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दूध के दाँत न टूटना, अर्थ, प्रयोग(Doodh ke dant na tutna)

हर भाषा में अनेक मुहावरे होते हैं जिनका प्रयोग भाषा को सुंदर और रुचिकर बनाता है। हिंदी में भी ऐसे अनेक मुहावरे हैं और इनमें से एक मुहावरा है “दूध के दाँत न टूटना”।

अर्थ: “दूध के दाँत न टूटना” मुहावरे का अर्थ है किसी के पास अनुभव या ज्ञान की कमी होना। जैसे बच्चे के दूध के दाँत टूटते हैं, उसी तरह से किसी व्यक्ति के जीवन में ज्ञान और अनुभव की वृद्धि होती है।

उदाहरण:

-> अमन को व्यवसाय के बारे में कुछ भी नहीं पता, उसके तो अभी “दूध के दाँत” भी नहीं टूटे।

-> अनीता नई-नई जॉब ज्वाइन की है, वह अभी अनुभवहीन है, उसके “दूध के दाँत” अभी टूटे नहीं।

निष्कर्ष: जब हम कहते हैं कि किसी के “दूध के दाँत नहीं टूटे”, तो इसका अभिप्रेत यह है कि वह व्यक्ति अनुभवहीन है और उसके पास ज्ञान की कमी है। इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर उस समय होता है जब हम किसी को उसकी अनुभवहीनता के कारण समझाते हैं।

आशा है कि आपको “दूध के दाँत न टूटना” मुहावरे का अर्थ और इसका प्रयोग समझ में आया होगा। इसी प्रकार के अन्य मुहावरों और उनकी व्याख्या के लिए budhimaan.com पर जाएं।

Hindi Muhavare Quiz

दूध के दाँत न टूटना मुहावरा पर कहानी:

अखिल एक छोटे शहर का रहने वाला युवक था। वह हाल ही में अपनी पढ़ाई पूरी करके व्यवसाय की दुनिया में कदम रखा था। उसकी आंखों में बड़े बड़े सपने थे और उसका मानना था कि वह बहुत जल्दी ही बड़ा व्यवसायी बन जाएगा।

एक दिन उसे एक बड़ा व्यापारिक सौदा सामने आया। बिना ज्यादा सोचे-समझे, उसने उस सौदे पर हाँ कह दी। वह समझता था कि उसकी ताज़ा पढ़ाई उसे हर समस्या का हल पाने में मदद करेगी।

लेकिन, जैसे-जैसे समय बढ़ा, उसे समझ में आने लगा कि व्यापार में सिर्फ पढ़ाई से ही सब कुछ नहीं होता। उस सौदे में कुछ ऐसी बातें थीं जिसका उसे पूरा अनुभव नहीं था। जब वह समझने लगा कि उसने बिना सोचे-समझे उस सौदे में कदम रख दिया, उसे अपनी अनुभवहीनता का अहसास हुआ।

एक दिन, जब उसने अपने दोस्त अनुज से अपनी समस्या का जिक्र किया, तो अनुज ने हंसते हुए कहा, “अखिल, तेरे तो अभी ‘दूध के दाँत’ भी नहीं टूटे और तू बड़े व्यापार में कदम रखना चाहता है।”

अखिल को समझ में आया कि सच में उसके पास अनुभव की भरपूर कमी थी। वह समझ गया कि पढ़ाई और असली जीवन का अनुभव अलग होता है। उसने ठान लिया कि वह पहले छोटे सौदों से शुरू करके अनुभव प्राप्त करेगा और फिर बड़े सौदों की ओर बढ़ेगा।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अनुभव और ज्ञान दोनों ही महत्वपूर्ण हैं, और हर किसी को अपने ‘दूध के दाँत’ टूटने देने चाहिए जिससे वह अधिक समझदार और अनुभवी हो सके।

शायरी:

दूध के दाँत अभी अदृश्य हैं मेरे,

जीवन की राहों में कुछ अनअनुभूत रहस्य।

अनुभव के पन्नों पर जब लिखा जाएगा इतिहास,

आंखों में आंसू होंगे, लेकिन होठों पर होगी मिठास।

जिसे समझते थे हम जीवन का खेल,

वह तो बस एक अदृश्य चाप था, जीवन की मिशेल।

जब समझ आएगी हर राज़ की बात,

तो समझेंगे कि जीवन है अधिक अद्भुत और अनुपम साथ।

 

दूध के दाँत न टूटना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of दूध के दाँत न टूटना – Doodh ke daant na tootna Idiom:

Every language has numerous idioms that beautify and enrich the language. Hindi also possesses many such idioms, and one among them is “Doodh ke daant na tootna”.

