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दांतों में जीभ सा रहना अर्थ, प्रयोग(Danto mein jeebh sa rahna)

परिचय: “दांतों में जीभ सा रहना” मुहावरा दो मौलिक अंगों, दांत और जीभ के संबंध को उजागर करता है। जीभ बेहद संवेदनशील होती है और दांत कठोर होते हैं। इस मुहावरे का प्रयोग ऐसी स्थितियों में होता है जहां संयम और सावधानी की आवश्यकता होती है।

अर्थ: “दांतों में जीभ सा रहना” का अर्थ है किसी स्थिति या परिस्थिति में अत्यंत सावधान और संयमित रहना। यह दर्शाता है कि किसी भी परिस्थिति में विवेकपूर्ण और सोच-समझकर कार्य करना चाहिए।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां व्यक्ति को अपने शब्दों और क्रियाओं पर विशेष ध्यान देना पड़ता है, खासकर तब जब थोड़ी सी भी असावधानी बड़ी समस्या का कारण बन सकती है।

उदाहरण:

एक उदाहरण के तौर पर, यदि कोई व्यक्ति अपने बॉस के साथ बात कर रहा हो और उसे अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना हो, तब वह “दांतों में जीभ सा रहना” का अनुसरण कर रहा होता है।

निष्कर्ष: इस प्रकार, “दांतों में जीभ सा रहना” मुहावरा एक महत्वपूर्ण जीवन शिक्षा देता है कि हमें हमेशा सोच-समझकर और संयमित तरीके से काम करना चाहिए, विशेषकर उन परिस्थितियों में जहां हमारे शब्द और क्रियाएँ महत्वपूर्ण परिणाम ला सकते हैं।

Hindi Muhavare Quiz

दांतों में जीभ सा रहना मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में अनुभव नाम का एक युवक रहता था। अनुभव बहुत ही सरल और ईमानदार था, लेकिन उसकी एक समस्या थी – वह बिना सोचे-समझे बोल दिया करता था। इस कारण वह कई बार मुश्किल में पड़ जाता।

गाँव में एक बड़े जमींदार थे, जिनका नाम था रामलाल। रामलाल बहुत ही कठोर और गुस्सैल प्रकृति के थे। एक दिन गाँव में किसी ने रामलाल के खेतों में आग लगा दी। गुस्से में आकर रामलाल ने गाँव के सभी युवकों को बुलाया और पूछताछ शुरू की।

अनुभव भी वहाँ पहुंचा। उसके मन में रामलाल के प्रति बहुत गुस्सा था, क्योंकि रामलाल ने कई बार गाँव वालों के साथ अन्याय किया था। लेकिन अनुभव के पिता ने उसे समझाया था, “बेटा, ‘दांतों में जीभ सा रहना’ जरूरी होता है। तुम्हें अपने शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए।”

अनुभव ने पिता की बातों को याद करते हुए, अपनी भावनाओं पर काबू रखा और शांत रहा। उसने रामलाल से विनम्रता से बात की और अपनी निर्दोषता साबित की। रामलाल ने उसकी बातों को समझा और उसे छोड़ दिया।

उस दिन अनुभव को समझ आ गया कि “दांतों में जीभ सा रहना” का महत्व क्या होता है। उसने सीखा कि किसी भी स्थिति में सोच-समझकर बोलना और संयम रखना कितना आवश्यक है। उसके बाद से, अनुभव ने हमेशा अपने शब्दों और क्रियाओं पर विचार करने की आदत डाल ली।

इस प्रकार, अनुभव की कहानी हमें यह सिखाती है कि हर स्थिति में सोच-समझकर और संयमित तरीके से कार्य करना चाहिए, खासकर उन परिस्थितियों में जहां हमारे शब्द और क्रियाएँ महत्वपूर्ण परिणाम ला सकते हैं।

शायरी:

जुबान पर लाकर बात, फिर भी खामोशी संजोई है,

‘दांतों में जीभ सा रहना’, ये कला हमने खोई है।

शब्दों की तलवार से, कई दिल जख्मी होते हैं,

संयम रख, बोलने से पहले, ख्यालों में डूबे होते हैं।

गुस्से में बिखरे हुए लफ्ज़, बादलों की गरज की तरह,

सोच समझ कर बोलना, बारिश की बूंदों सी फुहार है।

हर लफ्ज़ में छुपा एक जहाँ, हर मौन में एक कहानी,

जीभ का दांतों में रहना, जैसे दरिया की रवानी।

इस दुनिया में बातें तो बहुत होती हैं, अफवाहों की तरह,

पर ‘दांतों में जीभ सा रहना’, वो हुनर जो खुदा ने बख्शा हर इंसान को।

 

