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तीन कनौजिया तेरह चूल्हा, अर्थ, प्रयोग(3 kanaujia 13 chulha)

हिंदी में एक प्रचीन मुहावरा है “तीन कनौजिया तेरह चूल्हा”। इस मुहावरे का अर्थ है की जब अधिक लोग एक साथ रहते हैं और उनमें सहमति नहीं होती, तो हर व्यक्ति अपने-अपने तरीके से काम करना पसंद करता है।

अर्थ:

इस मुहावरे का सीधा संबंध उस समय से है जब लोग ज्यादा संख्या में एक साथ जीते थे, लेकिन हर व्यक्ति की अपनी आदतें और अपनी पसंद थीं। अब जब वे सभी एक साथ खाना बनाने जाते, तो हर व्यक्ति का अपना अलग तरीका और स्वाद होता। इसलिए, अगर तीन लोग होते हैं, तो तीनों के अलग-अलग स्वाद के अनुसार तीन अलग चूल्हे चाहिए होते है।

आधुनिक समय में इस मुहावरे का महत्व:

आज के समय में परिवार टूट रहे हैं और लोग साथ रहना पसंद नहीं करते। एक समय था जब बड़े परिवार साथ-साथ रहते और खुशी-खुशी जीते थे, लेकिन आज कल लोग अपनी आज़ादी और व्यक्तिगत स्थान को ज्यादा महत्व देते हैं।

“तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” इस मुहावरे से हमें यह सिखने को मिलता है कि जब हम अपने स्वार्थ को परिवार से ऊपर रखते हैं, तो हमारे बीच समस्याएं उत्पन्न होती हैं। अब भी समय है कि हम समझें कि परिवार के साथ जीने में जो आनंद है, वह अकेलेपन में नहीं।

अंत में, “तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” हमें यह प्रेरित करता है कि हमें अपने स्वार्थ को छोड़कर परिवार के साथ मिलकर और सहमति से जीने की कोशिश करनी चाहिए।

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तीन कनौजिया तेरह चूल्हा मुहावरा पर कहानी:

प्रेमचंद्र जी ने हाल ही में अपने परिवार के साथ एक संग्रहालय का दौरा किया। वहां प्रदर्शित चीज़ों में सबसे अद्वितीय एक पुराना चूल्हा था जिस पर लिखा था “तीन कनौजिया तेरह चूल्हा”। प्रेमचंद्र जी को इस पर आश्चर्य हुआ, वह सोचने लगे कि इस मुहावरे का अर्थ क्या हो सकता है।

उसी समय उसके बेटे अनुभव ने उससे पूछा, “पापा, इस मुहावरे का क्या मतलब है?” प्रेमचंद्र जी ने उसे एक कहानी सुनाई।

“बहुत समय पहले की बात है, गाँव में तीन भाई रहते थे। इन तीन भाइयों के बीच बहुत अच्छी समझौता नहीं था। हर भाई का अलग-अलग स्वाद और पसंद थी, और इसलिए उन्होंने तय किया कि वे अपने अलग चूल्हे में खाना पकाएंगे। इसी वजह से उन्हें ‘तीन कनौजिया तेरह चूल्हा’ कहा जाता था।”

“लेकिन पापा,” अनुभव ने कहा, “इससे हमें क्या सिखने को मिलता है?”

प्रेमचंद्र जी ने उत्तर दिया, “बेटा, यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि जब परिवार के सदस्य एक-दूसरे से दूर हो जाते हैं और अपनी-अपनी ज़िद में जीते हैं, तो परिवार का संघर्ष और विचारधारा का अंतर बढ़ जाता है।”

अनुभव ने समझा कि आज के समय में, जब परिवार टूट रहे हैं और लोग साथ रहना पसंद नहीं करते, इस प्राचीन मुहावरे से हमें यह सिखाने की जरूरत है कि परिवार के सदस्यों को साथ में रहकर और समझौता करके जीना चाहिए।

इस कहानी से प्रेमचंद्र जी और अनुभव ने समझा कि “तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” मुहावरे का अर्थ और महत्व क्या है। और इसे समझकर वे अपने परिवार के साथ और अधिक समझौता और प्यार से जीने का निर्णय लिया।

शायरी:

