मेहनत और संघर्ष को दर्शाता है जो वह किसी चीज़ को पाने के लिए कर रहा होता है।
उदाहरण: अभय ने अपने व्यवसाय में सफलता पाने के लिए बहुत ही हाथ पाँव मारे।

326. मुहावरा – अंगद का पैर होना
अर्थ: ‘अंगद का पैर होना’ का अर्थ होता है ऐसी स्थिति जहां कोई व्यक्ति या चीज अटल और अचल हो। यह मुहावरा किसी की दृढ़ता और स्थिरता को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे की उत्पत्ति महाभारत से जुड़ी है। जब अंगद ने रावण के दरबार में अपना पैर जमाया, तो कोई भी उसे हटा नहीं सका। इसे ध्यान में रखते हुए, इस मुहावरे का उपयोग किसी की दृढ़ता या अनिवार्यता को बताने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: जब सरकार ने नई नीतियों को लागू किया, तो उसका निर्णय ‘अंगद का पैर’ बन गया और कोई भी उसे बदल नहीं सका।

327. मुहावरा – कलेजे पर पत्थर रखना
अर्थ: ‘कलेजे पर पत्थर रखना’ मुहावरे का अर्थ है किसी कठिन या दुःखद स्थिति में साहस और धैर्य दिखाना।
प्रयोग: जब हम ‘कलेजे पर पत्थर रखना’ कहते हैं, तो इसका मतलब है कि किसी व्यक्ति ने अपनी भावनाओं और दुःख को संयमित करके, किसी कारणवश कठिन परिस्थितियों में भी स्थिरता बनाए रखी है।
उदाहरण: जब अनुज को पता चला कि उसके प्रिय दोस्त अब नहीं रहे, उसने ‘कलेजे पर पत्थर रखकर’ उसके परिवार को समर्थन दिया।

328. मुहावरा – मिट्टी का माधो
अर्थ: ‘मिट्टी का माधो’ मुहावरे का अर्थ होता है किसी बहुत ही सादगी भरे व्यक्ति या बहुत अधिक भोले व्यक्ति को संदर्भित करना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को बहुत अधिक भोला या सीधा माना जाए, जिसे लोग आसानी से धोखा दे सकते हैं, तो उसे ‘मिट्टी का माधो’ कहा जाता है। यह मुहावरा उन व्यक्तियों को दर्शाता है जो जीवन में अधिक सादगी और मासूमियत दिखाते हैं।
उदाहरण: अभय तो बिल्कुल मिट्टी का माधो है, उसे कोई भी आसानी से बहका सकता है।

329. मुहावरा – एक हाथ से ताली नहीं बजती
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी भी कार्य को पूरा करने के लिए दो पक्षों की सहमति और सहयोग की जरूरत होती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग उस स्थिति में किया जाता है जब किसी चीज़ के सम्पूर्ण होने के लिए दो पक्षों की आवश्यकता होती है।
उदाहरण: विवाह में, पति-पत्नी दोनों के सहयोग के बिना परिवार नहीं चल सकता, क्योंकि ‘एक हाथ से ताली नहीं बजती’।

330. मुहावरा – कच्चा चिट्ठा खोलना
अर्थ: ‘कच्चा चिट्ठा खोलना’ का अर्थ है किसी का असली चेहरा या असली भाव उजागर करना। या फिर, किसी के गुप्त या छिपे हुए राज खोलना।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेष रूप से उस समय किया जाता है जब किसी की असलियत उजागर होती है।
उदाहरण: जब विशाल ने सच्चाई सुनाई, तो विकास का ‘कच्चा चिट्ठा’ सभी के सामने खुल गया।

331. मुहावरा – चूना लगाना
अर्थ: ‘चूना लगाना’ मुहावरे का अर्थ है किसी को धोखा देना, बेवकूफ बनाना।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर व्यापारिक लेन-देन, सौदों या अन्य जीवन की स्थितियों में उपयोग होता है जहाँ धोखा दिया जा सकता है।
उदाहरण: सुरेंद्र ने विनीत को पुरानी गाड़ी बेच दी और उसे चूना लगा दिया।

332. मुहावरा – कुत्ते की मौत मरना
अर्थ: ‘कुत्ते की मौत मरना’ का अर्थ है अपमानजनक, दर्दनाक मृत्यु, अकाल मृत्यु मरना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर किसी के अधोगति की स्थिति को बयां करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: प्रेमचंद्र ने अपनी जिंदगी में बहुत पाप किये है देखना वह एक दिन कुत्ते की मौत मरेगा।

333. मुहावरा – 3 13 करना
अर्थ: ‘3 13 करना’ का अर्थ है किसी समूह या जनसमूह को बिखेर देने में माहिर होने के संदर्भ में लिया जा सकता है।
प्रयोग: ‘3 13 करना’ मुहावरे का उपयोग विशेष रूप से उस समय किया जाता है जब किसी व्यक्ति को किसी गतिविधि या कार्य में विशेष माहिरता हो। जैसे किसी शिक्षक को अपने विद्यार्थियों को शांत करने में या फिर किसी नेता को अपने समर्थकों को संगठित रखने में।
उदाहरण: जब भी बच्चों में हंगामा होता, अध्यापक अनुज वहाँ जाते और ‘3 13 कर देते’ ताकि सभी शांत हो जाएं।

334. मुहावरा – ठगा सा रह जाना
अर्थ: ‘ठगा सा रह जाना’ मुहावरे का अर्थ होता है किसी बात या घटना से अचानक आश्चर्यचकित या अधिक प्रभावित हो जाना।
प्रयोग: ‘ठगा सा रह जाना’ आमतौर पर उस समय प्रयुक्त होता है जब कोई व्यक्ति किसी अप्रत्याशित घटना, उपहार या समाचार से प्रभावित होता है।
उदाहरण: जब अनुज ने अपनी गाड़ी का नया मॉडल दिखाया, तो अखिल पूरी तरह से ठगा सा रह गया।

335. मुहावरा – मक्खन लगाना
अर्थ: “मक्खन लगाना” का मुख्य अर्थ है किसी को चापलूसी करना या मोहित करने के लिए अधिक प्रशंसा करना।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति का ध्यान अक्सर अपने लाभ के लिए दूसरों की अधिक प्रशंसा में जाता है।
उदाहरण: विशाल अपने प्रमोशन के लिए अपने बॉस को रोज मक्खन लगाता है।

336. मुहावरा – बिजली गिरना
अर्थ: अचानक और अप्रत्याशित तरीके से किसी पर भारी संकट या मुसीबत आ पड़ना।
प्रयोग: अचानक और अप्रत्याशित समस्या या आपत्ति पर आने वाले प्रभाव को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
उदाहरण: जब अभय को पता चला कि उसके घर में आग गई है, उसे लगा जैसे उस पर बिजली गिर गयी हो।

337. मुहावरा – हाथ पीले करना
अर्थ: ‘हाथ पीले करना’ का सीधा अर्थ है किसी की शादी करवाना।
प्रयोग: इस मुहावरे की उत्पत्ति हाथ पर पीला रंग चढ़ाने से हुई है, जो की शादियों में मेहंदी लगाने से होता है। मेहंदी लगाना शादी की पूर्व संस्कार में होता है, इसलिए इसे ‘हाथ पीला करना’ कहा जाता है।
उदाहरण: अनुज ने सोच लिया है कि इस बार अपनी बहन के हाथ पीले कर देगा।

338. मुहावरा – पौ बारह होना
अर्थ: अत्यधिक लाभ कमाना अर्थात चारों तरफ से लाभ कमाना।
प्रयोग: “पौ बारह होना” का उपयोग अक्सर उस समय होता है जब किसी व्यक्ति, संस्था या परिस्थिति की पराकाष्ठा हो जाती है। विशेष रूप से अर्थिक परिपेक्ष में, यह धन की वृद्धि और समृद्धि की परिपेक्ष में प्रयुक्त होता है।
उदाहरण: सुरेंद्र अब हर तरह से पैसा कमा रहा है। व्यापार, निवेश, और संपत्ति – हर जगह से उसे लाभ हो रहा है। वाकई, उसकी अब ‘पौ बारह’ हो गई है।

339. मुहावरा – पेट में दाढ़ी होना
अर्थ: छोटी आयु में ही अधिक बुद्धिमत्ता या चतुराई दिखाना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई युवा व्यक्ति उम्र से ज्यादा अनुभवी या चतुर दिखाई दे। “दाढ़ी” यहाँ पर प्रौढ़ता और अनुभव का प्रतीक है, जबकि “पेट” युवा आयु को दर्शाता है।
उदाहरण: प्रथम अभी 14 वर्ष का है, लेकिन वह अपनी आयु से ज्यादा समझदार और चतुर है। कहते हैं कि उसके पेट में दाढ़ी है।

340. मुहावरा – पांव भारी होना
अर्थ: गर्भवती होना या प्रेग्नेंसी की स्थिति में होना।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग उसकी प्रेग्नेंसी की स्थिति को दर्शाने में भी किया जाता है।
उदाहरण: अपर्णा अब घर में अधिक समय तक आराम करती है, लगता है उसके पांव भारी हो रहे हैं।

341. मुहावरा – आड़े हाथों लेना
अर्थ: किसी को धमकी देना या उसे डरा कर अपनी बात मनवाना।
प्रयोग: यह तब प्रयुक्त होता है जब किसी को अपनी बात मानवाने, या अपनी प्राथमिकता को स्थापित करने के लिए उसे डर या धमकी दी जाती है।
उदाहरण: अमन ने अंश से अपनी पेंसिल वापस मांगी, लेकिन जब अंश ने नहीं दी तो अमन ने उसे “आड़े हाथों” लिया और पेंसिल वापस पाई।

342. मुहावरा – थाली का बैंगन होना
अर्थ: “थाली का बैंगन होना” का अर्थ है एक व्यक्ति का अपने विचारों या फैसलों पे स्थिर नहीं रहना। इसका मतलब है कि वह व्यक्ति अक्सर अपनी राय बदलता रहता है और किसी भी विचारधारा में स्थायित्व नहीं दिखाता है।
प्रयोग: “थाली का बैंगन” मुहावरे का प्रयोग उस समय होता है जब कोई व्यक्ति अपनी बातों पर अड़ा नहीं होता और उसकी राय में बार-बार परिवर्तन होता रहता है।
उदाहरण: अनुज अक्सर अपने फैसलों पे कायम ही नहीं रहता वह हमेशा कहता कुछ और है करता कुछ और है, वह तो बिल्कुल थाली का बैंगन है।

343. मुहावरा – रफू चक्कर होना
अर्थ: “रफू चक्कर होना” का अर्थ होता है किसी डर या भय की वजह से अचानक भाग जाना।
प्रयोग: कई बार, लोग डर या असहमति की स्थितियों से बचने के लिए अचानक स्थान परिवर्तन करते हैं। इस तरह की स्थितियों में “रफू चक्कर होना” मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब अभय ने सुना कि उसके पीछे पुलिस आ रही है, वह तुरंत “रफू चक्कर” हो गया।

344. मुहावरा – नौ दो ग्यारह होना
अर्थ: “नौ दो ग्यारह होना” मुहावरे का अर्थ है अचानक से भाग जाना या अचानक से गायब हो जाना।
प्रयोग: हमारे समाज में कई बार ऐसे स्थितियाँ होती हैं जब किसी को अपनी गलतियों या किसी संकट से बचने के लिए अचानक ही भाग जाना पड़ता है। “नौ दो ग्यारह होना” मुहावरा इसी तरह की परिस्थितियों को दर्शाता है।
उदाहरण: जब विशाल ने सुना कि पुलिस उसकी तलाशी में है, वह तुरंत नौ दो ग्यारह हो गया।

345. मुहावरा – एक और एक ग्यारह होना
अर्थ: “एक और एक ग्यारह होना” का अर्थ है कि जब दो व्यक्तियाँ या चीजें मिलती हैं, तो उनका परिणाम उनकी व्यक्तिगत संख्या से अधिक होता है। इसका सीधा संदेश है – संगठन की शक्ति।
प्रयोग: “एक और एक ग्यारह होना” हमें यह प्रेरित करता है कि हमें हमेशा संगठन में रहना चाहिए, क्योंकि संगठन में ही असली शक्ति है। जब हम मिल-जुलकर काम करते हैं, हम अधिक प्रभावशाली और सफल होते हैं।
उदाहरण: व्यापार में, जब दो प्रतिभाशाली लोग मिलते हैं, वे मिलकर अद्वितीय परिणाम प्राप्त कर सकते हैं – एक और एक ग्यारह हो जाते हैं।

346. मुहावरा – थूक के चाटना
अर्थ: “थूक के चाटना” मुहावरे का अर्थ होता है किसी का अपनी कही गई बात से पलट जाना।
प्रयोग: इसका प्रयोग अधिकतर तब होता है जब किसी को उसकी अपनी गलती का अहसास होता है और वह अपनी बात से पलट जाता है।
उदाहरण: अभय ने अपने मित्र से वादा किया कि वह पार्टी में ज़रूर आएगा, पर अगले दिन वह पार्टी में नहीं आया। मानो उसने थूक के चाट लिया हो।

347. मुहावरा – बीड़ा उठाना
अर्थ: “बीड़ा उठाना” मुहावरे का अर्थ है किसी महत्वपूर्ण या कठिन जिम्मेदारी को स्वीकार करना और उसे पूरा करने की प्रतिज्ञा करना।
प्रयोग: जीवन में हमें कई बार ऐसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है जब हमें महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों को स्वीकार करना होता है। ऐसे समय पर “बीड़ा उठाना” मुहावरे का प्रयोग उस जिम्मेदारी और साहस को दर्शाने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: जब संगठन में प्रमुख पद के लिए कोई उम्मीदवार चुना जाता है, वह बीड़ा उठाने के लिए तैयार होता है।

348. मुहावरा – आँख लगना
अर्थ: ‘आँख लगना’ मुहावरे का अर्थ है झपकी आना, नींद आना या थोड़ी देर के लिए सोना।
प्रयोग: यह मुहावरा वह संवेदना और अनुभूति को व्यक्त करता है जब किसी को अचानक नींद आती है।
उदाहरण: राम ने पूरी रात काम किया, इसलिए सुबह में उसकी आँख लग गई।

349. मुहावरा – चिकना घड़ा होना
अर्थ: ‘चिकना घड़ा होना’ का अर्थ है किसी व्यक्ति को किसी बात की शरम नहीं आना, यानी वह बेशरम होना।
प्रयोग: जिसे अक्सर शरम से बिना भावुक होने वाले व्यक्ति के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: अनुज अपनी गलतियों को मानने की बजाय मुस्कुराता रहता है। वह तो पूरा ‘चिकना घड़ा’ हो गया है।

350. मुहावरा – ओखली में सिर देना
अर्थ: “ओखली में सिर देना” का अर्थ है किसी मुश्किल स्थिति में खुद को डाल देना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति बिना सोच-समझ कर, अच्छी तरह समझे बिना, किसी कठिनाई या समस्या में खुद को पहुँचा देता है, उसे कहते हैं कि वह “ओखली में सिर दे रहा है।”
उदाहरण: जब अनुज ने बिना सोचे-समझे उस समस्याग्रस्त परियोजना को स्वीकार किया, उसने समझा नहीं कि वह “ओखली में सिर दे रहा है।”

351. मुहावरा – सिर खुजलाना
अर्थ: किसी विषय पर ज़्यादा चिंता करना या असमंजस में पड़ना।
प्रयोग: “सिर खुजलाना” वास्तव में उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति धर्मसंकट या असमंजस में होता है। जैसे कि कोई व्यक्ति अगर बार-बार अपने सिर को खुजलाए, तो यह इस बात का संकेत होता है कि वह किसी सोच में है या उसे किसी बात की परेशानी है।
उदाहरण: अभय अपने परिणाम को लेकर बहुत असमंजस में है, वह तो अपना सिर खुजला रहा है।

352. मुहावरा – मैदान मारना
अर्थ: किसी कार्य सफल होना या जीत जाना।
प्रयोग: यह मुहावरा आजकल किसी भी प्रकार की संघर्ष या प्रतिस्पर्धा में सफलता पाने के संदर्भ में प्रयुक्त होता है।
उदाहरण: अनन्य ने परीक्षा की तैयारी में कड़ी मेहनत की और अंत में मैदान मार लिया।

353. मुहावरा – ईद का चाँद होना
अर्थ: मुहावरे “ईद का चाँद होना” का अर्थ है वह व्यक्ति या चीज़ जो बहुत कम देखी जाए, या जो बहुत ही कम समय के लिए दिखे।
प्रयोग: जैसा कि हम सभी जानते हैं, ईद का त्योहार मुस्लिम समुदाय में चाँद के दिखाई देने पर मनाया जाता है। चाँद जब दिखाई देता है, तो यह खुशियाँ और उम्मीदें लेकर आता है।
उदाहरण: अनुभव इतना व्यस्त हो गया है कि वह अब हमारे लिए तो ‘ईद का चांद’ हो गया है।

354. मुहावरा – टेढ़ी खीर होना
अर्थ: किसी कार्य को अत्यधिक कठिन या जटिल होना।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेष रूप से उन कार्यों के लिए प्रयुक्त होता है जो असमान्य रूप से कठिन हो जाते हैं।
उदाहरण: जो प्रोजेक्ट हमें आसान लग रहा था, वह अब ‘टेढ़ी खीर’ बन चुका है क्योंकि उसमें बहुत सारी कठिनाई आ गई हैं।

355. मुहावरा – पानी पानी होना
अर्थ: “पानी पानी होना” मुहावरे का अर्थ है लज़्ज़ित होना या शर्मशार होना।
प्रयोग: “पानी पानी होना” मुहावरे का उपयोग आमतौर पर उस समय होता है जब किसी व्यक्ति को उसकी की गई गलतियों का एहसास होता है या पकड़ा जाता है। यह व्यक्त करता है किसी की आंतरिक शरम और पछतावा की भावना।
उदाहरण: जब सुरेंद्र ने समझा कि उसने अपने मित्र के साथ धोखा किया है, वो पानी पानी हो गया।

356. मुहावरा – नमक मिर्च लगाना
अर्थ: “नमक मिर्च लगाना” मुहावरे का अर्थ होता है किसी बात को बढ़ा चढ़ा कर कहना।
प्रयोग: जैसे कि खाने में नमक और मिर्च का उपयोग स्वाद और मसाला बढ़ाने के लिए किया जाता है, वैसे ही इस मुहावरे का उपयोग किसी बात या कहानी में अधिक तड़का डालने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: अभय हमेशा अपनी बातें बढ़ा चढ़ा कर बोलता है, वह हमेशा “नमक मिर्च” लगाकर बोलता है।

357. मुहावरा – हाथ पाँव फूलना
अर्थ: “हाथ पांव फूलना” मुहावरे का अर्थ है किसी परिस्थिति, समस्या या से घबरा जाना या परेशान होना।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उस समय उपयोग होता है जब कोई व्यक्ति किसी समस्या, चुनौती या अनपेक्षित परिस्थिति से घिरा होता है तो वह घबरा जाता है और उससे निपटने में असमर्थ अनुभव करता है।
उदाहरण: परीक्षा के खराब परिणाम को देखकर, अंश के हाथ-पांव फूल गए।

358. मुहावरा – नाक का बाल होना
अर्थ: “नाक का बाल होना” मुहावरे का अर्थ है – किसी के लिए बहुत महत्वपूर्ण या अत्यधिक प्रिय होना।
प्रयोग: “नाक का बाल होना” हिंदी भाषा का एक मुहावरा है जिसे अक्सर व्यक्तियों के बहुत अधिक महत्व को दर्शाने के लिए प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: पूजा के लिए उसका छोटा भाई नाक का बाल है, वह उसे किसी भी चीज के लिए नहीं छोड़ सकती।

359. मुहावरा – दांतो तले उंगली दबाना
अर्थ: “दांतों तले उंगली दबाना” का मुख्य अर्थ है किसी चीज, घटना या खबर से हैरान हो जाना, जब व्यक्ति किसी अप्रत्याशित स्थिति से सामना करता है और उसे विचार करने में समय लगता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब होता है जब किसी को अचानक और अप्रत्याशित तरीके से किसी बात पर विचार करना पड़े, या जब कोई समाचार या घटना उसे स्तब्ध या अचंभित कर दे।
उदाहरण: जब सुरेंद्र ने सुना कि वह लॉटरी में जीता है, तो उसने अपनी उंगली दांतों तले दबा ली।

360. मुहावरा – हार न मानना
अर्थ: “हार न मानना” मुहावरे का अर्थ है – किसी समस्या, चुनौती या परिस्थिति के सामना में आकर भी उससे पीछे न हटना और प्रयास जारी रखना।
प्रयोग: “हार न मानना” हिंदी भाषा का एक लोकप्रिय मुहावरा है, जिसे आमतौर पर किसी व्यक्ति की द्रढ़ संकल्पऔर अविचल संघर्षशीलता को दर्शाने के लिए प्रयुक्त किया जाता है।
उदाहरण: अनुज ने परीक्षा में पास होने के लिए बहुत कठिनाईयों का सामना किया, पर वह हार न माना।

361. मुहावरा – पत्थर की लकीर
अर्थ: जब कहा जाता है कि कुछ “पत्थर की लकीर” की तरह है, तो इसका मतलब है कि वह चीज़ स्थिति अब बदलने से रही और वह स्थायी रखेगी।
प्रयोग: “पत्थर की लकीर” अक्सर उन परिस्थितियों में इस्तेमाल होता है जब हम किसी चीज़ को स्थायित्व और अचल रूप में देखते हैं। यह मुहावरा हमें यह भी बताता है कि कभी-कभी हमें स्वीकार कर लेना चाहिए कि कुछ चीजें जैसी हैं, वैसी ही रहेंगी।
उदाहरण: जब अभय ने अपनी माँ से उसकी शादी के बारे में बात की, तो माँ ने कहा, “मेरा निर्णय तो पत्थर की लकीर की तरह है, शादी तुझे उसी लड़की से करनी पड़ेगी।”

362. मुहावरा – हा में हा मिलाना
अर्थ: बिना विचार-विमर्श किए किसी के विचारों या बात को मान लेना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उस समय होता है जब किसी व्यक्ति को आलोचना की बजाय अंधा अनुयायी माना जाता है। यह मुहावरा उन लोगों पर लागू होता है जो स्वतंत्रता से सोचने की बजाय दूसरों की राय को मान लेते हैं।
उदाहरण: सुभाष अपने दोस्तों के सामने कभी विरोध नहीं करता, वह हमेशा हाँ में हाँ मिला देता है।

363. मुहावरा – दाने दाने को तरसना
अर्थ: “दाने दाने को तरसना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसे अत्यधिक भूख या किसी चीज़ के अभाव में प्रयुक्त किया जाता है।
प्रयोग: जीवन में कई बार हमें ऐसे समय सामना करना पड़ता है जब हमें किसी विशेष चीज़ की बहुत ज्यादा कमी महसूस होती है। इस मुहावरे का प्रयोग उस समय होता है जब हम इस अभाव को व्यक्त करना चाहते हैं।
उदाहरण: जब अभय बीमार पड़ा, तो उसे अपनी माँ की देखभाल में दाने दाने को तरसना पड़ा।

364. मुहावरा – पसीना पसीना होना
अर्थ: यह मुहावरा तब प्रयोग होता है जब किसी को बहुत अधिक परिश्रम या चिंता की वजह से पसीना आता है।
प्रयोग: “पसीना पसीना होना” मुहावरा अक्सर उस समय प्रयुक्त होता है जब किसी व्यक्ति को किसी कारण से घबराहट, चिंता या भारी परिश्रम की वजह से अधिक पसीना आता है। यह एक ऐसा समय होता है जब व्यक्ति अपनी सीमा तक पहुँच जाता है और उसे महसूस होता है कि वह थक चुका है।
उदाहरण: नियांत ने पूरी रात परीक्षा की तैयारी में बिताई, और सुबह कक्षा में कठिन पेपर देखकर वह पसीना पसीना हो गया।

365. मुहावरा – सिर पर सवार होना
अर्थ: किसी समस्या, चिंता या किसी भार को महसूस करना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति किसी विषय में अधिक चिंतित होता है या उसे अधिक भार महसूस होता है, तो “सिर पर सवार होना” मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: अभय इन दिनों अपने व्यापार में नुकसान होने की चिंता से सिर पर सवार हो गयी है।

366. मुहावरा – फूला न समाना
अर्थ: किसी को अधिक प्रसन्नता या खुशी महसूस होना।
प्रयोग: जीवन में कई बार ऐसे पल आते हैं जब हम किसी खुशी से फूल उठते हैं। इसे व्यक्त करने के लिए ‘फूला न समाना’ जैसे मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। यह मुहावरा आमतौर पर उस समय प्रयोग होता है जब किसी की खुशी की कोई सीमा न हो।
उदाहरण: जब अभय को पता चला कि वह उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति प्राप्त कर चुका है, तो वह फूला न समाया।

367. मुहावरा – दंग रह जाना
अर्थ: ‘दंग रह जाना’ मुहावरे का अर्थ है अचानक किसी चीज़ या घटना से हैरान या प्रभावित हो जाना।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उस समय प्रयुक्त होता है जब हम किसी असमान्य या अच्छानक घटना से हैरान होते हैं। यह भावना आश्चर्य, प्रशंसा या किसी कारण से हैरानी को प्रकट कर सकता है।
उदाहरण: जब अनन्य ने अच्छे अंक प्राप्त किए, उसके मित्र ‘दंग रह गए’।

368. मुहावरा – अंग अंग ढीला होना
अर्थ: “अंग अंग ढीला होना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है बिल्कुल शक्तिहीन और आलस्यमय होना।
प्रयोग: जब किसी को बहुत अधिक थकावट महसूस होती है या जब कोई आलस्य या अनुत्साहित होता है, तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: अखिल ने पूरे दिन काम किया और शाम को वह अंग अंग ढीला महसूस कर रहा था।

369. मुहावरा – टूट पड़ना
अर्थ: जब किसी व्यक्ति या जानवर को बिना सोचे-समझे, अचानक और जोर से किसी पर हमला करना हो या आक्रमण करना हो तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: हमारे जीवन में कई बार ऐसी स्थितियाँ होती हैं जब हमें या हमारे साथियों को अचानक से किसी चीज़ पर प्रतिक्रिया करनी पड़ती है। इसे दर्शाने के लिए “टूट पड़ना” जैसे मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: चोर जैसे ही पकड़ में आया, पूरी भीड़ उस पर टूट पड़ी और बहुत मारा।

370. मुहावरा – कान खड़े होना
अर्थ: ‘कान खड़े होना’ का अर्थ है किसी खतरे के संकेत को महसूस करना और सावधान या चौकन्ना हो जाना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को खतरे का अहसास होता है या वह किसी खतरे के संकेत को समझता है, तो ‘कान खड़े होना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब अनुभव ने रात के समय अजीब आवाज सुनी, उसके ‘कान खड़े हो गए’ और वह सावधान होकर उस आवाज का पता लगाने लौटा।

371. मुहावरा – दूध की नदियां बहाना
अर्थ: ‘‘दूध की नदियां बहाना’ का अर्थ होता है बहुत अधिक संपत्ति या धनवान होना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का आर्थिक स्थिति बहुत मजबूत हो और वह अपने धन को बिना सोचे-समझे खर्च करे, तो ‘दूध की नदियां बहाना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण: सुरेंद्र ने अपनी नई फैक्टरी के उद्घाटन पर इतनी भव्य पार्टी दी कि लोग कहने लगे, “वाह! सुरेंद्र तो दूध की नदिया बहा रहा है।”

372. मुहावरा – गूलर का फूल होना
अर्थ: “गूलर का फूल होना” यह मुहावरा उस समय प्रयोग होता है जब कोई चीज या स्थिति अचानक और अनपेक्षित रूप से आती है। यह अकस्मात और अचानक बदलाव के संदर्भ में भी प्रयुक्त होता है।
प्रयोग: गूलर का पेड़ उस समय फूल देता है जब अन्य पेड़ पतझड़ में पत्ते गिरा रहे होते हैं। इसलिए, अन्य पेड़ों की तुलना में इसका फूलना अनपेक्षित माना जाता है। इसी अचानक और अनपेक्षित रूप की घटना को दर्शाने के लिए यह मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण: अभय जब से शादी हुई है वो तो गूलर का फूल हो गया है, बहार ही नहीं निकलता।

373. मुहावरा – गाल बजाना
अर्थ: ‘गाल बजाना’ का अर्थ है अपनी प्रशंसा में बढ़ चढ़ कर बोलना और शेखी बघारना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी उपलब्धियों, सामग्री या किसी अन्य विषय पर अधिक बल देता है, तो ‘गाल बजाना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण: विशाल अक्सर अपनी नई कार के बारे में शेखी बघारता रहता है, जैसे वह गाल बजा रहा हो।

374. मुहावरा – हवा से बातें करना
अर्थ: बिना सोच-समझ के, अचानक और अनावश्यक बातें करना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति के शब्दों में कोई विचारधारा या ठोसपन नहीं होती, और वह सिर्फ बोलने के लिए बोलता है, तब ‘हवा से बातें करना’ मुहावरा प्रयोग होता है।
उदाहरण: पूजा की आदत है कि वह अकेले समय में भी अनगिनत बातें करती रहती है, जिससे लोग मजाक में कहते हैं कि वह ‘हवा से बातें करती है’।

375. मुहावरा – कान का कच्चा होना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति की बातों में आसानी से यकीन कर लेना, चाहे वह बात सच हो या नहीं।
प्रयोग: कई बार हमें ऐसे लोग मिलते हैं जो दूसरों की बातों में बहुत जल्दी यकीन कर लेते हैं, चाहे वह बातें सही हो या गलत। इस विचार को दर्शाने के लिए ‘कान का कच्चा होना’ जैसे मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: सुधीर इतना सीधा है कि वह जो कुछ भी सुनता है, उस पर यकीन कर लेता है, मानो वह ‘कान का कच्चा’ हो।

376. मुहावरा – हाथ मलना
अर्थ: ‘हाथ मलना’ का अर्थ है पछताना, अफ़सोस होना या मलाल होना।
प्रयोग: अनुज ने समय पर प्रोजेक्ट सबमिट नहीं किया, और अब जब उसे जानकारी मिली कि उसके अंक कट गए हैं, वह ‘हाथ मल रहा है’।
उदाहरण: नियांत ने अपने कार्य को समय पर पूरा नहीं किया और अब जब समय सीमा समाप्त हो चुकी है, वह उसकी वजह से ‘हाथ मल रहा है’।

377. मुहावरा – लकीर का फकीर होना
अर्थ: “लकीर का फकीर होना” का मुख्य अर्थ है किसी विषय या चीज में कट्टर और अड़ियल रहना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग वह व्यक्तियों के लिए किया जाता है जो अपनी पुरानी आदतों, रीति-रिवाज़ों और तरीकों में अटके रहते हैं और नए तरीकों को अपनाने में संकोच करते हैं।
उदाहरण: मुनीश अपनी कंपनी में प्रौद्योगिकी का उपयोग नहीं करता और अभी भी पुराने तरीकों पर विश्वास करता है। उसे लगता है कि पुरानी रीतियाँ और तकनीकें सबसे बेहतर हैं। इसलिए, लोग उसे “लकीर का फकीर” मानते हैं।

378. मुहावरा – कुबेर का धन मिलना
अर्थ: अचानक से बहुत सारी संपत्ति या धन प्राप्त हो जाना।
प्रयोग: कई बार जीवन में ऐसा होता है कि हम अचानक से एक बड़ी संपत्ति का मालिक बन जाते हैं। यह शायद किसी जीत के रूप में, किसी विरासत में या फिर किसी अच्छे निवेश के फलस्वरूप होता है। ऐसी स्थितियों में इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: विनीत ने एक गेम में भाग लिया और उसे इतना बड़ा इनाम मिला कि उसे लगा मानो ‘कुबेर का धन’ मिल गया हो।

379. मुहावरा – लकीर पीटना
अर्थ: ‘लकीर पीटना’ का मुख्य अर्थ है पुरानी प्रथाओं, परम्पराओं और रीति रिवाजों को दोहराना।
प्रयोग: इसे उन लोगों के लिए अक्सर प्रयोग किया जाता है जो बार-बार वही पुरानी बातें, परंपराएं या रीतियाँ दोहराते हैं
उदाहरण: सुभाष जी गाँव के बुजुर्ग थे और वे हमेशा पुरानी परंपराओं और रीतियों का पालन करते थे। जब भी गाँव में कोई नई चीज़ आती, वह उसे तुरंत नकार देते और अपनी पुरानी परंपराओं की बारें में बातें करते रहते थे। अक्सर लोग कहते थे कि वह ‘लकीर पीट रहे हैं’।

380. मुहावरा – बाल की खाल निकालना
अर्थ: किसी मामले में अत्यधिक विस्तार से या बिना जरूरत के विवाद करना, मीन-मेख निकालना।
प्रयोग: बाल की खाल निकालना’ एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका उपयोग किसी विषय या बात पर अत्यधिक तर्क और विवाद करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: विशाल और विकास एक छोटी सी बात पर घंटों-घंटों तक बहस करते रहे। लोग कहते थे कि वे ‘बाल की खाल’ निकाल रहे हैं।

381. मुहावरा – लोहे के चने चबाना
अर्थ: यह मुहावरा उन लोगों के लिए प्रयुक्त होता है जो मुश्किल हालात में भी मजबूती और साहस दिखाते हैं। अगर कोई कठिनाईयों में भी डट कर सामना करता है, तो कहा जाता है कि वह “लोहे के चने चबा रहा है”।
प्रयोग: “लोहे के चने चबाना” हिंदी में एक लोकप्रिय मुहावरा है जिसे किसी व्यक्ति की कठिनाईयों, संघर्षों और परिश्रम को प्रकट करने के लिए उपयोग किया जाता है।
उदाहरण: विनीत ने अपनी प्रतिष्ठित कंपनी में जोब छोड़ दी और अपना स्टार्टअप शुरू किया। शरुआती दिनों में उसे बहुत सारी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, लेकिन उसने हार मानी नहीं और लोग कहते थे कि वह “लोहे के चने चबा रहा है”।

382. मुहावरा – रंग जमाना
अर्थ: “रंग जमाना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी कार्य में सफलता प्राप्त करना या उस कार्य में अपनी प्रतिभा और कौशल द्वारा छाप डाल देना।
प्रयोग: एक श्रेष्ठ वक्ता जब अपनी बातों से सुनने वालों को प्रभावित करता है और उन्हें अपने विचारों की ओर प्रवृत्त करता है, तो कहा जाता है कि उसने अपना रंग जमा लिया।
उदाहरण: कुसुम ने अपनी गायन प्रतिभा से संगीत संध्या में रंग जमा दिया।

383. मुहावरा – आस्तीन का साँप
अर्थ: ‘आस्तीन का साँप’ मुहावरे का अर्थ होता है किसी व्यक्ति को अधिक विश्वास करना, जिससे वह व्यक्ति धोखा दे सकता है।
प्रयोग: अगर कोई व्यक्ति आपके विश्वास का दुरुपयोग कर रहा है, तो आप उसे ‘आस्तीन का साँप’ कह सकते हैं। इस मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से उन स्थितियों में होता है जब किसी अपने व्यक्ति से असहमति या धोखा होता है।
उदाहरण: “मैंने कभी नहीं सोचा था कि राज इतना बड़ा धोखा देगा, वाकई, वह तो ‘आस्तीन का साँप’ निकला।”

384. मुहावरा – एक अनार सौ बीमार
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि एक ही वस्तु, संसाधन या व्यक्ति के प्रति कई लोगों की इच्छा हो।
प्रयोग: जब किसी एक चीज को लेकर कई लोग उत्सुकता या चाहत रखते हैं, तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: स्कूल में नया क्रिकेट बैट आया था और सभी बच्चे उसे चाहते थे। मैंने अपने दोस्त से कहा, “देखो, एक अनार सौ बीमार।”

385. मुहावरा – काला अक्षर भैंस बराबर
अर्थ: ‘काला अक्षर भैंस बराबर’ मुहावरे का अर्थ है जिसे पढ़ना-लिखना नहीं आता, उसके लिए लिखावट या की कोई समझ नहीं होती है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन लोगों के लिए प्रयुक्त होता है जिन्हें पढ़ाई की समझ नहीं होती या जो अशिक्षित होते हैं।
उदाहरण: अमित ने नई तकनीकी पुस्तक को देखा और कहा, “मेरे लिए तो यह सब काला अक्षर भैंस बराबर है।”

386. मुहावरा – कोल्हू का बैल
अर्थ: ‘कोल्हू का बैल’ मुहावरे का अर्थ होता है एक व्यक्ति जो बार-बार एक ही प्रकार का काम करता रहे बिना किसी परिवर्तन या आराम के। जैसे कोल्हू के बैल को बार-बार घूमते रहना पड़ता है बिना किसी विचार या आराम के।
प्रयोग: यह मुहावरा उस समय प्रयुक्त होता है, जब किसी को बार-बार एक ही प्रकार की मेहनतशील गतिविधियों में लगाव हो।
उदाहरण: राज रोजाना 9 से 5 तक काम करता है, बिना किसी छुट्टी के। वह अब तो कोल्हू का बैल बन चुका है।

387. मुहावरा – आग लगने पर कुआँ खोदना
अर्थ: जब तक समस्या बड़ी न हो, तब तक उसे अनदेखा करना और जब वह समस्या विशाल हो जाए तो उसके लिए तत्पर समाधान खोजना।
प्रयोग: हमें चाहिए कि हम समस्याओं को शुरुआती चरण में ही समझें और उनका समाधान पाएं, ताकि हमें बाद में ‘आग लगने पर कुआँ खोदने’ की स्थिति न हो।
उदाहरण: वायरस संक्रमण की शुरुआती चेतावनी नकारते हुए, जब संक्रमण बढ़ गया तो सरकार ने टीका वितरण में तेजी लाई। यहाँ पर भी ‘आग लगने पर कुआँ खोदने’ की बात हुई।

388. मुहावरा – श्री गणेश करना
अर्थ: “श्री गणेश करना” हिंदी भाषा में एक प्रसिद्ध मुहावरा है। इस मुहावरे का अर्थ है किसी कार्य की शुरुआत करना। गणेश भगवान को प्रथम पूजनीय माना जाता है और किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत में उनकी पूजा की जाती है।
प्रयोग: किसी कार्य की आरंभिक स्थिति में उसे प्रारंभ करना।
उदाहरण: विवाह की तैयारियों के लिए आज रामू ने श्री गणेश कर दिया।

389. मुहावरा – पहाड़ टूट पड़ना
अर्थ: ‘पहाड़ टूट पड़ना’ एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जिसे आमतौर पर अचानक और अप्रत्याशित घटना के संदर्भ में प्रयुक्त किया जाता है, खासकर जब बात अचानक होने वाले दुर्घटनाओं की हो।
प्रयोग: जब हम अचानक और अप्रत्याशित तरीके से किसी समस्या या दुर्घटना से गुजर रहे होते हैं, तो हम इस मुहावरे का प्रयोग करते हैं ताकि हम अपनी भावनाओं और चिंताओं को व्यक्त कर सकें।
उदाहरण: मोहित की माँ की अचानक तबियत ख़राब हो गयी, मोहन अपनी माँ को लेकर अस्पताल जा रहा था की उनका एक्सीडेंट हो गया। मानो उस पर पहाड़ टूट गया हो।

390. मुहावरा – आग में घी डालना
अर्थ: “आग में घी डालना” का अर्थ होता है किसी विवाद या समस्या में और ज्यादा समस्या पैदा करना या उसे और अधिक बढ़ावा देना। इसे आमतौर पर तब इस्तेमाल किया जाता है जब किसी स्थिति को और भी बुरा बना दिया जाता है।
प्रयोग: मनोज और सुनिल में कुछ मतभेद हुआ था। इसे सुलझाने की जगह रवि ने मनोज की बुराई सुनिल के सामने की और इस प्रकार वह “आग में घी डाल” दिया, जिससे दोनों के बीच का अंतर और भी बढ़ गया।
उदाहरण: जब संजीव ने अपने दोस्त के बीच झगड़े में हस्तक्षेप किया, उसने अनजाने में “आग में घी डाल” दिया।

391. मुहावरा – उंगली उठाना
अर्थ: ‘उंगली उठाना’ एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी की आलोचना करना, या किसी पर आरोप लगाना।
प्रयोग: सरकार की नई पॉलिसी पर कई लोगों ने उंगली उठाई, लेकिन बाद में उस पॉलिसी के फायदे सामने आए।
उदाहरण: राज ने राम की ईमानदारी पर उंगली उठाई, जिससे राम को बहुत दुख हुआ।

392. मुहावरा – दाल ना गलना
अर्थ: “दाल ना गलना” मुहावरे का अर्थ है किसी कार्य में सफलता नहीं मिलना या किसी प्रक्रिया में विफलता होना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति की मेहनत रंग लाने में विफल रहती है या किसी योजना का परिणाम सकारात्मक नहीं होता, तब “दाल ना गलना” मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: राम ने बहुत प्रयास किया पर उसकी परीक्षा में फिर भी अच्छे अंक नहीं आए, उसकी दाल नहीं गली।

393. मुहावरा – कान पर जूं न रेंगना
अर्थ: “कान पर जूं न रेंगना” मुहावरे का अर्थ होता है किसी की बातों का प्रभाव नहीं पड़ना, अर्थात उसकी बातों पर ध्यान नहीं देना।
प्रयोग: जब किसी को समझाने पर भी वह समझता नहीं हो, तब “कान पर जूं न रेंगना” मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: मैंने रामु को बहुत समझाया, पर उसके कान पर जूं भी नहीं रेंगी।

394. मुहावरा – अगर मगर करना
अर्थ: ‘अगर मगर करना’ का अर्थ है बार-बार बहाने बनाना, टाल-मटोल करना या टालना। यह मुहावरा आमतौर पर उस समय का उपयोग होता है जब किसी व्यक्ति द्वारा किसी कार्य को टालने या विलंबित करने की कोशिश होती है।
प्रयोग: वह व्यक्ति जो अपने कार्यों को बार-बार टालता रहता है और उसमें विलंब करता रहता है, उसे टाल-मटोल कहते हैं। ‘अगर मगर करना’ मुहावरा इसी विशेषता को दर्शाने के लिए भी प्रयुक्त होता है।
उदाहरण: प्रोजेक्ट की समय-सीमा समाप्त होने वाली थी, लेकिन अर्जुन अब भी ‘अगर-मगर’ कर रहा था।

395. मुहावरा – आँखें फेर लेना
अर्थ: जब किसी व्यक्ति ने किसी चीज, घटना या सिचुएशन को जानबूझकर अनदेखा कर दिया हो या उस पर ध्यान न दिया हो, तो इसे ‘आँखें फेर लेना’ कहा जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग होता है जब किसी ने जानबूझकर किसी महत्वपूर्ण बात को नकार दिया हो या उससे अनजान बनने की कोशिश की हो।
उदाहरण: राज ने प्रियंका की बातों को अनसुना कर दिया और आँखें फेर लीं।

396. मुहावरा – चोली दामन का साथ
अर्थ: “चोली दामन का साथ” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है – बहुत घनिष्ठ और मजबूत संबंध। जैसे चोली और दामन का संबंध है, ठीक उसी तरह का संबंध किसी दो व्यक्तियों के बीच होता है, इसे इस मुहावरे के माध्यम से व्यक्त किया जाता है।
प्रयोग: जब दो व्यक्तियों के बीच बहुत अधिक समझदारी, प्रेम और मित्रता हो, तो उसे व्यक्त करने के लिए “चोली दामन का साथ” मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: राज और सुरेश दोस्त तो थे ही, उनका तो चोली दामन का साथ था।

397. मुहावरा – माई का लाल
अर्थ: जब कहते हैं “माई का लाल”, तो इसका अर्थ है कि कोई ऐसा व्यक्ति जिसे किसी भी परिस्थिति में डर नहीं लगता, और जो समस्याओं और चुनौतियों का सामना करने में सक्षम है।
प्रयोग: जब हम किसी व्यक्ति की बहादुरी, साहस और उसकी अदृश्य शक्तियों की प्रशंसा करना चाहते हैं, हम “माई का लाल” मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैं।
उदाहरण: “वह आँधी-तूफान में भी बाहर जाने को तैयार था, वाह! वह सचमुच माई का लाल है।”

398. मुहावरा – टस से मस ना होना
अर्थ: जब हम कहते हैं “टस से मस ना होना”, तो इसका मतलब होता है कि किसी विशेष स्थिति, घटना या व्यक्ति पर किसी बात का कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है।
प्रयोग: जब हम किसी व्यक्ति, स्थिति या घटना पर किसी बात के असर की कमी को दर्शाना चाहते हैं, हम “टस से मस ना होना” मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैं।
उदाहरण: “राम ने अपने दोस्त को समझाने की बहुत कोशिश की, लेकिन उस पर उसकी बातों का कोई असर नहीं हुआ वह तो टस से मस भी नहीं हुआ।”

399. मुहावरा – अक्ल के घोड़े दौड़ाना
अर्थ: “अक्ल के घोड़े दौड़ाना” मुहावरे का अर्थ होता है गहरा विचार करना या किसी विषय पर गहरी सोच लगाना।
प्रयोग: जब किसी को किसी विशेष विषय या समस्या पर गहरा विचार या सोचना पड़े, तो “अक्ल के घोड़े दौड़ाना” मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: रमन ने समस्या का समाधान निकालने के लिए अक्ल के घोड़े दौड़ाए।

400. मुहावरा – मक्खी मारना
अर्थ: “मक्खी मारना” मुहावरे का अर्थ है समय नष्ट करना या वेला बैठा होना। जब किसी को कोई कार्य न हो और वह समय पास कर रहा हो, तो इस स्थिति को इस मुहावरे के माध्यम से दर्शाया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब हम किसी को बिना किसी कार्य के बैठे हुए देखते हैं या जब किसी को अपने समय का सही उपयोग नहीं करते देखते हैं।
उदाहरण: राजू पूरे दिन तो कुछ काम नहीं करता, बस मक्खी मारता रहता है।

401. मुहावरा – नाको चने चबाना
अर्थ: ‘नाको चने चबाना’ का शाब्दिक अर्थ है नाक में चना डालकर चबाना। हालांकि, इसका वास्तविक अर्थ है किसी को परेशान करना या उसमें असहजता पैदा करना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति जानबूझकर दूसरे व्यक्ति को परेशानी में डालता है, तो हम ‘नाको चने चबाना’ मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैं।
उदाहरण: रमेश अपने मित्र सुरेश को बार-बार उसके काम में बाधा डालता था। जब भी सुरेश कोई काम करने जाता, रमेश कुछ ना कुछ ऐसा कर देता कि सुरेश को परेशानी हो। इस स्थिति में कह सकते हैं कि रमेश ने सुरेश को ‘नाको चने चबाया’।

402. मुहावरा – कमर कसना
अर्थ: “कमर कसना” एक प्रचीन हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है पूरी ताकत और संघर्ष के साथ किसी कार्य में लगना या उसे पूरा करने की प्रतिज्ञा करना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति किसी मुश्किल स्थिति में होता है और वह उस स्थिति से निपटने के लिए पूरी कोशिश और प्रयास करता है, तो हम कह सकते हैं कि उसने ‘कमर कस ली’।
उदाहरण: राज ने अपनी नई दुकान खोली थी और वह संकट में था क्योंकि वह अच्छी शुरुआत नहीं कर पाया था। लेकिन उसने ठान लिया कि वह अपनी दुकान को सफल बनाएगा और इसलिए उसने अपनी ‘कमर कस ली’।

403. मुहावरा – लाल पीला होना
अर्थ: “लाल पीला होना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है – गुस्सा होना या किसी बात पर चिढ़ जाना। जब किसी व्यक्ति का मन अच्छा नहीं होता या वह किसी विषय पर अधिक असंतुष्ट होता है, तो उसे कहते हैं कि वह “लाल पीला” हो गया है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से तब किया जाता है जब हम किसी के गुस्से या असंतोष को व्यक्त करना चाहते हैं। यदि आप देखते हैं कि कोई व्यक्ति अत्यधिक रूप से चिढ़ गया है, तो आप कह सकते हैं कि वह “लाल पीला” हो गया है।
उदाहरण: राम को अपनी टीम के खिलाड़ी की प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं था। जब उसने उसे अच्छी तरह से खेलते हुए नहीं देखा, तो वह लाल पीला हो गया।

404. मुहावरा – भीगी बिल्ली बनना
अर्थ: “भीगी बिल्ली बनना” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है – डर या आत्म-संदेह में आना, या स्थिति के सामना में अपनी शक्ति खो देना।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयुक्त होता है जब किसी व्यक्ति को अच्छे से स्थिति का सामना नहीं कर पाने या डर जाने की स्थिति में दर्शाना हो।
उदाहरण: राम ने स्कूल के अन्य छात्रों के सामने गाने की कोशिश की, लेकिन उसकी आवाज में डर साफ़ दिख रहा था। उसके दोस्त ने कहा, “तू तो पूरी भीगी बिल्ली बन गया।”

405. मुहावरा – चैन की बंसी बजाना
अर्थ: “चैन की बंसी बजाना” का अर्थ होता है किसी को अविचलित, सुखमय और आराम से जीवन जीने की स्थिति में होना।
प्रयोग: जब किसी को अपने जीवन में पूरी तरह से सन्तुष्टि और सुख-शांति महसूस हो, तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: रमेश ने सेवानिवृत्ति लेने के बाद अब अपने गाँव में वापसी की और वहां चैन की बंसी बजा रहा है।

406. मुहावरा – लोहा मानना
अर्थ: “लोहा मानना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है ‘किसी की महानता या प्रतिभा को मानना और स्वीकार करना’. जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की क्षमता, प्रतिभा या उपलब्धियों को मानता है, तो उसे ‘लोहा मानना’ कहा जाता है।
प्रयोग: “लोहा मानना” मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से उस समय होता है जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति की प्रतिभा या महानता को स्वीकारता है और उसे मान्यता देता है।
उदाहरण: मुकेश ने सुनील के विचारों को सुनकर कहा की भाई मैंने आज तुम्हारा “लोहा मान” लिया है।

407. मुहावरा – अंगारे बरसाना
अर्थ: “अंगारे बरसाना” मुहावरे का अर्थ होता है ‘बहुत अधिक गुस्सा होना’ या ‘अधिकारी द्वारा कठोर प्रतिसाद देना’।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का धैर्य समाप्त हो जाए और वह बहुत अधिक गुस्से में आ जाए, तो “अंगारे बरसाना” मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। यह मुहावरा विशेष रूप से वह समय दर्शाता है जब किसी व्यक्ति या संगठन द्वारा शक्तिशाली और कठोर प्रतिसाद दिया जाता है।
उदाहरण: जब रामू का फोटो अखबार में गुंडों की लिस्ट छपा, तो उसके पिता ने घर में अंगारे बरसाए।

408. मुहावरा – आँख भर आना
अर्थ: “आँख भर आना” मुहावरे का अर्थ होता है किसी की आँखों में पानी (आंसू) आ जाना।
प्रयोग: इसे आमतौर पर उस समय प्रयोग किया जाता है, जब किसी को अधिक भावनाओं का अहसास होता है जैसे कि खुशी, दुःख या संवेदना।
उदाहरण: जब मोहन ने सुना कि वह परीक्षा में प्रथम आया है, तो उसकी माँ की आँखे भर आई।

409. मुहावरा – आँखों में खटकना
अर्थ: ‘आँखों में खटकना’ मुहावरे का सीधा अर्थ है किसी व्यक्ति, बात या परिस्थिति से परेशान होना या उसे अपनी नज़रों में पसंद नहीं आना। जब कोई व्यक्ति दूसरे की प्रगति या विकास से जलन महसूस करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
प्रयोग: जब हम किसी की प्रगति, सफलता या उनके प्राप्त किए गए लाभ से जलते हैं और उसे अपनी नजरों में अच्छा नहीं लगता, तो हम “आँखों में खटकना” मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैं।
उदाहरण: राम ने देखा कि श्याम उससे ज्यादा प्रगति कर रहा है, तो श्याम अब उसकी आँखों में खटकता है।

410. मुहावरा – हाथ साफ करना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ होता है किसी चीज़ को चुरा लेना जब उसके मालिक को पता न हो।
प्रयोग: जब कोई चीज चोरी हो जाती है और उसके मालिक को पता नहीं चलता या वह समझता है कि उसने खो दी है, जबकि कोई और हाथ साफ़ कर जाता है।
उदाहरण: राम ने मोहन की जेब पे हाथ साफ़ कर लिए और मोहन को पता भी नहीं चला।

411. मुहावरा – रास्ता साफ होना
अर्थ: “रास्ता साफ होना” का अर्थ होता है किसी समस्या या बाधा का समाधान हो जाना जिससे आगे की पथ में कोई अवरोध नहीं रहता। यह मुहावरा विशेष रूप से उस समय प्रयुक्त होता है जब किसी कार्य को आसानी से पूरा किया जा सके।
प्रयोग: जब किसी कार्य में सभी बाधाएँ दूर हो जाएं और उसे आसानी से पूरा किया जा सके, तो “रास्ता साफ होना” मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: राजीव ने सभी दस्तावेज़ सही से तैयार कर लिए, अब उसके लिए बैंक लोन पाने का रास्ता साफ है।

412. मुहावरा – सिर धुनना
अर्थ: ‘सिर धुनना’ का अर्थ होता है बार-बार एक ही बात पर सोचना या किसी विषय पर गहरा विचार करना।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयुक्त होता है जब किसी व्यक्ति को किसी विषय पर बार-बार सोचने की आदत हो। जैसे, अगर किसी छात्र को उसके परीक्षा के नतीजे की चिंता हो रही हो, तो वह ‘सिर धुनता’ है।
उदाहरण: राज अपने परीक्षा के अच्छे अंकों के पीछे सिर धुन रहा था, लेकिन वह अध्ययन में मन नहीं लगा पा रहा था।

413. मुहावरा – सिर चढ़ाना
अर्थ: “सिर चढ़ाना” मुहावरा तब प्रयोग होता है जब किसी को अधिक महत्व या सम्मान दिया जाता है, और उस व्यक्ति के सिर पर घमंड चढ़ जाता है।
प्रयोग: अगर हम किसी व्यक्ति को बिना सोचे-समझे अधिक महत्व देते हैं या उसकी प्रशंसा अधिक करते हैं, तो कभी-कभी वह व्यक्ति अपनी महत्वपूर्णता को लेकर घमंडी हो सकता है।
उदाहरण: मोहित ने अनुराग को सिर पर चढ़ा रखा है, अब तो वह ऑफिस में काम ही नहीं करता।

414. मुहावरा – कान भरना
अर्थ: ‘कान भरना’ मुहावरे का अर्थ होता है किसी की बातों में आकर किसी दूसरे व्यक्ति को भ्रांति में डाल देना। इसका प्रयोग अक्सर उस समय किया जाता है जब किसी ने किसी दूसरे को किसी तीसरे व्यक्ति के खिलाफ भड़काया हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम चाहते हैं कि समझाया जाए कि किसी ने किसी के कान भरकर उसे गुमराह किया है या उसे भ्रांति में डाल दिया है।
उदाहरण: अर्जुन को अभिषेक के खिलाफ मनोज ने कान भर दिया और उनके बीच अनबन हो गई।

415. मुहावरा – अंगारों पर पैर रखना
अर्थ: जब किसी व्यक्ति ने सब कुछ जोखिम पर डाल दिया हो और उसे पता हो कि वह वांछित परिणाम प्राप्त नहीं कर सकता है, तो इसे “अंगारों पर पैर रखना” कहते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग हमें यह बताने के लिए होता है कि किसी व्यक्ति ने कितना बड़ा जोखिम उठाया है और उसे परिणाम की कोई सुनिश्चितता नहीं है।
उदाहरण: राम ने अपनी सारी जमा-पूंजी एक नई परियोजना में लगा दी, जिसमें उसे सफलता मिलने की कोई सुनिश्चितता नहीं थी, मानो वह अंगारों पर पैर रख रहा हो।

416. मुहावरा – नाक में दम करना
अर्थ: “नाक में दम करना” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है – परेशान करना या असहजता पैदा करना।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग वहाँ होता है जहाँ किसी विषय या स्थिति के कारण व्यक्ति को परेशानी या असहजता महसूस होती है।
उदाहरण: रोजाना की भीड़-भाड़ में ट्रैफिक जाम ने लोगों की नाक में दम कर दिया है।

417. मुहावरा – होश उड़ जाना
अर्थ: “होश उड़ जाना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है किसी चौंकाने वाली बात या घटना से अचानक घबरा जाना या चकित हो जाना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अचानक किसी अप्रत्याशित घटना से असहज महसूस करता है या उसे विश्वास नहीं होता किसी घटना पर, तो इस स्थिति को व्यक्त करने के लिए “होश उड़ जाना” मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब रामू को लॉटरी में पहला इनाम लगा, उसके होश उड़ गए।

418. मुहावरा – ऊँट के मुँह में जीरा
अर्थ: “ऊँट के मुहं में जीरा” मुहावरे का अर्थ होता है कि किसी बड़े समस्या या जरूरत के सामने छोटी सी सहायता या उपाय।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग वहीं होता है जहाँ पर कोई व्यक्ति या संस्था अपनी सामर्थ्य या संपत्ति के मुकाबले में बहुत ही अधिक सामर्थ्यवान हो और फिर भी उसने अपेक्षित रूप से कम सहायता या योगदान किया हो।
उदाहरण: जब राम ने अपनी नई कार की कीमत सुनाई, तो राज ने कहा, “तुम्हारे लिए तो यह रकम ‘ऊँट के मुहं में जीरा’ जैसी है।”

419. मुहावरा – ईंट से ईंट बजाना
अर्थ: ‘ईंट से ईंट बजाना’ एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है – प्रतिशोध लेना या बदला लेना। जब कोई व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को उसी तरह से नुकसान पहुंचाए, जैसे उसने पहले किया होता है, तो इसे ‘ईंट से ईंट बजाना’ कहते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग होता है जब किसी को उसकी की गई बुराई का जवाब उसी तरह से दिया जाता है।
उदाहरण: राम ने श्याम को चोट पहुंचाई थी, तो श्याम ने भी उसे चोट पहुंचा दी। श्याम ने राम से ईंट से ईंट बजा दी।

420. मुहावरा – उल्टी गंगा बहाना
अर्थ: जब कोई व्यक्ति अपने स्वभाव या प्राकृतिक प्रवृत्ति के खिलाफ कुछ करता है, तो इसे “उल्टी गंगा बहाना” कहते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब हम किसी के अचानक बदले हुए व्यवहार या क्रियावली को दर्शाना चाहते हैं, जो उसकी स्वाभाविक प्रवृत्ति से विपरीत हो।
उदाहरण: मोहन आज मंदिर जा रहा है वो तो कभी मंदिर नहीं जाता, आज तो “उलटी गंगा बह रही है”।

421. मुहावरा – दूर के ढोल सुहावने
अर्थ: “दूर के ढोल सुहावने” इस मुहावरे का अर्थ है कि जो चीजें दूर होती हैं वह हमें अधिक अच्छी लगती हैं, हालांकि जब हम पास पहुंचते हैं, तो वे उत्तराधिक अच्छी नहीं होती।
प्रयोग: इस मुहावरे का मूल धारा यह है कि हम अक्सर जो चीजें पास में नहीं होती, उन्हें अधिक महत्व देते हैं और उन्हें अधिक सुहावना समझते हैं। यह हमें यह सिखाता है कि हमें सब कुछ जो पास में है, उसकी कदर करनी चाहिए और दूरी चीजों को अधिक महत्व देने से पहले उसे समझना चाहिए।
उदाहरण: अंकित ने अपने नई नौकरी के बारे में सोचा कि वहाँ सब कुछ बेहतर होगा, पर जब उसने नौकरी ज्वॉइन की, तो उसे समझ में आया कि “दूर के ढोल सुहावने” होते हैं।

422. मुहावरा – आसमान से बातें करना मुहावरा
अर्थ: “आसमान से बातें करना” यह मुहावरा उस समय प्रयोग होता है जब कोई व्यक्ति अधिक महत्वपूर्ण या अहम होने का अभिमान करता है।
प्रयोग: इसे व्यक्ति के अधिक अहंकार या गर्व दिखाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: अरुण को कंपनी में प्रमोशन क्या मिल गया अब वह मानो वह आसमान से बातें कर रहा हो।

423. मुहावरा – अपना हाथ जगन्नाथ
अर्थ: अपना हाथ जगन्नाथ, इस मुहावरे का अर्थ है कि अगर व्यक्ति को किसी विशेष कार्य में सहायता नहीं मिलती तो वह उस कार्य को अपनी क्षमता और साहस से पूरा कर सकता है।
प्रयोग: जीवन में कई बार हमें ऐसी स्थितियों का सामना करना पड़ता है जब हमें लगता है कि हम अकेले हैं। इस समय, हमें खुद में विश्वास रखना चाहिए और खुद को यह यकीन दिलाना चाहिए कि हमारी मेहनत और संकल्पना से हम किसी भी समस्या का समाधान निकाल सकते हैं।
उदाहरण: राम ने जब देखा कि कोई भी उसकी मदद नहीं कर रहा, तो उसने सोचा, “अपना हाथ जगन्नाथ” और वह खुद ही उस कार्य को पूरा किया।

424. मुहावरा – अंत भला तो सब भला
अर्थ: “अंत भला तो सब भला” का अर्थ है कि अगर किसी कार्य का अंत अच्छा होता है, तो उसके पूर्व में हुए सभी दुखद घटनाओं को भूलकर उसे समझा जाता है कि सब कुछ अच्छा हुआ।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति या समूह को कठिनाइयों का सामना करते हुए अंत में सफलता मिलती है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है। यह मुहावरा आशा, सकारात्मकता और समर्थन प्रदान करने के लिए भी प्रयुक्त होता है।
उदाहरण: राम की जीवन में बहुत सी मुश्किलें आई, लेकिन जब वह अखिरकार उसकी मनपसंद नौकरी में चयनित हुआ, तो उसने कहा, “अंत भला तो सब भला।”

425. मुहावरा – सौ सुनार की एक लोहार की
अर्थ: “सौ सुनार की एक लोहार की, यह मुहावरा दरअसल एक बार में किये गए प्रभावशाली और मजबूत कार्य के महत्व को बताता है। सौ सुनार की से यहाँ पर किसी काम को धीरे-धीरे करने से है, जबकि ‘एक लोहार की ‘ में काम को प्रभावशाली तरीके से संपन्न करने से है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब किसी एक प्रभावशाली और मजबूत कार्य की बार-बार किए जाने वाले कार्य से तुलना की जाती है।
उदाहरण: राम अपनी पढ़ाई में बहुत ही ध्यान और समर्पण से लगा रहा है। वह समझता है कि सौ बार अध्ययन करने से अच्छा है कि एक बार प्रभावशाली और समझदारी से पढ़ाई करो। वाक्यांश में ‘सौ सुनार की एक लोहार की’ का अर्थ समझ आ रहा है।

426. मुहावरा – नाम डुबोना
अर्थ: “नाम डुबोना” मुहावरे का अर्थ है किसी की प्रतिष्ठा या इज्जत को नुकसान पहुँचना। यानि, जब किसी की इज्जत या प्रतिष्ठा में गिरावट आए, तो हम कहते हैं कि उसका नाम डूब गया है।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति या संगठन अपनी क्रियावलियों के कारण अपनी प्रतिष्ठा खो देता है, तो “नाम डुबोना” जैसा मुहावरा प्रयुक्त होता है।
उदाहरण: वह कम्पनी ने ग्राहकों से धोखा किया, इस से उसका नाम पूरी बाजार में डूब गया।

