भारतीय त्योहारों की सूची, भारतीय संस्कृति और परंपराओं में अनगिनत त्योहार मनाए जाते हैं। निम्नलिखित कुछ ऐसे ही त्योहार हैं:
- दीवाली हिन्दुओं का सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख त्योहार है।
- इसे ‘दीपोत्सव’ भी कहा जाता है, जिसमें लोग अपने घरों में दिये और मोमबत्तियाँ जलाते हैं।
- इस त्योहार के पीछे अनेक कथाएँ होती हैं, पर मुख्य रूप से इसे भगवान श्रीराम की अयोध्या वापसी के रूप में मनाया जाता है।
- दीवाली को हिन्दी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की अमावस्या को मनाया जाता है। यह आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर महीने में पड़ता है।
रक्षाबंधन (Raksha Bandhan):
- रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र और अद्वितीय रिश्ते को प्रकट करने वाला त्योहार है।
- इस दिन, बहन अपने भाई के कलाई पर राखी बांधती है और उससे सुरक्षा की प्रतिज्ञा लेती है।
- यह त्योहार प्रेम, संजीवनी और सुरक्षा की प्रतीक है।
- रक्षाबंधन को हिन्दी पंचांग के अनुसार श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। यह आमतौर पर जुलाई या अगस्त महीने में पड़ता है।
होली (Holi):
- होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है।
- इसे ‘रंगों का त्योहार’ भी कहा जाता है, क्योंकि लोग एक-दूसरे पर रंग फेंकते हैं।
- होलीका दहन की कथा और प्रेम की देवी राधा के साथ भगवान कृष्ण की लीलाओं से जुड़ा हुआ है।
- होली को हिन्दी पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा से पूर्व की प्रतिपदा को मनाया जाता है। यह आमतौर पर मार्च महीने में पड़ता है।
नवरात्री/दुर्गा पूजा (Navratri/Durga Puja):
- नवरात्री में माँ दुर्गा की उपासना की जाती है, और इसके नौ दिन माँ की नौ विभिन्न शक्तियों की पूजा की जाती है।
- बंगाल में इसे दुर्गा पूजा के रूप में मनाया जाता है।
- यह त्योहार अच्छाई पर बुराई की विजय को प्रतिष्ठापित करता है।
- नवरात्री और दुर्गा पूजा हिन्दी पंचांग के अनुसार आश्वयुज मास (आश्विन मास) में शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा से नवमी तक मनाए जाते हैं। यह आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर महीने में पड़ता है।
जन्माष्टमी (Janmashtami):
- जन्माष्टमी भगवान श्रीकृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है।
- लोग रात भर जागते हैं, भजन-कीर्तन करते हैं और मिध्नाई के समय श्रीकृष्ण की पूजा आयोजित करते हैं।
- बालकों के गोपाल स्वरूप में विशेष आयोजन और झूले का आयोजन होता है।
- जन्माष्टमी को हिन्दी पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर अगस्त या सितंबर महीने में पड़ता है।
दशहरा (Dussehra):
- दशहरा रावण की मौत को प्रतिष्ठापित करने वाला त्योहार है।
- इसे अच्छाई पर बुराई की विजय के रूप में मनाया जाता है।
- लोग रावण, मेघनाद और कुंभकरण की पुतलाएं जलाते हैं।
- दशहरा को हिन्दी पंचांग के अनुसार आश्वयुज मास (आश्विन मास) की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर महीने में पड़ता है।
पोंगल (Pongal):
- पोंगल तमिलनाडु राज्य का मुख्य त्योहार है जो मकर संक्रांति के दिन मनाया जाता है।
- यह त्योहार फसल की कटाई की खुशी में मनाया जाता है।
- लोग इस अवसर पर पोंगल नामक खास व्यंजन पकाते हैं।
- पोंगल को तमिल पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति के समय मनाया जाता है। यह आमतौर पर 14 या 15 जनवरी को पड़ता है।
गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi):
- गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है।
- लोग इस दिन गणेशजी की मूर्तियों की स्थापना करते हैं और विशेष पूजा-आराधना करते हैं।
- त्योहार के अंत में मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है।
- गणेश चतुर्थी को हिन्दी पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर अगस्त या सितंबर महीने में पड़ता है।
ओणम (Onam):
- ओणम केरल का प्रमुख त्योहार है जिसे हार्वेस्ट सीजन में मनाया जाता है।
- इस त्योहार के दौरान ‘वल्लमकलि’ नामक नौका दौड़ होती है।
- यह त्योहार महाबली के राज्य की याद में मनाया जाता है।
- ओणम केरल का प्रमुख पारंपारिक पर्व है और इसे मलयालम पंचांग के अनुसार चिंगम मास में थिरुवोणम नक्षत्र के दिन मनाया जाता है। यह आमतौर पर अगस्त या सितंबर महीने में पड़ता है।
मकर संक्रांति (Makar Sankranti):
- मकर संक्रांति सूर्य का मकर राशि में प्रवेश करने के दिन मनाई जाती है।
- यह त्योहार खासकर उत्तर भारत में पतंग उड़ाने के रूप में मनाया जाता है।
- लोग तिल और गुड़ के लड्डू भी बनाते हैं।
- मकर संक्रांति को हिन्दी पंचांग के अनुसार मकर राशि में सूर्य के प्रवेश के समय मनाया जाता है। यह आमतौर पर 14 या 15 जनवरी को पड़ता है।
बैसाखी (Baisakhi):
- बैसाखी पंजाब में फसल की कटाई का त्योहार है, और इसे सिख समुदाय में खासा महत्व दिया जाता है।
- इसे खासकर वैसाख मास की दूसरी तिथि पर मनाया जाता है।
- बैसाखी सिख धर्म में ‘खालसा’ की स्थापना के रूप में भी मनाई जाती है।
- बैसाखी को हिन्दी पंचांग के अनुसार वैशाख मास की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर 13 या 14 अप्रैल को पड़ता है।
करवा चौथ (Karva Chauth):
- करवा चौथ पति की लंबी आयु की कामना करने वाला व्रत है, जिसे पत्नियां अपने पतियों के लिए रखती हैं।
- व्रती इस दिन सूर्योदय से पूनम की रात तक कोई भी खान-पान नहीं करती हैं।
- चाँद के दिखने पर पतियों द्वारा पानी पिलाकर व्रत तोड़ा जाता है।
- करवा चौथ को हिन्दी पंचांग के अनुसार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर अक्टूबर महीने में पड़ता है।
महा शिवरात्रि (Maha Shivaratri):
- महा शिवरात्रि भगवान शिव की पूजा के लिए मनाया जाता है।
- भक्त इस दिन व्रत रखते हैं और रात भर जागते रहते हैं।
- शिवलिंग की पूजा दूध, योगर्ट और बील पत्र से की जाती है।
- महा शिवरात्रि को हिन्दी पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर फरवरी या मार्च महीने में पड़ता है।
ईद-उल-फितर (Eid-ul-Fitr):
- यह त्योहार रमजान महीने के रोजा व्रत के समाप्त होने पर मनाया जाता है।
- मुस्लिम समुदाय इस दिन नमाज पढ़ता है और मिठाईयां बाँटता है।
- यह पर्व प्यार, भाईचारा और दान-धर्म का प्रतीक है।
- ईद-उल-फितर को इस्लामी पंचांग के अनुसार रमजान के महीने के रोजा रखने वाले 30 दिनों के बाद मनाया जाता है। यह शव्वाल मास की पहली तारीख को पड़ता है।
ईद-उल-अजहा (Eid-ul-Adha):
- यह त्योहार इब्राहीम के परीक्षण की याद में मनाया जाता है।
- मुस्लिम समुदाय इस दिन कुर्बानी के अनुष्ठान को करता है।
- यह पर्व त्याग, समर्पण और आस्था का प्रतीक है।
- ईद-उल-अजहा को इस्लामी पंचांग के अनुसार ज़िल-हिज्जा मास की 10वीं तारीख को मनाया जाता है।
मुहर्रम (Muharram):
- मुहर्रम शिया मुस्लिम समुदाय के लिए एक महत्वपूर्ण त्योहार है।
- इसे हुसैन इब्न अली की शहादत की याद में मनाया जाता है।
- लोग जुलूस निकालते हैं और मातम करते हैं।
- मुहर्रम को इस्लामी पंचांग के अनुसार मुहर्रम मास के पहले दिन से शुरू होकर दस दिन तक मनाया जाता है। खासकर इस मास का दसवां दिन, जिसे आशूरा के रूप में जाना जाता है, इसे खास महत्व दिया जाता है।
