Budhimaan

Home » Hindi Muhavare » पहले अपने, पीछे पराए अर्थ, प्रयोग (Pahle apne, Peeche paraye)

पहले अपने, पीछे पराए अर्थ, प्रयोग (Pahle apne, Peeche paraye)

पहले अपने, पीछे पराए – यह एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो सामाजिक और नैतिक मूल्यों पर आधारित है। आइए इस मुहावरे की गहराई में उतरें और इसके अर्थ, प्रयोग, और उदाहरणों के माध्यम से समझें।

परिचय: “पहले अपने, पीछे पराए” यह मुहावरा स्वजनों और परायों के बीच के भेद को दर्शाता है। यह मुहावरा बताता है कि जीवन में पहले अपने परिवार और करीबी लोगों का महत्व होता है, उसके बाद ही बाहरी व्यक्तियों या पराए लोगों का स्थान आता है।

अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि सबसे पहले अपने परिवार और निकट संबंधियों की देखभाल करनी चाहिए, फिर बाकी लोगों की। यह अपने परिवार और स्वजनों के प्रति प्राथमिकता और लगाव को दर्शाता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां व्यक्ति को अपने और परायों के बीच में चयन करना पड़ता है। यह नैतिकता और सामाजिक मूल्यों की ओर भी संकेत करता है।

उदाहरण:

-> विनीत को जब अपने मित्र और चचेरे भाई में से किसी एक को नौकरी के लिए सिफारिश करनी थी, तो उसने अपने भाई का नाम आगे बढ़ाया, क्योंकि ‘पहले अपने, पीछे पराए’।

-> जब शहर में बाढ़ आई, तो सुधीर ने पहले अपने परिवार को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया, फिर अन्य लोगों की मदद की। उसका यह कदम ‘पहले अपने, पीछे पराए’ के सिद्धांत पर आधारित था।

निष्कर्ष: “पहले अपने, पीछे पराए” यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि जीवन में स्वजनों का महत्व सर्वोपरि होता है। यह हमें अपने परिवार और करीबी संबंधियों के प्रति उत्तरदायित्व और प्रेम की भावना को मजबूत करने का संदेश देता है, साथ ही सामाजिक जिम्मेदारियों का पालन करने की भी प्रेरणा देता है।

Hindi Muhavare Quiz

पहले अपने, पीछे पराए मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में विकास नाम का एक युवा रहता था। वह गाँव के स्कूल में अध्यापक था और सभी उसे उसकी सरलता और नेकी के लिए जानते थे। विकास की एक छोटी बहन थी, जिसे वह बहुत प्यार करता था।

एक दिन गाँव में एक संगीत प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। विकास की बहन ने भी इस प्रतियोगिता में भाग लेने का निश्चय किया। उसी समय, गाँव के एक प्रतिभाशाली युवा संगीतकार, जिसे विकास बहुत सम्मान देता था, ने भी प्रतियोगिता में भाग लेने का फैसला किया।

प्रतियोगिता का दिन आया और सभी प्रतिभागियों ने अपनी प्रस्तुतियाँ दीं। विकास की बहन ने भी बहुत अच्छा गाया, लेकिन संगीतकार युवक की प्रस्तुति उससे कहीं बेहतर थी।

अब समय था निर्णायक मंडल के सदस्यों का चुनाव करने का, और विकास को भी इस मंडल में चुना गया था। विकास जानता था कि संगीतकार युवक जीतने का अधिकारी था, लेकिन उसकी बहन की आँखों में भी जीतने की एक उम्मीद थी।

विकास के लिए यह बहुत कठिन समय था। उसने सोचा और फिर निर्णय लिया। उसने अपनी बहन के प्रति अपने प्रेम और जिम्मेदारी को याद किया और उसे विजेता घोषित किया।

यह निर्णय सुनकर गाँव वाले हैरान रह गए, लेकिन विकास ने समझाया, “हमें सबसे पहले अपनों का ख्याल रखना चाहिए। ‘पहले अपने, पीछे पराए’ – यही हमारे संस्कार हैं।”

