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हाथ साफ करना, अर्थ, प्रयोग(Haath saaph karana)

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हिंदी भाषा में अनेक मुहावरे हैं, जिन्हें विभिन्न संदर्भों में प्रयोग किया जाता है। ‘हाथ साफ करना’ भी ऐसा ही एक मुहावरा है, जिसे चोरी के संदर्भ में भी प्रयोग किया जाता है।

अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ होता है किसी चीज़ को चुरा लेना जब उसके मालिक को पता न हो।

उदाहरण:

-> राम ने मोहन की जेब पे हाथ साफ़ कर लिए और मोहन को पता भी नहीं चला।

->जब सभी व्यक्ति मेले में व्यस्त थे, चोर ने मौका पाकर अपना हाथ साफ कर लिया।

प्रयोग: जब कोई चीज चोरी हो जाती है और उसके मालिक को पता नहीं चलता या वह समझता है कि उसने खो दी है, जबकि कोई और हाथ साफ़ कर जाता है।

विशेष टिप्पणी: ‘हाथ साफ करना’ मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से उस समय होता है जब किसी व्यक्ति ने चुपके से कुछ चुराया हो और मालिक को पता न चले। इस मुहावरे से हमें समझ में आता है कि किस प्रकार लोग अन्यायपूर्ण तरीके से अपने लाभ के लिए चुराई करते हैं।

हाथ साफ करना मुहावरा पर कहानी:

बाजपुर गांव में दो दोस्त रहते थे, राम और श्याम। राम गांव में अपनी छोटी-सी किराना दुकान पर व्यापार करता था, जबकि श्याम वहीं पास में फलों की दुकान चलाता था।

एक दिन राम ने अपनी दुकान पर नए तरीके से चावल की बोरियाँ रखीं। यह चावल कुछ विशेष थे और उसने सोचा कि उसकी बिक्री ज्यादा होगी। वह चावल की बोरियाँ अपनी दुकान के बाहर रख दी ताकि ग्राहकों को दिखाई दे।

श्याम ने जब यह देखा, तो उसे लालच हुआ। उसने सोचा कि अगर वह रात में चुपचाप एक-दो बोरियाँ चुरा ले, तो राम को पता भी नहीं चलेगा। रात के समय, जब सभी सो रहे थे, श्याम चुपके से राम की दुकान पर गया और दो बोरियाँ अपने घर ले जा भागा।

अगले दिन, जब राम अपनी दुकान खोलने पहुंचा, तो उसने देखा कि उसकी चावल की बोरियाँ गई हुई थीं। वह बहुत परेशान हुआ, लेकिन उसे समझ में नहीं आया कि उसकी चावल कहाँ गई।

कुछ दिनों बाद, एक गांववाले ने श्याम को वही चावल बेचते हुए देखा। उस गांववाले ने यह बात राम को बताई। राम समझ गया कि श्याम ने उसकी चावल ‘हाथ साफ’ कर ली थी।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि ‘हाथ साफ करना’ का अर्थ है चुपचाप चीजें चुरा लेना, जब मालिक को पता न हो। चोरी करने से बड़ा अपराध नहीं होता, और इससे सिर्फ अशांति ही होती है।

शायरी:

चुपके से जब तुम चुराते हो, हाथ साफ कर लेते हो,

मेरी बेख़बरी का फ़ायदा उठा, दिल को दर्द से भर देते हो।

किस बात की चोरी, क्यों ये राज़ रहता अनजान,

हाथ साफ करने वाले, तेरी भी तो है कोई पहचान।

 

हाथ साफ करना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of हाथ साफ करना – Haath saaph karana Idiom:

Meaning:  The meaning of this idiom is to steal something without the owner’s knowledge.

Examples:

 -> Ram stealthily stole from Mohan’s pocket, and Mohan remained unaware.

-> When everyone was busy at the fair, the thief seized the opportunity and “Haath saaph karana” by stealing.

Usage: This idiom is used when something gets stolen and the owner either doesn’t realize it or thinks they’ve lost it, whereas someone else has actually taken advantage of the situation and “Haath saaph karana.”

Special Note: The idiom ‘Haath saaph karana’ is especially used when someone has stolen something covertly without the owner realizing it. This idiom helps us understand how people, in deceitful ways, steal for their own benefit.

Story of ‌‌Haath saaph karana Idiom in English:

In the village of Bazpur, there were two friends, Ram and Shyam. Ram conducted his trade at a small grocery store in the village, while Shyam ran a fruit shop nearby.

One day, Ram displayed rice sacks in a new manner at his store. This rice was special, and he believed it would sell more. He kept the sacks of rice outside his store so they would be visible to customers.

Seeing this, Shyam became greedy. He thought that if he quietly stole a couple of sacks at night, Ram wouldn’t notice. During the night, when everyone was asleep, Shyam sneaked to Ram’s store, took two sacks, and rushed home.

The next morning, when Ram arrived to open his store, he noticed his sacks of rice were missing. He was very distressed but couldn’t figure out where his rice had gone.

A few days later, a villager spotted Shyam selling the same rice. The villager informed Ram about this. Ram realized that Shyam had ‘cleaned his hands’ by stealing his rice.

From this story, we learn that the term ‘cleaning one’s hands’ means to secretly steal something without the owner’s knowledge. There’s no greater crime than theft, leading only to unrest and discord.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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