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कैंची की तरह जबान चलाना अर्थ, प्रयोग(Kainchi ki tarah jabaan chalana)

परिचय: “कैंची की तरह जबान चलाना” मुहावरा उन लोगों की आदतों का वर्णन करता है जो बिना सोचे-समझे या तेजी से बोलते हैं। यह उनकी बातचीत के तेज और अनियंत्रित स्वभाव को दर्शाता है।

अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि किसी व्यक्ति की जबान बहुत तेजी से और लगातार चलती है, ठीक उसी तरह जैसे कैंची काटते समय चलती है। यह आमतौर पर उन लोगों के लिए प्रयोग किया जाता है जो बिना विचार किए या बहुत तेजी से बोलते हैं।

प्रयोग: यह मुहावरा व्यंग्य या आलोचना के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। जब किसी व्यक्ति की बातचीत का ढंग अनुचित या हानिकारक माना जाता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग करके उसकी आदतों पर टिप्पणी की जा सकती है।

उदाहरण:

-> लक्ष्मी हमेशा कैंची की तरह जबान चलाती है, इसलिए उसके दोस्त उससे बचकर रहते हैं।

-> अगर आप कैंची की तरह जबान न चलाएं तो लोग आपकी बातों को अधिक ध्यान से सुनेंगे।

निष्कर्ष: “कैंची की तरह जबान चलाना” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि शब्दों का प्रयोग सोच-समझकर करना चाहिए। अनियंत्रित और तेजी से बोलना कई बार संबंधों में दरार डाल सकता है और इससे बचना चाहिए। यह मुहावरा हमें संयमित और विचारशील बोलने का महत्व समझाता है।

Hindi Muhavare Quiz

कैंची की तरह जबान चलाना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में एक युवक अमन रहता था। अमन को बोलने की आदत थी, और वह हमेशा कैंची की तरह जबान चलाता था। उसकी बातों का न तो सिर होता था और न ही पैर। वह बिना सोचे-समझे, तेजी से और लगातार बोलता रहता था।

एक दिन गाँव के सरपंच ने एक सभा का आयोजन किया। सभा में अमन भी उपस्थित था। सरपंच गाँव के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा कर रहे थे। लेकिन अमन को तो जैसे किसी बात की परवाह ही नहीं थी। वह बीच में ही बोल पड़ा और अपनी बातों से सभा का माहौल बिगाड़ दिया। उसकी बातें न केवल अनावश्यक थीं, बल्कि कुछ लोगों को तो वह अपमानजनक भी लगीं।

सरपंच और अन्य गाँववाले अमन से बेहद नाराज हुए। उन्होंने अमन को समझाया कि उसकी यह आदत न केवल उसे, बल्कि उसके परिवार और गाँव के लोगों के लिए भी परेशानी का कारण बन सकती है। अमन को एहसास हुआ कि उसकी बेतरतीब और तेज जबान ने उसे गाँव में अलोकप्रिय बना दिया था।

इस घटना के बाद, अमन ने अपनी आदत में सुधार करने का निश्चय किया। वह अब बोलने से पहले सोचता, समझता और फिर कुछ कहता। धीरे-धीरे, लोगों ने उसके इस बदलाव को सराहा और उसकी इज्जत करने लगे।

अमन की कहानी हमें सिखाती है कि “कैंची की तरह जबान चलाना” न केवल हमारे लिए, बल्कि हमारे आस-पास के लोगों के लिए भी हानिकारक हो सकता है। इसलिए, हमें अपने शब्दों का चुनाव सोच-समझकर करना चाहिए।

शायरी:

बातों की धार में, छुपा रखा है तूफान को,

कैंची की तरह चलाते हो जबान को।

हर लफ्ज़ में आग है, हर बात में तल्खी,

यूँ तेज न चलाओ, दिलों को न छलनी करो।

जो बोलो तो वजह हो, लबों पे तहज़ीब हो,

जबान की धार से, ना दिलों का कत्ल करो।

जो बातें बेधड़क, उड़ती फिरें आवारा सी,

याद रखो, लफ्ज़ जो छोड़ो, वापस नहीं आते।

सोच समझ के चलो, जबान की कैंची को,

हर बात नगीना है, जब दिल से निकलते हैं।

 

कैंची की तरह जबान चलाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of कैंची की तरह जबान चलाना – Kainchi ki tarah jabaan chalana Idiom:

Introduction: The idiom “Kainchi ki tarah jabaan chalana” describes the habits of people who speak without thinking or speak too quickly. It reflects the rapid and uncontrolled nature of their conversation.

Meaning: The direct meaning of this idiom is that a person’s tongue moves very quickly and continuously, just like scissors do when cutting. It is usually used for those who speak without thinking or speak very fast.

Usage: This idiom can be used in a satirical or critical context. When someone’s manner of speaking is considered inappropriate or harmful, this idiom can be used to comment on their habits.

Example:

-> Lakshmi always runs her tongue like scissors, which is why her friends avoid her.

-> If you don’t speak like scissors, people will listen to your words more attentively.

Conclusion: The idiom “Kainchi ki tarah jabaan chalana” teaches us that words should be used thoughtfully. Uncontrolled and rapid speaking can often cause rifts in relationships and should be avoided. This idiom highlights the importance of restrained and thoughtful speaking.

Story of ‌‌Kainchi ki tarah jabaan chalana Idiom in English:

In a small village lived a young man named Aman. Aman had a habit of speaking, and he always used to run his tongue like scissors. His words had neither head nor tail. He spoke without thinking, quickly, and continuously.

One day, the village head organized a meeting, and Aman was also present. The head was discussing important issues of the village. But Aman seemed to care about nothing. He interrupted and spoiled the atmosphere of the meeting with his words. His words were not only unnecessary but also offensive to some people.

The village head and other villagers were very angry with Aman. They explained to him that his habit could cause problems not only for him but also for his family and the villagers. Aman realized that his disorderly and rapid speech had made him unpopular in the village.

After this incident, Aman decided to improve his habit. He began to think and understand before speaking. Gradually, people appreciated this change in him and started respecting him.

Aman’s story teaches us that “Kainchi ki tarah jabaan chalana” can be harmful not only for us but also for those around us. Therefore, we should choose our words thoughtfully.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

यह मुहावरा किस भाषा से आया है?

यह मुहावरा हिंदी भाषा से आया है जिसका अर्थ है तेज़ और कटु भाषा में बातें करना।

इस मुहावरे का उपयोग किस परिस्थिति में होता है?

इसे उस समय का वर्णन करने के लिए किया जाता है जब कोई बहुत तेज़ और तुच्छ भाषा में बातें कर रहा हो।

“कैंची की तरह जबान चलाना” का मतलब क्या है?

कैंची की तरह जबान चलाना” का मतलब है किसी की जबान तेज़ और कटु होना।

क्या इस मुहावरे का उपयोग सकारात्मक रूप में किया जा सकता है?

हाँ, कभी-कभी यह मुहावरा तेज़ बुद्धिमता की स्थिति को व्यक्त करने के लिए भी इस्तेमाल हो सकता है।

कैसे किसी को “कैंची की तरह जबान चलाना” बताया जा सकता है?

यदि किसी की बातें तेज़ और अजीब तरीके से होती हैं, तो उसे “कैंची की तरह जबान चलाना” कहा जा सकता है।

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