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दंड कमंडल ग्रहण करना अर्थ, प्रयोग(Dand kamandal grhan karna)

परिचय: “दंड कमंडल ग्रहण करना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका प्रयोग प्रायः धार्मिक या आध्यात्मिक जीवन की ओर उन्मुख होने के संदर्भ में किया जाता है। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति सांसारिक जीवन से विरक्त होकर संन्यास या तपस्या की राह चुनता है।

अर्थ: “दंड कमंडल ग्रहण करना” का अर्थ है संन्यासी जीवन को अपनाना या आध्यात्मिक मार्ग पर चलने का निर्णय करना। यहाँ ‘दंड’ संन्यासी के हाथ में रहने वाली लकड़ी और ‘कमंडल’ पानी रखने का पात्र है, जो संन्यासी के जीवन के प्रतीक हैं।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति भौतिक जीवन से मोह भंग कर, आध्यात्मिक उन्नति की खोज में निकल पड़ता है।

उदाहरण:

-> साधु-संतों के जीवन में: महाराज जी ने जब युवावस्था में ही दंड कमंडल ग्रहण किया, तब से उन्होंने सांसारिक बंधनों को त्याग दिया।

-> आधुनिक संदर्भ में: विशाल ने अपनी सफल कॉर्पोरेट जिंदगी छोड़कर दंड कमंडल ग्रहण करने का निर्णय लिया और हिमालय में साधना में लीन हो गए।

निष्कर्ष: “दंड कमंडल ग्रहण करना” मुहावरा हमें बताता है कि जीवन में कभी-कभी आध्यात्मिक पथ पर चलने का महत्व होता है। यह मुहावरा व्यक्ति के आंतरिक परिवर्तन और उसके सांसारिक मोह से विरक्त होने की प्रक्रिया को दर्शाता है। यह हमें सिखाता है कि आत्मिक शांति और उच्चतर जीवन मूल्यों की खोज में भौतिक सुखों का त्याग करना पड़ता है।

Hindi Muhavare Quiz

दंड कमंडल ग्रहण करना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे शहर में विशाल नाम का एक युवक रहता था। विशाल एक सफल व्यवसायी था, जिसके पास धन और वैभव की कोई कमी नहीं थी। लेकिन, उसका मन हमेशा बेचैन रहता था। वह अक्सर सोचता कि जीवन में कुछ तो कमी है।

एक दिन, विशाल ने एक साधु से मुलाकात की। साधु ने उससे कहा, “बेटा, धन-दौलत से जीवन की सच्ची खुशी नहीं मिलती। आत्मा की शांति के लिए आध्यात्मिक पथ पर चलना होगा।” विशाल के मन में साधु के शब्द गूँज उठे।

उसने अपने व्यवसाय और वैभव को त्यागने का निश्चय किया और ‘दंड कमंडल ग्रहण’ करने का फैसला किया। विशाल ने अपनी संपत्ति दान कर दी और संन्यासी का जीवन अपना लिया। वह हिमालय की तरफ निकल पड़ा, जहाँ वह ध्यान और तपस्या में लीन हो गया।

वर्षों बाद, जब विशाल वापस लौटा, उसके चेहरे पर एक अलौकिक शांति थी। उसने अपने गांव के लोगों को आध्यात्मिकता का महत्व समझाया और कईयों को जीवन के उच्चतर मूल्यों की ओर प्रेरित किया।

निष्कर्ष:

विशाल की कहानी हमें बताती है कि ‘दंड कमंडल ग्रहण करना’ यानी सांसारिक जीवन से विरक्त होकर आध्यात्मिक पथ पर चलने का निर्णय एक व्यक्ति के जीवन को कैसे परिवर्तित कर सकता है। यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि जीवन में सच्ची खुशी और शांति आंतरिक संतोष और आत्म-अनुशासन से ही प्राप्त होती है।

शायरी:

