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पहले मारे सो मीर अर्थ, प्रयोग (Pahle mare so meer)

परिचय: “पहले मारे सो मीर” भारतीय समाज में प्रचलित एक पुराना मुहावरा है। यह मुहावरा रणनीति, युद्ध कौशल, और तत्परता के महत्व पर जोर देता है।

अर्थ: “पहले मारे सो मीर” का शाब्दिक अर्थ है कि जो पहले हमला करता है, वही विजयी होता है। इस मुहावरे का उपयोग यह बताने के लिए होता है कि प्रतिस्पर्धा या संघर्ष की स्थिति में, पहले कदम उठाने वाले को ही अक्सर लाभ होता है।

प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर रणनीति, व्यापार, खेल, या जीवन की अन्य प्रतिस्पर्धी स्थितियों में प्रयोग किया जाता है। यह सक्रियता और आक्रामकता के महत्व को दर्शाता है।

उदाहरण:

-> शतरंज के खेल में, अक्सर “पहले मारे सो मीर” की नीति काम आती है।

-> व्यापार में भी यही सिद्धांत लागू होता है, “पहले मारे सो मीर” – जो पहले बाजार में उतरता है, उसे ही अधिक लाभ होता है।

निष्कर्ष: “पहले मारे सो मीर” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता पाने के लिए पहल करना और समय रहते आगे बढ़ना महत्वपूर्ण है। यह हमें प्रतिस्पर्धा में सजग और आक्रामक रहने की प्रेरणा देता है, साथ ही यह भी बताता है कि सही समय पर सही कदम उठाना कितना आवश्यक है।

Hindi Muhavare Quiz

पहले मारे सो मीर मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में दो साहसी युवक नियांत और अमन रहते थे। दोनों ही कुश्ती के शौकीन थे और अक्सर गाँव के अखाड़े में कुश्ती करते नजर आते थे। नियांत बहुत ही शक्तिशाली और ताकतवर था, लेकिन अमन उससे कम ताकतवर होते हुए भी बहुत चतुर और तेज़ था।

एक दिन गाँव में बड़ी कुश्ती प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। नियांत और अमन दोनों ही इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले थे। नियांत अपनी ताकत पर बहुत घमंड करता था और उसे पूरा विश्वास था कि वह आसानी से अमन को हरा देगा।

प्रतियोगिता के दिन, जब नियांत और अमन का मुकाबला हुआ, तो नियांत ने धीरे-धीरे और आत्मविश्वास से कुश्ती शुरू की। लेकिन अमन ने बिना कोई समय गवाएं तुरंत हमला बोल दिया और चालाकी से नियांत को चित कर दिया।

अमन की इस जीत ने सभी को चौंका दिया। अमन ने साबित कर दिया कि “पहले मारे सो मीर” – जो पहले हमला करता है, वही अंत में विजयी होता है। नियांत ने इससे सीखा कि केवल ताकत ही काफी नहीं होती, बल्कि सही समय पर सही कदम उठाना भी जरूरी है।

इस कहानी से हमें “पहले मारे सो मीर” मुहावरे का महत्व समझ में आता है। यह हमें बताता है कि जीवन के हर क्षेत्र में, चाहे वह खेल हो या व्यापार, समय रहते सक्रियता और तत्परता दिखाना कितना महत्वपूर्ण है।

शायरी:

जीवन की इस बाजी में, हर कदम पर बाज़ीगरी है,

“पहले मारे सो मीर”, यही तो जीत की तयारी है।

जो चले पहले कदम, उसी का नाम अमर होता है,

हर चाल में बाजी मारने का, यही तो हुनर होता है।

देरी से चलने वाले, अक्सर पीछे रह जाते हैं,

“पहले मारे सो मीर” वाले, इतिहास बनाते हैं।

जो दिखाए तेजी और चतुराई, वही सितारे बन जाते हैं,

हर जंग में पहले चलने वाले, असली बाजीगर कहलाते हैं।

जिंदगी के मैदान में, जो सोचे और रुके नहीं,

“पहले मारे सो मीर”, जो दिखाए जज्बा भी।

जीत उसी की होती है, जो खेले दिल से,

पहले चलने की उस कला में, जीत का जश्न छुपा होता है।

 

पहले मारे सो मीर शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of पहले मारे सो मीर – Pahle mare so meer Idiom:

Introduction: “पहले मारे सो मीर” is an old idiom prevalent in Indian society. It emphasizes the importance of strategy, martial skill, and readiness.

