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इधर-उधर की हाँकना अर्थ, प्रयोग (Idhar-udhar ki haankna)

परिचय: हिंदी भाषा अपने मुहावरों और लोकोक्तियों के लिए प्रसिद्ध है, जो बोलचाल की भाषा को और भी रंगीन और प्रभावशाली बनाते हैं। “इधर-उधर की हाँकना” भी ऐसा ही एक मुहावरा है, जिसका प्रयोग अक्सर रोजमर्रा की बातचीत में किया जाता है।

अर्थ: “इधर-उधर की हाँकना” का अर्थ होता है बेतुकी या अनावश्यक बातें करना। यह मुहावरा तब प्रयोग किया जाता है, जब कोई व्यक्ति मुख्य विषय से भटक कर ऐसी बातें करने लगता है जो विषय से संबंधित नहीं होतीं।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब किसी को यह इंगित करना होता है कि सामने वाला व्यक्ति विषय से भटक रहा है और अनावश्यक बातें कर रहा है। यह एक व्यंग्यात्मक तरीका होता है वार्तालाप को सही दिशा में लाने का।

उदाहरण:

-> जब भी मैं विकास से पढ़ाई के बारे में बात करता हूँ, वह हमेशा इधर-उधर की हाँकता रहता है।

-> मीटिंग में, जब मैंने परियोजना की प्रगति के बारे में पूछा, तो मैनेजर सिर्फ इधर-उधर की हाँकते रहे और कोई सार्थक जवाब नहीं दिया।

निष्कर्ष: “इधर-उधर की हाँकना” एक ऐसा मुहावरा है जो व्यक्ति के अनावश्यक और बेतुकी बातों की ओर इशारा करता है। यह हमें यह सिखाता है कि वार्तालाप में हमेशा विषय पर केंद्रित रहना चाहिए और अनावश्यक बातों से बचना चाहिए। इस मुहावरे का प्रयोग हमारी बातचीत को अधिक प्रभावी और उद्देश्यपूर्ण बनाता है।

Hindi Muhavare Quiz

इधर-उधर की हाँकना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में अभय नाम का एक युवक रहता था। अभय की एक खास आदत थी – वह हमेशा इधर-उधर की बातें करता रहता था। चाहे बातचीत का विषय कुछ भी हो, अभय की बातें हमेशा मुख्य विषय से भटक जाती थीं।

एक दिन गाँव के स्कूल में एक महत्वपूर्ण बैठक हो रही थी। बैठक का विषय था स्कूल के विकास के लिए धन जुटाना। जैसे ही अभय से उसके विचार पूछे गए, वह इधर-उधर की बातें करने लगा। वह बातों को घुमाकर गाँव के मेले, उसके बचपन के किस्से और यहाँ तक कि मौसम की चर्चा तक करने लगा।

लोग हैरान थे कि अभय ने बैठक के मुद्दे पर एक भी शब्द नहीं कहा। गाँव के मुखिया ने अभय को समझाया कि बैठक का मकसद स्कूल के विकास पर चर्चा करना था, न कि इधर-उधर की बातें करना।

अभय को तब एहसास हुआ कि उस

की यह आदत न केवल उसके लिए बल्कि दूसरों के लिए भी समस्या बन रही थी। वह जब भी इधर-उधर की बातें करता, लोग उसकी बातों का मुद्दा समझने में भ्रमित हो जाते थे।

इस घटना के बाद, अभय ने ठान लिया कि वह अपनी इस आदत पर काबू पाएगा। धीरे-धीरे उसने सीखा कि कैसे विषय पर केंद्रित रहकर बातचीत की जाती है। वह अब जब भी किसी से बात करता, तो सीधे विषय पर आता और अनावश्यक बातों से बचता।

इस बदलाव से न केवल उसकी बातचीत अधिक प्रभावी हुई, बल्कि लोग भी उसकी बातों को गंभीरता से लेने लगे। अभय की कहानी ने गाँववालों को यह सिखाया कि “इधर-उधर की हाँकना” न केवल समय की बर्बादी है, बल्कि यह बातचीत के मुख्य उद्देश्य से भी भटकाता है। अंततः, अभय अपनी इस आदत को सुधार कर एक अच्छा वक्ता बन गया और उसकी यह गुणवत्ता सबके लिए एक प्रेरणा बन गई।

शायरी:

इधर-उधर की ना बातें कर, ये वक्त की बर्बादी है,

दिल की बात कह, जो भी है, यही तो जिंदगी की कादी है।

जिस तरह से बहती है नदियाँ, उसी राह पे चलना सीख ले,

हर लहर की एक कहानी है, तू इधर-उधर की मत फिसलना सीख ले।

इधर-उधर की जो हाँके, वो रास्ता भूल जाते हैं,

सच्चाई की राह पे चलने वाले, मंजिल को चूम जाते हैं।

हर बात में एक गहराई होती है, इसे तू समझ ले,

इधर-उधर की हाँकने में, जीवन की सच्चाई खो दे।

जो दिल से बात करते हैं, उनकी बात में असर होता है,

इधर-उधर की बातों में, न वो रंग न वो जिगर होता है।

 

इधर-उधर की हाँकना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of इधर-उधर की हाँकना – Idhar-Udhar Ki Haankna Idiom:

Introduction: The Hindi language is renowned for its idioms and proverbs, which add color and effectiveness to everyday speech. “इधर-उधर की हाँकना” (Idhar-Udhar Ki Haankna) is one such idiom commonly used in daily conversation.

Meaning: The literal meaning of “इधर-उधर की हाँकना” is to talk irrelevantly or unnecessarily. This phrase is used when someone deviates from the main topic and starts discussing things that are not related to the subject at hand.

Usage: This idiom is typically used to indicate that the person in conversation is straying from the topic and engaging in unnecessary dialogue. It serves as a sarcastic way to steer the conversation back in the right direction.

Example:

-> Whenever I talk to Vikas about studies, he always strays off-topic.

-> In the meeting, when I asked about the progress of the project, the manager just kept digressing and didn’t provide any meaningful answer.

Conclusion: “इधर-उधर की हाँकना” is an idiom that points to unnecessary and irrelevant speech. It teaches us to stay focused on the topic in conversation and avoid unnecessary dialogue. The use of this idiom makes our conversations more effective and purposeful.

Story of ‌‌Idhar-udhar ki haankna Idiom in English:

In a small village lived a young man named Abhay. Abhay had a peculiar habit – he always engaged in irrelevant conversations. Regardless of the topic of discussion, Abhay’s talks would invariably stray from the main subject.

One day, there was an important meeting in the village school. The agenda was to raise funds for the school’s development. As soon as Abhay was asked for his opinion, he started talking about unrelated things. He diverted the conversation to the village fair, childhood stories, and even the weather.

People were surprised that Abhay didn’t speak a single word relevant to the meeting’s agenda. The village head explained to Abhay that the purpose of the meeting was to discuss the school’s development, not to engage in irrelevant discussions.

Abhay then realized that this habit of his was not only problematic for him but also for others. Whenever he talked about unrelated things, people would get confused about the actual point of his talks.

After this incident, Abhay resolved to control this habit. Gradually, he learned to stay focused on the topic and engage in relevant conversations. Now, whenever he talked to someone, he would directly address the subject and avoid unnecessary topics.

This change not only made his conversations more effective, but people also started taking his words seriously. Abhay’s story taught the villagers that “straying off-topic” is not only a waste of time, but it also deviates from the main purpose of the conversation. Eventually, by improving this habit, Abhay became a good speaker, and his quality became an inspiration for everyone.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

“इधर-उधर की हाँकना” मुहावरे की उत्पत्ति कैसे हुई?

यह मुहावरा लोक भाषा और संवाद शैलियों से उत्पन्न हुआ है, जहाँ व्यक्ति वार्तालाप में विषयांतर करते हुए इधर-उधर की बातें करने लगते हैं।

क्या “इधर-उधर की हाँकना” मुहावरे का उपयोग आधुनिक संदर्भों में भी होता है?

हाँ, आधुनिक संदर्भों में भी जब लोग मुख्य विषय से भटककर बेसिर-पैर की बातें करते हैं, तब इस मुहावरे का उपयोग होता है।

क्या “इधर-उधर की हाँकना” मुहावरे से किसी समस्या का समाधान निकल सकता है?

यह मुहावरा सीधे तौर पर किसी समस्या का समाधान प्रदान नहीं करता, लेकिन यह विषय पर केंद्रित रहने और अनावश्यक बातों से बचने की महत्ता को दर्शाता है।

“इधर-उधर की हाँकना” और “गोलमोल जवाब देना” में क्या अंतर है?

“इधर-उधर की हाँकना” का अर्थ है बेसिर-पैर की बातें करना, जबकि “गोलमोल जवाब देना” का अर्थ है स्पष्ट जवाब न देकर घुमावदार उत्तर देना। दोनों विषय से भटकने की स्थितियाँ हैं लेकिन संदर्भ अलग है।

क्या “इधर-उधर की हाँकना” समय की बर्बादी का संकेत देता है?

हाँ, यह मुहावरा अक्सर समय की बर्बादी का संकेत देता है क्योंकि इसमें अप्रासंगिक या अनावश्यक बातें की जाती हैं।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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