Budhimaan

Home » Hindi Muhavare » दुंदुभी बजाना अर्थ, प्रयोग (Dundubhi bajana)

दुंदुभी बजाना अर्थ, प्रयोग (Dundubhi bajana)

परिचय: ‘दुंदुभी बजाना’ एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है। इसकी उत्पत्ति भारतीय पौराणिक कथाओं से जुड़ी है, जहां दुंदुभी एक प्रकार का बड़ा ढोल था, जिसे युद्ध के दौरान या महत्वपूर्ण घोषणाओं के समय बजाया जाता था।

अर्थ: मुहावरे ‘दुंदुभी बजाना’ का अर्थ है किसी बात या घटना की बड़ी धूमधाम से घोषणा करना या उस पर अत्यधिक जोर देना। यह अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी बात को बहुत अधिक महत्व देता है या उसे जरूरत से ज्यादा प्रचारित करता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग व्यंग्यात्मक रूप से भी किया जा सकता है। जब किसी को लगता है कि कोई व्यक्ति या संगठन बेवजह अधिक शोरगुल कर रहा है, तो वे कह सकते हैं कि “वह तो बस दुंदुभी बजा रहा है।”

उदाहरण:

-> जब सरकार ने अपनी नई योजना की घोषणा की, तो विपक्ष ने टिप्पणी की कि सरकार सिर्फ दुंदुभी बजा रही है, जबकि योजना में कुछ भी नया नहीं है।

-> जब सुधीर ने अपनी नई कार के बारे में सभी मित्रों को बताया, तो उसके दोस्तों ने कहा कि वह दुंदुभी बजा रहा है।

निष्कर्ष: मुहावरा ‘दुंदुभी बजाना’ सामाजिक और व्यक्तिगत संदर्भों में व्यक्ति के अतिरंजना की प्रवृत्ति को दर्शाता है। यह हमें यह भी बताता है कि कभी-कभी महत्वपूर्ण चीजों को सरलता से प्रस्तुत करना अधिक प्रभावी होता है। इस प्रकार, यह मुहावरा हमारी सांस्कृतिक भाषा का एक रोचक और प्रतीकात्मक हिस्सा है।

Hindi Muhavare Quiz

दुंदुभी बजाना मुहावरा पर कहानी:

एक समय की बात है, एक राज्य में राजा अनुजवर्धन राज करते थे। राजा बहुत ही उत्साही और धनी थे, लेकिन उन्हें अपनी उपलब्धियों का प्रचार करने का बहुत शौक था। उनके महल में एक विशाल दुंदुभी रखी गई थी, जिसे वे हर छोटी-बड़ी जीत या उपलब्धि पर बजवाते थे।

एक दिन राजा ने एक छोटे से गाँव को अपने राज्य में मिला लिया। इसे एक बड़ी उपलब्धि मानते हुए उन्होंने दुंदुभी बजवाई और पूरे राज्य में इस बात का ढिंढोरा पीटा। लेकिन राज्य के लोग यह जानकर हैरान थे कि ऐसी छोटी बात के लिए इतना बड़ा शोर क्यों?

कुछ दिनों बाद, राजा ने अपने बगीचे में एक नया पौधा लगाया। फिर से, उन्होंने इसे बड़ी उपलब्धि माना और दुंदुभी बजवा दी। इस बार लोगों ने सोचा, “राजा तो बस दुंदुभी बजा रहे हैं, इसमें क्या बड़ी बात है?”

जैसे-जैसे समय बीता, राजा हर छोटी चीज़ के लिए दुंदुभी बजवाते रहे। धीरे-धीरे, लोगों ने राजा की इन घोषणाओं को गंभीरता से लेना बंद कर दिया। जब वास्तव में महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, तब भी लोगों ने सोचा कि यह भी शायद राजा का दुंदुभी बजाना ही होगा।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अगर हम हर छोटी-बड़ी बात के लिए अत्यधिक प्रचार करेंगे, तो लोग हमारी बातों को महत्व नहीं देंगे। ‘दुंदुभी बजाना’ इसी बात को दर्शाता है कि अनावश्यक रूप से धूमधाम और प्रचार से बचना चाहिए।

शायरी:

दुंदुभी बजाते हैं वो अपनी हर एक बात पर,

जैसे हर लफ्ज़ हो उनका, कोई शाहकार की बात पर।

कहते हैं खबर हर छोटी बड़ी, आसमान पर लिख देंगे,

हमने देखा है आशिक़, चाँद पर नाम लिख देंगे।

उनकी बातों का असर है या सिर्फ शोर-शराबा,

लोग समझे न समझे, दुनिया तो बस सुनती जाती है।

दुंदुभी की तरह वो अपनी हर बात बजाते हैं,

पर हमने जाना है, जो चुप रहते हैं, वही कुछ कह जाते हैं।

दुंदुभी बजाने वालों की इस दुनिया में,

हमने सीखा है, खामोशी में भी गहराई होती है।

 

दुंदुभी बजाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of दुंदुभी बजाना – Dundubhi Bajana Idiom:

Introduction: “दुंदुभी बजाना” (Dundubhi Bajana) is a prevalent Hindi idiom. Its origin is linked to Indian mythological stories, where a ‘Dundubhi’ was a type of large drum played during wars or significant announcements.

Meaning: The idiom “दुंदुभी बजाना” translates to making a grand announcement or excessively emphasizing a matter or event. It’s often used when someone gives undue importance to something or overpublicizes it.

Usage: The idiom can also be used sarcastically. When it appears that a person or organization is making unnecessary noise about something, one might say, “They are just playing the Dundubhi.”

