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आस्तीन का साँप, अर्थ, प्रयोग(Aasteen ka saanp)

"आस्तीन का साँप मुहावरा", "आस्तीन में साँप की चित्र", "विश्वास और धोखा का प्रतीक"

भारतीय साहित्य में मुहावरों का महत्वपूर्ण स्थान है। मुहावरे हमारी भाषा को सजावती और प्रभावशाली बनाते हैं। ‘आस्तीन का साँप’ भी ऐसा ही एक अद्वितीय मुहावरा है जिसे आज भी लोग अपने जीवन में प्रयोग करते हैं।

अर्थ: ‘आस्तीन का साँप’ मुहावरे का अर्थ होता है किसी व्यक्ति को अधिक विश्वास करना, जिससे वह व्यक्ति धोखा दे सकता है। जैसे साँप आस्तीन में छिपा होता है और जब उसका मन करता है वह डस सकता है, ठीक वैसे ही किसी विश्वस्त व्यक्ति से धोखा खाना।

उदाहरण:

“मैंने कभी नहीं सोचा था कि राज इतना बड़ा धोखा देगा, वाकई, वह तो ‘आस्तीन का साँप’ निकला।”

प्रयोग: अगर कोई व्यक्ति आपके विश्वास का दुरुपयोग कर रहा है, तो आप उसे ‘आस्तीन का साँप’ कह सकते हैं। इस मुहावरे का प्रयोग विशेष रूप से उन स्थितियों में होता है जब किसी अपने व्यक्ति से असहमति या धोखा होता है।

निष्कर्ष: मुहावरे ‘आस्तीन का साँप’ का प्रयोग विशेष रूप से उन व्यक्तियों के लिए होता है जो अपने ही लोगों से धोखा खाते हैं। यह हमें यह सिखाता है कि हमें अपने विश्वास को सही जगह पर लगाना चाहिए और सभी पर अंधा विश्वास नहीं करना चाहिए।

आस्तीन का साँप मुहावरा पर कहानी:

राम और श्याम गाँव के दो अच्छे दोस्त थे और दोनों एक-दूसरे पर पूरा विश्वास करते थे।

राम ने अपनी जमीन बेचकर कुछ पैसे जमा किए और उस पैसे को अच्छी तरह से छिपाकर अपने घर में रख दिया। वह पैसा राम के लिए बहुत महत्वपूर्ण था, क्योंकि उसे उस पैसे से अपनी बहन की शादी करनी थी।

एक दिन राम ने श्याम को अपने घर बुलाया और उसे अपनी जमा पूंजी दिखाई। राम ने श्याम से कहा, “तुम मेरे सबसे अच्छे दोस्त हो, इसलिए मैं तुम्हें यह सब दिखा रहा हूँ।” श्याम ने वादा किया कि वह इस बारे में किसी को नहीं बताएगा।

लेकिन कुछ ही दिनों में, राम की जमा पूंजी गायब हो गई। उसने अपने सारे गाँव के लोगों से पूछा, लेकिन उसे इसका कोई सुराग नहीं मिला। फिर वह अपने ही दोस्त श्याम पर शक करने लगा।

जब उसने श्याम के घर जांच की, तो उसने अपनी जमा पूंजी वहीं पाई। राम को बहुत दुःख हुआ जानकर कि उसका सबसे अच्छा दोस्त ही उसकी जमा पूंजी चुरा ले गया था।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी व्यक्ति जिस पर हम सबसे अधिक विश्वास करते हैं, वही हमें धोखा दे सकता है, जैसे कि ‘आस्तीन का साँप’।

शायरी:

आस्तीन का साँप समझा उसे, वफा की तलाश में।

विश्वास की राहों में चला, धोखा पाया पास में।

दोस्ती की मीठास में छुपा, ज़हर का प्याला था।

जिस पर मर्म की उम्मीद थी, वही आख़िर दगा देनेवाला था।

 

आस्तीन का साँप शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of आस्तीन का साँप – Aasteen ka Saanp Idiom:

In Indian literature, idioms hold a significant place. They beautify and intensify our language. ‘Aasteen ka Saanp’ is one such unique idiom that is still used by people in their daily lives.

Meaning:  The idiom ‘Aasteen ka Saanp’ translates to “Snake in the Sleeve.” It denotes trusting someone excessively who might betray in return. Just as a snake can be hidden in a sleeve and can bite when it wishes, similarly one can be betrayed by someone they trust.

Examples:

“I never thought Raj would deceive me so profoundly; he truly turned out to be a ‘Snake in the Sleeve.'”

Example: If someone is misusing your trust, you can refer to them as ‘Aasteen ka Saanp’ or “Snake in the Sleeve.” This idiom is particularly used in situations where there’s disagreement or betrayal from a close or trusted individual.

Conclusion: The idiom ‘Aasteen ka Saanp’ or “Snake in the Sleeve” is majorly used for those individuals who are betrayed by their own. It teaches us that we should place our trust wisely and not blindly trust everyone.

Story of ‌‌Aasteen ka Saanp Idiom in English:

Ram and Shyam were two good friends from the village and they trusted each other completely.

Ram sold some of his land and saved up a sum of money which he hid securely in his house. This money was of great significance to Ram as he intended to use it for his sister’s wedding.

One day, Ram invited Shyam to his house and showed him the saved money. Ram said to Shyam, “You are my best friend, which is why I am showing you this.” Shyam promised that he would not tell anyone about it.

However, in just a few days, Ram’s savings went missing. He inquired with everyone in the village, but couldn’t find any clue. He then started suspecting his very own friend, Shyam.

Upon investigating Shyam’s house, he found his savings there. Ram was deeply saddened to realize that his closest friend had stolen his savings.

From this story, we learn that sometimes the person we trust the most can betray us, much like the “Snake in the Sleeve”.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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