दांतों में जीभ सा रहना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of दांतों में जीभ सा रहना – Danto mein jeebh sa rahna Idiom:

Introduction: The idiom “दांतों में जीभ सा रहना” highlights the relationship between two fundamental parts of the body, the teeth and the tongue. The tongue is extremely sensitive, while the teeth are hard. This idiom is used in situations where restraint and caution are necessary.

Meaning: The meaning of “दांतों में जीभ सा रहना” is to be extremely cautious and composed in a situation or circumstance. It suggests that one should act prudently and thoughtfully in any given situation.

Usage: This idiom is often used in circumstances where an individual needs to pay special attention to their words and actions, especially when a slight carelessness could cause significant problems.

Example:

For instance, if a person is talking to their boss and needs to choose their words carefully, then they are following the principle of “दांतों में जीभ सा रहना.”

Conclusion: Thus, the idiom “दांतों में जीभ सा रहना” imparts an important life lesson that we should always act thoughtfully and with restraint, particularly in situations where our words and actions can have significant consequences.

Story of ‌‌Danto mein jeebh sa rahna Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a young man named Anubhav. Anubhav was very simple and honest, but he had one problem – he would often speak without thinking. This habit often landed him in trouble.

In the village, there was a powerful landlord named Ramlal, who was very stern and short-tempered. One day, someone set fire to Ramlal’s fields. In anger, Ramlal called all the young men of the village for questioning.

Anubhav too arrived there. He harbored a lot of anger towards Ramlal, as Ramlal had often been unjust to the villagers. However, Anubhav’s father had advised him, “Son, it’s important to ‘be as cautious as the tongue among teeth.’ You should choose your words carefully.”

Remembering his father’s words, Anubhav controlled his emotions and remained calm. He spoke politely to Ramlal and proved his innocence. Ramlal understood his words and let him go.

That day, Anubhav realized the importance of the idiom “दांतों में जीभ सा रहना” (to be as cautious as the tongue among teeth). He learned the necessity of speaking thoughtfully and maintaining restraint in any situation. From then on, Anubhav always made it a habit to reflect on his words and actions.

Thus, Anubhav’s story teaches us that we should always act thoughtfully and with restraint in every situation, especially in circumstances where our words and actions can have significant consequences.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का कोई विलोम शब्द है?

 हां, इस मुहावरे का विलोम शब्द है “बेखौफ होकर बोलना”, “आवाज उठाना”, या “डटकर बात करना”।

इस मुहावरे का इस्तेमाल किन परिस्थितियों में किया जाता है?

यह मुहावरा किसी ताकतवर व्यक्ति के सामने कमजोर व्यक्ति की दशा बताने के लिए, दबाव या धमकी के कारण चुप रहने की मजबूरी को व्यक्त करने के लिए, या किसी गलती को छिपाने के लिए चुप रहने की स्थिति को दर्शाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है।

इस मुहावरे का मतलब क्या होता है?

“दांतों में जीभ सा रहना” का मतलब है डर के मारे बोल न पाना, अपनी राय न रख पाना। यह तब होता है जब कोई व्यक्ति किसी से या किसी स्थिति से इतना डरता है कि बोलने की हिम्मत ही नहीं जुटा पाता।

क्या यह मुहावरा सकारात्मक या नकारात्मक है?

यह मुहावरा नकारात्मक है क्योंकि यह डर और चुप्पी को दर्शाता है। हालांकि, कुछ स्थितियों में इसे सकारात्मक रूप से भी लिया जा सकता है, जैसे कि दूसरों की रक्षा के लिए चुप रहना।

इस मुहावरे का उलट उदाहरण क्या हो सकता है?

एक उलट उदाहरण यह हो सकता है कि कोई सत्ता के खिलाफ गलत का विरोध करने के लिए खुलकर बोलता है, तब उस बारे में कहा जा सकता है कि वह “दांतों में जीभ नहीं रखता”।

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