Budhimaan

Home » Hindi Muhavare » गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति यदि किसी चीज़ को प्रदान नहीं कर सकता, तो कम से कम उसके बारे में अच्छी बातें या सकारात्मक संवाद तो कर ही सकता है। यह मुहावरा मानवीय संवेदनशीलता और संवाद की महत्ता पर प्रकाश डालता है।

अर्थ: मुहावरे का अर्थ है कि अगर किसी के पास देने के लिए कुछ नहीं है, तो भी वह अपने शब्दों और व्यवहार से दूसरों को संतुष्टि और खुशी प्रदान कर सकता है।

प्रयोग: यह मुहावरा उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहां वास्तविक सहायता या संसाधन की कमी हो, लेकिन फिर भी शब्दों और सकारात्मक भावनाओं से सहयोग और सांत्वना दी जा सके।

उदाहरण:

-> जब विशाल ने अपने मित्र को वित्तीय सहायता नहीं दी, लेकिन उसे सांत्वना देते हुए कहा, “तुम चिंता मत करो, सब ठीक हो जाएगा,” यह “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” का एक उदाहरण है।

-> अनीता, जो अपने बीमार पड़ोसी के लिए दवाई नहीं खरीद सकी, लेकिन उसने उनका हौसला बढ़ाया और उनकी देखभाल की। यहाँ भी “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” की भावना स्पष्ट दिखती है।

निष्कर्ष: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हर परिस्थिति में सहायता करने के लिए वस्तुओं की आवश्यकता नहीं होती; कभी-कभी सकारात्मक शब्द और भावनाएं भी बहुत बड़ी मदद हो सकती हैं। यह हमें सिखाता है कि मानवीय संवेदनशीलता और समर्थन का महत्व किसी भी भौतिक सहायता से कहीं अधिक है।

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में सुधीर नामक एक किसान रहता था। सुधीर के पास खेती के लिए जमीन तो बहुत थी, परंतु उस वर्ष बारिश न होने के कारण वह अपनी फसल नहीं उगा पाया। इस वजह से सुधीर के पास अपने परिवार के लिए खाने के लिए पर्याप्त अनाज भी नहीं था।

गाँव के ही एक अन्य किसान, मुनीश, ने सुधीर की इस दुर्दशा के बारे में सुना। मुनीश के पास भी खुद के लिए बहुत अधिक अनाज नहीं था, लेकिन उसने सुधीर की मदद करने का निश्चय किया। मुनीश सुधीर के घर पहुंचा और बोला, “भाई, मैं जानता हूँ कि तुम्हारे पास इस साल अनाज नहीं है। मेरे पास भी ज्यादा नहीं है, लेकिन मैं तुम्हारे साथ जो भी है वह बांटने को तैयार हूँ।”

सुधीर ने उत्तर दिया, “मुनीश भाई, तुम्हारी इस भावना के लिए मैं तुम्हारा आभारी हूँ। तुम्हारे पास जो है, उसे अपने परिवार के लिए रखो। मैं किसी तरह से इस मुसीबत का सामना कर लूँगा।”

मुनीश ने सुधीर को आश्वस्त किया, “मैं भले ही तुम्हें गुड़ नहीं दे पा रहा हूँ, लेकिन गुड़ की-सी बात तो कर ही सकता हूँ। चलो, मैं तुम्हारे खेतों में काम करने में मदद करता हूँ, ताकि अगले साल तुम अच्छी फसल उगा सको।”

सुधीर इस प्रस्ताव से बहुत प्रभावित हुआ। मुनीश की सहायता से सुधीर ने अपने खेतों में मेहनत की, और अगले वर्ष उसकी फसल बहुत अच्छी हुई।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यानी यदि हम किसी की सहायता वस्तुओं से नहीं कर सकते, तो कम से कम हमें उन्हें अपने शब्दों और कर्मों से सांत्वना और सहयोग देना चाहिए। यह मानवीय संवेदनशीलता और सहयोग की महत्वपूर्ण भावना को दर्शाता है।

शायरी:

गुड़ न दे सके तो कुछ गुड़ की-सी बात करें,
इस जहां में ऐसे ही सच्चे जज़्बात भरें।

खाली हाथ आए तो क्या, दिल से तो साथ दें,
शब्दों की मिठास से ही सही, दिल को हाथ दें।

दुनिया से कह दो, कि मोहब्बत में ये रिवाज है,
गुड़ न सही, गुड़ की-सी बातों का भी तो अंदाज है।

जब तक सांसें चलें, निभाएं ये कर्ज अपना,
बांटें प्यार की मिठास, यही है जिंदगी का सपना।

कोई भी हो मुश्किल, हमें हर घड़ी लड़ना है,
‘गुड़ न दे सकें तो गुड़ की-सी बात करना है।

हर एक दिल में छुपी, इंसानियत की ये बात,
गुड़ न सही, गुड़ की-सी बातों से बने बात।

जीवन के इस सफर में, यही तो सीखना है,
गुड़ न दे सकें तो, गुड़ की-सी बात करना है।

 

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे – Gud na de to gud ki-si baat to kare Idiom:

Introduction: “If you can’t give jaggery, at least talk sweet” is a Hindi idiom that describes the situation when a person cannot provide something tangible, they can at least offer good words or positive dialogue. This idiom sheds light on the importance of human sensitivity and the art of conversation.