Meaning: The literal meaning of “पहले मारे सो मीर” is that the one who attacks first is the victor. This idiom is used to convey that in situations of competition or conflict, often the one who takes the first step gains an advantage.

Usage: This idiom is frequently used in strategy, business, sports, or other competitive situations in life. It highlights the importance of being proactive and aggressive.

Example:

-> In the game of chess, the strategy of “पहले मारे सो मीर” often comes in handy.

-> The same principle applies in business, “पहले मारे सो मीर” – the one who enters the market first usually gains more benefits.

Conclusion: The idiom “पहले मारे सो मीर” teaches us that taking the initiative and moving forward in time is important for success in any field. It inspires us to be alert and aggressive in competition and also indicates how crucial it is to take the right step at the right time.

Story of ‌‌Pahle mare so meer Idiom in English:

In a small village, there lived a young man named Aman. Aman was very talented, but he had one problem – his handwriting was very poor. Whenever he wrote something, his words were so unclear that nobody could read them properly.

One day, a big competition was organized in the village. Aman also participated and wrote an article. His article was excellent in terms of ideas, but his handwriting was so bad that the judges had a hard time reading it.

When the judges told Aman about his handwriting, he laughed and said, “Only God can read what I write, खुद लिखे खुदा बांचे.” Hearing this, everyone laughed.

After this incident, Aman decided to improve his handwriting. He realized that no matter how good the ideas are, if they are not expressed clearly, their importance diminishes.

This story teaches us that expressing our thoughts clearly and beautifully is as important as having good ideas. The idiom “खुद लिखे खुदा बांचे” teaches us this very lesson.

In a small village, there were two courageous youths named Niyant and Aman. Both were fond of wrestling and often seen wrestling in the village arena. Niyant was very strong and powerful, but Aman, though less powerful, was very clever and quick.

One day, a major wrestling competition was organized in the village. Both Niyant and Aman were to participate in this competition. Niyant, proud of his strength, was confident that he would easily defeat Aman.

On the day of the competition, when Niyant and Aman faced off, Niyant started wrestling slowly and confidently. However, Aman immediately attacked without wasting any time and cleverly pinned Niyant down.

Aman’s victory surprised everyone. Aman proved that “पहले मारे सो मीर” – the one who attacks first is the ultimate victor. Niyant learned from this that mere strength is not enough; it is also essential to take the right step at the right time.

This story helps us understand the significance of the idiom “पहले मारे सो मीर.” It teaches us that in every sphere of life, whether it’s sports or business, it is crucial to show proactivity and readiness in time.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या यह मुहावरा केवल हिंदी भाषा में है?

हां, “पहले मारे सो मीर” हिंदी भाषा का मुहावरा है।

इस मुहावरे का वास्तविक जीवन में किस प्रकार का महत्व है?

वास्तविक जीवन में, यह मुहावरा समय की महत्वता को समझाता है और यह बताता है कि समय पर योजना बनाना कितना महत्वपूर्ण है।

क्या इस मुहावरे का कोई विरोधी मुहावरा है?

हां, “पहले मारे सो मीर” का विरोधी मुहावरा “देर आए दुरुस्त आए” हो सकता है।

यह मुहावरा किस तरह के लोगों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है?

यह मुहावरा उन लोगों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है जो अपने काम को एक नियमित और निष्पक्ष तरीके से करना चाहते हैं और अपने लक्ष्यों को हासिल करने के लिए सही योजना बनाने की आवश्यकता महसूस करते हैं।

क्या इस मुहावरे का कोई विशेष इतिहास है?

जैसा कि ऐतिहासिक रूप से पता चलता है, इस मुहावरे का कोई विशेष इतिहास नहीं है, लेकिन यह प्राचीन समय से प्रयोग में है।

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