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माथे पर बल पड़ना, अर्थ, प्रयोग(Maathe par bal padna)

हिंदी भाषा में कई मुहावरे प्रयोग किए जाते हैं, जिनसे वाक्यों की भावना को और अधिक प्रकट किया जा सकता है। “माथे पर बल पड़ना” भी उन्हीं मुहावरों में से एक है। आइए, इस मुहावरे का अर्थ, प्रयोग और उसके पीछे की भावना को समझते हैं।

अर्थ: “माथे पर बल पड़ना” मुहावरे का अर्थ होता है किसी के मुख पर असंतोष या क्रोध के भाव प्रकट होना। जब कोई व्यक्ति नाराज़ या असहमत होता है, तो उसके मुख पर वह अभिव्यक्ति आ जाती है जिसे हम “माथे पर बल पड़ना” कहते हैं।

उदाहरण:

-> जब अनुज ने सुना कि उसका प्रस्ताव अस्वीकृत हो गया है, तो उसके माथे पर बल पड़ गया।

-> पूजा के माथे पर बल पड़ गया जब उसने सुना कि उसकी सहेली ने उसके पीठ पीछे चुगली की है।

विस्तार: क्रोध और असंतोष की भावना जब व्यक्ति के अंदर होती है, तो यह उसके चेहरे पर स्पष्ट रूप से दिखाई पड़ती है। “माथे पर बल पड़ना” इसी अवस्था को दर्शाने वाला मुहावरा है। माथा एक ऐसा हिस्सा है जहाँ पर भावनाओं की तेजी से परिवर्तन होने वाली स्थिति को आसानी से पढ़ा जा सकता है।

निष्कर्ष: “माथे पर बल पड़ना” मुहावरा हमें यह दिखाता है कि जीवन में हमारी भावनाएँ और सोच अक्सर हमारे चेहरे पर प्रकट होती हैं। इसलिए, हमें सदैव अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखना चाहिए, ताकि हमारे भाव और विचार सही तरीके से प्रकट हों।

Hindi Muhavare Quiz

माथे पर बल पड़ना मुहावरा पर कहानी:

रामपुर गाँव में अमन नाम का लड़का रहता था। वह हमेशा खुश रहता था और गाँववालों के साथ अच्छे संबंध रखता था। परंतु, एक दिन कुछ ऐसा हुआ कि अमन के माथे पर बल पड़ गया।

वह दिन अमन के लिए सामान्य दिन नहीं था। उसका मनपसंद खिलौना, जो वह बड़े प्यार से संजो कर रखता था, उसके सखा मोहन ने तोड़ दिया। मोहन ने गलती से खिलौना तोड़ दिया था, पर अमन को लगा कि मोहन ने जानबूझकर ऐसा किया। जब अमन ने अपने टूटे हुए खिलौने को देखा, तो उसके माथे पर साफ दिखाई देने वाली चिंता और क्रोध की रेखाएँ प्रकट हो गईं।

उसकी माँ ने उसके मुँह की ओर देखते ही समझ गई कि अमन में कुछ गड़बड़ है। वह उसके पास गई और पूछा, “क्या हुआ अमन? तेरे माथे पर बल क्यों पड़ गया है?”

अमन ने उसे सबकुछ समझाया। माँ ने उसे समझाया कि गलतीयाँ सभी से होती हैं और वह मोहन के पास जा कर अपनी भावनाओं को साझा करना चाहिए।

अमन ने माँ की बातों को समझा और मोहन के पास गया। दोनों ने अपनी भूलों को स्वीकार किया और फिर से दोस्त बन गए।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि “माथे पर बल पड़ना” यानी किसी के चेहरे पर उसकी भावनाओं का प्रकट होना। और जब भी हमें लगे कि हमारे माथे पर बल पड़ रहा है, हमें उस समस्या का समाधान ढूँढना चाहिए जैसे अमन ने ढूँढा।

शायरी:

माथे पर जब बल पड़े, समय की रफ्तार समझ आयी।

जीवन की राह में, जब हर दर्द की खबर आयी।

चुप रहकर भी चेहरा, बयां कर देता है अहसास।

हर छुपी बात की गहराई में, बसता है वक्त का पास।

दिल में जो बेचैनियाँ हैं, उन्हें अल्फाज़ में कैसे ढूँढूँ।

माथे के बल से ही, जीवन की हर सच्चाई झूलती है दूँढूँ।

 

माथे पर बल पड़ना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of माथे पर बल पड़ना – Maathe par bal padna Idiom:

In the Hindi language, several idioms are used, which can further enhance the expression of sentences. “Maathe par bal padna” is one of those idioms. Let’s understand the meaning, usage, and emotion behind this idiom.

