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चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात, अर्थ, प्रयोग(Chaar din ki chandni phir andheri raat)

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परिचय: हिंदी भाषा अपने मुहावरों के लिए प्रसिद्ध है, और “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात” इसका एक सुंदर उदाहरण है। यह मुहावरा जीवन के अस्थायी सुख और उनके बाद आने वाले कठिन समय की ओर इशारा करता है।

अर्थ: “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात” मुहावरे का अर्थ है कि कुछ समय के लिए तो सुख-सुविधाएँ और अच्छे दिन आते हैं, लेकिन वे ज्यादा देर तक नहीं रहते और उनके बाद फिर से कठिनाईयां या दुःख का समय आता है।

प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ किसी को कुछ समय के लिए आनंद या सफलता मिलती है लेकिन वह स्थायी नहीं होती। जैसे किसी कंपनी में अचानक प्रमोशन मिलना और फिर कुछ समय बाद नौकरी से निकाल दिया जाना।

उदाहरण:

-> अनुज को जब उसकी नई नौकरी में प्रमोशन मिला, उसने खूब जश्न मनाया। लेकिन फिर अगले ही महीने उसकी नौकरी चली गई। वाकई, चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात।

-> अभय की लॉटरी लगने के बाद की खुशियाँ ज्यादा देर तक नहीं टिकीं, क्योंकि वह जल्दी ही अपना सारा पैसा खो बैठा। यह तो चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात ही हुआ।

निष्कर्ष: “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात” मुहावरा हमें सिखाता है कि जीवन में सुख-दुःख आते-जाते रहते हैं और हमें हर परिस्थिति में संतुलित और सजग रहना चाहिए। यह हमें याद दिलाता है कि स्थायी खुशियों की तलाश में हमें अस्थायी सफलता पर अधिक आश्रित नहीं होना चाहिए।

चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में सुभाष नाम का एक युवक रहता था। सुभाष एक साधारण किसान था, लेकिन उसके सपने बड़े थे। उसका हमेशा से यह सपना था कि वह धनवान बने और एक आरामदायक जीवन जिए।

एक दिन, सुभाष की किस्मत ने करवट ली और उसके खेत में बहुत बड़ी मात्रा में सोने की खदान मिली। उसने उसे एक बड़ी कंपनी को बेच दिया और रातों-रात अमीर बन गया। उसके गाँव में उसकी किस्मत की चर्चा होने लगी।

सुभाष ने उस धन से एक बड़ा घर खरीदा, महंगी गाड़ियाँ खरीदीं और ऐशो-आराम की जिंदगी जीने लगा। उसे लगा कि उसके सुख के दिन अब हमेशा के लिए आ गए हैं। लेकिन, कहते हैं ना, “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात।”

कुछ महीने बाद, उस कंपनी ने खदान की खुदाई में कुछ विशेष नहीं पाया और उसे बंद कर दिया। सुभाष ने अपने पैसे बड़े पैमाने पर फिजूलखर्ची में उड़ा दिए थे और निवेश नहीं किया था। धीरे-धीरे, उसकी सारी संपत्ति खत्म हो गई और वह फिर से उसी स्थिति में आ गया जहां से उसने शुरुआत की थी।

उसने महसूस किया कि जिंदगी में सुख के कुछ पल होते हैं, लेकिन वे हमेशा नहीं टिकते। उसे समझ आया कि सच्ची खुशियां और समृद्धि धैर्य, मेहनत और समझदारी से ही आती हैं।

निष्कर्ष:

सुभाष की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में उतार-चढ़ाव आते हैं। “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात” कहावत हमें याद दिलाती है कि कोई भी सुख क्षणिक होता है और हमें हर परिस्थिति में संयमित और समझदारी से काम लेना चाहिए।

शायरी:

चांदनी के इन चार दिनों में, दिल ने ख्वाब कई सजाए,

फिर अंधेरी रात ने धीरे से, यह दिखा दिया हमें सुनाए।

जिंदगी के इस मेले में, सबकी अपनी एक राह है,

खुशियों की यह चांदनी, बस एक मीठा फरेब है।

हमने सोचा था कि बदलेगी, ये किस्मत की अजब कहानी,

पर चांदनी बस चार दिनों की, यही है जिंदगी की निशानी।

जो आया है सो जाएगा, रुख हवाओं का बदलेगा,

चांदनी में नहाकर भी, हर शख्स रात में जलेगा।

दिल ने चाहा था जिसे, वह ख्वाब अब है बिखरा-बिखरा,

चांदनी के चार दिनों में, छुपा जीवन का सच्चा सिक्का।

 

चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात – Chaar din ki chandni phir andheri raat Idiom:

Introduction: The Hindi language is famous for its idioms, and “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात” is a beautiful example of this. This idiom points towards the temporary joys of life and the difficult times that follow.

Meaning: The meaning of the idiom “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात” is that for a while, comforts and good days come, but they do not last long, and after them, again comes a time of difficulties or sorrow.

Usage: This idiom is used in situations where someone experiences joy or success for a short time, but it is not permanent. For instance, suddenly getting a promotion in a company and then being laid off after some time.

Examples:

-> When Anuj got promoted in his new job, he celebrated a lot. But then, in the very next month, he lost his job. Truly, it was a case of “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात.”

-> The happiness of Abhay winning the lottery did not last long, as he soon lost all his money. It turned out to be “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात.”

Conclusion: The idiom “चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात” teaches us that joys and sorrows come and go in life, and we should remain balanced and vigilant in every situation. It reminds us that in the pursuit of lasting happiness, we should not become overly dependent on transient success.

Story of ‌Armaan Nikalna Idiom in English:

In a small village, there lived a young man named Subhash. Subhash was an ordinary farmer, but he had big dreams. He always dreamt of becoming wealthy and living a comfortable life.

One day, Subhash’s fortune turned, and he found a large gold mine in his field. He sold it to a large company and became rich overnight. His fortune became the talk of the village.

Subhash bought a big house with that wealth, purchased expensive cars, and started living a life of luxury. He thought his days of happiness would now last forever. But as they say, “A brief period of joy is followed by a long night of darkness.”

A few months later, the company found nothing special in the mine during excavation and shut it down. Subhash had squandered his money on extravagant spending and had not invested it. Gradually, all his wealth disappeared, and he found himself back where he had started.

He realized that life has its moments of happiness, but they don’t last forever. He understood that true happiness and prosperity come from patience, hard work, and wisdom.

Conclusion:

Subhash’s story teaches us that life is full of ups and downs. The saying “A brief period of joy is followed by a long night of darkness” reminds us that any happiness is transient, and we should act with restraint and wisdom in every situation.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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