427. मुहावरा – चकमा देना
अर्थ: “चकमा देना” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी को धोखा देना, या उसे भूल-भुलैया में डालना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी बातों से पीछे हट जाता है या किसी अन्य को गुमराह करता है, तो इस संदर्भ में “चकमा देना” मुहावरा प्रयुक्त होता है।
उदाहरण: राम ने अपने दोस्त से कहा आज वह उसके पैसे लौटा देगा लेकिन उसने आज भी चकमा दे दिया।

428. मुहावरा – पापड़ बेलना
अर्थ: “पापड़ बेलना” एक प्रचीन हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी कार्य में अधिक मेहनत करना या किसी कार्य को पूरा करने के लिए बहुत संघर्ष करना।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयुक्त होता है जब किसी व्यक्ति को किसी बड़े कार्य को पूरा करने में कठिनाई महसूस हो।
उदाहरण: राज को अपनी नई कंपनी में प्रोजेक्ट को समय से पूरा करने के लिए दिन-रात पापड़ बेलने पड़े।

429. मुहावरा – आसमान के तारे तोड़ना
अर्थ: “आसमान के तारे तोड़ना” इस मुहावरे का अर्थ है किसी से अत्यधिक उम्मीद रखना या असंभावित बातों की मांग करना। यह उस समय प्रयुक्त होता है जब किसी से कुछ अधिक प्रत्याशा की जाती है जो सामान्यत: संभावना से परे हो।
प्रयोग: जब कोई अधिक अपेक्षाएं रखता है या किसी से कुछ असंभावित चीज़ें मांगता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: अर्जुन ने अपने पिता से नई कार मांगी, तो उसकी माँ ने कहा, “तुम भी आसमान के तारे तोड़ना चाहते हो।”

430. मुहावरा – दूध का दूध, पानी का पानी
अर्थ: “दूध का दूध, पानी का पानी” इस मुहावरे का अर्थ है किसी विषय में स्पष्टता लाना। यहां ‘दूध’ और ‘पानी’ का उल्लेख असली और जाली चीज़ों को प्रकट करने के लिए है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है, जब हम चाहते हैं कि किसी समस्या या मुद्दे में सच और झूठ में अंतर साफ हो जाए।
उदाहरण: जब सभी लोग महसूस कर रहे थे कि कंपनी में घोटाला हुआ है, तो डायरेक्टर ने कहा, “मुझे चाहिए कि इस मामले में जल्द ही दूध का दूध, पानी का पानी हो।”

431. मुहावरा – चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात
अर्थ: ‘चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात’ यह मुहावरा उस समय का संकेत करता है जब कुछ समय के लिए अच्छा समय आता है, पर उसके बाद फिर से मुश्किल समय आ जाता है।
प्रयोग: जब कोई आलोचना, समस्या या मुश्किल से गुजर रहा हो और उसे कुछ समय के लिए राहत मिले पर फिर से वही समस्या सामने आए, तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: अरुण को अपनी कंपनी में प्रमोशन मिला था, पर कुछ महीनों बाद ही उसे नौकरी से निकाल दिया गया। वह अपने दोस्त से बोला, “ये तो चार दिन की चाँदनी थी, अब अँधेरी रात है।”

432. मुहावरा – आँख का तारा
अर्थ: “आँख का तारा” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी को बहुत अधिक प्रिय या महत्वपूर्ण मानना। जब किसी को अपने जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान पर रखा जाता है, तब उसे “आँख का तारा” कहा जाता है।
प्रयोग: राम अपनी छोटी बहन को अपनी “आँख का तारा” मानता है और उसे किसी भी समस्या से जूझते हुए नहीं देख सकता।
उदाहरण: माँ-बाप अपने बच्चों को अक्सर “आँख का तारा” मानते हैं।

433. मुहावरा – गढ़ फतह करना
अर्थ: “गढ़ फतह करना” एक प्राचीन हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी मुश्किल कार्य, चुनौती या संघर्ष को सफलतापूर्वक पार करना या उस पर विजय प्राप्त करना। इस मुहावरे की उत्पत्ति युद्ध और अकेला किला जीतने से संबंधित है।
प्रयोग: प्रियंका ने अपने व्यापार में महीनों की कठिनाइयों के बावजूद सफलता प्राप्त की, जैसे कि उसने एक बड़ा “गढ़ फतह” किया हो।
उदाहरण: राम ने अपनी संघर्षपूर्ण जीवन में अनेक “गढ़ फतह” किए।

434. मुहावरा – खून ठंडा होना
अर्थ: “खून ठंडा होना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है घबराहट या चिंता महसूस करना।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग होता है जब किसी को किसी घातक समस्या या स्थिति से सामना करना पड़ता है।
उदाहरण: सुनीता ने जब सुना कि उसका बेटा स्कूल से गायब है, उसका “खून ठंडा हो गया”।

435. मुहावरा – पीछा छुड़ाना
अर्थ: “पीछा छुड़ाना” एक सामान्य हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है किसी समस्या, व्यक्ति या स्थिति से मुक्त हो जाना या उसे पीछे छोड़ देना।
प्रयोग: जब मोहन ने अपने बचपन की चोरी की आदत को छोड़ दिया और अध्ययन में ध्यान केंद्रित किया, तो उसे लगा कि वह अपनी पुरानी गलतियों का “पीछा छुड़ा” चुका है।
उदाहरण: प्रिया ने अपनी पुरानी कंपनी में हुई समस्याओं को छोड़कर नई जॉब ज्वाइन की, जैसे कि उसने अपनी पिछली समस्याओं का “पीछा छुड़ा” चुकी है।

436. मुहावरा – पासा पलटना
अर्थ: “पासा पलटना” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है अचानक परिस्थितियों में बदलाव हो जाना या अचानक हालातों का उलट जाना। पासा एक प्रकार की पासी होती है जिसे पूराणी जमाने में खेल में प्रयुक्त किया जाता था।
प्रयोग:अर्जुन ने अपने स्टार्टअप के लिए बड़े निवेशक से मुलाकात की थी, प्रतीत होता था कि सब कुछ अच्छा जा रहा है, लेकिन जब निवेशक ने अचानक निवेश से इनकार कर दिया, तो अर्जुन के लिए ‘पासा पलट गया’।
उदाहरण: बड़े व्यापारिक सम्मेलन में अचानक मुख्य निवेशक ने अपना समर्थन वापस ले लिया, जिससे सभी को लगा कि ‘पासा पलट गया’।

437. मुहावरा – ताक में रहना
अर्थ: “ताक में रहना” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है ‘सही मौके का इंतजार करना’।
प्रयोग: जब किसी को किसी विशेष अवसर पर नजर रखनी हो ताकि उसे समय पर उपयोग किया जा सके, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: अभिषेक ने अच्छी नौकरी की तलाश में हमेशा विज्ञापनों पर नजर रखी रहती, जैसे ही सही अवसर आया, उसने उस पर कार्रवाई की।

438. मुहावरा – दिन गँवाना
अर्थ: “दिन गँवाना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है समय बर्बाद कर देना या फायदे का समय खो देना।
प्रयोग: जब किसी कारणवश किसी कार्य को पूरा नहीं किया जा सके या किसी काम में देरी हो जाए, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राज ने अनवरंत वेब सर्फिंग में अधिक समय बिता दिया और फिर उसे यह अहसास हुआ कि वह पूरा दिन गँवा चुका है।।

439. मुहावरा – पसीना बहाना
अर्थ: “पसीना बहाना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है कठिनाई में परिश्रम करना या मेहनत करना।
प्रयोग: जब किसी कार्य को पूरा करने के लिए बहुत अधिक प्रयास और संघर्ष करना पड़े, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राज ने प्रमोशन पाने के लिए दिन-रात पसीना बहाया।

440. मुहावरा – पैरों तले जमीन खिसकना
अर्थ: “पैरों तले जमीन खिसकना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जिसका अर्थ होता है अचानक से आपत्ति में पड़ जाना या संकट में आ जाना। यह तब प्रयुक्त होता है जब किसी व्यक्ति को समझ में नहीं आता कि वह किस समस्या में फंस गया है।
प्रयोग:जब मनीष ने सुना कि उसकी कंपनी को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ रहा है और उसे अचानक अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ सकता है, तो उसे महसूस हुआ कि उसके पैरों तले जमीन खिसक चुकी है।
उदाहरण: राजन ने अपनी सभी बचत को एक नई प्रोजेक्ट में लगा दिया, जिसमें उसने कोई भी अन्वेषण नहीं किया। जब प्रोजेक्ट में बड़ी हानि हुई, उसे महसूस हुआ कि उसके पैरों तले जमीन खिसक चुकी है।

441. मुहावरा – खून का प्यासा
अर्थ: “खून का प्यासा” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी के प्रति अत्यधिक क्रोध या प्रतिशोध भावना होना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक क्रुद्ध होता है और उसका मन किसी को नुकसान पहुंचाने के लिए करता है, तो उसे ‘खून का प्यासा’ कहा जाता है।
उदाहरण: राज अपने प्रतिद्वंद्वी से इतना नाराज था कि वह उसका खून का प्यासा हो गया।

442. मुहावरा – खाक छानना
अर्थ: ‘खाक छानना’ एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है बहुत अधिक मेहनत या परिश्रम करना।
प्रयोग: यह उस स्थिति में प्रयुक्त होता है जब किसी को किसी चीज़ या व्यक्ति को ढूंढने के लिए ज्यादा कोशिश करनी पड़े।
उदाहरण: राज ने अपनी खोई हुई किताब ढूंढने में पूरे घर की खाक छान दी।

443. मुहावरा – कहां राजा भोज कहां गंगू तेली
अर्थ: “कहां राजा भोज कहां गंगू तेली” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है कि दो व्यक्तियों या चीज़ों में बड़ा अंतर होता है। यहाँ ‘राजा भोज’ को उच्च स्थिति, आदर या महत्वपूर्णता के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जबकि ‘गंगू तेली’ को उसके सामान्य या नीच स्थिति के रूप में।
प्रयोग: जब मुझे अपने मित्र के नए महल जैसे घर और मेरे छोटे से कमरे की तुलना की गई, तो मैंने सोचा, “कहां राजा भोज कहां गंगू तेली।”
उदाहरण: राज की नई कार और राम की पुरानी बाइक को देखकर मोहन बोला, “कहां राजा भोज कहां गंगू तेली।”

444. मुहावरा – हक्का-बक्का रह जाना
अर्थ: ‘हक्का बक्का रह जाना’ एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है। इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी चीज़, घटना या किसी व्यक्ति के कारण अच्छानक हैरान या चौंक जाना।
प्रयोग: मुझे समझ में नहीं आया कि अच्छानक रस्ते में वो व्यक्ति कैसे गिर गया, मैं तो वहां खड़ा हक्का बक्का रह गया।
उदाहरण: परिणाम घोषित होते ही, सभी छात्र हक्का बक्का रह गए, क्योंकि जिसको सबने पहली स्थान पर देखा था, वह अंत में पहुँच गया।

445. मुहावरा – छछूंदर के सर पर चमेली का तेल
अर्थ: इसका अर्थ है किसी के लिए कोई उपकार या अनुग्रह करना जो वह समझ नहीं सकता या उसका मूल्य नहीं समझ सकता।
प्रयोग: “राम ने अपने मित्र को नई कार दी, लेकिन उसने उसकी अहमियत को नहीं समझा, जैसे छछूंदर के सर पर चमेली का तेल।”
उदाहरण: अगर किसी बच्चे को उसकी उम्र से अधिक महंगा और विशेष उपहार दिया जाए, जिसकी वह समझ नहीं सकता, तो इस स्थिति में इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।

446. मुहावरा – बोलबाला होना
अर्थ: “बोलबाला होना” मुहावरा तब प्रयोग होता है जब किसी व्यक्ति, संगठन, या विचार की प्रमुखता, प्रभावितता या प्रतिष्ठा बढ़ जाए।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से उस समय होता है जब कोई शक्तिशाली होता है या उसकी बातों का अधिक महत्व होता है।
उदाहरण: “इस मुद्दे पर रामनाथ का बोलबाला है, उसकी राय सबसे अधिक मायने रखती है।”

447. मुहावरा – भाग्य का मारा होना
अर्थ: “भाग्य का मारा होना” मुहावरा वह व्यक्तियों पर प्रयोग होता है जिनका भाग्य उन्हें साथ नहीं दे रहा हो, या जिनके साथ अच्छा न हो रहा हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से उन समयों में होता है जब किसी के साथ कुछ बुरा होता है जिसका कारण वह स्वयं नहीं होता।
उदाहरण: “राम की नौकरी चली गई, और फिर उसकी तबियत भी खराब हो गई। वाकई, वह भाग्य का मारा है।”

448. मुहावरा – तलवे चाटना
अर्थ: “तलवे चाटना” का अर्थ है किसी को अधिक प्रशंसा करना, उसकी चापलूसी करना या उसके साथ अधिक विनम्रता से पेश आना। यह मुहावरा आमतौर पर नकारात्मक भावना के लिए प्रयुक्त होता है।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने किसी और की अधिक प्रशंसा की या उसे प्रसन्न करने के लिए अधिकता से विनम्रता दिखाई, तो उसे कहा जाता है कि वह “तलवे चाट रहा है।”
उदाहरण: राज अपने प्रमोशन के लिए प्रबंधक की तलवे चाट रहा है।

449. मुहावरा – मुँह काला करना
अर्थ: “मुँह काला करना” यह मुहावरा तब इस्तेमाल होता है जब किसी का बिना वजह अपमान किया जाए। इस मुहावरे का अर्थ है किसी की बेज्जत करना या उसे शरमसार करना।
प्रयोग: जब किसी को उसकी गलती के चलते बेइज्जती हो, या जब कोई अपनी गलती को मानता है और उससे शरम महसूस होती है, तो ‘मुँह काला करना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सभा में अपनी गलती को स्वीकारते हुए कहा, “मैंने अपना मुँह काला कर लिया है।”

450. मुहावरा – नाक रगड़ना
अर्थ: ‘नाक रगड़ना’ का अर्थ है गिड़गिड़ाना या विनम्रता से किसी से कुछ मांगना।
प्रयोग: जब किसी को किसी चीज़ की अधिक जरूरत होती है और वह उसे प्राप्त करने के लिए विनम्रता दिखाता है या गिड़गिड़ाता है, तो ‘नाक रगड़ना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने दोस्त से पैसे मांगते हुए कहा, “मुझे माफ़ कर, मैं तुझसे अपनी नाक रगड़ रहा हूँ, पर मुझे अभी पैसों की सख्त जरूरत है।”

451. मुहावरा – नज़रों से गिरना
अर्थ: ‘नज़रों से गिरना’ का अर्थ है किसी की आंखों में अपनी इज्जत खो देना या उसकी नज़रों में अपनी पहचान खो देना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी गलती या अच्छे आचरण की अपेक्षा बुरे आचरण के कारण किसी के सम्मान में गिर जाता है, तो ‘नज़रों से गिरना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने मित्र से झूठ बोल दिया, जिससे वह उसकी नज़रों से गिर गया।

452. मुहावरा – पानी में आग लगाना
अर्थ: ‘पानी में आग लगाना’ का अर्थ है किसी असंभव कार्य को करने की कोशिश करना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति ऐसा कार्य करने की कोशिश करता है जो संभवत: ना हो, तो ‘पानी में आग लगाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने बिना किसी प्रशिक्षण के ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने की बात की, जिस पर उसके दोस्त ने कहा, “तू पानी में आग लगा रहा है।”

453. मुहावरा – पत्थर का कलेजा होना
अर्थ: ‘पत्थर का कलेजा होना’ का अर्थ है किसी का हृदय कठोर होना, जिससे वह दूसरों की भावनाओं या पीड़ा को समझ नहीं पाता या उस पर प्रभावित नहीं होता।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को दूसरों की पीड़ा या भावनाओं से कोई फर्क नहीं पड़ता और वह उन्हें अनदेखा कर देता है, तो ‘पत्थर का कलेजा होना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने मित्र की मुश्किलें देखी, लेकिन उसने मदद नहीं की। लोगों ने कहा, “राम का कलेजा पत्थर का है।”

454. मुहावरा – पीठ दिखाना
अर्थ: ‘पीठ दिखाना’ का अर्थ है किसी से मुँह फेर लेना या उससे दूर हो जाना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपने मित्र, परिवार या किसी संगठन से अलग हो जाता है या उससे संपर्क तोड़ देता है, तो ‘पीठ दिखाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपने पुराने दोस्त से छोटी-सी बात पर झगड़ा कर लिया और उसने उसे पीठ दिखा दी।

455. मुहावरा – सिर पर पाँव रखकर भागना
अर्थ: ‘सिर पर पाँव रखकर भागना’ का अर्थ है बहुत तेजी से भागना, विशेष रूप से जब आप डरे होते हैं।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति डर या खतरे की स्थिति में तेजी से पलायन करता है, तो ‘सिर पर पाँव रखकर भागना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब जंगल में रामू ने शेर को देखा, वह सिर पर पाँव रखकर भाग गया।

456. मुहावरा – हवाई किले बनाना
अर्थ: ‘हवाई किले बनाना’ मुहावरे का अर्थ है अवास्तविक योजनाएं बनाना या असंभावित बातों को सोचना।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अधिक आशावादी होता है और असंभावित चीजों की उम्मीद करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है। उदाहरण स्वरूप, जब राम बिना किसी तैयारी या योजना के बड़े व्यापार की बात करता है, तो लोग कहते हैं कि वह ‘हवाई किले बना रहा है’।
उदाहरण: अर्जुन ने बिना किसी तैयारी या पूर्वाध्ययन के IAS की परीक्षा पास करने की बात की। उसके दोस्तों ने कहा, “तू तो हवाई किले बना रहा है।”

457. मुहावरा – हथेली पर सरसों जमाना
अर्थ: “हथेली पर सरसों जमाना” का शाब्दिक अर्थ है एक छोटी सी जगह पर सरसों के पौधे को उगाना, जो कि वास्तव में असंभव है। यह मुहावरा इस बात को दर्शाता है कि कुछ कार्य इतने कठिन होते हैं कि उन्हें कर पाना न के बराबर होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी अत्यंत कठिन या असंभव कार्य को करने की बात हो।
उदाहरण: अमन ने सोचा कि वह एक रात में पूरी किताब पढ़ लेगा, लेकिन यह तो “हथेली पर सरसों जमाना” जैसा था।

458. मुहावरा – दांत खट्टे करना
अर्थ: ‘दांत खट्टे करना’ इस मुहावरे का अर्थ है किसी को पराजित करना या उसे हराना। जब किसी प्रतिस्पर्धा में कोई व्यक्ति या समूह दूसरे को हरा दे, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
प्रयोग: जब किसी खेल में, विवाद में या किसी अन्य प्रतिस्पर्धा में कोई व्यक्ति या समूह अपने प्रतिद्वंद्वी को हरा दे, तो ‘दांत खट्टे करना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: गाँधी जी के नमक सत्याग्रह ने अंग्रेजों के दांत खट्टे कर दिये थे।

459. मुहावरा – अँगूठा चूसना
अर्थ: ‘अँगूठा चूसना’ इस मुहावरे का अर्थ है किसी विषय में अनजान होना या अनुभवहीन होना। जब किसी व्यक्ति को किसी विषय या कार्य में कोई जानकारी न हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी विषय में कोई जानकारी न हो और वह उस विषय में बात करने की कोशिश करे, तो ‘अँगूठा चूसना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने नई तकनीकी उपकरण के बारे में बात करते हुए महसूस किया कि वह ‘अँगूठा चूस रहा है’, क्योंकि उसे उसके बारे में कुछ भी पता नहीं था।

460. मुहावरा – अंग अंग फूले न समाना
अर्थ: ‘अंग अंग फूले न समाना’ इस मुहावरे का अर्थ है अत्यधिक खुशी या उत्साह महसूस करना।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी खास घटना या समाचार से अधिक खुशी हो, तो ‘अंग अंग फूले न समाना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब अर्जुन को पता चला कि उसे विदेश यात्रा के लिए चुना गया है, तो उसके ‘अंग अंग फूले न समाए’।

461. मुहावरा – अंधे के आगे रोना
अर्थ: ‘अंधे के आगे रोना’ इस मुहावरे का अर्थ है वहाँ अपनी भावनाओं या बातों को प्रकट करना जहाँ वह समझा न जा सके या असर न हो। जब किसी की बातों का कोई महत्व न हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति की बातें या भावनाएं उस स्थल पर महत्वहीन हों, जहाँ वह उन्हें प्रकट कर रहा है, तो ‘अंधे के आगे रोना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने अपनी समस्या के बारे में अपने मित्र से कहा, पर उस मित्र ने उसे ध्यान नहीं दिया। तब राम ने सोचा कि वह ‘अंधे के आगे रो रहा है’।

462. मुहावरा – आपे से बाहर होना
अर्थ: ‘आपे से बाहर होना’ इस मुहावरे का अर्थ है अपने आप पर नियंत्रण खो देना। जब कोई व्यक्ति अत्यधिक भावुक, गुस्सा या उत्तेजित हो जाता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का व्यवहार सामान्य से अलग होता है और वह अपनी सामान्य प्रतिक्रिया से बाहर होता है, तो ‘आपे से बाहर होना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: राम ने सुनील को देखा और कहा, “तुम आज बहुत चिड़चिड़े हो रहे हो, क्या तुम आपे से बाहर हो गए हो?”

463. मुहावरा – 100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली
अर्थ: जब कोई व्यक्ति अपनी पूरी जीवन में अनेक गलतियाँ करता है और फिर अचानक धार्मिक या सजीवनी आचरण दिखाने लगता है, तो उसे इस मुहावरे के माध्यम से दर्शाया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति का अच्छा व्यवहार उसकी पूर्व गलतियों को छुपाने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: राम ने अपनी पूरी जिंदगी दूसरों को धोखा दिया, लेकिन अब वह मंदिर में प्रतिदिन जा रहा है। लोग कहते हैं, “100 चूहे खाकर बिल्ली हज को चली।”

464. मुहावरा – आँख चुराना
अर्थ: ‘आँख चुराना’ मुहावरे का अर्थ है शरम या भय के कारण किसी से नजरें न मिला पाना। जब कोई व्यक्ति अपनी गलती को महसूस करता है या उसे किसी बात की शरम आती है, तो वह दूसरे व्यक्ति से आँख मिलाने से बचता है।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को अपनी गलती का एहसास होता है और वह दूसरे से नजरें मिलाने में संकोच करता है, तो ‘आँख चुराना’ मुहावरे का प्रयोग होता है।
उदाहरण: जब अध्यापिका ने सुनील से प्रश्न पूछा और उसे उत्तर नहीं आया, तो वह शरम से अध्यापिका की आँखों में आँख नहीं डाल पाया और अपनी आँख चुराई।

465. मुहावरा – अपना उल्लू सीधा करना
अर्थ: “अपना उल्लू सीधा करना” हिंदी में एक प्रचलित मुहावरा है, जिसका अर्थ होता है अपने स्वार्थ या निजी लाभ के लिए कार्य करना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति अपने निजी लाभ के लिए दूसरों को धोखा देता है या उनका इस्तेमाल करता है। उदाहरण के लिए, “रमेश ने सिर्फ अपना उल्लू सीधा करने के लिए अपने मित्र के साथ धोखा किया।”
उदाहरण: कुछ व्यापारी सिर्फ अपना उल्लू सीधा करने के लिए ग्राहकों को गलत सामान बेच देते हैं।

466. मुहावरा – आँख का अंधा नाम नयनसुख
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जो व्यक्ति आंख से अंधा है उसका नाम नयनसुख (आंखों का सुख) है। यह मुहावरा उस स्थिति का वर्णन करता है जहां किसी व्यक्ति की वास्तविक स्थिति उसके नाम या उपाधि से बिल्कुल विपरीत होती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उस समय किया जाता है जब किसी व्यक्ति का नाम या पद उसके वास्तविक गुणों या क्षमताओं से मेल नहीं खाता।
उदाहरण: विशाल ने खेल में एक भी गोल नहीं किया, फिर भी वह खुद को फुटबॉल का चैंपियन कहता है, यह तो आँख का अंधा नाम नयनसुख वाली बात हो गई।

467. मुहावरा – जोरू, जमीन जोर का नहीं तो किसी और का
अर्थ: “जोरू, जमीन जोर का नहीं तो किसी और का” का अर्थ है कि यदि कोई व्यक्ति अपनी पत्नी या अपनी संपत्ति पर ठीक से नियंत्रण नहीं रखता है, तो वह दूसरों के प्रभाव में आ सकती हैं या दूसरों की संपत्ति बन सकती हैं।
प्रयोग: इस कहावत का प्रयोग तब होता है जब किसी को यह बताना हो कि उन्हें अपनी जिम्मेदारियों और संपत्ति का ध्यान रखना चाहिए।
उदाहरण: अभय ने अपनी जमीन की देखभाल नहीं की, और धीरे-धीरे उस पर पड़ोसियों ने कब्जा कर लिया। इस पर उसके चाचा ने कहा, “जोरू, जमीन जोर का नहीं तो किसी और का।

468. मुहावरा – कहने से कुम्हार गधा नहीं चढ़ता
अर्थ: “कहने से कुम्हार गधा नहीं चढ़ता” का अर्थ है कि किसी काम को केवल आदेश देने या कहने भर से पूरा नहीं किया जा सकता। यह व्यक्त करता है कि व्यक्ति को अपनी स्वतंत्र इच्छा से कार्य करना चाहिए और केवल शब्दों के बजाय कर्म पर जोर देना चाहिए।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विशेषकर तब किया जाता है जब किसी को यह बताना हो कि कार्य के लिए केवल निर्देश नहीं, बल्कि व्यक्तिगत प्रयास और सक्रियता भी जरूरी है।
उदाहरण: विशाल ने अपने मित्र से कहा कि वह रोज सुबह जिम जाएगा, परंतु वह कभी नहीं गया। उसके मित्र ने कहा, “अरे, कहने से कुम्हार गधा नहीं चढ़ता।”

469. मुहावरा – नीच जात लतिआये अच्छा
अर्थ: “नीच जात लतिआये अच्छा” का अर्थ है कि निम्न वर्ग या सामाजिक स्थिति वाले व्यक्ति को उच्च वर्ग की आकांक्षाओं का पीछा नहीं करना चाहिए और उसे अपनी सीमा में रहना चाहिए।
प्रयोग: इस कहावत का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को उसकी सामाजिक सीमा या स्थिति का ध्यान दिलाया जाता है।
उदाहरण: विकास एक छोटी जात के किसान का बेटा है, अब वह ऊंची जाति के लोगों से दोस्ती करना चाहता है लेकिन उसने ऊंची जाति के लोगों को कहते सुना कि “नीच जात लतिआये अच्छा”

470. मुहावरा – भंगी की पहुँच नाली तक
अर्थ: “भंगी की पहुँच नाली तक” का अर्थ है कि किसी व्यक्ति की पहुँच या क्षमता बहुत सीमित है। यहाँ ‘भंगी’ शब्द का प्रयोग पुराने समय में एक विशेष समुदाय के लोगों के लिए होता था जिनका काम नाली साफ करना होता था।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति की क्षमता या प्रभाव की सीमा को बताना हो।
उदाहरण: सुरेंद्र को बड़े प्रोजेक्ट्स का अनुभव नहीं है, उसकी पहुँच तो छोटे कामों तक ही सीमित है, यानि ‘भंगी की पहुँच नाली तक’।

471. मुहावरा – दाना पानी उठ जाना
अर्थ: “दाना पानी उठ जाना” का अर्थ होता है कि किसी व्यक्ति के लिए उपलब्ध जीविका के साधन समाप्त हो जाना या रोजगार का न होना। यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब व्यक्ति आर्थिक रूप से असुरक्षित हो जाता है।
प्रयोग: विकास एक छोटी फैक्ट्री में काम करता था, लेकिन जब फैक्ट्री बंद हो गई तो उसका दाना पानी उठ गया और उसे नए रोजगार की तलाश में जाना पड़ा।
उदाहरण: जब किसी कंपनी में छंटनी होती है और कर्मचारियों को नौकरी से निकाल दिया जाता है, तब उनके लिए यह कहा जा सकता है कि “उनका दाना पानी उठ गया है।”

472. मुहावरा – गोटी बैठाना
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है एक ऐसी स्थिति या अवसर की सृजना करना जिससे अपने उद्देश्य की प्राप्ति हो। यह अक्सर रणनीतिक योजना और बुद्धिमानी से किसी समस्या का समाधान करने या लाभ प्राप्त करने की क्षमता को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेषकर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां किसी व्यक्ति को अपनी योजनाओं और रणनीतियों के माध्यम से लक्ष्य प्राप्ति के लिए कार्य करना होता है।
उदाहरण: अनुज ने अपनी कंपनी में प्रोमोशन पाने के लिए जिस तरह से अपने काम को प्रबंधित किया और अपनी टीम के सदस्यों के साथ संबंध सुधारे, वह “गोटी बैठाने” का एक शानदार उदाहरण है।

473. मुहावरा – दाने-दाने पे लिखा है खाने वाले का नाम
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि हर एक दाने पर खाने वाले का नाम लिखा होता है, अर्थात हर व्यक्ति को वही प्राप्त होता है जो उसके लिए नियत होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल तब किया जाता है, जब हम किसी की किस्मत या नियति को समझाना चाहते हैं। यह यह दर्शाता है कि जीवन में हमें जो कुछ भी मिलता है, वह पूर्वनिर्धारित होता है।
उदाहरण: जब प्रथम ने बहुत प्रयास के बाद भी अपना मनचाहा काम नहीं पाया, तो उसके दादाजी ने कहा, “बेटा, दाने-दाने पे लिखा है खाने वाले का नाम। तुम्हें वही मिलेगा जो तुम्हारे लिए नियत है।”

474. मुहावरा – बकरे की मां कब तक खैर मनायेगी
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी अनिवार्य परिणाम से बचना अस्थायी और असंभव है। यह एक विडंबनापूर्ण स्थिति का संकेत देता है, जहाँ किसी के लिए अंततः बचना नामुमकिन होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दीर्घकालिक परिणाम से बचने के लिए किए जा रहे अस्थायी प्रयासों की व्यर्थता पर जोर देना होता है।
उदाहरण: जब एक कंपनी अपने घाटे को छिपाने के लिए लगातार झूठ बोल रही थी, तो एक विश्लेषक ने कहा, “बकरे की मां कब तक खैर मनायेगी, आखिरकार सच सामने आ ही जाएगा।”

475. मुहावरा – बंद मुट्ठी लाख की और खुली तो ख़ाक की
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब तक अवसर हाथ में होता है, तब तक उसका मूल्य बहुत होता है, लेकिन एक बार वह चला जाए तो उसका कोई मूल्य नहीं रह जाता। यह मुहावरा सही समय पर सही कदम उठाने की आवश्यकता पर जोर देता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अवसरों का महत्त्व समझाना होता है और यह बताना होता है कि अवसर का सही समय पर उपयोग करना कितना जरूरी है।
उदाहरण: जब अनुज को एक बड़ी कंपनी से नौकरी का प्रस्ताव मिला, लेकिन उसने बहुत सोचने के चक्कर में वह मौका गंवा दिया, तो उसके मित्र ने कहा, “देख लिया न, बंद मुट्ठी लाख की और खुली तो ख़ाक की।”

476. मुहावरा – टके की चटाई, नौ टका विदाई
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जिस वस्तु की कीमत बहुत कम हो (यहाँ पर चटाई का मूल्य एक टका माना गया है), उसके विदाई या अंतिम संस्कार में अधिक खर्च (नौ टका) होता है। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब प्राप्तियां लागत से कम होती हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर व्यापार, निवेश, या किसी अन्य कार्य में होने वाले नुकसान को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जहां लाभ की अपेक्षा खर्च अधिक होता है।
उदाहरण: एक व्यापारी जिसने कम मूल्य के उत्पादों पर अधिक विज्ञापन और प्रचार खर्च किया और अंत में हानि उठाई, उसकी स्थिति को ‘टके की चटाई, नौ टका विदाई’ कहा जा सकता है।

477. मुहावरा – जबरा मारे रोने न दे
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई शक्तिशाली व्यक्ति किसी पर अत्याचार करता है और पीड़ित को उसका विरोध करने या उसके खिलाफ बोलने का अवसर तक नहीं देता, तो उस स्थिति को “जबरा मारे रोने न दे” कहा जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां व्यक्ति को अन्याय या अत्याचार सहने पड़ते हैं और उसे अपनी पीड़ा या विरोध प्रकट करने का भी अवसर नहीं मिलता।
उदाहरण: जब एक कर्मचारी को उसके बॉस ने बिना किसी गलती के डांटा और उसे विरोध करने का मौका भी नहीं दिया, तो उसके सहकर्मी ने कहा, “यह तो ‘जबरा मारे रोने न दे’ वाली स्थिति है।”

478. मुहावरा – माथे टीका होना
अर्थ: “माथे टीका होना” का अर्थ है किसी व्यक्ति पर विशेष जिम्मेदारी या दायित्व का होना।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति पर कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी या दायित्व होता है और उसे उस कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने का उत्तरदायित्व होता है।
उदाहरण: जब कंपनी ने विकास को नए प्रोजेक्ट का प्रबंधन सौंपा, तो उसके सहकर्मी ने कहा, “अब तो तुम्हारे माथे टीका हो गया है।”

479. मुहावरा – फावड़े का नाम गुलसफ़ा
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि चाहे आप फावड़े को खूबसूरत नाम गुलसफ़ा क्यों न दें, वह अपना काम खुदाई करना ही करेगा। इसी तरह, किसी व्यक्ति की किस्मत में जो लिखा होता है, वही होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी की किस्मत या नियति की बात हो, और यह दर्शाना हो कि बाहरी आवरण या नामकरण से असली स्वभाव या किस्मत नहीं बदलती।
उदाहरण: विनीत ने अपनी पुरानी कार को नए पेंट और स्टिकर्स से सजाया, लेकिन उसकी कार फिर भी खराब हो गई। उसके दोस्त ने कहा, “भाई, फावड़े का नाम गुलसफ़ा कर देने से क्या होगा, किस्मत में जो लिखा है वही होगा।”

480. मुहावरा – दाल भात में मूसलचंद
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि दो लोगों के बीच के मामलों में तीसरे व्यक्ति का आना उसी प्रकार अनुपयुक्त होता है, जैसे कि दाल और भात (चावल) में मूसल (एक बड़ा और भारी उपकरण) का होना।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी तीसरे व्यक्ति का हस्तक्षेप अनावश्यक और असंगत होता है, खासकर जब दो लोगों के बीच का मामला हो।
उदाहरण: जब अनुभव और अपर्णा के बीच बातचीत चल रही थी और विकास ने बीच में आकर अपनी राय दी, तो अनुभव ने कहा, “ये तो दाल भात में मूसलचंद वाली बात हो गई।”

481. मुहावरा – पांचों उंगलियां घी में और सिर कढ़ाई में
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी व्यक्ति को सभी सुख सुविधाएं चाहिए होती हैं, परंतु वह इसके लिए किसी भी प्रकार के जोखिम का सामना करने को तैयार होता है। यह लालच और साहस का संयोजन प्रदर्शित करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां कोई व्यक्ति लाभ के लिए बड़े जोखिम उठाने को तैयार होता है।
उदाहरण: व्यापारी जो अधिक मुनाफे के लिए बड़े जोखिम उठाता है, उसे कहा जा सकता है कि “वह पांचों उंगलियां घी में और सिर कढ़ाई में रखता है।”

482. मुहावरा – अर्श से फर्श तक
अर्थ: “अर्श” का अर्थ है आसमान या उच्चतम स्थान, और “फर्श” का अर्थ है जमीन या निम्नतम स्थान। इस प्रकार, “अर्श से फर्श तक” का अर्थ है किसी की स्थिति का अत्यंत उच्च स्तर से निम्नतम स्तर तक पहुँच जाना।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी की समृद्धि या प्रतिष्ठा में अचानक और तीव्र गिरावट आती है।
उदाहरण: एक समय में व्यापारिक जगत के शिखर पर रहने वाले उस उद्योगपति का हाल देखकर लोग कहते हैं कि वह “अर्श से फर्श तक” पहुँच गया।

483. मुहावरा – रायता फैलाना
अर्थ: “रायता फैलाना” का शाब्दिक अर्थ है कि कोई व्यक्ति या कोई घटना अव्यवस्था या गड़बड़ी का कारण बनती है। यह उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ चीजें नियंत्रण से बाहर हो जाती हैं और परिस्थितियां अस्त-व्यस्त हो जाती हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी के कार्यों से अव्यवस्था या अराजकता का माहौल बन जाए, खासकर तब जब उसका इरादा ऐसा न हो।
उदाहरण: जब वह छात्र स्कूल की असेंबली में अनुशासनहीनता करने लगा, तो शिक्षक ने कहा, “देखो, इसने तो पूरी तरह रायता फैला दिया है।”

484. मुहावरा – ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि सुबह की ओस को चाटने से प्यास की शांति नहीं होती। इसका प्रतीकात्मक अर्थ यह है कि अधूरे या अपर्याप्त प्रयासों से बड़ी समस्याओं का हल नहीं निकलता।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति या संस्था आधे-अधूरे मन से या बिना पर्याप्त योजना के किसी कार्य को अंजाम देता है।
उदाहरण: जब अभय ने अपने व्यवसाय में बिना ठोस योजना के निवेश किया, तो उसके दोस्त ने कहा, “भाई, ओस चाटने से प्यास नहीं बुझती।”

485. मुहावरा – मरता क्या न करता
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति बहुत ज्यादा मजबूर या असहाय महसूस करता है, तो वह ऐसे काम कर जाता है जो आमतौर पर वह नहीं करता।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल तब किया जाता है जब व्यक्ति अत्यंत विपरीत परिस्थितियों में फंस कर कुछ ऐसा करता है जो उसकी आम आदतों या सिद्धांतों से अलग होता है।
उदाहरण: जब विकास ने अपनी नौकरी खो दी और उसे अपने परिवार का पेट पालना था, तो उसने बाजार में सब्जी बेचना शुरू कर दिया। उसके दोस्तों ने कहा, “मरता क्या न करता।”

486. मुहावरा – खुद लिखे खुदा बांचे
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जो कुछ भी व्यक्ति ने लिखा है, वही उसे ठीक से पढ़ पाएगा या समझ पाएगा। यहां ‘खुदा’ शब्द का उपयोग ईश्वरीय शक्ति के रूप में होता है, जो असंभव को संभव बना सकता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी की लिखावट इतनी अस्पष्ट या अव्यवस्थित होती है कि उसे समझना लगभग असंभव हो जाता है।
उदाहरण: अंश की परीक्षा की कॉपी देखकर शिक्षक ने कहा, “खुद लिखे खुदा बांचे, तुम्हारी लिखावट को तो सिर्फ ऊपर वाला ही पढ़ सकता है।”

487. मुहावरा – हाथी चले बाजार, कुत्ते भोंके हजार
अर्थ: इस कहावत का सार यह है कि जब कोई शक्तिशाली या महत्वपूर्ण व्यक्ति अपने मार्ग पर अग्रसर होता है, तो अनेक छोटे या कम महत्वपूर्ण लोग उसे निरर्थक रूप से विचलित करने का प्रयास करते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हमें यह दिखाना हो कि बड़े और महत्वपूर्ण व्यक्तियों की आलोचना अक्सर छोटे और कम महत्व के लोग करते हैं। यह उन परिस्थितियों में भी प्रयोग किया जाता है जहां आलोचना का कोई महत्व नहीं होता।
उदाहरण: जब एक प्रसिद्ध व्यक्ति ने अपनी नई परियोजना शुरू की, तो कई लोगों ने उस पर आलोचना की। इस परिस्थिति में कहा जा सकता है, “हाथी चले बाजार कुत्ते भोंके हजार।”

488. मुहावरा – खाली हाथ आए हैं खाली हाथ जाना है
अर्थ: इस मुहावरे का सार है कि मनुष्य जब इस दुनिया में आता है, तो वह कुछ भी अपने साथ नहीं लाता और जब वह इस दुनिया से जाता है, तो कुछ भी अपने साथ नहीं ले जा सकता।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब हमें यह दर्शाना हो कि जीवन की सभी भौतिक वस्तुएं अस्थायी हैं और हमें इन पर अधिक महत्व नहीं देना चाहिए।
उदाहरण: जब कोई व्यक्ति धन और संपत्ति में अत्यधिक लिप्त हो जाता है, तब उसे याद दिलाया जाता है कि “खाली हाथ आए हैं खाली हाथ जाना है।”

489. मुहावरा – ढाई दिन की बादशाहत
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई व्यक्ति बहुत कम समय के लिए सत्ता या प्रभाव में होता है। यह उस अवधि की अस्थिरता और अल्पकालिकता को दर्शाता है जो जल्दी खत्म हो जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम यह बताना चाहते हैं कि किसी को मिली सत्ता या प्रतिष्ठा क्षणिक और अस्थायी है।
उदाहरण: जब एक कर्मचारी को अचानक प्रमोशन मिलता है, पर वह जल्दी ही अपनी पुरानी पोजीशन पर वापस आ जाता है, तो कहा जा सकता है, “उसकी तो ढाई दिन की बादशाहत थी।”

490. मुहावरा – कलम का धनी
अर्थ: “कलम का धनी” मुहावरे का अर्थ है वह व्यक्ति जिसकी लेखनी में असीम शक्ति हो। यह उन व्यक्तियों को संबोधित करता है जिनके शब्द और विचारों में गहराई और महत्त्व होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम किसी व्यक्ति की लेखन क्षमता और शब्दों में उनकी दक्षता की प्रशंसा करना चाहते हैं।
उदाहरण: प्रेमचंद जैसे महान लेखक कलम के धनी थे, उनकी कहानियाँ आज भी प्रासंगिक हैं।

491. मुहावरा – लुटिया डूबना
अर्थ: “लुटिया डूबना” का अर्थ है किसी व्यक्ति, स्थिति, या वस्तु का पूर्ण रूप से नष्ट हो जाना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई चीज पूरी तरह से बर्बाद हो जाती है।
प्रयोग: जब किसी का व्यापार या करियर पूर्ण रूप से बर्बाद हो जाए।
उदाहरण: बाजार में मंदी के कारण अनुभव का व्यापार चौपट हो गया, उसकी लुटिया डूब गई।

492. मुहावरा – कानाफूसी करना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है धीरे से और गुप्त रूप से बात करना। यह आमतौर पर उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां बातें दूसरों से छिपाकर की जाती हैं।
प्रयोग: जब दो या दो से अधिक लोग दूसरों से छुपकर कोई बात करते हैं।
उदाहरण: कक्षा में छात्रों ने अध्यापक की अनुपस्थिति में कानाफूसी करना शुरू कर दिया।

493. मुहावरा – अलख जगाना
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है, किसी की आंतरिक चेतना या आत्म-जागरूकता को जगाना। यह व्यक्ति के अंदर की अदृश्य शक्ति को सक्रिय करने और उसे अपनी वास्तविक क्षमता का एहसास कराने की प्रक्रिया है।
प्रयोग: जब किसी को उसकी आत्म-शक्ति और संभावनाओं का एहसास कराना हो।
उदाहरण: गुरु ने शिष्य को अलख जगाने का प्रयास किया, ताकि वह अपनी असीम संभावनाओं को पहचान सके।

494. मुहावरा – आंखों में खून उतर आना
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है बहुत अधिक क्रोधित होना। यह अत्यधिक रोष या आवेग की स्थिति को दर्शाता है।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति का क्रोध चरम सीमा पर पहुंच जाए।
उदाहरण: जब विशाल ने अपनी गाड़ी टूटी हुई पाई, तो उसकी आंखों में खून उतर आया।

495. मुहावरा – भय बिन प्रीत न होई
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि बिना भय के प्रेम या सम्मान का अस्तित्व नहीं होता। यह कहता है कि एक निश्चित स्तर का भय आवश्यक है ताकि लोग अनुशासन में रहें और एक-दूसरे का सम्मान करें।
प्रयोग: जब अनुशासन और सम्मान को बनाए रखने की बात आती है।
उदाहरण: स्कूल में शिक्षकों का भय बच्चों में अनुशासन और सम्मान पैदा करता है, “भय बिन प्रीत न होई”।

496. मुहावरा – सिर पर नंगी तलवार लटकना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि किसी व्यक्ति के सिर पर नंगी तलवार लटक रही हो, जो कभी भी गिर सकती है। यह लगातार खतरे या अनिश्चितता की स्थिति को दर्शाता है।
प्रयोग: जब किसी को लगातार खतरे का सामना करना पड़ रहा हो।
उदाहरण: विकास की नौकरी पर लगातार संकट बना हुआ है, मानो उसके सिर पर नंगी तलवार लटक रही हो।

497. मुहावरा – नंग बड़े परमेश्वर छोटे
अर्थ: इस मुहावरे का साहित्यिक अर्थ है कि जो व्यक्ति बेशर्म होता है, उसके सामने बड़े-बड़े लोग भी छोटे पड़ जाते हैं। इसका तात्पर्य है कि बेशर्मी के आगे बड़ी से बड़ी सामाजिक या नैतिक ताकत भी कमजोर पड़ जाती है।
प्रयोग: जब किसी के बेशर्म व्यवहार के आगे लोग असहाय महसूस करते हैं।
उदाहरण: अमन की निर्लज्जता के आगे तो प्रधान भी नतमस्तक हो गए, सच में ‘नंग बड़े परमेश्वर छोटे’।

498. मुहावरा – रस्सी जल गई पर बल नहीं गया
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जब रस्सी जल जाती है तो उसका बल तो नष्ट हो जाता है परंतु उसका आकार बरकरार रहता है। इसी तरह, कुछ व्यक्ति अपने अहंकार को नहीं त्यागते, चाहे उनकी परिस्थितियाँ कितनी भी बदल जाएँ।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपने अहंकार को नहीं छोड़ता, भले ही उसके पास सब कुछ चला जाए।
उदाहरण: अनुभव की कंपनी डूब गई, पर उसका अहंकार अब भी बरकरार है, रस्सी जल गई पर बल नहीं गया।

499. मुहावरा – घड़ों पानी पड़ना
अर्थ: इस मुहावरे का साहित्यिक अर्थ है कि किसी व्यक्ति पर इतना अधिक पानी पड़ना कि वह पूरी तरह से डूब जाए। यह व्यक्ति की उस स्थिति का प्रतीक है जहां वह अत्यधिक लज्जित या शर्मिंदा महसूस करता है।
प्रयोग: जब किसी को सार्वजनिक रूप से अपमानित होना पड़ता है।
उदाहरण: जब राजू के झूठ का पर्दाफाश हुआ, तो उस पर घड़ों पानी पड़ गया।

500. मुहावरा – आंख का काजल चुराना
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी की आंखों में लगे काजल को चुराना, जो वास्तविकता में एक असंभव कार्य है।
प्रयोग: जब किसी जटिल समस्या का हल बहुत ही चतुराई से निकाल लिया जाता है।
उदाहरण: जब विनीत ने उस जटिल कोडिंग समस्या को चुटकियों में हल कर दिया, तब सबने कहा कि उसने तो “आंख का काजल चुरा लिया”।

501. मुहावरा – अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिरना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई व्यक्ति बार-बार बेवकूफी भरे काम करता रहता है, जैसे कि उसकी अक्ल के पीछे एक लट्ठ हो जो उसे हमेशा गलत काम करने के लिए प्रेरित करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति बार-बार गलतियाँ करता है और उसके फैसले समझदारी से परे होते हैं।
उदाहरण: अभय हमेशा अपने काम में गलतियाँ करता है, जैसे कि वह “अक्ल के पीछे लट्ठ लिए फिर रहा हो।”

502. मुहावरा – कूप मंडूक होना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई व्यक्ति अगर अपने छोटे से दायरे में ही सीमित रहता है, तो वह बड़ी और विस्तृत दुनिया के बारे में नहीं जान पाता। ऐसे व्यक्ति अपने संकीर्ण दृष्टिकोण के कारण व्यापक अवसरों और ज्ञान से वंचित रह जाते हैं।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपने संकुचित विचारों के चलते नए अनुभवों को अपनाने में हिचकिचाता है।
उदाहरण: विकास को अपने गाँव से बाहर कुछ भी नहीं पता, वह सच में ‘कूप मंडूक’ है।

503. मुहावरा – जैसे नागनाथ वैसे साँपनाथ
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि दो विकल्पों या व्यक्तियों में कोई महत्वपूर्ण अंतर नहीं है और दोनों ही स्थितियाँ या व्यक्ति समान रूप से अच्छे या बुरे हो सकते हैं।
प्रयोग: जब दो विकल्पों में से किसी एक को चुनना मुश्किल हो क्योंकि दोनों समान रूप से अनुकूल या प्रतिकूल होते हैं।
उदाहरण: इस चुनाव में जैसे नागनाथ वैसे साँपनाथ, दोनों प्रत्याशी एक जैसे ही हैं।

504. मुहावरा – भरी थाली में लात मारना
अर्थ: “भरी थाली में लात मारना” का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति उसके पास उपलब्ध संसाधनों, अवसरों या सुविधाओं को ठुकरा देता है या उनका दुरुपयोग करता है। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ व्यक्ति अपने हित में न होते हुए भी अच्छे अवसरों को खो देता है।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपने करियर में मिले अच्छे अवसर को नकार देता है।
उदाहरण: अजय को विदेश में पढ़ाई का शानदार मौका मिला, लेकिन उसने अपनी आलस्य के कारण उसे ठुकरा दिया। उसने तो “भरी थाली में लात मार दी।”

505. मुहावरा – उड़ता तीर लेना
अर्थ: “उड़ता तीर लेना” मुहावरे का अर्थ है किसी अन्य व्यक्ति की समस्या या विवाद में अनायास ही शामिल हो जाना। यह आमतौर पर उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जहां व्यक्ति अपने आप को ऐसी स्थितियों में पाता है जो उसके लिए अप्रासंगिक होती हैं।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति दूसरों के बीच चल रहे विवाद में बिना बुलाए या बिना किसी संबंध के हस्तक्षेप करता है।
उदाहरण: अनुज ने अपने सहकर्मियों के बीच चल रहे झगड़े में बिना मांगे ही सलाह दे दी और खुद भी उसमें उलझ गया। यहाँ वह “उड़ता तीर लेने” का उदाहरण बन गया।

506. मुहावरा – दामन थाम लेना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी का सहारा लेना या किसी की मदद के लिए हाथ बढ़ाना। यह आपसी विश्वास और समर्थन की भावना को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की मदद या सहयोग के लिए आगे आता है, खासकर कठिनाई के समय में।
उदाहरण: जब अभय बीमार पड़ गया तो उसके दोस्तों ने उसका दामन थाम लिया और उसकी हर संभव मदद की।

507. मुहावरा – ज़हर का घूँट पीना
अर्थ: “ज़हर का घूँट पीना” का अर्थ है अपने आप को कष्ट में डालते हुए किसी दुखद या अप्रिय स्थिति को सहन करना। यह उस परिस्थिति को दर्शाता है जब व्यक्ति अपने क्रोध या नाराजगी को छिपाकर अंदर ही अंदर दुःख सहता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल विशेषकर तब किया जाता है, जब किसी को अपने भावनाओं को दबाकर और अपने क्रोध को न दिखाते हुए किसी कठिन स्थिति का सामना करना पड़ता है।
उदाहरण: जब अखिल को अपने बॉस के अनुचित आदेशों का पालन करना पड़ा, तो उसने अपना क्रोध न दिखाकर “ज़हर का घूँट पीना” पसंद किया।

508. मुहावरा – आँतें कुलकुलाना
अर्थ: आम बोलचाल में “आँतें कुलकुलाना” का अर्थ होता है भूख के कारण पेट में होने वाली हलचल या गुड़गुड़ाहट।
प्रयोग: यह मुहावरा भूख के शारीरिक प्रभाव को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, जब कोई व्यक्ति लंबे समय तक बिना भोजन के रहता है, तो उसके लिए कहा जाता है कि “उसकी आँतें कुलकुला रही हैं।”
उदाहरण: अमन ने सुबह से कुछ नहीं खाया था और दोपहर तक उसकी आँतें कुलकुलाने लगीं।

509. मुहावरा – जिस थाली में खाना उसी में छेद करना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जिस व्यक्ति या संस्था ने आपको लाभ पहुंचाया हो, उसी के खिलाफ जाना या उसकी हानि करना। यह अकृतज्ञता की भावना को व्यक्त करता है।
प्रयोग: जब कोई अपने हितैषी या सहायक के खिलाफ काम करता है या उन्हें धोखा देता है।
उदाहरण: जब एक कर्मचारी अपनी कंपनी के खिलाफ गोपनीय जानकारी लीक करता है, तो यह कहा जा सकता है कि वह “जिस थाली में खाना उसी में छेद कर रहा है।”

510. मुहावरा – लाला भइया करना
अर्थ: “लाला भइया करना” का मतलब है किसी की बेवजह की चापलूसी करना या उसकी अनावश्यक प्रशंसा करना। यह आमतौर पर तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने निजी हितों की पूर्ति के लिए किसी अधिकारी, बॉस या अन्य महत्वपूर्ण व्यक्ति की चापलूसी करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल आमतौर पर व्यंग्यात्मक या हास्यास्पद परिस्थितियों में किया जाता है, जहां किसी की चापलूसी करने की प्रवृत्ति को उजागर किया जाता है।
उदाहरण: मुनीश अपने बॉस की हर छोटी-बड़ी बात पर “लाला भइया” करता रहता है, ताकि उसे प्रमोशन मिल सके।

511. मुहावरा – मीन मेख निकालना
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है किसी भी चीज़ में छोटी-छोटी कमियों को खोजना।
प्रयोग: इसका प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति अत्यंत सूक्ष्म या मामूली बातों पर भी आपत्ति जताता है।
उदाहरण: समीक्षा में आलोचक ने फिल्म की छोटी-छोटी बातों में मीन मेख निकाली।

512. मुहावरा – उड़ती चिड़िया पहचानना
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है दूरी से ही किसी बात या घटना का सही अनुमान लगा लेना।
प्रयोग: यह विशेष रूप से उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां बहुत कम जानकारी या संकेतों के आधार पर किसी निष्कर्ष या निर्णय तक पहुँचा जा सकता है।
उदाहरण: व्यापार में उसकी सफलता का राज यह है कि वह उड़ती चिड़िया पहचानने में माहिर है।

513. मुहावरा – जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति आपदा के समय ऐसे निर्णय लेता है जो उसके लिए और अधिक हानिकारक साबित होते हैं। यह अक्सर तब होता है जब किसी व्यक्ति को अपने कार्यों के परिणामों का सही अनुमान नहीं होता।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति आपात स्थिति में गलत निर्णय लेता है।
उदाहरण: जब विनीत ने अपनी नौकरी खोने के बाद अधिक कर्ज ले लिया, तो यह कहा जा सकता है कि ‘जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है’।

514. मुहावरा – पेट का काला होना
अर्थ: मुहावरे ‘पेट का काला होना’ का अर्थ है कि किसी व्यक्ति के अंदर छिपे धोखे, छल या गलत इरादे होना।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर उस समय किया जाता है जब किसी के धोखाधड़ी या गलत इरादे सामने आते हैं।
उदाहरण: जब विनीत ने अपने व्यापारिक साझेदार के साथ धोखाधड़ी की, तब समझ में आया कि उसका पेट काला है।

515. मुहावरा – ख़ूँटे से बाँध देना
अर्थ: ‘ख़ूँटे से बाँध देना’ का अर्थ है किसी व्यक्ति की स्वतंत्रता को सीमित कर देना या उसे किसी विशेष स्थिति या स्थान पर बाँधे रखना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को बहुत ही सीमित दायरे में रखा जाता है या उसकी स्वतंत्रता में बाधा डाली जाती है।
उदाहरण: जब अमन को उसके माता-पिता ने केवल विज्ञान विषय पढ़ने के लिए कहा, तो उसके रचनात्मकता की इच्छा को ‘ख़ूँटे से बाँध दिया गया’।

516. मुहावरा – गधे के सिर से सींग गायब हो जाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब किसी व्यक्ति की जरूरत हो और वह वहां मौजूद न हो, या जब किसी ने मदद का वादा किया हो और वह उसे पूरा न करे। यह मुहावरा अस्तित्व में न होने की स्थिति को व्यक्त करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उस समय किया जाता है जब किसी को किसी की सहायता की अपेक्षा होती है, लेकिन वह व्यक्ति उपस्थित नहीं होता।
उदाहरण: अमन ने अपने दोस्त से कहा था कि वह परीक्षा की तैयारी में मदद करेगा, लेकिन जब समय आया तो उसके ‘गधे के सिर से सींग गायब हो गए’।

517. मुहावरा – 36 का आँकड़ा होना
अर्थ: “36 का आँकड़ा होना” का मुख्य अर्थ है दो लोगों के बीच पूर्ण रूप से मतभेद या अनबन होना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब दो व्यक्ति एक-दूसरे से पूरी तरह से नाराज या असंतुष्ट होते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब दो लोगों के बीच संबंध पूरी तरह से खराब हो चुके होते हैं और उनमें सुलह की कोई गुंजाइश नहीं होती। यह अक्सर वैयक्तिक संबंधों, व्यावसायिक साझेदारियों, या अन्य सामाजिक संबंधों में उपयोग होता है।
उदाहरण: विशाल और अभय के बीच कुछ समय से 36 का आँकड़ा हो गया है, वे अब एक-दूसरे से बात तक नहीं करते।

518. मुहावरा – गुबार निकालना
अर्थ: मुहावरे ‘गुबार निकालना’ का अर्थ है किसी पर अपना क्रोध या असंतोष प्रकट करना। यह अक्सर अनुचित या असमान्य रूप से क्रोध व्यक्त करने की स्थिति को व्यक्त करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब होता है जब किसी को अपनी नाअनुभवगी या क्रोध को व्यक्त करना होता है, खासकर जब वह इसे किसी अन्य व्यक्ति पर निकालता है।
उदाहरण: ऑफिस में बॉस का गुस्सा बढ़ गया और उसने अपने सहकर्मी पर ‘गुबार निकाल दिया’।

519. मुहावरा – कागजी घोड़े दौड़ाना
अर्थ: ‘कागजी घोड़े दौड़ाना’ का अर्थ है ऐसे कार्य में लगे रहना जिससे वास्तविकता में कोई उपयोगी परिणाम न निकले। यह व्यक्त करता है कि कार्य बहुत होता है पर उसका कोई ठोस फल प्राप्त नहीं होता।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति बहुत पढ़ता-लिखता है लेकिन उससे कोई व्यावहारिक या सार्थक कार्य नहीं होता।
उदाहरण: विशाल दिन भर किताबें पढ़ता रहता है, लेकिन उसके पढ़ने का कोई उपयोगी परिणाम नहीं निकलता। वह ‘कागजी घोड़े दौड़ा रहा है’।

520. मुहावरा – जल-भुन के ख़ाक हो जाना
अर्थ: ‘जल-भुन के ख़ाक हो जाना’ का अर्थ है कि किसी की सफलता या खुशी से इतनी अधिक ईर्ष्या होना कि व्यक्ति अंदर ही अंदर जलकर ख़ाक हो जाए। यह मुहावरा अत्यधिक ईर्ष्या और असंतोष की स्थिति को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब कोई दूसरे की सफलता या खुशी को देखकर अत्यधिक ईर्ष्या महसूस करता है।
उदाहरण: जब अनुज को पदोन्नति मिली, तो उसके सहकर्मी उससे ‘जल-भुन के ख़ाक हो गए’।

521. मुहावरा – गोता लगाना
अर्थ: “गोता लगाना” का शाब्दिक अर्थ होता है पानी में डुबकी लगाना। हालांकि, इसका लाक्षणिक अर्थ है किसी काम में गहराई से जुट जाना या किसी चीज़ में पूरी तरह से लीन हो जाना।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग किसी व्यक्ति के समर्पण और एकाग्रता को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह बताता है कि व्यक्ति किसी कार्य या गतिविधि में कितना गहराई से लगा हुआ है।
उदाहरण: अमन ने जब से कोडिंग सीखना शुरू किया है, वह इसमें पूरी तरह से गोता लगा चुका है।

522. मुहावरा – आंखे लाल करना
अर्थ: “आंखें लाल करना” का शाब्दिक अर्थ होता है किसी की आंखें लाल हो जाना। हालांकि, इसका प्रतीकात्मक अर्थ है गुस्सा या क्रोध में होना।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जब किसी को अपने क्रोध का प्रदर्शन करना होता है। यह आमतौर पर उस समय इस्तेमाल होता है जब किसी को गुस्सा या असंतोष दिखाना हो।
उदाहरण: जब विशाल ने सुना कि उसके दोस्त ने उसके बारे में बुराई की है, तो उसकी आँखें लाल हो गयी।

523. मुहावरा – ज़ुबान देना
अर्थ: ‘ज़ुबान देना’ का अर्थ है किसी काम को करने या किसी बात को पूरा करने का वादा करना। यह व्यक्ति की उस प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो उसने दूसरे व्यक्ति से की है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब किसी को किसी कार्य के लिए या किसी बात के लिए अपना शब्द देना होता है।
उदाहरण: जब अभय ने अपने दोस्त को उसकी मदद करने का ‘ज़ुबान दिया’, तो वह उसे हर हाल में निभाने की कोशिश करता है।

524. मुहावरा – मंत्र फूँकना
अर्थ: “मंत्र फूँकना” मुहावरे का अर्थ है किसी काम को सफल बनाने या किसी समस्या का हल निकालने के लिए गुप्त या प्रभावशाली उपाय करना।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति या समूह किसी जटिल समस्या का समाधान अत्यंत कुशलता और चतुराई से करता है। यह अक्सर उन स्थितियों में प्रयोग होता है जहाँ सामान्य तरीके से समस्या का हल निकलना कठिन हो।
उदाहरण: जब कंपनी को भारी घाटा हो रहा था, तो सीईओ ने एक नई रणनीति के साथ मंत्र फूँककर कंपनी को फिर से मुनाफे में ला दिया।

525. मुहावरा – लानत भेजना
अर्थ: ‘लानत भेजना’ का अर्थ है किसी को अवमानना के भाव से गाली देना या तिरस्कार करना।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल व्यक्ति की गहरी असंतोष की भावना और क्रोध को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: जब राजनीतिक नेता ने वादे पूरे नहीं किए, तो जनता ने उन पर ‘लानत भेजी’।

526. मुहावरा – अंधी गली के मुहाने पर अंधी सरकार
अर्थ: “अंधी गली के मुहाने पर अंधी सरकार” का अर्थ है ऐसी स्थिति जहां नेतृत्व या सरकार की कार्यक्षमता प्रभावित होती है और वे उचित निर्णय नहीं ले पाते हैं। इसका संदर्भ अक्सर राजनीतिक या प्रशासनिक अक्षमता से होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी नेतृत्व या सरकार के निर्णय और कार्यों की अक्षमता को दर्शाना हो।
उदाहरण: बिजली संकट पर नियंत्रण न कर पाने के कारण यह कहा जा सकता है कि अंधी गली के मुहाने पर अंधी सरकार है।

