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अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत, अर्थ, प्रयोग(Ab pachtaye hot kya jab chidiya chug gayi khet)

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परिचय: अवसरों का सही समय पर लाभ उठाना जीवन में बहुत महत्वपूर्ण होता है। अक्सर लोग अवसर की प्रतीक्षा तो करते हैं, पर जब वह सामने होता है तो उसे पहचान नहीं पाते या उसे खो देते हैं। बाद में, जब उस अवसर का महत्व समझ में आता है, तब पछतावे के सिवा कुछ नहीं बचता। हिंदी मुहावरा “अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत” इसी व्यर्थ पछतावे की बात करता है।

अर्थ: इस मुहावरे का सीधा अर्थ है कि जब एक बार अवसर चूक जाए, तो बाद में पछताने से क्या फायदा? यह मुहावरा किसान और खेतों की परिस्थिति से उपजा है, जहां किसान ने अपने खेतों की रक्षा के लिए उपाय नहीं किए और चिड़िया फसल को नुकसान पहुंचा देती है। जब फसल खराब हो जाती है, तब किसान के पछताने से फसल वापस नहीं आती।

मुहावरे का उपयोग: यह मुहावरा आमतौर पर तब प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति महत्वपूर्ण अवसर खो देता है और बाद में पछताता है। इसे उस समय भी प्रयोग किया जा सकता है जब किसी को सावधानीपूर्वक कदम उठाने की आवश्यकता होती है, ताकि भविष्य में पछतावा न हो।

उदाहरण:

-> “तुम्हें उस समय परीक्षा की तैयारी कर लेनी चाहिए थी, अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।”

-> “उस परियोजना में निवेश करने का अवसर तुम्हारे हाथ से निकल गया, अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।”

निष्कर्ष: इस मुहावरे के माध्यम से यह शिक्षा मिलती है कि अवसरों की कद्र करनी चाहिए और समय रहते सही निर्णय लेने चाहिए। एक बार अवसर चूक जाने के बाद, केवल पछताने से कुछ हासिल नहीं होता। इसलिए, जब भी जीवन में अवसर आए, उसे पहचानें और उसका पूरा लाभ उठाएं।

इस प्रकार, “अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत” मुहावरा हमें सजग और सक्रिय रहने की प्रेरणा देता है, ताकि हम किसी भी महत्वपूर्ण अवसर को न चूकें और बाद में पछताने की स्थिति से बच सकें।

अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत मुहावरा पर कहानी:

कहानी शुरू होती है एक छोटे से गांव में जहाँ विकास नाम का एक नौजवान रहता था। विकास एक चतुर और कर्मठ युवक था, लेकिन अक्सर अवसरों को पहचानने में चूक जाता था। गांव में एक पुरानी कहावत थी “अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत”, लेकिन विकास इसका महत्व नहीं समझता था।

एक दिन गांव में एक बड़े व्यापारी आए और सभी गांववालों को एक साझा उद्यम में निवेश करने का प्रस्ताव दिया। यह एक ऐसा अवसर था जिसमें कामयाबी की बड़ी संभावना थी। विकास के पास भी निवेश करने के लिए पर्याप्त धन था, लेकिन वह अनिश्चित था और सोचता रहा। वह सोचता रहा कि और अवसर आएंगे, इसलिए इसे छोड़ दिया।

दिन बीते और उद्यम एक बड़ी सफलता बन गया। गांव के वे लोग जिन्होंने निवेश किया था, उन्हें अच्छा लाभ हुआ। विकास जब उनकी समृद्धि देखता, तो उसे पछतावा होता। वह समझ गया कि उसने जो अवसर खो दिया, वह अब वापस नहीं आ सकता। उसने खुद से कहा, “अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत।”

समय ने विकास को सिखाया कि अवसरों की कद्र करनी चाहिए और उन्हें सही समय पर लाभ उठाना चाहिए। इस घटना ने विकास को बदल दिया। अब वह जीवन में आने वाले हर अवसर की परख करता और साहसिक निर्णय लेता।

