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अंगद का पैर होना, अर्थ, प्रयोग(Angad ka pair hona)

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परिचय: हिंदी भाषा अपार संस्कृति और इतिहास से जुड़ी हुई है। हमारी भाषा में कई मुहावरे हैं जिनमें से ‘अंगद का पैर होना’ एक खास मुहावरा है।

अर्थ: ‘अंगद का पैर होना’ का अर्थ होता है ऐसी स्थिति जहां कोई व्यक्ति या चीज अटल और अचल हो। यह मुहावरा किसी की दृढ़ता और स्थिरता को दर्शाता है।

उदाहरण:

-> जब सरकार ने नई नीतियों को लागू किया, तो उसका निर्णय ‘अंगद का पैर’ बन गया और कोई भी उसे बदल नहीं सका।

-> अनुज की संघर्षशीलता ‘अंगद का पैर’ जैसी थी, उसने कभी हार मानी नहीं।

विवेचना: इस मुहावरे की उत्पत्ति महाभारत से जुड़ी है। जब अंगद ने रावण के दरबार में अपना पैर जमाया, तो कोई भी उसे हटा नहीं सका। इसे ध्यान में रखते हुए, इस मुहावरे का उपयोग किसी की दृढ़ता या अनिवार्यता को बताने के लिए किया जाता है।

निष्कर्ष: ‘अंगद का पैर होना’ हमें यह सिखाता है कि जीवन में कठिनाइयों का सामना करते समय हमें भी दृढ़ और स्थिर रहना चाहिए। अगर हम अपने लक्ष्य की दिशा में अटल रहते हैं, तो कोई भी विघ्न हमें रोक नहीं सकता।

एक कहानी: अंगद का पैर होना

राज्य के एक सुंदर गाँव में विजय नामक युवक रहता था। वह गाँव में सबसे अधिक प्रतिष्ठित खेलाड़ी था। वह हर साल आयोजित होने वाली दौड़ में भाग लेता था, लेकिन हर बार वह जीत नहीं पाता था।

एक दिन, उसने ठान लिया कि इस बार वह उस दौड़ में पहला स्थान पर आएगा। उसने अपनी तैयारी में ‘अंगद का पैर’ जैसी दृढ़ता दिखाई। वह प्रतिदिन सुबह और शाम हर मौसम में दौड़ता था, चाहे बारिश हो या धूप।

दौड़ का दिन आखिरकार आ गया। सभी प्रतिस्पर्धी तैयार थे, लेकिन विजय की आंखों में विशेष जोश और उत्साह था। जब दौड़ शुरू हुई, तो विजय ने पूरी ताकत और जोश से दौड़। उसकी दृढ़ता और संकल्पना ने उसे अखिरकार विजयी बना दिया।

जब वह लक्ष्य रेखा पार कर रहा था, तो गाँववाले उसे जोर से तालियाँ बजा रहे थे। उसकी जीत ने गाँववालों को यह सिखाया कि ‘अंगद का पैर’ जैसी दृढ़ता और संघर्ष से कोई भी लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।

शायरी – Shayari

अंगद के पैर जैसी जिद में बसी है,

शायरी की तरह ज़ुबां पर वो ख़ास बात छुपी है।

जिसमें हार का कोई पता नहीं,

जैसे ख़ुदा से मोहब्बत, वही दृढ़ता संग है।

जिसे ज़माने की आंधी भी तलाशे ना सके,

अंगद के पैर जैसा ज़ज्बा, जब दिल में बास हो।

 

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of अंगद का पैर होना – Being like Angad’s foot
Idiom:

Introduction: The Hindi language is deeply connected to a vast culture and history. There are many idioms in our language, and ‘अंगद का पैर होना’ (Being like Angad’s foot) is a special one among them.

Meaning: The idiom ‘अंगद का पैर होना’ translates to a situation where a person or thing is immovable and steadfast. This idiom denotes someone’s determination and firmness.

Usage:

-> When the government implemented new policies, its decision became ‘as steadfast as Angad’s foot,’ and no one could change it.

 -> Anuj’s resilience was ‘like Angad’s foot’; he never admitted defeat.

Discussion: The origin of this idiom is linked to the Mahabharata. When Angad planted his foot in Ravana’s court, no one could move it. Keeping this in mind, the idiom is used to indicate someone’s determination or inevitability.

Conclusion: The idiom ‘अंगद का पैर होना’ teaches us that when facing challenges in life, we must remain firm and steadfast. If we are unwavering towards our goals, then no obstacle can stop us.

Story of ‌‌अंगद का पैर होना – Being like Angad’s foot Idiom:

In a beautiful village of the state, there lived a young man named Vijay. He was the most respected athlete in the village. Every year, he participated in a race that was organized in the village, but he never managed to win.

One day, he resolved that he would secure the first position in that race. In his preparation, he showed determination equivalent to ‘planting Angad’s foot.’ He ran every morning and evening regardless of the weather, be it rain or sunshine.

Finally, the day of the race arrived. All the competitors were ready, but there was a unique zeal and enthusiasm in Vijay’s eyes. When the race started, Vijay ran with all his might and fervor. His determination and resolve eventually led him to victory.

As he crossed the finish line, the villagers cheered for him with roaring applause. His victory taught the villagers that with ‘Angad’s foot’ like determination and struggle, any goal can be achieved.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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