527. मुहावरा – अंजर-पंजर ढीले होना
अर्थ: “अंजर-पंजर ढीले होना” का अर्थ है शरीर का बहुत अधिक थका हुआ या कमजोर होना।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति की शारीरिक थकावट का वर्णन करना हो, खासकर कठिन कार्य करने के बाद।
उदाहरण: पूरे दिन खेत में काम करने के बाद मुनीश के अंजर-पंजर ढीले हो गए थे।

528. मुहावरा – सर सलामत तो पगड़ी हजार
अर्थ: “सर सलामत तो पगड़ी हजार” का शाब्दिक अर्थ है कि अगर जीवन सुरक्षित है, तो खोई हुई प्रतिष्ठा या संपत्ति को फिर से प्राप्त किया जा सकता है। यह मुहावरा जीवन के महत्व को रेखांकित करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को जीवन और अन्य भौतिक चीजों के महत्व के बीच चुनाव करने की सलाह दी जाती है।
उदाहरण: भारी बारिश में भी अपने व्यापार को बचाने के चक्कर में न पड़ो, याद रखो, सर सलामत तो पगड़ी हजार।

529. मुहावरा – घर घाट एक करना
अर्थ: “घर घाट एक करना” का अर्थ है निजी और व्यावसायिक जीवन को इस तरह से व्यवस्थित करना कि दोनों में संतुलन बना रहे और एक-दूसरे के ऊपर प्रभाव न पड़े। यह सामंजस्य और संतुलन की कला को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की दोहरी जिम्मेदारियों के बीच सफलतापूर्वक संतुलन बनाने की क्षमता को व्यक्त करना हो।
उदाहरण: अपर्णा ने अपने करियर और परिवार के बीच संतुलन बनाकर घर घाट एक कर लिया है।

530. मुहावरा – हवा का रुख पहचानना
अर्थ: “हवा का रुख पहचानना” का अर्थ है किसी स्थिति या परिस्थिति के बदलते ट्रेंड को समझना और उसके अनुसार खुद को ढालना। यह व्यक्ति की सूझबूझ और तात्कालिक समझ को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की स्थिति के प्रति सजगता और समझदारी को दर्शाना हो। यह अक्सर राजनीति, व्यापार, या सामाजिक परिवर्तनों के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: राजनीतिक दलों को जनता की भावनाओं का रुख पहचानकर अपनी नीतियाँ बनानी चाहिए।

531. मुहावरा – उड़न छू होना
अर्थ: “उड़न छू होना” का शाब्दिक अर्थ है ‘उड़कर गायब हो जाना’। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कुछ बहुत जल्दी या अचानक गायब हो जाए, जिससे वह अदृश्य या अप्राप्य हो जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी वस्तु, व्यक्ति या स्थिति के अचानक और अनपेक्षित रूप से गायब होने का वर्णन करना हो। इसे अक्सर चमत्कारिक या असाधारण परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: जैसे ही पुलिस वहां पहुंची, सभी चोर उड़न छू हो गए।

532. मुहावरा – आंधी के आम
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति बिना किसी मेहनत या योजना के कुछ प्राप्त करता है। यह अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां लाभ या सफलता अचानक और आसानी से प्राप्त हो जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग व्यक्ति की अप्रत्याशित सफलता या भाग्यशाली होने की स्थिति में किया जाता है। जैसे, “राहुल को यह नौकरी आंधी के आम की तरह मिली, उसने इसके लिए कोई विशेष प्रयास नहीं किया।”
उदाहरण: जब विशाल ने बिना किसी प्रयत्न के बड़ा इनाम जीता, तो उसके दोस्तों ने कहा कि यह तो आंधी के आम हैं।

533. मुहावरा – इश्क़ और मुश्क़ छुपाये नहीं छुपते
अर्थ: इस कहावत का उद्देश्य यह दर्शाना है कि सच्चा प्रेम और महक अपने आप को प्रकट कर देते हैं, चाहे वे कितनी भी गोपनीयता में क्यों न हों। यह बताता है कि कुछ भावनाएं और स्थितियाँ ऐसी होती हैं जो छिप नहीं सकतीं और अंततः सामने आ ही जाती हैं।
प्रयोग: यह कहावत अक्सर उन परिस्थितियों में इस्तेमाल की जाती है जहाँ किसी गुप्त भावना या गुणवत्ता का अंततः पता चल जाता है। यह उन मामलों में भी प्रयोग की जाती है जहाँ किसी के प्रेम को छिपाने की कोशिश की जाती है, परंतु वह स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
उदाहरण: मान लीजिए एक युवक और युवती एक-दूसरे से प्रेम करते हैं, परंतु इसे गुप्त रखना चाहते हैं। हालांकि, उनके व्यवहार और आपसी संवाद से यह स्पष्ट हो जाता है कि वे प्रेम में हैं। यहाँ पर इस कहावत का प्रयोग किया जा सकता है।

534. मुहावरा – इस हाथ दे, उस हाथ ले
अर्थ: यह मुहावरा तत्काल लाभ या परिणाम प्राप्त करने की स्थिति को दर्शाता है। जब किसी कार्य का परिणाम बिना किसी देरी के मिल जाता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यापार, लेनदेन, और ऐसे ही अन्य स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ तत्काल परिणाम या लाभ होता है। यह तत्काल प्रतिफल की अवधारणा को व्यक्त करता है।
उदाहरण: मान लीजिए एक व्यक्ति किसी दुकान पर जाता है और वहाँ कुछ सामान खरीदता है। वह तुरंत ही दुकानदार को पैसे देता है और बदले में सामान प्राप्त करता है। यहाँ, “इस हाथ दे, उस हाथ ले” की स्थिति है।

535. मुहावरा – उखड़ी-उखड़ी बातें करना
अर्थ: “उखड़ी-उखड़ी बातें करना” का अर्थ है अस्थिर या विचलित मन से बिना सोचे-समझे बात करना। यह अक्सर तनाव, गुस्से या अन्य भावनात्मक परिस्थितियों में होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यक्तिगत, पारिवारिक, या पेशेवर संदर्भ में प्रयोग किया जा सकता है, जब किसी व्यक्ति की बातों में अस्थिरता या असंगतता प्रकट होती है।
उदाहरण: परीक्षा के परिणामों की चिंता में नियांत आजकल उखड़ी-उखड़ी बातें कर रहा है।

536. मुहावरा – उंगली पकड़कर पहुँचा पकड़ना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है की जब कोई व्यक्ति से थोड़ी सहायता मांगता है फिर बाद में अधिक सहायता प्राप्त करना चाहता है।
प्रयोग: यह मुहावरा कारोबार, शिक्षा, या व्यक्तिगत संबंधों में प्रयोग किया जा सकता है, खासकर जब छोटी सी सहायता से बड़े परिणाम की उम्मीद हो।
उदाहरण: मुनीश ने अपने जूनियर को कुछ बुनियादी नियम सिखाए, और अब वही जूनियर बड़े-बड़े प्रोजेक्ट्स संभाल रहा है। वाकई में मुनीश ने उंगली पकड़कर पहुँचा पकड़ा है।

537. मुहावरा – उंगली दिखाना
अर्थ: “उंगली दिखाना” का मुख्य अर्थ है किसी की आलोचना करना या उसे दोषी ठहराना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विभिन्न प्रकार के संदर्भों में किया जा सकता है, जैसे कि सामाजिक, राजनीतिक, या व्यक्तिगत मामलों में। इसका प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी की गलतियों या कमियों को उजागर करने की कोशिश की जाती है।
उदाहरण: अभय ने ऑफिस में श्याम की गलतियों की ओर उंगली दिखाई, जिससे श्याम को काफी असहज महसूस हुआ।

538. मुहावरा – उंगलियों पर नचाना
अर्थ: इस मुहावरे का मुख्य अर्थ है किसी को पूरी तरह से नियंत्रित करना या किसी के प्रति पूर्ण प्रभुत्व स्थापित करना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विभिन्न प्रकार के संदर्भों में किया जा सकता है, जैसे कि राजनीति, सामाजिक संबंध, या कार्यस्थल पर। यह अक्सर उस समय प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपनी ताकत या प्रभाव का प्रयोग करके दूसरों को अपने अनुसार काम करवाता है।
उदाहरण: राजनीति में बड़े नेता अक्सर जूनियर नेताओं को अपनी उंगलियों पर नचाते हैं।

539. मुहावरा – ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया
अर्थ: “ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया” का शाब्दिक अर्थ है कि परिस्थितियां हर जगह समान नहीं होतीं। कहीं सुख है, तो कहीं दुख। यह मुहावरा यह बताता है कि ईश्वर की रचना में विविधता है और हर जगह, हर किसी की परिस्थितियाँ अलग-अलग होती हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग जीवन की उतार-चढ़ाव भरी स्थितियों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। जब हम किसी के जीवन में आनंद और दुःख के भिन्न-भिन्न पहलुओं को देखते हैं, तब इस मुहावरे का इस्तेमाल होता है।
उदाहरण: अभय और अनुज दोनों भाई हैं पर उनकी किस्मत अलग है। अभय धनी और सुखी है जबकि अनुज के जीवन में कठिनाइयां हैं। यह तो ईश्वर की माया है, कहीं धूप कहीं छाया।

540. मुहावरा – उम्मीदों पर पानी फेरना
अर्थ: इस मुहावरे का मुख्य अर्थ है किसी की आशाओं या योजनाओं को असफल कर देना या उन्हें निराशा में बदल देना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किया जा सकता है, जैसे व्यापार, शिक्षा, या व्यक्तिगत जीवन में। यह अक्सर निराशा और असफलता के भावों को व्यक्त करने के लिए उपयोगी होता है।
उदाहरण: सुधीर ने अपने व्यापार में बहुत निवेश किया था, परंतु बाजार में अचानक आई मंदी ने उसकी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।

541. मुहावरा – उधार प्यार की कैंची है
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि उधार लेना या देना अक्सर प्रेम और सद्भाव के संबंधों को कमजोर कर सकता है। जब कोई व्यक्ति उधार लेता है और समय पर नहीं चुकाता, तो इससे रिश्तों में खटास आ जाती है।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेषकर उन स्थितियों में प्रयोग होता है, जहां आर्थिक लेन-देन रिश्तों पर भारी पड़ते हैं। यह सामाजिक और व्यावसायिक दोनों संदर्भों में लागू होता है।
उदाहरण: सुरेंद्र ने अपने मित्र से बड़ी रकम उधार ली और वापस नहीं की, जिससे उनकी दोस्ती में दरार आ गई। इससे साफ है कि “उधार प्यार की कैंची है।”

542. मुहावरा – उलटी माला फेरना
अर्थ: इस मुहावरे का मुख्य अर्थ है किसी ऐसे कार्य को करना जिसका कोई उद्देश्य न हो या जिससे कोई लाभ न हो। यह व्यर्थ प्रयासों और निष्फल परिश्रम को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति या समूह द्वारा किए गए काम से कोई सार्थक परिणाम नहीं निकलता है।
उदाहरण: अमन ने अपनी परीक्षा की तैयारी के लिए बहुत समय बर्बाद किया लेकिन अंत में कुछ भी याद नहीं रहा, जैसे उसने “उलटी माला फेरी” हो।

543. मुहावरा – उल्लू का पट्ठा
अर्थ: शाब्दिक रूप से “उल्लू का पट्ठा” का अर्थ होता है उल्लू का बच्चा। लेकिन, वास्तविक संदर्भ में इसका प्रयोग किसी व्यक्ति को मूर्ख या बेवकूफ सिद्ध करने के लिए किया जाता है। यह एक व्यक्ति की समझदारी या बुद्धिमत्ता पर प्रश्न चिन्ह लगाने का एक तरीका है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति से कोई स्पष्ट या सरल बात समझ में न आए। उदाहरण के लिए, अगर कोई व्यक्ति बार-बार एक ही गलती करता है या अनुचित निर्णय लेता है, तो उसे “उल्लू का पट्ठा” कहा जा सकता है।
उदाहरण: अभय हमेशा अपनी कक्षा में ध्यान नहीं देता और परीक्षा में हमेशा खराब अंक प्राप्त करता है। वह वास्तव में एक उल्लू का पट्ठा है।

544. मुहावरा – ऊँट किस करवट बैठेगा
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि यह निश्चित नहीं है कि ऊँट किस दिशा में बैठेगा। व्यावहारिक रूप में, इसका प्रयोग ऐसी स्थिति को दर्शाने के लिए होता है जहाँ अंतिम परिणाम या निर्णय अभी तक तय नहीं हुआ हो।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर राजनीति, व्यापार, या व्यक्तिगत निर्णयों के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है जब परिणाम या निर्णय अनिश्चित होते हैं।
उदाहरण: कंपनी के नए प्रोजेक्ट पर निवेश करने के संबंध में बोर्ड की बैठक में अभी तक निर्णय नहीं हुआ है, अभी तो ‘ऊँट किस करवट बैठना है’ की स्थिति है।

545. मुहावरा – ऊपर की आमदनी
अर्थ: “ऊपर की आमदनी” का अर्थ है वह अतिरिक्त आय जो आधिकारिक रूप से दर्ज नहीं होती, या जो अनैतिक तरीके से अर्जित की जाती है। इसमें रिश्वत, ब्लैक मनी, या अन्य अवैध स्रोत से प्राप्त आय शामिल हो सकती है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर व्यावसायिक या सरकारी क्षेत्रों में प्रयोग किया जाता है, जहाँ अवैध या अनैतिक तरीकों से धन कमाया जाता है।
उदाहरण: सरकारी दफ्तरों में तो ऊपर की आमदनी का चलन आम बात है, जहाँ बिना रिश्वत के काम ही नहीं होता।

546. मुहावरा – एक नजीर सौ नसीहत
अर्थ: “एक नजीर सौ नसीहत” का अर्थ है कि एक वास्तविक उदाहरण या घटना सैकड़ों सलाहों और उपदेशों से अधिक प्रभावी और शिक्षाप्रद होती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब हम किसी को जीवन के किसी पाठ को समझाना चाहते हैं और हमें एक स्पष्ट और ठोस उदाहरण की आवश्यकता होती है।
उदाहरण: मान लीजिए एक शिक्षक छात्रों को पर्यावरण संरक्षण के महत्व के बारे में बता रहे हैं। वे सिर्फ थ्योरी और नियमों के बारे में बात करके छात्रों को बोर कर रहे हैं। लेकिन जैसे ही वे एक वास्तविक उदाहरण देते हैं कि कैसे एक छोटे से गाँव ने पर्यावरण संरक्षण करके अपने क्षेत्र को हरा-भरा बनाया, छात्र अधिक रुचि लेने लगते हैं। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि “एक नजीर सौ नसीहत”।

547. मुहावरा – औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार
अर्थ: “औरन का गड्ढा चाहे ताको कूप तैयार” का शाब्दिक अर्थ है कि अगर आप किसी के लिए गड्ढा खोदते हैं, तो तैयार रहें कि वह गड्ढा आपके लिए कुआँ बन सकता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब हम किसी को यह सिखाना चाहते हैं कि दूसरों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से की गई कोई भी कार्रवाई आखिरकार खुद उसी व्यक्ति के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकती है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यक्ति ने अपने पड़ोसी के नुकसान के लिए उसके रास्ते में एक गड्ढा खोद दिया। परंतु, कुछ ही समय बाद वह खुद उसी गड्ढे में गिर गया। इस प्रकार, उसने जो गड्ढा दूसरों के लिए खोदा था, वह उसके लिए ही कुआँ बन गया।

548. मुहावरा – औने-पौने दामों पर निकालना
अर्थ: “औने-पौने दामों पर निकालना” का सीधा अर्थ है किसी वस्तु को उसके वास्तविक मूल्य से कम कीमत पर बेच देना, अक्सर वित्तीय आवश्यकता या दबाव के कारण।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आर्थिक संकट, अवसरवाद, या बाजार की अनिश्चितताओं के संदर्भ में किया जाता है। यह अक्सर उस स्थिति को दर्शाता है जहां व्यक्ति या व्यवसाय को अपने उत्पाद या संपत्ति को अनुकूल स्थितियों के बिना बेचना पड़ता है।
उदाहरण: उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए एक व्यक्ति पर बहुत अधिक कर्ज है और उसे अपनी जमीन औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ रही है, ताकि वह अपना कर्ज चुका सके।

549. मुहावरा – गरजी यार किसके, दम लगाई खिसके
अर्थ: इस मुहावरे का सामान्य अर्थ है कि लोग अक्सर अपने स्वार्थ के लिए ही सहयोग करते हैं, और जब उनका स्वार्थ पूरा हो जाता है, तो वे साथ छोड़ देते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब किसी को यह दर्शाना होता है कि किसी ने केवल अपने स्वार्थ के लिए किसी का साथ दिया है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यक्ति अपने मित्र की मदद केवल इसलिए करता है, क्योंकि उसे उसकी जरूरत है, और जैसे ही उसका काम हो जाता है, वह मित्र को अकेला छोड़ देता है। इस स्थिति में कहा जा सकता है, “गरजी यार किसके, दम लगाई खिसके।”

550. मुहावरा – खुद लिखे खुदा बांचे
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि एक व्यक्ति गलती करे और दंड दूसरे को मिले। यह उन स्थितियों का वर्णन करता है जहाँ निर्दोष व्यक्ति को बिना किसी अपराध के सजा मिलती है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी निर्दोष व्यक्ति को दूसरे की गलती के लिए दंडित किया जाता है।
उदाहरण: कार्यस्थल पर एक कर्मचारी गलती करता है और उसका प्रभाव दूसरे कर्मचारी पर पड़ता है, जैसे कि उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है। इस स्थिति में कहा जा सकता है, “यहाँ तो ‘गधा खेत खाए और कुम्हार मारा जाए’ वाला मामला हो गया।”

551. मुहावरा – गज-भर की जबान होना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी व्यक्ति की जबान बहुत लंबी होती है, यानी वह बहुत ज्यादा या अनावश्यक बातें करता है। यह उन लोगों के लिए प्रयोग होता है जो बिना सोचे-समझे या अत्यधिक बोलते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा तब इस्तेमाल किया जाता है जब किसी को अत्यधिक बोलने की आदत या बिना जरूरत के बहुत कुछ कह देने की प्रवृत्ति पर टिप्पणी करनी हो।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यक्ति कार्यालय में बिना जरूरत के बहुत अधिक बातें करता है और अक्सर गोपनीय जानकारी भी उजागर कर देता है, तो उसके बारे में कहा जा सकता है, “उसकी तो गज-भर की जबान है।”

552. मुहावरा – गंजे को कंघी अच्छी नहीं लगती
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जिन चीजों की किसी व्यक्ति को जरूरत नहीं होती या जो उसके लिए उपयोगी नहीं होतीं, उन्हें वह महत्व नहीं देता। यह मुहावरा उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहाँ कुछ चीजें किसी विशेष व्यक्ति या स्थिति के लिए अनावश्यक होती हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब किसी अनुपयोगी या अनावश्यक वस्तु या स्थिति की ओर संकेत करना होता है।
उदाहरण: मान लीजिए, किसी अमीर व्यक्ति को जो पहले से ही कई कारों का मालिक है, अगर कोई और कार गिफ्ट में दे देता है, तो उस स्थिति में यह मुहावरा प्रयोग हो सकता है: “अमीर के लिए एक और कार तो ‘गंजे को कंघी अच्छी नहीं लगती’ वाली बात है।”

553. मुहावरा – खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है
अर्थ: इस मुहावरे का सामान्य अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति अपने आसपास के लोगों को कुछ करते हुए देखता है, तो वह भी उनकी तरह ही व्यवहार करने लगता है। यह मानवीय प्रवृत्ति का दर्शन करता है कि हम सामाजिक प्रभावों से आसानी से प्रभावित होते हैं।
उदाहरण: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी को यह दर्शाना होता है कि लोग अपने संगति के अनुसार अपना व्यवहार और आचरण बदल लेते हैं।

554. मुहावरा – चंडाल चौकड़ी
अर्थ: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर उन समूहों के संदर्भ में किया जाता है जो अनैतिक, अवैध या सामाजिक रूप से स्वीकार्य नहीं माने जाने वाले कार्यों में लिप्त होते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जहाँ किसी व्यक्ति को अन्य तीन लोगों के साथ मिलकर कुछ गलत करते देखा जाता है। इसका प्रयोग व्यंग्य या आलोचना के स्वर में किया जाता है।
उदाहरण: जब से अनुभव उस चंडाल चौकड़ी के साथ घूमने लगा है, उसके व्यवहार में बहुत परिवर्तन आ गया है।

555. मुहावरा – घाटा मोटा, कागज छोटा
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि किसी बड़े घाटे या समस्या को कागज पर उतारने के लिए जगह कम पड़ जाती है। लाक्षणिक अर्थ में, यह बताता है कि किसी विशेष परिस्थिति या समस्या का सामना करने में कठिनाई हो रही है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर वित्तीय घाटे, बड़ी समस्याओं या कठिन परिस्थितियों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: कंपनी को इस साल इतना बड़ा घाटा हुआ है कि ‘घाटा मोटा, कागज छोटा’ वाली बात हो गई है।

556. मुहावरा – घर फूँक तमाशा देखना
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि कोई अपना घर जला कर उसके दृश्य का आनंद उठा रहा है। लाक्षणिक अर्थ में, यह उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई अपने ही नुकसान की परवाह किए बिना, अस्थायी संतुष्टि या मनोरंजन के लिए कुछ करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति के कार्यों से उसे खुद को या अपने परिवार को नुकसान पहुँचता है, परंतु वह फिर भी उसे जारी रखता है।
उदाहरण: मुनीश ने अपनी सारी जमा पूंजी जुआ में लगा दी, जैसे ‘घर फूँक तमाशा देखना’।

557. मुहावरा – गले पड़ी की खंझड़ी बजाने में ही खैर
अर्थ: इसका लाक्षणिक अर्थ है कि कभी-कभार जीवन में ऐसी परिस्थितियाँ आती हैं जहाँ हमें अनिच्छा के बावजूद कुछ कार्य करने पड़ते हैं। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब व्यक्ति के पास विकल्प कम होते हैं और उसे उपलब्ध साधनों का उपयोग करके ही आगे बढ़ना होता है।
उदाहरण: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ व्यक्ति को कोई कार्य अनिच्छा से करना पड़ता है, लेकिन उसे यह भी समझना होता है कि उस स्थिति में यही कार्य उसके लिए सबसे उत्तम है।

558. मुहावरा – गले पड़ा ढोल बजाना पड़ता है
अर्थ: इसका लाक्षणिक अर्थ यह है कि जब आप किसी ऐसी स्थिति में फंस जाते हैं जहां से निकलना मुश्किल हो, तो आपको उसी स्थिति में रहकर समस्या का सामना करना पड़ता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को न चाहते हुए भी कोई काम करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति अपने बॉस के आदेशों का पालन करने के लिए अनिच्छुक है, लेकिन नौकरी की जरूरत के कारण उसे वैसा करना पड़ता है, तो उस स्थिति में यह मुहावरा प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: अखिल को अपनी नौकरी पसंद नहीं है, लेकिन परिवार की जिम्मेदारियों के कारण उसे रोज ऑफिस जाना पड़ता है, गले पड़ा ढोल बजाना पड़ता है।

559. मुहावरा – चढ़ते सूर्य को नमस्कार करना
अर्थ: “चढ़ते सूर्य को नमस्कार करना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – उगते हुए सूर्य को नमस्कार करना। लेकिन, इसका व्यापक अर्थ यह है कि लोग अक्सर उन्हीं का समर्थन या पूजा करते हैं जो सफल या शक्तिशाली होते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उस स्थिति में किया जाता है जहां कोई व्यक्ति केवल इसलिए किसी का समर्थन करता है क्योंकि वह व्यक्ति सफल या प्रभावशाली है, न कि उसके गुणों या योग्यताओं के कारण।
उदाहरण: जब से अभय ने उस कंपनी में उच्च पद प्राप्त किया है, उसके पुराने आलोचक भी अब उसे ‘चढ़ते सूर्य को नमस्कार’ कर रहे हैं।

560. मुहावरा – चढे तवे पर रोटी सभी डाल लेते हैं
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब किसी काम में सफलता मिलने की संभावना होती है, तो सभी लोग उसमें हिस्सा लेने को तैयार हो जाते हैं। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ लोग केवल लाभ के लिए किसी काम में शामिल होते हैं।
प्रयोग: इस कहावत का इस्तेमाल व्यापार, राजनीति, या सामाजिक स्थितियों में किया जा सकता है, जहां लोग सिर्फ इसलिए किसी कार्य में रुचि दिखाते हैं क्योंकि उसमें लाभ की संभावना होती है।
उदाहरण: जैसे ही कंपनी ने मुनाफा कमाना शुरू किया, कई निवेशकों ने उसमें पैसा लगाने की इच्छा जताई। यह सच है कि ‘चढ़े तवे पर रोटी सभी डाल लेते हैं।’

561. मुहावरा – चप्पा-चप्पा छानना
अर्थ: “चप्पा-चप्पा छानना” का अर्थ है हर एक जगह को बारीकी से खोजना या जांचना। यह उस प्रयास को बताता है जहां किसी वस्तु, व्यक्ति या सूचना की खोज में हर संभावित स्थान की गहराई से जांच की जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर पुलिस जांच, खोजी कार्य, या किसी महत्वपूर्ण वस्तु की खोज संबंधी स्थितियों में किया जाता है।
उदाहरण: जब गाँव से विकास का कुत्ता गुम हो गया, तो उसने पूरे गाँव का ‘चप्पा-चप्पा छाना’ लेकिन कुत्ता कहीं नहीं मिला।

562. मुहावरा – छठी का खाया-पिया निकालना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी को उसके द्वारा किए गए अच्छे कार्यों का प्रतिफल न देना या उसके योगदान को नजरअंदाज करना। यह आमतौर पर उस स्थिति का वर्णन करता है जहाँ किसी की मेहनत या सहयोग को अनदेखा कर दिया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेषकर तब प्रयोग में लाया जाता है जब कोई व्यक्ति या संस्था किसी के प्रयासों को स्वीकार नहीं करती और उसे उचित सम्मान या प्रतिष्ठा नहीं देती।
उदाहरण: मुनीश ने अपनी कंपनी के लिए कई सालों तक कड़ी मेहनत की, लेकिन जब प्रमोशन की बारी आई तो कंपनी ने उसके ‘छठी का खाया-पिया निकाल दिया’ और उसे उचित पदोन्नति नहीं दी।

563. मुहावरा – छठी का दूध याद दिलाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी को उसके बचपन या पुराने समय में किए गए उपकारों या भलाइयों की याद दिलाना। यह आमतौर पर तब प्रयोग में आता है जब किसी को उसकी पुरानी गलतियों या उपकारों की याद दिलाकर उसके वर्तमान कर्मों पर प्रभाव डालने का प्रयास किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर पारिवारिक और सामाजिक संदर्भों में प्रयोग किया जाता है, जैसे किसी व्यक्ति को उसके अतीत के अच्छे या बुरे कार्यों की याद दिलाना।
उदाहरण: जब अमन ने अपने बड़े भाई से मदद मांगी, तो उसने अमन को ‘छठी का दूध याद दिलाया’ और कहा कि उसने भी बचपन में अमन की बहुत मदद की थी।

564. मुहावरा – छाती से बोझ उतरना
अर्थ: “छाती से बोझ उतरना” का शाब्दिक अर्थ है किसी बड़े तनाव या चिंता से मुक्ति मिलना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब किसी व्यक्ति को किसी बड़ी चिंता या समस्या से राहत मिल जाती है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब इस्तेमाल होता है जब किसी व्यक्ति को लंबे समय से चली आ रही चिंता या तनाव से छुटकारा मिलता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक छात्र जो बोर्ड परीक्षाओं के नतीजों का इंतजार कर रहा था, जब उसे अच्छे अंक मिले तो वह कह सकता है, “मेरी छाती से बोझ उतर गया है।”

565. मुहावरा – छाती सुलगना
अर्थ: “छाती सुलगना” का अर्थ होता है गहरी पीड़ा या दुख का अनुभव करना। यह आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी को भारी मानसिक या भावनात्मक तकलीफ हो रही हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विशेषकर तब किया जाता है जब व्यक्ति किसी प्रकार की भावनात्मक पीड़ा या दुख का सामना कर रहा हो।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यक्ति का प्रियजन उससे बहुत दूर चला जाता है और वह व्यक्ति उसकी याद में दुखी होता है, तो कहा जा सकता है कि “उसकी याद में मेरी छाती सुलग रही है।”

566. मुहावरा – छाती पर सवार होना
अर्थ: “छाती पर सवार होना” का सामान्य अर्थ है किसी के ऊपर अत्यधिक दबाव डालना या किसी को अत्यधिक परेशान करना। यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति या परिस्थिति दूसरे व्यक्ति पर भारी पड़ रही हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति या स्थिति दूसरे के लिए असहनीय बन जाए। यह व्यक्ति की मानसिक या भावनात्मक स्थिति को दर्शाता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक कर्मचारी पर उसके बॉस द्वारा अत्यधिक काम का बोझ डाला जा रहा है, तो उसे कहा जा सकता है कि “इनका काम मेरी छाती पर सवार हो गया है।”

567. मुहावरा – सूप बोले तो बोले, चलनी भी बोले जिसमें 72 छेद
अर्थ: इस कहावत का गहरा अर्थ यह है कि अक्सर लोग दूसरों की कमियों को तो आसानी से देख लेते हैं, परंतु वे अपनी खुद की कमियों से अनजान रहते हैं। यह आत्म-विश्लेषण की कमी और दूसरों की आलोचना करने की प्रवृत्ति पर प्रकाश डालता है।
प्रयोग: इस कहावत का उपयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति दूसरों की गलतियों पर उंगली उठाता है, जबकि वह खुद भी समान या बड़ी गलतियाँ कर रहा हो।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यक्ति जो खुद अक्सर देर से ऑफिस पहुंचता है, अगर वह अपने सहकर्मी को एक बार देर से आने पर टोके, तो उसे कहा जा सकता है – “सूप बोले तो बोले, चलनी भी बोले जिसमें 72 छेद।”

568. मुहावरा – छप्पर फाड़ कर देना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी को बहुत अधिक मात्रा में कुछ देना या किसी पर अपार कृपा या उपहारों की बारिश करना। यह उस परिस्थिति का वर्णन करता है जहाँ कोई व्यक्ति या संस्था अपनी सामर्थ्य से अधिक देने की कोशिश करता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर दान, उपहार या अन्य प्रकार की सहायता के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: जब गाँव में अकाल पड़ा, तो राजा ने गरीबों पर ‘छप्पर फाड़ कर दिया’ और उन्हें खूब अन्न और धन दान किया।

569. मुहावरा – छाया सिर पर होना
अर्थ: “छाया सिर पर होना” का अर्थ है किसी का संरक्षण या सहारा मिलना। यह अक्सर उस स्थिति को व्यक्त करता है जब किसी को अपने ऊपर किसी बड़े या सम्मानित व्यक्ति का संरक्षण या मार्गदर्शन प्राप्त होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी को किसी शक्तिशाली, प्रभावशाली या समर्थ व्यक्ति का साथ या समर्थन प्राप्त होता है।
उदाहरण: किसी कंपनी में यदि एक नए कर्मचारी को कंपनी के अध्यक्ष का विशेष संरक्षण मिलता है, तो कहा जा सकता है कि “उसके सिर पर अध्यक्ष की छाया है।”

570. मुहावरा – छीछालेदर होना
अर्थ: “छीछालेदर होना” का अर्थ है किसी की बड़ी अपमानजनक हार या बेइज्जती होना। इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति सामाजिक या पेशेवर परिप्रेक्ष्य में बहुत बुरी तरह से अपमानित होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा किया जाता है या जब किसी की अत्यधिक निंदा की जाती है।
उदाहरण: “कॉलेज के डिबेट कॉम्पिटिशन में सुधीर की छीछालेदर हो गई जब उसने अपने तथ्य गलत प्रस्तुत किए।”

571. मुहावरा – छुपा रुस्तम
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है वह व्यक्ति जो अपनी वास्तविक क्षमता या योग्यता को छिपाए रखता है और सही समय पर उसे प्रकट करता है। यह उस व्यक्ति को दर्शाता है जो साधारण दिखता है, लेकिन असाधारण क्षमताएँ रखता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपनी अनदेखी प्रतिभा या योग्यता का प्रदर्शन करता है। उदाहरण के लिए, जब कोई छात्र अचानक उच्च अंक प्राप्त करता है या जब कोई कर्मचारी अप्रत्याशित रूप से एक महत्वपूर्ण परियोजना को सफलतापूर्वक पूरा करता है।
उदाहरण: सभी सोच रहे थे कि अमन एक साधारण खिलाड़ी है, लेकिन फाइनल मैच में उसने अपना छुपा रुस्तम होना साबित कर दिया।

572. मुहावरा – छींटाकशी करना
अर्थ: “छींटाकशी करना” का अर्थ है किसी पर हल्के फुल्के अंदाज में व्यंग्य करना या ताने मारना। इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर उस समय किया जाता है जब बातचीत में हास्य या व्यंग्य का तत्व हो।
प्रयोग: “छींटाकशी करना” मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति दूसरों के साथ मजाक में या व्यंग्यात्मक तरीके से बातचीत करता है।
उदाहरण: ऑफिस की मीटिंग में सुरेंद्र ने सभी का मनोरंजन करते हुए अपने सहकर्मियों पर छींटाकशी की।

573. मुहावरा – छोड़े तो मरे, न छोड़े तो मरे
अर्थ: “छोड़े तो मरे, न छोड़े तो मरे” का सीधा अर्थ है कि व्यक्ति किसी दुविधा में फंस जाता है जहां उसके पास ऐसे विकल्प नहीं होते जिनसे वह बच सके। यह एक ऐसी स्थिति का वर्णन करता है जहां हर संभव कदम नुकसानदायक होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने आप को ऐसी स्थिति में पाता है जहां उसके पास चुनने के लिए कोई सुखद विकल्प नहीं होता।
उदाहरण: राजनीति में उस स्थिति में वह फंस गया था जहां ‘छोड़े तो मरे, न छोड़े तो मरे’ जैसी स्थिति बन गई थी।

574. मुहावरा – जंगल में मंगल मनाना
अर्थ: “जंगल में मंगल मनाना” का अर्थ है किसी ऐसे स्थान पर खुशियाँ मनाना जो उस प्रकार की गतिविधियों के लिए अनुपयुक्त हो। इसका इस्तेमाल अक्सर तब किया जाता है जब कोई असामान्य या अनोखी जगह पर उत्सव मना रहा होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी की खुशी या उत्सव का माहौल उस स्थान या परिस्थिति के अनुकूल नहीं होता।
उदाहरण: ऑफिस के सख्त माहौल में अभय का जन्मदिन मनाना तो बिलकुल जंगल में मंगल मनाने जैसा था।

575. मुहावरा – जब जागो तभी सवेरा
अर्थ: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अपनी गलतियों का बोध होता है और वह उन्हें सुधारने के लिए कदम उठाता है। इसका उपयोग उत्साहित करने, प्रेरित करने और सकारात्मक परिवर्तन की ओर अग्रसर होने के संदर्भ में किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अपनी गलतियों का बोध होता है और वह उन्हें सुधारने के लिए कदम उठाता है। इसका उपयोग उत्साहित करने, प्रेरित करने और सकारात्मक परिवर्तन की ओर अग्रसर होने के संदर्भ में किया जाता है।
उदाहरण: मुनीश ने अपनी जिंदगी में बहुत देर से सही राह चुनी, लेकिन फिर भी जैसा कहते हैं, ‘जब जागो तभी सवेरा।’

576. मुहावरा – जब तक साँस, तब तक आस
अर्थ: “जब तक साँस, तब तक आस” का शाब्दिक अर्थ है कि जब तक जीवन है, तब तक उम्मीद है। यह मुहावरा यह संदेश देता है कि जीवन में चाहे कितनी भी कठिनाइयाँ आएं, उम्मीद का दामन नहीं छोड़ना चाहिए।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है, जब व्यक्ति को आशा और सकारात्मकता की जरूरत होती है। यह निराशा के क्षणों में आशा की किरण की तरह काम करता है।
उदाहरण: प्रेमचंद्र की बीमारी लंबे समय से चल रही थी, लेकिन उसका मानना था कि “जब तक साँस, तब तक आस” और इसीलिए वह हर दिन सकारात्मक रहता था।

577. मुहावरा – आफत की पुड़िया
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई व्यक्ति या चीज इतनी समस्याएँ पैदा कर रही होती हैं कि मानो वह आफत की पुड़िया हो। यह अक्सर उन स्थितियों या व्यक्तियों पर लागू होता है जो अनावश्यक या अतिरिक्त परेशानियाँ लाते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति या चीज के कारण लगातार समस्याएँ आ रही हों और उसे एक मुश्किल कारक के रूप में देखा जाता हो।
उदाहरण: अभय तो आफत की पुड़िया है, जहाँ जाता है वहाँ मुसीबत ले आता है।

578. मुहावरा – जमीन आसमान का फरक होना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि दो वस्तुओं, विचारों, या स्थितियों के बीच बहुत बड़ा अंतर होता है, जितना कि जमीन और आसमान के बीच होता है। इसका प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब दो चीजें या स्थितियाँ एक-दूसरे से पूरी तरह अलग हों।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तुलना करते समय या दो चीजों के बीच के भारी भरकम अंतर को प्रकट करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: प्रथम की पहली पारी और दूसरी पारी में जमीन आसमान का फरक था।

579. मुहावरा – जबान पर ताला पड़ना
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि किसी व्यक्ति की जबान पर मानो ताला लग गया हो, यानी वह कुछ भी बोलने में असमर्थ हो। यह व्यक्ति की बोलने की क्षमता पर अस्थायी रूप से रोक लगाने को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यंग्य या आलोचना के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। जब किसी व्यक्ति को कुछ कहने की जरूरत होती है, लेकिन वह डर या झिझक के कारण चुप रहता है, तब इस मुहावरे का प्रयोग करके उसकी इस स्थिति का वर्णन किया जाता है।
उदाहरण: जब विशाल से उसके काम के बारे में पूछा गया, तो उसकी जबान पर ताला पड़ गया।

580. मुहावरा – जबान को लगाम देना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि अपनी जबान पर लगाम लगाना यानी अपनी बातों को नियंत्रित करना। यह उस व्यक्ति के आत्म-नियंत्रण को दर्शाता है जो अपनी बातों को सोच-समझकर और संयम से बोलता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब किसी को अपनी बातों को संभालकर बोलने की सलाह दी जाती है। यह संवाद में संयम और सावधानी बरतने की महत्वपूर्णता को दर्शाता है।
उदाहरण: राजनीति में भाग लेने वाले हर व्यक्ति को अपनी जबान को लगाम देनी चाहिए।

581. मुहावरा – कैंची की तरह जबान चलाना
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि किसी व्यक्ति की जबान बहुत तेजी से और लगातार चलती है, ठीक उसी तरह जैसे कैंची काटते समय चलती है। यह आमतौर पर उन लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है जो बिना विचार किए या बहुत तेजी से बोलते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यंग्य या आलोचना के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। जब किसी व्यक्ति की बातचीत का ढंग अनुचित या हानिकारक माना जाता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग करके उसकी आदतों पर टिप्पणी की जा सकती है।
उदाहरण: लक्ष्मी हमेशा कैंची की तरह जबान चलाती है, इसलिए उसके दोस्त उससे बचकर रहते हैं।

582. मुहावरा – आपित्तकाले मर्यादानास्ति
अर्थ: इस कहावत का मूल भाव यह है कि जब कोई व्यक्ति या समाज किसी गंभीर संकट या आपदा का सामना कर रहा होता है, तब नियमों और परंपरागत मर्यादाओं का कड़ाई से पालन करना संभव नहीं होता। ऐसे कठिन समय में, प्राथमिकता संकट से निपटने की होती है, न कि नियमों के अक्षरशः पालन की।
प्रयोग: इस कहावत का प्रयोग अक्सर ऐसी स्थितियों में किया जाता है जहां विषम परिस्थितियाँ हों और त्वरित निर्णय लेने की आवश्यकता हो। यह हमें यह सिखाती है कि कभी-कभी परिस्थितियां हमें नियमों से इतर चलने के लिए प्रेरित करती हैं।
उदाहरण: मान लीजिए, एक डॉक्टर को आपातकालीन स्थिति में बिना पूर्ण प्रक्रिया का पालन किए एक जीवन-रक्षक ऑपरेशन करना पड़ता है। इस स्थिति में, डॉक्टर “आपित्तकाले मर्यादानास्ति” के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए, मरीज की जान बचाने के लिए तत्पर होता है, भले ही इसके लिए कुछ नियमों को अनदेखा करना पड़े।

583. मुहावरा – कचूमर निकालना
अर्थ: “कचूमर निकालना” का शाब्दिक अर्थ है किसी चीज़ को इतना कुचल देना कि वह बिल्कुल नष्ट हो जाए। मुहावरे का प्रयोग किसी को बुरी तरह हराने या उसे पराजित करने के संदर्भ में किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में इस्तेमाल होता है जहाँ किसी को बुरी तरह हराया जाता है या जब किसी को बहुत बड़ी हार का सामना करना पड़ता है। यह खेलकूद, व्यापार, या अन्य प्रतिस्पर्धाओं में प्रयोग होता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक क्रिकेट मैच में एक टीम ने दूसरी टीम को बहुत बड़े अंतर से हरा दिया। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि जीतने वाली टीम ने हारने वाली टीम का “कचूमर निकाल दिया”।

584. मुहावरा – औंधे मुँह गिरना
अर्थ: “औंधे मुँह गिरना” का शाब्दिक अर्थ है – बिना किसी सहायता के पूरी तरह से गिर जाना। मुहावरे का प्रयोग किसी की पूर्ण असफलता या संघर्ष में हार को दर्शाने के लिए किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई बड़ी असफलता या हार का अनुभव करता है, खासकर जब यह अप्रत्याशित हो। यह अक्सर व्यापार, खेल, या निजी जीवन में होने वाली असफलताओं पर प्रयोग होता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक बिजनेसमैन ने बहुत बड़ा निवेश किया लेकिन अंत में उसका व्यापार बुरी तरह विफल हो गया। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि वह “औंधे मुँह गिरा”।

585. मुहावरा – दो कौड़ी की इज्जत
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि किसी की इज्जत इतनी कम है कि वह दो कौड़ी के बराबर भी नहीं है। यह अपमान या अवहेलना की भावना को व्यक्त करता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में इस्तेमाल होता है जहां किसी व्यक्ति का महत्व या सम्मान बहुत कम होता है। यह व्यक्ति की सामाजिक स्थिति या प्रतिष्ठा पर टिप्पणी करने के लिए प्रयोग होता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक नेता जो कई बार अपने वादे तोड़ चुका है, उसके बारे में लोग कहते हैं कि उसकी तो “दो कौड़ी की इज्जत” भी नहीं है। यहां, यह मुहावरा नेता की गिरती हुई साख को दर्शाता है।

586. मुहावरा – इज्जत पर हाथ डालना
अर्थ: “इज्जत पर हाथ डालना” का अर्थ है किसी की निजी या सामाजिक प्रतिष्ठा पर आंच आने की क्रिया या उसे चोट पहुँचाना। यह किसी व्यक्ति के सम्मान या गरिमा को नुकसान पहुँचाने के रूप में देखा जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति की इज्जत या प्रतिष्ठा पर किसी तरह का आक्रमण होता है। यह आमतौर पर नकारात्मक संदर्भ में इस्तेमाल होता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक कर्मचारी ने अपने बॉस के बारे में झूठी अफवाह फैला दी, जिससे बॉस की इज्जत पर हाथ डाला गया। इससे बॉस का समाज में सम्मान कम हो गया।

587. मुहावरा – आवश्यकता आविष्कार की जननी है
अर्थ: इस कहावत का सार यह है कि जब व्यक्ति को किसी चुनौती या समस्या का सामना करना पड़ता है, तो उसकी रचनात्मक सोच जागृत होती है और वह नए उपाय या समाधान ढूंढ निकालता है।
प्रयोग: यह कहावत अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग की जाती है जहां नवाचार और आविष्कार की जरूरत होती है। यह हमें प्रेरित करती है कि जब हम किसी समस्या का सामना करते हैं, तो हमें उसका समाधान खोजने के लिए अपनी सोच में नवाचार लाना चाहिए।
उदाहरण: मान लीजिए, एक गाँव में पानी की कमी की समस्या थी। गाँव के लोगों ने मिलकर एक अनोखा वर्षा जल संचयन सिस्टम विकसित किया, जिससे उनकी पानी की समस्या हल हुई। यहाँ, उनकी आवश्यकता ने उन्हें एक नवीन उपाय खोजने के लिए प्रेरित किया।

588. मुहावरा – खून का घूँट पीना
अर्थ: “खून का घूँट पीना” का अर्थ है बहुत अधिक पीड़ा या कष्ट का अनुभव करना, विशेषकर तब जब किसी के पास अपनी व्यथा व्यक्त करने का कोई माध्यम न हो।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां व्यक्ति को बिना किसी विकल्प के अपने दुख और पीड़ा को अंदर ही अंदर सहना पड़ता है।
उदाहरण: जब उसने अपनी नौकरी खो दी और परिवार को चलाने के लिए कोई रास्ता नहीं था, उसने खून का घूँट पी लिया।

589. मुहावरा – बीरबल की खिचड़ी
अर्थ: “बीरबल की खिचड़ी” मुहावरे का अर्थ होता है किसी काम को बहुत धीमी गति से या अनुचित रूप से करना, जिससे उस काम का समय पर पूरा होना संभव न हो।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है, जहाँ काम को इतनी धीमी गति से किया जा रहा हो कि उसके पूरे होने की संभावना न के बराबर हो।
उदाहरण: वह परियोजना पर काम कर रहा है जैसे बीरबल की खिचड़ी पक रही हो।

590. मुहावरा – खटिया खड़ी करना
अर्थ: “खटिया खड़ी करना” मुहावरे का अर्थ है किसी काम में बाधा डालना या किसी योजना को असफल बनाना। इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर किसी कार्य को बिगाड़ दे या उसमें रुकावट पैदा करे।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेष रूप से तब प्रयोग किया जाता है जब किसी को यह बताना हो कि उनके या उनके समूह के काम में किसी ने बाधा डाली है या उसे असफल बनाने की कोशिश की है।
उदाहरण: हमारी टीम तो अच्छा काम कर रही थी, लेकिन अनुज ने बीच में आकर खटिया खड़ी कर दी।

591. मुहावरा – कोढ़ में खाज होना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – एक समस्या में दूसरी समस्या का जुड़ जाना। यह उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहां पहले से ही किसी बड़ी समस्या का सामना कर रहे व्यक्ति के जीवन में एक और समस्या आ जुड़ती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति या स्थिति की दुर्भाग्यपूर्ण परिस्थितियाँ और भी बदतर हो जाती हैं। यह एक नकारात्मक अर्थ लिए हुए होता है।
उदाहरण: अभय की नौकरी चली गई थी और ऊपर से उसके घर में चोरी हो गई, सच में कोढ़ में खाज हो गई।

592. मुहावरा – खून पसीने की कमाई
अर्थ: “खून पसीने की कमाई” का अर्थ है बहुत मेहनत और परिश्रम से अर्जित की गई संपत्ति या धन। यह मुहावरा उस कमाई को दर्शाता है जो व्यक्ति ने अपने शारीरिक और मानसिक परिश्रम से प्राप्त की होती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति ने अपने कड़ी मेहनत और समर्पण से कुछ हासिल किया हो।
उदाहरण: सुधीर ने अपनी खून पसीने की कमाई से अपना घर बनाया।

593. मुहावरा – घूंघट वाली देख के भूल न जाना वीर
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई व्यक्ति बाहरी शोभा या आकर्षण में इतना खो जाए कि वह अपने मुख्य उद्देश्य या जिम्मेदारियों को भूल बैठे। यह मुहावरा आत्म-नियंत्रण और लक्ष्यों पर ध्यान केंद्रित रखने की महत्वपूर्णता पर जोर देता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी को सावधानीपूर्वक अपने लक्ष्यों की ओर ध्यान देने की याद दिलानी होती है, खासकर तब जब वे बाहरी आकर्षणों में उलझ रहे हों।
उदाहरण: राजा ने अपने सेनापति को समझाया कि युद्ध में विजय प्राप्त करने हेतु ‘घूंघट वाली देख के भूल न जाना वीर।’

594. मुहावरा – घात लगाना
अर्थ: “घात लगाना” का शाब्दिक अर्थ होता है किसी के लिए छिपकर या गुप्त रूप से बुराई या हानि पहुँचाने की तैयारी करना। यह मुहावरा किसी के धोखे या प्रतिकूल इरादों को व्यक्त करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति या समूह के छिपे हुए या कपटी इरादे होते हैं। यह अक्सर राजनीति, सामाजिक और निजी संबंधों में देखा जा सकता है।
उदाहरण: राजनीतिक दलों ने एक दूसरे के खिलाफ घात लगाकर चुनावी रणनीति बनाई।

595. मुहावरा – घर से बेघर करना
अर्थ: “घर से बेघर करना” का अर्थ होता है किसी व्यक्ति को उसके स्थायी या सुरक्षित स्थान से हटा देना। यह अक्सर किसी के अपने घर, पद, या सुरक्षित स्थिति से वंचित करने के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ किसी को उसके स्थान या पद से हटा दिया जाता है। यह सामाजिक, पेशेवर, या व्यक्तिगत परिस्थितियों में लागू हो सकता है।
उदाहरण: कंपनी की नई नीति के कारण वह व्यक्ति अपनी नौकरी से घर से बेघर हो गया।

596. मुहावरा – गले मे माला, दिल में काला
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जो व्यक्ति बाहर से तो पवित्रता और धार्मिकता का प्रतीक माला पहने होता है, लेकिन उसका दिल और मन नकारात्मक विचारों से भरा होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की आडंबरी और पाखंडी प्रवृत्ति को दर्शाना हो। यह मुहावरा विशेष रूप से उन लोगों पर लागू होता है जो धार्मिक या नैतिक रूप से उच्च होने का दावा करते हैं, लेकिन वास्तव में वे ऐसे नहीं होते।
उदाहरण: मान लीजिए एक व्यक्ति धार्मिक स्थलों पर जाता है, व्रत रखता है, और धार्मिक भाषण देता है, लेकिन वही व्यक्ति अपने निजी जीवन में अन्याय और बुराई को बढ़ावा देता है। इस स्थिति में यह मुहावरा सटीक बैठता है।

597. मुहावरा – जैसा पैसा गाँठ का तैसा मीत न कोय
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जिस तरह से पैसे की महत्वता होती है, उसी तरह से सच्चा मित्र या साथी दुर्लभ होता है। यहाँ ‘गाँठ का पैसा’ से अभिप्राय वह धन है जो व्यक्ति आपातकालीन स्थिति में प्रयोग करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम यह दर्शाना चाहते हैं कि जिस प्रकार आपातकालीन स्थिति में धन की महत्वता होती है, उसी प्रकार सच्चे और विश्वसनीय मित्र का महत्व भी होता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यक्ति जो धनी है, उसके आसपास हमेशा लोग रहते हैं। लेकिन जब वह व्यक्ति आर्थिक संकट में फंस जाता है, तब उसके आसपास के लोग उससे दूर हो जाते हैं। यह स्थिति इस मुहावरे का सटीक उदाहरण है।

598. मुहावरा – अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
अर्थ: ‘अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है’ का अर्थ है कि अपने परिचित परिवेश में या अपने खुद के क्षेत्र में, व्यक्ति अधिक आत्मविश्वासी और शक्तिशाली महसूस करता है, भले ही वह अन्य स्थानों पर उतना प्रभावशाली न हो।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में इस्तेमाल किया जाता है जहाँ व्यक्ति अपने आरामदायक क्षेत्र में अधिक सशक्त या निर्णायक होता है।
उदाहरण: विनीत ऑफिस में तो बहुत शांत और संकोची है, लेकिन अपने घर में वह पूरी तरह से अलग होता है। वाकई, अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है।

599. मुहावरा – गया वक्त फिर हाथ नहीं आता
अर्थ: ‘गया वक्त फिर हाथ नहीं आता’ का अर्थ है कि बीता हुआ समय कभी वापस नहीं आता, इसलिए हमें हर पल का सही तरीके से उपयोग करना चाहिए।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में इस्तेमाल होता है जहाँ हमें यह समझाने की जरूरत होती है कि समय की कीमत को समझना और इसका सदुपयोग करना कितना जरूरी है।
उदाहरण: अमन ने अपने कॉलेज के दिनों में पढ़ाई पर ध्यान नहीं दिया और अब उसे एहसास हो रहा है कि ‘गया वक्त फिर हाथ नहीं आता’।

600. मुहावरा – गंधर्व विवाह करना करना
अर्थ: ‘गंधर्व विवाह करना’ का अर्थ है एक ऐसा विवाह जो पारंपरिक रीति-रिवाजों और सामाजिक मान्यताओं से परे होता है। इस प्रकार का विवाह मुख्यतः प्रेम और समर्पण पर आधारित होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उन विवाहों के संदर्भ में इस्तेमाल होता है जहाँ दो लोग बिना किसी बाहरी दबाव या रीति-रिवाजों के अनुसार विवाह करते हैं। यह व्यक्तिगत स्वतंत्रता और प्रेम की महत्ता को भी दर्शाता है।
उदाहरण: विकास और अनीता ने अपने परिवारों के विरुद्ध जाकर गंधर्व विवाह करना किया।

601. मुहावरा – टॉँय-टॉँय फिस्स होना
अर्थ: इसका शाब्दिक अर्थ है कि कुछ बड़ा और महत्वपूर्ण होने की उम्मीद थी, लेकिन अंततः वह छोटा या तुच्छ साबित हुआ। यह अक्सर उन प्रयासों या घटनाओं के संदर्भ में प्रयोग होता है जिनमें बड़ी सफलता की आशा की जाती है, लेकिन वे असफल या निष्फल साबित होते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग व्यंग्यात्मक रूप से या किसी की असफलता को दर्शाने के लिए किया जाता है। उदाहरण के तौर पर, यदि किसी ने बड़े उत्साह के साथ कोई कार्यक्रम या योजना शुरू की हो और वह असफल हो जाए, तो कहा जा सकता है कि “उनकी सारी तैयारियां टॉँय-टॉँय फिस्स हो गईं।”
उदाहरण: मुनीश ने अपने नए व्यापार के लिए बड़ी उम्मीदें लगाई थीं, लेकिन अंत में सब कुछ टॉँय-टॉँय फिस्स हो गया।

602. मुहावरा – टॉँग पसारकर सोना
अर्थ: “टाँग पसारकर सोना” का शाब्दिक अर्थ है, बिना किसी चिंता या सीमा के पूरी तरह से आराम करना। यह व्यक्ति की उस स्थिति को दर्शाता है जब वह बिना किसी दबाव या तनाव के खुलकर और आराम से जीवन जी रहा हो।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति बिना किसी चिंता या जिम्मेदारी की परवाह किए आराम कर रहा हो।
उदाहरण: रिटायरमेंट के बाद शर्मा जी टाँग पसारकर सो रहे हैं, उन्हें किसी काम की चिंता नहीं।

603. मुहावरा – टुकड़ों पर पलना
अर्थ: “टुकड़ों पर पलना” का अर्थ है किसी व्यक्ति का अपने जीवन के लिए दूसरों की दया या सहायता पर निर्भर रहना। यह अक्सर उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ कोई व्यक्ति आत्मनिर्भरता की कमी के कारण दूसरों के अवशेषों या बचे-खुचे संसाधनों पर जीवन यापन करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर उन लोगों के संदर्भ में होता है जो आर्थिक रूप से दूसरों पर निर्भर हैं या जिनकी जीविका दूसरों की दया पर टिकी हुई है।
उदाहरण: रामू के पिता का देहांत हो जाने के बाद, उसका परिवार रिश्तेदारों के टुकड़ों पर पलने लगा।

604. मुहावरा – लहू का घूँट पीना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी व्यक्ति का अपने ही खून का घूँट पीना, जो निश्चित रूप से बेहद पीड़ादायक होता है। लाक्षणिक रूप में, यह दर्शाता है कि कोई व्यक्ति किसी बहुत ही कठिन या दर्दनाक स्थिति को सहन कर रहा है, विशेषकर जब उसे अपनी भावनाओं या विचारों को छिपाना पड़ता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब होता है जब किसी व्यक्ति को अपमान, दुख या अन्याय सहन करना पड़ता है, लेकिन वह इसका प्रतिकार नहीं कर पाता है। यह उस अवस्था को भी दर्शाता है जब किसी को अपनी भावनाओं को दबाना पड़ता है, चाहे वह कितनी भी कठिन क्यों न हो।
उदाहरण: जब विकास को अपने ही दोस्त द्वारा धोखा दिया गया, उसे लहू का घूँट पीना पड़ा।

605. मुहावरा – तकदीर का लिखा मिटता नहीं
अर्थ: “तकदीर का लिखा मिटता नहीं” का अर्थ है कि जो कुछ भी भाग्य में लिखा है, वह बदला नहीं जा सकता। यह मुहावरा भाग्य की अवश्यम्भाविता और निश्चितता पर बल देता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन स्थितियों में किया जाता है जहां परिस्थितियां या परिणाम पूर्वनिर्धारित माने जाते हैं और उन्हें बदला नहीं जा सकता। यह अक्सर उन घटनाओं के संदर्भ में इस्तेमाल होता है जिन्हें भाग्य द्वारा नियंत्रित माना जाता है।
उदाहरण: मुनीश ने बहुत प्रयास किया परन्तु अंततः उसे समझ में आया कि ‘तकदीर का लिखा मिटता नहीं।’

606. मुहावरा – तकदीर का खेल
अर्थ: “तकदीर का खेल” का अर्थ है कि जीवन में जो कुछ भी होता है, वह किस्मत या भाग्य के चलते होता है। यह उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहाँ परिणाम पूरी तरह से अप्रत्याशित होते हैं और इंसान के हाथ में कुछ नहीं होता।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब कोई घटना या परिणाम बिलकुल भी अपेक्षित न हो और उसे किस्मत का खेल माना जाए। इसे अक्सर उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां नियंत्रण से परे चीजें होती हैं।
उदाहरण: सुभाष की लॉटरी लगना तकदीर का खेल था, किसने सोचा था वह रातों-रात अमीर बन जाएगा।

607. मुहावरा – ढोल की पोल खोलना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – ढोल की पोल (ढोल का खालीपन) सबके सामने लाना। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जहां किसी की असलियत या झूठ सबके सामने आ जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल तब होता है जब किसी व्यक्ति की नकली या धोखेबाज़ छवि का पर्दाफाश होता है। यह उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ किसी के झूठ या बनावटी व्यवहार का सच सबके सामने आ जाता है।
उदाहरण: जब सभी प्रमाण सामने आ गए तो राजन ने अपने मित्र की ‘ढोल की पोल खोल दी।’

608. मुहावरा – ढर्रे पर चलना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – एक निश्चित और स्थापित पथ पर चलना। यह अक्सर संकीर्ण सोच और परंपरा के प्रति अत्यधिक आग्रह को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को पुरानी पद्धतियों या विचारों से चिपके रहने की बात कहनी हो। उदाहरण के लिए, जब कोई संस्था नई तकनीकी या विचारधारा को अपनाने से इनकार करती है तो कहा जा सकता है कि वह “ढर्रे पर चल रही है।”
उदाहरण: हमारी कंपनी हमेशा नए विचारों का स्वागत करती है और कभी भी ‘ढर्रे पर नहीं चलती।’

609. मुहावरा – ढपोरशंख होना
अर्थ: “ढपोरशंख होना” का अर्थ है बाहर से बड़ा और प्रभावशाली दिखाई देना, परंतु असल में खोखला या निरर्थक होना। यह मुहावरा उन लोगों या चीजों पर लागू होता है जो दिखने में तो बड़े और महत्वपूर्ण लगते हैं, पर वास्तव में उनमें कोई सार नहीं होता।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति या चीज की असली गुणवत्ता या महत्व का मूल्यांकन करना होता है और यह दर्शाना होता है कि वह वास्तव में उतना प्रभावशाली नहीं है जितना वह दिखाई देता है।
उदाहरण: उस कंपनी के उत्पाद बाहर से तो बहुत आकर्षक लगते हैं, पर वास्तव में वे ढपोरशंख होते हैं।

610. मुहावरा – डांवा-डोल होना
अर्थ: “डांवा-डोल होना” का अर्थ है किसी चीज का अस्थिर या अनिश्चित होना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब किसी चीज की स्थायित्व या निश्चितता पर संदेह हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी योजना, विचार, या स्थिति की पक्काई या स्थायित्व पर प्रश्न उठाना हो। यह अनिश्चितता और संशय की भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: राजनीतिक दल की नई नीति अभी डांवा-डोल हो रही है, इसकी सफलता पर अभी भी संदेह है।

611. मुहावरा – डाइन भी सात घर छोड़ देती है
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि यहां तक कि बुराई करने वाले भी कुछ मर्यादाओं का पालन करते हैं। यह उस स्थिति को दर्शाता है जहां एक व्यक्ति या संगठन अपनी नकारात्मक क्रियाओं में भी कुछ सीमाएँ निर्धारित करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी के आचरण या नीतियों में कुछ सकारात्मक पहलू देखने को मिलते हैं, या जब यह दिखाना होता है कि बुराई करने वाले भी कुछ हद तक सीमित होते हैं।
उदाहरण: भले ही वह व्यापारी मुनाफाखोरी करता है, लेकिन डाइन भी सात घर छोड़ देती है, वह अपने कर्मचारियों का हमेशा ख्याल रखता है।

612. मुहावरा – ठोकर खाकर सीखना
अर्थ: “ठोकर खाकर सीखना” का शाब्दिक अर्थ है असफलताओं या गलतियों के कारण कठिनाइयों का सामना करना और उनसे सीखना। यह मुहावरा जीवन में संघर्ष करने और उन संघर्षों से सीख कर आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यक्तिगत विकास और आत्म-सुधार के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है। यह उन परिस्थितियों में उपयोगी होता है जहां व्यक्ति अपनी गलतियों से सीखता है और उन्हें अपनी सफलता के पथ पर एक कदम के रूप में देखता है।
उदाहरण: सुरेंद्र ने अपने व्यवसाय में अनेक बार ठोकर खाई, लेकिन हर बार वह इनसे कुछ न कुछ सीखता रहा।

613. मुहावरा – ठोक बजाकर देखना
अर्थ: “ठोक बजाकर देखना” का शाब्दिक अर्थ है किसी चीज़ को ठोक कर या पीट कर उसकी गुणवत्ता या स्थिरता की जाँच करना। लाक्षणिक रूप से, इसका अर्थ है किसी भी परिस्थिति या व्यक्ति की अच्छी तरह से जाँच कर लेना उसके बारे में कोई निर्णय या राय बनाने से पहले।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी चीज़, विचार, या प्रस्ताव की गहराई से छानबीन कर रहा होता है। इसका उद्देश्य होता है सही निर्णय लेने में मदद करना।
उदाहरण: विकास ने नई कार खरीदने से पहले हर मॉडल की ठोक बजाकर देख ली।

614. मुहावरा – ताक पर रख देना
अर्थ: “ताक पर रख देना” का शाब्दिक अर्थ है किसी चीज़ को ऊंची जगह पर रख देना। लेकिन मुहावरे के रूप में इसका उपयोग किसी चीज़, विचार, या योजना को नजरअंदाज करने या उसे महत्व न देने के संदर्भ में किया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को कोई बात या मामला अहमियत न देने की बात करनी हो। यह अक्सर उन परिस्थितियों में इस्तेमाल होता है जब किसी व्यक्ति ने किसी चीज़ को उपेक्षित कर दिया हो या जानबूझकर उसे महत्व न दिया हो।
उदाहरण: जब लक्ष्मी ने अपनी मां की सलाह को ताक पर रख दिया, तो उसे बाद में पछताना पड़ा।

