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नानी के आगे ननिहाल की बातें अर्थ, प्रयोग (Nani ke aage nanihal ki baaten)

परिचय: हिंदी मुहावरों में “नानी के आगे ननिहाल की बातें” एक प्रचलित और रोचक कहावत है। यह मुहावरा अनुभव और ज्ञान के विषय में एक गहरी समझ प्रदान करता है।

अर्थ: “नानी के आगे ननिहाल की बातें” का अर्थ होता है किसी अनुभवी या ज्ञानी व्यक्ति के सामने उसी विषय पर अपनी अल्प ज्ञान या अनुभव की बात करना। इस मुहावरे का उपयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति उस विषय पर बात कर रहा हो जिसमें उसका सामने वाला उससे अधिक पारंगत हो।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब हमें यह दर्शाना हो कि किसी व्यक्ति का अनुभव या ज्ञान उस विषय में बहुत अधिक है और उसके सामने हमारी बातें ना केवल अप्रासंगिक बल्कि हास्यास्पद भी लग सकती हैं।

उदाहरण:

-> एक नए शिक्षक ने जब अनुभवी शिक्षक से पढ़ाने के तरीकों पर सलाह देनी शुरू की, तो उसे लगा जैसे वह “नानी के आगे ननिहाल की बातें” कर रहा हो।

-> जब नियांत ने अपने दादाजी, जो एक प्रसिद्ध कवि थे, के सामने कविता पर टिप्पणी की, तो उसकी बातें “नानी के आगे ननिहाल की बातें” की तरह लगीं।

निष्कर्ष: “नानी के आगे ननिहाल की बातें” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि जब भी हम किसी अनुभवी व्यक्ति के सामने हों, तो हमें विनम्रता के साथ उनकी राय और अनुभव का सम्मान करना चाहिए। यह हमें यह भी याद दिलाता है कि ज्ञान की कोई सीमा नहीं होती और हमेशा सीखने का अवसर होता है।

Hindi Muhavare Quiz

नानी के आगे ननिहाल की बातें मुहावरा पर कहानी:

एक सुंदर छोटे से गाँव में अमन नामक एक छोटा लड़का रहता था। वह अपनी नानी के बहुत करीब था और अक्सर उनके घर जाया करता था। उसकी नानी एक अनुभवी और ज्ञानी महिला थीं, जिन्हें बागवानी का बहुत शौक था।

अमन को भी अपनी नानी की तरह बागवानी में रुचि थी। एक दिन, उसने सोचा कि वह अपनी नानी को बागवानी के कुछ नए तरीके बताएगा, जो उसने हाल ही में इंटरनेट पर पढ़े थे।

अमन ने नानी को बताना शुरू किया कि कैसे नए वैज्ञानिक तरीकों से पौधों को तेजी से और बेहतर तरीके से उगाया जा सकता है। नानी ध्यान से सुन रही थीं। फिर उन्होंने मुस्कुराते हुए अमन से कुछ प्रश्न पूछे जिनका उत्तर अमन को नहीं पता था। नानी ने फिर अपने अनुभव से उन प्रश्नों का उत्तर दिया और समझाया कि कैसे प्रकृति के साथ तालमेल बिठाकर बागवानी की जाती है।

अमन को समझ आया कि उसके पास जो थोड़ा ज्ञान था, वह नानी के वर्षों के अनुभव के सामने बहुत ही सीमित था। उसे एहसास हुआ कि वह अपनी नानी के आगे “ननिहाल की बातें” कर रहा था।

अमन ने अपनी गलती समझी और नानी से माफी मांगी। उसने फैसला किया कि वह अपनी नानी के अनुभव और ज्ञान से सीखेगा और उनका सम्मान करेगा। उस दिन से, अमन ने नानी से बहुत कुछ सीखा और उनके साथ मिलकर एक सुंदर बगीचा बनाया।

इस कहानी के माध्यम से हमें यह सीख मिलती है कि अनुभवी लोगों के ज्ञान और अनुभव का सम्मान करना चाहिए और उनसे सीखने का प्रयास करना चाहिए।

शायरी:

अपने नानी के आगे ननिहाल की बातें करूँ,
ज्ञान की गहराई में, मैं खुद को हर बार हारा पाऊँ।

वो जिंदगी के सफर की किताब हैं, अनुभवों का खजाना,
मेरी बातों में नई कलियाँ, उनके ज्ञान में पुराना फसाना।

हर लफ्ज़ में उनके, जीवन के सबक छिपे होते हैं,
मेरी नासमझी के किस्से, उनकी हँसी में खोते हैं।

उनकी बातों में वो सागर, जिसमें मेरी कश्ती डूब जाए,
मैं नानी के आगे अपने ननिहाल की बातें लाऊँ, और खुद को नादान पाऊँ।

वो समझाती हैं हर बार, ज्ञान की इस दुनिया में बस एक शुरुआत हूँ,
मैं उनकी बातों के आगे, अपने अनुभवों को बचपना समझता हूँ।

नानी के आगे ननिहाल की बातें, यही मेरी दास्तान है,
उनकी समझदारी के आगे, मेरी हर बात बेजान है।

 

नानी के आगे ननिहाल की बातें शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of नानी के आगे ननिहाल की बातें – Nani ke aage nanihal ki baaten Idiom:

Introduction: In Hindi idioms, “नानी के आगे ननिहाल की बातें” (Talking about one’s maternal grandmother’s place in front of the grandmother herself) is a popular and interesting proverb. This idiom provides a deep understanding of experience and knowledge.