संसार की इस भाग-दौड़ में, एक पल को ठहरा मैं,

‘दंड कमंडल ग्रहण’ कर, नया पथ चुना मैं।

धन-दौलत की चकाचौंध में, खोया था जो पहचान मेरी,

उसे छोड़, आध्यात्म की राह में, ढूँढा मैंने आनंद सच्ची।

जीवन की इस राह में, कई मोड़ आते हैं,

‘दंड कमंडल ग्रहण’ करने वाले, खुद को खोज पाते हैं।

भौतिक सुखों के मायाजाल से, जब तुम निकलोगे बाहर,

पाओगे तुम वह शांति, जो है आत्मा की असल सरकार।

संसार की इस दौड़ से, जब तुम अलग हो जाओगे,

‘दंड कमंडल ग्रहण’ कर, नई राहें खोल पाओगे।

 

दंड कमंडल ग्रहण करना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of दंड कमंडल ग्रहण करना – Dand kamandal grhan karna Idiom:

Introduction: “Dand kamandal grhan karna” is a common Hindi idiom, typically used in the context of turning towards a religious or spiritual life. This idiom illustrates the situation where an individual renounces worldly life to embark on a path of asceticism or penance.

Meaning: “Dand kamandal grhan karna” means to choose the life of an ascetic or to decide to follow a spiritual path. Here, ‘the staff’ is the wooden stick held by ascetics, and ‘the water pot’ is the vessel for carrying water, both symbolizing the life of an ascetic.

Usage: This idiom is used when a person breaks away from materialistic life and sets out in search of spiritual advancement.

Example:

-> In the Lives of Saints: “When Maharaj ji adopted the staff and water pot in his youth, he renounced all worldly ties.”

-> In a Modern Context: “Vishal decided to adopt the staff and water pot, leaving behind his successful corporate life, and became immersed in meditation in the Himalayas.”

Conclusion: The idiom “Dand kamandal grhan karna” tells us that sometimes it’s important to follow the spiritual path in life. It illustrates the process of internal transformation and detachment from worldly desires. It teaches us that in the pursuit of inner peace and higher life values, one may need to forsake material comforts.

Story of ‌‌Dand kamandal grhan karna Idiom in English:

In a small town, there lived a young man named Vishal. Vishal was a successful businessman with no shortage of wealth and luxury. However, his mind was always restless. He often thought that something was missing in his life.

One day, Vishal met a sage. The sage told him, “Son, true happiness in life cannot be found in wealth and riches. To find peace for the soul, one must follow the spiritual path.” The sage’s words resonated deeply with Vishal.

Vishal decided to renounce his business and wealth and chose to ‘adopt the staff and water pot,’ symbolizing the decision to lead an ascetic life. He donated his property and embraced the life of a hermit. Vishal then headed towards the Himalayas, where he immersed himself in meditation and penance.

Years later, when Vishal returned, his face radiated an extraordinary peace. He explained the importance of spirituality to the people of his village and inspired many to seek higher values in life.

Conclusion:

Vishal’s story illustrates how the decision to ‘adopt the staff and water pot,’ meaning to detach oneself from worldly life and follow a spiritual path, can transform a person’s life. The story also teaches us that true happiness and peace in life come from inner contentment and self-discipline.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या यह मुहावरा केवल किसी कार्रवाई को स्वीकार करने के लिए ही होता है?

नहीं, “दंड कमंडल ग्रहण करना” का प्रयोग अक्सर किसी जिम्मेदारी या दायित्व को स्वीकार करने के लिए भी होता है।

यह मुहावरा किस विषय पर आमतौर पर उपयोग में लाया जाता है?

यह मुहावरा अधिकतर किसी कार्रवाई को स्वीकार करने या उस पर जिम्मेदारी लेने के संदर्भ में प्रयोग में लाया जाता है।

क्या है “दंड कमंडल ग्रहण करना” का अर्थ?

“दंड कमंडल ग्रहण करना” का अर्थ है किसी कार्रवाई को स्वीकारना या उसकी जिम्मेदारी लेना।

क्या “दंड कमंडल ग्रहण करना” का अर्थ हर बार एक समान होता है?

नहीं, इस मुहावरे का अर्थ विभिन्न परिस्थितियों और संदर्भों के अनुसार बदल सकता है।

क्या इस मुहावरे का कोई उपयोग समाज में होता है?

हां, यह मुहावरा सामाजिक प्रशासन, कानूनी प्रक्रिया या नैतिक मूल्यों के संदर्भ में उपयोगी होता है।

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