615. मुहावरा – तलवे धो-धोकर पीना
अर्थ: “तलवे धो-धोकर पीना” मुहावरे का अर्थ है किसी की बहुत ज्यादा चापलूसी करना या उसके प्रति अत्यधिक समर्पित होना। यह आमतौर पर नकारात्मक अर्थ में प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उस समय प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने स्वार्थ या लाभ के लिए किसी दूसरे व्यक्ति की अत्यधिक खुशामद करता है।
उदाहरण: राजनेताओं के आस-पास के लोग अक्सर उनके तलवे धो-धोकर पीते हैं।

616. मुहावरा – तबेले की बला बंदर के सिर
अर्थ: “तबेले की बला बंदर के सिर” का अर्थ है किसी और की गलती या समस्या का दोष किसी बेगुनाह व्यक्ति पर लगा देना। इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब गलती करने वाले की बजाय किसी और को सजा दी जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर उन परिस्थितियों में होता है जब अन्याय या गलत दोषारोपण की बात हो। यह हमें सिखाता है कि किसी भी समस्या के लिए बिना सोचे-समझे दोषारोपण नहीं करना चाहिए।
उदाहरण: कार्यालय में हुई गलती का दोष निर्दोष कर्मचारी पर लगा दिया गया, यह तो तबेले की बला बंदर के सिर जैसा है।

617. मुहावरा – तन-मन से सेवा करना
अर्थ: “तन-मन से सेवा करना” का अर्थ है पूरे हृदय और शरीर से किसी की सेवा करना। यह मुहावरा उस समर्पण को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति अपने पूरे हृदय और शक्ति के साथ किसी कार्य को अंजाम देता है, खासकर जब वह सेवा किसी और के हित में हो।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति की सेवा भावना की प्रशंसा की जा रही हो। यह दर्शाता है कि सेवा केवल शारीरिक कार्य नहीं है, बल्कि एक मानसिक और भावनात्मक प्रतिबद्धता भी है।
उदाहरण: मीना ने अपने बूढ़े माता-पिता की तन-मन से सेवा की, उनके हर जरूरत का ध्यान रखा।

618. मुहावरा – तन-बदन में आग लगना
अर्थ: “तन-बदन में आग लगना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ होता है किसी के पूरे शरीर में आग लग जाना। परंतु, लाक्षणिक अर्थ में इसका प्रयोग अत्यधिक क्रोध, उत्तेजना, या जोश को व्यक्त करने के लिए होता है। यह एक प्रकार की भावनात्मक प्रतिक्रिया को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी बात पर अत्यधिक रूप से क्रोधित हो जाए या किसी चीज के प्रति उसकी भावनाएं अत्यंत तीव्र हों।
उदाहरण: जब अमन को पता चला कि उसके दोस्त ने उसके पीठ पीछे उसकी बुराई की है, तो उसके तन-बदन में आग लग गई।

619. मुहावरा – तकदीर फूट जाना
अर्थ: “तकदीर फूट जाना” का अर्थ है कि किसी व्यक्ति की किस्मत या भाग्य पूरी तरह से विपरीत हो गया हो। यह एक ऐसी स्थिति को दर्शाता है जहां व्यक्ति को लगातार असफलताएं और निराशाएं ही मिलती हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल तब होता है जब कोई व्यक्ति बहुत बड़ी मुसीबत में पड़ जाता है या जब उसके साथ लगातार बुरा होता रहता है। यह उस समय का वर्णन करता है जब भाग्य बिल्कुल भी साथ नहीं देता।
उदाहरण: अनुभव की नौकरी चली गई, फिर उसका घर भी बिक गया, लगता है उसकी तकदीर फूट गई है।

620. मुहावरा – तीर कमान से निकल जाना
अर्थ: “तीर कमान से निकल जाना” का शाब्दिक अर्थ है कि जब एक बार तीर कमान से निकल जाता है, तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता। यह उन कार्यों के लिए प्रयोग किया जाता है जो एक बार हो जाने के बाद अपरिवर्तनीय होते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई क्रिया या निर्णय ले लिया जाता है, जिसे बाद में बदला नहीं जा सकता। यह अक्सर उन परिस्थितियों में इस्तेमाल होता है जहां परिणामों को लेकर एक स्थायीता होती है।
उदाहरण: एक व्यक्ति जो गुस्से में कुछ कह देता है और बाद में पछताता है, वह “तीर कमान से निकल जाना” का उदाहरण है।

621. मुहावरा – तीन में न तेरह में
अर्थ: “तीन में न तेरह में” का अर्थ है कि कोई व्यक्ति या चीज दो विशिष्ट स्थितियों या श्रेणियों में से किसी में भी पूर्ण रूप से नहीं आता। यह उन परिस्थितियों को इंगित करता है जहां एक स्पष्ट वर्गीकरण या पहचान की कमी होती है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी को यह स्पष्ट न हो कि एक व्यक्ति या चीज किस श्रेणी में आती है या जब कोई व्यक्ति या चीज दो विरोधी स्थितियों या विचारों के बीच झूल रहा हो।
उदाहरण: एक व्यक्ति जो न तो पूरी तरह से पारंपरिक है और न ही पूरी तरह से आधुनिक; वह “तीन में न तेरह में” की स्थिति में है।

622. मुहावरा – तीन का टट्टू तेरह का जीन
अर्थ: “तीन का टट्टू तेरह का जीन” मुहावरे का अर्थ है कि जब किसी छोटी या कम महत्वपूर्ण चीज पर अनावश्यक रूप से अधिक धन या संसाधन खर्च किए जाते हैं। यह अनुचित खर्च या असंतुलित निवेश को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां किसी व्यक्ति या संस्था ने किसी ऐसी चीज पर अत्यधिक खर्च किया हो जिसकी वास्तविक उपयोगिता या महत्व कम हो।
उदाहरण: जब किसी कंपनी ने अपने कार्यालय की सजावट पर अत्यधिक खर्च किया, लेकिन उसके उत्पाद की गुणवत्ता में सुधार नहीं किया।

623. मुहावरा – तुरंत दान महाकल्याण
अर्थ: “तुरंत दान महाकल्याण” का शाब्दिक अर्थ है कि तुरंत किया गया दान सबसे बड़ा कल्याणकारी कार्य होता है। यह मुहावरा यह संकेत देता है कि जब भी किसी को मदद की आवश्यकता हो, तो बिना देर किए मदद करना चाहिए।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में होता है जब तत्काल मदद की बात की जाए। यह विशेष रूप से दान और सहायता के संदर्भ में लागू होता है।
उदाहरण: जब गाँव में बाढ़ आई, तो अखिल ने तुरंत खाने के पैकेट और कपड़े दान किए, उसने “तुरंत दान महाकल्याण” की भावना का पालन किया।

624. मुहावरा – तारीफ के पुल बाँधना
अर्थ: “तारीफ के पुल बाँधना” का अर्थ है किसी की अत्यधिक प्रशंसा करना या किसी की बहुत तारीफ करना। इस मुहावरे का उपयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति की खूबियों का बखान करता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी की प्रशंसा में कुछ अतिरिक्त बोला जाए। इसका उपयोग सकारात्मक संदर्भ में हो सकता है, जब हम किसी की वास्तविक उपलब्धियों की प्रशंसा कर रहे होते हैं, या व्यंग्यात्मक रूप से भी, जब हम अतिशयोक्ति के साथ किसी की तारीफ कर रहे होते हैं।
उदाहरण: जब अमन ने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया, तो उसके शिक्षक ने उसकी तारीफ के पुल बाँध दिए।

625. मुहावरा – तैराक ही डूबता है
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि एक अच्छा तैराक भी पानी में डूब सकता है। इसका व्यापक अर्थ यह है कि कोई भी व्यक्ति, चाहे वह कितना भी अनुभवी या कुशल क्यों न हो, गलतियाँ कर सकता है और विफल हो सकता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी विशेषज्ञ या कुशल व्यक्ति से अपेक्षित नतीजे नहीं मिलते। इसे उस समय भी प्रयोग किया जा सकता है जब किसी की अत्यधिक कुशलता उसके अहंकार का कारण बन रही हो।
उदाहरण: एक उदाहरण के तौर पर, यदि एक अनुभवी डॉक्टर किसी आसान से ऑपरेशन में गलती कर देता है, तो कहा जा सकता है कि “तैराक ही डूबता है।”

626. मुहावरा – दंड कमंडल ग्रहण करना
अर्थ: “दंड कमंडल ग्रहण करना” का अर्थ है संन्यासी जीवन को अपनाना या आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का निर्णय करना। यहाँ ‘दंड’ संन्यासी के हाथ में रहने वाली लकड़ी और ‘कमंडल’ पानी रखने का पात्र है, जो संन्यासी के जीवन के प्रतीक हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति भौतिक जीवन से मोह भंग कर, आध्यात्मिक उन्नति की खोज में निकल पड़ता है।
उदाहरण: साधु-संतों के जीवन में: महाराज जी ने जब युवावस्था में ही दंड कमंडल ग्रहण किया, तब से उन्होंने सांसारिक बंधनों को त्याग दिया।

627. मुहावरा – दम उखड़ना
अर्थ: “दम उखड़ना” का शाब्दिक अर्थ है श्वास का कठिनाई से चलना या थकान की चरम सीमा। लेकिन, अलंकारिक रूप से इसका इस्तेमाल अत्यधिक थकावट, चिंता या दबाव को व्यक्त करने के लिए होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति शारीरिक या मानसिक रूप से इतना थक जाता है कि उसे लगता है कि वह अब और नहीं सह सकता।
उदाहरण: काम के दौरान: “पूरे दिन काम करने के बाद अभय का दम उखड़ गया था, वह बेहद थकान महसूस कर रहा था।”

628. मुहावरा – थोड़ी भी छूट बेजा फायदा
अर्थ: “थोड़ी भी छूट बेजा फायदा” का अर्थ होता है कि जब थोड़ी सी भी छूट दी जाती है, तो कुछ लोग इसका गलत फायदा उठाने लगते हैं। यह व्यक्तियों में अनुशासन की कमी और स्वार्थी प्रवृत्ति को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी को दी गई छोटी सी आज़ादी या छूट का वे गलत तरीके से उपयोग करते हैं।
उदाहरण: जब से शिक्षकों ने बच्चों को होमवर्क में थोड़ी छूट दी, तब से वे पढ़ाई कम और खेलने में ज्यादा समय बिता रहे हैं। यह ‘थोड़ी भी छूट बेजा फायदा’ का परफेक्ट उदाहरण है।

629. मुहावरा – तोते की तरह रटना
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है कि किसी बात को बिना समझे याद कर लेना और फिर उसे यथावत दोहराना। यह अक्सर उन स्थितियों में प्रयोग होता है जहाँ व्यक्ति की समझदारी का आभाव होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी को यह दर्शाना होता है कि व्यक्ति ने किसी विषय को गहराई से नहीं समझा है और केवल उसके शब्दों को याद कर लिया है।
उदाहरण: उदाहरण के तौर पर, यदि कोई विद्यार्थी पाठ को समझे बिना रट लेता है और परीक्षा में वैसे ही उत्तर लिखता है, तो कहा जा सकता है कि उसने “तोते की तरह रटना” किया है।

630. मुहावरा – तैश में आना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी बात पर बहुत ज्यादा क्रोधित या उत्तेजित होना। यह अक्सर उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ व्यक्ति गुस्से के आवेग में आकर अपनी समझदारी खो देता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी को देखकर यह लगे कि वह अत्यधिक क्रोधित है और उसका व्यवहार अनियंत्रित हो रहा है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक कर्मचारी का बॉस उसे बिना किसी ठोस कारण के डांटता है, और इससे कर्मचारी “तैश में आ जाता है” और उसका रिएक्शन अत्यधिक क्रोधित होता है।

631. मुहावरा – तेली का काम तमोली से नहीं होता
अर्थ: इस मुहावरे का सामान्य अर्थ है कि प्रत्येक काम के लिए विशेषज्ञता की आवश्यकता होती है। तेली का काम तमोली नहीं कर सकता, यानी प्रत्येक व्यवसाय या काम के लिए उस विषय के विशेषज्ञ की जरूरत होती है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति को उसके क्षेत्र के बाहर का काम करने की चुनौती दी जाती है या जब कोई अपने विशेषज्ञता क्षेत्र से बाहर का काम करने का प्रयास करता है।
उदाहरण: विशाल ने जब कंप्यूटर ठीक करने की कोशिश की, तो उसके दोस्त ने कहा, “तेली का काम तमोली से नहीं होता, इसे तो किसी तकनीशियन से ही ठीक करवाना पड़ेगा।”

632. मुहावरा – तू-तड़ाक करना
अर्थ: “तू-तड़ाक करना” का अर्थ है किसी के साथ रूखे तरीके से बात करना या झगड़ालू रवैया अपनाना। यह अक्सर तब होता है जब किसी व्यक्ति की बातचीत में सम्मान की कमी होती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अनुचित तरीके से दूसरों के साथ बात करता है या उन्हें झिड़कता है। यह व्यवहार समाज में अस्वीकार्य माना जाता है।
उदाहरण: जब किसी वरिष्ठ कर्मचारी ने अपने जूनियर से बिना कारण के तू-तड़ाक किया।

633. मुहावरा – तू-तू मैं-मैं
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है बिना किसी ठोस कारण के बहस करना या अनावश्यक विवाद में पड़ना। यह अक्सर उस स्थिति को दर्शाता है जब लोग छोटी-मोटी बातों पर आपस में उलझ जाते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब दो लोग या समूह अनावश्यक रूप से आपस में झगड़ रहे हों। उदाहरण के लिए, अगर दो सहकर्मी किसी छोटे मुद्दे पर बहस कर रहे हों, तो आप कह सकते हैं कि वे “तू-तू मैं-मैं” में लगे हुए हैं।
उदाहरण: ऑफिस में आज फिर से राम और श्याम के बीच तू-तू मैं-मैं हो गई।

634. मुहावरा – दम लगा घुटने खैरात लगी बटने
अर्थ: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति या समूह बहुत मेहनत करता है, परन्तु उसके परिणाम या लाभ किसी और को मिलते हैं। यह अक्सर उन स्थितियों में इस्तेमाल होता है जहां अन्याय या असमानता महसूस की जाती है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां परिश्रम करने वाले को उसके परिश्रम का उचित इनाम नहीं मिलता, और लाभ किसी और को प्राप्त होता है।
उदाहरण: मुनीश ने साल भर कड़ी मेहनत की, पर उसकी मेहनत का फल उसके सहकर्मी को मिला – यही है “दम लगा घुटने खैरात लगी बटने” का सही उदाहरण।

635. मुहावरा – दम फूलना
अर्थ: इस मुहावरे का प्रयोग किसी व्यक्ति के थकान या श्रम से आहत होने की स्थिति को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक थकान या दबाव को भी व्यक्त कर सकता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब होता है जब कोई व्यक्ति अत्यधिक परिश्रम या लंबे समय तक काम करने के बाद थकान महसूस करता है। इसका प्रयोग अक्सर उस समय भी किया जाता है जब किसी को अत्यधिक चिंता या मानसिक तनाव होता है।
उदाहरण: दस किलोमीटर दौड़ने के बाद प्रथम का दम फूलने लगा।

636. मुहावरा – दम घोंट कर मार डालना
अर्थ: मुहावरे का व्यापक अर्थ यह है कि किसी की स्वतंत्रता, अधिकार या जीवन को बलपूर्वक और अत्यधिक क्रूरता से समाप्त कर देना। यह मुहावरा केवल शारीरिक हिंसा को ही नहीं बल्कि भावनात्मक और मानसिक दमन को भी व्यक्त करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी पर अत्यधिक जुल्म या अत्याचार किया जाता है। इसका उपयोग अक्सर ऐसे संदर्भों में किया जाता है जहां अत्यंत क्रूरता या अन्याय का प्रदर्शन होता है।
उदाहरण: तानाशाह ने अपने विरोधियों को दम घोंट कर मार डाला।

637. मुहावरा – दम तोड़ना
अर्थ: “दम तोड़ना” मुहावरे का व्यापक अर्थ वह स्थिति होती है जब कोई व्यक्ति या वस्तु अपना अस्तित्व खो देती है या जब कोई चीज़ या विचार पूरी तरह समाप्त हो जाता है। यह न केवल मृत्यु का संकेत है, बल्कि परिस्थितियों, योजनाओं, या संबंधों के समाप्त होने का भी प्रतीक है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति, योजना, संबंध या विचार का अंत होता है। यह अक्सर नाटकीय और भावुक संदर्भों में उपयोग किया जाता है।
उदाहरण: बीमारी के चलते अंततः प्रेमचंद्र ने दम तोड़ दिया।

638. मुहावरा – दम घुटना
अर्थ: मुहावरे का अधिक व्यापक अर्थ वह स्थिति है जहाँ व्यक्ति किसी अनुभव या परिस्थिति के कारण बहुत अधिक दबाव या तनाव महसूस करता है। इसमें मानसिक, भावनात्मक या शारीरिक दबाव शामिल हो सकता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां व्यक्ति अपने आप को किसी बंद या दबावपूर्ण स्थान में पाता है, जैसे कि मानसिक तनाव, भीड़भाड़, या अनुचित सामाजिक दबाव की स्थितियों में।
उदाहरण: जब काव्या उस छोटे से कमरे में अकेली थी तो उसे लगा कि उसका दम घुट रहा है।

639. मुहावरा – दम खुश्क होना
अर्थ: इस मुहावरे का व्यापक अर्थ है किसी परिस्थिति या घटना के कारण बेहद परेशान या भयभीत होना। यह एक रूपकात्मक अभिव्यक्ति है, जिसका संबंध शारीरिक संवेदना से अधिक मानसिक या भावनात्मक स्थिति से है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहाँ व्यक्ति अत्यधिक चिंता, तनाव या भय का अनुभव कर रहा हो। इसका प्रयोग विभिन्न प्रकार के साहित्यिक और मौखिक संदर्भों में किया जा सकता है।
उदाहरण: जब नियांत ने अपने परीक्षा के परिणामों के बारे में सोचा, तो उसका दम खुश्क हो गया।

640. मुहावरा – दर-दर मारा मारा फिरना
अर्थ: इस मुहावरे का उपयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति अत्यधिक परेशान हो और वह जगह-जगह जाकर अपनी समस्या का हल ढूंढने की कोशिश करता है, परन्तु हर जगह से उसे निराशा ही हाथ लगती है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उस समय प्रयोग में लाया जाता है जब किसी को रोजगार, चिकित्सा, शिक्षा या किसी अन्य व्यक्तिगत समस्या के लिए अनेक स्थानों पर जाना पड़ता है, लेकिन उसे हर जगह से निराशा ही मिलती है।
उदाहरण: नौकरी की तलाश में विशाल “दर-दर मारा मारा फिर रहा था।”

641. मुहावरा – दर-दर की ठोकर खाना
अर्थ: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति को लगातार असफलताएँ मिलती हैं और वह विभिन्न स्थानों या अवसरों पर जाकर भी सफलता प्राप्त नहीं कर पाता।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उस समय प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति नौकरी, शिक्षा, या अन्य व्यावसायिक अवसरों के लिए कई जगहों पर जाता है, लेकिन हर जगह उसे निराशा हाथ लगती है।
उदाहरण: रोजगार की तलाश में अभय को “दर-दर की ठोकर खानी” पड़ी।

642. मुहावरा – दरखास्त देना
अर्थ: इस मुहावरे का उपयोग विभिन्न प्रकार के अनुरोधों, जैसे नौकरी के आवेदन, सरकारी या गैर-सरकारी संस्थाओं में किसी विशेष अनुरोध के लिए आवेदन पत्र भेजने आदि में किया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग सामान्यतः तब होता है जब किसी को किसी विशेष काम, सुविधा या जानकारी की आवश्यकता होती है और वे इसे प्राप्त करने के लिए एक आधिकारिक या औपचारिक अनुरोध करते हैं।
उदाहरण: पारुल ने अपने विभाग के प्रमुख को छुट्टी के लिए “दरखास्त दी”।

643. मुहावरा – दमड़ी की बुढ़िया टका सिर मुड़ाई
अर्थ: “दमड़ी” पुराने समय का एक बहुत ही कम मूल्य का सिक्का होता था, और “टका” उससे थोड़ा अधिक मूल्य का। इस मुहावरे में, एक बुढ़िया के सिर की मुड़ाई पर उसके बालों के मूल्य से अधिक खर्च होने की बात कही गई है, जो एक अनुपयुक्त और अत्यधिक खर्च को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में होता है जहां छोटी चीजों पर बड़ा खर्चा करने की नासमझी को दर्शाना हो।
उदाहरण: विनीत ने अपनी पुरानी साइकिल की मरम्मत पर हजारों रुपए खर्च कर दिए, यह तो “दमड़ी की बुढ़िया टका सिर मुड़ाई” वाली बात हो गई।

644. मुहावरा – दहलीज का कुत्ता
अर्थ: “दहलीज का कुत्ता” मुहावरे का अर्थ है किसी ऐसे व्यक्ति या स्थिति का वर्णन करना जो दो विपरीत स्थितियों या स्थानों के बीच में हो। यह उस व्यक्ति की स्थिति को दर्शाता है जो निर्णय नहीं ले पाता या अस्थिर स्थिति में होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति की दोधारी स्थिति का वर्णन करना हो। उदाहरण के लिए, एक राजनीतिक चर्चा में यदि कोई व्यक्ति न तो स्पष्ट रूप से एक पक्ष का समर्थन करता है और न ही दूसरे का, तो उसे ‘दहलीज का कुत्ता’ कहा जा सकता है।
उदाहरण: राजनीति में विनीत की स्थिति ‘दहलीज का कुत्ता’ जैसी है, न तो वह पूरी तरह से इस पार्टी के साथ है और न ही उस पार्टी के।

645. मुहावरा – दस्तरखान की बिल्ली
अर्थ: “दस्तरखान की बिल्ली” का शाब्दिक अर्थ है, वह बिल्ली जो भोजन के समय दस्तरखान पर मौजूद रहती है। लाक्षणिक रूप से, यह उस व्यक्ति को दर्शाता है जो मौजूद तो होता है परंतु सक्रिय रूप से भागीदारी नहीं करता।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति को उसकी निष्क्रियता या अनुपस्थिति के बावजूद उपस्थिति के लिए बताना हो। उदाहरण के लिए, एक बैठक में यदि कोई सदस्य मौजूद है लेकिन कोई योगदान नहीं दे रहा है, तो उसे ‘दस्तरखान की बिल्ली’ कहा जा सकता है।
उदाहरण: सुभाष की कक्षा में उपस्थिति हमेशा अच्छी रहती है, लेकिन वह कभी भी चर्चा में भाग नहीं लेता, वह हमेशा ‘दस्तरखान की बिल्ली’ की तरह रहता है।

646. मुहावरा – ठगा बनिया, लुटा राजपूत किसी को नहीं बताते
अर्थ: इस मुहावरे का उपयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां व्यक्ति अपनी असफलता या हानि को छिपाता है ताकि उसकी सामाजिक प्रतिष्ठा पर कोई आंच न आए। यह दिखाता है कि कैसे समाज में लोग अपनी कमजोरियों को छुपाकर अपनी इज्जत और सम्मान को बनाए रखने की कोशिश करते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर उन परिस्थितियों में होता है जहां व्यक्ति अपनी हानि या नुकसान को सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं करना चाहता। इसे अक्सर व्यापार, राजनीति, या सामाजिक जीवन में देखा जा सकता है।
उदाहरण: उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यापारी बड़े नुकसान में चला जाता है, लेकिन वह अपने सामाजिक दायरे में इस बात को स्वीकार नहीं करता, तो कहा जा सकता है कि वह ‘ठगा बनिया’ की तरह व्यवहार कर रहा है। इसी तरह, यदि कोई राजनेता चुनाव में हार जाता है, लेकिन वह अपनी हार को स्वीकार नहीं करता, तो उसे ‘लुटा राजपूत’ कहा जा सकता है।

647. मुहावरा – टाल-मटोल समय का चोर
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जब हम किसी काम को बार-बार टालते हैं या अनावश्यक देरी करते हैं, तो असल में हम अपने समय को नष्ट कर रहे होते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ किसी व्यक्ति के आलस या अनिच्छा के कारण काम में देरी हो रही हो।
उदाहरण: अभय ने अपना प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं किया क्योंकि उसने बहुत टाल-मटोल किया। वाकई, टाल-मटोल समय का चोर है।

648. मुहावरा – जंगल की आग की तरह फैलना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि किसी चीज का फैलाव जंगल में लगी आग की तरह तेजी से होना। यह अक्सर उन परिस्थितियों के लिए प्रयोग किया जाता है जो बहुत तेजी से बदल रही हों या विस्तार पा रही हों।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर समाचार, अफवाह, बीमारी, या अन्य सूचनाओं के तेजी से फैलने के संदर्भ में किया जाता है।
उदाहरण: सोशल मीडिया पर उस खबर ने “जंगल की आग की तरह फैलना” शुरू कर दिया था।

649. मुहावरा – जहँ-जहँ चरण पड़े संतन के तहँ-तहँ बंटाधार
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जहाँ भी संत या महापुरुष के चरण पड़ते हैं, वहाँ विनाश या बर्बादी होती है। यह विडंबनापूर्ण भाव व्यक्त करता है क्योंकि सामान्यतः संतों के चरणों को पवित्र और कल्याणकारी माना जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी अच्छे या सम्मानित व्यक्ति के आने से अप्रत्याशित रूप से नुकसान या विपत्ति हो जाती है।
उदाहरण: जब से नए मैनेजर ने कार्यालय संभाला, कर्मचारियों की समस्याएँ बढ़ गई हैं। कहने को तो वे अनुभवी हैं, पर “जहँ-जहँ चरण पड़े संतन के तहँ-तहँ बंटाधार”।

650. मुहावरा – दिल छोटा करना
अर्थ: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी बात पर आहत या निराश होता है। यह अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ उम्मीदें पूरी नहीं होतीं या कोई अपेक्षा अधूरी रह जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग व्यक्तिगत और सामाजिक संदर्भों में किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी का मित्र उसकी मदद न करे तो वह कह सकता है कि “मैंने तो दोस्त से इतनी उम्मीद की थी, पर उसने मेरा दिल छोटा कर दिया।”
उदाहरण: मुनीश ने सोचा था कि उसका बॉस उसके काम की प्रशंसा करेगा, पर जब ऐसा नहीं हुआ तो उसका दिल छोटा हो गया।

651. मुहावरा – दान की बछिया के दाँत नहीं देखे जाते
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति आपको कुछ दान करता है, तो उस उपहार की आलोचना नहीं करनी चाहिए। दान में मिली वस्तु की कीमत या गुणवत्ता पर टिप्पणी करना अनुचित है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उस स्थिति में किया जाता है जब किसी को उपहार या दान में कुछ मिलता है और वे उसके बारे में शिकायत या आलोचना करते हैं।
उदाहरण: उदाहरण के तौर पर, यदि किसी ने आपको कोई पुरानी किताब दान में दी और आप उसके पन्नों की गुणवत्ता पर टिप्पणी करते हैं, तो यह कहा जा सकता है कि आप “दान की बछिया के दाँत देख रहे हैं”।

652. मुहावरा – दाई से पेट छिपाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है उस व्यक्ति से कुछ छुपाने की असफल कोशिश करना, जो पहले से ही उस विषय के बारे में अच्छी तरह जानता है। यह व्यर्थ प्रयासों और आत्म-धोखे की भावना को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का अक्सर व्यंग्यात्मक तरीके से प्रयोग किया जाता है, जब किसी व्यक्ति को यह एहसास नहीं होता कि वह जिससे कुछ छुपा रहा है, वह व्यक्ति पहले से ही सब जानता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक कर्मचारी अपने बॉस से यह छुपा रहा है कि वह ऑफिस के समय में व्यक्तिगत कार्य कर रहा है, लेकिन बॉस पहले से ही इस बारे में जानते हैं। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि वह कर्मचारी “दाई से पेट छिपाने” की कोशिश कर रहा है।

653. मुहावरा – दांतों में जीभ सा रहना
अर्थ: “दांतों में जीभ सा रहना” का अर्थ है किसी स्थिति या परिस्थिति में अत्यंत सावधान और संयमित रहना। यह दर्शाता है कि किसी भी परिस्थिति में विवेकपूर्ण और सोच-समझकर कार्य करना चाहिए।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां व्यक्ति को अपने शब्दों और क्रियाओं पर विशेष ध्यान देना पड़ता है, खासकर तब जब थोड़ी सी भी असावधानी बड़ी समस्या का कारण बन सकती है।
उदाहरण: एक उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति अपने बॉस के साथ बात कर रहा हो और उसे अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना हो, तब वह “दांतों में जीभ सा रहना” का अनुसरण कर रहा होता है।

654. मुहावरा – दाल-रोटी चलाना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है, साधारण और आवश्यक भोजन जैसे दाल और रोटी का सेवन करना। लेकिन व्यापक अर्थ में, यह मुहावरा जीवन के सरल और मौलिक तरीके से गुजारे जाने की बात करता है, जहां व्यक्ति के पास बहुत अधिक विलासिता या संसाधन नहीं होते, लेकिन वह अपनी बुनियादी जरूरतों को पूरा कर पाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन स्थितियों में प्रयोग होता है जहाँ व्यक्ति सीमित साधनों में अपना जीवन यापन कर रहा होता है। यह जीवन में सादगी और आत्मनिर्भरता की ओर इशारा करता है।
उदाहरण: अनुज शहर में अकेला रहता है और अपनी पढ़ाई के साथ-साथ जॉब भी करता है, वह बस दाल-रोटी चला कर अपना खर्चा उठा रहा है।

655. मुहावरा – दाल में नमक बराबर
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि दाल में नमक की मात्रा बहुत कम होती है। लाक्षणिक रूप से, यह दर्शाता है कि किसी बड़े संदर्भ या समग्र दृश्य में किसी छोटी चीज का योगदान या महत्व नगण्य है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम किसी बड़े समूह या संगठन में किसी व्यक्ति के छोटे योगदान को व्यक्त करना चाहते हैं। यह व्यक्त करता है कि वह व्यक्ति या चीज इतनी महत्वपूर्ण नहीं है कि उसके बिना काम नहीं चल सकता।
उदाहरण: उस बड़ी कंपनी में विशाल का योगदान ‘दाल में नमक बराबर’ है, वह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है।

656. मुहावरा – दामन में दाग होना
अर्थ: “दामन में दाग होना” का अर्थ है किसी व्यक्ति के जीवन या चरित्र पर लगा एक ऐसा दाग जो उसकी प्रतिष्ठा को प्रभावित करता है। यह अक्सर किसी गलत काम या अपराध के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी के व्यवहार या कार्यों के कारण उसकी प्रतिष्ठा में कमी आई हो और उसे समाज में नीचा देखा जा रहा हो।
उदाहरण: उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यापारी धोखाधड़ी में पकड़ा जाता है, तो कहा जा सकता है कि “उसके दामन में दाग लग गया है”।

657. मुहावरा – दामन छोड़ना
अर्थ: “दामन छोड़ना” का अर्थ है किसी संबंध या स्थिति से पूरी तरह से अलग हो जाना, खासकर जब उस संबंध या स्थिति से कोई नकारात्मक प्रभाव या असहमति हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति नैतिकता, असहमति, या अन्य कारणों से किसी संबंध या स्थिति से खुद को अलग कर लेता है।
उदाहरण: उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति अपनी कंपनी की गलत नीतियों के कारण नौकरी छोड़ देता है, तो कहा जा सकता है कि उसने “कंपनी का दामन छोड़ दिया है”।

658. मुहावरा – दाम सँवारे सारे काम
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ यह है कि वित्तीय संसाधन या धन की उपलब्धता से अधिकांश समस्याएं हल हो जाती हैं और काम आसानी से पूरे होते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां धन की भूमिका किसी समस्या के समाधान या किसी काम के सुचारू रूप से संपन्न होने में महत्वपूर्ण होती है।
उदाहरण: उदाहरण के तौर पर, यदि किसी व्यक्ति को अपने घर की मरम्मत करवानी हो और उसके पास पर्याप्त धन हो, तो वह कह सकता है कि “दाम सँवारे सारे काम”, क्योंकि पैसे से वह आसानी से घर की मरम्मत करवा सकता है।

659. मुहावरा – दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की करना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि कोई व्यक्ति या चीज बहुत तेजी से प्रगति कर रही है। यह उस स्थिति का वर्णन करता है जब प्रगति की दर अत्यधिक तीव्र होती है, जैसे कि दिन के मुकाबले रात में चार गुना अधिक वृद्धि हो रही हो।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां व्यक्ति या व्यापार अप्रत्याशित रूप से और बहुत तेजी से सफलता प्राप्त कर रहा हो।
उदाहरण: नई तकनीकी कंपनी ने शुरुआत के बाद से ‘दिन दूनी रात चौगुनी तरक्की’ की है।

660. मुहावरा – दो दिन का मेहमान
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई व्यक्ति या चीज बहुत छोटे समय के लिए मौजूद होती है। यह सामान्यतः उस स्थिति का वर्णन करता है जब किसी चीज की उपस्थिति अल्पकालिक हो और जल्द ही समाप्त हो जाने वाली हो।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां चीजें या व्यक्ति कुछ समय के लिए आते हैं और जल्दी चले जाते हैं। यह अस्थायीता और क्षणिकता के भाव को प्रकट करता है।
उदाहरण: राजनीति में अक्सर लोग ‘दो दिन के मेहमान’ होते हैं, आज होते हैं कल नहीं।

661. मुहावरा – दिन उंगलियों पर गिनना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी खास घटना या समय की प्रतीक्षा में दिनों की गिनती करना। यह अक्सर उस स्थिति के लिए प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी खास मोड़ या महत्वपूर्ण घटना की ओर बढ़ रहा हो और उसे बेसब्री से इंतजार हो।
प्रयोग: यह मुहावरा उत्साह, आशा, या कभी-कभी चिंता की भावनाओं को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह उस समय के लिए उपयोगी होता है जब आप किसी विशेष दिन या घटना की प्रतीक्षा में होते हैं।
उदाहरण: अनीता की शादी अगले महीने है और वह दिन उंगलियों पर गिन रही है।

662. मुहावरा – दिल को करार मिलना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी बड़ी चिंता या समस्या के समाधान के बाद मिलने वाली मानसिक शांति। यह आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब कोई लंबे समय से चली आ रही चिंता या तनाव से मुक्त होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यक्तिगत जीवन, पेशेवर जीवन, शिक्षा, और यहाँ तक कि सामाजिक परिस्थितियों में भी प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: परीक्षा के परिणाम के बाद “दिल को करार मिलना” मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।

663. मुहावरा – दिल की भड़ास निकालना
अर्थ: “दिल की भड़ास निकालना” का अर्थ है अपने मन की भावनाओं या गुस्से को बिना किसी रोक-टोक के व्यक्त करना। यह आमतौर पर तब होता है जब किसी व्यक्ति के मन में लंबे समय से दबी भावनाएं या तनाव हों और वह उन्हें खुलकर बाहर निकालता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है, जहां व्यक्ति अपनी भावनाओं को खुले आम व्यक्त करता है, चाहे वह गुस्सा हो, निराशा हो या फिर कोई और भावना।
उदाहरण: विशाल ने अपने मित्र से कहा, “मैं आज तुमसे दिल की भड़ास निकालना चाहता हूं, मुझे बहुत दिनों से जो बात परेशान कर रही थी।”

664. मुहावरा – दिमाग में खलल होना
अर्थ: “दिमाग में खलल होना” का अर्थ है किसी व्यक्ति के सोचने-समझने की क्षमता में अस्थायी रूप से बाधा या गड़बड़ी आना। इसका उपयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी विशेष परिस्थिति या समस्या के कारण ठीक से सोच-विचार नहीं कर पा रहा हो।
प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न परिस्थितियों में व्यक्तिगत भावनाओं या मानसिक स्थिति को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है। इसे आमतौर पर व्यक्ति की मानसिक अस्थिरता या भ्रमित होने की स्थिति को दर्शाने के लिए उपयोग किया जाता है।
उदाहरण: परीक्षा के दौरान नियांत को ऐसा महसूस हुआ कि उसके दिमाग में खलल हो रहा है, क्योंकि वह किसी भी प्रश्न का उत्तर ठीक से नहीं लिख पा रहा था।

665. मुहावरा – दिमाग चाटना
अर्थ: “दिमाग चाटना” का अर्थ है लगातार तंग करना या परेशान करना। यह आमतौर पर नकारात्मक संदर्भ में उपयोग होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी के लिए लगातार परेशानी का कारण बन रहा हो। इसका उपयोग व्यक्तिगत वार्तालाप, कहानियों, नाटकों, और अन्य साहित्यिक कृतियों में भी किया जाता है।
उदाहरण: अनुज का लगातार सवाल पूछना मुझे बहुत परेशान कर रहा था, वो सच में मेरा दिमाग चाट रहा था।

666. मुहावरा – दिमाग का पुरजा ढीला होना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी व्यक्ति का व्यवहार या सोच असामान्य या अजीब है। यह उस स्थिति का वर्णन करता है जब किसी व्यक्ति की सोच या कार्य तर्कसंगत न हो।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अजीब या असंगत तरीके से व्यवहार करता है या जब कोई व्यक्ति सामान्य से अलग तरह की सोच रखता है।
उदाहरण: जब भी मैं अभय से उसके भविष्य की योजनाएं पूछता हूँ, वह हमेशा कुछ अजीबोगरीब जवाब देता है। लगता है उसके ‘दिमाग का पुरजा ढीला है।’

667. मुहावरा – दिल में उतरना
अर्थ: “दिल में उतरना” का अर्थ है किसी के व्यक्तित्व, बातों या कार्यों से गहराई से प्रभावित होना ऐसा कि वो दिल में एक खास जगह बना ले। इसका इस्तेमाल अक्सर सकारात्मक भावनाओं के संदर्भ में होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति को किसी के व्यक्तित्व, कार्यों या विचारों से गहरा लगाव हो जाता है। उदाहरण के लिए, एक शिक्षक के प्रेरणादायक शब्द या एक मित्र की निस्वार्थ सहायता किसी के “दिल में उतर” सकती है।
उदाहरण: विकास के दयालु व्यवहार सभी के दिल में उतर गया।

668. मुहावरा – दिल फट जाना
अर्थ: “दिल फट जाना” का अर्थ है अत्यधिक दुःख या पीड़ा महसूस करना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ व्यक्ति अपने दुःख के कारण बेहद पीड़ित और आहत महसूस करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को बहुत अधिक मानसिक या भावनात्मक आघात लगता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी के बहुत करीबी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है, तो उसे दिल फट जाने की अनुभूति हो सकती है।
उदाहरण: जब सुमन को उसके पिता के देहांत की खबर मिली, उसका दिल फट गया।

669. मुहावरा – दिल पसीजना
अर्थ: “दिल पसीजना” का अर्थ होता है किसी के प्रति करुणा या सहानुभूति महसूस करना। जब किसी का हृदय किसी दुःखद या भावुक क्षण में नरम पड़ जाता है, तो इस स्थिति को “दिल पसीजना” कहा जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां किसी व्यक्ति को किसी अन्य के प्रति दया या सहानुभूति महसूस होती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई व्यक्ति किसी गरीब बच्चे को भूखा देखकर उसकी मदद करता है, तो कहा जा सकता है कि उसका “दिल पसीज गया”।
उदाहरण: उस बुजुर्ग महिला को सड़क पर अकेले रोते देखकर अखिल का दिल पसीज गया और उसने उनकी मदद की।

670. मुहावरा – दिल धक-धक करना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी घटना या परिस्थिति के प्रति उत्सुकता, घबराहट, या चिंता के कारण दिल का तेज़ी से धड़कना। यह अक्सर तनावपूर्ण या अनिश्चित स्थितियों में प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यक्तिगत जीवन, परीक्षा, साक्षात्कार, या किसी बड़े आयोजन से पहले की स्थितियों में आमतौर पर प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: साक्षात्कार के कमरे में प्रवेश करते ही विशाल का दिल धक-धक करने लगा।

671. मुहावरा – दिल थामकर रह जाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है एक ऐसी स्थिति जिसमें व्यक्ति इतना अधिक आश्चर्यचकित या भावुक हो जाता है कि उसे लगता है जैसे उसका दिल रुक सा गया हो।
प्रयोग: यह मुहावरा साहित्य, फिल्मों, और रोजमर्रा की बातचीत में अक्सर देखने को मिलता है, जब कोई बेहद अद्भुत या चौंकाने वाली बात सुनता है।
उदाहरण: जब पूजा ने अपनी पसंदीदा फिल्म स्टार को सामने देखा, तो उसका दिल थामकर रह गया।

672. मुहावरा – दिल टुकड़े-टुकड़े होना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है अत्यधिक दुख या भावनात्मक आघात का अनुभव करना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब कोई बहुत बड़ी निराशा या दुख का सामना कर रहा हो।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यक्तिगत जीवन, प्रेम संबंधों, पारिवारिक संबंधों और यहां तक कि काल्पनिक कथाओं में भी प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: जब अनुभव को पता चला कि उसकी प्रेमिका ने उसे छोड़ दिया है, उसका दिल टुकड़े-टुकड़े हो गया।

672. मुहावरा – दिल हल्का करना
अर्थ: “दिल हल्का करना” का शाब्दिक अर्थ है मन को हल्का करना या अपनी चिंताओं और भावनाओं को किसी के साथ बांटकर राहत महसूस करना। यह मुहावरा भावनात्मक राहत पाने की प्रक्रिया को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अपने अंदर की भावनाओं को बाहर निकालने की आवश्यकता होती है। यह अक्सर गहरी चिंता, दुख, या तनाव के समय में उपयोगी होता है।
उदाहरण: अनुज ने अपने मित्र से अपनी समस्याओं के बारे में बात करके अपना दिल हल्का किया।

673. मुहावरा – दिल मैला करना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – अपने दिल को गंदा करना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति किसी बात या घटना से मानसिक रूप से परेशान या असंतुष्ट होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति के कार्य या शब्दों से मानसिक आघात पहुंचता है। उदाहरण के लिए, “रीमा की बातों ने सुरेश का दिल मैला कर दिया।”
उदाहरण: अपने दोस्त के धोखे से उसका दिल मैला हो गया।

674. मुहावरा – दिल में चुभना
अर्थ: “दिल में चुभना” का अर्थ है कि किसी बात ने आपके दिल को बहुत गहराई से आहत किया है। यह उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जहाँ किसी की बातें या कार्य आपको बहुत दुख पहुंचाते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी को बहुत गहरी आंतरिक पीड़ा महसूस होती है। जैसे, “राहुल की कठोर बातों ने मां के दिल में चुभन पैदा कर दी।”
उदाहरण: उसके धोखे ने मेरे दिल में गहरी चुभन छोड़ी।

675. मुहावरा – दिल में घर करना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – किसी के हृदय में अपना स्थान बना लेना। यह अक्सर उस समय प्रयोग किया जाता है जब कोई अपने आचरण, प्रेम, सहानुभूति या व्यक्तित्व के माध्यम से दूसरे व्यक्ति के दिल में एक विशेष स्थान प्राप्त कर लेता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर कहानियों, कविताओं और रोजमर्रा की बातचीत में किया जाता है। जैसे, “अनुभव की सहृदयता ने सबके दिल में घर कर लिया।”
उदाहरण: उस अभिनेता ने अपनी बेहतरीन अदाकारी से सभी दर्शकों के दिल में घर कर लिया।

676. मुहावरा – दीन दुनिया दोनों से जाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई व्यक्ति न तो समाजिक जीवन में और न ही धार्मिक या आध्यात्मिक जीवन में संलग्न है। यह व्यक्ति की संपूर्ण विमुखता को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन व्यक्तियों के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है जो समाज से और अपने धार्मिक या आध्यात्मिक जीवन से भी कट चुके हों।
उदाहरण: मुनीश अपने व्यसनों में इतना खो गया कि वह दीन दुनिया दोनों से जाना हो गया।

677. मुहावरा – दीदे फोड़ना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी चीज को बहुत ध्यान से और गहराई से देखना या निरीक्षण करना। इसका प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी चीज पर अत्यधिक ध्यान देता है या किसी वस्तु को बारीकी से समझने की कोशिश करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में होता है जहाँ विस्तृत विश्लेषण या गहन अवलोकन आवश्यक होता है। इसका इस्तेमाल अक्सर जासूसी, शोध, या जटिल समस्याओं के समाधान में किया जाता है।
उदाहरण: जब पुलिस ने अपराध स्थल का निरीक्षण किया, तो उन्होंने हर सुराग को दीदे फोड़कर देखा।

678. मुहावरा – दीदे निकालना
अर्थ: जब कोई व्यक्ति किसी बात पर बहुत अधिक आश्चर्यचकित होता है या किसी घटना या परिस्थिति पर विश्वास नहीं कर पाता, तो उसे “दीदे निकालना” कहा जाता है। यह अतिशयोक्ति का एक रूप है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी अप्रत्याशित घटना या समाचार के प्रति व्यक्ति की प्रतिक्रिया व्यक्त करनी हो। यह अक्सर अतिरंजना या विस्मय के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: जब अनुभव ने सुना कि उसका दोस्त अचानक विदेश चला गया है, तो उसके दीदे निकल गए।

679. मुहावरा – दिल्ली की दरबारी से अपने गाँव की लम्बरदारी भली
अर्थ: इस कहावत का मुख्य अर्थ यह है कि छोटे स्तर पर भी यदि स्वतंत्रता और सम्मान है, तो वह बड़े स्तर की नौकरी या पद से बेहतर है, जहाँ स्वतंत्रता और सम्मान की कमी हो।
प्रयोग: यह कहावत उन स्थितियों में प्रयोग की जाती है, जहाँ व्यक्ति को यह तय करना होता है कि बड़े स्तर पर अधीनता और अपमान सहन करें या छोटे स्तर पर अपनी प्रतिष्ठा और स्वतंत्रता बनाए रखें।
उदाहरण: सुभाष ने बड़ी कंपनी में नौकरी करने की बजाय अपना छोटा व्यवसाय शुरू किया, क्योंकि उसे लगा कि दिल्ली की दरबारी से अपने गाँव की लम्बरदारी भली।

680. मुहावरा – गिरेबान में झाँककर देखना
अर्थ: “गिरेबान में झाँककर देखना” का अर्थ है खुद का आत्म-मूल्यांकन करना और अपनी कमियों को पहचानना। यह अपने आप में गहराई से देखने और अपनी गलतियों और कमजोरियों को स्वीकार करने की भावना को व्यक्त करता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति को आत्म-समीक्षा और आत्म-सुधार की आवश्यकता होती है, खासकर जब वह दूसरों की आलोचना कर रहा होता है।
उदाहरण: विकास अक्सर दूसरों की गलतियां निकालता रहता है, उसे पहले अपने गरेबान में झाँककर देखना चाहिए।

681. मुहावरा – गन्ना न दे, भेली दे
अर्थ: मुहावरे का सीधा सा अर्थ है कि जब कोई बड़ी चीज की बजाय केवल उसका एक छोटा भाग देता है। इसका इस्तेमाल अक्सर उस समय किया जाता है जब बड़े लाभ या फायदे की उम्मीद में केवल छोटा सा लाभ मिलता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति या संगठन बड़ी बातें करता है लेकिन उसे पूरा न कर पाने पर केवल एक छोटी सी चीज ही प्रदान करता है।
उदाहरण: कंपनी ने बड़े बोनस का वादा किया था लेकिन अंत में सिर्फ छोटा सा इनाम दिया, यानी गन्ना न दे, भेली दे।

682. मुहावरा – दीवाना होना
अर्थ: “दीवाना होना” का शाब्दिक अर्थ है किसी के प्रति पागलपन या अत्यधिक लगाव। यह अक्सर एक अतिरेकीपन की स्थिति को दर्शाता है, जहाँ व्यक्ति का तर्क और विवेक उसकी भावनाओं और जुनून के सामने कमजोर पड़ जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी को किसी चीज़ के प्रति अत्यंत आकर्षण या अनुराग होता है। यह प्रायः प्रेम संबंधों, शौक, या किसी विशेष गतिविधि के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: जब से अमन ने गिटार बजाना शुरू किया है, वह इसके प्रति दीवाना हो गया है।

683. मुहावरा – दुंदुभी बजाना
अर्थ: मुहावरे ‘दुंदुभी बजाना’ का अर्थ है किसी बात या घटना की बड़ी धूमधाम से घोषणा करना या उस पर अत्यधिक जोर देना। यह अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी बात को बहुत अधिक महत्व देता है या उसे जरूरत से ज्यादा प्रचारित करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग व्यंग्यात्मक रूप से भी किया जा सकता है। जब किसी को लगता है कि कोई व्यक्ति या संगठन बेवजह अधिक शोरगुल कर रहा है, तो वे कह सकते हैं कि “वह तो बस दुंदुभी बजा रहा है।”
उदाहरण: जब सरकार ने अपनी नई योजना की घोषणा की, तो विपक्ष ने टिप्पणी की कि सरकार सिर्फ दुंदुभी बजा रही है, जबकि योजना में कुछ भी नया नहीं है।

684. मुहावरा – दीन-दुनिया भूल जाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है अपने आसपास की दुनिया और जिम्मेदारियों को पूरी तरह से भूल जाना। इसका अक्सर प्रयोग तब किया जाता है जब किसी का ध्यान किसी खास चीज में इस कदर डूब जाता है कि वह अन्य महत्वपूर्ण बातों को नजरअंदाज कर देता है।
प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न संदर्भों में प्रयोग किया जा सकता है, जैसे किसी की गहरी सोच में डूबे होने, किसी काम में इतना व्यस्त होने या फिर किसी भावना या आनंद में खो जाने पर।
उदाहरण: अमन अपने पुस्तकों में इतना खो गया कि उसे खाने का भी होश नहीं रहा, वह सच में दीन-दुनिया भूल गया।

685. मुहावरा – चक्कर में पड़ना
अर्थ: “चक्कर में पड़ना” का अर्थ है किसी उलझन या भ्रामक स्थिति में फंस जाना। इसका इस्तेमाल उन परिस्थितियों में होता है जहाँ व्यक्ति अनिश्चितता या दुविधा में फंस जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब व्यक्ति किसी ऐसी स्थिति में फंस जाता है जो स्पष्ट नहीं होती और उसे निर्णय लेने में कठिनाई होती है।
उदाहरण: जब सुधीर ने नौकरी और व्यापार के बीच चुनाव करना था, तो वह चक्कर में पड़ गया।

686. मुहावरा – घुटनों के बल चलना
अर्थ: “घुटनों के बल चलना” का अर्थ है बेहद कठिनाइयों में जीवन यापन करना या जीवन की चुनौतियों के आगे नतमस्तक हो जाना। यह व्यक्ति की असहायता और कमजोरी को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति को अत्यधिक कठिनाइयों या समस्याओं का सामना करना पड़ता है और वह खुद को असहाय महसूस करता है।
उदाहरण: बिजनेस में भारी नुकसान के बाद, रमेश को घुटनों के बल चलना पड़ा।

687. मुहावरा – मन की घुंडी खोलना
अर्थ: “मन की घुंडी खोलना” का अर्थ है अपने मन की गहराइयों से जुड़ी बातें, विचार या भावनाएं खुलकर बताना। यह अपनी अंतरात्मा की बातों को बिना किसी हिचक के प्रकट करने की प्रक्रिया को इंगित करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अपने मन की बात कहने की आवश्यकता होती है और वह बिना किसी झिझक के अपनी बातें साझा करता है।
उदाहरण: जब अनुभव ने अपने दोस्त से मन की घुंडी खोली, तो उसे अपने दिल का बोझ हल्का महसूस हुआ।

688. मुहावरा – घाव हरा हो आना
अर्थ: “घाव हरा हो आना” का शाब्दिक अर्थ है कि पुराना घाव फिर से ताजा हो जाना। यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां पुरानी पीड़ाएं या भावनात्मक आघात दोबारा उभर कर सामने आते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी की पुरानी यादें या दुखद अनीताभव फिर से उसके सामने आ जाते हैं और उसे तकलीफ देते हैं।
उदाहरण: जब पूजा ने अपने पुराने प्रेम पत्र पढ़े, तो उसका पुराना घाव हरा हो आया।

689. मुहावरा – गले की हड्डी
अर्थ: “गले की हड्डी” मुहावरे का अर्थ है एक ऐसी समस्या या चुनौती जो आसानी से हल नहीं होती और न ही इससे बचा जा सकता है। यह एक ऐसी विकट स्थिति को इंगित करता है जो व्यक्ति के लिए काफी परेशानी का सबब बन जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति या संगठन किसी मुश्किल स्थिति में फंस जाता है और उससे निकलना मुश्किल होता है।
उदाहरण: वह समझौता विनीत के लिए ‘गले की हड्डी’ बन गया, क्योंकि उसे न तो स्वीकार करना संभव था और न ही अस्वीकार करना।

690. मुहावरा – छाती ठोक कर कहना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी बात को बड़े गर्व और आत्मविश्वास के साथ कहना। जब कोई व्यक्ति अपनी बात का समर्थन पूरी दृढ़ता से करता है, तो कहा जाता है कि उसने “छाती ठोक कर” अपनी बात कही है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को अपने विचारों या कार्यों पर पूरा भरोसा होता है और वह उन्हें बिना किसी संकोच के प्रकट करता है।
उदाहरण: विकास ने छाती ठोक कर कहा कि उसने ईमानदारी से काम किया है।

691. मुहावरा – छलनी में पानी भरना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि छलनी जैसे छिद्रित पात्र में पानी भरना, जो कि व्यावहारिक रूप से असंभव है। यह अर्थ उन प्रयासों को दर्शाता है जो अंततः निष्फल या अनुत्पादक होते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी कार्य को बेकार या निरर्थक माना जाता है, जैसे कि कोई ऐसा कार्य करना जिसका कोई सकारात्मक परिणाम न हो।
उदाहरण: अनुभव बार-बार उसी कंपनी में आवेदन कर रहा है जहाँ उसकी योग्यता नहीं मानी जाती, यह तो छलनी में पानी भरने जैसा है।

692. मुहावरा – चपेट में आना
अर्थ: “चपेट में आना” का अर्थ है किसी समस्या, आपदा या मुश्किल स्थिति में फंसना या प्रभावित होना। यह मुहावरा आमतौर पर अनिच्छित और अप्रत्याशित परिस्थितियों के संदर्भ में इस्तेमाल होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति या समूह किसी नकारात्मक स्थिति या प्रभाव की चपेट में आ जाता है।
उदाहरण: पिछले साल आई बाढ़ में पूरे गाँव के लोग इसकी चपेट में आ गए थे।

693. मुहावरा – चपत लगना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी प्रकार की हानि या नुकसान होना। यह आर्थिक, भावनात्मक, या शारीरिक हानि हो सकती है।
प्रयोग: “चपत लगना” मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी तरह की हानि का अनुभव करता है या किसी अप्रत्याशित नुकसान का सामना करता है।
उदाहरण: विशाल को शेयर बाजार में बहुत बड़ी चपत लगी, जब उसके द्वारा निवेश किए गए शेयरों के दाम अचानक से गिर गए।

694. मुहावरा – चट कर जाना
अर्थ: “चट कर जाना” का अर्थ है बिना किसी देरी के और बहुत तेजी से किसी काम को कर लेना। यह निपुणता और दक्षता को भी इंगित करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को जल्दी और कुशलता से कार्य पूरा करना होता है।
उदाहरण: लक्ष्मी ने अपनी परीक्षा की तैयारी चट कर ली और उत्कृष्ट अंक प्राप्त किए।

695. मुहावरा – जब अपनी उतरी तो दूसरे की उतारते क्या देर
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब एक व्यक्ति का सम्मान या प्रतिष्ठा पहले ही घट चुकी होती है, तो उसे दूसरों की प्रतिष्ठा घटाने में देर नहीं लगती। यह आमतौर पर उन स्थितियों में प्रयोग होता है जहां लोग अपनी प्रतिष्ठा खो चुके होते हैं और फिर दूसरों की प्रतिष्ठा को भी खराब करने की कोशिश करते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जहां व्यक्ति अपने नैतिक मानदंडों को खो चुका होता है और इसके बाद वह दूसरों की प्रतिष्ठा को भी कम करने में संकोच नहीं करता।
उदाहरण: जैसे कि एक राजनीतिज्ञ जिसने अपनी प्रतिष्ठा घोटाले में खो दी, वह अपने विरोधियों की प्रतिष्ठा खराब करने में देरी नहीं करता।

696. मुहावरा – छूटा सांड
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी ऐसी चीज या व्यक्ति का वर्णन करना जो बेकाबू हो गया हो। यह उन परिस्थितियों के लिए भी प्रयोग किया जाता है जहाँ नियंत्रण खो दिया गया हो और स्थिति हाथ से निकल गई हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति या स्थिति अनियंत्रित और अप्रत्याशित व्यवहार कर रही हो। यह अक्सर तनावपूर्ण या चुनौतीपूर्ण स्थितियों में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: जब से अभय को प्रमोशन मिला है, वह छूटे सांड की तरह व्यवहार कर रहा है।

697. मुहावरा – छुट्टी कर देना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति या वस्तु को अपने जीवन से पूरी तरह से अलग कर देना या किसी कार्य से मुक्ति पाना।
प्रयोग: इस मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति या वस्तु को अपने जीवन से पूरी तरह से अलग कर देना या किसी कार्य से मुक्ति पाना।
उदाहरण: सुरेंद्र ने अपने पुराने व्यवसाय की छुट्टी कर दी और नई शुरुआत की।

698. मुहावरा – छाया सिर पर होना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी का संरक्षण या सहायता हमेशा उपलब्ध होना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति या शक्ति हमेशा किसी की रक्षा या सहयोग के लिए तैयार हो।
प्रयोग: “छाया सिर पर होना” मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति को किसी अन्य व्यक्ति या शक्ति का पूर्ण समर्थन या संरक्षण प्राप्त होता है।
उदाहरण: अमन के सिर पर उसके पिता की छाया हमेशा बनी रहती है, इसलिए वह कभी परेशान नहीं होता।

699. मुहावरा – छाती फाड़कर दिखाना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है, अपनी छाती फाड़कर कुछ दिखाना, जो कि व्यावहारिक रूप से संभव नहीं है। परंतु, लाक्षणिक रूप से इसका मतलब है अपने साहस और शौर्य का परिचय देना।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी को अपनी बहादुरी या साहस का उदाहरण देना होता है।
उदाहरण: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी को अपनी बहादुरी या साहस का उदाहरण देना होता है।

700. मुहावरा – छाती जलना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है ईर्ष्या या जलन से छाती में जलन महसूस होना। यह व्यक्त करता है कि किसी के सफलता या खुशी को देखकर व्यक्ति को असहजता या नाराजगी महसूस होती है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी को दूसरे की सफलता या खुशी से ईर्ष्या होती है।
उदाहरण: जब अभय को पदोन्नति मिली, तो उसके सहकर्मियों की छाती जल उठी।

701. मुहावरा – छाती पीटना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है अत्यधिक दुख या पश्चाताप में अपनी छाती को पीटना। यह अभिव्यक्ति उस स्थिति को दर्शाती है जब कोई व्यक्ति अत्यंत निराशा या अफसोस महसूस करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को गहरा दुख या पश्चाताप हो और वह इसे भावनात्मक रूप से प्रदर्शित करता है।
उदाहरण: जब विकास ने अपनी गलती का एहसास किया, तो वह छाती पीटने लगा।

702. मुहावरा – जबान का कड़वा
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी व्यक्ति की बातें या उसका बोलने का तरीका बहुत कटु और अप्रिय होता है। यह उन लोगों के लिए कहा जाता है जिनकी बातें सुनने में कठोर और तीखी लगती हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब किसी की भाषा या बोली कठोर और असंवेदनशील होती है। यह अक्सर उन लोगों पर लागू होता है जो बिना सोचे-समझे या बिना दूसरों की भावनाओं का ख्याल रखे बोलते हैं।
उदाहरण: काव्या हमेशा अपने दोस्तों से कड़वी बातें करती है, इसलिए उसके बहुत कम दोस्त हैं।

703. मुहावरा – जमाने के साथ चलना
अर्थ: इस मुहावरे का मूल अर्थ है वर्तमान समय की धारा के साथ चलना, नए विचारों और तकनीकों को अपनाना, और पुरानी रूढ़ियों और परंपराओं को तोड़ते हुए आगे बढ़ना।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर व्यापार, शिक्षा, तकनीकी विकास, और सामाजिक परिवर्तनों के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है, जहां नवाचार और अनुकूलन आवश्यक होते हैं।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यापारी जो बाजार के नए रुझानों के अनुसार अपने उत्पादों को अपडेट करता है, वह ‘जमाने के साथ चल रहा है’।

704. मुहावरा – जमाना देख लेना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी व्यक्ति ने जीवन के विभिन्न चरणों को देखा है और उसे विभिन्न परिस्थितियों का अनुभव है। यह उस व्यक्ति के ज्ञान और समझ की गहराई को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी वृद्ध या अनुभवी व्यक्ति की सलाह या राय को महत्व देना हो। यह युवा पीढ़ी को यह संकेत देता है कि अनुभवी व्यक्तियों के पास जीवन की सीख और गहरी समझ होती है।
उदाहरण: उदाहरण के तौर पर, यदि किसी युवा व्यक्ति को कोई समस्या हो और वह अपने दादा या दादी के पास जाए, तो वे कह सकते हैं, “मैंने जमाना देख लिया है, तुम्हें यह करना चाहिए।”

705. मुहावरा – गर्दिश ए जमाना
अर्थ: “गर्दिश-ए-जमाना” का शाब्दिक अर्थ होता है “समय का बुरा दौर” या “विपत्ति का समय”। इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति जीवन में कठिनाइयों और संकटों का सामना कर रहा होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा जीवन के उन फेज को बयान करता है जहाँ चीजें अनुकूल नहीं होतीं और व्यक्ति को लगता है कि सारी कायनात उसके विरुद्ध हो गई है। इसका उपयोग उन परिस्थितियों में होता है जहाँ व्यक्ति को अपने जीवन में कई बाधाओं और मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।
उदाहरण: अभय की नौकरी छूट जाने के बाद से ही उसकी जिंदगी में गर्दिश-ए-जमाना आ गया है।

706. मुहावरा – जमाने का दस्तूर
अर्थ: “जमाने का दस्तूर” का अर्थ है “समय की प्रचलित परंपरा या रिवाज”। इसका उपयोग उन परिस्थितियों में होता है जहाँ किसी चीज को यह कहकर स्वीकार कर लिया जाता है कि यह तो लंबे समय से चली आ रही प्रथा है या यह समाज में स्थापित एक नियम है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर उन स्थितियों में किया जाता है जहाँ व्यक्ति कोई परंपरा या रीति को बिना प्रश्न किए निभाता है, या जब किसी सामाजिक या पारिवारिक दबाव के कारण कुछ करना पड़ता है। यह अक्सर समझौता या अनिच्छुक स्वीकृति के संदर्भ में इस्तेमाल होता है।
उदाहरण: विकास ने अपने पिता की इच्छा के अनुसार व्यवसाय में कदम रखा, क्योंकि यही जमाने का दस्तूर था।

