Budhimaan

Home » Hindi Muhavare » जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है अर्थ, प्रयोग(Jab Geedar ki maut aati hai to wo shehar ki or bhagta hai)

जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है अर्थ, प्रयोग(Jab Geedar ki maut aati hai to wo shehar ki or bhagta hai)

परिचय: “जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जो व्यक्ति के आत्म-विनाशकारी व्यवहार को दर्शाता है। इसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां कोई व्यक्ति अपनी आने वाली आपदा या संकट को स्वयं ही आमंत्रित करता है।

अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति आपदा के समय ऐसे निर्णय लेता है जो उसके लिए और अधिक हानिकारक साबित होते हैं। यह अक्सर तब होता है जब किसी व्यक्ति को अपने कार्यों के परिणामों का सही अनुमान नहीं होता।

प्रयोग:

-> जब कोई व्यक्ति आपात स्थिति में गलत निर्णय लेता है।

-> जब कोई अपनी मुसीबतों को और बढ़ा लेता है।

उदाहरण:

-> जब विनीत ने अपनी नौकरी खोने के बाद अधिक कर्ज ले लिया, तो यह कहा जा सकता है कि ‘जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है’।

-> जब सुमन ने अपनी समस्याओं का हल निकालने के बजाय उनसे भागने का फैसला किया, तो वह ‘जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है’ का उदाहरण बन गई।

निष्कर्ष: ‘जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है’ मुहावरा हमें यह सिखाता है कि आपदा के समय अविवेकपूर्ण निर्णय हमारे लिए और अधिक नुकसानदेह हो सकते हैं। इस मुहावरे के माध्यम से हमें संयमित रहने और सोच-समझकर निर्णय लेने की प्रेरणा मिलती है।

Hindi Muhavare Quiz

जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गांव में अभय नाम का एक युवक रहता था। अभय बहुत ही मेहनती और ईमानदार था, लेकिन उसे हमेशा जल्दी में निर्णय लेने की आदत थी। वह कभी भी सोच-समझकर फैसले नहीं लेता था।

एक बार अभय के पास अपनी फसल बेचने का अच्छा मौका आया। बाजार में फसल की कीमत अच्छी थी, लेकिन अभय ने सुना कि आने वाले हफ्तों में कीमतें और भी बढ़ेंगी। बिना ज्यादा सोचे-समझे, अभय ने तय किया कि वह कुछ हफ्ते और इंतजार करेगा।

लेकिन, अचानक बाजार में मंदी आ गई और फसल की कीमतें गिर गईं। अभय को बहुत ही कम कीमत पर अपनी फसल बेचनी पड़ी। उसकी यह जल्दबाजी और अविवेकपूर्ण निर्णय उसके लिए बहुत महंगा पड़ा।

गांववाले इसे देखकर कहते, “देखो, अभय की लुटिया डूब गई। जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है।” उनका कहना था कि अभय ने अपनी ही आपदा को आमंत्रित किया था।

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि जीवन में जल्दबाजी और अविवेकपूर्ण निर्णय अक्सर हमें बड़ी मुसीबत में डाल सकते हैं। हमें सोच-समझकर और संयमित रहकर निर्णय लेने चाहिए।

शायरी:

गीदड़ की मौत जब आने लगे शहर की ओर,

अक्सर खो देता है वो जंगल की अपनी बहार।

जिंदगी के फैसले में जल्दबाजी का खेल,

अक्सर ले आता है बर्बादी का वो मेल।

सोच-समझ कर चलना, हर कदम पर ध्यान से,

वरना खो देगा तू, अपनी जिंदगानी के सुकून के पल।

हर एक ख्वाहिश की होती है अपनी कीमत,

गीदड़ की तरह ना भाग तू, अपनी ही मौत की ओर।

जिंदगी के सफर में, हर फैसला हो संभल कर,

गीदड़ की चाल में ना फंसना, तेरी लुटिया ना डूबे इस दरिया में।

 

जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है – Jab Geedar ki maut aati hai to wo shehar ki or bhagta hai Idiom:

Introduction: The Hindi proverb “जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है” (Jab Geedar ki maut aati hai to wo shehar ki or bhagta hai) is a popular saying that illustrates self-destructive behavior in people. It is often used in situations where someone is inviting disaster or trouble upon themselves.

Meaning: The idiom means that during times of crisis, a person might make decisions that are more harmful to them. This often happens when a person fails to accurately anticipate the consequences of their actions.

Usage:

-> When someone makes a wrong decision in an emergency situation.

-> When someone exacerbates their own troubles.

Usage:

-> When Vineet took on more debt after losing his job, it could be said that ‘When a jackal is about to die, it runs towards the city’.

-> When Suman decided to run away from her problems instead of solving them, she became an example of ‘Geedar ki maut aati hai to wo shehar ki or bhagta hai’.