इस कहानी के माध्यम से हमें “पहले अपने, पीछे पराए” मुहावरे का सही अर्थ समझ में आता है। यह दर्शाता है कि जीवन में अपनों की भावनाओं और जरूरतों का महत्व हमेशा परायों से अधिक होता है। यह मुहावरा हमें अपने परिवार और स्वजनों के प्रति प्रेम और जिम्मेदारी की भावना को मजबूत करने की प्रेरणा देता है।

शायरी:

जिंदगी की राह में, अपनों का साथ अनमोल है,
‘पहले अपने, पीछे पराए’, यही सिखलाता ये जीवन शोल है।
जब दुनिया के मेले में, खो जाते हैं अपने साये,
तब समझ में आता है, क्यों कहते हैं ‘पहले अपने, पीछे पराए’।

बाहर की दुनिया में भले ही, कितने भी दोस्त मिल जाएं,
पर घर की चौखट पर, सिर्फ अपने ही दिल से लग जाएं।
जब मुश्किलें आती हैं, तो अपनों के बीच ही ढाल बन जाए,
‘पहले अपने, पीछे पराए’, यही सिद्धांत जीवन में छाए।

अपनों की खुशियों में, अपना जहाँ सजता है,
उनके दुःख में, हर दिल वहाँ रजता है।
जीवन के इस मेले में, अपनों का ही साथ निभाए,
यही है जीवन का सार, ‘पहले अपने, पीछे पराए’।

 

पहले अपने, पीछे पराए शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of पहले अपने, पीछे पराए – Pahle apne, Peeche paraye Idiom:

“Pahle apne, Peeche paraye” – This is a prevalent Hindi idiom based on social and moral values. Let’s delve into this idiom and understand its meaning, use, and examples.

Introduction: “Pahle apne, Peeche paraye” is an idiom that highlights the distinction between one’s own people and outsiders. It suggests that in life, the importance of one’s own family and close ones comes first, followed by outsiders or unrelated individuals.

Meaning: The literal meaning of this idiom is that one should take care of their own family and close relations first, and then others. It represents the priority and attachment towards one’s own family and kin.

Usage: This idiom is often used in situations where a person has to choose between their own and outsiders. It also points towards morality and social values.

Example:

-> When Vineet had to recommend either his friend or cousin for a job, he put forward his cousin’s name because ‘Own First, Others Later’.

-> When the city was flooded, Sudhir first secured his family to a safe place and then helped others. His action was based on the principle of ‘Own First, Others Later’.

Conclusion: The idiom “Pahle apne, Peeche paraye” teaches us that the importance of kin is paramount in life. It conveys the message of strengthening our responsibility and love towards our family and close relations while also inspiring us to fulfill social responsibilities.

Story of ‌‌Pahle apne, Peeche paraye Idiom in English:

In a small village, there lived a young man named Vikas, who was a teacher at the village school and was known for his simplicity and kindness. Vikas had a younger sister whom he loved dearly.

One day, a music competition was organized in the village. Vikas’s sister decided to participate in it. At the same time, a talented young musician from the village, whom Vikas greatly respected, also decided to enter the competition.

The day of the competition arrived, and all the participants presented their performances. Vikas’s sister sang very well, but the performance of the young musician was far superior.

It was time to elect the members of the judging panel, and Vikas was also chosen to be on the panel. Vikas knew that the young musician deserved to win, but his sister also had a glimmer of hope in her eyes.

Vikas found himself in a difficult situation. After some thought, he made his decision. He remembered his love and responsibility towards his sister and declared her the winner.

The villagers were surprised at this decision, but Vikas explained, “We should always take care of our own first. ‘Own First, Others Later’ – that’s our tradition.”

This story helps us understand the true meaning of the idiom “Own First, Others Later.” It shows that the emotions and needs of our own people are always more important than those of outsiders. This idiom inspires us to strengthen our love and responsibility towards our family and kin.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का व्यक्तिगत जीवन में क्या महत्व है?