707. मुहावरा – जमाना लद जाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई खास समय या युग बीत चुका है या समाप्त हो चुका है। यह उन परिस्थितियों या युगों के अंत को दर्शाता है जो अब और नहीं रहे।
प्रयोग: “जमाना लद जाना” मुहावरे का इस्तेमाल तब होता है जब किसी पुराने दौर, रिवाज, प्रथा या चलन की समाप्ति की बात की जाती है। इसका प्रयोग उन चीजों के संदर्भ में होता है जो अब प्रचलन में नहीं हैं।
उदाहरण: अब तो खत लिखने का जमाना लद गया है, सब कुछ डिजिटल हो गया है।

708. मुहावरा – भाड़े का टट्टू
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है ऐसा व्यक्ति जिसका उपयोग केवल एक विशेष समय या परिस्थिति के लिए किया जाता है और फिर उसे भुला दिया जाता है। यहाँ “भाड़े का टट्टू” का अर्थ है किसी कार्य के लिए किराए पर लिया गया घोड़ा, जिसका उपयोग तब तक ही होता है जब तक वह कार्य समाप्त नहीं हो जाता।
प्रयोग: यह मुहावरा उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ किसी व्यक्ति का उपयोग सीमित समय या उद्देश्य के लिए होता है और बाद में उसे अनदेखा कर दिया जाता है।
उदाहरण: किसी कंपनी में यदि कोई कर्मचारी केवल एक विशेष प्रोजेक्ट के लिए रखा गया हो और प्रोजेक्ट समाप्त होने के बाद उसे नौकरी से निकाल दिया जाए, तो इस स्थिति को व्यक्त करने के लिए कहा जा सकता है, “उसे तो भाड़े का टट्टू बनाया गया था।”

709. मुहावरा – टट्टी की ओट में शिकार खेलना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी छिपी हुई जगह से या छुपकर किसी कार्य को करना। यहाँ “टट्टी” एक प्रकार की छोटी झाड़ी या बाधा का प्रतीक है, जिसकी ओट में छिपकर शिकार किया जाता है। इसका उपयोग किसी चालाकी या छल से किए गए कार्य के लिए किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ कोई व्यक्ति गुप्त रूप से और छल से किसी कार्य को अंजाम देता है।
उदाहरण: किसी कंपनी में यदि कोई कर्मचारी अपने बॉस की पीठ पीछे उसके खिलाफ साजिश करता है, तो इस स्थिति को व्यक्त करने के लिए कह सकते हैं, “विनीत तो टट्टी की ओट में शिकार खेल रहा है।”

710. मुहावरा – टके सेर भाजी, टके सेर खाजा
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है, एक टके की कीमत में सेर भर भाजी और सेर भर खाजा मिलना। यानी दोनों चीजों की कीमत समान होना, जो वास्तविकता में संभव नहीं है क्योंकि खाजा एक मिठाई है और भाजी एक साधारण सब्जी। इसका व्यापक अर्थ है कि जहां नेतृत्व कमजोर या मूर्खतापूर्ण होता है, वहां मूल्यों और न्याय की कमी होती है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां अन्याय और असंगति का वातावरण हो। यह उन स्थितियों को दर्शाता है जहां नेतृत्व के अभाव में सब कुछ अर्थहीन प्रतीत होता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक कंपनी में नेतृत्व करने वाला व्यक्ति योग्य नहीं है, और उसके फैसले से कंपनी का माहौल खराब हो रहा है, तब हम कह सकते हैं, “इस कंपनी में तो टके सेर भाजी, टके सेर खाजा वाली बात हो रही है।”

711. मुहावरा – झोली में डालना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है बिना किसी महत्वपूर्ण प्रयत्न या कठिनाई के कुछ प्राप्त करना। इसका उपयोग उन स्थितियों में होता है जहां व्यक्ति बिना कठिन परिश्रम के लाभ उठाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग व्यापार, नौकरी, शिक्षा, या व्यक्तिगत जीवन में होता है, जब किसी को अनायास ही कुछ लाभ मिल जाता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यक्ति ने बिना किसी प्रयास के एक बड़ी राशि का लॉटरी जीत लिया। इस स्थिति को “झोली में डालना” कहा जा सकता है।

712. मुहावरा – झमेला खड़ा कर देना
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी स्थिति में अनावश्यक तनाव या उलझन पैदा करना। इसका उपयोग उन मामलों में होता है जहां व्यक्ति या घटना के कारण स्थिति और अधिक जटिल हो जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का अक्सर व्यापार, पारिवारिक विवाद, सामाजिक संघर्ष आदि में प्रयोग होता है, जहां अनावश्यक रूप से समस्याएं उत्पन्न की जाती हैं।
उदाहरण: मान लीजिए, एक कार्यालय में एक कर्मचारी द्वारा अनावश्यक तर्क-वितर्क करने से एक बड़ा झमेला खड़ा हो गया, जिससे कामकाज में बाधा आई।

713. मुहावरा – जहर ही जहर को काटता है
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जहर (समस्या या बुराई) को केवल जहर (समान प्रकृति का समाधान) ही समाप्त कर सकता है। इसका उपयोग अक्सर उन स्थितियों में किया जाता है जहां पारंपरिक या सामान्य समाधान काम नहीं करते।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में होता है जहां एक विशेष प्रकार की चुनौती या समस्या का सामना करने के लिए समान प्रकृति की रणनीति या समाधान का इस्तेमाल किया जाता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक कंपनी का प्रतिद्वंद्वी कंपनी उसके व्यापार को नकली उत्पादों के माध्यम से हानि पहुंचा रहा है। ऐसे में, पहली कंपनी ने भी अपने उत्पादों की गुणवत्ता और मार्केटिंग में नवाचार करके प्रतिस्पर्धी के खिलाफ एक प्रभावी युद्धाभ्यास किया। यहां, “जहर ही जहर को काटता है” मुहावरे का उपयोग होता है।

714. मुहावरा – टांके उधेड़ना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – टांके (सिलाई) को खोलना या उधेड़ना। अलंकारिक रूप से, इसका अर्थ है पुरानी बातों को फिर से सामने लाना, जिससे अक्सर विवाद या अनबन की स्थिति बनती है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर या अनजाने में पुरानी घटनाओं या मुद्दों को दोबारा उठाता है, जिससे कि वर्तमान में तनाव या विवाद पैदा हो।
उदाहरण: मान लीजिए, दो दोस्तों के बीच किसी बात पर पहले कोई विवाद हुआ था और वह सुलझ गया था। परंतु, एक दोस्त फिर से वही विवादित बात उठाता है, तो कहा जा सकता है कि वह “टांके उधेड़ रहा है।”

715. मुहावरा – टांके उधेड़ना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – टांके (सिलाई) को खोलना या उधेड़ना। अलंकारिक रूप से, इसका अर्थ है पुरानी बातों को फिर से सामने लाना, जिससे अक्सर विवाद या अनबन की स्थिति बनती है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति जानबूझकर या अनजाने में पुरानी घटनाओं या मुद्दों को दोबारा उठाता है, जिससे कि वर्तमान में तनाव या विवाद पैदा हो।
उदाहरण: मान लीजिए, दो दोस्तों के बीच किसी बात पर पहले कोई विवाद हुआ था और वह सुलझ गया था। परंतु, एक दोस्त फिर से वही विवादित बात उठाता है, तो कहा जा सकता है कि वह “टांके उधेड़ रहा है।”

716. मुहावरा – झाड़ू फिर जाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी स्थान या परिस्थिति से सभी प्रकार की अवांछनीय चीजों का पूर्ण रूप से सफाया कर देना। यह शाब्दिक रूप से झाड़ू के माध्यम से सफाई करने की क्रिया को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी स्थान या परिस्थिति से सम्पूर्ण रूप से अवांछित तत्वों को हटाया जाता है। यह अक्सर तब इस्तेमाल होता है जब कोई संगठन, घर, या समाज से नकारात्मकता या अवांछित तत्वों को दूर किया जाता है।
उदाहरण: सरकार ने जब से सत्ता संभाली है, उन्होंने भ्रष्टाचार पर ‘झाड़ू फिर जाने’ की नीति अपनाई है।

717. मुहावरा – बिल्ली के भाग से छींका टूटना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी व्यक्ति को अप्रत्याशित रूप से और बिना किसी खास कारण के लाभ होता है। यह उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ व्यक्ति का योगदान या प्रयास नगण्य होता है, फिर भी उसे लाभ मिलता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति बिना किसी मेहनत या योगदान के लाभान्वित होता है। उदाहरण के लिए, यदि किसी व्यक्ति को अचानक विरासत में धन मिल जाता है, तो इसे “बिल्ली के भाग से छींका टूटना” कहा जा सकता है।
उदाहरण: नियांत को जब उसके चाचा ने अपनी पूरी संपत्ति उसे दे दी, तो सभी ने कहा कि यह तो ‘बिल्ली के भाग से छींका टूटना’ जैसा है।

718. मुहावरा – औंधी खोपड़ी
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी की समझदारी या बुद्धि में कमी होना। यह व्यक्ति के गलत निर्णय लेने या अनुचित तरीके से व्यवहार करने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
प्रयोग: इसे अक्सर व्यंग्यात्मक रूप में प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति बहुत ही मूर्खतापूर्ण या अव्यावहारिक काम करता है।
उदाहरण: अभय ने फिर से अपने धन को बिना सोचे-समझे एक बेकार योजना में निवेश कर दिया, लगता है उसकी खोपड़ी औंधी है। इस उदाहरण में, अभय के गैर-जिम्मेदाराना निवेश को ‘औंधी खोपड़ी’ का प्रयोग करके व्यक्त किया गया है।

720. मुहावरा – खोपड़ी खुजलाना
अर्थ: “खोपड़ी खुजलाना” का शाब्दिक अर्थ है सिर को खुजलाना, लेकिन इसका लाक्षणिक अर्थ है किसी जटिल समस्या पर गहराई से सोच-विचार करना।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को कोई जटिल समस्या सुलझाने के लिए गहन चिंतन करना पड़ता है।
उदाहरण: अनुज ने जब से अपना नया व्यापार शुरू किया है, उसे हर दिन खोपड़ी खुजलानी पड़ती है। इस उदाहरण में, अनुज को अपने नए व्यापार से जुड़ी जटिल समस्याओं पर विचार करने के लिए खोपड़ी खुजलानी पड़ रही है।

721. मुहावरा – मौत सिर पर खेलना
अर्थ: “मौत सिर पर खेलना” का अर्थ है किसी ऐसी स्थिति में होना जहां व्यक्ति की जान को गंभीर खतरा हो। यह मुहावरा जीवन के उन पलों को दर्शाता है जहां व्यक्ति अपने जीवन को सीधे खतरे में डाल देता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी को अत्यंत जोखिम भरे और खतरनाक कार्यों में संलग्न देखा जाता है।
उदाहरण: समुद्री तूफान में मछली पकड़ने जाना वास्तव में ‘मौत सिर पर खेलना’ है।

722. मुहावरा – खेल बिगाड़ना
अर्थ: “खेल बिगाड़ना” का अर्थ है किसी काम, योजना या स्थिति में बाधा डालना या उसे बिगाड़ देना ताकि वह सफल न हो सके। यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति या परिस्थिति किसी योजना या उम्मीद के विपरीत कार्य करती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति या स्थिति जानबूझकर या अनजाने में किसी योजना या कार्य में रुकावट या बाधा उत्पन्न करता है।
उदाहरण: विनीत ने अपने भाई के व्यापार में ऐसी बाधाएं उत्पन्न कीं कि उसका खेल बिगड़ गया।

723. मुहावरा – सिर पर खून सवार होना
अर्थ: मुहावरे “सिर पर खून सवार होना” का शाब्दिक अर्थ है कि किसी के सिर पर खून चढ़ जाना, यानी अत्यधिक गुस्से में आना। इसका प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति क्रोध के कारण अपना नियंत्रण खो देता है और उसके व्यवहार में तीव्र परिवर्तन आ जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जब किसी व्यक्ति का गुस्सा चरम सीमा पर होता है और वह बेहद आक्रामक हो जाता है।
उदाहरण: जब अभय को पता चला कि उसकी नई कार को किसी ने खरोंच दी है, तो उसके सिर पर खून सवार हो गया।

724. मुहावरा – खून सफेद होना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति का इतना अधिक डर जाना कि उसके चेहरे का रंग फीका पड़ जाए और वह सामान्य से बिल्कुल विपरीत प्रतिक्रिया देने लगे। यह अक्सर उस समय प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अत्यंत भयभीत या आतंकित होता है।
प्रयोग: जब किसी को अत्यधिक डर या चिंता का सामना करना पड़ता है, और उसका साहस और उत्साह समाप्त हो जाता है, तो इस स्थिति को “खून सफेद होना” के मुहावरे से व्यक्त किया जाता है।
उदाहरण: जब शुभ ने उस भयानक हादसे के बारे में सुना, तो उसका खून सफेद हो गया।

725. मुहावरा – तह तक पहुँचना
अर्थ: “तह तक पहुँचना” का शाब्दिक अर्थ है – किसी बात की गहराई या सबसे निचले स्तर तक पहुँचना। यह मुहावरा विस्तार से समझने, गहन अन्वेषण करने या किसी मसले की जड़ तक जाने की बात को व्यक्त करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति या समूह किसी समस्या का समाधान खोजने के लिए उसके मूल कारणों की खोज कर रहा हो। यह गहन अध्ययन या शोध कार्य के संदर्भ में भी प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: वैज्ञानिकों ने इस बीमारी की तह तक पहुँचने के लिए वर्षों शोध किया।

726. मुहावरा – मुँह पर बारह बजना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है बहुत ज्यादा आश्चर्य या चकित होना। “मुँह पर बारह बजना” शब्दशः का अर्थ है ऐसी स्थिति जब व्यक्ति बहुत ज्यादा हैरान या परेशान होता है, मानो उसके चेहरे पर घड़ी की सुइयाँ बारह पर आ गई हों।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर उस समय होता है जब किसी व्यक्ति को अप्रत्याशित खबर या परिणाम का सामना करना पड़ता है। यह अक्सर नकारात्मक स्थितियों में इस्तेमाल होता है।
उदाहरण: जब विकास को बिना चेतावनी के उसकी नौकरी से निकाल दिया गया, तो उसके मुँह पर बारह बज गए।

727. मुहावरा – ढाई चुल्लू लहू पीना
अर्थ: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को बहुत ही कठोर तरीके से सजा दी जाती है या जब किसी को अत्यधिक पीड़ा दी जाती है। यहां ‘लहू पीना’ का अर्थ है किसी को इतना यातना देना कि वह मानसिक रूप से पूर्णतः टूट जाए।
प्रयोग: यह मुहावरा उस दर्दनाक स्थिति का वर्णन करता है जहां व्यक्ति को बहुत कठोर सजा मिलती है, चाहे वह शारीरिक हो या मानसिक। इसका उपयोग अक्सर उन परिस्थितियों में होता है जहां इंसाफ के नाम पर क्रूरता दिखाई जाती है।
उदाहरण: जब चोर को पकड़ा गया और उसे सार्वजनिक रूप से सजा दी गई, तो उसके लिए यह ‘ढाई चुल्लू लहू पीने’ जैसा था।

728. मुहावरा – डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाना
अर्थ: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है, जहाँ कोई व्यक्ति बहुत कम संसाधनों या योगदान से किसी बड़े या महत्वपूर्ण कार्य को संपन्न करने का प्रयास करता है। यह मुहावरा अक्सर व्यंग्यात्मक भाव में भी प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी के प्रयासों को उनके परिणामों की तुलना में अपर्याप्त माना जाता है। यह उन स्थितियों में भी प्रयोग होता है जहाँ किसी व्यक्ति को उनके काम के लिए अधिक महत्व दिया जाता है, जबकि उनका योगदान मामूली होता है।
उदाहरण: अनुभव ने अपने छोटे से योगदान के लिए इतनी प्रशंसा की अपेक्षा की, मानो उसने डेढ़ चावल की खिचड़ी पकाई हो।

729. मुहावरा – हरि अनंत, हरिकथा अनंता
अर्थ: “हरि अनंत, हरिकथा अनंता” का अर्थ है कि भगवान (हरि) अनंत हैं, और उनकी कथाएँ भी अनंत हैं। इसका यह भी अर्थ है कि कुछ विषय इतने विस्तृत और गहरे होते हैं कि उनका कोई अंत नहीं होता।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी विषय पर चर्चा या बातचीत बहुत लंबी चल रही हो और उसका कोई स्पष्ट निष्कर्ष न हो।
उदाहरण: जब वे राजनीति पर चर्चा कर रहे थे, तो उनमें से एक ने कहा, “हरि अनंत, हरिकथा अनंता, यह चर्चा कभी खत्म नहीं होगी।”

730. मुहावरा – शुक्रिया अदा करना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है “धन्यवाद देना” या “आभार प्रकट करना”। यह उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य के प्रति अपनी कृतज्ञता या आभार जताता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति दूसरे के उपकार, सहायता या समर्थन के लिए उसका धन्यवाद करना चाहता है। यह संवेदनशीलता और सम्मान की भावना को भी व्यक्त करता है।
उदाहरण: जब अमन ने मेरी परीक्षा की तैयारी में मदद की, तो मैंने उसका शुक्रिया अदा किया।

731. मुहावरा – फर्ज अदा करना
अर्थ: “फर्ज अदा करना” का अर्थ होता है किसी के नैतिक या सामाजिक दायित्व को पूरा करना। यह इदियम उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों को निष्ठा और समर्पण के साथ पूरा करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जहाँ किसी की जिम्मेदारियां उसके लिए अहम होती हैं और वह उन्हें पूरा करने के लिए प्रयासरत रहता है। यह व्यक्तिगत, पेशेवर, सामाजिक, या पारिवारिक जिम्मेदारियों के संदर्भ में हो सकता है।
उदाहरण: एक डॉक्टर के रूप में, विकास ने महामारी के दौरान अपना फर्ज अदा किया और अनगिनत जीवन बचाए।

732. मुहावरा – अथ से इति तक
अर्थ: “अथ से इति तक” का अर्थ होता है ‘शुरुआत से अंत तक’। यह मुहावरा किसी भी घटनाक्रम या कहानी की पूरी अवधि को संकेत करता है। “अथ” का अर्थ होता है ‘अब’, जो आरंभ का सूचक है, और “इति” का अर्थ होता है ‘इस प्रकार’, जो निष्कर्ष या समापन का प्रतीक है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी घटना, परियोजना, विचार या कहानी के पूरे विस्तार का वर्णन करना होता है। यह उस पूरी प्रक्रिया को दर्शाता है जिससे कुछ गुजरता है।
उदाहरण: यदि कोई अपनी जीवन यात्रा का वर्णन कर रहा है, तो वह कह सकता है, “मेरी जीवन यात्रा ‘अथ से इति तक’ विविध अनुभवों से भरी हुई है।” इसी तरह, कोई लेखक अपनी किताब के बारे में कह सकता है, “इस पुस्तक में ‘अथ से इति तक’ मैंने अपने विचारों को साझा किया है।”

733. मुहावरा – अटकलपच्चू
अर्थ: “अटकलपच्चू” का अर्थ होता है बिना सोचे-समझे या आधारहीन अनुमान लगाना। यह उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहाँ लोग किसी निश्चित जानकारी या प्रमाण के बिना ही निष्कर्ष निकाल लेते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर उन स्थितियों में किया जाता है जहाँ लोग अटकलें लगाते हैं या बिना पूरी जानकारी के किसी नतीजे पर पहुँचते हैं। इसका उपयोग व्यंग्य या आलोचना के संदर्भ में भी हो सकता है।
उदाहरण: विकास ने बिना सबूत के श्याम पर चोरी का आरोप लगा दिया, यह सरासर अटकलपच्चू है।

734. मुहावरा – अक्लमंद को इशारा काफी
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जो व्यक्ति समझदार और बुद्धिमान होते हैं, उन्हें ज्यादा समझाने की जरूरत नहीं होती। वे संक्षिप्त संकेतों या इशारों से ही सारी बात को समझ जाते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग किया जाता है जब किसी की समझदारी की प्रशंसा करनी हो या यह दर्शाना हो कि उन्हें विस्तार से कुछ नहीं समझाना पड़ता।
उदाहरण: जब मैंने सिर्फ इशारा किया, सुभाष तुरंत समझ गए; वाकई, अक्लमंद को इशारा काफी।

735. मुहावरा – विचारों का ताँता
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है विचारों की एक लंबी श्रृंखला जो बिना रुके चलती रहती है। इसे अंग्रेजी में “A train of thoughts” के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।
प्रयोग: इसका उपयोग विशेष रूप से तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति गहन चिंतन या मनन में लगा होता है। यह उन स्थितियों का वर्णन करता है जहां विचार एक के बाद एक निरंतर आते रहते हैं।
उदाहरण: जब अनुभव अपने भविष्य के बारे में सोच रहा था, तो उसके मन में विचारों का ताँता लगा रहा।

736. मुहावरा – अपनी लगाई आग में आप जल जाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति खुद की बनाई हुई परिस्थितियों या समस्याओं का शिकार हो जाता है। इसमें व्यक्ति स्वयं के कार्यों के परिणामों से प्रभावित होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने द्वारा किए गए कामों के नकारात्मक परिणामों से प्रभावित होता है, और उसके कार्यों से उसी को हानि होती है।
उदाहरण: मुनीश ने अपने प्रतिद्वंदी को नीचा दिखाने के लिए झूठी अफवाह फैलाई, लेकिन अंत में वह खुद ही उस अफवाह का शिकार हो गया। वह “अपनी लगाई आग में आप जल गया।”

737. मुहावरा – अपनी राम कहानी सुनाना
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है, किसी व्यक्ति का अपनी व्यक्तिगत कठिनाइयों और दुःख-दर्द की कहानी दूसरों को बताना। यह व्यक्तिगत संघर्षों की गहराई को दर्शाता है।
प्रयोग: जब कोई अपने जीवन की कठिनाइयों और चुनौतियों की कहानी किसी से साझा करता है, खासकर जब वह अपने दुःख-दर्द का वर्णन करता है, तो इसे “अपनी राम कहानी सुनाना” कहा जाता है।
उदाहरण: सुधीर ने अपने दोस्तों को अपनी जीवन की संघर्षों की कहानी सुनाई, जिसमें उसने अपनी “राम कहानी” सुनाई।

738. मुहावरा – आप बीती सुनाना
अर्थ: मुहावरे का सीधा मतलब है कि किसी व्यक्ति द्वारा उसके निजी जीवन की घटनाओं और अनुभवों को शेयर करना। यह अक्सर अंतरंगता और साझा करने की भावना से जुड़ा होता है।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति अपनी व्यक्तिगत कहानियां या अनुभव दूसरों के साथ साझा करता है, खासकर जब वह अपने अनुभवों से सीखने या दूसरों को सिखाने की बात करता है, तो इसे “आप बीती सुनाना” कहा जाता है।
उदाहरण: पूजा ने अपने मित्रों को अपनी विदेश यात्रा के अनुभव सुनाए। वह अपनी “आप बीती” सुना रही थी।

739. मुहावरा – अपनी बात का धनी
अर्थ: इस मुहावरे का मतलब है कि कोई व्यक्ति जो अपने वादों और प्रतिज्ञाओं को पूरा करने में सक्षम हो। यह विश्वास, ईमानदारी और नैतिकता की गहराई को दर्शाता है।
प्रयोग: जब किसी व्यक्ति की प्रतिबद्धता और ईमानदारी की सराहना करनी हो या उसकी विश्वसनीयता का उल्लेख करना हो, तब यह मुहावरा प्रयोग में लाया जाता है।
उदाहरण: अभय ने अपने दोस्त को वादा किया कि वह उसकी मदद करेगा और उसने ऐसा ही किया। अभय वास्तव में “अपनी बात का धनी” है।

740. मुहावरा – अपनी नींद सोना और अपनी नींद जगना
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि व्यक्ति को अपनी इच्छानुसार जीवन जीने का अधिकार है। यह आत्म-सम्मान और स्वतंत्रता की ओर संकेत करता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब उपयोगी होता है जब हमें यह दर्शाना हो कि किसी को अपने जीवन के फैसले खुद करने चाहिए और दूसरों के अनुसार नहीं चलना चाहिए।
उदाहरण: अमन ने अपने करियर का फैसला खुद लिया, भले ही उसके माता-पिता चाहते थे कि वह डॉक्टर बने। वह कहता है, “मुझे अपनी नींद सोना और अपनी नींद जगना पसंद है।”

741. मुहावरा – अपना तोसा, अपना भरोसा
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है, “अपना काम, अपना विश्वास।” यह व्यक्ति को स्वायत्तता और आत्म-संतुष्टि की ओर प्रेरित करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी को यह समझाना होता है कि अपने कामों को स्वयं करना चाहिए और दूसरों पर निर्भर नहीं रहना चाहिए।
उदाहरण: सुभाष अपने व्यापार में सफल हुआ क्योंकि वह हमेशा अपने फैसले खुद करता था। वह अक्सर कहता, “अपना तोसा, अपना भरोसा।”

742. मुहावरा – अपना नीगर पराया टींगर
अर्थ: “अपना नीगर पराया टींगर” का अर्थ है कि अपने हित की रक्षा करना और दूसरों की गलतियों पर नजर रखना। यह मुहावरा उस स्थिति का वर्णन करता है जहां व्यक्ति अपने लाभ के लिए कार्य करता है और दूसरों की त्रुटियों की ओर ध्यान देता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब कोई अपनी स्वार्थी प्रवृत्ति दिखाता है और दूसरों की कमियों पर नजर रखता है।
उदाहरण: सुधीर ने अपने पड़ोसी की छोटी-छोटी गलतियों पर तो ध्यान दिया, पर अपनी गलतियों से आँखें मूंद लीं। यही तो “अपना नीगर पराया टींगर” का उदाहरण है।

743. मुहावरा – आबरू में बट्टा लगाना
अर्थ: “आबरू में बट्टा लगाना” का अर्थ होता है किसी की प्रतिष्ठा या सम्मान में कमी लाना। यह तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति की गलतियों या अनुचित कार्यों के कारण उसके चरित्र या सम्मान में कमी आती है।
प्रयोग: यह कहावत अक्सर उस स्थिति में प्रयोग की जाती है जब किसी की गलतियां उसके या उसके परिवार की प्रतिष्ठा को प्रभावित करती हैं।
उदाहरण: मान लीजिए, एक विद्यार्थी ने परीक्षा में नकल की और वह पकड़ा गया। इससे उसके और उसके परिवार की आबरू में बट्टा लग गया और लोगों ने उनके प्रति सम्मान कम कर दिया।

744. मुहावरा – आबरू खाक में मिलाना
अर्थ: “आबरू खाक में मिलाना” का अर्थ होता है अपनी या किसी और की प्रतिष्ठा या सम्मान को नष्ट कर देना। यह आमतौर पर तब इस्तेमाल होता है जब किसी की गलतियों या कुकर्मों के कारण उसकी इज्जत को भारी नुकसान पहुंचता है।
प्रयोग: इस कहावत का उपयोग आमतौर पर नकारात्मक संदर्भ में किया जाता है, जब किसी व्यक्ति की कार्रवाईयाँ उसके या उसके परिवार की इज्जत को कम कर देती हैं।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यवसायी ने अपने व्यापार में धोखाधड़ी की और पकड़ा गया। इससे उसके परिवार की आबरू खाक में मिल गई और उन्हें समाज में शर्मिंदगी उठानी पड़ी।

745. मुहावरा – आपकी सीख आपको मुबारक
अर्थ: “आपकी सीख आपको मुबारक” का अर्थ है कि यदि कोई व्यक्ति दूसरों की सलाह या सुझाव को अनसुना करता है और अपने तरीके से कार्य करना चाहता है, तो उसे अपने तरीके से ही कार्य करने देना चाहिए। इस कहावत का उपयोग अक्सर विडंबना के रूप में किया जाता है।
प्रयोग: यह कहावत तब प्रयोग की जाती है जब किसी को उसकी जिद्द के लिए उसके नतीजे भुगतने की छूट दी जाती है। यह एक प्रकार का संकेत है कि यदि व्यक्ति किसी अच्छी सलाह को नहीं मानता, तो उसे अपने निर्णय के परिणामों का सामना खुद करना पड़ेगा।
उदाहरण: मान लीजिए, एक छात्र को उसके शिक्षक ने परीक्षा की तैयारी के लिए समय से पढ़ाई शुरू करने की सलाह दी, परंतु छात्र ने शिक्षक की सलाह को अनदेखा किया। ऐसी स्थिति में कहा जा सकता है “आपकी सीख आपको मुबारक”।

746. मुहावरा – आप सुखी जहान सुखी
अर्थ: “आप सुखी जहान सुखी” का शाब्दिक अर्थ है, “जब आप खुश होते हैं, तो पूरी दुनिया खुश लगती है”। यह कहावत यह दर्शाती है कि व्यक्ति की आंतरिक खुशी उसके बाहरी जगत के अनुभवों को प्रभावित करती है।
प्रयोग: इस कहावत का उपयोग यह समझाने के लिए किया जाता है कि व्यक्तिगत संतोष और आत्म-संतुष्टि ही आसपास के वातावरण और संबंधों में सुख और सद्भाव लाते हैं।
उदाहरण: मान लीजिए एक व्यक्ति अपने काम में खुश है, तो उसकी यह खुशी उसके पारिवारिक जीवन में भी परिलक्षित होती है। उसकी सकारात्मकता और खुशी का प्रभाव उसके आसपास के लोगों पर भी पड़ता है।

747. मुहावरा – आप बुरा जग बुरा
अर्थ: “आप बुरा जग बुरा” का अर्थ होता है कि यदि आपका नजरिया नकारात्मक है, तो आपको संसार भी बुरा लगेगा। इसका उलट, यदि आपका दृष्टिकोण सकारात्मक है, तो दुनिया भी अच्छी लगती है।
प्रयोग: यह कहावत व्यक्तियों को यह समझाने के लिए प्रयोग की जाती है कि उनका नजरिया ही उनके अनुभवों को प्रभावित करता है। यह उन्हें आशावादी और सकारात्मक बनने के लिए प्रेरित करता है।
उदाहरण: मान लीजिए एक व्यक्ति हमेशा दूसरों में कमियां निकालता है और नकारात्मकता में जीता है। उसे यह कहावत याद दिलाई जा सकती है कि “आप बुरा जग बुरा”, यानी उसका नकारात्मक नजरिया ही उसे सब कुछ बुरा दिखा रहा है।

748. मुहावरा – खुद लिखे खुदा बांचे
अर्थ: “आप भला तो जग भला” का अर्थ है कि यदि आपका मन और आत्मा शांत और संतुष्ट हैं, तो आपके लिए दुनिया के सभी पहलू अच्छे लगते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम दूसरों को यह समझाना चाहते हैं कि आत्म-संतुष्टि और खुशी व्यक्ति के नजरिए को कैसे प्रभावित करती है।
उदाहरण: अनुभव हमेशा खुश रहता है और उसका मानना है कि “आप भला तो जग भला”।

749. मुहावरा – आनाकानी करना
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी काम को करने में देरी करना या उसे न करने के बहाने ढूंढना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को किसी कार्य को करने की इच्छा न हो और वह उसे टालने की कोशिश करे।
उदाहरण: जब भी विकास से उसके ऑफिस के काम के बारे में पूछा जाता है, वह आनाकानी करने लगता है।

750. मुहावरा – आनन-फानन में
अर्थ: इस मुहावरे का सामान्य अर्थ है किसी कार्य को बहुत तेजी और अचानक से करना, अक्सर बिना ठोस योजना के।
प्रयोग: “आनन-फानन में” का प्रयोग उन स्थितियों में किया जाता है जहां तत्काल कार्रवाई की जरूरत होती है या जब कोई व्यक्ति बिना पूरी तरह सोचे-समझे कोई कदम उठा लेता है।
उदाहरण: आग लगने की खबर सुनकर, उसने आनन-फानन में अपना घर छोड़ दिया।

751. मुहावरा – आटे-दाल की फिक्र
अर्थ: ‘आटे-दाल की फिक्र’ का शाब्दिक अर्थ है आटे और दाल की चिंता करना, जो भारतीय संदर्भ में बुनियादी खाद्य सामग्री का प्रतिनिधित्व करता है। यह मुहावरा जीवन की बुनियादी और दैनिक जरूरतों की ओर संकेत करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब होता है जब किसी को अपनी दैनिक आवश्यकताओं की चिंता हो या जब वह आर्थिक रूप से कठिनाई में हो।
उदाहरण: मुनीश किसान है और उसके लिए रोज की आटे-दाल की फिक्र रहती है।

752. मुहावरा – आगे की राम जाने
अर्थ: इस मुहावरे का सामान्य अर्थ है कि भविष्य के बारे में कुछ भी कहना कठिन है और इसका निर्धारण केवल ईश्वर के हाथ में है।
प्रयोग: इसका प्रयोग अक्सर तब होता है जब लोग अनिश्चित भविष्य की स्थितियों का सामना कर रहे होते हैं या जब वे अपनी नियति पर विचार कर रहे होते हैं।
उदाहरण: अनुभव ने अपनी नई नौकरी के बारे में कहा, “मैंने अपना सर्वश्रेष्ठ दिया है, आगे की राम जाने।”

753. मुहावरा – इंतकाल होना
अर्थ: “इंतकाल होना” का अर्थ होता है किसी का देहांत हो जाना या मृत्यु हो जाना। यह शब्द उर्दू भाषा से आया है और हिंदी में भी इसका प्रचलन है। इस मुहावरे में मृत्यु को एक सूक्ष्म और सम्मानजनक तरीके से व्यक्त किया गया है।
प्रयोग: “इंतकाल होना” मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी की मृत्यु की बात को सूक्ष्मता और सम्मान के साथ व्यक्त करना हो। यह अक्सर औपचारिक और संवेदनशील संदर्भों में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: कल रात महान कवि श्री प्रेमचंद्र जी का इंतकाल हो गया।

754. मुहावरा – आशा निराशा में गोते लगाना
अर्थ: “आशा निराशा में गोते लगाना” मुहावरे का अर्थ है लगातार आशा और निराशा के बीच झूलना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जहां व्यक्ति कभी आशान्वित होता है तो कभी निराश। यह मुहावरा जीवन की अनिश्चितताओं और उसके द्वंद्वात्मक स्वभाव को प्रकट करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां व्यक्ति को किसी परिणाम की अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है। उदाहरण के लिए, किसी परीक्षा के परिणाम का इंतजार करते समय छात्र अक्सर आशा और निराशा के बीच झूलते हैं।
उदाहरण: विकास ने नौकरी के लिए साक्षात्कार दिया और अब वह आशा निराशा में गोते लगा रहा है।

755. मुहावरा – ईमान बेचना
अर्थ: यह मुहावरा उस स्थिति को बयान करता है जहाँ कोई व्यक्ति लाभ के लिए अपने नैतिक सिद्धांतों को त्याग देता है। यह आमतौर पर नकारात्मक संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां व्यक्ति लालच या स्वार्थ के कारण अपनी नैतिकता को त्याग देता है।
उदाहरण: जब प्रथम ने अपने मित्र को धोखा देकर पैसे कमाए, तो उसके दादाजी ने कहा, “तूने तो ईमान बेच दिया।”

756. मुहावरा – इज्जत से खेलना
अर्थ: “इज्जत से खेलना” का अर्थ है किसी की सम्मान या प्रतिष्ठा के साथ खिलवाड़ करना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति या समूह जान-बूझकर दूसरे की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है या उसके सम्मान को कम करने का प्रयास करता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा या इज्जत पर हमला किया जाता है। यह अक्सर राजनीति, सामाजिक विवादों, और व्यक्तिगत संबंधों में देखा जाता है।
उदाहरण: चुनावी मुहिम के दौरान एक उम्मीदवार ने दूसरे उम्मीदवार की इज्जत से खेलने की कोशिश की।

757. मुहावरा – इस कान सुनना उस कान उड़ा देना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी बात को एक कान से सुनकर दूसरे कान से उड़ा देना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब व्यक्ति किसी सलाह या चेतावनी को सुनता तो है लेकिन उस पर ध्यान नहीं देता।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में उपयोगी होता है जहां व्यक्ति जानकारी या सलाह को अनदेखा कर देता है, चाहे वह शिक्षा, व्यापार, स्वास्थ्य या नैतिक निर्देश हो।
उदाहरण: मान लीजिए, एक विद्यार्थी को उसके शिक्षक ने पढ़ाई में ध्यान देने की सलाह दी, लेकिन विद्यार्थी ने उसे अनसुना कर दिया। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि विद्यार्थी ने शिक्षक की बात “इस कान सुनी और उस कान उड़ा दी”।

758. मुहावरा – पापा की परी
अर्थ: “पापा की परी” का अर्थ है वह बेटी जिसे उसके पिता बहुत प्यार करते हैं और उसे बहुत लाड़-प्यार देते हैं। यह मुहावरा आमतौर पर उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है जब एक पिता अपनी बेटी को बहुत खास और महत्वपूर्ण समझता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब एक पिता अपनी बेटी के प्रति अपने प्रेम और स्नेह का प्रदर्शन करता है। यह उस स्नेहमयी बंधन को दर्शाता है जो एक पिता और उसकी बेटी के बीच होता है।
उदाहरण: अनन्या अपने पापा की परी है, वह जो भी चाहे, उसे मिल जाता है।

759. मुहावरा – दाँत से कौड़ी पकड़ना
अर्थ: “दाँत से कौड़ी पकड़ना” का अर्थ होता है बहुत अधिक कंजूसी करना या पैसे को बहुत ही कसकर पकड़े रखना। यह मुहावरा उन व्यक्तियों पर लागू होता है जो अपने पैसे को बहुत ही मितव्ययिता से खर्च करते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की अत्यधिक कंजूसी का वर्णन करना होता है।।
उदाहरण: प्रेमचंद्र हर छोटी-बड़ी चीज़ पर पैसे बचाने की कोशिश करता है, वह सच में ‘दाँत से कौड़ी पकड़ता है’।

760. मुहावरा – एक आवे के बर्तन हैं
अर्थ: “एक आवे के बर्तन हैं” का अर्थ है कि यदि किसी के पास केवल एक संसाधन या उपकरण है, तो वह उसका अत्यंत सावधानी से और बुद्धिमानी से उपयोग करेगा।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर उन स्थितियों में किया जाता है जहां किसी व्यक्ति को अपने सीमित संसाधनों के साथ ही काम चलाना पड़ता है।
उदाहरण: एक छोटे व्यवसायी के पास जो सीमित पूंजी है, वह उसे बहुत ही सोच-समझकर और सावधानी से निवेश करता है, तो कह सकते हैं कि उसके लिए “एक आवे के बर्तन हैं”।

761. मुहावरा – लश्‍कर में ऊंट बदनाम
अर्थ: “लश्‍कर में ऊंट बदनाम” का अर्थ होता है कि जब किसी समूह में सभी गलत कार्य कर रहे हों, परंतु दोष केवल एक ही व्यक्ति या वस्तु को दिया जाता है। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ एक व्यक्ति या चीज सभी की गलतियों के लिए बदनाम हो जाती है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां एक ही व्यक्ति या वस्तु को अन्यायपूर्ण ढंग से सारे दोषों के लिए निशाना बनाया जाता है।
उदाहरण: कंपनी में हुए नुकसान के लिए सभी ने मैनेजर को दोषी ठहराया, लेकिन असल में यह गलती सभी की थी। यहाँ मैनेजर ‘लश्‍कर में ऊंट बदनाम’ की स्थिति में था।

762. मुहावरा – ऊँट मक्का को ही भागता है
अर्थ: इस मुहावरे का सामान्य अर्थ है कि कोई व्यक्ति या प्राणी अपनी स्वभाविक प्रवृत्तियों या आदतों से बाहर नहीं जा सकता। जैसे ऊँट स्वाभाविक रूप से मक्का की ओर आकर्षित होता है, वैसे ही मनुष्य भी अपनी प्राकृतिक प्रवृत्तियों से बच नहीं सकता।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम किसी व्यक्ति की निरंतर समान प्रवृत्ति या आदतों की ओर इशारा करना चाहते हैं, खासकर तब जब वे आदतें उसके स्वभाव का हिस्सा हों।
उदाहरण: विकास हर समय झूठ बोलता है, वाकई ऊँट मक्का को ही भागता है।

763. मुहावरा – ऊँट की चोरी और नीचे-नीचे
अर्थ: “ऊँट की चोरी और नीचे-नीचे” मुहावरे का अर्थ होता है बड़े और स्पष्ट अपराध को छिपाने का असफल प्रयास। यह उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहाँ कोई व्यक्ति बड़ी गलती या अपराध करता है और फिर उसे छुपाने की नाकाम कोशिश करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति द्वारा किए गए बड़े गलती या अपराध को छुपाने की असफल कोशिश की जा रही हो।
उदाहरण: मंत्री जी ने भ्रष्टाचार के मामले में अपनी भागीदारी को छुपाने की कोशिश की, लेकिन सच तो ऊँट की चोरी और नीचे-नीचे जैसा था।

764. मुहावरा – ऊँचे बोल का मुँह नीचा
अर्थ: इस कहावत का शाब्दिक अर्थ है कि जो लोग अहंकारी होते हैं और उच्च स्वर में बात करते हैं, उनका अंत में पतन होता है। यह मुहावरा उन लोगों के लिए एक सबक है जो अपने अहंकार में अंधे हो जाते हैं और दूसरों को कम आंकते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने आपको बहुत शक्तिशाली या महत्वपूर्ण समझता है और दूसरों को नीचा दिखाने की कोशिश करता है। इसे अक्सर चेतावनी के रूप में भी उपयोग किया जाता है।
उदाहरण: राजनीति में अक्सर देखा जाता है कि जो नेता अपने भाषणों में ऊँचे बोल बोलते हैं और जनता को कम आंकते हैं, वे अंततः चुनावों में हार जाते हैं। यहाँ “ऊँचे बोल का मुँह नीचा” मुहावरा उनके पतन को स्पष्ट रूप से दर्शाता है।

765. मुहावरा – उधेड़-बुन में रहना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी चीज़ को बार-बार उधेड़ना और बुनना, यानी बार-बार विचार करना। यह व्यक्ति के अंतर्मन की उस अवस्था का वर्णन करता है जहाँ वह निरंतर सोच-विचार में लगा रहता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब होता है जब किसी को अपने विचारों और चिंताओं में अत्यधिक डूबा हुआ दिखाना हो। यह अक्सर अनिर्णय की स्थिति को दर्शाता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यापारी को नए व्यवसाय के अवसर पर निर्णय लेना है, लेकिन वह संभावित जोखिमों को लेकर चिंतित है। इसलिए वह हमेशा “उधेड़-बुन में रहता है”।

766. मुहावरा – एक की दो कहना
अर्थ: “एक की दो कहना” का शाब्दिक अर्थ है किसी एक चीज को दो के रूप में बताना। लेकिन वास्तव में, इसका प्रयोग किसी बात को ज्यादा महत्वपूर्ण या बड़ा बनाकर पेश करने के लिए होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी बात, घटना या अनुभव को उसके वास्तविक स्वरूप से अधिक बढ़ा-चढ़ाकर पेश करता है। यह अक्सर अतिशयोक्ति या अतिरंजना के रूप में इस्तेमाल होता है।
उदाहरण: विकास ने अपनी यात्रा के बारे में ऐसा वर्णन किया कि मानो वह किसी स्वर्गीय स्थान पर गया हो, वह हमेशा “एक की दो कहता है।”

767. मुहावरा – एक की चार लगाना
अर्थ: “इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी सामान्य स्थिति या घटना को बहुत अधिक बढ़ा-चढ़ाकर प्रस्तुत करता है, जिससे कि वह अधिक उत्तेजित या आकर्षक लगे। यह प्रायः नकारात्मक संदर्भ में इस्तेमाल होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी छोटी बात को बहुत बड़ा बनाकर पेश करता है, चाहे वह व्यक्तिगत बातचीत में हो या सार्वजनिक रूप से। उदाहरण के लिए, किसी छोटी असुविधा को बड़े संकट के रूप में प्रस्तुत करना।
उदाहरण: विकास ने अपनी छोटी सी चोट का वर्णन इस प्रकार किया जैसे वह बहुत बड़ी दुर्घटना हो, उसने सच में एक की चार लगा दी।

768. मुहावरा – ओर-छोर न मिलना
अर्थ: “ओर-छोर न मिलना” का अर्थ है कि किसी बात या स्थिति की कोई स्पष्ट सीमा नहीं है, या फिर वह अनंत है। यह उन परिस्थितियों के लिए प्रयुक्त होता है जहाँ चीजें अनिर्धारित और अस्पष्ट होती हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न प्रकार के संदर्भों में उपयोगी होता है, जैसे कि अनिश्चित योजनाओं, अस्पष्ट विचारों, या अनंत काल के विषयों को दर्शाने के लिए।
उदाहरण: किसी व्यक्ति की बातचीत में अगर कोई स्पष्ट उद्देश्य न हो और वह बिना किसी ठोस निष्कर्ष के चलती रहे, तो कहा जा सकता है कि उसकी बातचीत का “ओर-छोर नहीं मिलता”।

769. मुहावरा – एक स्वर में बोलना
अर्थ: “एक स्वर में बोलना” का अर्थ है सभी का एक ही विचार या मत होना। यह एकता और सहमति का प्रतीक है। जब कोई समूह या संगठन एक स्वर में बोलता है, तो यह दर्शाता है कि उनके उद्देश्य और लक्ष्य समान हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर सामाजिक, राजनीतिक या व्यावसायिक संदर्भों में किया जाता है, जहां एकता और समरूपता महत्वपूर्ण होती है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक कंपनी के सभी कर्मचारी एक स्वर में बोलते हैं कि उन्हें बेहतर कार्य परिस्थितियों की आवश्यकता है। इससे उनकी एकता और संगठित शक्ति का पता चलता है।

770. मुहावरा – एक फूल के खिलने से बहार नहीं आती
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है कि एक अकेले व्यक्ति या एक अकेली घटना से बड़ा परिवर्तन या प्रभाव नहीं हो सकता। बहार, यानी वसंत ऋतु, तभी आती है जब बहुत सारे फूल खिलते हैं। इसी तरह, बड़े परिवर्तन के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग सामाजिक, राजनीतिक, और व्यावसायिक संदर्भों में किया जाता है, जहां सामूहिक कार्य और टीमवर्क की जरूरत होती है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक कंपनी में एक व्यक्ति बहुत मेहनत करता है, परंतु अगर पूरी टीम उतनी मेहनत नहीं करती, तो कंपनी की सफलता सीमित हो जाती है।

771. मुहावरा – एक परहेज सौ इलाज
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि अगर हम किसी समस्या को होने से पहले ही रोक दें, तो उसे बाद में ठीक करने की तुलना में यह अधिक आसान और कारगर होगा। यह उस सिद्धांत पर आधारित है कि प्रारंभिक चरण में समस्या का निवारण करना बाद में उसके इलाज से बेहतर है।
प्रयोग: यह मुहावरा स्वास्थ्य के क्षेत्र में बहुत प्रचलित है, जैसे खानपान में सावधानी बरतना या व्यायाम करना। इसका उपयोग वित्तीय नियोजन, व्यावसायिक रणनीति और यहां तक कि व्यक्तिगत संबंधों में भी किया जाता है।
उदाहरण: जैसे कि यदि कोई व्यक्ति अपनी आदतों में सुधार करता है और अनहेल्दी खानपान से परहेज करता है, तो वह भविष्य में होने वाली कई स्वास्थ्य समस्याओं से बच सकता है।

772. मुहावरा – एक तिनके से हवा का रूख मालूम हो जाता है
अर्थ: इस मुहावरे का मुख्य अर्थ है कि बहुत छोटे और सूक्ष्म प्रमाण या संकेत भी हमें बड़ी और महत्वपूर्ण जानकारी दे सकते हैं। यह सिखाता है कि हमें हमेशा सजग रहना चाहिए और हर छोटी चीज पर ध्यान देना चाहिए।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर व्यापारिक निर्णयों, राजनीतिक रणनीतियों, या सामाजिक व्यवहारों को समझने में किया जाता है। यह बताता है कि कैसे छोटे संकेतों से बड़े निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं।
उदाहरण: मान लीजिए किसी कंपनी के शेयर बाजार में मामूली गिरावट आई है। एक अनुभवी निवेशक इसे देखकर यह अनुमान लगा सकता है कि कंपनी में कुछ गड़बड़ हो सकती है और वह अपने निवेश के फैसले में बदलाव कर सकता है।

773. मुहावरा – खरामा खरामा चलना
अर्थ: “खरामा खरामा चलना” का अर्थ होता है बहुत धीरे और आराम से चलना, जैसे कोई संभल-संभल कर या अकड़ कर चल रहा हो। इस मुहावरे का इस्तेमाल उस स्थिति में किया जाता है जब कोई व्यक्ति आत्मविश्वास और आराम से चलता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जहां किसी व्यक्ति का चलने का तरीका आत्मविश्वास या घमंड को दर्शाता हो। इसे अक्सर उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जो अपने आप को दूसरों से बेहतर समझते हैं।
उदाहरण: जब भी अभय कॉलेज में प्रवेश करता है, वह “खरामा खरामा चलता” है, मानो पूरी कॉलेज उसकी हो।

774. मुहावरा – कच्ची नींद जगाना
अर्थ: “कच्ची नींद” का अर्थ होता है हल्की नींद या ऐसी नींद जिसमें व्यक्ति पूरी तरह से सोया नहीं होता है। “कच्ची नींद जगाना” का मतलब है किसी को इस हल्की नींद से जगाना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी को उसके आराम या शांति के क्षण में व्यवधान पहुँचाया जाता है।
उदाहरण: विनीत की कच्ची नींद तब जगी जब उसके मोबाइल फोन की घंटी बजी।

775. मुहावरा – कच्ची गोली खेलना
अर्थ: “कच्ची गोली खेलना” का अर्थ होता है बिना सोचे-समझे या अनुभवहीनता के साथ कार्य करना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति बिना पूरी तैयारी या परिपक्व सोच के किसी कार्य में लग जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विभिन्न सामाजिक और व्यावसायिक परिस्थितियों में होता है, जहां व्यक्ति की अपरिपक्वता या अनुभवहीनता स्पष्ट रूप से दिखाई देती है।
उदाहरण: विशाल ने बिना मार्केट रिसर्च किए अपना व्यापार शुरू कर दिया, जिससे उसे भारी नुकसान हुआ। उसके दोस्तों ने कहा कि उसने “कच्ची गोली खेली”।

776. मुहावरा – कच्चा चबाना
अर्थ: “कच्चा चबाना” मुहावरे का अर्थ है किसी को परास्त करना या किसी पर भारी पड़ना। यह आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति को बुद्धि या चातुर्य में मात देता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में उपयोग होता है जहाँ किसी की चतुराई या चालाकी दूसरे व्यक्ति पर हावी हो जाती है। यह उस स्थिति को दर्शाता है जहां एक व्यक्ति दूसरे पर अपनी बुद्धिमत्ता या कौशल से विजय प्राप्त करता है।
उदाहरण: राजनीति में अनुभवी नेता ने नवागंतुक को “कच्चा चबा” दिया, जब उसने चतुराई से उसकी योजना को विफल कर दिया।

777. मुहावरा – कंबख्ती का मारा
अर्थ: “कंबख्ती का मारा” मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति का बहुत बदकिस्मत या दुर्भाग्यपूर्ण होना। यह उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहां किसी व्यक्ति के साथ लगातार बुरा होता है या वह हमेशा परेशानियों में फंसा रहता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति के साथ बार-बार अनुचित या दुर्भाग्यपूर्ण घटनाएं घटित होती हैं। यह उस व्यक्ति की निरंतर बदकिस्मती का वर्णन करता है।
उदाहरण: सुरेंद्र हमेशा कहता है कि वह “कंबख्ती का मारा” है, क्योंकि जब भी वह कुछ अच्छा करने का प्रयास करता है, कुछ न कुछ गलत हो जाता है।

778. मुहावरा – कंचन बरसना
अर्थ: “कंचन” का अर्थ होता है सोना और “बरसना” का अर्थ होता है गिरना या आना। इस तरह, “कंचन बरसना” का अर्थ होता है बहुत सारा धन या समृद्धि का आगमन।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर व्यंग्यात्मक या रूपकात्मक अर्थ में होता है। यह कभी-कभी अत्यधिक भाग्य या अचानक समृद्धि के आगमन का संकेत देने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: जब से अभय की लॉटरी लगी है, उसके घर में कंचन बरसने लगा है। उसने नई कार खरीदी, घर को नया बनवाया और दुनिया भर की यात्रा करने लगा।

779. मुहावरा – औरत का गुस्सा खुदा का कहर
अर्थ: इस मुहावरे का सामान्य अर्थ है कि जब एक औरत गुस्से में होती है, तो उसका प्रकोप अत्यंत भयानक होता है, जैसे कि खुदा का कहर। यह औरतों की भावनाओं की तीव्रता और उनके प्रतिक्रिया की शक्ति को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन स्थितियों में किया जाता है जहां औरतों की गहरी भावनाओं और प्रतिक्रियाओं को व्यक्त करने की आवश्यकता होती है। यह किसी विशेष स्थिति या घटना के प्रति औरतों की प्रतिक्रिया की तीव्रता को बयां करता है।
उदाहरण: जब सुमन ने अपने बच्चों पर अन्याय होते देखा, तो उसके गुस्से को देखकर लगा जैसे “औरत का गुस्सा खुदा का कहर” हो।

780. मुहावरा – औकात बसर करना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है, अपनी स्थिति या सामर्थ्य के अनुरूप जीवन यापन करना। यह व्यक्ति को यह सलाह देता है कि वह अपनी आर्थिक और सामाजिक स्थिति को समझे और उसी के अनुसार अपने जीवन की योजनाएं बनाए।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपनी आर्थिक गार्गी से अधिक खर्च कर रहा हो या अपने सामर्थ्य से बढ़कर जीवनशैली अपना रहा हो।
उदाहरण: विशाल अक्सर महंगी चीजें खरीदता है जबकि उसकी आमदनी सीमित है। उसे चाहिए कि वह ‘औकात बसर करना’ सीखे और अपने खर्चों पर नियंत्रण रखे।

781. मुहावरा – जिसका खाना, उसी पर गुर्राना
अर्थ: “जिसका खाना, उसी पर गुर्राना” का शाब्दिक अर्थ है कि जिसके द्वारा खाना खिलाया जाता है, उसी के खिलाफ गुर्राना या गुस्सा दिखाना। यहां ‘खाना’ और ‘गुर्राना’ शब्दों का प्रयोग प्रतीकात्मक रूप से होता है। ‘खाना’ से अभिप्राय किसी की सहायता या उपकार से है, और ‘गुर्राना’ का अर्थ है कृतघ्नता या आक्रोश प्रदर्शित करना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति उस व्यक्ति या संस्था के खिलाफ बुराई करता है जिसने उसकी मदद की हो। यह एक नकारात्मक व्यवहार को दर्शाता है और अक्सर ऐसे व्यक्तियों के लिए उपयोग किया जाता है जो कृतघ्न होते हैं।
उदाहरण: विशाल ने अनुभव की बहुत मदद की, लेकिन अनुभव ने बाद में उसी विशाल के खिलाफ षड्यंत्र रचा। यह तो वही बात हुई ‘जिसका खाना, उसी पर गुर्राना’।

782. मुहावरा – खाता खोलना
अर्थ: “खाता खोलना” का शाब्दिक अर्थ है “एक खाता शुरू करना”। लाक्षणिक अर्थ में, यह किसी नए कार्य, चर्चा या अनुभव की शुरुआत को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग व्यक्ति विशेष के किसी नए काम को शुरू करने के संदर्भ में होता है। उदाहरण के लिए, “सुभाष ने नई कंपनी में खाता खोला” का मतलब है कि सुभाष ने नई कंपनी में काम शुरू किया।
उदाहरण: जब अभय ने अपना पहला व्यापार शुरू किया, उसने अपने जीवन में एक नया खाता खोला।

783. मुहावरा – खाओ तो ठेंगे से न खाओ तो ठेंगे से
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि किसी भी परिस्थिति में, चाहे व्यक्ति कोई कार्य करे या न करे, उसे समस्याओं का सामना करना ही पड़ता है। यह मुहावरा उस दुविधा का वर्णन करता है जहाँ दोनों विकल्प समान रूप से अनुकूल नहीं होते।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर ऐसी परिस्थितियों में किया जाता है जहाँ व्यक्ति के पास कोई भी निर्णय उसके लिए अनुकूल नहीं होता। यह असहायता और विवशता की भावना को प्रकट करता है।
उदाहरण: मान लीजिए किसी कार्यालय में एक कर्मचारी को बिना ओवरटाइम के अतिरिक्त काम करने को कहा जाता है। यदि वह इसे मना कर देता है, तो उसके बॉस नाराज हो सकते हैं। और यदि वह बिना ओवरटाइम के अतिरिक्त काम करता है, तो उसे अपने निजी समय का त्याग करना पड़ता है। यहां ‘खाओ तो ठेंगे से न खाओ तो ठेंगे से’ मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।

784. मुहावरा – आंखों में आंखें डालना
अर्थ: “आंखों में आंखें डालना” का अर्थ है किसी के सामने बिना डरे, सीधे आंखों में आंखें डालकर खड़ा होना। यह दर्शाता है कि व्यक्ति किसी से नहीं डरता या वह किसी चुनौती से पीछे नहीं हटता।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां व्यक्ति अपने साहस या आत्मविश्वास का प्रदर्शन करता है। यह उन क्षणों में भी प्रयोग होता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्याय या गलत बात का सामना करता है।
उदाहरण: जब अनुज ने अपने बॉस की गलत पॉलिसी के खिलाफ आवाज उठाई, तो उसने बिना डरे बॉस की आंखों में आंखें डालकर अपनी बात रखी।

785. मुहावरा – आंखों के आगे अंधेरा छाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है एकाएक असहज महसूस करना या ऐसी स्थिति जहां व्यक्ति अपने आस-पास का स्पष्ट रूप से अनुभव नहीं कर पाता। यह अक्सर शारीरिक या मानसिक तनाव, अचानक आई बुरी खबर या अनपेक्षित घटना के कारण होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विभिन्न स्थितियों में किया जा सकता है, जैसे: शारीरिक तनाव: जब किसी को अत्यधिक थकान या चक्कर आने लगे।
उदाहरण: जब अभय को पता चला कि उसका व्यापार घाटे में चला गया है, तो उसके आंखों के आगे अंधेरा छा गया।

786. मुहावरा – आंखें फाड़-फाड़कर देखना
अर्थ: इस मुहावरे का व्यापक अर्थ है बहुत गौर से देखना या किसी चीज़ को अत्यधिक ध्यान से निहारना। यह अक्सर उत्सुकता, आश्चर्य, या कभी-कभी अविश्वास की स्थिति में प्रयोग किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न संदर्भों में प्रयोग किया जा सकता है, जैसे: उत्सुकता: जब कोई व्यक्ति किसी चीज़ को पहली बार देखता है और वह उसमें बहुत रुचि रखता है।
उदाहरण: जब पारुल ने महल को पहली बार देखा, तो वह आंखें फाड़-फाड़कर देखती रह गई।

787. मुहावरा – खाला जी का घर होना
अर्थ: “खाला जी का घर होना” का अर्थ होता है किसी स्थान या परिस्थिति में पूर्ण स्वतंत्रता या अनियंत्रित वातावरण होना। इसका इस्तेमाल तब होता है जब कोई व्यक्ति या संस्था नियमों और अनुशासन की अनदेखी करते हुए बिना किसी रोक-टोक के काम करती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जहां अनुशासन का अभाव हो और लोग मनमाने ढंग से कार्य कर रहे हों।
उदाहरण: स्कूल में आजकल बच्चे टीचर्स की नहीं सुनते, लगता है यहाँ खाला जी का घर हो गया है।

788. मुहावरा – चबाए कौर को चबाना
अर्थ: “चबाए कौर को चबाना” का अर्थ है किसी पहले से हल हो चुके मुद्दे को फिर से उठाना या उस पर दोबारा -विचार करना। यह अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जहाँ कोई व्यक्ति या समूह बार-बार एक ही बात को दोहराता है, जिससे कोई नया परिणाम या समाधान नहीं निकलता।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उस समय प्रयोग किया जाता है जब किसी पुराने और हल हो चुके मुद्दे को बार-बार उठाया जाता है, जिससे वर्तमान स्थिति या विचार-विमर्श में कोई सार्थक योगदान नहीं होता।
उदाहरण: राजनीतिक बहस में अक्सर चबाए कौर को चबाना होता है, जहाँ पुराने मुद्दे बार-बार उठाए जाते हैं।

789. मुहावरा – चबाए कौर को चबाना
अर्थ: “चबाए कौर को चबाना” का अर्थ है किसी पहले से हल हो चुके मुद्दे को फिर से उठाना या उस पर दोबारा विचार करना।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उस समय प्रयोग किया जाता है जब किसी पुराने और हल हो चुके मुद्दे को बार-बार उठाया जाता है, जिससे वर्तमान स्थिति या विचार-विमर्श में कोई सार्थक योगदान नहीं होता।
उदाहरण: राजनीतिक बहस में अक्सर चबाए कौर को चबाना होता है, जहाँ पुराने मुद्दे बार-बार उठाए जाते हैं।

790. मुहावरा – चंडूखाने की गप
अर्थ: “चंडूखाने की गप” का अर्थ होता है अत्यंत अतिशयोक्ति से भरी हुई बातें या ऐसी बातें जो यथार्थ से परे हों। चंडूखाना, जहां अफीम दी जाती थी, वहां लोगों द्वारा की जाने वाली कल्पनाशील और अतिरंजित बातों को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति को यह दर्शाना होता है कि कोई बात या कहानी अत्यधिक बढ़ा-चढ़ाकर या अविश्वसनीय तरीके से कही जा रही है।
उदाहरण: विनीत हमेशा चंडूखाने की गप बताता है, उसकी बातों का कोई भरोसा नहीं होता।

791. मुहावरा – क्षणभंगुर जीवन
अर्थ: “क्षणभंगुर” शब्द का शाब्दिक अर्थ होता है ‘क्षणिक’ या ‘अल्पकालिक’। इस प्रकार, “क्षणभंगुर जीवन” मुहावरे का अर्थ है जीवन का ऐसा पहलू जो क्षणभर में बदल सकता है और अत्यंत नाजुक होता है। यह जीवन की अनिश्चितता और अस्थायित्व को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर जीवन की अनिश्चितता, नश्वरता और अपरिवर्तनीयता के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है। यह हमें याद दिलाता है कि जीवन का कोई भी क्षण स्थायी नहीं होता और हर पल बदलाव का साक्षी होता है।
उदाहरण: इस महामारी ने हमें सिखाया है कि हमारा जीवन कितना क्षणभंगुर है; एक क्षण में सब कुछ बदल सकता है।