Meaning: The meaning of the idiom is that even if someone has nothing to give, they can still offer satisfaction and happiness through their words and behavior.

Usage: This idiom is used in situations where there is a lack of actual help or resources, but support and consolation can still be offered through words and positive emotions.

Example:

-> When Vishal couldn’t provide financial assistance to his friend but consoled him by saying, “Don’t worry, everything will be alright,” it is an example of “If you can’t give jaggery, at least talk sweet.”

-> Anita, who couldn’t buy medicine for her sick neighbor, but boosted their morale and took care of them. Here too, the spirit of “If you can’t give jaggery, at least talk sweet” is evident.

Conclusion: The idiom “If you can’t give jaggery, at least talk sweet” teaches us that in every situation, it’s not necessary to help with material things; sometimes, positive words and emotions can also be a great help. It teaches us the importance of human sensitivity and support is far greater than any material assistance.

Story of ‌‌Gud na de to gud ki-si baat to kare Idiom in English:

In a small village, there lived a farmer named Sudhir. Sudhir had plenty of land for farming, but due to the lack of rain that year, he couldn’t grow his crops. As a result, Sudhir didn’t have enough grain to feed his family.

Another farmer from the village, Raju, heard about Sudhir’s plight. Raju didn’t have much grain for himself either, but he decided to help Sudhir. Raju went to Sudhir’s house and said, “Brother, I know you don’t have grain this year. I don’t have much either, but I am ready to share whatever I have with you.”

Sudhir replied, “Raju brother, I am grateful for your sentiment. Keep what you have for your family. I will somehow face this trouble.”

Raju assured Sudhir, “Even though I can’t give you jaggery, I can at least talk sweet. Let me help you work in your fields so that you can grow a good crop next year.”

Sudhir was deeply moved by this offer. With Raju’s help, Sudhir worked hard in his fields, and the next year, he had a very good harvest.

This story teaches us that “If you can’t give jaggery, at least talk sweet,” meaning if we can’t help someone with material things, we should at least offer them consolation and support through our words and actions. This reflects the important values of human sensitivity and cooperation.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"गुरु और शिष्य की अद्भुत कहानी", "गुरु गुड़ से चेला शक्कर की यात्रा", "Budhimaan.com पर गुरु-शिष्य की प्रेरणादायक कहानी", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण और अर्थ"
Hindi Muhavare

गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)

परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह बताता है

Read More »
"गुड़ और मक्खियों का चित्रण", "सफलता के प्रतीक के रूप में गुड़", "Budhimaan.com पर मुहावरे का सार", "ईर्ष्या को दर्शाती तस्वीर"
Hindi Muhavare

गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी अर्थ, प्रयोग (Gud hoga to makkhiyan bhi aayengi)

परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह व्यक्त करता है कि जहाँ

Read More »
"गुरु से कपट मित्र से चोरी मुहावरे का चित्रण", "नैतिकता और चरित्र की शुद्धता की कहानी", "Budhimaan.com पर नैतिकता की महत्वता", "हिन्दी साहित्य में नैतिक शिक्षा"
Hindi Muhavare

गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Guru se kapat mitra se chori ya ho nirdhan ya ho kodhi)

परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की शुद्धता पर जोर देता है।

Read More »
"गुड़ खाय गुलगुले से परहेज मुहावरे का चित्रण", "हिन्दी विरोधाभासी व्यवहार इमेज", "Budhimaan.com पर मुहावरे की समझ", "जीवन से सीखने के लिए मुहावरे का उपयोग"
Hindi Muhavare

गुड़ खाय गुलगुले से परहेज अर्थ, प्रयोग (Gud khaye gulgule se parhej)

परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार की चीज़ का सेवन करता

Read More »
"खूब मिलाई जोड़ी इडियम का चित्रण", "हिन्दी मुहावरे एक अंधा एक कोढ़ी का अर्थ", "जीवन की शिक्षा देते मुहावरे", "Budhimaan.com पर प्रकाशित मुहावरे की व्याख्या"
Hindi Muhavare

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Khoob milai jodi, Ek andha ek kodhi)

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दो व्यक्ति

Read More »
"खुदा गंजे को नाखून न दे - मुहावरे का चित्रण", "जीवन में संसाधनों का उचित उपयोग दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर आवश्यकताओं की महत्वपूर्णता पर प्रकाश", "अनुचित आवंटन की विडंबना को उजागर करती तस्वीर", "समझदारी और व्यावहारिकता की सीख देता बुद्धिमानी छवि"
Uncategorized

खुदा गंजे को नाखून न दे अर्थ, प्रयोग (Khuda ganje ko nakhun na de)

परिचय: “खुदा गंजे को नाखून न दे” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जो व्यंग्यात्मक ढंग से उस स्थिति का वर्णन करता है जब किसी व्यक्ति

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।