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औने-पौने दामों पर निकालना अर्थ, प्रयोग(Aune-paune damon par nikalna)

“औने-पौने दामों पर निकालना” हिंदी भाषा का एक लोकप्रिय मुहावरा है, जिसका उपयोग आमतौर पर किसी वस्तु या संपत्ति को उसके वास्तविक मूल्य से कम दाम पर बेचने या निकालने के संदर्भ में किया जाता है।

परिचय: यह मुहावरा वित्तीय संकट या अन्य जरूरतों के कारण जब किसी व्यक्ति को अपनी चीजों को कम कीमत पर बेचना पड़ता है, तब प्रयोग किया जाता है। इसका अर्थ है कि बेचने वाला व्यक्ति अपनी चीज का उचित मूल्य नहीं प्राप्त कर पा रहा है।

अर्थ: “औने-पौने दामों पर निकालना” का सीधा अर्थ है किसी वस्तु को उसके वास्तविक मूल्य से कम कीमत पर बेच देना, अक्सर वित्तीय आवश्यकता या दबाव के कारण।

प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग आर्थिक संकट, अवसरवाद, या बाजार की अनिश्चितताओं के संदर्भ में किया जाता है। यह अक्सर उस स्थिति को दर्शाता है जहां व्यक्ति या व्यवसाय को अपने उत्पाद या संपत्ति को अनुकूल स्थितियों के बिना बेचना पड़ता है।

उदाहरण:

उदाहरण के तौर पर, मान लीजिए एक व्यक्ति पर बहुत अधिक कर्ज है और उसे अपनी जमीन औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ रही है, ताकि वह अपना कर्ज चुका सके।

निष्कर्ष: “औने-पौने दामों पर निकालना” मुहावरा हमें यह बताता है कि जीवन में कभी-कभी परिस्थितियाँ ऐसी बन जाती हैं कि हमें अपनी चीजों को उनके वाजिब मूल्य से कम में बेचना पड़ता है। यह हमें आर्थिक संयम और योजना की महत्ता का भी एहसास कराता है।

Hindi Muhavare Quiz

औने-पौने दामों पर निकालना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में प्रेमचंद्र नाम का एक किसान रहता था। प्रेमचंद्र बहुत मेहनती और ईमानदार था। उसकी छोटी सी खेती उसके परिवार के जीवनयापन का मुख्य साधन थी। लेकिन एक साल गाँव में भयंकर सूखा पड़ गया, और प्रेमचंद्र की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गईं।

फसलों के नुकसान से प्रेमचंद्र पर कर्ज का बोझ बढ़ता गया। उसे अपने परिवार की देखभाल करनी थी, और साथ ही अपना कर्ज भी चुकाना था। प्रेमचंद्र ने हर संभव कोशिश की, लेकिन वह कर्ज से उबर नहीं पाया। अंततः, उसे अपनी सबसे कीमती संपत्ति, अपनी खेती की जमीन को बेचने का फैसला करना पड़ा।

प्रेमचंद्र ने अपनी जमीन को बाजार में बेचने के लिए रखा, लेकिन सभी जानते थे कि वह मजबूर है। इसलिए, लोगों ने उसकी जमीन के लिए बहुत कम कीमत की पेशकश की। प्रेमचंद्र ने सोचा और समझा, लेकिन उसे अंततः अपनी जमीन औने-पौने दामों पर बेचनी पड़ी।

इस कहानी से हमें सीख मिलती है कि “औने-पौने दामों पर निकालना” एक ऐसी स्थिति है जहाँ व्यक्ति मजबूरी में अपनी कीमती चीजों को कम कीमत पर बेचता है। यह मुहावरा जीवन की उन कठिन परिस्थितियों को दर्शाता है जहाँ व्यक्ति को अपनी मजबूरी के आगे झुकना पड़ता है।

शायरी:

ज़िंदगी की बाज़ी में, कभी हार कभी जीत है,

मजबूरियों की राह में, हर कदम पर एक रीत है।

जिसने बेची खुद की धरती, औने-पौने दामों में,

उसकी आँखों में बसी, टूटे हुए ख्वाबों की शामें।

मिलती नहीं है ज़िंदगी, हर वक़्त वो मुकामों में,

कभी लगते हैं दिल को ठोकरें, औने-पौने दामों में।

बाज़ार की इस रीत को, कौन समझा है यारों,

दिल बेचा है लोगों ने, बस इक दो पैसों के प्यारों।

कहते हैं जो बाज़ार में, किस्मत का हिसाब होता,

औने-पौने दामों में, वही तो ख्वाब बिक जाता।

है ज़िंदगी की ये कहानी, जिसमें हर शख्स है मजबूर,

बाज़ार के इस खेल में, कभी ना बनो औने-पौने दामों का शिकार।

 

औने-पौने दामों पर निकालना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of औने-पौने दामों पर निकालना – Aune-paune damon par nikalna Idiom:

“Aune-paune damon par nikalna” is a popular Hindi idiom commonly used to refer to selling an item or property for less than its actual value.

Introduction: This idiom is typically used when someone has to sell their possessions at a lower price due to financial crisis or other necessities. It implies that the seller is unable to receive a fair value for their item.

Meaning: “Aune-paune damon par nikalna” literally means to sell an item for less than its actual worth, often due to financial necessity or pressure.

Usage: The idiom is used in the context of financial crises, opportunism, or market uncertainties. It often depicts a situation where an individual or a business must sell their product or property without favorable conditions.

Usage:

For instance, suppose a person has a significant amount of debt and needs to sell their land at a loss to pay off their debts.

Conclusion: The idiom “Aune-paune damon par nikalna” tells us that sometimes in life, circumstances force us to sell our belongings for less than their deserving value. It also highlights the importance of financial prudence and planning.

Story of ‌‌Aune-paune damon par nikalna Idiom in English:

In a small village, there lived a farmer named Premchandra. Premchandra was very hardworking and honest. His small farm was the main source of livelihood for his family. However, one year, a severe drought struck the village, and Premchandra’s crops were completely destroyed.

Due to the loss of crops, Premchandra became burdened with debt. He had to take care of his family and also pay off his debts. Premchandra tried every possible way, but he couldn’t overcome his financial crisis. Eventually, he had to make the decision to sell his most valuable asset, his farmland.

Premchandra put his land on the market for sale, but everyone knew he was desperate. Therefore, people offered very low prices for his land. Premchandra thought it over and understood his situation, but ultimately he had to sell his land at a much lower price than its worth.

This story teaches us that “Aune-paune damon par nikalna” is a situation where a person is forced to sell their valuable possessions at a lower price due to necessity. This idiom illustrates the difficult circumstances in life where a person has to bow down to their compulsions.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का उपयोग सामाजिक संदेश में हो सकता है?

हाँ, इस मुहावरे का उपयोग सामाजिक संदेश में व्यापक रूप से किया जा सकता है, जैसे किसी को धन्यवाद देते समय या किसी की अधिशेष मूल्यवान योजना की चर्चा में।

इस मुहावरे का उपयोग किस परिस्थिति में हो सकता है?

जब कोई व्यक्ति किसी वस्त्र, सामान, या सेवा को अधिशेष मूल्य पर खरीदने या बेचने के लिए धन्यवाद या आलोचना कर रहा हो, तो इस मुहावरे का उपयोग किया जा सकता है।

क्या होता है ‘औने-पौने दामों पर निकालना’ मुहावरा?

औने-पौने दामों पर निकालना’ एक मुहावरा है जिसका अर्थ होता है किसी चीज को बहुत ज्यादा कीमत पर बेचना या खरीदना।

क्या इस मुहावरे का कोई विरोधाभास है?

नहीं, इस मुहावरे का कोई विरोधाभास नहीं है, बल्कि यह व्यापक रूप से स्वीकृत है और उचित स्थितियों में प्रयुक्त हो सकता है।

इस मुहावरे का उपयोग व्यापारिक बातचीत में कैसे किया जा सकता है?

यदि कोई व्यापारी किसी सौदे में मुद्दा रहता है, तो उसे ‘औने-पौने दामों पर निकालना’ मुहावरे का उपयोग करके उस स्थिति को व्यक्त कर सकता है।

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