व्यक्तिगत जीवन में, यह मुहावरा यह सिखाता है कि हमें पहले अपने परिवार और निकट संबंधियों की भलाई और खुशी की देखभाल करनी चाहिए।

कार्यस्थल पर “पहले अपने, पीछे पराए” मुहावरे का महत्व क्या है?

कार्यस्थल पर, इस मुहावरे का महत्व यह है कि पहले हमें अपनी टीम और सहकर्मियों की सफलता और कल्याण पर ध्यान देना चाहिए, उसके बाद ही अन्य संबंधों या सहयोगियों पर विचार करना चाहिए।

सोशल मीडिया पर इस मुहावरे का प्रभाव क्या है?

सोशल मीडिया पर, यह मुहावरा यह दिखाता है कि हमें पहले अपने निजी संबंधों और मित्रों की जानकारी और समर्थन पर फोकस करना चाहिए, इसके बाद ही दूर के संबंधों या अनुयायियों पर।

बच्चों को “पहले अपने, पीछे पराए” का महत्व कैसे समझाएं?

बच्चों को इस मुहावरे का महत्व समझाने के लिए, हम उन्हें सिखा सकते हैं कि कैसे उन्हें पहले अपने परिवार और दोस्तों की देखभाल और समर्थन करना चाहिए, और फिर अन्य लोगों की।

नेतृत्व और प्रबंधन में “पहले अपने, पीछे पराए” का क्या महत्व है?

नेतृत्व और प्रबंधन में, यह सिखाता है कि एक नेता को पहले अपनी टीम और संगठन के हितों का ख्याल रखना चाहिए, इसके बाद ही बाहरी हितधारकों और सहयोगियों का।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"गुरु और शिष्य की अद्भुत कहानी", "गुरु गुड़ से चेला शक्कर की यात्रा", "Budhimaan.com पर गुरु-शिष्य की प्रेरणादायक कहानी", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण और अर्थ"
Hindi Muhavare

गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)

परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह बताता है

Read More »
"गुड़ और मक्खियों का चित्रण", "सफलता के प्रतीक के रूप में गुड़", "Budhimaan.com पर मुहावरे का सार", "ईर्ष्या को दर्शाती तस्वीर"
Hindi Muhavare

गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी अर्थ, प्रयोग (Gud hoga to makkhiyan bhi aayengi)

परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह व्यक्त करता है कि जहाँ

Read More »
"गुरु से कपट मित्र से चोरी मुहावरे का चित्रण", "नैतिकता और चरित्र की शुद्धता की कहानी", "Budhimaan.com पर नैतिकता की महत्वता", "हिन्दी साहित्य में नैतिक शिक्षा"
Hindi Muhavare

गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Guru se kapat mitra se chori ya ho nirdhan ya ho kodhi)

परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की शुद्धता पर जोर देता है।

Read More »
"गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे मुहावरे का चित्रण", "मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर सहयोग की भावना", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण"
Hindi Muhavare

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति यदि किसी चीज़

Read More »
"गुड़ खाय गुलगुले से परहेज मुहावरे का चित्रण", "हिन्दी विरोधाभासी व्यवहार इमेज", "Budhimaan.com पर मुहावरे की समझ", "जीवन से सीखने के लिए मुहावरे का उपयोग"
Hindi Muhavare

गुड़ खाय गुलगुले से परहेज अर्थ, प्रयोग (Gud khaye gulgule se parhej)

परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार की चीज़ का सेवन करता

Read More »
"खूब मिलाई जोड़ी इडियम का चित्रण", "हिन्दी मुहावरे एक अंधा एक कोढ़ी का अर्थ", "जीवन की शिक्षा देते मुहावरे", "Budhimaan.com पर प्रकाशित मुहावरे की व्याख्या"
Hindi Muhavare

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Khoob milai jodi, Ek andha ek kodhi)

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दो व्यक्ति

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।