Conclusion: The proverb ‘Geedar ki maut aati hai to wo shehar ki or bhagta hai’ teaches us that imprudent decisions during a crisis can be more damaging. This saying inspires us to remain calm and make thoughtful decisions.

Story of ‌‌Geedar ki maut aati hai to wo shehar ki or bhagta hai Idiom in English:

In a small village, there lived a young man named Abhay. Abhay was very hardworking and honest, but he always had a habit of making decisions in haste. He never took the time to think things through before deciding.

Once, Abhay had a great opportunity to sell his crops. The market prices were good, but he heard that the prices would increase further in the coming weeks. Without much thought, Abhay decided to wait a few more weeks.

However, the market suddenly slumped, and the crop prices fell. Abhay had to sell his crops at a very low price. His haste and imprudent decision proved to be very costly for him.

The villagers, witnessing this, would say, “Look, Abhay’s boat has sunk. When a jackal is about to die, it runs towards the city.” They meant that Abhay had invited his own disaster.

This story teaches us that in life, haste and imprudent decisions can often lead us into great trouble. We should make decisions thoughtfully and with patience.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs;

क्या इस मुहावरे का कोई वास्तविक उदाहरण है?

हाँ, जब कोई व्यक्ति किसी शहर से अपनी समस्याओं को छोड़कर दूसरी जगह की तलाश में निकलता है, तो वह इस मुहावरे का उदाहरण हो सकता है।

इस मुहावरे का उपयोग किस सीतुएशन में हो सकता है?

यह मुहावरा कठिनाईयों से बचने की कोशिश को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त हो सकता है, जैसे कि बिजनेस में संकट के समय।

मुहावरा “जब गीदड़ की मौत आती है तो वो शहर की ओर भागता है” का अर्थ क्या है?

इस मुहावरे का मतलब है कि किसी को बड़ी मुश्किलें आने वाली हैं तो वह उस स्थान से दूर भागने की कोशिश करता है।

क्या इस मुहावरे का कोई सामाजिक संदेश है?

हाँ, इस मुहावरे के माध्यम से सिखाया जा सकता है कि किसी भी स्थिति से भागने का समाधान सही नहीं होता, बल्कि समस्याओं का सामना करना ही बेहतर है।

क्या यह मुहावरा किसी व्यक्ति के सोच या व्यवहार को व्यक्त करने के लिए उपयोगी है?

हाँ, इस मुहावरे का उपयोग किसी के भाग्यशाली या अभाग्यशाली स्थिति को स्पष्ट करने के लिए किया जा सकता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"गुरु और शिष्य की अद्भुत कहानी", "गुरु गुड़ से चेला शक्कर की यात्रा", "Budhimaan.com पर गुरु-शिष्य की प्रेरणादायक कहानी", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण और अर्थ"
Hindi Muhavare

गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)

परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह बताता है

Read More »
"गुड़ और मक्खियों का चित्रण", "सफलता के प्रतीक के रूप में गुड़", "Budhimaan.com पर मुहावरे का सार", "ईर्ष्या को दर्शाती तस्वीर"
Hindi Muhavare

गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी अर्थ, प्रयोग (Gud hoga to makkhiyan bhi aayengi)

परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह व्यक्त करता है कि जहाँ

Read More »
"गुरु से कपट मित्र से चोरी मुहावरे का चित्रण", "नैतिकता और चरित्र की शुद्धता की कहानी", "Budhimaan.com पर नैतिकता की महत्वता", "हिन्दी साहित्य में नैतिक शिक्षा"
Hindi Muhavare

गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Guru se kapat mitra se chori ya ho nirdhan ya ho kodhi)

परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की शुद्धता पर जोर देता है।

Read More »
"गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे मुहावरे का चित्रण", "मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर सहयोग की भावना", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण"
Hindi Muhavare

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति यदि किसी चीज़

Read More »
"गुड़ खाय गुलगुले से परहेज मुहावरे का चित्रण", "हिन्दी विरोधाभासी व्यवहार इमेज", "Budhimaan.com पर मुहावरे की समझ", "जीवन से सीखने के लिए मुहावरे का उपयोग"
Hindi Muhavare

गुड़ खाय गुलगुले से परहेज अर्थ, प्रयोग (Gud khaye gulgule se parhej)

परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार की चीज़ का सेवन करता

Read More »
"खूब मिलाई जोड़ी इडियम का चित्रण", "हिन्दी मुहावरे एक अंधा एक कोढ़ी का अर्थ", "जीवन की शिक्षा देते मुहावरे", "Budhimaan.com पर प्रकाशित मुहावरे की व्याख्या"
Hindi Muhavare

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Khoob milai jodi, Ek andha ek kodhi)

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दो व्यक्ति

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।