तीन कनौजिया तेरह चूल्हा, बातें अजनबी सी हो गईं।

घर में बहुत सजावट है, पर आंखों में वीरानी सी हो गईं।

अब तो हर रोज़ दरीचे खोलता हूँ, ताजगी का इंतजार में।

जबसे वो चूल्हे अलग हुए, मोहब्बत में फ़ासला सा हो गया।

दिल की गलियों में आज भी, खोजता हूँ उस गर्मी को।

क्यों बदले रास्ते, जब मंजिल एक ही थी हमारी।

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of तीन कनौजिया तेरह चूल्हा – 3 kanaujia 13 chulha:

There’s an ancient idiom in Hindi, “तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” which translates to “Three people from Kanauj would need thirteen stoves”. The meaning of this idiom is that when many people live together and don’t have consensus, every individual prefers to work in their unique way.

Meaning: The phrase is directly associated with times when people lived together in larger numbers, but everyone had their habits and preferences. Now, when they all would cook together, each one had their way and taste. Therefore, if there were three people, they would require three separate stoves according to their distinct tastes.

Relevance in Modern Times: In today’s time, families are breaking apart, and people no longer prefer living together. There once was a time when large families coexisted and lived joyfully, but nowadays, people prioritize their independence and personal space.

The idiom “तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” teaches us that when we place our personal interests above the family’s, conflicts arise. It’s time to realize that the joy in living with a family cannot be found in solitude.

In conclusion, “तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” inspires us to set aside our personal interests and strive to live harmoniously and in agreement with our family.

Story of 3 kanaujia 13 chulha in English:

Recently, Mr. Premchandra visited a museum with his family. The most unique exhibit there was an old stove with the inscription “तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” (“Three people from Kanauj would need thirteen stoves”). Astonished by this, Premchandra began to ponder the meaning of this idiom.

Just then, his son Anubhav asked, “Dad, what does this idiom mean?” Mr. Premchandra recounted a story to him.

“Long ago, there were three brothers who lived in a village. There wasn’t much harmony among these brothers. Each had their distinct tastes and preferences, and so, they decided they would cook on their individual stoves. Hence, they were referred to as ‘तीन कनौजिया तेरह चूल्हा’.”

“But Dad,” Anubhav interjected, “what lesson does this teach us?”

Premchandra replied, “Son, this idiom teaches us that when family members drift apart and live stubbornly by their ways, the family’s struggles and ideological differences intensify.”

Anubhav understood that in today’s times, when families are breaking apart and people don’t like living together, this ancient idiom imparts the wisdom that family members should live together with compromise and understanding.

From this story, both Mr. Premchandra and Anubhav realized the significance and meaning behind the idiom “तीन कनौजिया तेरह चूल्हा”. And with this understanding, they decided to live with more compromise and love in their family.

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या “तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” मुहावरे का उपयोग नकारात्मक संदर्भ में होता है?

हाँ, यह मुहावरा आमतौर पर नकारात्मक संदर्भ में ही प्रयोग किया जाता है, जब असंगठन और अव्यवस्था की स्थितियों को व्यक्त करना होता है।

“तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” मुहावरे का अंग्रेजी में क्या अनुवाद होता है?

इस मुहावरे का सीधा अंग्रेजी अनुवाद “Three cooks and thirteen stoves” होता है, जो असंगठन और अव्यवस्था की स्थिति को दर्शाता है।

“तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” मुहावरे का प्रयोग किस प्रकार के लेखन में अधिक होता है?

यह मुहावरा व्यंग्य, नाटक, और सामाजिक टिप्पणियों में अधिक प्रयोग में आता है, जहाँ असंगठन और अव्यवस्था की स्थितियों को उजागर किया जाता है।

“तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” मुहावरे का कोई आधुनिक संदर्भ है?

हाँ, आधुनिक संदर्भ में इस मुहावरे का प्रयोग संगठनों, परियोजनाओं, या टीमों में असंगठन और अव्यवस्था की स्थितियों को दर्शाने के लिए किया जा सकता है।

“तीन कनौजिया तेरह चूल्हा” मुहावरे से हमें क्या सीखने को मिलता है?

इस मुहावरे से हमें यह सीखने को मिलता है कि असंगठन और अव्यवस्था के कारण काम में बाधा आती है, और संगठनात्मक कुशलता का महत्व होता है।

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