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उल्टा चोर कोतवाल को डांटे मुहावरा, अर्थ, प्रयोग(Ulta chor kotwal ko dante)

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अर्थ: ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांटे’ इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति खुद कुछ गलत करता है और फिर दूसरों को उसके लिए दोषी ठहराता है या उन्हें डांटता है।

प्रयोग: जब किसी व्यक्ति ने खुद कुछ गलत किया हो और फिर बिना अपनी गलती माने दूसरों को डांटे, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।

उदाहरण: राज ने स्कूल में अपनी किताब खो दी और फिर अनिल को डांटने लगा कि उसने उसकी किताब चुराई। अनिल ने हंसते हुए कहा, “अरे, तुम तो ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांट रहे हो’।”

विशेष टिप्पणी: यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हमें अपनी गलतियों को स्वीकार करना चाहिए और बिना सोचे-समझे दूसरों पर आरोप नहीं लगाना चाहिए। अपनी गलतियों को स्वीकार करने से ही हम उन्हें सुधार सकते हैं।

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे मुहावरा पर कहानी:

गाँव में एक बड़ा मेला लगा हुआ था। लोग वहाँ अपनी अपनी दुकानें लगाए थे और विभिन्न प्रकार की चीजें बेच रहे थे। मोहन भी अपनी दुकान पर फल बेच रहा था।

दोपहर के समय, जब मोहन अपनी दुकान से थोड़ी दूर गया था, उसके दोस्त रमेश ने उसके एक सेब को चुराया। जब मोहन वापस आया, उसने देखा कि उसका एक सेब गायब है। वह तुरंत अपने पड़ोसी दुकानदार सुरेश को डांटने लगा, बिना जाँचे कि असली चोर कौन है।

रमेश वहाँ खड़ा होकर सब कुछ देख रहा था और उसे बहुत मजा आ रहा था। सुरेश ने कहा, “मैंने कुछ नहीं किया, तुम बिना सोचे-समझे मुझे ही क्यों डांट रहे हो?”

तभी एक बुजुर्ग व्यक्ति ने कहा, “मोहन, तुम ‘उल्टा चोर कोतवाल को डांट रहे हो’। पहले तुम्हें यह समझना चाहिए कि असली चोर कौन है।”

बाद में, जब मोहन को पता चला कि असली चोर रमेश था, तो उसने अपनी गलती मानी और सुरेश से माफी मांगी।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें बिना सोचे-समझे किसी पर आरोप नहीं लगाना चाहिए।

शायरी:

उल्टा चोर कोतवाल को डांटे, ऐसा देखा अक्सर मैंने।

जिसने की चोरी वह हंसे, दूसरे पर आरोप वह टांगे।

असली गुनाहगार छुपे रहे, मासूम की बदनामी बढ़े।

जीवन में सच को पहचानो, फिर न होगी किसी भी ग़लती।

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of उल्टा चोर कोतवाल को डांटे – Ulta chor kotwal ko dante Idioms:

Meaning: The proverb ‘Ulta chor kotwal ko dante’ means that when someone does something wrong and then blames or scolds others for it.

Usage: This proverb is used when someone commits a mistake and, instead of admitting their fault, blames or scolds others.

Example: Raj lost his book in school and started blaming Anil, accusing him of stealing it. Anil laughed and said, “You are acting like ‘Ulta chor kotwal ko dante’.”

Special Note: This proverb teaches us that we should accept our mistakes and not hastily blame others without thinking. Only by acknowledging our mistakes can we correct them.

Story of Ulta chor kotwal ko dante idiom in English:

There was a big fair in the village. People had set up their stalls and were selling various items. Mohan was also selling fruits at his stall.

During the afternoon, when Mohan had stepped away from his stall for a bit, his friend Ramesh stole one of his apples. When Mohan returned, he noticed one apple was missing. Without investigating, he immediately started scolding his neighboring shopkeeper, Suresh, assuming he was the thief.

Ramesh was standing nearby, watching the whole scene and enjoying it. Suresh said, “I haven’t done anything. Why are you blaming me without thinking?”

An elderly man then remarked, “Mohan, you are acting like ‘the thief scolding the policeman’. First, you should understand who the real thief is.”

Later, when Mohan found out that the real thief was Ramesh, he admitted his mistake and apologized to Suresh.

This story teaches us that we shouldn’t hastily blame others without proper investigation.

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

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