Introduction: The idiom “Doodh ke daant na tootna” translates to someone lacking experience or knowledge. Just as a child’s milk teeth fall out, similarly, an individual’s life sees a growth in knowledge and experience.

Usage:

-> Aman knows nothing about business; he hasn’t even shed his “milk teeth” yet.

-> Anita has just joined her new job; she is inexperienced, her “milk teeth” haven’t fallen out yet.

Conclusion: When we say someone hasn’t shed their “milk teeth”, it implies that the person is inexperienced and lacks knowledge. This idiom is typically used when we are explaining someone’s inexperience due to their lack of knowledge.

Hopefully, you now understand the meaning and usage of the idiom “Doodh ke daant na tootna”. For explanations of other similar idioms, visit budhimaan.com.

Story of ‌‌Doodh ke daant na tootna Idiom in English:

Akhil was a young man from a small town. He had recently completed his studies and stepped into the world of business. He had big dreams in his eyes and believed he would become a successful entrepreneur in no time.

One day, a significant business deal presented itself before him. Without much thought, he agreed to the proposal, thinking his recent education would help him navigate any challenge.

However, as time progressed, Akhil began to realize that knowledge from books alone wasn’t enough in the business world. There were aspects of the deal he wasn’t familiar with. As he came to the realization that he had impulsively jumped into this deal, he felt the weight of his inexperience.

One day, when he shared his concerns with his friend Anuj, Anuj laughed and said, “Akhil, your ‘milk teeth’ haven’t even fallen out yet, and here you are, trying to step into big business.”

Akhil understood that he indeed lacked practical experience. He realized the difference between academic knowledge and real-life experience. He resolved to start with smaller deals to gain experience before moving onto bigger ones.

This story teaches us that both experience and knowledge are crucial. Everyone should let their ‘milk teeth’ fall out to become wiser and more experienced.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

“दूध के दाँत न टूटना” मुहावरे की उत्पत्ति कैसे हुई?

यह मुहावरा शारीरिक विकास की प्रक्रिया से उत्पन्न हुआ है, जहाँ बच्चे के दूध के दाँत गिरने और स्थायी दाँत आने की प्रक्रिया को जीवन के अनुभव और परिपक्वता से जोड़ा गया है।

क्या “दूध के दाँत न टूटना” मुहावरे का इस्तेमाल किसी विशेष उम्र तक सीमित है?

नहीं, इस मुहावरे का इस्तेमाल किसी भी उम्र के व्यक्ति के लिए किया जा सकता है जब उसकी अनुभवहीनता या नवीनता को दर्शाना हो।

“दूध के दाँत न टूटना” और “अनुभवहीन होना” में क्या समानता है?

“दूध के दाँत न टूटना” और “अनुभवहीन होना” दोनों ही व्यक्ति की उस स्थिति को व्यक्त करते हैं जहाँ वह किसी क्षेत्र में नया होता है और उसे जीवन के उस पहलू में अधिक ज्ञान या अनुभव नहीं होता।

“दूध के दाँत न टूटना” मुहावरे का इस्तेमाल व्यक्तिगत विकास को कैसे प्रभावित कर सकता है?

यह मुहावरा व्यक्तिगत विकास की अवस्था को दर्शाता है और यह समझने में मदद करता है कि व्यक्ति के लिए सीखने और विकसित होने का अवसर है, यह दर्शाता है कि अनुभव प्राप्त करना और ज्ञान बढ़ाना जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

“दूध के दाँत न टूटना” मुहावरे का व्यावसायिक जीवन में क्या महत्व है?

व्यावसायिक जीवन में, “दूध के दाँत न टूटना” उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई नया कर्मचारी या व्यवसायी किसी क्षेत्र में अनुभवहीन होता है, जो उसे सीखने और विकसित होने की आवश्यकता को इंगित करता है।

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यह मुहावरा मानव शरीर के अंगों पर आधारित मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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