Introduction: The idiom “Maathe par bal padna” translates to “a force on the forehead” but implies signs of discontent or anger appearing on someone’s face. When someone is upset or disagrees, this expression becomes evident on their face, referred to as “Maathe par bal padna.”

Usage:

-> When Anuj heard that his proposal was rejected, there was a clear sign of anger on his face (literally: a force appeared on his forehead). 

-> Pooja’s face showed anger (literally: a force appeared on her forehead) when she heard her friend had gossiped about her behind her back.

Detail: When feelings of anger and dissatisfaction arise within an individual, it clearly manifests on their face. The idiom “Maathe par bal padna” portrays this situation. The forehead is such a part where the rapid change of emotions can be easily read.

Conclusion: The idiom “Maathe par bal padna” illustrates that in life, our feelings and thoughts often reflect on our faces. Therefore, we should always have control over our emotions so that our feelings and thoughts are expressed in the right way.

Story of ‌‌Maathe par bal padna Idiom in English:

In the village of Rampur, there lived a boy named Aman. He was always happy and maintained good relations with the villagers. However, one day something happened that made Aman visibly upset.

That day was no ordinary day for Aman. His favourite toy, which he had treasured dearly, was broken by his friend Mohan. Mohan had broken the toy accidentally, but Aman believed Mohan did it deliberately. When Aman saw his broken toy, clear lines of worry and anger appeared on his forehead.

His mother, just by looking at his face, understood that something was amiss. She approached him and asked, “What happened, Aman? Why do you look so troubled?”

Aman explained everything to her. His mother advised him that everyone makes mistakes and he should go and share his feelings with Mohan.

Taking his mother’s words to heart, Aman approached Mohan. Both acknowledged their mistakes and became friends once again.

This story teaches us that “माथे पर बल पड़ना” means emotions becoming evident on someone’s face. And whenever we feel troubled, we should seek a solution to the problem, just as Aman did.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

“माथे पर बल पड़ना” मुहावरे का इतिहास क्या है?

इस मुहावरे का विशेष इतिहास ज्ञात नहीं है, परंतु यह लंबे समय से हिन्दी भाषा में प्रचलित है और व्यक्ति की चिंता या तनाव को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता रहा है।

क्या “माथे पर बल पड़ना” मुहावरे का कोई समानार्थी है?

“चिंता में डूब जाना” या “परेशान होना” इस मुहावरे के समानार्थी हो सकते हैं, जो व्यक्ति की चिंतित स्थिति को दर्शाते हैं।

क्या “माथे पर बल पड़ना” मुहावरे का कोई विलोम (विपरीत अर्थ) है?

“चेहरे पर खुशी छा जाना” या “मन हल्का हो जाना” इस मुहावरे के विलोम माने जा सकते हैं, जो चिंता या तनाव से मुक्ति पाने की स्थिति को व्यक्त करते हैं।

क्या “माथे पर बल पड़ना” मुहावरे का प्रयोग शारीरिक अभिव्यक्ति के संदर्भ में भी होता है?

हां, यह मुहावरा शारीरिक अभिव्यक्ति जैसे कि चिंता या तनाव के कारण माथे पर पड़ने वाले बल (झुर्रियों) को भी दर्शाता है।

क्या “माथे पर बल पड़ना” मुहावरे का कोई सामाजिक प्रभाव है?

यह मुहावरा सामाजिक रूप से यह दर्शाता है कि चिंता और तनाव सामान्य मानवीय भावनाएँ हैं। इसका प्रयोग लोगों को यह समझाने में मदद करता है कि वे अपनी चिंताओं को साझा करके उन्हें कम कर सकते हैं।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह मुहावरा मानव शरीर के अंगों पर आधारित मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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