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होइहि सोइ जो राम रचि राखा अर्थ, प्रयोग (Hoiahi soi jo Ram rachi rakha)

परिचय: “होइहि सोइ जो राम रचि राखा” यह मुहावरा भारतीय संस्कृति में गहराई से निहित है और इसका उपयोग अक्सर भाग्य और नियति पर चर्चा करते समय किया जाता है। यह रामचरितमानस के एक श्लोक से लिया गया है और इसका शाब्दिक अर्थ है “जो कुछ भी होगा, वह वही होगा जो राम ने तय किया है।”

अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि हमारे जीवन में जो कुछ भी होता है, वह पहले से ही ईश्वर द्वारा निर्धारित है। यह हमें याद दिलाता है कि हमें जीवन में आने वाली हर चीज़ को स्वीकार करना चाहिए, चाहे वह अच्छी हो या बुरी।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर उन परिस्थितियों में किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने जीवन में हो रहे घटनाक्रमों को भाग्य या नियति के हाथों में समर्पित कर देता है।

उदाहरण:

-> अभय ने अपने सभी प्रयासों के बाद भी जब नौकरी नहीं पाई, तो उसने कहा, “होइहि सोइ जो राम रचि राखा।”

-> लक्ष्मी जब अपने बेटे की बीमारी के इलाज के लिए सब कुछ कर चुकी, तब उसने भगवान पर भरोसा रखते हुए कहा, “होइहि सोइ जो राम रचि राखा।”

निष्कर्ष: “होइहि सोइ जो राम रचि राखा” मुहावरा हमें सिखाता है कि जीवन में जो कुछ भी होता है, वह ईश्वर की इच्छा के अनुसार होता है। यह हमें धैर्य रखने और जीवन की हर स्थिति को स्वीकार करने की शिक्षा देता है। इसलिए, हमें अपनी कोशिशें जारी रखनी चाहिए लेकिन साथ ही साथ हमें ईश्वर की मर्जी को भी स्वीकार करना चाहिए।

होइहि सोइ जो राम रचि राखा मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में सुधीर नाम का एक किसान रहता था। सुधीर हर साल अपने खेतों में मेहनत से फसल उगाता और अच्छी उपज की उम्मीद करता। एक वर्ष, उसने अपने खेतों में बहुत मेहनत की और सभी जरूरी कदम उठाए ताकि फसल अच्छी हो। लेकिन जब फसल काटने का समय आया, तो एक अचानक आई बाढ़ ने सब कुछ बर्बाद कर दिया।

सुधीर बहुत दुखी हुआ। उसने सोचा कि उसकी सारी मेहनत व्यर्थ गई। लेकिन फिर उसने खुद को संभाला और कहा, “होइहि सोइ जो राम रचि राखा।” उसने समझा कि जो कुछ भी हुआ, वह भगवान की इच्छा थी और उसे इसे स्वीकार करना चाहिए।

सुधीर ने हार नहीं मानी। उसने फिर से नई ऊर्जा के साथ अपने खेतों की ओर ध्यान देना शुरू किया। उसने नए सिरे से खेती शुरू की, और इस बार उसने अपनी पूरी कोशिश की कि वह पिछली गलतियों से सीखे। समय के साथ, उसकी मेहनत रंग लाई, और उसके खेतों में भरपूर फसल हुई।

इस घटना ने सुधीर को यह सिखाया कि जीवन में हम जो कुछ भी करते हैं, अंततः वह भगवान की इच्छा पर निर्भर करता है। उसने सीखा कि हमें हमेशा प्रयास करते रहना चाहिए, लेकिन साथ ही, हमें जीवन में आने वाली हर चीज़ को स्वीकार करने का धैर्य और विश्वास भी रखना चाहिए।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि “होइहि सोइ जो राम रचि राखा” मुहावरा हमें याद दिलाता है कि हमें अपने प्रयास जारी रखने चाहिए, लेकिन साथ ही, हमें ईश्वर की इच्छा को भी स्वीकार करना चाहिए।

शायरी:

जो राम रचि राखा, वही तो होइहि सोइ,

इस सच को अपनाकर, हर दिल को यह रोइ।

किस्मत के खेल में, कभी हार कभी जीत,

हर पल में छुपा, जीवन का गीत।

घमंड में जो जीते, वो कैसे समझेंगे यह बात,

जो राम ने लिखा, उसमें है सच्चाई की सौगात।

हम चाहें जितना, पर होता वही जो है सोचा,

जीवन की इस धारा में, बहना है बस होकर रोशन।

दुख में या सुख में, जो भी हो हमारा हाल,

जो राम रचि राखा, वही है सच्चा कमाल।

इस जीवन यात्रा में, जो मिले वही स्वीकार,

जो राम रचि राखा, उसमें ही है प्यार।

 

होइहि सोइ जो राम रचि राखा शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of होइहि सोइ जो राम रचि राखा – Hoiahi soi jo Ram rachi rakha Idiom:

Introduction: “Hoiahi soi jo Ram rachi rakha” is an idiom deeply rooted in Indian culture and is often used when discussing fate and destiny. It is derived from a verse in the Ramcharitmanas and literally means “Whatever will happen, will happen as decided by Lord Ram.”

Meaning: The meaning of this idiom is that whatever happens in our life is pre-determined by God. It reminds us that we should accept everything that comes our way in life, whether it is good or bad.

Usage: This idiom is commonly used in situations when a person surrenders the events happening in their life to fate or destiny.

Example:

-> After all his efforts, when Abhay did not get the job, he said, “Whatever is destined by Lord Ram will happen.”

-> After doing everything possible for her son’s treatment, Lakshmi, trusting in God, said, “Whatever is destined by Lord Ram will happen.”

Conclusion: The idiom “Hoiahi soi jo Ram rachi rakha” teaches us that whatever happens in life is according to God’s will. It educates us to be patient and accept every situation in life. Therefore, we should continue our efforts but also accept the will of God.

Story of ‌‌Hoiahi soi jo Ram rachi rakha Idiom in English:

In a small village lived a farmer named Sudhir. Every year, Sudhir diligently cultivated his fields, hoping for a good harvest. One year, he worked exceptionally hard and took all the necessary steps to ensure a good crop. However, when it was time to harvest, a sudden flood destroyed everything.

Sudhir was deeply saddened. He thought all his hard work had gone in vain. But then, he composed himself and said, “What is destined by Lord Ram will indeed happen.” He understood that whatever happened was God’s will and that he should accept it.

Sudhir did not give up. He started to focus on his fields again with renewed energy. He began farming anew, and this time, he made every effort to learn from his past mistakes. Over time, his hard work paid off, and his fields yielded an abundant crop.

This event taught Sudhir that whatever we do in life ultimately depends on God’s will. He learned that we should always keep trying, but at the same time, we must have the patience and faith to accept whatever comes our way in life.

This story teaches us that the idiom “What is destined by Lord Ram will indeed happen” reminds us that we should continue our efforts but also accept God’s will.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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