792. मुहावरा – इधर-उधर की हाँकना
अर्थ: “इधर-उधर की हाँकना” का अर्थ होता है बेतुकी या अनावश्यक बातें करना। यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है, जब कोई व्यक्ति मुख्य विषय से भटक कर ऐसी बातें करने लगता है जो विषय से संबंधित नहीं होतीं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी को यह इंगित करना होता है कि सामने वाला व्यक्ति विषय से भटक रहा है और अनावश्यक बातें कर रहा है। यह एक व्यंग्यात्मक तरीका होता है वार्तालाप को सही दिशा में लाने का।
उदाहरण: जब भी मैं विकास से पढ़ाई के बारे में बात करता हूँ, वह हमेशा इधर-उधर की हाँकता रहता है।

793. मुहावरा – कीमतें आसमान छूना
अर्थ: “कीमतें आसमान छूना” मुहावरे का अर्थ है किसी चीज की कीमत में बहुत तेजी से वृद्धि होना। यह अक्सर मुद्रास्फीति, मांग और आपूर्ति के असंतुलन, या अन्य आर्थिक कारकों के कारण होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब बाजार में किसी वस्तु की कीमत अचानक से बढ़ जाती है और यह आम लोगों के लिए महंगी हो जाती है। यह मुहावरा व्यापार, अर्थशास्त्र, और दैनिक जीवन के संदर्भ में उपयोगी होता है।
उदाहरण: पिछले कुछ महीनों में सब्जियों की कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे आम आदमी का बजट बिगड़ रहा है।

794. मुहावरा – ठुड्डी पकड़ना
अर्थ: “ठुड्डी पकड़ना” मुहावरे का अर्थ है किसी व्यक्ति की गलती या असफलता पर जोर देना। यह अक्सर तब प्रयोग किया जाता है जब कोई अपनी गलती का एहसास करे और उसे स्वीकार करे।
प्रयोग: यह मुहावरा उस समय प्रयोग किया जाता है जब किसी को अपनी गलती का अहसास हो और वह इसे स्वीकार करने के लिए मजबूर हो। यह अक्सर व्यंग्यात्मक रूप में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: विशाल ने जब अपनी गलती मानी, तो सबने कहा, ‘लो भई, ठुड्डी पकड़ ली।’

795. मुहावरा – टॉँग तले से निकालना
अर्थ: यह मुहावरा उस स्थिति का वर्णन करता है जहाँ कोई व्यक्ति या तो किसी जटिल समस्या से निपटने में सक्षम होता है, या फिर अपनी चतुराई या सूझ-बूझ से किसी मुश्किल से बच निकलता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग व्यक्तिगत या पेशेवर जीवन में आने वाली चुनौतियों के संदर्भ में किया जा सकता है। यह दर्शाता है कि किसी ने किसी कठिनाई को पार कर लिया है या किसी समस्या का समाधान खोज लिया है।
उदाहरण: परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए अमन ने रात-दिन मेहनत की और अंत में टॉँग तले से निकाल लिया।

796. मुहावरा – टूट गई मंगली, रह गया ब्याह
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई योजना या कार्य बीच में ही अधूरा रह जाना। ‘मंगली’ यहां एक प्रकार की कलाई बंधनी है जिसे शादी के समय पहना जाता है और ‘ब्याह’ यानी शादी। इसलिए यह मुहावरा ऐसी स्थिति को दर्शाता है जहां कुछ महत्वपूर्ण बीच में ही अधूरा छूट जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्तिथियों में प्रयोग किया जाता है जब कोई महत्वपूर्ण कार्य या योजना अचानक से बीच में ही रुक जाती है और पूरी नहीं हो पाती। यह उन असफलताओं का प्रतीक है जहां पूर्णता की आशा में कुछ भी हासिल नहीं हो पाता।
उदाहरण: विकास की नौकरी लगने की खबर सुनकर सभी खुश थे, पर अचानक उस कंपनी के बंद होने की खबर आई और टूट गई मंगली, रह गया ब्याह।

797. मुहावरा – छाती पर बाल होना
अर्थ: “छाती पर बाल होना” मुहावरे का अर्थ है बहादुर होना या साहसी होना। यह उस स्थिति को व्यक्त करता है जब किसी व्यक्ति में असाधारण साहस और दृढ़ता होती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की साहसिकता और बहादुरी की प्रशंसा करनी हो।
उदाहरण: जब भी गाँव में कोई समस्या आती है, सुधीर किसान आगे बढ़कर उसका समाधान करता है, सच में उसकी छाती पर बाल हैं।

798. मुहावरा – छाती पकड़कर रह जाना
अर्थ: “छाती पकड़कर रह जाना” मुहावरे का अर्थ है अत्यधिक आश्चर्य, दुख, या घबराहट की स्थिति में होना। यह उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति अप्रत्याशित घटना या समाचार से इतना अधिक प्रभावित होता है कि उसे लगता है मानो उसकी छाती दब गई हो।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी को बहुत बड़ी और अप्रत्याशित समस्या या दुर्घटना का सामना करना पड़ता है। इसे अक्सर नकारात्मक संदर्भ में उपयोग किया जाता है।
उदाहरण: जब मुनीश को पता चला कि उसकी दुकान में आग लग गई है, तो वह छाती पकड़कर रह गया।

799. मुहावरा – छाती धक से हो जाना
अर्थ: “छाती धक से हो जाना” मुहावरे का अर्थ है अचानक से बहुत अधिक डर या आश्चर्य महसूस करना। यह अक्सर उस समय प्रयोग किया जाता है जब कोई अप्रत्याशित घटना या खबर सुनने को मिले।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को अचानक डर या चिंता का अनुभव हो। यह व्यक्त करने के लिए उपयोगी है कि कोई खबर या घटना ने किसी को गहराई से प्रभावित किया है।
उदाहरण: जब उसे अपनी कंपनी के घाटे की खबर मिली, तो उसकी छाती धक से हो गई।

800. मुहावरा – छत्तीस का सम्बन्ध
अर्थ: “छत्तीस का सम्बन्ध” मुहावरे का अर्थ होता है ऐसा संबंध जो न के बराबर या बहुत ही कमजोर हो। इसका उपयोग अक्सर उन स्थितियों में किया जाता है जहां व्यक्ति के साथ किसी का रिश्ता तो होता है, पर वह इतना दूर का होता है कि उसका कोई खास महत्व नहीं होता।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने बहुत दूर के रिश्तेदारों या जान-पहचान वालों की बात करता है, जिनसे उसका सीधा संबंध नहीं होता या जिनसे उसकी बहुत कम बातचीत होती है।
उदाहरण: अनुज ने अपने छत्तीस के सम्बन्ध वाले चाचा के बारे में बताया, जिनसे उसकी मुलाकात बहुत ही कम होती है।

801. मुहावरा – मूँछों पर ताव देना
अर्थ: “मूँछों पर ताव देना” का अर्थ है गर्व या अहंकार के साथ किसी काम को करना या किसी बात का दावा करना। यह अभिमान या आत्मविश्वास की भावना को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपनी क्षमताओं पर पूरा भरोसा रखते हुए किसी कार्य को अंजाम देता है या किसी बात पर जोर देता है।
उदाहरण: “जब अखिल ने कहा कि वह इस परियोजना को अकेले पूरा कर लेगा, तो सभी ने देखा कि वह मूँछों पर ताव दे रहा है।” इस उदाहरण में, अखिल के आत्मविश्वास और आत्म-सम्मान को “मूँछों पर ताव देना” के माध्यम से व्यक्त किया गया है, जो उसके दृढ़ संकल्प और साहस को दर्शाता है।

802. मुहावरा – डर्बी के घोड़े की तरह दौड़ना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है बहुत तेज़ी से और पूरी शक्ति के साथ किसी कार्य को करना। यह उस प्रयास को दर्शाता है जो एक घोड़ा डर्बी दौड़ में लगाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन स्थितियों में किया जाता है जहां कोई व्यक्ति या संस्था अपनी पूरी क्षमता और ऊर्जा के साथ काम कर रही होती है।
उदाहरण: “परीक्षा की तैयारी में अमन डर्बी के घोड़े की तरह दौड़ रहा है।” इस उदाहरण में, अमन की कड़ी मेहनत और समर्पण को डर्बी के घोड़े की दौड़ के साथ तुलना की गई है, जो उसकी असाधारण प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

803. मुहावरा – डकार जाना
अर्थ: मुहावरे “डकार जाना” का शाब्दिक अर्थ होता है किसी चीज़ को पचा लेना। लेकिन, इसका प्रतीकात्मक अर्थ होता है किसी चीज का लाभ उठाकर उसे भुला देना या किसी का हक मारना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को यह दर्शाना हो कि उसने किसी और की मेहनत का फायदा उठाया है और फिर उसे भुला दिया है।
उदाहरण: मुनीश ने परियोजना में अपना योगदान दिया, लेकिन परियोजना संपन्न होने के बाद, प्रबंधक ने उसकी मेहनत को डकार जाने की तरह अनदेखा कर दिया।

804. मुहावरा – तिल-भर जगह न होना
अर्थ: “तिल-भर जगह न होना” का अर्थ होता है कि किसी स्थान पर बहुत ही कम या ना के बराबर जगह होना। यह मुहावरा अत्यधिक भीड़भाड़ या जगह की कमी को व्यक्त करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है, जब कोई स्थान इतना भरा होता है कि वहां खड़े होने तक की जगह नहीं होती। यह अक्सर बाजार, सार्वजनिक परिवहन, उत्सव स्थलों आदि में उपयोग होता है।
उदाहरण: दिवाली के दिन बाजार में ‘तिल-भर जगह न होने’ के कारण, वहां चलना मुश्किल हो गया।

805. मुहावरा – तिल-भर का अंतर
अर्थ: ‘तिल-भर का अंतर’ मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि दो चीजों के बीच का अंतर एक तिल (सीसम सीड) के बराबर हो। लाक्षणिक अर्थ में, यह उस छोटे से अंतर को दर्शाता है जो अक्सर महत्वपूर्ण होता है लेकिन आसानी से नज़र नहीं आता।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को यह बताना हो कि दो चीजों के बीच केवल एक मामूली अंतर है, जो कभी-कभी बहुत महत्वपूर्ण हो सकता है। यह मुहावरा अक्सर उन मामलों में प्रयोग होता है जहां बहुत बारीक विवरण या अंतर का उल्लेख होता है।
उदाहरण: दो जुड़वाँ भाइयों में तिल-भर का अंतर है, जिसे देखकर पहचानना मुश्किल है।

806. मुहावरा – जख्म ताजा कर देना
अर्थ: “जख्म ताजा कर देना” का अर्थ है किसी पुराने दुख या घाव को फिर से याद दिलाना, जिससे वह दर्द या दुःख पुनः उभर आता है। यह आमतौर पर उन अनुभवों या चोटों के बारे में होता है जो भूतकाल में हुए थे परंतु जिनका प्रभाव वर्तमान में भी महसूस किया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति या घटना पुरानी यादों या दुःखों को ताजा कर देती है। यह अक्सर नकारात्मक संदर्भ में प्रयोग होता है, जब किसी को पुराने दर्द से फिर से गुजरना पड़ता है।
उदाहरण: सुमन को उसके बचपन के दिनों की याद आ गई, और उसका जख्म ताजा हो गया।

807. मुहावरा – छींकते ही नाक कटना
अर्थ: ‘छींकते ही नाक कटना’ मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि किसी व्यक्ति की नाक छींकने से कट जाए, जो वास्तव में असंभव है। लेकिन, लाक्षणिक अर्थ में यह संकेत देता है कि किसी छोटी गलती या अनध्यानता से बड़ी हानि या शर्मिंदगी हो सकती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जब किसी की छोटी भूल से बड़ी समस्या उत्पन्न हो जाती है या किसी को अप्रत्याशित रूप से शर्मसार होना पड़ता है। उदाहरण, यदि किसी कार्यालय में एक छोटी सी गलती के कारण बड़ा वित्तीय नुकसान हो जाए, तो कहा जा सकता है कि “इस गलती से तो उनकी छींकते ही नाक कट गई।”
उदाहरण: अनुज ने अपने बॉस के सामने अनजाने में एक गुप्त जानकारी उजागर कर दी, जिससे उसकी नौकरी पर बुरा असर पड़ा। उस स्थिति को देखते हुए कह सकते हैं, “अनुज की तो छींकते ही नाक कट गई।”

808. मुहावरा – तिनका न तोड़ना
अर्थ: जब इस मुहावरे का प्रयोग किसी के आलस्य को दर्शाने के लिए किया जाता है, तो इसका अर्थ होता है कि व्यक्ति इतना आलसी है कि वह बहुत ही मामूली काम भी नहीं करना चाहता, जैसे कि ‘तिनका तोड़ना’।
प्रयोग: आलस्य के संदर्भ में, यह मुहावरा तब प्रयोग में आता है जब किसी को इतना आलसी या निष्क्रिय समझा जाता है कि वह छोटे से छोटे कार्य के लिए भी प्रयास नहीं करता।
उदाहरण: अमन इतना आलसी है कि वह ‘तिनका न तोड़ने’ वाला व्यक्ति है, उसे अपने काम करने में भी आलस आता है।

809. मुहावरा – दरिया को कूजे में बंद करना
अर्थ: इस मुहावरे का वास्तविक अर्थ है किसी बहुत बड़े या असंभव कार्य को करने की कोशिश करना। यह उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहां किसी व्यक्ति का प्रयास वास्तविकता की सीमाओं से परे होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अत्यंत कठिनाई भरे या असंभव कार्य का सामना करना पड़ता है। यह व्यक्ति के उस प्रयास को दर्शाता है जिसमें वह अपनी क्षमता और संसाधनों की सीमा से परे जाने का प्रयास कर रहा होता है।
उदाहरण: उदाहरण के लिए, “अभय ने अकेले ही पूरी परियोजना को संभालने की कोशिश की, पर यह तो दरिया को कूजे में बंद करने जैसा था।” यहां, अभय का प्रयास उस कार्य के लिए अपर्याप्त है जो वह करने की कोशिश कर रहा है।

810. मुहावरा – दंड बैठक लगाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है किसी को उसकी गलती के लिए शारीरिक या मानसिक रूप से दंडित करना। यह अक्सर व्यक्ति को उसकी गलतियों का एहसास कराने और भविष्य में ऐसी गलतियों से बचने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से किया जाता है।
प्रयोग: “दंड बैठक लगाना” मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब होता है जब किसी व्यक्ति को किसी गलती या अपराध के लिए दंडित किया जा रहा हो। इसे शिक्षा के क्षेत्र, सैन्य प्रशिक्षण, खेल के प्रशिक्षण या यहाँ तक कि घरेलू अनुशासन में भी देखा जा सकता है।
उदाहरण: उदाहरण के लिए, “स्कूल में जब नियांत ने अपना होमवर्क नहीं किया, तो टीचर ने उसे दंड के रूप में दंड बैठक लगाने को कहा।” यहाँ, नियांत को उसकी लापरवाही के लिए शारीरिक दंड दिया गया।

811. मुहावरा – थोबड़ा फुलाना
अर्थ: इस मुहावरे का सामान्य अर्थ है किसी का गुस्सा या असंतोष प्रकट करना, जहां व्यक्ति अपने चेहरे की भाव-भंगिमा से अपनी असंतुष्टि दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब होता है जब किसी को किसी बात पर गुस्सा आता है या वह किसी बात से असंतुष्ट होता है। उदाहरण के लिए, “जब अमन ने अपनी नई साइकिल खो दी, तो उसके पिता ने थोबड़ा फुला लिया।”
उदाहरण: स्कूल में जब शिक्षक ने प्रथम की गलतियों की ओर इशारा किया, तो वह थोबड़ा फुलाकर बैठ गया।” इस उदाहरण में, प्रथम का थोबड़ा फुलाना उसकी नाराजगी और असंतोष को दर्शाता है।

812. मुहावरा – दाँतों में तिनका दबाना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी के दाँतों में तिनका दबा होना, लेकिन इसका भावार्थ यह है कि कोई व्यक्ति बहुत ही विनम्रता और दीनता से किसी से कुछ माँग रहा है या किसी की दया की याचना कर रहा है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहाँ कोई व्यक्ति अपने से शक्तिशाली या प्रभावशाली व्यक्ति के सामने सहायता या दया की मांग कर रहा हो। यह अक्सर विनम्रता और आत्म-समर्पण की भावना को दर्शाता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक किसान जिसकी फसल बर्बाद हो गई हो और वह बैंक मैनेजर के सामने अपने कर्ज की मोहलत के लिए विनती कर रहा है, तो कहा जा सकता है कि “किसान ने बैंक मैनेजर के सामने दाँतों में तिनका दबा लिया।” इसका मतलब है कि किसान ने अपनी मजबूरी और दुर्दशा को समझाते हुए विनम्रता से अनुनय-विनय की।

813. मुहावरा – दिल फटना
अर्थ: “दिल फटना” का अर्थ है गहरी मानसिक पीड़ा या दुख का अनुभव करना। यह एक रूपक है जो उस स्थिति को व्यक्त करता है जहाँ व्यक्ति को लगता है कि उसका दिल (हृदय) दुख और पीड़ा से भरकर फट पड़ा हो।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी को बहुत ही गहरा आघात या दुख पहुंचा हो। यह उस अत्यधिक दुख की स्थिति को व्यक्त करता है जिसे शब्दों में पूरी तरह से व्यक्त नहीं किया जा सकता।
उदाहरण: मान लीजिए, किसी व्यक्ति को अपने प्रियजन के अचानक देहांत की खबर मिलती है, और वह गहरे शोक में डूब जाता है। ऐसी स्थिति में कहा जा सकता है, “उसे यह खबर सुनकर दिल फट गया।” इसका अर्थ है कि वह व्यक्ति गहरे दुख और पीड़ा से व्यथित है।

814. मुहावरा – दिल बैठना
अर्थ: “दिल बैठना” का शाब्दिक अर्थ है ‘हृदय का कमजोर पड़ जाना’। भावार्थ यह है कि किसी व्यक्ति को अचानक किसी बात का इतना अधिक डर लग जाता है कि उसे लगता है जैसे उसका दिल ही रुक गया हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अचानक बहुत अधिक भय या चिंता का अनुभव होता है। यह उस भावना को दर्शाता है जब किसी के दिल की धड़कन तेज हो जाती है और वह घबराहट या आशंका से भर जाता है।
उदाहरण: मान लीजिए, कोई व्यक्ति रात के समय अकेले घर लौट रहा हो और अचानक उसे किसी अज्ञात शोर की आवाज सुनाई दे। इससे उसे यह आभास हो कि कोई उसका पीछा कर रहा है। ऐसी स्थिति में कहा जा सकता है कि “उसका दिल बैठ गया।” यह दर्शाता है कि वह व्यक्ति बेहद डर गया है और उसे अत्यधिक चिंता हो रही है।

815. मुहावरा – दुखती रग छेड़ना
अर्थ: “दुखती रग छेड़ना” का शाब्दिक अर्थ है किसी की उस कमजोर या संवेदनशील जगह को उजागृत करना जिससे वह व्यक्ति दुःखी या परेशान हो। यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां किसी के व्यक्तिगत दर्द या अतीत के दुखद अनुभवों को बेवजह उछाला जाता है।
प्रयोग: “दुखती रग छेड़ना” का शाब्दिक अर्थ है किसी की उस कमजोर या संवेदनशील जगह को उजागृत करना जिससे वह व्यक्ति दुःखी या परेशान हो। यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां किसी के व्यक्तिगत दर्द या अतीत के दुखद अनुभवों को बेवजह उछाला जाता है।
उदाहरण: जब अनीता के बचपन के दुखद अनुभवों के बारे में उसके दोस्त ने बात की, तो उसने महसूस किया कि उसकी “दुखती रग” छेड़ दी गई है।

816. मुहावरा – दुनिया की हवा लगना
अर्थ: “दुनिया की हवा लगना” का शाब्दिक अर्थ है, दुनिया की आदतें या प्रवृत्तियाँ सीख लेना। यह व्यक्त करता है कि कैसे एक व्यक्ति दुनियादारी की समझ विकसित कर लेता है और जीवन के प्रति एक नया नजरिया अपनाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का अक्सर तब प्रयोग होता है जब कोई व्यक्ति जीवन के कठिनाइयों से गुजरता है और उसमें परिपक्वता आती है। यह किसी व्यक्ति के अनुभवों और उसके जीवन में आए बदलावों को दर्शाता है।
उदाहरण: उदाहरण के तौर पर, एक युवक जो छोटे शहर से बड़े शहर में नौकरी के लिए आया था, उसके व्यवहार और सोच में बड़ा परिवर्तन आया। इस परिवर्तन को देखकर लोग कहते हैं, “इसे तो दुनिया की हवा लग गई है।” इसका मतलब यह है कि उस व्यक्ति ने जीवन के नए पहलुओं को समझा और उसके अनुसार खुद को ढाल लिया।

817. मुहावरा – दूधों नहाना पूतों फलना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी को जीवन में सभी प्रकार की खुशियाँ और समृद्धि प्राप्त हों। ‘दूधों नहाना’ का अर्थ है धन-दौलत और आराम में रहना, जबकि ‘पूतों फलना’ का अर्थ है कि संतानें सफल और सुखी हों।
प्रयोग: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी को जीवन में सभी प्रकार की खुशियाँ और समृद्धि प्राप्त हों। ‘दूधों नहाना’ का अर्थ है धन-दौलत और आराम में रहना, जबकि ‘पूतों फलना’ का अर्थ है कि संतानें सफल और सुखी हों।
उदाहरण: जब विनीत ने अपना नया घर खरीदा, तो उसके पड़ोसी ने उसे बधाई देते हुए कहा, “भगवान करे तुम दूधों नहाओ पूतों फलो।”

818. मुहावरा – दूध की लाज रखना
अर्थ: “दूध की लाज रखना” का अर्थ है उन लोगों के प्रति कृतज्ञता दिखाना जिन्होंने किसी व्यक्ति की मदद की हो। यह मुहावरा इस बात को दर्शाता है कि व्यक्ति को चाहिए कि वह अपने उपकारियों का आदर और सम्मान करे।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में आता है जब किसी को उसके प्रति किए गए उपकार के लिए आभार व्यक्त करना होता है या जब किसी को अपने हितैषियों का सम्मान करना होता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक युवक जिसे उसके शिक्षक ने पढ़ाई में बहुत मदद की हो, और वह बाद में एक सफल व्यक्ति बन जाता है। इस स्थिति में वह युवक अपने शिक्षक के प्रति “दूध की लाज रखता है” अर्थात् उनका आभार व्यक्त करता है।

819. मुहावरा – दूध का कुल्ला करना
अर्थ: सामान्यतः, “दूध का कुल्ला करना” का अर्थ होता है किसी चीज़ का अत्यधिक सम्मान करना। हालांकि, यदि इसे विलासिता और मौज-मस्ती के संदर्भ में देखा जाए, तो इसका अर्थ होता है जीवन का आनंद उठाना, जैसे कि किसी के पास इतनी संपत्ति हो कि वह दूध से कुल्ला कर सके।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जहाँ व्यक्ति विलासिता में जीवन यापन कर रहा हो और उसके पास इतनी समृद्धि हो कि वह अपनी इच्छानुसार कुछ भी कर सके।
उदाहरण: अखिल ने अपनी नई नौकरी से जो पैसा कमाया है, उससे वह दूध का कुल्ला कर रहा है। उसने महंगी कारें और विदेशी छुट्टियाँ बुक की हैं।

820. मुहावरा – दुहाई देना
अर्थ: “दुहाई देना” का अर्थ है किसी गंभीर समस्या या दुर्दशा की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए विनती या अपील करना। यह अक्सर न्याय, सहायता या समर्थन मांगने के संदर्भ में प्रयोग होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यक्ति की वेदना और आवश्यकता को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है, खासकर जब वह अपने अधिकारों या न्याय के लिए लड़ रहा हो।
उदाहरण: मान लीजिए, एक किसान जिसकी फसल नष्ट हो गई हो और वह बैंक से अपने कर्ज के भुगतान के लिए और समय मांग रहा हो। इस स्थिति में वह कह सकता है, “मैं बैंक से दुहाई दे रहा हूँ कि मुझे और समय दिया जाए।”

821. मुहावरा – दूज का चांद होना
अर्थ: “दूज का चांद होना” का शाब्दिक अर्थ है – दूसरे दिन का चांद। लेकिन, इसका लाक्षणिक अर्थ है किसी व्यक्ति या वस्तु का बहुत कम समय के लिए दिखाई देना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति या चीज बहुत ही कम अवधि के लिए प्रकट होती है और फिर गायब हो जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां कोई व्यक्ति या चीज अक्सर नहीं दिखती, लेकिन कभी-कभार प्रकट होती है। इसका प्रयोग किसी ऐसे व्यक्ति के लिए भी किया जाता है जो बहुत कम दिखाई देता है या जो अक्सर अनुपस्थित रहता है।
उदाहरण: विशाल तो दूज का चांद हो गया है, साल में एक बार ही अपने गांव आता है।

822. मुहावरा – दुलत्ती झाड़ना
अर्थ: “दुलत्ती झाड़ना” का अर्थ होता है किसी को बुरी तरह से अपमानित करना या उसके साथ धोखा करना। यह अक्सर उस परिस्थिति में प्रयोग होता है जहां किसी के साथ बुरा व्यवहार किया जाता है या उसे अपमानजनक ढंग से निकाल दिया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर नकारात्मक संदर्भ में होता है जब किसी को अनुचित या असम्मानजनक तरीके से व्यवहार करते हैं।
उदाहरण: मान लीजिए, एक कर्मचारी जो कई वर्षों से कंपनी में काम कर रहा था, अचानक बिना किसी कारण के नौकरी से निकाल दिया गया। इस स्थिति में कहा जा सकता है, “कंपनी ने कर्मचारी को दुलत्ती झाड़ दी।”

823. मुहावरा – दुर्वासा का रूप
अर्थ: “दुर्वासा का रूप” का अर्थ है किसी व्यक्ति का बहुत अधिक क्रोधित होना। यह व्यक्ति के उस स्वभाव को दर्शाता है जिसमें वह बहुत तेजी से क्रोधित हो जाता है और उसका क्रोध अत्यधिक गंभीर होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति का क्रोध असामान्य रूप से तीव्र और उग्र होता है, जिससे उसके आसपास के लोग परेशान या भयभीत हो जाते हैं।
उदाहरण: मान लीजिए, एक कार्यालय में एक मैनेजर छोटी-छोटी गलतियों पर भी बहुत जोर से चिल्लाता है और कर्मचारियों पर अत्यधिक क्रोध करता है। इस स्थिति में उसके सहकर्मी कह सकते हैं कि “मैनेजर आज फिर दुर्वासा का रूप धारण कर रखा है।”

824. मुहावरा – दुर्भाग्य को रोना
अर्थ: “दुर्भाग्य को रोना” का अर्थ है, अपने दुर्भाग्य या बुरे समय के लिए शिकायत करना और उसे लेकर अत्यधिक परेशान होना। यह आमतौर पर उस स्थिति को दर्शाता है जब व्यक्ति अपनी किस्मत या भाग्य को लेकर असंतोष व्यक्त करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल तब होता है जब किसी व्यक्ति को जीवन में आई कठिनाइयों और समस्याओं के लिए अपने भाग्य को दोष देना और उस पर रोना आता है। यह अक्सर नकारात्मक भावना और आत्म-करुणा का सूचक होता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यक्ति ने बहुत मेहनत की लेकिन उसके बावजूद वह अपनी परीक्षा में असफल रहा। इसके बाद वह व्यक्ति अपने दुर्भाग्य को लेकर लगातार शिकायत करता रहता है। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि वह “दुर्भाग्य को रो रहा है।”

825. मुहावरा – देर आये दुरूस्त आये
अर्थ: “देर आये दुरुस्त आये” का अर्थ है कि यदि किसी कार्य को करने में देर हो जाए, लेकिन अंततः परिणाम अच्छा हो, तो वह देरी स्वीकार्य है। यह धैर्य और सही समय पर सही कार्य करने की महत्ता पर जोर देता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग किया जाता है जब किसी काम के लिए देर हो जाने पर भी सकारात्मक परिणाम प्राप्त होते हैं।
उदाहरण: सुभाष को प्रोजेक्ट पूरा करने में देर हो गई, लेकिन उसका काम इतना अच्छा था कि बॉस ने कहा, “देर आये दुरुस्त आये।”

826. मुहावरा – दूर से हाथ जोड़ना
अर्थ: “दूर से हाथ जोड़ना” का अर्थ है किसी से सीधे मिलने या बातचीत करने की बजाय दूर से ही अभिवादन करना या सम्बोधित करना। यह अक्सर तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी अन्य व्यक्ति से बचना चाहता है या उससे सीधा संवाद से परहेज करता है।
प्रयोग: यह मुहावरा सामाजिक और व्यावसायिक परिस्थितियों में व्यक्ति के टालमटोल या बचने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
उदाहरण: विकास ने अपने पुराने मित्र से मिलने के बजाय “दूर से हाथ जोड़ना” ही उचित समझा, क्योंकि वह उससे किसी बात पर नाराज था।

827. मुहावरा – दूर से नमस्ते करना
अर्थ: इस मुहावरे में, “नमस्ते” एक सामान्य अभिवादन का प्रतीक है, और “दूर से” यह दर्शाता है कि अभिवादन में निकटता या गहराई का अभाव है। यह व्यक्त करता है कि संबंध केवल सतही या औपचारिक स्तर पर है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति की सामाजिक दूरी या औपचारिकता की ओर इशारा करना हो। यह अक्सर ऐसे संदर्भ में उपयोग होता है जहां व्यक्ति अंतरंगता से बचता है या किसी से गहरा संबंध नहीं रखना चाहता।
उदाहरण: वह अपने पड़ोसियों से हमेशा ‘दूर से नमस्ते’ करता है, कभी उनसे गहराई से बात नहीं करता।

828. मुहावरा – दुम हिलाते फिरना
अर्थ: “दुम हिलाते फिरना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी की खुशामद या चापलूसी करना। इसका इस्तेमाल तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी के प्रति अत्यधिक विनम्रता या सेवा भावना दिखाता है, खासकर लाभ या फायदे के लिए।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर व्यंग्यात्मक रूप में प्रयोग किया जाता है, खासकर तब जब कोई व्यक्ति किसी उच्च पदस्थ व्यक्ति की अत्यधिक प्रशंसा या चापलूसी कर रहा हो।
उदाहरण: अनुज अपने बॉस के सामने हमेशा “दुम हिलाते फिरते” हैं, उनकी हर बात पर हाँ में हाँ मिलाते हैं।

829. मुहावरा – दुनिया में दूध का धुला कोई भी नहीं
अर्थ: इस मुहावरे में “दूध का धुला” शब्दावली का इस्तेमाल किसी के निर्दोष होने की अवधारणा को दर्शाता है। दूध, जो कि शुद्धता का प्रतीक माना जाता है, इसमें “धुला” शब्द का समावेश यह बताता है कि कोई भी इतना शुद्ध या पापरहित नहीं होता, जैसा कि वह दिखाई देता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी के चरित्र या आचरण पर चर्चा हो रही हो और यह दर्शाना हो कि हर किसी में कुछ न कुछ कमियां होती हैं। यह अहंकार और आत्ममुग्धता के विरुद्ध एक चेतावनी के रूप में भी काम करता है।
उदाहरण: राजनीति में भ्रष्टाचार के मुद्दे पर चर्चा करते हुए, कोई कह सकता है, “इस क्षेत्र में दुनिया में दूध का धुला कोई भी नहीं है।”

830. मुहावरा – दीन की सेवा हीे दीनबंधु की सेवा है
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जो लोग दुखी, गरीब या असहाय हैं, उनकी सहायता करना और उनकी सेवा करना ही दीनबंधु (ईश्वर) की सच्ची सेवा है। यह संदेश देता है कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है।
प्रयोग: यह मुहावरा सामाजिक सेवा, दान-पुण्य, और परोपकार के कार्यों में उपयोगी है। इसका प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां सेवा और दया की भावना को बढ़ावा देना हो।
उदाहरण: सुभाष ने गरीब बच्चों के लिए स्कूल बनवाया, उनकी इस कार्य में “दीन की सेवा ही दीनबंधु की सेवा है” की भावना स्पष्ट दिखाई देती है।

831. मुहावरा – दिल की दिल में रह जाना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – जब व्यक्ति के दिल की बात उसी के दिल में ही दबी रह जाती है और बाहर नहीं आ पाती। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब किसी को अपने मन की बात कहने में हिचकिचाहट होती है या वह संकोच करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उस समय होता है जब कोई व्यक्ति अपनी भावनाओं को व्यक्त करने में असमर्थ होता है, चाहे वह प्रेम हो, दुःख हो या कोई और भावना।
उदाहरण: विकास अपने मित्र से अपनी नाराजगी व्यक्त नहीं कर पाया, और उसकी बात दिल की दिल में ही रह गई।

832. मुहावरा – न खाये न खाने दे
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई व्यक्ति न तो स्वयं किसी चीज का लाभ उठाता है और न ही अन्य लोगों को उससे लाभ उठाने देता है। यह आमतौर पर लालच और स्वार्थ की भावना को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति के स्वार्थी और लालची व्यवहार का वर्णन करना हो। यह अक्सर राजनीति, व्यवसाय, और यहां तक कि पारिवारिक मामलों में भी उपयोगी होता है।
उदाहरण: विनीत ने अपने भाई को बिजनेस में हिस्सेदारी नहीं दी, क्योंकि वह ‘न खाये न खाने दे’ की नीति पर चलता है।

833. मुहावरा – धर्म बिगाड़ना
अर्थ: “धर्म बिगाड़ना” का अर्थ है धार्मिक या नैतिक मार्ग से भटकना और गलत कार्यों में लिप्त होना। यह उन कार्यों को दर्शाता है जो धार्मिक या नैतिक दृष्टिकोण से गलत माने जाते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति या समूह अपने धार्मिक या नैतिक मानदंडों से विचलित होकर गलत काम करता है। यह अक्सर तब इस्तेमाल होता है जब व्यक्ति अपनी आस्था या नैतिकता को भूलकर कुछ गलत करता है।
उदाहरण: अभय ने धर्म बिगाड़ते हुए चोरी की, जिससे उसके परिवार का नाम खराब हुआ।

834. मुहावरा – धर-पकड़ होना
अर्थ: “धर-पकड़ होना” का अर्थ है किसी अपराध, विद्रोह या अन्य किसी अवैध गतिविधियों के संबंध में बड़े पैमाने पर गिरफ्तारियाँ की जाना। यह मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां प्रशासनिक या सुरक्षा बलों की ओर से कठोर कदम उठाए जाते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में आता है जब कानून प्रवर्तन एजेंसियां या सुरक्षा बल व्यापक स्तर पर गिरफ्तारी अभियान चलाते हैं। इसका इस्तेमाल विशेष रूप से तब किया जाता है जब ऐसी कार्रवाइयाँ अपराधों या अवैध गतिविधियों के नियंत्रण के लिए की जाती हैं।
उदाहरण: शहर में हुई चोरियों के बाद पुलिस ने व्यापक धर-पकड़ अभियान चलाया और कई संदिग्धों को गिरफ्तार किया।

835. मुहावरा – धमा चौकड़ी मचाना
अर्थ: “धमा चौकड़ी मचाना” का शाब्दिक अर्थ है खूब शोर-शराबा करना और मस्ती करना। यह मुहावरा उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहां लोग उत्साहित होकर खुशी के माहौल में मस्ती और हुल्लड़बाजी करते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर उत्सव, पार्टी, या खुशी के अन्य अवसरों पर होता है, जहां लोग अनौपचारिक और खुले तरीके से मस्ती करते हैं।
उदाहरण: होली के त्यौहार पर गाँव में सभी ने मिलकर धमा चौकड़ी मचाई।

836. मुहावरा – धन्ना सेठ
अर्थ: “धन्ना सेठ” का अर्थ होता है एक अत्यंत धनी व्यक्ति, जिसके पास बहुत अधिक संपत्ति और धन होता है। इस शब्द का प्रयोग उन लोगों के लिए होता है जो अपनी वित्तीय समृद्धि के लिए जाने जाते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति के धन की बहुतायत का वर्णन करना हो। इसका इस्तेमाल व्यंग्यात्मक रूप में भी होता है जब किसी व्यक्ति के अत्यधिक धनी होने पर टिप्पणी करनी हो।
उदाहरण: अखिल ने अपने नए बंगले के लिए इतना महंगा फर्नीचर खरीदा कि लोग कहने लगे कि वह तो धन्ना सेठ बन गया है।

837. मुहावरा – धतूरा खाए फिरना
अर्थ: “धतूरा खाए फिरना” मुहावरे का अर्थ है किसी का व्यवहार या कार्य बिना सोचे-समझे और अतार्किक होना। यह उन स्थितियों को दर्शाता है जहाँ व्यक्ति का आचरण विचित्र और अनुचित होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति का व्यवहार असामान्य और बेतुका हो। इसका प्रयोग व्यंग्यात्मक रूप से किसी की अजीबोगरीब हरकतों की ओर इशारा करने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: प्रेमचंद्र जी का आजकल का व्यवहार देखकर लगता है मानो उन्होंने धतूरा खाया हो, बिना मतलब के बातें कर रहे हैं।

838. मुहावरा – धड़ल्ले के साथ
अर्थ: “धड़ल्ले के साथ” का अर्थ है किसी काम को बहुत तेजी और उत्साह के साथ करना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब किसी व्यक्ति या समूह द्वारा कोई कार्य बड़ी ही शान और बेबाकी से किया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में होता है, जहाँ कोई कार्य जोर-शोर से, बिना किसी डर या हिचक के किया जा रहा हो। यह अक्सर उन कामों के सन्दर्भ में प्रयोग किया जाता है जिनमें लोगों का पूरा उत्साह और समर्पण नजर आता है।
उदाहरण: मुनीश ने अपने नए प्रोजेक्ट पर धड़ल्ले के साथ काम शुरू किया।

839. मुहावरा – धज्जियां उड़ाना
अर्थ: “धज्जियां उड़ाना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – किसी चीज की धज्जियां उड़ाना यानी उसे टुकड़े-टुकड़े कर देना। लेकिन लाक्षणिक रूप से, यह अभिव्यक्ति उस स्थिति को दर्शाती है जहां किसी व्यक्ति, नीति, योजना आदि की बहुत बुरी तरह से आलोचना की जाती है या इसे बहुत ही बुरी तरह से खारिज कर दिया जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल तब होता है जब किसी को बहुत बुरी तरह से हराना या आलोचना करना हो। इसका प्रयोग साहित्य, बोलचाल, और वाद-विवाद में किया जाता है।
उदाहरण: चुनावी बहस में एक पार्टी ने दूसरी पार्टी की नीतियों की धज्जियां उड़ा दी।

840. मुहावरा – धक्के खाते फिरना
अर्थ: “धक्के खाते फिरना” का अर्थ है किसी कठिनाई या अस्वीकार्य परिस्थितियों का अनुभव करना। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जहां व्यक्ति को लगातार निराशा और असफलता का सामना करना पड़ता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर उन परिस्थितियों में किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में बार-बार असफलता या दुःख का सामना कर रहा होता है। इसका प्रयोग उन स्थितियों में भी होता है जब किसी को समाज या परिवार द्वारा उपेक्षित या अस्वीकृत किया जाता है।
उदाहरण: अनुभव नौकरी न मिलने के कारण पिछले कई महीनों से धक्के खाते फिर रहा है।

841. मुहावरा – दो मुल्लाओं में मुर्गी हराम
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जब दो मुल्ला (जो इस्लामिक धर्मगुरु होते हैं) मुर्गी को लेकर बहस करते हैं कि यह हलाल है या हराम, तो अंत में मुर्गी को हराम मान लिया जाता है। इसका प्रतीकात्मक अर्थ है कि जब दो व्यक्ति या समूह अपनी बात पर अड़े रहते हैं और समझौता नहीं करते, तो अंत में कोई भी लाभ नहीं होता।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में इस्तेमाल किया जाता है जहाँ दो पक्ष अपनी-अपनी बात पर अड़े रहते हैं और इस कारण से कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकलता। इसे विभिन्न सामाजिक, राजनीतिक या व्यक्तिगत परिस्थितियों में प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: दो राजनीतिक पार्टियां एक ही मुद्दे पर विवाद कर रही थीं, और नतीजा यह हुआ कि कोई भी समाधान नहीं निकला। इस परिस्थिति को देखकर कहा जा सकता है कि “दो मुल्लाओं में मुर्गी हराम”।

842. मुहावरा – नस-नस फड़क उठना
अर्थ: यह मुहावरा उन परिस्थितियों को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति बहुत अधिक तनाव, डर, उत्तेजना या भावनात्मक अशांति महसूस कर रहा हो। यह आंतरिक भावनाओं की तीव्रता को प्रदर्शित करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर उन स्थितियों में किया जाता है जहाँ किसी को बहुत अधिक चिंता या डर का सामना करना पड़ रहा हो। यह किसी व्यक्ति की अत्यधिक भावनात्मक प्रतिक्रिया या तीव्र उत्तेजना की स्थिति को व्यक्त कर सकता है।
उदाहरण: परीक्षा के परिणाम आने पर अभय की नस-नस फड़क उठी।

843. मुहावरा – नया नौ दिन, पुराना सौ दिन
अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि कोई भी नई वस्तु या परिस्थिति शुरुआत में तो बहुत आकर्षक और महत्वपूर्ण लगती है, लेकिन वह अपनी चमक धीरे-धीरे खो देती है। यह कहावत मनुष्य की उस प्रवृत्ति को इंगित करती है जहां वह नई चीजों के प्रति उत्साहित होता है, लेकिन समय के साथ उसकी रुचि कम हो जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को नई चीजों की ओर आकर्षित होते देखा जाता है, परंतु यह भी समझा जाता है कि यह आकर्षण अस्थायी होगा। यह व्यक्तिगत रिश्तों, नई तकनीकी, फैशन ट्रेंड्स, नए काम, या यहाँ तक कि नए विचारों पर भी लागू होता है।
उदाहरण: जब विकास ने नया स्मार्टफोन खरीदा, तो वह उसके साथ बहुत खुश था, लेकिन कुछ ही हफ्तों में उसकी दिलचस्पी कम हो गई, जैसा कि ‘नया नौ दिन, पुराना सौ दिन’ में कहा गया है।

844. मुहावरा – नाम से हाजी वैसे पाजी
अर्थ: “नाम से हाजी वैसे पाजी” का शाब्दिक अर्थ है कि नाम से कोई हाजी (धार्मिक व्यक्ति) लग सकता है, लेकिन व्यवहार से वह पाजी (धूर्त या चालाक) होता है। इसका इस्तेमाल उन परिस्थितियों में होता है जब किसी व्यक्ति का बाहरी दिखावा उसके वास्तविक चरित्र से मेल नहीं खाता।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति के दोहरे मापदंड या ढोंगी स्वभाव की ओर इशारा करना होता है।
उदाहरण: नियांत को सब बहुत ईमानदार समझते थे, लेकिन जब पता चला कि उसने धोखाधड़ी की है, तब सब ने कहा, “नाम से हाजी वैसे पाजी”।

845. मुहावरा – नानी के आगे ननिहाल की बातें
अर्थ: “नानी के आगे ननिहाल की बातें” का अर्थ होता है किसी अनुभवी या ज्ञानी व्यक्ति के सामने उसी विषय पर अपनी अल्प ज्ञान या अनुभव की बात करना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब हमें यह दर्शाना हो कि किसी व्यक्ति का अनुभव या ज्ञान उस विषय में बहुत अधिक है और उसके सामने हमारी बातें ना केवल अप्रासंगिक बल्कि हास्यास्पद भी लग सकती हैं।
उदाहरण: एक नए शिक्षक ने जब अनुभवी शिक्षक से पढ़ाने के तरीकों पर सलाह देनी शुरू की, तो उसे लगा जैसे वह “नानी के आगे ननिहाल की बातें” कर रहा हो।

846. मुहावरा – पाप की कमाई, कुत्ते-बिल्लियों ने खाई
अर्थ: “पाप की कमाई, कुत्ते-बिल्लियों ने खाई” का सीधा अर्थ है कि बुरे तरीके से कमाया गया धन अंततः बेकार या अनुपयोगी चीजों पर खर्च हो जाता है। इसका तात्पर्य है कि अनैतिक तरीकों से अर्जित संपत्ति का कोई शुभ फल नहीं होता।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जब किसी व्यक्ति ने गलत तरीके से धन अर्जित किया हो और वह धन अनुचित रूप से खर्च हो जाए।
उदाहरण: एक व्यापारी जिसने धोखाधड़ी से बहुत धन कमाया, वह उसे जुए में हार गया। इस स्थिति में कहा जा सकता है, “पाप की कमाई, कुत्ते-बिल्लियों ने खाई।”

847. मुहावरा – पत्ता तक न हिलना
अर्थ: “पत्ता तक न हिलना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि इतनी शांति है कि एक पत्ता तक हिलने की स्थिति नहीं है। यह स्थिरता, शांति या किसी प्रकार की गतिविधि के पूर्ण अभाव का द्योतक है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन स्थितियों में किया जाता है जब चारों ओर पूर्ण शांति हो या कोई हलचल न हो। इसे अक्सर नाटकीयता या तनाव के क्षणों में वर्णन करने के लिए भी उपयोग किया जाता है।
उदाहरण: परीक्षा कक्ष में: “परीक्षा कक्ष में इतनी शांति थी कि पत्ता तक न हिल रहा था, सभी छात्र गंभीरता से अपनी परीक्षा लिख रहे थे।”

848. मुहावरा – पता नहीं कब दादा मरें कब बैल मिले
अर्थ: “पता नहीं कब दादा मरें कब बैल मिले” का अर्थ है कि किसी विशेष परिस्थिति या घटना के होने का कोई निश्चित समय या तारीख नहीं होती, और यह कब होगी इसका कोई ठिकाना नहीं होता। यह अनिश्चितता और आकस्मिकता की स्थिति को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ परिणाम या घटना का समय अनिश्चित होता है। इसे अक्सर विडंबनापूर्ण या हास्यास्पद स्थितियों में भी इस्तेमाल किया जाता है।
उदाहरण: मान लीजिए, कोई व्यक्ति बहुत लंबे समय से किसी नौकरी का इंतजार कर रहा हो, और उसे पता न हो कि वह कब मिलेगी, तो वह कह सकता है, “पता नहीं कब दादा मरें कब बैल मिले।”

849. मुहावरा – पंडिताई छाँटना
अर्थ: “मुहावरे ‘पंडिताई छाँटना’ का अर्थ है किसी विशेष विषय पर अनावश्यक या अतिरिक्त ज्ञान दिखाना या अकड़ के साथ अपनी शिक्षा का प्रदर्शन करना। यह अक्सर अहंकार और आत्म-महत्व की भावना से जुड़ा होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति अपने ज्ञान का दिखावा करता है या उसका उपयोग अहंकारी तरीके से करता है। यह व्यक्ति के अतिआत्मविश्वास या घमंड को दर्शाता है।
उदाहरण: वाद-विवाद प्रतियोगिता में: “अनुभव ने विवाद प्रतियोगिता में जीत हासिल करने के लिए पंडिताई छाँटी, लेकिन ज्यादा ज्ञान दिखाने की वजह से वह हार गया।”

850. मुहावरा – नाली की ईंट कोठे चढ़ी
अर्थ: “नाली की ईंट कोठे चढ़ी” का अर्थ है कि जब कोई अयोग्य व्यक्ति उच्च पद या सम्मानजनक स्थिति में पहुंच जाता है, जिसके लिए वह उपयुक्त नहीं होता। यह अनुचित योग्यता और स्थान के बीच की विडंबना को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति को उसकी योग्यता से अधिक अवसर या स्थिति प्राप्त होती है, खासकर जब यह प्रोन्नति अनुचित लगती है।
उदाहरण: किसी कंपनी में यदि एक अनुभवहीन व्यक्ति को बड़े पद पर नियुक्त किया जाता है, और वह अपने कार्यों में असफल रहता है, तो कहा जा सकता है कि “वह तो नाली की ईंट कोठे चढ़ गई।”

851. मुहावरा – नमक का हक अदा करना
अर्थ: “नमक का हक अदा करना” का अर्थ है किसी के प्रति ईमानदारी और आभार व्यक्त करना, खासकर उस व्यक्ति के प्रति जिसने आपकी मदद की हो या आप पर उपकार किया हो। यह मुहावरा उस वचनबद्धता और निष्ठा को दर्शाता है जो किसी के प्रति उसके उपकारों के लिए होती है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जब कोई व्यक्ति अपने उपकारकर्ता के प्रति आभार और सम्मान प्रकट करता है। यह कृतज्ञता और सच्चाई की भावना को बढ़ावा देता है।
उदाहरण: विशाल ने अपने बॉस के प्रति हमेशा नमक का हक अदा किया, क्योंकि बॉस ने ही उसे मुश्किल समय में नौकरी दी थी।

852. मुहावरा – नकेल हाथ में होना
अर्थ: “नकेल हाथ में होना” का अर्थ है किसी परिस्थिति, व्यक्ति या समूह पर पूर्ण नियंत्रण या सत्ता होना। यह व्यक्त करता है कि जब कोई व्यक्ति या संस्था अपने हाथों में संपूर्ण नियंत्रण रखती है, तो वह परिस्थितियों को अपने अनुसार ढाल सकती है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर अखिलनीति, व्यवसाय, प्रबंधन और सामाजिक संदर्भों में प्रयोग किया जाता है। यह उन परिस्थितियों में उपयुक्त है जहां किसी को अधिकार और नियंत्रण प्राप्त होता है।
उदाहरण: मान लीजिए, एक कंपनी में नए CEO ने अपने पदभार संभालते ही सभी महत्वपूर्ण फैसलों में खुद को शामिल किया और संगठन की दिशा निर्धारित करने लगे। इस स्थिति में कहा जा सकता है कि “नए CEO के हाथ में कंपनी की नकेल है।”

853. मुहावरा – नंगे का कोई क्या लेगा
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है, “जो व्यक्ति पहले से ही नंगा है, उससे और क्या लिया जा सकता है?” यहाँ ‘नंगे’ शब्द का प्रयोग उस व्यक्ति के लिए किया गया है जिसके पास खोने के लिए कुछ नहीं होता। यह व्यक्ति के संसाधनहीन अवस्था या निर्धनता का प्रतीक है।
प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न सामाजिक और आर्थिक संदर्भों में प्रयोग किया जाता है। जैसे, जब कोई व्यक्ति इतना गरीब हो कि उससे और अधिक छीनना असंभव हो, तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: उस गाँव के लोग इतने गरीब हैं कि चुनावी वादे करने वाले नेताओं के लिए भी यह कहा जा सकता है कि नंगे का कोई क्या लेगा।

854. मुहावरा – न सुनोगे सीख तो मांगोगे भीख
अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि यदि व्यक्ति समय पर दूसरों से सीखने की बात नहीं सुनता है या अनुशासन का पालन नहीं करता है, तो भविष्य में उसे आर्थिक या सामाजिक रूप से संघर्ष करना पड़ सकता है। यह कहावत व्यक्ति को जीवन में सही मार्गदर्शन और ज्ञान को अपनाने के महत्व को समझाती है।
प्रयोग: यह कहावत आमतौर पर शिक्षा, नैतिकता, और अनुशासन से संबंधित संदर्भों में उपयोग की जाती है। यह बच्चों, युवाओं और उन सभी लोगों के लिए एक सीख है जो जीवन के महत्वपूर्ण पाठों को नजरअंदाज करते हैं।
उदाहरण: मान लीजिए, एक छात्र पढ़ाई में ध्यान नहीं देता और शिक्षकों की सलाह को अनदेखा करता है। भविष्य में, उसे अच्छी नौकरी पाने में कठिनाई हो सकती है, जिससे वह आर्थिक और सामाजिक रूप से संघर्ष कर सकता है। ऐसे में, यह कहावत उस स्थिति पर सटीक बैठती है।

855. मुहावरा – नाक पर गुस्सा होना
अर्थ: “नाक पर गुस्सा होना” मुहावरे का सामान्य अर्थ है जल्दी गुस्सा हो जाना या छोटी-छोटी बातों पर अनुचित प्रतिक्रिया दिखाना। यह उस व्यक्ति की चिड़चिड़ाहट और आवेगी प्रकृति को दर्शाता है जिसे बहुत कम प्रेरणा पर गुस्सा आ जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को बहुत जल्दी और छोटी बात पर गुस्सा होते हुए देखा जाता है। यह व्यक्तित्व की उस विशेषता को बताता है जहां व्यक्ति का संयम कम होता है और वह आसानी से क्रोधित हो जाता है।
उदाहरण: अमन को देखो, छोटी-छोटी बात पर ही नाक पर गुस्सा आ जाता है, थोड़ा संयम रखना चाहिए।

856. मुहावरा – पानी की कमाई पानी में गँवाई
अर्थ: “पानी की कमाई पानी में गँवाई” का अर्थ है कि जो धन बिना किसी मेहनत या परिश्रम के कमाया गया है, वह आसानी से व्यर्थ में खर्च हो जाता है। यह मुहावरा व्यर्थ खर्च और असावधानीपूर्वक धन की बर्बादी पर बल देता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है, जब किसी व्यक्ति ने अपनी कमाई को बिना सोचे-समझे या अनुचित तरीके से खर्च कर दिया हो। यह वित्तीय समझदारी के महत्व को भी दर्शाता है।
उदाहरण: विकास ने लॉटरी में जीते पैसे को फिजूल की चीजों में उड़ा दिया, “पानी की कमाई पानी में गँवाई”।

857. मुहावरा – पाँव की धूल होना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी के पाँव की धूल होना, अर्थात किसी के सामने खुद को बहुत ही तुच्छ या नीचे मानना। यह अपने आप को किसी के प्रति समर्पित करने की भावना को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आदर और समर्पण के भाव को व्यक्त करने के लिए होता है। यह अक्सर धार्मिक, साहित्यिक या गुरु-शिष्य के संबंधों में प्रयोग होता है।
उदाहरण: एक शिष्य ने अपने गुरु से कहा, “गुरुजी, मैं आपके पाँव की धूल हूँ।” इससे उसने अपनी विनम्रता और समर्पण का भाव दर्शाया।

858. मुहावरा – पहले मारे सो मीर
अर्थ: “पहले मारे सो मीर” का शाब्दिक अर्थ है कि जो पहले हमला करता है, वही विजयी होता है। इस मुहावरे का उपयोग यह बताने के लिए होता है कि प्रतिस्पर्धा या संघर्ष की स्थिति में, पहले कदम उठाने वाले को ही अक्सर लाभ होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर रणनीति, व्यापार, खेल, या जीवन की अन्य प्रतिस्पर्धी स्थितियों में प्रयोग किया जाता है। यह सक्रियता और आक्रामकता के महत्व को दर्शाता है।
उदाहरण: शतरंज के खेल में, अक्सर “पहले मारे सो मीर” की नीति काम आती है।

859. मुहावरा – पहले तोलो, फिर बोलो
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि बोलने से पहले अपने शब्दों और विचारों का वजन कर लेना चाहिए। इसका मतलब है कि किसी भी बात को कहने से पहले उसके परिणामों पर विचार करना चाहिए।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उस समय किया जाता है जब किसी व्यक्ति को विचारशील और संयमित रहने की सलाह देनी होती है, खासकर तब जब बातचीत में संवेदनशील या महत्वपूर्ण मुद्दे शामिल होते हैं।
उदाहरण: जब राजनीतिक नेता ने जल्दबाजी में एक विवादित बयान दिया, तो उसके सलाहकार ने कहा, “पहले तोलो, फिर बोलो।”

860. मुहावरा – पहले आत्मा फिर परमात्मा
अर्थ: “पहले आत्मा फिर परमात्मा” का अर्थ है कि व्यक्ति को सबसे पहले अपने आत्म-स्वरूप को जानना चाहिए, इसके बाद ही वह परमात्मा को समझ सकता है। यह मुहावरा आत्म-अनुसंधान और आत्म-जागरूकता की ओर संकेत करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आत्म-खोज और आध्यात्मिक विकास पर जोर देने के लिए किया जाता है। यह आत्म-विश्लेषण और आंतरिक शांति की खोज की बात करता है।
उदाहरण: गुरुजी ने कहा, “पहले आत्मा को समझो, फिर परमात्मा स्वयं समझ में आ जाएगा।”

861. मुहावरा – पहले अपने, पीछे पराए
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि सबसे पहले अपने परिवार और निकट संबंधियों की देखभाल करनी चाहिए, फिर बाकी लोगों की। यह अपने परिवार और स्वजनों के प्रति प्राथमिकता और लगाव को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां व्यक्ति को अपने और परायों के बीच में चयन करना पड़ता है। यह नैतिकता और सामाजिक मूल्यों की ओर भी संकेत करता है।
उदाहरण: विनीत को जब अपने मित्र और चचेरे भाई में से किसी एक को नौकरी के लिए सिफारिश करनी थी, तो उसने अपने भाई का नाम आगे बढ़ाया, क्योंकि ‘पहले अपने, पीछे पराए’।

862. मुहावरा – पहलू में रहना
अर्थ: “पहलू में रहना” का अर्थ है किसी के साथ निकट संबंध रखना या किसी के साथ बहुत करीब रहना। यह मुहावरा आमतौर पर सहयोग, समर्थन, या साथ देने की भावना को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग उन परिस्थितियों में होता है जहां दो व्यक्तियों या समूहों के बीच गहरा संबंध या निकटता होती है। यह अक्सर मित्रता, पारिवारिक बंधन, या व्यावसायिक सहयोग के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: सुरेंद्र हमेशा अपने दोस्त सुरेश के पहलू में रहता है, चाहे कोई भी परिस्थिति हो।

863. मुहावरा – पलड़ा भारी होना
अर्थ: “पलड़ा भारी होना” का अर्थ है किसी एक पक्ष का दूसरे पक्ष पर प्रभावशाली या शक्तिशाली होना। यह अक्सर उस स्थिति का वर्णन करता है जहाँ कोई व्यक्ति, समूह या पक्ष दूसरे से अधिक प्रभावी या मजबूत साबित होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग विभिन्न संदर्भों में किया जा सकता है, जैसे खेल, व्यापार, राजनीति, विवाद आदि में जब किसी एक पक्ष का दबदबा या प्रभाव दूसरे पर हावी होता है।
उदाहरण: क्रिकेट मैच में अंतिम ओवरों में जब एक टीम ने अचानक बहुत रन बनाए, तो कहा जा सकता है कि उस मैच में उसका पलड़ा भारी हो गया।

864. मुहावरा – पल में तोला पल में माशा
अर्थ: इस मुहावरे का प्रयोग उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जहां किसी का मूड या व्यवहार बहुत जल्दी और अचानक बदल जाता है। यह अस्थिरता और अनिश्चितता का प्रतीक है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग व्यक्ति की चंचलता या भावनाओं में अचानक परिवर्तन को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह किसी के अप्रत्याशित स्वभाव को व्यक्त करने में सहायक होता है।
उदाहरण: विशाल का स्वभाव है “पल में तोला पल में माशा”, कभी हंसता है तो कभी रोता है।

865. मुहावरा – पराई आग में हाथ सेंकना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी और की आग में अपने हाथ गर्म करना। परंतु लाक्षणिक रूप से, इसका अर्थ होता है किसी और की मुसीबत या अनिष्ट का फायदा उठाना।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यंग्यात्मक और नैतिकता से जुड़े संदर्भों में प्रयोग किया जाता है। जब कोई व्यक्ति दूसरे की दुर्दशा या संकट का फायदा उठाता है, तो उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए इस मुहावरे का इस्तेमाल होता है।
उदाहरण: जब शहर में हड़ताल हुई, तो कुछ ऑटो वालों ने इसका फायदा उठाते हुए अधिक किराया वसूल किया, वे सभी पराई आग में हाथ सेंक रहे थे।

866. मुहावरा – पूँछ पकड़कर चलना
अर्थ: “पूँछ पकड़कर चलना” का अर्थ है किसी का आँख मूंदकर अनुसरण करना या बिना सोचे-समझे किसी के पीछे चलना। इस मुहावरे में ‘पूँछ पकड़कर चलने’ का भाव है कि कोई बिना अपनी बुद्धि का प्रयोग किए किसी दूसरे की अंधी नकल कर रहा है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग में आता है जब हमें यह दर्शाना हो कि कोई व्यक्ति स्वतंत्र विचार या निर्णय नहीं कर रहा है बल्कि किसी दूसरे की नकल कर रहा है।
उदाहरण: “नियांत हमेशा अपने बड़े भाई की पूँछ पकड़कर चलता है, चाहे वो कुछ भी करें।”

867. मुहावरा – पुराना घाघ होना
अर्थ: “पुराना घाघ होना” का अर्थ है किसी व्यक्ति का बहुत अनुभवी और चालाक होना। यह मुहावरा उन व्यक्तियों के लिए प्रयोग होता है जो जीवन के कई उतार-चढ़ाव देख चुके हों और जिन्हें विभिन्न परिस्थितियों में सही निर्णय लेने की क्षमता हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल अक्सर उन स्थितियों में होता है जहां किसी व्यक्ति की चालाकी या अनुभव को प्रदर्शित करना होता है।
उदाहरण: राजनीति में वह व्यक्ति पुराना घाघ है, उसे समझना आसान नहीं।

868. मुहावरा – पासंग बराबर भी न होना
अर्थ: “पासंग बराबर भी न होना” का अर्थ है कि कुछ भी तुलना में बहुत कम या नगण्य होना। यह मुहावरा तब इस्तेमाल होता है जब किसी चीज़ की गुणवत्ता या महत्व किसी अन्य चीज़ की तुलना में बहुत कम हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तुलना करते समय किया जाता है, जब हमें यह दर्शाना हो कि एक चीज दूसरे की तुलना में काफी अधिक हीन है।
उदाहरण: विकास की बुद्धिमत्ता और अनुभव के सामने राहुल का ज्ञान पासंग बराबर भी नहीं है।

869. मुहावरा – पास में पैसा तो सुखचैन कैसा
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जब व्यक्ति के पास बहुत अधिक धन होता है, तो उसे सच्चा सुख और चैन नहीं मिल पाता। यह धन के अधिकता के प्रभाव पर विचार करता है और बताता है कि कैसे अत्यधिक धन होने से मानवीय मूल्य और आंतरिक शांति प्रभावित हो सकती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन स्थितियों में होता है जहाँ धन के कारण व्यक्ति के जीवन में तनाव और असंतोष का वर्णन किया जाता है। यह धन और संतोष के बीच के जटिल संबंधों को दर्शाता है।
उदाहरण: वह व्यापारी धनवान तो बहुत है पर उसका जीवन चिंताओं से भरा हुआ है, सच में पास में पैसा तो सुखचैन कैसा।

870. मुहावरा – पाप छिपाया पाप बढ़ाया
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब किसी व्यक्ति द्वारा किए गए पाप या गलती को छिपाने की कोशिश की जाती है, तो वास्तव में वह पाप और बढ़ जाता है। यह बताता है कि गलतियों को छुपाने से वे और अधिक गंभीर बन जाती हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर उस समय किया जाता है जब किसी को यह समझाना होता है कि गलतियों को छिपाने से बेहतर है कि उन्हें स्वीकार कर लिया जाए।
उदाहरण: विकास ने अपनी गलती छुपाने की कोशिश की, लेकिन बाद में उसे समझ आया कि पाप छिपाया पाप बढ़ाया।

871. मुहावरा – पाप का घड़ा कभी-न-कभी फूटता है
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि एक घड़ा जो पाप से भरा हुआ है, अंततः फूट जाएगा। इसका आलंकारिक अर्थ यह है कि बुरे कर्मों का फल, चाहे देर से ही सही, लेकिन अवश्य मिलता है। यह मुहावरा यह भी संकेत देता है कि बुराई का अंत समय के साथ निश्चित है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है, जहां किसी व्यक्ति या समूह के नकारात्मक या अनैतिक कार्यों की बात हो रही हो। यह यह दर्शाता है कि बुराई के लिए दंड अनिवार्य है।
उदाहरण: राजनीति में भ्रष्टाचार करने वालों का पाप का घड़ा एक दिन फूटेगा।

