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चने के झाड़ पर चढ़ाना, अर्थ, प्रयोग(Chane ke jhad par chadhana)

अर्थ: किसी को अधिक महत्व देना या उसे अधिक प्रशंसा करना, जिसकी वह हकदार नहीं है। जब हम किसी व्यक्ति या चीज की अधिक तारीफ करते हैं जिसका वास्तविक में उतना महत्व नहीं होता, तो हम उसे “चने के झाड़ पर चढ़ाना” कहते हैं।

उदाहरण:

-> अभय अच्छा गाता है, पर अनुभव ने तो उसकी इतनी तारीफ की कि अभय को लगने लगा की उससे बड़ा गायक तो हो ही नहीं सकता। वास्तविकता में, अनुभव अभय को “चने के झाड़ पर चढ़ा रहा है”।

प्रयोग: यह मुहावरा वहां प्रयोग होता है जहां किसी की अनुचित तारीफ हो रही हो। यदि किसी को लगता है कि किसी व्यक्ति या चीज की अधिक तारीफ हो रही है जिसका वास्तव में उतना महत्व नहीं है, तो वह इस मुहावरे का प्रयोग कर सकता है।

विवरण: जब किसी को उसकी आवश्यकता से अधिक महत्व दिया जाता है, तो उसे उसकी स्थिति से ऊपर उठा दिया जाता है। चने का पेड़ छोटा होता है, और अगर कुछ को उस पर चढ़ा दिया जाए, तो वह उसके भार को सह नहीं पाएगा। इसी तरह से, जब किसी की अधिक प्रशंसा की जाती है, तो वह भी उस प्रशंसा का भार सह नहीं पाता।

निष्कर्ष: “चने के झाड़ पर चढ़ाना” मुहावरा उस स्थिति का प्रतीक है जब किसी की अनुचित तारीफ की जाती है। जब भी हम किसी की अधिक प्रशंसा करते हैं, हमें यह समझना चाहिए कि क्या हम वास्तविकता में उसे “चने के झाड़ पर चढ़ा रहे हैं”।

Hindi Muhavare Quiz

चने के झाड़ पर चढ़ाना मुहावरा पर कहानी:

अभय गांव में एक मध्यमवर्गीय परिवार में रहता था। वह गांव में अपनी अच्छी आवाज के लिए मशहूर था। एक दिन, गांव में मेला आया और अभय को गीत गाने का अवसर मिला।

अनुभव, अभय का प्रिय मित्र, उसकी प्रशंसा में कुछ अधिक ही खो गया। वह हर जगह घूम-घूमकर अभय की तारीफ में लगा रहा था। उसने अभय को बॉलीवुड के मशहूर गायकों से तुलना की और उसे गांव का सबसे बड़ा गायक बताया।

अभय की तारीफ में अनुभव ने इतना ज्यादा कह दिया कि गांववाले उसे बड़े शहर में संगीत प्रतियोगिता में भाग लेने की सलाह देने लगे। अभय ने अनुभव की बातों में आकर शहर की प्रतियोगिता में हिस्सा लिया।

लेकिन, जब वह वहां पहुंचा, तो उसने समझा कि वह अभी उस स्तर पर नहीं है जहां अनुभव ने उसे पहुंचा दिया था। बाकी प्रतिभागियों की तुलना में उसकी प्रस्तुति मध्यम थी। अभय निराश हो गया और समझ गया कि अनुभव ने उसे “चने के झाड़ पर चढ़ा दिया”।

अभय गांव वापस लौटा, और अनुभव से कहा, “तुम्हें मेरी सच्चाई समझनी चाहिए थी। अधिक प्रशंसा करके तुमने मुझे और मेरी क्षमता को समझा नहीं।”

अनुभव समझ गया कि अधिक प्रशंसा भी किसी के लिए अच्छी नहीं होती। उसने अपनी गलती मानी और अभय से माफी मांगी।

निष्कर्ष: हमें हमेशा यह समझना चाहिए कि अधिक प्रशंसा या किसी को अनुचित महत्व देना उसे उसकी असली स्थिति से ऊपर उठा देता है, जिससे वह भविष्य में निराशा महसूस कर सकता है।