बुद्ध पूर्णिमा (Buddha Purnima):
- यह त्योहार भगवान बुद्ध के जन्म, महानिर्वाण और महापरिनिर्वाण की याद में मनाया जाता है।
- बौद्ध भिक्षु इस दिन विशेष पूजा-अर्चना करते हैं।
- यह पर्व शांति, करुणा और आत्म-अन्वेषण का प्रतीक है।
- बुद्ध पूर्णिमा को हिन्दी पंचांग के अनुसार वैशाख मास की पूर्णिमा की तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर अप्रैल या मैय के महीने में पड़ता है।
गुरु पूर्णिमा (Guru Purnima):
- गुरु पूर्णिमा पर गुरुओं की महत्वपूर्ण भूमिका की सम्मानजनक पहचान की जाती है।
- शिष्य इस दिन अपने गुरु को धन्यवाद देते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
- यह पर्व ज्ञान, प्रकाश और मार्गदर्शन का प्रतीक है।
- गुरु पूर्णिमा को हिन्दी पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास की पूर्णिमा की तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर जुलाई या अगस्त के महीने में पड़ता है।
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti):
- हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है।
- इस दिन मंदिरों में विशेष पूजन और आराधना होती है।
- भक्त अपने घरों में हनुमान चालीसा पढ़ते हैं और प्रसाद वितरित करते हैं।
- हनुमान जयंती को हिन्दी पंचांग के अनुसार चैत्र मास की पूर्णिमा की तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर मार्च या अप्रैल महीने में पड़ता है।
अक्षय तृतीया (Akshaya Tritiya):
- अक्षय तृतीया को भाग्यशाली माना जाता है और इसे सोने की खरीददारी का शुभ दिन माना जाता है।
- इस दिन विवाह, गृह प्रवेश और अन्य शुभ कार्यों की शुरुआत की जाती है।
- भारतीय संस्कृति में इसे अमरता और अच्छलता का प्रतीक माना जाता है।
- अक्षय तृतीया को हिन्दी पंचांग के अनुसार वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। यह आमतौर पर अप्रैल या मैय के महीने में पड़ता है।
विषु (Vishu):
- विषु केरल का नववर्ष का पर्व है।
- इस दिन लोग ‘विषु कनी’ को देखते हैं, जिसमें फल, धन, वस्त्र और पूजा सामग्री रखी जाती है।
- यह पर्व आशा, खुशियों और नई शुरुआत का प्रतीक है।
- विषु केरल और कुछ दक्षिणी भारतीय प्रदेशों में मलयाळी नववर्ष के रूप में मनाया जाता है। यह मलयाळी पंचांग के अनुसार मेध मास की प्रतिपदा तिथि को मनाया जाता है। आमतौर पर यह 14 या 15 अप्रैल को पड़ता है।
लोहड़ी (Lohri):
- लोहड़ी पंजाब में मनाए जाने वाले सर्दियों का पर्व है।
- लोग इस दिन बाहर आग जलाते हैं, गाने गाते हैं और नाचते हैं।
- मूँगफली, गजक, रेवड़ी जैसी मिठाईयां इस त्योहार का हिस्सा होती हैं।
- लोहड़ी पंजाबी समुदाय के लोगों द्वारा मुख्य रूप से मनाया जाने वाला पर्व है। यह हिन्दी पंचांग के अनुसार पौष मास की अंतिम तिथि पर मनाया जाता है। आमतौर पर यह 13 जनवरी को पड़ता है।
पटेती (Parsi New Year):
- पटेती पारसी समुदाय का नववर्ष है।
- पारसी लोग इस दिन अगियारी जाते हैं और प्रार्थना करते हैं।
- इस दिन खास तौर पर मीठा और अच्छा खाना पकाया जाता है।
- पटेती, जिसे पारसी नववर्ष भी कहा जाता है, पारसी समुदाय में मनाया जाने वाला महत्वपूर्ण पर्व है। यह पारसी पंचांग के अनुसार फरवरदीन मास की पहली तिथि पर मनाया जाता है। आमतौर पर यह अगस्त माह के मध्य में पड़ता है।
भारत अपार सांस्कृतिक धरोहर और विविधता से भरा हुआ है, और यह सिर्फ कुछ ही त्योहार हैं जो यहाँ पर दिए गए हैं। भारत में हर राज्य, समुदाय और जाती में अपने-अपने खास त्योहार हैं जिन्हें वहाँ के लोग बड़े धूमधाम से मनाते हैं।