872. मुहावरा – पानी पी-पीकर कोसना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी को बार-बार और अनावश्यक रूप से बुरा-भला कहना। यहाँ पानी पी-पीकर कोसने का तात्पर्य है कि किसी के प्रति नकारात्मक भावना इतनी गहरी हो गई है कि रोजमर्रा के कामों में भी उसके बारे में बुरा सोचा जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर किसी व्यक्ति की अत्यधिक आलोचनात्मक प्रवृत्ति को दर्शाने के लिए किया जाता है। यह बताता है कि कैसे कुछ लोग किसी के प्रति इतना गहरा द्वेष रखते हैं कि हर समय, हर परिस्थिति में उन्हें केवल बुरा ही बुरा नजर आता है।
उदाहरण: सुरेंद्र हमेशा अपने पड़ोसी के बारे में बुरा-भला कहता रहता है, लगता है वह पानी पी-पीकर उसको कोसता है।

873. मुहावरा – रुपया पानी की तरह बहाना
अर्थ: “रुपया पानी की तरह बहाना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है धन को पानी की तरह बहाना, जिसका प्रतीकात्मक अर्थ है अत्यधिक और अनावश्यक रूप से धन खर्च करना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति का ध्यान न रखते हुए लापरवाही से खर्च करता है।
प्रयोग: “रुपया पानी की तरह बहाना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है धन को पानी की तरह बहाना, जिसका प्रतीकात्मक अर्थ है अत्यधिक और अनावश्यक रूप से धन खर्च करना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति का ध्यान न रखते हुए लापरवाही से खर्च करता है।
उदाहरण: “रुपया पानी की तरह बहाना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है धन को पानी की तरह बहाना, जिसका प्रतीकात्मक अर्थ है अत्यधिक और अनावश्यक रूप से धन खर्च करना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जब व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति का ध्यान न रखते हुए लापरवाही से खर्च करता है।

874. मुहावरा – पूरी नही तो आधी भली
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि अगर किसी काम को पूरी तरह से नहीं किया जा सकता, तो उसे आंशिक रूप से करना भी अच्छा है। यह यह दर्शाता है कि थोड़ा पाना भी कुछ न पाने से बेहतर है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन स्थितियों में इस्तेमाल होता है जहाँ पूर्णता संभव न हो। यह जीवन में यथार्थवादी और व्यावहारिक दृष्टिकोण अपनाने की सिख देता है।
उदाहरण: मैं चाहता तो पूरा कोर्स करना था, लेकिन समयाभाव के कारण सिर्फ आधा ही कर पाया। पर ठीक है, पूरी नहीं तो आधी भली।

875. मुहावरा – बड़े मियाँ तो बड़े मियाँ, छोटे मियाँ सुभान अल्लाह
अर्थ: इस मुहावरे का भावार्थ यह है कि जब बड़े और छोटे, दोनों ही अपनी-अपनी जगह पर उत्कृष्ट कार्य करते हैं, तो यह देखकर आश्चर्य और प्रशंसा होती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल अक्सर तब होता है जब किसी परिवार, संस्था, या समूह में वरिष्ठ और जूनियर दोनों उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं।
उदाहरण: क्रिकेट टीम में जहां कप्तान ने शतक बनाया, वहीं नए खिलाड़ी ने भी कमाल की बैटिंग की – “बड़े मियाँ तो बड़े मियाँ, छोटे मियाँ सुभान अल्लाह”।

876. मुहावरा – बजाज का बेटा कपड़े की भीख माँगे
अर्थ: “बजाज” यहाँ धनी और समृद्ध परिवार का प्रतीक है। “बजाज का बेटा कपड़े की भीख माँगे” का अर्थ है कि एक समय में धनी और प्रतिष्ठित परिवार का सदस्य गरीबी और विपन्नता की स्थिति में आ गया है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी समृद्ध व्यक्ति या परिवार की स्थिति में अचानक और गंभीर पतन होता है।
उदाहरण: वो पहले शहर के जाने-माने व्यापारी थे, लेकिन आज उनका बेटा कपड़े की भीख माँग रहा है।

877. मुहावरा – बच्चा वही पहाड़ा बोलता है जो माँ सिखाती है
अर्थ: इस मुहावरे का भावार्थ यह है कि बच्चों का चरित्र और व्यवहार उनके पालन-पोषण और शिक्षा पर निर्भर करता है। माता-पिता और अभिभावक जो संस्कार और शिक्षा बच्चों को देते हैं, वही उनके व्यक्तित्व का आधार बनता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब बच्चों के व्यवहार या चरित्र में माता-पिता के प्रभाव को दर्शाना होता है। यह बताता है कि बच्चे अपने अभिभावकों से ही सीखते हैं।
उदाहरण: अभय हमेशा सच बोलता है, क्योंकि उसकी माँ ने उसे यही सिखाया है – “बच्चा वही पहाड़ा बोलता है जो माँ सिखाती है”।

878. मुहावरा – निन्यानवे का फेर
अर्थ: “निन्यानवे का फेर” का अर्थ है किसी कार्य में लगभग सफल होते हुए भी अंतिम समय में असफल हो जाना। यह मुहावरा उन परिस्थितियों को व्यक्त करता है जहां कोई व्यक्ति या उद्यमी अपने लक्ष्य के बहुत करीब पहुंचने के बावजूद सफलता प्राप्त नहीं कर पाता।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी का प्रयास लगभग सफल होते-होते असफल हो जाता है।
उदाहरण: विकास ने नौकरी पाने के लिए बहुत मेहनत की, लेकिन अंतिम चरण में चूक जाने के कारण उसका प्रयास ‘निन्यानवे का फेर’ हो गया।

879. मुहावरा – फटी जेब में पैसा डालना बेकार
अर्थ: इस मुहावरे का भावार्थ यह है कि किसी अनुपयोगी या अकारण कार्य में समय और संसाधन खर्च करना निरर्थक है। यह उन प्रयासों की व्यर्थता को दर्शाता है जिनसे कोई सार्थक परिणाम नहीं निकलता।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति या संस्था को उनके निरर्थक प्रयासों के बारे में सचेत किया जा रहा हो। यह उन स्थितियों में भी इस्तेमाल होता है जहाँ परिणाम की अनुपस्थिति में प्रयास जारी रखना बेकार है।
उदाहरण: जब तक सुधीर अपनी आदतें नहीं बदलेगा, तब तक उस पर सलाह देना “फटी जेब में पैसा डालना बेकार” है।

880. मुहावरा – होश फाख्ता होना
अर्थ: “होश फाख्ता होना” का अर्थ है किसी घटना या स्थिति से इतने अधिक आश्चर्यचकित या भयभीत होना कि समझ ही न बचे। यह मुहावरा ऐसी परिस्थितियों को दर्शाता है जहां व्यक्ति अत्यधिक आश्चर्य या डर के कारण अपना सामान्य विवेक खो बैठता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल तब किया जाता है जब व्यक्ति अप्रत्याशित और चौंकाने वाली स्थितियों में अपने होश खो बैठता है।
उदाहरण: जब शुभ ने देखा कि उसके घर में आग लगी है, तो उसके होश फाख्ता हो गए।

881. मुहावरा – प्रेम गली अति साँकरी
अर्थ: इस मुहावरे का भावार्थ यह है कि प्रेम का मार्ग आसान नहीं होता, और इस पथ पर चलने वाले को कई बाधाओं का सामना करना पड़ता है। यह संकेत करता है कि प्रेम में प्रवेश करना तो आसान होता है, परंतु उसे निभाना कठिन।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन स्थितियों में किया जाता है जहां प्रेम संबंधों में आने वाली चुनौतियों और कठिनाइयों की ओर इशारा किया जाना हो। यह प्रेम संबंधों की जटिलताओं और उनमें आने वाले उतार-चढ़ाव को दर्शाता है।
उदाहरण: अनुज और अनीता के प्रेम संबंधों में जो कठिनाइयाँ आईं, उन्होंने साबित कर दिया कि “प्रेम गली अति साँकरी”।

882. मुहावरा – पैसा गाँठ का, यार साथ का
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि पैसा तो बचत में रहता है, लेकिन असली साथी तो मित्र होते हैं। यह बताता है कि वित्तीय संसाधनों की तुलना में सामाजिक संबंध और मित्रता अधिक महत्वपूर्ण होते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को यह समझाना हो कि धन से अधिक महत्वपूर्ण व्यक्तिगत संबंध होते हैं।
उदाहरण: अभय ने अपनी मुश्किल समय में दोस्तों की मदद से सीखा कि पैसा गाँठ का, यार साथ का।

883. मुहावरा – पेट सब कुछ कराता है
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जीवन में भौतिक और शारीरिक आवश्यकताएँ, खासकर भोजन, व्यक्ति को विभिन्न कार्य करने के लिए प्रेरित करती हैं। यह यह दर्शाता है कि बुनियादी जरूरतें व्यक्ति के निर्णय और कार्यों को प्रभावित करती हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब किसी व्यक्ति के किसी कार्य को करने के पीछे उसकी मूलभूत आवश्यकताएँ प्रेरक शक्ति हों।
उदाहरण: विकास को वह नौकरी पसंद नहीं थी, लेकिन पेट सब कुछ कराता है, इसलिए उसने वह काम किया।

884. मुहावरा – पूत अपने सब कहँ प्यारी
अर्थ: “पूत अपने सब कहँ प्यारी” का अर्थ है कि हर माता-पिता को अपने बच्चे सबसे अधिक प्रिय और महत्वपूर्ण लगते हैं। यह व्यक्त करता है कि माता-पिता अपने बच्चों में कोई भी दोष नहीं देखते और उन्हें हमेशा प्यार करते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अपने बच्चों के प्रति अत्यधिक स्नेह और अनुराग दिखाना हो।
उदाहरण: चाहे प्रथम ने कितनी भी गलतियाँ क्यों न की हों, उसकी माँ के लिए तो पूत अपने सब कहँ प्यारी ही है।

885. मुहावरा – फूल के साथ कांटे होना
अर्थ: “फूल के साथ कांटे होना” का शाब्दिक अर्थ है कि जहां फूल होते हैं, वहां कांटे भी होते हैं। प्रतीकात्मक रूप से, यह बताता है कि जीवन के सुखद क्षणों के साथ ही चुनौतियां और समस्याएं भी आती हैं।
प्रयोग: जब कोई व्यक्ति जीवन की कठिनाइयों से गुजर रहा होता है या जब किसी को यह समझाना होता है कि सफलता के पीछे भी कठिनाई हो सकती है, तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: मान लीजिए किसी व्यक्ति ने अपना व्यवसाय शुरू किया है और उसमें कई चुनौतियां आ रही हैं। इस परिस्थिति में कहा जा सकता है, “व्यवसाय में सफलता पाने के लिए ‘फूल के साथ कांटे’ भी सहने पड़ते हैं।”

886. मुहावरा – फूल सूंघकर जीना
अर्थ: “फूल सूंघकर जीना” मुहावरे का अर्थ है कि किसी व्यक्ति को छोटी-छोटी खुशियों और सुंदरता की सराहना करनी चाहिए, जो उसके आसपास हैं। यह सिखाता है कि हमें जीवन के सरल और प्राकृतिक पहलुओं का आनंद लेना चाहिए।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर उस समय किया जाता है जब किसी को सरलता और सकारात्मकता की ओर प्रेरित करना होता है। यह व्यक्त करता है कि जीवन की खूबसूरती छोटी चीजों में निहित है।
उदाहरण: मान लीजिए कोई व्यक्ति बहुत तनाव में है और जीवन की साधारण खुशियों को नहीं देख पा रहा है। ऐसे में कहा जा सकता है, “तुम्हें थोड़ा ‘फूल सूंघकर जीना’ चाहिए, इससे तुम्हारा मन हल्का होगा।”

887. मुहावरा – बात लाख की, करनी खाक की
अर्थ: ‘बात लाख की, करनी खाक की’ का सीधा अर्थ है कि किसी व्यक्ति के शब्द और कार्यों में बड़ा अंतर होता है। जहाँ वह बहुत कुछ कहता है, लेकिन उसके काम उसके शब्दों की तुलना में बहुत कम महत्वपूर्ण या बेकार होते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन व्यक्तियों के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है जो बड़े वादे करते हैं लेकिन उन्हें पूरा नहीं करते।
उदाहरण: राजनेता ने चुनाव से पहले बहुत वादे किए थे, लेकिन चुनाव जीतने के बाद उनका काम देखकर लगता है ‘बात लाख की, करनी खाक की’।

888. मुहावरा – बाजार गरम होना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी विशेष स्थिति में बहुत अधिक चर्चा, उत्साह, या गतिविधि होना। यह अक्सर बाजार में व्यापारिक हलचल या किसी समाचार या घटना के कारण लोगों की बढ़ती रुचि को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग बाजार, समाज, राजनीति, खेल जगत, या मीडिया में होता है। यह किसी नए उत्पाद, समाचार, घटना, या विवाद के कारण उत्पन्न उत्साह या चर्चा को दर्शाता है।
उदाहरण: जब नई फिल्म का ट्रेलर लॉन्च हुआ, तो सोशल मीडिया पर बाजार गरम हो गया।

889. मुहावरा – बागडोर हाथ से छूटना
अर्थ: ‘बागडोर हाथ से छूटना’ का अर्थ है किसी स्थिति, संस्था, या परियोजना पर से नियंत्रण या अधिकार खो देना। यह उस परिस्थिति का वर्णन करता है जहां व्यक्ति या समूह अपनी प्रभावशाली स्थिति या प्रभुत्व को खो देता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन स्थितियों में होता है जहाँ किसी नेता, प्रबंधक, या अन्य प्रभावशाली व्यक्ति को अपनी नियंत्रण क्षमता खोते हुए देखा जाता है।
उदाहरण: कंपनी में नए CEO के आने के बाद, पुराने मैनेजर की बागडोर हाथ से छूट गई।

890. मुहावरा – बागडोर हाथ में होना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी व्यक्ति के पास पूर्ण नियंत्रण या अधिकार होना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ व्यक्ति स्वयं निर्णय लेता है और उसके फैसले परिस्थितियों पर बड़ा प्रभाव डालते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग किसी भी ऐसे संदर्भ में किया जा सकता है जहाँ किसी व्यक्ति को पूर्ण अधिकार और नियंत्रण प्राप्त हो। यह व्यवसाय, राजनीति, पारिवारिक मामलों, या किसी संगठन के संचालन से संबंधित हो सकता है।
उदाहरण: जब कंपनी के CEO ने अपने पद का कार्यभार संभाला, तो उन्होंने सुनिश्चित किया कि बागडोर पूरी तरह से उनके हाथ में हो।

891. मुहावरा – साँप की बाँबी में हाथ डालना
अर्थ: ‘साँप की बाँबी में हाथ डालना’ मुहावरे का अर्थ है, बिना सोचे-समझे या जानबूझकर किसी जोखिम भरे काम में शामिल होना। यह आमतौर पर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है, जहाँ खतरे की संभावना अधिक हो।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है, जहाँ व्यक्ति जानबूझकर या बिना सोचे-समझे खतरनाक या जोखिम भरे कदम उठाता है।
उदाहरण: राजनीति में अपने प्रतिद्वंद्वी के खिलाफ गलत आरोप लगाना, साँप की बाँबी में हाथ डालने जैसा है।

892. मुहावरा – बहुत से जोगी मठ उजाड़
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब बहुत सारे लोग एक ही काम में शामिल होते हैं तो उस काम में अव्यवस्था और असंगठन की स्थिति पैदा हो जाती है, जिससे काम का नतीजा नकारात्मक या असफल होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग व्यापार, प्रशासन, और यहां तक कि पारिवारिक संदर्भों में भी किया जा सकता है। यह विशेषकर तब प्रयोग में लाया जाता है जब एक काम में अनेक लोगों की भागीदारी होती है, लेकिन उसमें समन्वय की कमी होती है।
उदाहरण: कंपनी में नया प्रोजेक्ट शुरू होने पर, बहुत सारे विभागों ने उसमें हाथ डाला, लेकिन अंततः प्रोजेक्ट विफल रहा। यहाँ ‘बहुत से जोगी मठ उजाड़’ की कहावत सटीक बैठती है।

893. मुहावरा – बल्लियों उछलना
अर्थ: मुहावरे ‘बल्लियों उछलना’ का अर्थ है बहुत ज्यादा खुश होना या उत्साहित होना। यह आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी को अपनी खुशी या संतोष का बहुत जोरदार तरीके से व्यक्त करना होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर सकारात्मक संदर्भ में प्रयोग किया जाता है, जैसे कि किसी सफलता, अच्छी खबर या खुशी के मौके पर।
उदाहरण: नियांत को जब परीक्षा में अच्छे अंक मिले, तो वह बल्लियों उछल पड़ा।

894. मुहावरा – बद अच्छा, बदनाम बुरा
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि बुरा होना अपेक्षाकृत बेहतर है, बजाय बुरा कहलाने के। इसका मतलब यह है कि अगर आप बुरे काम कर भी रहे हैं, तो वह कम बुरा है बजाय इसके कि आपकी प्रतिष्ठा खराब हो। यह मुहावरा यह भी दर्शाता है कि समाज में प्रतिष्ठा और सम्मान का कितना महत्व है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा पर बात आती है। यह उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जहां व्यक्ति के चरित्र या साख पर सवाल उठते हैं।
उदाहरण: इस मुहावरे का उपयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की प्रतिष्ठा पर बात आती है। यह उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जहां व्यक्ति के चरित्र या साख पर सवाल उठते हैं।

895. मुहावरा – बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ व्यक्ति की अज्ञानता और असावधानी पर प्रकाश डालता है। जब कोई समस्या का समाधान हमारे बहुत करीब होता है, लेकिन हम उसे अनदेखा करके दूर की कौड़ी लाने में लगे रहते हैं, तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न प्रकार के परिदृश्यों में प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि जब किसी को अपने घर के आस-पास की चीजों का महत्व न समझते हुए बाहरी चीजों का महत्त्व अधिक माना जाता है।
उदाहरण: नियांत अपने गाँव में प्रतिभाशाली युवाओं की तलाश में था, लेकिन उसे नहीं पता था कि उसका अपना भाई एक प्रतिभाशाली गायक है। यहाँ पर ‘बगल में छोरा, शहर में ढिंढोरा’ की कहावत सटीक बैठती है।

896. मुहावरा – भंडा फोड़ना
अर्थ: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति या समूह जानबूझकर छुपाए गए सच या रहस्यों को सामने लाता है। इसमें अक्सर ऐसी सूचना या तथ्य शामिल होते हैं जो पहले से ज्ञात नहीं होते हैं और उनका खुलासा होने पर समाज या व्यक्तियों पर प्रभाव पड़ता है।
प्रयोग: ‘भंडा फोड़ना’ मुहावरे का प्रयोग अक्सर समाचार रिपोर्टिंग, साहित्यिक कृतियों, राजनीतिक चर्चाओं, और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा के समय किया जाता है। जब किसी बड़े घोटाले, अपराध, या अनैतिक कार्य का पर्दाफाश होता है, तब इस मुहावरे का उपयोग बहुत प्रचलित है।
उदाहरण: जब पत्रकार ने उस कंपनी के गबन के बारे में खबर प्रकाशित की, तो उसने सचमुच में कंपनी का भंडा फोड़ दिया।

897. मुहावरा – बाप का माल समझना
अर्थ: इस मुहावरे का मूल भाव यह है कि जब कोई व्यक्ति संसाधनों को बिना महत्व दिए, बिना सोचे-समझे खर्च कर देता है, तो उसे ‘बाप का माल समझना’ कहा जाता है। यह अक्सर उन लोगों पर लागू होता है जो अपनी या दूसरों की संपत्ति को समझदारी से नहीं निभाते।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति धन, संसाधन या अन्य चीजों को लापरवाही से खर्च करता है। यह व्यक्ति की उस मानसिकता को दर्शाता है जहां उसे उस चीज की कोई कद्र नहीं होती जो उसे आसानी से मिल गई है।
उदाहरण: अमन हमेशा महंगी चीजें खरीदता है और फिर उन्हें ध्यान से नहीं रखता। वह हमेशा बाप का माल समझकर चीजों को बर्बाद कर देता है।

898. मुहावरा – बाप-दादा का नाम डुबोना
अर्थ: मुहावरे ‘बाप-दादा का नाम डुबोना’ का सीधा अर्थ है किसी व्यक्ति के अनुचित या नकारात्मक आचरण से उसके परिवार की इज्जत और मान्यता में कमी आना। यह व्यक्ति की उस असजावत और अनुचित व्यवहार को दर्शाता है जो परिवार की गरिमा को कम करता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी के गलत या अनैतिक कार्यों के कारण उसके परिवार की सामाजिक प्रतिष्ठा में कमी आती है। यह व्यक्ति की उस मानसिकता को दर्शाता है जो समाज में अपने परिवार की इज्जत का ध्यान नहीं रखता।
उदाहरण: विशाल ने अपनी गलत हरकतों से न केवल अपना बल्कि अपने बाप-दादा का भी नाम डुबो दिया।

899. मुहावरा – उसकी क्या बिसात
अर्थ: ‘उसकी क्या बिसात’ का अर्थ होता है ‘उसकी क्या स्थिति’ या ‘उसका क्या मुकाबला’। इसका इस्तेमाल तब होता है जब किसी की क्षमता या स्थिति को दूसरों की तुलना में कमतर या नाकाफी समझा जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस स्थिति में प्रयोग में आता है जब किसी व्यक्ति की तुलना उससे अधिक योग्य या सक्षम व्यक्ति से की जाती है।
उदाहरण: अमन की क्रिकेट में उस अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी के साथ तुलना? उसकी क्या बिसात!

900. मुहावरा – बिना सेवा मेवा नहीं मिलता
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि अगर आप किसी चीज की इच्छा रखते हैं या किसी लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं, तो आपको उसके लिए उचित प्रयास और सेवा करनी होगी। ‘सेवा’ यहां पर मेहनत, समर्पण, और दृढ़ संकल्प को दर्शाता है, जबकि ‘मेवा’ सफलता या पुरस्कार को।
प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न संदर्भों में प्रयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, शिक्षा, करियर, खेल, व्यापार, और यहां तक कि व्यक्तिगत संबंधों में भी इसका प्रयोग होता है। जब एक छात्र परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त करता है, तो इसे कहा जा सकता है कि ‘उसकी मेहनत और सेवा का फल उसे मिला, क्योंकि बिना सेवा मेवा नहीं मिलता।’
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यापारी जो अपने व्यापार में निरंतर प्रयास करता है और ग्राहकों की संतुष्टि के लिए कठिन परिश्रम करता है, वह अंततः अपने व्यापार में सफलता प्राप्त करता है। इस परिस्थिति में भी ‘बिना सेवा मेवा नहीं मिलता’ का सिद्धांत लागू होता है।

901. मुहावरा – बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब भी कोई व्यक्ति बिना पर्याप्त विचार या योजना बनाए कोई कार्य करता है, तो बाद में उसे उस कार्य के अनचाहे परिणामों का सामना करना पड़ता है और वह पछताता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां किसी ने जल्दबाजी में या बिना सोचे-समझे कोई निर्णय लिया हो और बाद में उसे उसका परिणाम भुगतना पड़े।
उदाहरण: मुनीश ने बिना विचारे व्यापार में निवेश किया और अब वह सो पाछे पछता रहा है।

902. मुहावरा – बारह बाँट करना
अर्थ: ‘बारह बाँट करना’ का अर्थ होता है किसी भी तरह से अधिक मुनाफा कमाने के लिए गलत तरीके अपनाना। यह मुहावरा उन लोगों पर लागू होता है जो अपने लाभ के लिए धोखाधड़ी, चालाकी या छल-कपट का इस्तेमाल करते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति व्यापार में या अन्य किसी लेन-देन में बेईमानी या धोखाधड़ी करता है। यह व्यक्ति के अनैतिक और गलत आचरण को दर्शाता है।
उदाहरण: विनीत ने अपने व्यापार में बारह बाँट करने की कोशिश की और ग्राहकों को धोखा दिया।

903. मुहावरा – बिच्छू का मंत्र न जाने, साँप के बिल उंगली डाली
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है कि किसी खतरनाक स्थिति में बिना उचित ज्ञान या सावधानी के प्रवेश करना। इसका प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति बिना सोचे-समझे किसी जटिल स्थिति में कदम रख देता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जब कोई व्यक्ति बिना पर्याप्त जानकारी या तैयारी के किसी जोखिम भरे काम में लग जाता है।
उदाहरण: सुधीर ने बिना शेयर बाजार की समझ के निवेश कर दिया। वाकई ‘बिच्छू का मंत्र न जाने, साँप के बिल उंगली डाली।’

904. मुहावरा – बुमुक्षितं किं न करोति पापं
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है, “वह जो मरने की इच्छा रखता है, वह क्या पाप नहीं करेगा?” यह उस स्थिति का वर्णन करता है जहां एक व्यक्ति इतना निराश या हताश हो जाता है कि वह किसी भी तरह के अनैतिक या गलत कार्य करने को तैयार हो जाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति की निराशा या हताशा की गहराई को व्यक्त करना हो।
उदाहरण: मुनीश ने अपने घोर निराशा की अवस्था में अपनी सारी संपत्ति जुए में हार दी। वाकई, ‘बुमुक्षितं किं न करोति पापं’।

905. मुहावरा – बिल्ली के सिरहाने दूध नहीं जमता
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि अगर दूध को बिल्ली के पास रखा जाए तो वह उसे पी लेगी और दूध नहीं बचेगा। अतः, यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जहां किसी कार्य को उसके अनुकूल स्थान या परिस्थितियों में न करने पर उसके असफल होने की संभावना हो।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी कार्य को अनुचित तरीके या गलत स्थान पर करने की बात हो।
उदाहरण: प्रेमचंद्र ने अपने बेटे को व्यापार सिखाने के लिए अनुभवी व्यापारी के पास नहीं भेजा, यह तो ‘बिल्ली के सिरहाने दूध नहीं जमता’ जैसा है।

906. मुहावरा – बिना चावल के खीर पकाना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि बिना मुख्य सामग्री के कोई व्यंजन बनाने की कोशिश करना। यह उस स्थिति को व्यक्त करता है जहां किसी कार्य को करने के लिए मुख्य और आवश्यक घटकों का अभाव हो।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग में लाया जाता है जब कोई व्यक्ति बिना महत्वपूर्ण संसाधनों या आवश्यक तत्वों के किसी कार्य को करने का प्रयास करता है।
उदाहरण: वह बिना तैयारी के परीक्षा पास करने का प्रयास कर रहा है, यह तो बिना चावल के खीर पकाने जैसा है।

907. मुहावरा – बाल-भर भी फर्क न होना
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – ‘एक बाल की मात्रा भर का भी अंतर न होना।’ यह इस्तेमाल किया जाता है जब दो वस्तुओं, स्थितियों या विचारों में कोई भी महत्वपूर्ण अंतर न हो।
प्रयोग: मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तुलना के संदर्भ में किया जाता है, जहां यह बताना होता है कि दो चीजें या परिस्थितियाँ लगभग समान हैं और उनमें कोई स्पष्ट विभेद नहीं किया जा सकता।
उदाहरण: अभय और अनुज दोनों भाई एक जैसे ही हैं, इनमें बाल-भर भी फर्क नहीं होता।

908. मुहावरा – बेकार से बेगार भली
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है, “बेकार रहने से बेगार (मुफ्त में किया गया काम) करना बेहतर है।” यह यह दर्शाता है कि कुछ न करने से बेहतर है कि कम से कम कोई काम किया जाए, भले ही उसका वित्तीय लाभ न हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब व्यक्ति को काम करने की प्रेरणा देनी हो, यह दिखाने के लिए कि निष्क्रियता से बेहतर है कार्य करना।
उदाहरण: विकास ने छोटी सी नौकरी शुरू की, भले ही वेतन कम था। उसका मानना था, “बेकार से बेगार भली।”

909. मुहावरा – बुरी तरह लताड़ना
अर्थ: ‘बुरी तरह लताड़ना’ का शाब्दिक अर्थ होता है किसी को कठोरता से डांटना या फटकारना। इसका उपयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति दूसरे को गंभीर रूप से नाराजगी या असंतोष के भाव से डांटता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ किसी की गलती या अनुचित व्यवहार के लिए कठोर निंदा या आलोचना की जाती है। यह एक तरह का नैतिक या अनुशासनात्मक उपाय भी हो सकता है।
उदाहरण: जब अमन ने अपने घर में तोड़फोड़ की, तो उसके पिता ने उसे बुरी तरह लताड़ा।

910. मुहावरा – दिल की लगी बुझाना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है, किसी के दिल की गहरी भावनात्मक पीड़ा या वेदना को शांत करना या कम करना।
प्रयोग: “दिल की लगी बुझाना” मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी को अपने गहरे दर्द या भावनात्मक पीड़ा से राहत दिलाने की बात होती है।
उदाहरण: नियांत ने अपने दोस्त की दिल की लगी बुझाने के लिए उसे सांत्वना दी।

911. मुहावरा – भिड़ के छत्ते में हाथ डालना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी खतरनाक या जोखिम भरी स्थिति में बिना सोचे-समझे कदम रखना। यह अक्सर उन कार्यों के लिए प्रयोग किया जाता है जो अनावश्यक रूप से जोखिम भरे होते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को अपने अविवेकी कार्यों के लिए चेतावनी देनी होती है या जब किसी को बिना सोचे-समझे किए गए कार्य के परिणामों की ओर इशारा करना होता है।
उदाहरण: अनुज ने बिना सोचे-समझे अपने बॉस से बहस कर दी, उसने सच में भिड़ के छत्ते में हाथ डाल दिया।

912. मुहावरा – शक्ल चुड़ैलों की, मिजाज परियों का
अर्थ: इस मुहावरे का सामान्य अर्थ है कि किसी व्यक्ति का बाहरी रूप भले ही आकर्षण न रखता हो, लेकिन उसका व्यवहार और स्वभाव अत्यंत सुंदर और मनमोहक हो सकता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम किसी के स्वभाव की प्रशंसा करना चाहते हैं, जो उनकी बाहरी उपस्थिति से भिन्न होती है। यह व्यक्त करता है कि सच्ची सुंदरता व्यक्ति के भीतर होती है।
उदाहरण: पारुल की शक्ल भले ही साधारण हो, लेकिन उसका स्वभाव बेहद प्यारा है। वह शक्ल चुड़ैलों की, मिजाज परियों का है।

913. मुहावरा – शक्ल से मोहन, करतूत से काफिर
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि कोई व्यक्ति बाहर से तो बहुत सुंदर और आकर्षक लगता है, लेकिन उसकी करतूतें या कार्य धोखाधड़ी और बेईमानी से भरी होती हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां किसी व्यक्ति की बाहरी छवि और उसके वास्तविक चरित्र में भारी अंतर हो। यह अक्सर उन लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है जो दिखावे के लिए कुछ और होते हैं और असलियत में कुछ और।
उदाहरण: अनुभव ने अपने सहकर्मी को धोखा दिया। वह शक्ल से मोहन, करतूत से काफिर निकला।

914. मुहावरा – भानुमति का कुनबा
अर्थ: “भानुमति का कुनबा” मुहावरे का अर्थ है एक ऐसा समूह जिसमें बहुत सारे विभिन्न प्रकार के लोग होते हैं। इसका प्रयोग तब किया जाता है जब किसी समूह में विविधता और विचित्रता को दर्शाना हो।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेषकर उन स्थितियों में प्रयोग में लाया जाता है जहाँ एक समूह में अलग-अलग प्रकार के व्यक्ति या चरित्र होते हैं।
उदाहरण: हमारी कक्षा में भानुमति का कुनबा है, जहाँ हर प्रकार के छात्र मौजूद हैं।

915. मुहावरा – भानुमती का पिटारा
अर्थ: ‘भानुमती का पिटारा’ का अर्थ होता है एक ऐसा बॉक्स या संदूक जिसमें अनेकों प्रकार की चीजें हों। यह विविधता और अनेकता का प्रतीक है। इसका प्रयोग उस स्थिति के लिए किया जाता है जहां बहुत सारी विभिन्न प्रकार की चीजें एक साथ मौजूद हों।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी स्थान, व्यक्ति या चीज में बहुत सारी विविध और अद्भुत विशेषताएं हों। यह अक्सर उस समय उपयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति के पास बहुत सी योग्यताएं या कौशल हों।
उदाहरण: “लक्ष्मी की प्रतिभा को देखते हुए तो लगता है कि वह भानुमती का पिटारा है, वह गाना भी अच्छा गाती है, नाचती भी है और चित्रकारी में भी माहिर है।”

916. मुहावरा – गीदड़ भभकी देना
अर्थ: “गीदड़ भभकी देना” का अर्थ है किसी को निराधार या खोखली धमकी देना। यह आमतौर पर उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ व्यक्ति वास्तव में कोई कार्रवाई करने में सक्षम नहीं होता, फिर भी धमकी देता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति बिना किसी ठोस आधार के दूसरों को धमकाने की कोशिश करता है।
उदाहरण: विकास ने अपने सहकर्मी को नौकरी से निकालने की गीदड़ भभकी दी, जबकि उसके पास ऐसा करने की कोई शक्ति नहीं थी।

917. मुहावरा – बैठे-ठाले से बेगार भली
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि बिना काम के बैठे रहने से बेहतर है कि कठिन काम किया जाए। ‘बैठे-ठाले’ का अर्थ है बिना काम के आलस में समय बिताना, जबकि ‘बेगार’ से अभिप्राय है बिना वेतन के किया जाने वाला कठिन परिश्रम। इस प्रकार, यह मुहावरा यह संदेश देता है कि सक्रिय और परिश्रमी जीवन निष्क्रियता और आलस्य से कहीं बेहतर है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस स्थिति में प्रयोग किया जाता है, जहाँ लोग आलस्य के कारण अवसरों को खो देते हैं और इसके विपरीत कठिन परिश्रम करने के महत्व को बताया जाता है।
उदाहरण: विशाल हमेशा घर पर बैठा रहता था, पर जब उसे बिना वेतन के इंटर्नशिप का अवसर मिला, तो उसने सोचा कि बैठे-ठाले से बेगार भली।

918. मुहावरा – भँवर-जाल में फँसना
अर्थ: “भँवर-जाल” का अर्थ होता है जटिल और उलझी हुई स्थिति। इसलिए, “भँवर-जाल में फँसना” का अर्थ है किसी जटिल या मुश्किल परिस्थिति में फँस जाना।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति को किसी कठिनाई या उलझन में फँसते हुए दर्शाना हो।
उदाहरण: प्रेमचंद्र बिना सोचे-समझे व्यापार में लग गया और जल्द ही भँवर-जाल में फँस गया।

919. मुहावरा – बिना लाग-लपेट के
अर्थ: “बिना लाग-लपेट के” का शाब्दिक अर्थ है बिना किसी आवरण या छलावरण के। यह मुहावरा उस परिस्थिति को व्यक्त करता है जब किसी व्यक्ति द्वारा अपने विचारों को सीधे और स्पष्ट रूप से व्यक्त किया जाता है, बिना किसी बनावटीपन या दिखावे के।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब बातचीत में सीधेपन और सच्चाई की जरूरत होती है। यह उस वक्त भी उपयोगी होता है जब किसी को अपने विचार या फैसले को बिना किसी अनावश्यक विस्तार के संक्षेप में प्रस्तुत करना हो।
उदाहरण: विकास ने बिना लाग-लपेट के कह दिया कि वह इस परियोजना में शामिल नहीं हो सकता।

920. मुहावरा – बोलती बंद हो जाना
अर्थ: “बोलती बंद हो जाना” का अर्थ है किसी कारणवश व्यक्ति का मौन हो जाना। यह उस स्थिति को व्यक्त करता है जब व्यक्ति के पास बोलने के लिए शब्द नहीं होते या वह बोलने में असमर्थ महसूस करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब किया जाता है जब किसी को किसी बात का जवाब देने में कठिनाई होती है या जब व्यक्ति किसी परिस्थिति या टिप्पणी से अचंभित हो जाता है।
उदाहरण: जब नियांत ने अपनी कक्षा में सबसे उच्च अंक प्राप्त किए, तो उसके मित्र की बोलती बंद हो गई।

921. मुहावरा – भुस में आग लगा, जमालो दूर खड़ी
अर्थ: “भुस में आग लगा, जमालो दूर खड़ी” का शाब्दिक अर्थ है कि भुस में आग लगाकर जमालो दूर खड़ी हो गई है। इसका अलंकारिक अर्थ यह है कि कोई व्यक्ति समस्या का कारण बनता है और फिर स्वयं को उससे अलग कर लेता है, जैसे उसका इसमें कोई लेना-देना न हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति परेशानी का कारण बनता है और फिर खुद को उससे दूर कर लेता है। यह व्यक्ति की दोगलेपन और जिम्मेदारी से बचने की प्रवृत्ति को दर्शाता है।
उदाहरण: अभय ने अपने मित्रों के बीच अफवाह फैलाई और फिर खुद बात से अलग हो गया, भुस में आग लगा, जमालो दूर खड़ी।

922. मुहावरा – मजबूरी का नाम महात्मा गांधी
अर्थ: महात्मा गांधी का नाम आदर्शों, नैतिकता, और सत्यनिष्ठा के लिए खड़ा है। इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति अपने आदर्शों को त्याग कर मजबूरियों के आगे झुक जाता है। इस प्रकार, यह व्यंग्यात्मक रूप से दर्शाता है कि मजबूरियां ही व्यक्ति के नैतिक आदर्शों को प्रभावित करती हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां कोई व्यक्ति अपने सिद्धांतों या आदर्शों को ना मानते हुए, व्यावहारिकता या मजबूरी के चलते कोई कार्य करता है।
उदाहरण: अभय ने सोचा कि वह कभी भी अनैतिक कार्य नहीं करेगा, लेकिन जब उसकी नौकरी का सवाल आया, तो उसने भी “मजबूरी का नाम महात्मा गांधी” कहकर उस पथ का चुनाव किया।

923. मुहावरा – मखमल में टाट का पैबंद
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि किसी मूल्यवान या सुंदर वस्तु में एक सस्ता या अनुपयुक्त तत्व जोड़ दिया गया है। लाक्षणिक रूप से, यह उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ किसी उत्कृष्ट या सुंदर चीज़ में कुछ भद्दा या अयोग्य जोड़ा जाता है, जो समग्र रूप से उसे नकारात्मक बना देता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब कोई उच्च गुणवत्ता या सौंदर्य की वस्तु अनुचित या निम्न स्तर की चीज़ से प्रभावित होती है।
उदाहरण: उस खूबसूरत महल में वह बिना पेंट की दीवार “मखमल में टाट का पैबंद” लग रही थी।

924. मुहावरा – बीच मझधार में छोड़ना
अर्थ: “बीच मझधार में छोड़ना” का शाब्दिक अर्थ है किसी को नदी के बीचों-बीच, जहां पानी सबसे गहरा होता है, उसे वहीं अकेला छोड़ देना। लाक्षणिक रूप से, इसका अर्थ है किसी को उसकी समस्याओं या कठिनाइयों में अकेला छोड़ देना, खासकर जब उसकी सबसे ज्यादा जरूरत हो।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर नकारात्मक संदर्भ में प्रयोग किया जाता है जब किसी को उसके दुखद समय में सहायता की आवश्यकता होती है और वह अकेला छोड़ दिया जाता है।
उदाहरण: जब कुसुम को उसके परिवार की सबसे ज्यादा जरूरत थी, उस समय उसके दोस्तों ने उसे “बीच मझधार में छोड़” दिया।

925. मुहावरा – शेर की माँद में पैर रखना
अर्थ: “शेर की माँद में पैर रखना” का शाब्दिक अर्थ है किसी शेर की गुफा में कदम रखना। परंतु इसका व्यापक अर्थ है जोखिम भरे या खतरनाक कार्य में हाथ डालना। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति बड़े साहस के साथ खतरों का सामना करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग व्यापार, राजनीति, और व्यक्तिगत जीवन के उन पहलुओं में होता है जहाँ जोखिम और साहस की आवश्यकता होती है। यह उन व्यक्तियों की प्रशंसा करता है जो असाधारण चुनौतियों का सामना करते हैं।
उदाहरण: जब लक्ष्मी ने उस बड़ी कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन किया, तो उसने सचमुच “शेर की माँद में पैर रखा” क्योंकि वहाँ का प्रतिस्पर्धी माहौल काफी कठिन था।

926. मुहावरा – भेड़ की खाल मे भेड़िया
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है – एक भेड़िया जो भेड़ की खाल पहन लेता है। परन्तु, इसका प्रतीकात्मक अर्थ बहुत गहरा है। यह उन व्यक्तियों या स्थितियों का वर्णन करता है जो बाहर से तो हानिरहित और मित्रवत प्रतीत होते हैं, लेकिन उनके अंदर छिपे उद्देश्य और इरादे कुछ और ही होते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर राजनीति, सामाजिक जीवन, और व्यक्तिगत संबंधों में उपयोगी होता है जहाँ आवश्यकता होती है किसी व्यक्ति या संस्था के छिपे हुए इरादों को समझने की। यह व्यक्तियों की दोहरी प्रकृति और कपटी व्यवहार को दर्शाता है।
उदाहरण: विनीत ने सोचा कि वह अपने नए पड़ोसी पर भरोसा कर सकता है, लेकिन बाद में पता चला कि वह तो “भेड़ की खाल में भेड़िया” था।

927. मुहावरा – भेजा खाना
अर्थ: “भेजा खाना” का अर्थ है किसी के व्यवहार या बातों से दूसरे व्यक्ति का मन दुखित होना या उसे परेशानी महसूस होना। इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब कोई दूसरों के मन को परेशान कर दे।
प्रयोग: “भेजा खाना” का अर्थ है किसी के व्यवहार या बातों से दूसरे व्यक्ति का मन दुखित होना या उसे परेशानी महसूस होना। इसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब कोई दूसरों के मन को परेशान कर दे।
उदाहरण: विकास लगातार अपने सहकर्मी पर अनावश्यक चिल्ला रहा था वह तो उसका भेजा खा गया।

928. मुहावरा – दिमाग में भूसा भरा होना
अर्थ: “दिमाग में भूसा भरा होना” का अर्थ है कि किसी व्यक्ति के दिमाग में तर्क-वितर्क या समझदारी की कमी होना। इसका प्रयोग उस समय होता है जब किसी व्यक्ति की बातें या कार्य सामान्य बुद्धि या तर्क से परे होते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का अक्सर तब उपयोग किया जाता है जब किसी की बातें या व्यवहार बेतुके या मूर्खतापूर्ण लगते हैं। यह व्यक्ति के अविवेकी या अव्यावहारिक होने को दर्शाता है।
उदाहरण: सुभाष ने जब बिना सोचे-समझे अपना सारा पैसा एक अविश्वसनीय योजना में लगा दिया, तब उसके दोस्त ने कहा, “लगता है तेरे दिमाग में भूसा भरा है।”

929. मुहावरा – मजा किरकिरा होना
अर्थ: “मजा किरकिरा होना” का अर्थ है किसी खुशी या आनंद के क्षण में अचानक आई कोई बाधा जिससे वह खुशी या आनंद कम हो जाए या खत्म हो जाए। यह आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब अपेक्षाकृत छोटी बाधा बड़ी खुशी को प्रभावित करती है।
प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न प्रकार की स्थितियों में उपयोगी होता है, जैसे कि समारोहों, यात्राओं, या अन्य खुशी के अवसरों पर जब कोई अप्रत्याशित घटना खुशी में विघ्न डाल दे।
उदाहरण: हम सभी दोस्त पिकनिक पर बहुत मजे कर रहे थे, लेकिन अचानक आई बारिश ने हमारा मजा किरकिरा कर दिया।

930. मुहावरा – महंगा रोए एक बार, सस्ता रोए बार-बार
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि शुरू में अधिक मूल्य चुकाना भविष्य में होने वाले अनावश्यक खर्चों और परेशानियों से बचाता है। इसके उपयोग से व्यक्ति को दीर्घकालिक लाभ और संतुष्टि की प्राप्ति होती है।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यापार, शिक्षा, और दैनिक जीवन के निर्णयों में उपयोगी होता है। यह लोगों को समझदारी से निवेश करने और गुणवत्ता पर ध्यान देने की प्रेरणा देता है।
उदाहरण: मुनीश ने एक सस्ता मोबाइल खरीदा, जिसे उसे बार-बार सर्विस सेंटर ले जाना पड़ा, जबकि सुनीता ने एक महंगा लेकिन विश्वसनीय ब्रांड का मोबाइल खरीदा जो वर्षों तक बिना किसी समस्या के चलता रहा।

931. मुहावरा – मनगढंत कहानी
अर्थ: मनगढंत कहानी का अर्थ है ऐसी कहानी जो पूरी तरह से किसी के मन की उपज हो और जिसका वास्तविकता से कोई संबंध न हो। ये कहानियाँ अक्सर मनोरंजन, शिक्षा या किसी विशेष संदेश को प्रसारित करने के उद्देश्य से बनाई जाती हैं।
प्रयोग: मनगढंत कहानी का उपयोग साहित्य, सिनेमा, नाटक, कला और रोजमर्रा की बातचीत में किया जाता है। लोग अक्सर मनोरंजन, शिक्षा या किसी विशेष संदेश को फैलाने के लिए मनगढंत कहानियों का सहारा लेते हैं।
उदाहरण: विकास ने अपने दोस्तों को एक मनगढंत कहानी सुनाई जिसमें वह एक दिन के लिए राजा बन गया था।

932. मुहावरा – मन में चोर होना
अर्थ: “मन में चोर होना” का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति किसी गलत काम को करने के बाद अंदर ही अंदर खुद को दोषी मानता है या उसे डर होता है कि उसकी गलती पकड़ी जाएगी। यह मुहावरा अपराधबोध की उस भावना को दर्शाता है जो व्यक्ति के अंतर्मन में छुपी होती है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी को अपने किए हुए कार्य के परिणाम से डर लगता है या जब कोई अपने गलत कार्य को छुपाने की कोशिश करता है।
उदाहरण: जब अमन से उसकी माँ ने पूछा कि मिठाई का डब्बा किसने खाली किया, तो उसके मन में चोर होने के कारण वह नजरें नहीं मिला पाया।

933. मुहावरा – मधुर वचन सौ क्रोध नसाई
अर्थ: “मधुर वचन सौ क्रोध नसाई” का अर्थ है कि मीठे और सौम्य शब्दों का प्रयोग क्रोध और आक्रोश को दूर कर सकता है। यह मुहावरा हमें बताता है कि मधुर भाषा न केवल सामने वाले के दिल को छू लेती है बल्कि उनके क्रोध को भी शांत कर देती है।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यक्तिगत संबंधों, कार्यस्थल पर सहकर्मियों के साथ संवाद, और सामाजिक संगठनों में विवादों को सुलझाने के लिए उपयोगी है।
उदाहरण: जब दो दोस्तों के बीच गलतफहमी के कारण झगड़ा हो गया, तो एक ने मधुर वचनों का उपयोग करके स्थिति को शांत किया।

934. मुहावरा – लंबा टीका मधुर वाणी, दगाबाज की यही निशानी
अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि जो लोग बाहर से बहुत आकर्षक और मधुर व्यवहार दिखाते हैं, वे अक्सर अंदर से धोखेबाज और कपटी होते हैं। “लंबा टीका” यहाँ बाहरी शोभा या आकर्षण को दर्शाता है और “मधुर वाणी” उनके मीठे बोल को, जो अक्सर लोगों को भ्रमित कर देते हैं।
प्रयोग: यह कहावत सावधानी और विवेक के महत्व को रेखांकित करती है, खासकर जब हम नए लोगों से मिलते हैं या जब हमें किसी के इरादों के बारे में संदेह होता है।
उदाहरण: प्रेमचंद्र अपने मीठे बोल और आकर्षक व्यवहार से सभी का ध्यान अपनी ओर खींचता था, लेकिन जब उसके असली इरादे सामने आए, तब सबको समझ आया कि “लंबा टीका मधुर वाणी, दगाबाज की यही निशानी”।

935. मुहावरा – माया आनी-जानी है
अर्थ: “माया आनी-जानी है” का अर्थ है कि धन और संपत्ति आज है, कल नहीं हो सकती। यह जीवन की उस सत्यता को दर्शाता है जहाँ किसी भी चीज़ का स्थायी रूप से बने रहना संभव नहीं है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग किया जाता है जब किसी को याद दिलाना होता है कि संसार की सभी चीजें क्षणिक हैं और उनका मोह नहीं करना चाहिए।
उदाहरण: जब सुधीर को लॉटरी में बड़ी रकम मिली, तो उसके दोस्त ने उसे समझाया, “याद रख, माया आनी-जानी है, इसलिए इसे समझदारी से खर्च कर।”

936. मुहावरा – मामला तूल पकड़ना
अर्थ: “मामला तूल पकड़ना” का अर्थ है कि कोई मुद्दा या विवाद उस स्तर तक पहुँच जाए जहाँ उसका समाधान करना कठिन हो जाता है या वह अधिक समय तक चलने लगता है।
प्रयोग: यह मुहावरा राजनीतिक, सामाजिक, व्यक्तिगत या किसी भी तरह के विवादों के संदर्भ में उपयोगी होता है जहाँ मामला अधिक गंभीर बन जाता है।
उदाहरण: नगर निगम के द्वारा किए गए अतिक्रमण हटाओ अभियान ने मामला तूल पकड़ लिया जब स्थानीय व्यापारियों ने इसका विरोध किया।

937. मुहावरा – माथे पर सेहरा बँधना
अर्थ: “माथे पर सेहरा बँधना” का शाब्दिक अर्थ है दूल्हे के माथे पर सेहरा (एक प्रकार का मुकुट जो शादी के समय पहना जाता है) बाँधना। लाक्षणिक रूप में, यह उपलब्धि, सम्मान या खुशी के क्षण को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन अवसरों पर किया जाता है जब किसी व्यक्ति को किसी उपलब्धि, विशेष सम्मान या खुशी के कारण समाज में मान्यता मिलती है।
उदाहरण: जब अनीता को उसके व्यवसाय में बड़ी सफलता मिली, तो उसके मित्रों ने कहा, “आज अनीता के माथे पर सेहरा बँध गया है।”

938. मुहावरा – मनोरथ सिद्ध होना
अर्थ: “मनोरथ सिद्ध होना” का अर्थ है अपनी मनोकामनाओं या लक्ष्यों की पूर्ति होना। यह उस क्षण को दर्शाता है जब व्यक्ति की लंबे समय से चली आ रही इच्छाएं सफलतापूर्वक पूरी हो जाती हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न प्रकार की सफलताओं और उपलब्धियों को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। चाहे वह व्यक्तिगत लक्ष्य हो, प्रोफेशनल उपलब्धि हो या फिर कोई सामाजिक जीत, “मनोरथ सिद्ध होना” हर संदर्भ में प्रासंगिक होता है।
उदाहरण: वर्षों की कड़ी मेहनत के बाद, राजू का डॉक्टर बनने का मनोरथ सिद्ध हुआ।

939. मुहावरा – मुसीबत मोल लेना
अर्थ: “मुसीबत मोल लेना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है बिना किसी जरूरत के मुसीबत खरीद लेना या उसे अपने पास बुला लेना। इसे व्यक्तिगत या पेशेवर जीवन में लिए गए अनुचित निर्णयों के संदर्भ में भी समझा जा सकता है।
प्रयोग: जब कोई अपने काम में अनावश्यक जोखिम उठाता है या बिना तैयारी के किसी प्रोजेक्ट को हाथ में लेता है।
उदाहरण: मुनीश ने बिना पूरी जानकारी के एक नया व्यापार शुरू किया, जिससे वह बड़ी मुसीबत में पड़ गया। उसने सच में “मुसीबत मोल ले ली”।

940. मुहावरा – मुलम्मा उतारना
अर्थ: इस मुहावरे का उपयोग व्यक्त करता है कि किसी व्यक्ति का बनावटी या दिखावटी स्वभाव, झूठ या छल कपट का पर्दाफाश हो जाना।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी की असलियत सबके सामने आ जाए, खासकर तब जब वह व्यक्ति अपनी असलियत को छुपाने के लिए झूठ या बहाने का सहारा ले रहा हो।
उदाहरण: राजनीतिक दलों के वादे अक्सर “मुलम्मा उतारने” पर झूठे साबित होते हैं।

941. मुहावरा – मुफ्त की शराब काजी को भी हलाल
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कुछ मुफ्त में मिलता है, तो लोग, चाहे वे कितने ही धार्मिक या नैतिकता के पक्षपाती क्यों न हों, उसका लाभ उठाने के लिए अपने सिद्धांतों को त्याग देते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ किसी को कुछ मुफ्त में मिल रहा हो और वह व्यक्ति उसका लाभ उठाने के लिए अपने नैतिक मानदंडों को नज़रअंदाज कर दे।
उदाहरण: एक समाज सेवी संस्था ने मुफ्त में कपड़े बांटने का आयोजन किया। इस आयोजन में वे लोग भी पहुँच गए, जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता नहीं थी, दिखाते हुए कि “मुफ्त की शराब काजी को भी हलाल”।

942. मुहावरा – मुट्ठी गरम करना
अर्थ: “मुट्ठी गरम करना” का शाब्दिक अर्थ होता है किसी की हथेली या मुट्ठी में पैसे डालना। लाक्षणिक रूप में, यह रिश्वत देने या वित्तीय लाभ प्रदान करने की क्रिया को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न संदर्भों में प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि व्यापार, राजनीति, या यहाँ तक कि दैनिक जीवन में जब किसी को किसी काम के लिए प्रेरित करने की आवश्यकता होती है।
उदाहरण: अधिकारी की “मुट्ठी गरम करके” व्यापारी ने अपने लाइसेंस का नवीनीकरण जल्दी करवा लिया।

943. मुहावरा – मुँह देखकर बात करना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी व्यक्ति की सामाजिक या आर्थिक स्थिति को देखकर उसके साथ व्यवहार करना। यह अक्सर उस संदर्भ में इस्तेमाल होता है जब कोई अपने स्वार्थ के लिए दूसरों के प्रति अपना रवैया बदलता है।
प्रयोग: यह मुहावरा समाज में दिखावटी व्यवहार और अवसरवादिता की प्रवृत्ति को व्यक्त करने के लिए उपयोग किया जाता है। यह उन स्थितियों में आम है जहाँ लोग अपने निजी लाभ के लिए दूसरों के प्रति अपना व्यवहार बदल देते हैं।
उदाहरण: राजनीति में अक्सर नेता “मुँह देखकर बात करते हैं” जब वे वोटरों के सामने अपने वादे बदल देते हैं। या जब कोई व्यापारी अपने ग्राहक की आर्थिक स्थिति देखकर उसे सेवाएँ प्रदान करता है।

944. मुहावरा – मुँह की बात छीनना
अर्थ: “मुँह की बात छीनना” मुहावरे का अर्थ है किसी के विचारों या भावनाओं को उससे पहले ही व्यक्त कर देना, जिससे वह व्यक्ति अभिव्यक्त करने का मौका खो देता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर सकारात्मक संदर्भ में प्रयोग किया जाता है, जब कोई व्यक्ति आपके विचारों या भावनाओं को समझकर उन्हें शब्दों में व्यक्त कर देता है। हालांकि, कभी-कभी यह नकारात्मक संदर्भ में भी प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: अनुभव और लक्ष्मी एक ही गाने के बारे में सोच रहे थे और जैसे ही अनुभव ने वह गाना गुनगुनाना शुरू किया, लक्ष्मी ने कहा, “अरे! तुमने तो मेरे मुँह की बात छीन ली।”

945. मुहावरा – मुँड़ी हुई भेड़ की तरह अमीर
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है कि जिस तरह एक मुँड़ी हुई भेड़ अस्थायी रूप से अधिक वजनी दिखाई देती है लेकिन वास्तव में उसका वजन उसके ऊन के कारण होता है, उसी तरह कुछ लोग अस्थायी रूप से धनवान दिखाई देते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है, जब किसी के पास अचानक बहुत सारा धन आ जाता है लेकिन वह जल्द ही उसे खो देता है या उसका सही उपयोग नहीं कर पाता।
उदाहरण: सुधीर ने लॉटरी जीतकर रातों-रात बहुत धन प्राप्त किया, लेकिन बिना सोचे समझे उसे खर्च कर दिया और वह “मुँड़ी हुई भेड़ की तरह अमीर” बन गया।

946. मुहावरा – मीठा उत्तर टाले क्रोध
अर्थ: “मीठा उत्तर टाले क्रोध” का अर्थ है कि मधुर और संयमित जवाब देने से विवाद या गुस्से की स्थिति को शांत किया जा सकता है। यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि संवेदनशीलता और समझदारी से किसी भी तनावपूर्ण स्थिति का सामना करना चाहिए।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग व्यक्तिगत संबंधों, कार्यस्थल पर संवाद, और सामाजिक इंटरैक्शन में किया जा सकता है जहाँ सौहार्द और समझदारी की आवश्यकता होती है।
उदाहरण: जब ऑफिस में विकास और उसके बॉस के बीच मतभेद हुआ, विकास ने मीठे उत्तर से स्थिति को संभाला और अनावश्यक तनाव से बचा।

947. मुहावरा – मियाँ की जूती मियाँ के सिर
अर्थ: “मियाँ की जूती मियाँ के सिर” का अर्थ है कि किसी व्यक्ति के अपने ही कार्यों का परिणाम उसके खुद के लिए नकारात्मक या हानिकारक होता है। यह उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहाँ व्यक्ति के अपने निर्णय उसके खिलाफ काम करते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग व्यंग्यात्मक रूप से किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने ही कार्यों के कारण खुद को मुश्किल में डाल लेता है।
उदाहरण: विनीत ने अपने सहकर्मी को नीचा दिखाने की कोशिश की, लेकिन जब मामला बॉस तक पहुँचा, तो उसकी अपनी नौकरी पर बन आई। इसे कहते हैं “मियाँ की जूती मियाँ के सिर।”

948. मुहावरा – मिट्टी का महल बनाना
अर्थ: “मिट्टी का महल बनाना” का अर्थ है ऐसी योजनाएं या सपने बनाना जो वास्तविकता में क्रियान्वित नहीं किए जा सकते। यह मुहावरा उन परियोजनाओं या आदर्शों की ओर इशारा करता है जो मूल रूप से अस्थिर या असंभव होते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति को यथार्थवादी बने रहने और व्यावहारिक लक्ष्य निर्धारित करने की सलाह दी जाती है।
उदाहरण: मुनीश ने बिना किसी योजना या निवेश के एक बड़ी कंपनी खोलने का सपना देखा। उसके मित्र ने उसे समझाया, “तुम तो मिट्टी का महल बना रहे हो, पहले ठोस योजना बनाओ।”

949. मुहावरा – मार के आगे भूत नाचे
अर्थ: “मार के आगे भूत नाचे” का सीधा अर्थ है कि जब किसी को सख्ती से या डराकर किसी काम के लिए मजबूर किया जाता है, तो वह बिना सोचे-समझे वह काम करने लगता है। यह मुहावरा डर या दबाव के प्रभाव को बताता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति या समूह डर या दबाव के कारण कुछ कार्य करता है जो वह सामान्य परिस्थितियों में नहीं करता।
उदाहरण: जब अमन ने अपना होमवर्क पूरा नहीं किया तो उसके पिता ने उसे सख्ती से समझाया। डर के मारे अमन ने तुरंत अपना होमवर्क पूरा कर लिया। यहाँ कहा जा सकता है कि “मार के आगे भूत नाचे।”

950. मुहावरा – म्याऊँ-म्याऊँ करना
अर्थ: “म्याऊँ-म्याऊँ करना” मुहावरे का अर्थ है बिना किसी ठोस कारण के शिकायत या असंतोष प्रकट करना। यह अक्सर उस स्थिति को दर्शाता है जहां व्यक्ति छोटी-छोटी बातों पर नाराजगी या दुःख व्यक्त करते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में सही बैठता है जहां व्यक्ति अत्यधिक संवेदनशीलता या अतिरिक्त शिकायती रवैया अपनाते हैं। यह व्यक्त करने का एक तरीका है कि किसी की शिकायतें अनुचित या अतिरंजित हैं।
उदाहरण: जब अमन को अपने जन्मदिन पर मनचाहा उपहार नहीं मिला, तो वह पूरे दिन “म्याऊँ-म्याऊँ करता रहा”।

951. मुहावरा – मौत की कोई तारीख नहीं होती
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि मौत अप्रत्याशित होती है और इसे कोई पूर्वानुमान नहीं कर सकता। यह हमें सिखाता है कि जीवन अनमोल है और हमें हर पल को पूरी तरह से जीना चाहिए।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस समय उपयोग किया जाता है जब किसी को जीवन की अनिश्चितता के बारे में याद दिलाना होता है या जब किसी को जीवन का महत्व समझाना होता है।
उदाहरण: जब अखिल अपनी नौकरी में इतना व्यस्त हो गया कि उसने अपने परिवार के साथ समय बिताना छोड़ दिया, तो उसके पिता ने उसे याद दिलाया, “बेटा, मौत की कोई तारीख नहीं होती, अपने प्रियजनों के साथ समय बिताओ।”

952. मुहावरा – मौनं स्वीकृति लक्षणम्
अर्थ: “मौनं स्वीकृति लक्षणम्” का शाब्दिक अर्थ है “मौन ही स्वीकृति का लक्षण है”। इसका भावार्थ यह है कि जब कोई व्यक्ति किसी प्रस्ताव या विचार के प्रति मौन रहता है, तो इसे उसकी सहमति माना जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेष रूप से उन परिस्थितियों में उपयोगी होता है, जहां किसी के द्वारा उत्तर न देने को उसकी सहमति या अनुमोदन के रूप में लिया जाता है। यह व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन दोनों में प्रासंगिक हो सकता है।
उदाहरण: एक व्यापार मीटिंग में, जब एक नई परियोजना का प्रस्ताव पेश किया गया और एक वरिष्ठ सदस्य ने कोई आपत्ति नहीं जताई, तो उनके मौन को सहमति के रूप में लिया गया।

953. मुहावरा – मौत के घाट उतारना
अर्थ: “मौत के घाट उतारना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी की जान लेना या हत्या करना। यह अक्सर गंभीर अपराधों या किसी गहरी दुश्मनी के परिणामस्वरूप किए गए कृत्यों के संदर्भ में इस्तेमाल होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग साहित्य, फिल्मों, और दैनिक वार्तालाप में तीव्र भावनाओं या घटनाओं को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। यह अक्सर नकारात्मक संदर्भों में प्रयोग होता है, और इसका प्रयोग गंभीर स्थितियों में ही किया जाना चाहिए।
उदाहरण: एक फिल्म की कहानी में, नायक का दुश्मन उसे और उसके परिवार को बहुत परेशान करता है। अंत में, नायक अपने परिवार की रक्षा करते हुए दुश्मन को “मौत के घाट उतार देता है”।

