गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)
परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को
परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को
परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह
परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की
परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब
परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार
खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया
परिचय: “खुदा गंजे को नाखून न दे” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जो व्यंग्यात्मक ढंग से उस स्थिति का वर्णन
परिचय: “खाल ओढ़ाए सिंह की, स्यार सिंह नहीं होय” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जो यह बताता है कि केवल
परिचय: “कभी घी घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वो भी मना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन में
परिचय: “खाइए मनभाता, पहनिए जगभाता” यह एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो जीवन में एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाने की सलाह
परिचय: “खग जाने खग ही की भाषा” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है जो समान विचारधारा या स्थिति वाले लोगों के
परिचय: “करनी न करतूत, लड़ने को मजबूत” एक हिंदी मुहावरा है जो उन व्यक्तियों के व्यवहार को उजागर करता है
परिचय: “आए की खुशी न गए का गम” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जो वर्तमान क्षण में जीने की महत्वपूर्णता
परिचय: “ईंट की लेनी पत्थर की देनी” यह मुहावरा हिन्दी भाषा में बहुत प्रचलित है, जिसका प्रयोग अक्सर किसी के
परिचय: “उत्तम खेती मध्यम बान, निकृष्ट चाकरी भीख निदान” एक प्राचीन हिंदी मुहावरा है जो विभिन्न पेशों की सामाजिक और
“इधर न उधर, यह बला किधर” यह एक हिंदी मुहावरा है जो कि अक्सर परिस्थितियों की अनिश्चितता और दुविधा की
परिचय: “करे कारिन्दा नाम बरियार का, लड़े सिपाही नाम सरदार का” यह हिंदी मुहावरा समाज में प्रचलित एक व्यवस्था की
“खेती खसम सेती” एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका उपयोग अक्सर सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन की स्थितियों में किया जाता
“खौरही कुतिया मखमली झूल” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसका उपयोग अक्सर समाज में व्यक्तियों की अयोग्यता या अनुचित व्यवहार
“गंजी कबूतरी और महल में डेरा” एक लोकप्रिय हिन्दी मुहावरा है, जो उन परिस्थितियों को दर्शाता है जहां व्यक्ति या