Meaning: The meaning of “नानी के आगे ननिहाल की बातें” is to speak of one’s limited knowledge or experience on a subject in front of someone who is experienced or knowledgeable in that field. This idiom is used when a person discusses a topic in which the listener is more skilled or experienced.

Usage: This idiom is commonly used when we need to illustrate that a person’s experience or knowledge on a topic is much greater, and in their presence, our words may not only be irrelevant but also seem ridiculous.

Example:

-> When a new teacher started giving advice to an experienced teacher on teaching methods, he felt as if he was “Talking about one’s maternal grandmother’s place in front of the grandmother herself”.

-> When Niyant commented on poetry in front of his grandfather, who was a renowned poet, his words seemed like “Talking about one’s maternal grandmother’s place in front of the grandmother herself”.

Conclusion: The idiom “नानी के आगे ननिहाल की बातें” teaches us that whenever we are in front of someone experienced, we should respect their opinions and experiences with humility. It also reminds us that there is no limit to knowledge and there is always an opportunity to learn.

Story of ‌‌Nani ke aage nanihal ki baaten Idiom in English:

In a beautiful small village, there lived a young boy named Aman. He was very close to his grandmother and often visited her house. His grandmother was an experienced and knowledgeable woman who had a great passion for gardening.

Aman also had an interest in gardening, just like his grandmother. One day, he thought of sharing some new gardening techniques with his grandmother, which he had recently read about on the internet.

Aman started telling his grandmother about how plants could be grown faster and better using new scientific methods. His grandmother listened attentively. Then, with a smile, she asked Aman some questions, the answers to which he didn’t know. His grandmother answered those questions with her experience and explained how gardening is done in harmony with nature.

Aman realized that his limited knowledge was very trivial compared to his grandmother’s years of experience. He understood that he was just making “naive talks” in front of his grandmother.

Aman acknowledged his mistake and apologized to his grandmother. He decided that he would learn from his grandmother’s experience and knowledge and respect her. From that day onwards, Aman learned a lot from his grandmother and together, they created a beautiful garden.

This story teaches us that we should respect the knowledge and experience of experienced people and try to learn from them.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या “नानी के आगे ननिहाल की बातें” मुहावरा विशेष उम्र या पीढ़ी के लिए है?

नहीं, यह मुहावरा किसी विशेष उम्र या पीढ़ी तक सीमित नहीं है। यह किसी भी संदर्भ में जहाँ अनुभव और ज्ञान की बात आती है, उपयोग किया जा सकता है।

“नानी के आगे ननिहाल की बातें” मुहावरे का मूल संदेश क्या है?

इस मुहावरे का मूल संदेश यह है कि अधिक अनुभवी या जानकार व्यक्तियों के सामने अपने सीमित ज्ञान या अनुभव की प्रस्तुति से पहले सोच-विचार करना चाहिए, क्योंकि इससे व्यक्ति की नासमझी उजागर हो सकती है।

इस मुहावरे का समाज में क्या प्रभाव है?

समाज में इस मुहावरे का प्रभाव यह है कि यह लोगों को विनम्रता और सीखने की महत्वता का महत्व समझाता है। यह व्यक्तियों को अपने से अधिक अनुभवी या ज्ञानी लोगों का सम्मान करने और उनसे सीखने की प्रेरणा देता है।

क्या “नानी के आगे ननिहाल की बातें” मुहावरे का कोई आधुनिक संदर्भ है?

आधुनिक संदर्भ में, यह मुहावरा प्रौद्योगिकी, विज्ञान, शिक्षा या किसी भी अन्य क्षेत्र में नवीन विचारों और नवाचारों पर चर्चा करते समय उपयोग किया जा सकता है, जहाँ युवा पीढ़ी अपने अनुभवी समकक्षों से सीखने की प्रक्रिया में होती है।

“नानी के आगे ननिहाल की बातें” मुहावरे को कैसे समझाया जा सकता है?

इस मुहावरे को इस तरह समझाया जा सकता है कि जब कोई व्यक्ति अपने से ज्यादा ज्ञानी या अनुभवी व्यक्ति के सामने अपनी सीमित समझ या जानकारी का प्रदर्शन करता है, तो यह अक्सर उसकी नासमझी को दर्शाता है। इसे एक प्रकार की सामाजिक विनम्रता या ज्ञान की सीमाओं को स्वीकार करने के संदर्भ में भी समझा जा सकता है।

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