Example:

-> When the government announced its new scheme, the opposition commented that the government was just playing the Dundubhi, as there was nothing new in the plan.

-> When Sudhir told all his friends about his new car, his friends said that he was playing the Dundubhi.

Conclusion: The idiom “दुंदुभी बजाना” reflects the tendency of exaggeration in social and personal contexts. It also conveys that sometimes presenting important things simply can be more effective. Thus, this idiom is an interesting and symbolic part of our cultural language.

Story of ‌‌Dundubhi Bajana Idiom in English:

Once upon a time, in a kingdom, ruled King Anujvardhan. He was very enthusiastic and wealthy, but he had a great fondness for publicizing his achievements. In his palace, a huge ‘Dundubhi’ (a type of drum) was kept, which he would have played for every small or significant victory or accomplishment.

One day, the king annexed a small village into his kingdom. Considering this a great achievement, he had the Dundubhi played and loudly announced it throughout the kingdom. However, the people of the kingdom were surprised, wondering why such a small matter was being made into such a big noise.

A few days later, the king planted a new tree in his garden. Again, he regarded it as a major accomplishment and had the Dundubhi played. This time, people thought, “The king is just playing the Dundubhi, what’s so big about it?”

As time passed, the king continued to have the Dundubhi played for every little thing. Gradually, people stopped taking these announcements seriously. Even when truly important events occurred, people thought it might just be another instance of the king playing the Dundubhi.

This story teaches us that if we excessively publicize every minor or major thing, people will not take our words seriously. ‘Playing the Dundubhi’ demonstrates that unnecessary pomp and publicity should be avoided.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या “दुंदुभी बजाना” का उपयोग हमेशा शीघ्र और उत्साहपूर्वक होता है?

नहीं, कभी-कभी यह मुहावरा भयानक या उत्साहहीन समय को भी संदर्भित करने के लिए प्रयोग किया जाता है, जैसे दुखद समाचार के समय या विपत्ति के समय।

“दुंदुभी बजाना” मुहावरे का उपयोग किस संदर्भ में होता है?

यह मुहावरा सामान्यत: किसी बड़े और महत्वपूर्ण घटना या समय के लिए प्रयोग किया जाता है, जैसे किसी महत्वपूर्ण घटना के समय पर शोर मचाना या सभा में अपने विचारों को प्रकट करना।

क्या है “दुंदुभी बजाना” का अर्थ?

“दुंदुभी बजाना” का अर्थ होता है बड़ी आवाज से डंके की आवाज उठाना। यह मुहावरा किसी अभियंता या व्यक्ति के शीघ्र या भयंकर प्रतिक्रिया को व्यक्त करने के लिए प्रयोग होता है।

दुंदुभी बजाना” का संबंध किस प्राचीन कथा से है?

यह मुहावरा प्राचीन भारतीय कथा “महाभारत” से संबंधित है, जिसमें दुंदुभि नामक बड़े सांड की मृत्यु के बाद उसकी भोजन के लिए बड़ी आवाज से डंके की आवाज की गई थी।

“दुंदुभी बजाना” का विरोधी मुहावरा क्या होता है?

“दुंदुभी बजाना” का विरोधी मुहावरा “बिलबिला बजाना” होता है, जिसका अर्थ होता है छोटी आवाज में कुछ कहना या सुनाना।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"गुरु और शिष्य की अद्भुत कहानी", "गुरु गुड़ से चेला शक्कर की यात्रा", "Budhimaan.com पर गुरु-शिष्य की प्रेरणादायक कहानी", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण और अर्थ"
Hindi Muhavare

गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)

परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह बताता है

Read More »
"गुड़ और मक्खियों का चित्रण", "सफलता के प्रतीक के रूप में गुड़", "Budhimaan.com पर मुहावरे का सार", "ईर्ष्या को दर्शाती तस्वीर"
Hindi Muhavare

गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी अर्थ, प्रयोग (Gud hoga to makkhiyan bhi aayengi)

परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह व्यक्त करता है कि जहाँ

Read More »
"गुरु से कपट मित्र से चोरी मुहावरे का चित्रण", "नैतिकता और चरित्र की शुद्धता की कहानी", "Budhimaan.com पर नैतिकता की महत्वता", "हिन्दी साहित्य में नैतिक शिक्षा"
Hindi Muhavare

गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Guru se kapat mitra se chori ya ho nirdhan ya ho kodhi)

परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की शुद्धता पर जोर देता है।

Read More »
"गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे मुहावरे का चित्रण", "मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर सहयोग की भावना", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण"
Hindi Muhavare

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति यदि किसी चीज़

Read More »
"गुड़ खाय गुलगुले से परहेज मुहावरे का चित्रण", "हिन्दी विरोधाभासी व्यवहार इमेज", "Budhimaan.com पर मुहावरे की समझ", "जीवन से सीखने के लिए मुहावरे का उपयोग"
Hindi Muhavare

गुड़ खाय गुलगुले से परहेज अर्थ, प्रयोग (Gud khaye gulgule se parhej)

परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार की चीज़ का सेवन करता

Read More »
"खूब मिलाई जोड़ी इडियम का चित्रण", "हिन्दी मुहावरे एक अंधा एक कोढ़ी का अर्थ", "जीवन की शिक्षा देते मुहावरे", "Budhimaan.com पर प्रकाशित मुहावरे की व्याख्या"
Hindi Muhavare

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Khoob milai jodi, Ek andha ek kodhi)

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दो व्यक्ति

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।