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सूली पर जान लटकना अर्थ, प्रयोग (Sooli par jaan latakna)

परिचय: हिंदी मुहावरे अक्सर जीवन की गहराईयों और जटिलताओं को व्यक्त करने का एक अनूठा माध्यम होते हैं। “सूली पर जान लटकना” एक ऐसा ही मुहावरा है जो अत्यंत कठिनाई या संकट की स्थिति को दर्शाता है।

अर्थ: “सूली पर जान लटकना” का अर्थ है बहुत ही कठिन और जोखिम भरी स्थिति में होना। यह उस स्थिति को दर्शाता है जहाँ व्यक्ति की जान को खतरा हो या वह किसी बड़े संकट में फंसा हो।

प्रयोग: यह मुहावरा उन परिस्थितियों में प्रयोग किया जाता है जहाँ व्यक्ति को लगता है कि उसके जीवन में बड़ा संकट आ चुका है और उसका बच पाना मुश्किल है।

उदाहरण:

-> विनीत ने जब अपना सारा पैसा एक व्यवसाय में लगा दिया और वह व्यवसाय घाटे में चला गया, तो उसकी स्थिति “सूली पर जान लटकने” जैसी हो गई।

निष्कर्ष: “सूली पर जान लटकना” मुहावरा हमें सिखाता है कि जीवन में कठिन समय आ सकता है जब हमें लग सकता है कि हम सूली पर लटक रहे हैं। लेकिन, इससे यह भी सीखने को मिलता है कि धैर्य और साहस के साथ कठिन समय का सामना करना चाहिए।

सूली पर जान लटकना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में प्रेमचंद्र नाम का एक किसान रहता था। प्रेमचंद्र का जीवन सामान्य रूप से बीत रहा था, लेकिन एक वर्ष अत्यधिक सूखे की स्थिति ने उसके जीवन में विपत्ति ला दी। उसकी फसलें सूख गईं, और वह अपने परिवार का पेट पालने के लिए कर्ज में डूब गया।

प्रेमचंद्र ने सोचा कि वह इस संकट से उबर जाएगा, लेकिन जल्द ही उसे एहसास हुआ कि उसकी स्थिति “सूली पर जान लटकने” जैसी हो गई है। कर्जदार हर दिन उसके दरवाजे पर दस्तक देते, और उसके पास उन्हें चुकाने का कोई तरीका नहीं था।

प्रेमचंद्र की स्थिति गाँव में सभी के लिए चिंता का विषय बन गई। लेकिन तभी, गाँव के कुछ लोगों ने आगे आकर उसकी मदद करने का निर्णय लिया। उन्होंने प्रेमचंद्र को न केवल कर्ज से उबरने में मदद की, बल्कि उसे खेती के लिए नई तकनीकें और साधन भी प्रदान किए ताकि वह भविष्य में ऐसी स्थिति का सामना न करे।

धीरे-धीरे प्रेमचंद्र की स्थिति में सुधार हुआ, और उसने अपने जीवन में आई इस कठिनाई से सीख ली।

निष्कर्ष:

प्रेमचंद्र की कहानी हमें यह सिखाती है कि “सूली पर जान लटकना” जैसी स्थिति में भी, समुदाय की मदद और अपने आत्मविश्वास से हम किसी भी संकट का सामना कर सकते हैं। यह मुहावरा हमें यह भी याद दिलाता है कि जीवन में कठिन समय में धैर्य और संघर्ष के महत्व को कभी नहीं भूलना चाहिए।

शायरी:

सूली पर भी जब जान लटकती है, दिल में आस की लौ जलती है,

जीवन की इस कड़ी धूप में, हर मुश्किल से लड़ने की चाहत बलती है।

घने अंधेरों में भी रोशनी की एक किरण दिखती है,

जहाँ उम्मीद की डोरी से, हर डर की दीवार रुकती है।

जिंदगी के इस सफर में, सूली पर भी जान टिकती है,

उसी अंधेरे में जाने क्यों, उम्मीद की रोशनी फिर से लिखती है।

कहते हैं जो लड़ जाए उसी के, कदमों में जहान होता है,

सूली पर जो जान लटकाए, उसी का तो फिर से आसमान होता है।

 

सूली पर जान लटकना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of सूली पर जान लटकना – Sooli par jaan latakna Idiom:

Introduction: Hindi idioms often serve as a unique medium to express the depths and complexities of life. “Sooli Par Jaan Latkana” is one such idiom that depicts a situation of extreme difficulty or crisis.

Meaning: “Sooli Par Jaan Latkana” translates to being in a very difficult and risky situation. It represents a scenario where a person’s life is in danger, or they are caught in a major crisis.

Usage: This idiom is used in situations where an individual feels that they are facing a significant crisis in their life, making it difficult for them to survive.

Example:

-> When Vineet invested all his money in a business, and it went into loss, his situation became like “hanging by a thread on the gallows.”

Conclusion: The idiom “Sooli Par Jaan Latkana” teaches us that hard times can come in life when we may feel as if we are hanging on the gallows. However, it also teaches us that we should face tough times with patience and courage.

Story of ‌‌Sooli Par Jaan Latkana Idiom in English:

In a small village lived a farmer named Premchandra. His life was going on normally, but one year, a severe drought brought calamity into his life. His crops dried up, and he found himself drowning in debt to provide for his family.

Premchandra thought he would overcome this crisis, but soon realized his situation had become like “hanging on the gallows.” Debt collectors knocked on his door daily, and he had no way to pay them back.

Premchandra’s predicament became a matter of concern for everyone in the village. However, some villagers decided to step forward and help him. They not only assisted Premchandra in overcoming his debt but also provided him with new techniques and resources for farming so that he wouldn’t face such a situation in the future.

Gradually, Premchandra’s situation improved, and he learned from the hardship he faced in his life.

Conclusion:

Premchandra’s story teaches us that even in situations as dire as “hanging on the gallows,” help from the community and our own self-confidence can help us face any crisis. This idiom also reminds us never to forget the importance of patience and perseverance during tough times in life.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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