आखिरकार, जब गांव में दूसरा अवसर आया, विकास ने बिना समय गवाए उसे अपनाया और सफलता की नई ऊँचाइयों को छू लिया। उसकी कहानी गांव में प्रेरणा की मिसाल बन गई, और वह कहावत उसकी जीवन की मूल मंत्र बन गई।

विकास ने समझ लिया था कि जीवन अवसरों से भरा पड़ा है, लेकिन उन्हें सही समय पर पहचानना और उनका फायदा उठाना ही बुद्धिमानी है।

शायरी:

जो बीत गई सो बात गई, अब क्या रोना खेत खाली है,

चिड़िया चुग के चली गई, किस्मत पे अपनी मात गई।

वक्त की यारी तो देखो, था जब साथ तो मीत गई,

‘अब पछताए होत क्या’, कहाँ रुकी वो रीत गई।

खेत बंजर देख के सोचा, काश बोया होता प्यार,

‘चिड़िया चुग गई खेत’, ये दिल का हाल है बार बार।

अवसर ने करवट जब ली, ख्वाब थे जो नैनों में,

अब हाथ मलते रह गए, जब उड़ गई चिड़िया बैनों में।

फुर्सत की खिड़की से झांका, मौका था जो कल यहाँ,

‘चिड़िया चुग गई खेत’, अब किस बात का मलाल यहाँ।

 

अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत – Ab pachtaye hot kya jab chidiya chug gayi khet Idiom:

Introduction: Taking advantage of opportunities at the right time is very important in life. Often, people wait for opportunities, but when they arise, they fail to recognize them or lose them. Later, when the importance of that opportunity is realized, nothing remains but regret. The Hindi idiom “अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत” speaks of this futile regret.

Meaning: The literal meaning of this idiom is “What is the use of regretting now when the birds have already eaten the crops?” It originates from the situation of farmers and fields, where a farmer does not take measures to protect his fields, and the birds damage the crop. Once the crop is ruined, no amount of the farmer’s regret brings it back.

Use of the idiom: This idiom is commonly used when someone misses an important opportunity and later regrets it. It can also be used to advise someone to take precautionary steps so that they do not have to regret in the future.

Examples:

-> “You should have prepared for the exam earlier, what’s the use of regretting now when the birds have already eaten the crops.” 

-> “The opportunity to invest in that project has slipped through your fingers, what’s the use of regretting now when the birds have already eaten the crops.”

Special Note: This idiom teaches us to value opportunities and to make the right decisions while there is still time. Once an opportunity is missed, nothing is gained by merely regretting. Therefore, whenever an opportunity arises in life, recognize it and take full advantage of it.

Thus, the idiom “अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत” inspires us to be vigilant and proactive so that we don’t miss any important opportunity and avoid a situation of regret later.

Story of ‌‌Ab pachtaye hot kya jab chidiya chug gayi khet Idiom in English:

The story begins in a small village where a young man named Vikas lived. Vikas was a clever and hardworking youth, but he often missed recognizing opportunities. There was an old saying in the village, “What is the use of regretting when the birds have already eaten the crops,” but Vikas did not understand its significance.

One day, a big merchant came to the village and proposed to all the villagers to invest in a joint venture. It was an opportunity with great potential for success. Vikas had enough money to invest but was uncertain and kept thinking. He thought more opportunities would come, so he let this one pass.

As days passed, the venture became a huge success. Those in the village who had invested earned good profits. When Vikas saw their prosperity, he felt regret. He realized the opportunity he had lost would not return. He told himself, “What is the use of regretting when the birds have already eaten the crops.”

Time taught Vikas to value opportunities and seize them at the right moment. This incident changed him. Now he would assess every opportunity in life and make bold decisions.

Finally, when another opportunity came to the village, Vikas embraced it without wasting time and reached new heights of success. His story became an example of inspiration in the village, and that proverb became the mantra of his life.

Vikas had learned that life is full of opportunities, but it is wise to recognize them at the right time and take advantage of them.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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