शायरी:

चने के झाड़ पर चढ़ा कर देखा हमने,

मोहब्बत में जिसे, उसे फिर नीचे लाना था।

तारीफ की बहारों में, खो गया था वो जहां,

आँखों में आँसू, ज़ुबां पर मिस्रा लाना था।

जिसे समझा था सितारा, वो तो फ़क़त चिराग़ था,

दिल की गली में उसे, फिर से जगमगाना था।

 

चने के झाड़ पर चढ़ाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of चने के झाड़ पर चढ़ाना – Chane ke jhad par chadhana Idiom:

Meaning: To give someone undue importance or excessive praise that they do not deserve. When we overly compliment someone or something which in reality is not as significant, we say we are “lifting them onto a chickpea plant”.

Example:

-> Abhay sings well, but Anubhav praised him so much that Abhay started feeling he might be the best singer ever. In reality, Anubhav is just “lifting Abhay onto a chickpea plant”.

Usage: This idiom is used in scenarios where someone is being praised inappropriately. If someone feels that a person or thing is being overly praised beyond its actual significance, they can use this idiom.

Description: When someone is given more importance than they should get, they are elevated above their actual position. A chickpea plant is small, and if something is placed on it, it won’t bear the weight. Similarly, when someone is overly praised, they might not be able to handle the weight of that praise.

Conclusion: The idiom “lifting onto a chickpea plant” symbolizes situations where undue praise is being given. Whenever we excessively praise someone, we should realize if we are indeed “lifting them onto a chickpea plant”.

Story of ‌‌Chane ke jhad par chadhana Idiom in English:

Abhay lived in a village as part of a middle-class family. He was renowned in the village for his beautiful voice. One day, a fair came to the village, and Abhay got the opportunity to sing.

Anubhav, Abhay’s close friend, got overly carried away with praising him. He went around telling everyone about Abhay’s talent, comparing him to famous Bollywood singers and labeling him as the best singer of the village.

Anubhav’s excessive praise for Abhay reached such heights that the villagers suggested Abhay participate in a music competition in the big city. Taking Anubhav’s words to heart, Abhay decided to compete.

However, when he reached there, he realized that he wasn’t at the level Anubhav had elevated him to. Compared to other participants, his performance was mediocre. Disheartened, Abhay understood that Anubhav had “lifted him onto a chickpea plant.”

Upon returning to the village, Abhay said to Anubhav, “You should have understood my true capabilities. By overpraising, you failed to understand me and my potential.”

Anubhav realized that excessive praise isn’t beneficial. He acknowledged his mistake and apologized to Abhay.

Conclusion: We should always recognize that excessive praise or giving someone undue importance can elevate them beyond their actual capabilities, leading to potential disappointment in the future.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का कोई ऐतिहासिक संदर्भ है?

इस मुहावरे का सीधा कोई ऐतिहासिक संदर्भ नहीं है, बल्कि यह आम बोलचाल में प्रयुक्त होता है।

इस मुहावरे का उपयोग किस प्रकार से होता है?

यह मुहावरा अक्सर किसी कठिनाई या चुनौतीपूर्ण परिस्थिति का सामना करने के लिए उपयोग होता है।

क्या इस मुहावरे का विशेष उपयोग किसी क्षेत्र में होता है?

यह मुहावरा आमतौर पर व्यक्ति के सामाजिक या पेशेवर जीवन में होने वाली कठिनाइयों का

क्या इस मुहावरे का कोई सम्बंध पुरानी कहानियों से है?

नहीं, यह मुहावरा कोई पुरानी कहानी से नहीं आया है, बल्कि यह भाषा के अंदर से है।

इस मुहावरे का उपयोग किस प्रकार से वाक्य में हो सकता है?

इस मुहावरे को वाक्य में उपयोग करते समय कहा जा सकता है, “उसने नए कार्य में चने के झाड़ पर चढ़ाना तय किया है।”

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यह मुहावरा च से शुरू होने वाले मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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