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नौ दिन चले अढ़ाई कोस मुहावरा, अर्थ, प्रयोग(Nau Din Chale Adhai Kos)

व्यक्ति नौ दिन तेजी से चलते हुए अढ़ाई कोस का प्रतीकित मार्ग Budhimaan.com हिंदी मुहावरे लोगो अस्थायिता को दर्शाता चित्र

अर्थ: ‘नौ दिन चले अढ़ाई कोस’ इस मुहावरे का अर्थ है कि बहुत समय लगने के बावजूद बहुत ही कम प्रगति होना। यह मुहावरा उस समय प्रयोग होता है जब किसी कार्य में अधिक समय लगता है, लेकिन उसका परिणाम बहुत ही अल्प होता है।

प्रयोग: जब किसी कार्य में अधिक समय लगे और उसका परिणाम बहुत ही कम हो, तो इस मुहावरे का प्रयोग किया जा सकता है।

उदाहरण: राम ने अपने परियोजना पर तीन महीने काम किया, लेकिन अंत में उसने सिर्फ दो अध्याय ही पूरे किए। इस पर श्याम ने कहा, “तुम तो ‘नौ दिन चले, अढ़ाई कोस’ वाली स्थिति में हो।”

विशेष टिप्पणी: यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि कार्य में समय और प्रयास लगाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है कि वह कार्य कितनी प्रगति दिखा रहा है। अधिक समय और प्रयास लगाने के बावजूद अगर परिणाम नहीं मिलता, तो हमें अपनी रणनीति पर विचार करना चाहिए।

नौ दिन चले अढ़ाई कोस मुहावरा पर कहानी:

एक गाँव में किसान रामु रहता था। वह अपनी दो बैलों के साथ खेती करता था। एक दिन उसे सुनाई गई कि गाँव के दूसरी ओर एक जगह जल से भरी हुई जमीन है, जहाँ फसल तेजी से उगती है। रामु ने सोचा कि वह वहाँ अपनी फसल उगाएगा और अधिक उपज पाएगा।

रामु ने अपनी बैलों को जोड़कर वहाँ जाने का निर्णय लिया। लेकिन जब वह वहाँ पहुंचा, तो उसने देखा कि जल से भरी हुई जमीन तो थी, लेकिन वह इतनी गीली थी कि उसमें खेती कर पाना नामुमकिन था। फिर भी रामु ने सोचा कि वह कुछ दिन वहाँ रुककर जमीन को सूखने का इंतजार करेगा।

दिन बीतते गए, लेकिन जमीन में कोई सुधार नहीं हुआ। रामु ने बहुत समय और प्रयास लगाया, लेकिन अंत में उसे वापस अपने गाँव जाना पड़ा बिना किसी परिणाम के।

जब वह अपने गाँव वापस पहुंचा, तो गाँववाले उससे पूछने लगे कि उसकी फसल कैसी उगी। रामु ने सिर झुकाते हुए कहा, “मैंने समझा था कि वहाँ जल से भरी हुई जमीन में मेरी फसल अच्छी उगेगी, लेकिन अंत में वह सिर्फ ‘नौ दिन चले, अढ़ाई कोस’ जैसा ही निकला।” इससे गाँववालों को समझ में आ गया कि रामु ने बहुत समय और प्रयास लगाया, लेकिन उसका कोई परिणाम नहीं निकला।

शायरी:

नौ दिन चले, अढ़ाई कोस तक,

जीवन में आए बार-बार रुक।

प्रयासों की राह में बाधा बहुत,

फिर भी आशा का दीपक जले अनुरूत।

हर कदम पर जीवन संघर्ष दिखाए,

‘नौ दिन चले, अढ़ाई कोस’ समझ आए।

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of नौ दिन चले अढ़ाई कोस – Nau Din Chale Adhai Kos Proverb:

Meaning: The proverb ‘Nau Din Chale Adhai Kos’ implies that despite spending a lot of time on something, very little progress is made. This saying is used when a task takes a long time but yields minimal results.

Usage: This proverb can be used when a task consumes a lot of time but produces very little outcome.

Example: Ram worked on his project for three months, but in the end, he only completed two chapters. On seeing this, Shyam commented, “Your situation is like ‘Nau Din Chale Adhai Kos’.”

Special Note: This proverb teaches us that in any task, more than the time and effort invested, what’s crucial is the progress it shows. If despite investing a lot of time and effort, the desired results aren’t achieved, one should reconsider their strategy.

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

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