954. मुहावरा – मूर्ख के लिए मौन भला
अर्थ: “मूर्ख के लिए मौन भला” का अर्थ है कि अज्ञानता या अज्ञानी होने की स्थिति में मौन रहना बेहतर है। इससे व्यक्ति अनावश्यक अपमान या उपहास से बच सकता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब व्यक्ति को लगता है कि उसकी बातचीत या विचार विशेषज्ञता या ज्ञान की कमी के कारण अनुपयुक्त हो सकती है। इसलिए, मौन रहकर व्यक्ति खुद को सम्मानजनक स्थिति में रख सकता है।
उदाहरण: जब विज्ञान के विषय पर चर्चा हो रही थी, अमन ने अपने अज्ञानता के कारण मौन रखा, क्योंकि उसे पता था “मूर्ख के लिए मौन भला”।

955. मुहावरा – मूँछें मुँडवाना
अर्थ: “मूँछें मुँडवाना” का अर्थ है अत्यधिक लज्जा या अपमान का अनुभव करना। मूँछें पुरुषों के सम्मान और गर्व का प्रतीक मानी जाती हैं, इसलिए मूँछें मुँडवाना अपमान की चरम स्थिति को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब कोई व्यक्ति ऐसी स्थिति में पहुँच जाता है जहाँ उसे गहरी लज्जा या अपमान का सामना करना पड़ता है, खासकर जब उसे अपने किसी कृत्य के लिए सार्वजनिक रूप से शर्मसार होना पड़े।
उदाहरण: जब राजनीतिक दल चुनाव में बुरी तरह हार गया, तो पार्टी के नेता को लगा कि उन्होंने मूँछें मुँडवा ली हैं।

956. मुहावरा – मूँछे उखाड़ना
अर्थ: “मूँछे उखाड़ना” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है किसी की मूँछे खींच कर निकाल देना, परंतु वास्तव में इसका प्रयोग किसी को नीचा दिखाने, अपमानित करने या किसी की गरिमा को ठेस पहुँचाने के संदर्भ में किया जाता है। यह अपमान या हार की स्थिति को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को उसके अहंकार पर चोट करने की आवश्यकता होती है या जब किसी को शर्मिंदा करना होता है। यह विशेषकर उस समय उपयुक्त होता है जब कोई व्यक्ति अत्यधिक घमंड में डूबा हो।
उदाहरण: सुरेंद्र ने चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी को हराकर उसकी मूँछे उखाड़ दीं।

957. मुहावरा – रगों में बिजली दौड़ना
अर्थ: “रगों में बिजली दौड़ना” मुहावरे का सीधा अर्थ है शरीर में एक अचानक ऊर्जा या उत्साह का संचार होना। इसे उस समय की भावना से जोड़ा जा सकता है जब कोई व्यक्ति बेहद उत्साहित, उत्तेजित या आश्चर्यचकित होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब उपयोग किया जाता है जब किसी को बहुत अधिक उत्साह या जोश महसूस होता है। यह उन पलों का वर्णन कर सकता है जब किसी को अचानक किसी चीज़ के प्रति जुनून या उत्साह उत्पन्न होता है।
उदाहरण: जब अंश को पता चला कि उसने परीक्षा में टॉप किया है, तो उसकी रगों में बिजली दौड़ गई।

958. मुहावरा – रूप को अलंकार की आवष्यकता नहीं
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जो वस्तु स्वाभाविक रूप से सुंदर होती है, उसे सजावटी वस्तुओं या अलंकारों की जरूरत नहीं होती। यह सिद्धांत न केवल बाहरी सौंदर्य पर लागू होता है बल्कि व्यक्तित्व और चरित्र पर भी लागू होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति या वस्तु की प्राकृतिक सुंदरता की सराहना की जाती है, और यह दिखाने के लिए कि असली सौंदर्य किसी बाहरी सजावट की मोहताज नहीं होती।
उदाहरण: सरलता में ही सुंदरता होती है, जैसे एक खिला हुआ फूल जिसे किसी अलंकार की जरूरत नहीं होती, वह अपने आप में पूर्ण होता है।

959. मुहावरा – रूई की तरह धुनना
अर्थ: “रूई की तरह धुनना” का अर्थ है किसी की बहुत ज्यादा आलोचना करना या किसी को कठोरता से डांटना। यह आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी गलती के लिए सख्त सजा या डांट का सामना कर रहा हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां किसी को उसकी गलती के लिए गहराई से फटकारा जाता है। यह व्यक्त करता है कि आलोचना या डांट इतनी तीव्र है कि व्यक्ति उससे पूरी तरह प्रभावित होता है।
उदाहरण: स्कूल में जब अमन ने अपना होमवर्क नहीं किया, तो उसके शिक्षक ने उसे रूई की तरह धुन दिया। उसकी इस लापरवाही के लिए उसे कड़ी फटकार लगाई गई।

960. मुहावरा – राग-रंग में रहना
अर्थ: “राग-रंग में रहना” का अर्थ है जीवन की खुशियों और सुखों में डूबे रहना, आनंद और मनोरंजन में समय व्यतीत करना। यह उन लोगों के जीवनशैली को दर्शाता है जो जीवन के हर पल का आनंद लेते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में होता है जब कोई व्यक्ति जीवन के सुख-साधनों और मनोरंजन में खुद को पूरी तरह से समर्पित कर देता है।
उदाहरण: प्रेमचंद्र हमेशा राग-रंग में रहता है, चाहे वह दोस्तों के साथ पिकनिक हो या परिवार के साथ त्योहारों का जश्न। उसका जीवन आनंद और उत्सव से भरपूर है।

961. मुहावरा – रसरी आवत जात तै सिल पर परत निशान
अर्थ: इसका भावार्थ यह है कि निरंतर प्रयास और धैर्य के बल पर कोई भी कठिनाई पार की जा सकती है। यह मुहावरा दृढ़ संकल्प और लगातार मेहनत की महत्ता को दर्शाता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है, जहां लगातार मेहनत और प्रयास से सफलता प्राप्त होती है। यह व्यक्तियों को निराशा की स्थिति में आशा की किरण दिखाता है।
उदाहरण: एक विद्यार्थी जो गणित में कमजोर था, उसने रोजाना अभ्यास किया। उसकी निरंतर मेहनत और धैर्य का परिणाम यह हुआ कि वह गणित में अव्वल आया। यहाँ पर “रसरी आवत जात तै सिल पर परत निशान” मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैं।

962. मुहावरा – रोग को जड़ खांसी, झगड़े की जड़ हांसी
अर्थ: इस कहावत का अर्थ है कि अक्सर बड़ी बीमारियां छोटी लक्षणों से शुरू होती हैं, जैसे खांसी; और बड़े झगड़े अक्सर छोटी बातों या हांसी से उत्पन्न होते हैं।
प्रयोग: यह कहावत उन परिस्थितियों में प्रयोग की जाती है जब छोटी और अप्रत्याशित चीजें बड़े परिणाम लेकर आती हैं। यह हमें सिखाती है कि हमें छोटी चीजों को भी गंभीरता से लेना चाहिए।
उदाहरण: एक बार दो मित्र आपस में बैठे हुए थे। एक ने दूसरे का मजाक उड़ाया, जिसे सुनकर पहले ने हंसी में उत्तर दिया। लेकिन धीरे-धीरे यह हांसी एक बड़े झगड़े का रूप ले लिया।

963. मुहावरा – रमता जोगी बहता पानी
अर्थ: “रमता जोगी बहता पानी” का अर्थ है कि जैसे बहता हुआ पानी कभी एक जगह नहीं रुकता और जोगी (साधु) भी कभी एक स्थान पर स्थिर नहीं रहता, उसी प्रकार जीवन में भी स्थिरता नहीं होती। यह मुहावरा जीवन की गतिशीलता और परिवर्तन की अवधारणा को प्रकट करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग व्यक्तिगत विकास, अनुभवों की विविधता, और जीवन के प्रति एक खुले दृष्टिकोण के महत्व को समझाने के लिए किया जाता है।
उदाहरण: विकास ने जीवन में कई शहरों में रहकर काम किया, “रमता जोगी बहता पानी” की तरह, उसने सीखा कि परिवर्तन ही जीवन का स्थायी तत्व है।

964. मुहावरा – रोज के टपके से पत्थर भी घिस जाते हैं
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि निरंतर प्रयास और समय के साथ, कठिन से कठिन कार्य भी संभव हो सकते हैं। जिस प्रकार निरंतर पानी की बूंदें पत्थर को भी घिस देती हैं, उसी प्रकार लगातार मेहनत से बड़ी से बड़ी चुनौतियों को भी पार किया जा सकता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है, जब किसी को लंबे समय तक धैर्य और संघर्ष के साथ काम करने की आवश्यकता होती है। यह हमें सिखाता है कि धैर्य और निरंतर प्रयास से ही सफलता प्राप्त होती है।
उदाहरण: एक छात्र जो गणित में कमजोर था, लेकिन उसने हर दिन अभ्यास किया। समय के साथ, उसकी मेहनत रंग लाई और वह गणित में उत्कृष्ट अंक प्राप्त करने लगा। उसकी सफलता इस मुहावरे का प्रत्यक्ष उदाहरण है।

965. मुहावरा – रोते हुए गए मरे की खबर लाए
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति किसी दुखद समाचार या बुरी खबर को लेकर आता है, तो वह खुद भी उस दुख में डूबा होता है। यह व्यक्ति के दुख और संवेदना को प्रकट करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को बहुत ही दुखद समाचार सुनाना पड़ता है, और यह दिखाने के लिए कि समाचार सुनाने वाला भी उसी दुख में शामिल है।
उदाहरण: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी को बहुत ही दुखद समाचार सुनाना पड़ता है, और यह दिखाने के लिए कि समाचार सुनाने वाला भी उसी दुख में शामिल है।

966. मुहावरा – लंगोटिया यार
अर्थ: “लंगोटिया यार” का अर्थ है वो दोस्त जो बचपन से लेकर अब तक साथ हों, जिनका साथ इतना पुराना हो कि उन्होंने एक साथ लंगोट के दिन भी देखे हों। यह उन दोस्तों के बीच की गहरी दोस्ती और अटूट बंधन को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उस दोस्ती को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है जो बचपन से ही गहरी और मजबूत हो।
उदाहरण: अनुज और विकास बचपन से ही लंगोटिया यार हैं। उन्होंने साथ में स्कूल जाना शुरू किया था और आज भी वे हर सुख-दुख में साथ हैं।

967. मुहावरा – लाख का घर खाक होना
अर्थ: “लाख का घर खाक होना” मुहावरे का अर्थ है किसी बहुत बड़े नुकसान या विपत्ति का सामना करना, जिसमें कोई भी व्यक्ति या परिवार अपनी सारी संपत्ति या मेहनत से बनाई गई चीज़ों को खो देता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपनी जमा पूंजी, संपत्ति या महत्वपूर्ण चीजें आपदा, दुर्घटना या किसी अन्य कारण से खो देता है।
उदाहरण: विनीत का नवनिर्मित घर बाढ़ में बह गया, जिससे उसका “लाख का घर खाक हो गया”।

968. मुहावरा – लल्लो-चप्पो करना
अर्थ: “लल्लो-चप्पो करना” का अर्थ है किसी की अत्यधिक तारीफ करना या खुशामद करना, अक्सर किसी व्यक्तिगत लाभ या फायदे के उद्देश्य से। यह व्यक्त करता है कि कोई व्यक्ति कैसे अपने शब्दों और कार्यों के माध्यम से दूसरों को प्रसन्न करने की कोशिश करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई अपने स्वार्थ के लिए दूसरों की बेवजह तारीफ करता है या उनकी खुशामद करता है।
उदाहरण: अभय अपने बॉस का लल्लो-चप्पो करता रहता है ताकि वह उसे अगले प्रोजेक्ट में शामिल करें।

969. मुहावरा – सूली पर जान लटकना
अर्थ: “सूली पर जान लटकना” का अर्थ है बहुत ही कठिन और जोखिम भरी स्थिति में होना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ व्यक्ति की जान को खतरा हो या वह किसी बड़े संकट में फंसा हो।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ व्यक्ति को लगता है कि उसके जीवन में बड़ा संकट आ चुका है और उसका बच पाना मुश्किल है।
उदाहरण: विनीत ने जब अपना सारा पैसा एक व्यवसाय में लगा दिया और वह व्यवसाय घाटे में चला गया, तो उसकी स्थिति “सूली पर जान लटकने” जैसी हो गई।

970. मुहावरा – लंबी-चौड़ी हाँकना
अर्थ: “लंबी-चौड़ी हाँकना” मुहावरे का अर्थ है बढ़ा-चढ़ाकर या अतिरंजित तरीके से बातें करना। यह अक्सर उन लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है जो अपने आपको या अपनी बातों को ज्यादा महत्वपूर्ण दिखाने के लिए अतिरंजित वर्णन करते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी की बातों में वास्तविकता से अधिक बढ़ा-चढ़ाव हो।
उदाहरण: मुनीश हमेशा अपनी यात्राओं के बारे में लंबी-चौड़ी हाँकता रहता है, जैसे वह हर बार मौत के मुँह से वापस आया हो।

971. मुहावरा – साँप छछूंदर की-सी गति
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है एक ऐसी परिस्थिति जहाँ व्यक्ति कोई भी निर्णय लेने में असमर्थ होता है क्योंकि उसके सामने मौजूद विकल्प दोनों ही अनुकूल नहीं होते। साँप और छछूंदर की कहावत इस बात को दर्शाती है कि जैसे साँप यदि छछूंदर को निगल ले, तो उसे अंधता का सामना करना पड़ता है और यदि नहीं निगलता, तो उसे भूखा रहना पड़ता है।
प्रयोग: यह मुहावरा जीवन की उन परिस्थितियों में उपयोगी होता है जहाँ निर्णय लेना कठिन होता है और उपलब्ध विकल्पों में से कोई भी संतोषजनक नहीं होता।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यापारी को दो ऐसे व्यापारिक सौदों में से चुनना हो जहाँ एक सौदा उसे बड़ा मुनाफा देने की संभावना रखता है लेकिन उच्च जोखिम से भरा है, और दूसरा सौदा कम जोखिम वाला है लेकिन मुनाफा भी कम है। इस स्थिति में व्यापारी “साँप छछूंदर की-सी गति” में फंस जाता है।

972. मुहावरा – सहज पके सो मीठा होय
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है, जो चीज सहजता से और स्वाभाविक रूप से पकती है, वह मीठी होती है। यहाँ ‘मीठा’ शब्द से तात्पर्य सिर्फ स्वाद से नहीं है, बल्कि गुणवत्ता, संतुष्टि और सफलता से भी है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस समय उपयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति को धैर्य रखने और प्रक्रिया पर विश्वास रखने की आवश्यकता होती है। यह हमें सिखाता है कि जल्दबाजी में किए गए काम अक्सर असंतोषजनक परिणाम देते हैं।
उदाहरण: मान लीजिए, एक विद्यार्थी अपनी परीक्षाओं की तैयारी में जल्दबाजी करता है और रातों-रात सफल होने की आशा रखता है। लेकिन “सहज पके सो मीठा होय” के अनुसार, यदि वह धैर्यपूर्वक अध्ययन करता है और अपने ज्ञान को समय देता है, तो वह बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकता है।

973. मुहावरा – समरथ को नहिं दोष गोसाईं
अर्थ: मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जो व्यक्ति शक्तिशाली या समर्थ होता है, उसे उसके कर्मों के लिए दोषी नहीं ठहराया जाता, चाहे वह कितने भी गलत कार्य क्यों न करे।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यंग्यात्मक रूप से समाज में असमानता और अन्याय पर प्रकाश डालता है। इसका उपयोग उन स्थितियों में किया जाता है जहां शक्तिशाली लोगों द्वारा किए गए अनुचित कामों को नज़रअंदाज किया जाता है या उन्हें स्वीकार किया जाता है।
उदाहरण: एक बड़ी कंपनी के CEO ने कुछ अनैतिक निर्णय लिए, जिससे कंपनी को तो लाभ हुआ लेकिन समाज पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। फिर भी, उनकी स्थिति और प्रभाव के कारण उन्हें कोई दोष नहीं दिया गया। इस स्थिति को “समरथ को नहिं दोष गोसाईं” मुहावरे के माध्यम से समझा जा सकता है।

974. मुहावरा – विपत पड़े जो कर रहे, सोई सोचो मत
अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जब भी कोई विपत्ति या कठिनाई आती है, तो हमें उसे करने से डरना नहीं चाहिए या उसे करने की सोच से ही पीछे नहीं हटना चाहिए। इसके बजाय, हमें उस समस्या का सामना करना चाहिए और उसे हल करने का प्रयत्न करना चाहिए।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर उन परिस्थितियों में किया जाता है जब कोई व्यक्ति या समूह किसी कठिनाई का सामना कर रहा होता है। यह हमें यह सिखाता है कि समस्याओं से भागना नहीं चाहिए, बल्कि उनका सामना करके उन्हें हल करना चाहिए।
उदाहरण: मान लीजिए, एक छात्र परीक्षा के समय में किसी विषय में कमजोर होता है, तो उसे इस मुहावरे के अनुसार, उस विषय से भागने की बजाय अधिक मेहनत और लगन से उस विषय को समझने और उसमें अच्छे अंक प्राप्त करने का प्रयास करना चाहिए।

975. मुहावरा – वक्त पर एक टांका नौ का काम देता है
अर्थ: “वक्त पर एक टांका नौ का काम देता है” का अर्थ है कि समय पर किया गया एक छोटा सा काम या सुधार, भविष्य में होने वाली बड़ी समस्याओं को टाल सकता है। यह उस प्रक्रिया की तुलना करता है जिसमें एक छोटा सा टांका वस्त्र को फटने से बचा सकता है और उसकी उम्र बढ़ा सकता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब हमें यह समझाना होता है कि समय पर उठाए गए सही कदम बड़ी मुश्किलों को टाल सकते हैं। यह व्यक्ति को समय के महत्व और समझदारी से कार्य करने की प्रेरणा देता है।
उदाहरण: विकास ने जब अपने घर की छत से हल्की रिसाव को देखा, तो उसने तुरंत मरम्मत करवाई। उसकी इस समझदारी ने भविष्य में होने वाले भारी जल नुकसान से उसके घर को बचा लिया। विकास के इस कदम ने “वक्त पर एक टांका नौ का काम देता है” मुहावरे को सार्थक किया।

976. मुहावरा – लाख टके की बात
अर्थ: “लाख टके की बात” का अर्थ है कोई ऐसी बात जो बहुत ही महत्वपूर्ण, कीमती या उपयोगी हो। यह उस सलाह या विचार को दर्शाता है जिसका मूल्य अत्यधिक हो और जो व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन ला सके।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब किसी को बहुत ही उत्कृष्ट और मूल्यवान सलाह या सुझाव दिया जाता है। इसे अक्सर प्रशंसा या स्वीकृति के संदर्भ में उपयोग किया जाता है।
उदाहरण: अमन ने जब अपनी नई व्यावसायिक योजना के बारे में अपने मित्र से सलाह मांगी, तो उसने जो विचार दिया, वह सच में “लाख टके की बात” थी। उस सलाह ने अमन के व्यवसाय को नई दिशा दी।

977. मुहावरा – हरफन मौला, हरफन अधूरा
अर्थ: “हरफन मौला, हरफन अधूरा” का सीधा अर्थ है कि जो व्यक्ति हर काम में हाथ आजमाता है, वह अक्सर किसी भी एक काम में माहिर नहीं होता। यह मुहावरा हमें विशेषज्ञता की ओर ध्यान दिलाता है और यह बताता है कि जीवन में मास्टरी हासिल करने के लिए ध्यान और समर्पण की आवश्यकता होती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब हम किसी के विविध कौशलों की प्रशंसा करने के साथ-साथ उसके विशेषज्ञता की कमी को भी इंगित करना चाहते हों।
उदाहरण: व्यावसायिक जीवन में: एक व्यक्ति जो कंपनी में विभिन्न विभागों में काम करता है लेकिन किसी भी विशेष क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त नहीं कर पाता, उसे “हरफन मौला, हरफन अधूरा” कहा जा सकता है।

978. मुहावरा – हर मर्ज की दवा
अर्थ: “हर मर्ज की दवा” का अर्थ है एक ऐसा समाधान जो सभी प्रकार की समस्याओं का निवारण कर सके। यह व्यक्त करता है कि कुछ उपाय या समाधान इतने प्रभावी होते हैं कि वे लगभग हर समस्या को हल कर सकते हैं।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जब किसी समस्या का एक सरल और प्रभावी समाधान प्रस्तुत किया जाता है। यह अक्सर आशावाद और समाधान की भावना को प्रकट करता है।
उदाहरण: व्यक्तिगत जीवन में: एक व्यक्ति जो अपनी जीवनशैली में नियमित व्यायाम को शामिल करता है और इससे उसकी अधिकांश स्वास्थ्य समस्याएं हल हो जाती हैं, उसे कहा जा सकता है कि व्यायाम “हर मर्ज की दवा” है।

979. मुहावरा – हर बूँद मोती नहीं बनती
अर्थ: “हर बूँद मोती नहीं बनती” का अर्थ है कि प्रत्येक प्रयास या कोशिश सफलता में नहीं बदलती। जीवन में कुछ चीजें वैसी नहीं होतीं जैसा हम चाहते हैं। यह हमें सिखाता है कि सफलता और विफलता जीवन के दो पहलू हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उस समय प्रयोग किया जाता है जब हमें यह समझाना होता है कि हर प्रयास का परिणाम सकारात्मक नहीं होता। यह निराशा और असफलता के समय में धैर्य और आशावाद को बनाए रखने की प्रेरणा देता है।
उदाहरण: विद्यार्थी के संदर्भ में: एक विद्यार्थी जो परीक्षा में अच्छे अंक लाने के लिए कड़ी मेहनत करता है, लेकिन फिर भी उसे सफलता प्राप्त नहीं होती, उसे समझाने के लिए कहा जा सकता है कि “हर बूँद मोती नहीं बनती”।

980. मुहावरा – हमाम में सब नंगे
अर्थ: “हमाम में सब नंगे” मुहावरे का अर्थ है कि एक निश्चित स्थिति या समुदाय में, सभी लोग एक ही प्रकार की कमजोरियों या दोषों के शिकार हैं। इसका तात्पर्य है कि कोई भी व्यक्ति दूसरों से अलग नहीं है जब बात आम मानवीय कमजोरियों और दोषों की आती है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयुक्त होता है जहाँ व्यक्ति या समूह दूसरों की आलोचना करते हैं, जबकि वे स्वयं उसी प्रकार की गलतियों या कमजोरियों में लिप्त होते हैं।
उदाहरण: राजनीति में: एक राजनीतिक दल दूसरे दल की भ्रष्टाचार के लिए आलोचना करता है, जबकि वह स्वयं भी भ्रष्टाचार में शामिल हो। यहाँ कहा जा सकता है, “हमाम में सब नंगे हैं।”

981. मुहावरा – हथेली खुजलाना
अर्थ: “हथेली खुजलाना” का अर्थ है धन प्राप्ति की इच्छा या आशा में होना। यह मुहावरा उस विश्वास या अंधविश्वास पर आधारित है कि अगर किसी की हथेली खुजलाने लगे, तो इसका मतलब है कि जल्द ही उसे कुछ धन या लाभ प्राप्त होने वाला है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग व्यक्ति की उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जब वह धन प्राप्ति की आशा में होता है। इसे अक्सर हल्के-फुल्के और मजाकिया संदर्भ में भी प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: व्यक्तिगत जीवन में: अनुभव की हथेली खुजला रही थी, और उसने मजाक में कहा कि शायद उसे जल्द ही कोई बड़ी रकम मिलने वाली है।

982. मुहावरा – हड़बड़ी सवार होना
अर्थ: “हड़बड़ी सवार होना” का अर्थ है बिना सोचे-समझे और अधीरता से किसी कार्य को करना। यह उस व्यक्ति की स्थिति को दर्शाता है जो बिना पर्याप्त योजना और विचार के, तत्काल परिणाम की आशा में कार्य करता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आमतौर पर नकारात्मक संदर्भ में किया जाता है, जब किसी को उनकी जल्दबाजी के लिए आलोचना की जाती है या उन्हें सलाह दी जाती है कि वे धैर्य रखें और सोच-समझकर काम करें।
उदाहरण: विद्यार्थी का मामला: एक विद्यार्थी जो परीक्षा की तैयारी के लिए अंतिम समय तक प्रतीक्षा करता है और फिर हड़बड़ी में अध्ययन करने लगता है, उस पर “हड़बड़ी सवार हो गई” कहा जा सकता है।

983. मुहावरा – हिसाब चुकता करना
अर्थ: “हिसाब चुकता करना” का अर्थ है किसी भी प्रकार के बकाया या ऋण का पूरा निपटान करना ताकि दोनों पक्षों के बीच कोई बाकी न रहे। यह अक्सर उस स्थिति को भी दर्शाता है जहाँ अतीत की किसी गलती या विवाद को सुलझा लिया गया हो।
प्रयोग: यह मुहावरा व्यावसायिक संदर्भ में लेन-देन के समापन, सामाजिक रिश्तों में मतभेदों के समाधान, या किसी व्यक्तिगत द्वेष को खत्म करने के लिए प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: व्यावसायिक संदर्भ में: जब एक व्यापारी अपने सप्लायर के साथ सारे बकाया का भुगतान करता है।

984. मुहावरा – हाथी निकल गया, पूँछ रह गई
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि बड़ी समस्या या मुख्य कार्य तो हल हो गया है लेकिन कुछ छोटी बाधाएँ या समस्याएँ अभी भी शेष हैं। यह अक्सर उस स्थिति को व्यक्त करता है जब मुख्य मुद्दे का निवारण हो जाने के बावजूद कुछ अनसुलझे मामले बचे होते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा विभिन्न संदर्भों में प्रयोग किया जा सकता है, जैसे कि परियोजना के समापन, संघर्ष के अंत, या किसी लक्ष्य की प्राप्ति के बाद शेष छोटे मुद्दों की चर्चा करते समय।
उदाहरण: परियोजना समापन पर: जब एक बड़ी परियोजना सफलतापूर्वक पूरी हो जाती है लेकिन कुछ मामूली तकनीकी समस्याएँ अभी भी बाकी रहती हैं।

985. मुहावरा – हाथ सुमिरनी बगल कतरनी
अर्थ: “हाथ सुमिरनी” का अर्थ है पूजा या प्रार्थना करना और “बगल कतरनी” का अर्थ है चोरी या किसी अनैतिक काम में लिप्त होना। इस प्रकार, यह मुहावरा उन लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है जो धार्मिकता का ढोंग करते हैं लेकिन वास्तव में अनैतिक कार्यों में संलिप्त होते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेष रूप से उन स्थितियों में उपयोगी होता है जहाँ किसी व्यक्ति के दोहरे चरित्र को उजागर करना होता है। यह समाज में पाखंड और ढोंग के खिलाफ जागरूकता बढ़ाने के लिए भी प्रयोग किया जाता है।
उदाहरण: सामाजिक जीवन में: जब कोई व्यक्ति समाज में धार्मिक गुरु के रूप में प्रसिद्ध होता है लेकिन गोपनीय रूप से अनैतिक गतिविधियों में लिप्त होता है, तब लोग कहते हैं कि वह “हाथ सुमिरनी बगल कतरनी” करता है।

986. मुहावरा – हलक के नीचे न उतरना
अर्थ: “हलक के नीचे न उतरना” का अर्थ है किसी बात को मानने या स्वीकारने में कठिनाई होना। यह अक्सर तब इस्तेमाल किया जाता है जब किसी व्यक्ति को किसी बात पर विश्वास न हो या वह उसे स्वीकार न कर पाए।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग विविध परिस्थितियों में किया जा सकता है, जैसे कि किसी अविश्वसनीय खबर को सुनकर, किसी अप्रत्याशित घटना का सामना करते समय, या फिर किसी ऐसे विचार से जो व्यक्ति की अपेक्षा या मान्यताओं से मेल नहीं खाता।
उदाहरण: व्यक्तिगत जीवन में: जब अनुभव ने सुना कि उसका दोस्त विदेश जा रहा है, तो यह खबर उसके “हलक के नीचे न उतरी” क्योंकि वह उसे बहुत करीब मानता था।

987. मुहावरा – हेकड़ी भुला देना
अर्थ: “हेकड़ी भुला देना” का सीधा अर्थ है अपने घमंड या अहंकार को त्याग देना और अधिक विनम्र बनना। यह व्यक्तित्व में एक सकारात्मक परिवर्तन को इंगित करता है, जहाँ व्यक्ति अपनी पिछली गलतियों को स्वीकार करता है और एक नई शुरुआत करने की दिशा में बढ़ता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी व्यक्ति को उसके व्यवहार में आए बदलाव के लिए सराहना की जाती है। यह उस समय भी प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने अहंकार को पीछे छोड़कर अधिक सहयोगी और सहिष्णु बन जाता है।
उदाहरण: जब विशाल ने अपने सहकर्मियों से माफी मांगी, तो सबने कहा कि उसने अपनी हेकड़ी भुला दी है।

988. मुहावरा – हेकड़ी दिखाना
अर्थ: “हेकड़ी दिखाना” का अर्थ है अहंकार या घमंड के साथ अपनी शक्ति, स्थिति या संपत्ति का प्रदर्शन करना। इसका उपयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जब कोई व्यक्ति दूसरों पर अपनी श्रेष्ठता सिद्ध करने के लिए अपने अधिकार, शक्ति या धन का दुरुपयोग करता है।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेष रूप से उन मामलों में प्रयोग किया जाता है जहाँ व्यक्ति अपने आत्मसम्मान को बढ़ाने या दूसरों को नीचा दिखाने के लिए अपने व्यक्तित्व का अतिरिक्त प्रदर्शन करता है।
उदाहरण: जब से विशाल को प्रमोशन मिला है, वह अपने सहकर्मियों के सामने हेकड़ी दिखाने लगा है।

989. मुहावरा – हुलिया बिगाड़ना
अर्थ: “हुलिया बिगाड़ना” का अर्थ होता है किसी के चेहरे या शारीरिक बनावट में इस प्रकार का बदलाव करना जो उसे नकारात्मक रूप से प्रभावित करे। यह अक्सर उस स्थिति को व्यक्त करता है जब किसी व्यक्ति को शारीरिक रूप से हानि पहुँचाई जाती है जिससे उसका बाहरी रूप खराब हो जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ व्यक्ति के शारीरिक स्वरूप में जानबूझकर बदलाव किया जाता है। इसका प्रयोग आमतौर पर नकारात्मक संदर्भ में किया जाता है।
उदाहरण: उस लड़ाई में विकास का हुलिया इस कदर बिगाड़ा गया कि उसे पहचानना मुश्किल हो गया।

990. मुहावरा – हींग लगे न फिटकरी, रंग भी चोखा होय
अर्थ: मुहावरे “हींग लगे न फिटकरी, रंग भी चोखा होय” का अर्थ है कि बिना किसी विशेष प्रयास या खर्च के उत्तम परिणाम प्राप्त होना। यह उन परिस्थितियों को व्यक्त करता है जहां सफलता आसानी से और अपेक्षित से अधिक अच्छे तरीके से प्राप्त हो जाती है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग व्यक्ति तब करता है, जब वह किसी कार्य को बहुत कम प्रयास में या फिर बिना किसी विशेष प्रयास के सफलतापूर्वक पूरा कर लेता है। यह उस समय भी प्रयोग किया जा सकता है, जब किसी व्यक्ति को उम्मीद से ज्यादा लाभ होता है या कोई काम अचानक से बहुत अच्छा हो जाता है।
उदाहरण: अमन ने बिना किसी तैयारी के परीक्षा दी और टॉप कर गया, सच में “हींग लगे न फिटकरी, रंग भी चोखा होय।”

991. मुहावरा – ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस देय
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई बैल बूढ़ा हो जाता है और खेती या अन्य कामों में उसका योगदान नहीं रह जाता, तो उसे भुस (चारा) देने में कोई रुचि नहीं लेता। यहाँ बैल केवल एक उदाहरण है, इसे व्यापक रूप से जीवन के किसी भी पहलू में लागू किया जा सकता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी चीज़ या व्यक्ति का महत्व या उपयोगिता समाप्त हो जाती है और उसे और अधिक सहायता या संसाधन देने की इच्छा नहीं होती।
उदाहरण: एक पुरानी मशीन जो अब काम नहीं करती, “ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस देय?”

992. मुहावरा – होनी होकर रहेगी
अर्थ: “होनी होकर रहेगी” का अर्थ है कि भाग्य या नियति में जो लिखा है, वह अवश्य ही संपन्न होगा। यह हमें याद दिलाता है कि कुछ चीज़ें हमारे नियंत्रण से परे हैं और हमें उन्हें स्वीकार करना चाहिए।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब व्यक्ति किसी परिस्थिति के निर्णय या परिणाम को भाग्य पर छोड़ देता है। यह अक्सर अनिश्चितता के समय में सांत्वना और धैर्य का स्रोत होता है।
उदाहरण: प्रथम ने सभी परीक्षाओं की तैयारी की, लेकिन उसे पता था कि अंत में “होनी होकर रहेगी”।

993. मुहावरा – मुँह बिचकाना
अर्थ: “मुँह बिचकाना” का अर्थ है असंतोष या असहमति का भाव प्रकट करना। जब कोई व्यक्ति किसी बात या परिस्थिति से खुश नहीं होता, तो वह अपने चेहरे के हाव-भाव से इसे दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी को किसी बात पर नाराजगी हो या वह किसी चीज़ से सहमत नहीं होता। यह व्यक्तिगत असंतोष या असहमति को व्यक्त करने का एक सामान्य तरीका है।
उदाहरण: जब नियांत ने देखा कि उसके लिए खाने में केवल लौकी की सब्जी बनी है, तो उसने तुरंत मुँह बिचका दिया।

994. मुहावरा – होइहि सोइ जो राम रचि राखा
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि हमारे जीवन में जो कुछ भी होता है, वह पहले से ही ईश्वर द्वारा निर्धारित है। यह हमें याद दिलाता है कि हमें जीवन में आने वाली हर चीज़ को स्वीकार करना चाहिए, चाहे वह अच्छी हो या बुरी।
प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर उन परिस्थितियों में किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में हो रहे घटनाक्रमों को भाग्य या नियति के हाथों में समर्पित कर देता है।
उदाहरण: अभय ने अपने सभी प्रयासों के बाद भी जब नौकरी नहीं पाई, तो उसने कहा, “होइहि सोइ जो राम रचि राखा।”

995. मुहावरा – गवाह चुस्त, मुद्दई सुस्त
अर्थ: “गवाह चुस्त, मुद्दई सुस्त” का अर्थ है कि जब मुकदमे या विवाद में शिकायतकर्ता अपने मामले को लेकर उदासीन या निष्क्रिय हो, लेकिन गवाह या समर्थक अधिक सक्रिय और चालाकी से काम लेते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर न्यायिक प्रक्रियाओं, व्यावसायिक विवादों, या सामाजिक मुद्दों में इस्तेमाल होता है जहाँ मुद्दई की तुलना में गवाह या सहायक अधिक सक्रिय होते हैं।
उदाहरण: एक व्यक्ति जो अपने खिलाफ हुए अन्याय के लिए कोर्ट में केस लड़ रहा था, वह खुद तो मामले में कोई विशेष रुचि नहीं दिखा रहा था, लेकिन उसके दोस्त और परिवार के लोग उसके मामले को लेकर अधिक सक्रिय और चिंतित थे।

996. मुहावरा – गये थे रोजा छुड़ाने, नमाज़ गले पड़ी
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि कोई व्यक्ति रोजा (उपवास) तोड़ने जाता है, लेकिन उसे नमाज़ (प्रार्थना) करनी पड़ जाती है। यानी, वह किसी हल्की समस्या से निपटने गया था, लेकिन उसे कुछ और ही ज़िम्मेदारी या कार्य करना पड़ता है जो अधिक चुनौतीपूर्ण होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन स्थितियों में उपयोगी होता है जब किसी व्यक्ति का प्रयास किसी छोटी समस्या का समाधान करने के लिए होता है, लेकिन वह खुद को एक बड़ी और जटिल समस्या में पाता है। यह अनपेक्षित परिणामों और जीवन की अनिश्चितताओं को दर्शाता है।
उदाहरण: अभय अपने दोस्त के साथ मॉल में मामूली खरीदारी करने गया था, लेकिन वहाँ एक बड़ी सेल देखकर वह अधिक खर्च में फंस गया। इस स्थिति को “गए थे रोजा छुड़ाने, नमाज़ गले पड़ी” कहा जा सकता है।

997. मुहावरा – खेल खिलाड़ी का, पैसा मदारी
अर्थ: मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जिस व्यक्ति ने कार्य में मेहनत की होती है, उसे उसका उचित हिस्सा नहीं मिलता, जबकि कोई और, जिसने उतना प्रयास नहीं किया होता, उसका लाभ उठा लेता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर व्यावसायिक, खेलकूद, या कलात्मक क्षेत्रों में उन स्थितियों के वर्णन के लिए प्रयोग किया जाता है जहाँ परिश्रम करने वाले को उसके परिश्रम का पूरा लाभ नहीं मिलता।
उदाहरण: एक कलाकार जिसने एक शानदार पेंटिंग बनाई, लेकिन उसके प्रबंधक ने सभी श्रेय और लाभ अपने नाम कर लिया।

998. मुहावरा – खेल खतम, पैसा हजम
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जब कोई काम या खेल समाप्त हो जाता है, तो उसमें लगाया गया पैसा भी खतम हो जाता है और वापस नहीं मिलता। इसका उपयोग अक्सर नकारात्मक संदर्भ में किया जाता है जब किसी ने किसी चीज़ में निवेश किया हो और बदले में कुछ न मिले।
प्रयोग: यह मुहावरा विशेष रूप से उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ व्यक्ति या समूह कोई आर्थिक या भौतिक लाभ प्राप्त करने की उम्मीद में किसी कार्य या निवेश में समय और पैसा लगाता है, लेकिन अंत में सब कुछ व्यर्थ जाता है।
उदाहरण: एक व्यापारी ने एक नई कंपनी में बड़ी रकम निवेश की, लेकिन कंपनी घाटे में चली गई और व्यापारी को अपना निवेश वापस नहीं मिला। इस स्थिति को “खेल खतम, पैसा हजम” कहा जा सकता है।

999. मुहावरा – कभी नाव गाड़ी पर, कभी गाड़ी नाव पर
अर्थ: इस मुहावरे का सार यह है कि जीवन में कई बार परिस्थितियाँ इतनी अजीब और अप्रत्याशित होती हैं कि हमें ऐसे कार्य करने पड़ते हैं, जो सामान्य स्थितियों में विचार भी नहीं किए जा सकते। यह मुहावरा हमें अनुकूलनशीलता और लचीलापन का महत्व सिखाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है, जहाँ अप्रत्याशित चुनौतियों और परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। यह हमें सिखाता है कि हमें हर स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए और जीवन के प्रत्येक परिवर्तन को स्वीकार करने की आदत डालनी चाहिए।
उदाहरण: एक व्यापारी जो सड़क मार्ग से अपना सामान ढोता था, बाढ़ के कारण उसे नाव का उपयोग करना पड़ा। इस स्थिति में, “कभी नाव गाड़ी पर, कभी गाड़ी नाव पर” मुहावरा सटीक बैठता है।

1000. मुहावरा – कर ले सो काम, भज ले सो राम
अर्थ: इस मुहावरे का सार यह है कि कर्म और भक्ति, दोनों ही जीवन के अहम पहलू हैं। “कर ले सो काम” से तात्पर्य है कि जो भी काम करना है, उसे पूरे मन से और ईमानदारी से करो। “भज ले सो राम” का भाव है कि अपने कर्मों के साथ-साथ भगवान की भक्ति में भी समय देना चाहिए।
प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब व्यक्ति के सामने कर्म और भक्ति के महत्व को समझाने की आवश्यकता होती है। यह हमें जीवन में संतुलन बनाने की सीख देता है।
उदाहरण: एक विद्यार्थी जो परीक्षा की तैयारी में जुटा है, उसे यह समझना चाहिए कि केवल पढ़ाई ही नहीं, बल्कि अपने मन को शांत और संतुलित रखने के लिए ध्यान और प्रार्थना भी जरूरी है। “कर ले सो काम, भज ले सो राम” के अनुसार, उसे अपने पढ़ाई के साथ-साथ ध्यान और योग का भी अभ्यास करना चाहिए।

1001. मुहावरा – कपड़े फटे गरीबी आई
अर्थ: “कपड़े फटे गरीबी आई” का सीधा अर्थ है कि जब किसी के कपड़े फटे होते हैं तो यह उसकी गरीबी को दर्शाता है। यह व्यक्ति के आर्थिक संकट का प्रतीक होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ व्यक्ति की आर्थिक दुर्दशा स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। यह न केवल व्यक्ति की आर्थिक स्थिति पर प्रकाश डालता है बल्कि सामाजिक समझ और संवेदनशीलता को भी उजागर करता है।
उदाहरण: मुनीश के परिवार की आर्थिक स्थिति जब से खराब हुई, उसके कपड़े देखकर ही सब समझ जाते हैं, “कपड़े फटे गरीबी आई”।

1002. मुहावरा – गाल बजाए हूँ करैं गौरीकन्त निहाल
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ उन प्रयासों या कार्यों को दर्शाता है जो व्यक्ति किसी अन्य की प्रसन्नता या अनुमोदन प्राप्त करने के लिए करता है, भले ही वे कार्य सतही या दिखावटी हों।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जा सकता है जब किसी व्यक्ति को अपने शब्दों या कृत्यों के माध्यम से दूसरों की प्रशंसा या अनुकूलता प्राप्त करने का प्रयास करते हुए देखा जाता है।
उदाहरण: किसी समाजिक समारोह में, जहाँ एक व्यक्ति अपनी बातों और व्यवहार से सभी का ध्यान आकर्षित कर और उन्हें प्रसन्न करने का प्रयास कर रहा हो।

1003. मुहावरा – गाय गुण बछड़ा, पिता गुण घोड़, बहुत नहीं तो थोड़ै थोड़
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है कि प्रत्येक संतान में उसके माता-पिता के गुण होते हैं, जो उसे वंशानुगत रूप से प्राप्त होते हैं। यह गुण सीधे तौर पर या किसी हद तक उसमें दिखाई देते हैं।
प्रयोग: जब भी संतान में माता-पिता के समान गुण या विशेषताएँ देखने को मिलती हैं, तब इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।
उदाहरण: यदि एक व्यक्ति अपने पिता की तरह अच्छा गायक है, तो कह सकते हैं “गाय गुण बछड़ा, पिता गुण घोड़, बहुत नहीं तो थोड़ै थोड़।”

1004. मुहावरा – गधा मरे कुम्हार का, धोबिन सती होय
अर्थ: “गधा मरे कुम्हार का, धोबिन सती होय” का अर्थ है कि कुम्हार का गधा मर जाए और धोबिन (धोबी की पत्नी) सती हो जाए, यानी किसी असंबद्ध व्यक्ति का किसी घटना पर अत्यधिक प्रतिक्रिया देना।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग व्यंग्यात्मक ढंग से उन लोगों पर किया जाता है जो बिना किसी प्रत्यक्ष संबंध के अत्यधिक दुःख या चिंता व्यक्त करते हैं।
उदाहरण: यदि किसी व्यापारी की दुकान में चोरी हो जाए और उसके पड़ोसी, जिनका उस दुकान से कोई सीधा लेना-देना नहीं है, बेहद चिंतित और दुःखी हो जाएं, तो कहा जा सकता है “गधा मरे कुम्हार का, धोबिन सती होय।”

1005. मुहावरा – गढ़े कुम्हार भरे संसार
अर्थ: “गढ़े कुम्हार भरे संसार” मुहावरे का अर्थ है कि इस दुनिया में विभिन्न प्रकार के लोग हैं, जैसे कि कुम्हार द्वारा बनाए गए विभिन्न प्रकार के बर्तन।
प्रयोग: यह मुहावरा तब उपयोगी होता है जब हम मानव समाज की विविधता और प्रत्येक व्यक्ति की अनूठी पहचान को स्वीकार करते हैं।
उदाहरण: यदि किसी समूह में विभिन्न प्रकार के लोगों का संगम हो, जहाँ हर किसी की अपनी विशेषता हो, तो कह सकते हैं कि “गढ़े कुम्हार भरे संसार।”

1006. मुहावरा – गगरी दाना सूत उताना
अर्थ: “गगरी दाना सूत उताना” का अर्थ है किसी काम में इतना कम प्रयास या संसाधन लगाना कि वह नाकाफी साबित हो। यह उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहाँ मितव्ययिता की हद पार कर दी गई हो।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग तब किया जाता है जब किसी को उसकी कंजूसी या अत्यंत मितव्ययी प्रवृत्ति के लिए आलोचना करनी हो।
उदाहरण: मान लीजिए एक व्यक्ति अपने घर की मरम्मत के लिए इतना कम बजट रखता है कि मरम्मत का काम सही से नहीं हो पाता, तो इस स्थिति को “गगरी दाना सूत उताना” कहा जा सकता है।

1007. मुहावरा – गंजी कबूतरी और महल में डेरा
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है कि कोई भी व्यक्ति या चीज जो अपनी स्थिति या योग्यता से अधिक उच्च स्थान पर पहुंच जाता है, लेकिन उसकी उपयुक्तता वहाँ नहीं होती, उसे इस मुहावरे से व्यक्त किया जाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन स्थितियों को व्यक्त करने के लिए उपयोगी है जहाँ व्यक्तियों को उनके योग्यता या सामाजिक स्थिति से अधिक महत्वपूर्ण भूमिका या स्थान प्राप्त हो जाता है।
उदाहरण: एक अनुभवहीन व्यक्ति जो बिना किसी योग्यता के एक महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त हो जाता है, उसके लिए यह मुहावरा उपयुक्त है। इस स्थिति में, व्यक्ति की उपस्थिति उस पद के लिए अनुपयुक्त मानी जाती है।

1008. मुहावरा – खौरही कुतिया मखमली झूल
अर्थ: “खौरही कुतिया मखमली झूल” का अर्थ है कि अयोग्य व्यक्ति को चाहे जितनी भी उत्तम सुविधाएँ दी जाएं, वह उनका सही लाभ नहीं उठा पाता क्योंकि उसके पास उन्हें समझने या उपयोग करने की क्षमता नहीं होती।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब उपयोग किया जाता है जब किसी व्यक्ति को उसकी योग्यता से अधिक लाभ या सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं और वह इसका सही उपयोग नहीं कर पाता।
उदाहरण: मान लीजिए एक व्यक्ति को उसके काम के लिए एक उन्नत तकनीकी उपकरण दिया गया, लेकिन वह उसका उपयोग करने की क्षमता नहीं रखता। ऐसे में यह मुहावरा उस स्थिति का वर्णन करने के लिए उपयुक्त है।

1009. मुहावरा – खेती खसम सेती
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि किसी भी कार्य की सफलता उसके प्रति व्यक्ति के समर्पण और सही दृष्टिकोण पर निर्भर करती है। यह न केवल कृषि के क्षेत्र में, बल्कि जीवन के हर पहलू में लागू होता है।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग व्यक्ति को यह सिखाने के लिए किया जाता है कि सफलता के लिए कड़ी मेहनत, समर्पण और सही दिशा में प्रयास आवश्यक हैं। यह व्यक्ति को जिम्मेदारी और नैतिकता का महत्व समझाता है।
उदाहरण: एक किसान जो अपनी खेती के प्रति पूरी तरह से समर्पित है, उसके फसल अच्छी होती है। इसी तरह, एक विद्यार्थी जो अपनी पढ़ाई के प्रति समर्पित है, उसे अच्छे अंक प्राप्त होते हैं। यह मुहावरा उस समर्पण और मेहनत को दर्शाता है जो सफलता की कुंजी है।

1010. मुहावरा – करे कारिन्दा नाम बरियार का, लड़े सिपाही नाम सरदार का
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है कि काम निम्न स्तर के कर्मचारी या सिपाही करते हैं, लेकिन इसका श्रेय उच्च स्तर के अधिकारियों या सरदारों को जाता है। यह सामाजिक और संगठनात्मक ढांचे में व्याप्त असमानता और अन्याय को दर्शाता है।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ मेहनत और सफलता का श्रेय उस व्यक्ति को नहीं दिया जाता, जिसने वास्तव में परिश्रम किया हो। यह उन व्यवस्थाओं की आलोचना करता है जहाँ श्रेय और सम्मान केवल उच्च पदों पर बैठे लोगों को ही मिलता है।
उदाहरण: एक कंपनी में, एक छोटे स्तर के कर्मचारी ने एक नवाचारी परियोजना पर मेहनत की और उसे सफलतापूर्वक पूरा किया। लेकिन जब समय आया तो सारा श्रेय और सम्मान कंपनी के उच्च पदस्थ अधिकारी को मिला।

1011. मुहावरा – इधर न उधर, यह बला किधर
अर्थ: “इधर न उधर, यह बला किधर” मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि मुसीबत या समस्या न तो इस दिशा में है और न ही उस दिशा में, तो फिर यह किस दिशा में है? इसका प्रतीकात्मक अर्थ है कि व्यक्ति निर्णय लेने में असमर्थ होता है क्योंकि उसे सही मार्ग की पहचान नहीं होती।
प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग व्यक्ति की दुविधा और असमंजस की स्थिति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है। यह अक्सर तब प्रयोग किया जाता है जब व्यक्ति किसी निर्णय को लेकर उलझन में होता है और उसे यह समझ नहीं आता कि कौन सा रास्ता चुने।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यक्ति को दो नौकरियों के ऑफर मिले हैं, एक उसके घर के पास है लेकिन कम वेतन देता है, दूसरा दूर है लेकिन वेतन अधिक है। वह यह निर्णय नहीं ले पा रहा है कि कौन सी नौकरी चुने। इस स्थिति में वह कह सकता है, “मैं इधर न उधर, यह बला किधर”।

1012. मुहावरा – उत्तम खेती मध्यम बान, निकृष्ट चाकरी भीख निदान
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि खेती करना सबसे उत्तम काम है, व्यापार (बान) करना मध्यम है, नौकरी करना निकृष्ट है, और भीख मांगना सबसे निचले स्तर का काम है। इसके माध्यम से, स्वावलंबन और आत्मनिर्भरता को सर्वोच्च महत्व दिया जाता है।
प्रयोग: -यह मुहावरा अक्सर लोगों को खेती और स्वावलंबन के प्रति प्रोत्साहित करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह युवाओं को स्वयं के व्यवसाय या खेती की ओर अग्रसर होने के लिए प्रेरित करता है, जबकि नौकरी या भीख मांगने की मानसिकता से दूर रहने का संदेश देता है।
उदाहरण: एक गाँव में रहने वाले राम ने खेती करके अपनी जीविका चलाई और समृद्धि प्राप्त की। उसके पड़ोसी श्याम ने व्यापार किया और मध्यम स्तर की समृद्धि प्राप्त की। एक अन्य गाँववाला, अनुभव, ने नौकरी की और जीवन में कई चुनौतियों का सामना किया। और गाँव के एक अन्य व्यक्ति ने भीख मांगकर अपना जीवन बिताया, जिसे समाज में सबसे निम्न माना गया।

1013. मुहावरा – ईंट की लेनी पत्थर की देनी
अर्थ: “ईंट की लेनी पत्थर की देनी” मुहावरे का सीधा अर्थ है कि किसी छोटी गलती या हानि के बदले में बहुत बड़ी प्रतिक्रिया या प्रतिशोध करना। इसका इस्तेमाल उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जब कोई व्यक्ति छोटी बात का बहुत बड़ा जवाब देता है।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां व्यक्ति का प्रतिशोध उसके द्वारा मिली छोटी चोट की तुलना में कहीं अधिक होता है। यह उन लोगों की मानसिकता को भी दर्शाता है जो हर छोटे अपराध के लिए अत्यधिक प्रतिकार करते हैं।
उदाहरण: मान लीजिए, एक व्यक्ति गलती से किसी के पैर पर कदम रख देता है, और जवाब में, वह व्यक्ति उसे थप्पड़ मार देता है। इस स्थिति को “ईंट की लेनी पत्थर की देनी” के रूप में व्यक्त किया जा सकता है।

1014. मुहावरा – आए की खुशी न गए का गम
अर्थ: मुहावरे का सार यह है कि इंसान को न तो भविष्य की खुशियों के लिए अधीर होना चाहिए और न ही अतीत के दुःखों को लेकर पछताना चाहिए। इसके बजाय, व्यक्ति को वर्तमान क्षण का आनंद लेना चाहिए और जीवन को सकारात्मक दृष्टिकोण से जीना चाहिए।
प्रयोग: यह मुहावरा जीवन के दार्शनिक पहलू को उजागर करता है और लोगों को वर्तमान में जीने की प्रेरणा देता है। इसका उपयोग जीवन के उन पलों में किया जाता है जब व्यक्ति अतीत की चिंताओं या भविष्य की आशाओं में खो जाता है।
उदाहरण: अभय अपनी नौकरी के लिए चिंतित था और उसके जाने का गम उसे सता रहा था। उसके मित्र ने उसे सलाह दी, “तुम्हें ‘आए की खुशी न गए का गम’ के सिद्धांत को अपनाना चाहिए और वर्तमान क्षण में जीने की कोशिश करनी चाहिए।”

1015. मुहावरा – करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत
अर्थ: मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जिनके पास करने के लिए कोई विशेष कर्म या करतूत नहीं होती, वे लड़ाई या विवाद में बहुत मजबूत होते हैं। यह उन लोगों की मानसिकता को दर्शाता है जो वास्तविक योगदान देने की बजाय झगड़ालू व्यवहार करने में अधिक रुचि रखते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा समाज में उन व्यक्तियों की आलोचना करने के लिए प्रयोग किया जाता है जो उत्पादक और सकारात्मक कार्यों में योगदान देने के बजाय विवादों में अपनी ऊर्जा नष्ट करते हैं।
उदाहरण: एक कार्यालय में अनुज नामक व्यक्ति हमेशा काम से जी चुराता था लेकिन टीम मीटिंग्स में वह सबसे अधिक बोलता और अक्सर अनावश्यक विवादों को जन्म देता। उसके सहकर्मी अक्सर कहते, “राम तो ‘करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत’ है।”

1016. मुहावरा – खग जाने खग ही की भाषा
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जैसे पक्षी ही दूसरे पक्षी की भाषा समझ सकते हैं, उसी प्रकार समान अनुभव या पृष्ठभूमि वाले लोग ही एक-दूसरे की बातों को सबसे बेहतर समझ सकते हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ गहरी समझ या सहानुभूति की आवश्यकता होती है। यह उन विशेष बंधनों या संबंधों की महत्वता को भी दर्शाता है जो समान अनुभवों पर आधारित होते हैं।
उदाहरण: दो लेखक जो अपनी-अपनी रचनाओं में समाजिक मुद्दों को उठाते हैं, जब एक सेमिनार में मिलते हैं, तो वे तुरंत एक-दूसरे की बातों को समझ जाते हैं। यहाँ “खग जाने खग ही की भाषा” मुहावरा सटीक बैठता है।

1017. मुहावरा – खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता
अर्थ: मुहावरे का तात्पर्य है कि व्यक्ति को अपने खान-पान में अपनी इच्छा के अनुसार चुनाव करना चाहिए क्योंकि यह उसकी व्यक्तिगत पसंद और स्वास्थ्य से जुड़ा होता है, लेकिन जब बात वस्त्रों की आती है, तो समाज के नियमों और रीति-रिवाजों का सम्मान करते हुए चयन करना चाहिए।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उस समय प्रयोग किया जाता है जब किसी को व्यक्तिगत पसंद और सामाजिक मानदंडों के बीच संतुलन बनाने की सलाह देनी होती है।
उदाहरण: अभय अपने खान-पान में बहुत ही सादगीपसंद व्यक्ति हैं और अक्सर घर का बना साधारण भोजन ही खाना पसंद करते हैं, लेकिन जब वह किसी समारोह में जाते हैं, तो वह समाज की नज़र में उचित माने जाने वाले वस्त्र पहनते हैं। इससे “खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता” मुहावरे का अर्थ स्पष्ट होता है।

1018. मुहावरा – कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जीवन में कभी समृद्धि आती है जैसे कि “घी घना”, कभी मामूली संतोष होता है जैसे “मुट्ठी भर चना”, और कभी-कभी वह भी नहीं मिल पाता जिसकी हमें आशा होती है, यानी “कभी वो भी मना”।
प्रयोग: यह मुहावरा जीवन की वास्तविकता को स्वीकारने और उसके अनुसार अपने आप को ढालने की सलाह देता है। यह हमें सिखाता है कि हमें हर परिस्थिति में संतुष्ट और धैर्यवान बने रहना चाहिए।
उदाहरण: सुभाष एक छोटे व्यवसायी थे। उनके व्यापार में कभी बहुत लाभ होता, तो कभी नुकसान। कभी उन्हें बड़े ऑर्डर मिलते, तो कभी महीनों तक कोई काम नहीं होता। सुभाष ने इस मुहावरे को अपने जीवन का मंत्र बना लिया और हर समय को समान भाव से स्वीकार किया।

1019. मुहावरा – खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि अगर कोई स्यार (गीदड़) सिंह की खाल ओढ़ ले, तब भी वह सिंह नहीं बन जाता। इसी प्रकार, कोई व्यक्ति भले ही खुद को कितना भी शक्तिशाली या प्रभावशाली दिखाने की कोशिश करे, उसके आंतरिक गुण या स्वभाव में परिवर्तन नहीं होता।
प्रयोग: यह मुहावरा उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपनी असली क्षमताओं या गुणों के बिना ही श्रेष्ठता या सफलता प्राप्त करने का प्रयास करता है।
उदाहरण: एक व्यक्ति ने अपने आपको अमीर दिखाने के लिए महंगी कार और कपड़े खरीदे। हालांकि, उसके पास वास्तविक संपत्ति नहीं थी। लोगों ने उसे देखकर कहा, “खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय।”

1020. मुहावरा – खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी
अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि जब एक अंधा और एक कोढ़ी व्यक्ति एक साथ आते हैं तो वे एक दूसरे की सहायता करने के बजाय अधिक समस्याएँ पैदा करते हैं। यहाँ “अंधा” और “कोढ़ी” शब्दों का प्रयोग व्यक्तिगत अक्षमताओं या दोषों को दर्शाने के लिए किया गया है।
प्रयोग: यह मुहावरा आलोचनात्मक संदर्भ में प्रयोग किया जाता है, जब दो व्यक्ति या वस्तुएँ ऐसी होती हैं जिनका एक साथ होना नकारात्मक या अवांछित परिणाम लाता है।
उदाहरण: जब एक आलसी व्यक्ति और एक अनुशासनहीन व्यक्ति एक समूह में काम करते हैं, तो उनका समूह “खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी” कहलाता है क्योंकि वे दोनों मिलकर समूह के प्रदर्शन को नीचे ले जाते हैं।

1021. मुहावरा – गुड़ खाय गुलगुले से परहेज
अर्थ: मुहावरे का सीधा अर्थ है कि कोई व्यक्ति गुड़ तो खाता है लेकिन गुलगुले से परहेज करता है, जबकि गुलगुले में भी गुड़ का ही उपयोग होता है। यह उस विरोधाभास को दर्शाता है जहां व्यक्ति एक समान प्रकृति की चीजों में से एक को स्वीकार करता है और दूसरे से बचता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है जब किसी के व्यवहार या निर्णयों में विरोधाभास या अनिर्णायकता दिखाई दे। यह उन स्थितियों में भी लागू होता है जहां लोग बिना तार्किक आधार के कुछ चीजों का चयन करते हैं और दूसरों को नकार देते हैं।
उदाहरण: विकास घर पर तो मीठे से परहेज करता है लेकिन पार्टियों में मिठाई खाने से नहीं चूकता, यह सही मायने में “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” का उदाहरण है।

1022. मुहावरा – कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जीवन में कभी समृद्धि आती है जैसे कि “घी घना”, कभी मामूली संतोष होता है जैसे “मुट्ठी भर चना”, और कभी-कभी वह भी नहीं मिल पाता जिसकी हमें आशा होती है, यानी “कभी वो भी मना”।
प्रयोग: यह मुहावरा जीवन की वास्तविकता को स्वीकारने और उसके अनुसार अपने आप को ढालने की सलाह देता है। यह हमें सिखाता है कि हमें हर परिस्थिति में संतुष्ट और धैर्यवान बने रहना चाहिए।
उदाहरण: सुभाष एक छोटे व्यवसायी थे। उनके व्यापार में कभी बहुत लाभ होता, तो कभी नुकसान। कभी उन्हें बड़े ऑर्डर मिलते, तो कभी महीनों तक कोई काम नहीं होता। सुभाष ने इस मुहावरे को अपने जीवन का मंत्र बना लिया और हर समय को समान भाव से स्वीकार किया।

1023. मुहावरा – गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है कि अगर किसी के पास देने के लिए कुछ नहीं है, तो भी वह अपने शब्दों और व्यवहार से दूसरों को संतुष्टि और खुशी प्रदान कर सकता है।
प्रयोग: यह मुहावरा उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां वास्तविक सहायता या संसाधन की कमी हो, लेकिन फिर भी शब्दों और सकारात्मक भावनाओं से सहयोग और सांत्वना दी जा सके।
उदाहरण: जब विशाल ने अपने मित्र को वित्तीय सहायता नहीं दी, लेकिन उसे सांत्वना देते हुए कहा, “तुम चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा,” यह “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” का एक उदाहरण है।

1024. मुहावरा – गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है कि गुरु के साथ धोखा, मित्र के साथ चोरी, गरीबी और रोग – ये सभी ऐसे अवस्थाएँ हैं जिनसे व्यक्ति को बचना चाहिए। यह संदेश देता है कि सच्चाई, विश्वास और स्वास्थ्य ही वास्तविक धन हैं।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब किसी को नैतिकता और चरित्र की शुद्धता का महत्व समझाना हो।
उदाहरण: अनुभव ने जब अपने मित्र से पैसे चुराए, तो उसके गुरु ने उसे समझाया, “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” – ये सभी जीवन में नीचे गिरने के कारण हैं।

1025. मुहावरा – गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी
अर्थ: मुहावरे का सीधा अर्थ है कि अगर कुछ अच्छा या मूल्यवान है, तो उसके आसपास नकारात्मक या अवांछित तत्व भी आकर्षित होंगे।
प्रयोग: यह मुहावरा उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है, जहाँ किसी व्यक्ति या संस्था की सफलता या समृद्धि उसे ईर्ष्या या दुश्मनी का पात्र बना देती है।
उदाहरण: जब सुरेंद्र का व्यापार अचानक से फलने-फूलने लगा, तो उसके पड़ोसी ने उससे ईर्ष्या करनी शुरू कर दी। उसके मित्र ने उसे समझाया, “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी, यह स्वाभाविक है।”

1026. मुहावरा – गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया
अर्थ: मुहावरे का अर्थ है कि गुरु जो कि ज्ञान का आधार हैं (यहाँ गुड़ के रूप में प्रतीक हैं), उनके शिष्य ने उनसे प्राप्त ज्ञान को और अधिक संवारा और शक्कर (अधिक रिफाइंड या कुशल) बन गया।
प्रयोग: यह मुहावरा उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जब एक शिष्य अपने गुरु की शिक्षाओं को लेकर एक नई ऊँचाई पर पहुँच जाता है।
उदाहरण: अनुज ने अपने संगीत गुरु से संगीत सीखा और कई राष्ट्रीय पुरस्कार जीते। लोग कहते हैं, “गुरु गुड़ ही रहा चेला शक्कर हो गया”।

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