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अंगूर खट्टे होना, अर्थ, प्रयोग(Angoor khatte hona)

परिचय: अंगूर खट्टे होना एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर हमारे सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन में किया जाता है। इस मुहावरे की उत्पत्ति एक प्राचीन कथा से हुई है, जिसमें एक लोमड़ी अंगूर को छलांग लगाकर पाने की कोशिश करती है, लेकिन जब वह उन्हें प्राप्त नहीं कर पाती तो वह कहती है कि अंगूर खट्टे हैं। इसी कथा से यह मुहावरा बना है।

अर्थ: ‘अंगूर खट्टे होना’ मुहावरे का अर्थ है कि जब किसी व्यक्ति को कोई चीज नहीं मिलती, या वह किसी लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर पाता, तो वह उस चीज की बुराई करने लगता है या उसमें कमी निकालने लगता है।

प्रयोग: मान लीजिए एक व्यक्ति किसी उच्च पद के लिए साक्षात्कार देता है, लेकिन चयनित नहीं होता। बाद में वह कहता है कि वह तो चाहता ही नहीं था कि वह नौकरी मिले क्योंकि उसमें बहुत अधिक काम का बोझ है। यहां वह ‘अंगूर खट्टे होने’ का प्रदर्शन कर रहा है।

शिक्षा: इस मुहावरे से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपनी असफलताओं को स्वीकार करना चाहिए और उनसे सीखना चाहिए, ना कि उन चीजों की बुराई करनी चाहिए जो हमें नहीं मिल पातीं।

निष्कर्ष: बुद्धिमान व्यक्ति वही होता है जो ‘अंगूर खट्टे होने’ की प्रवृत्ति से ऊपर उठकर अपनी कमियों को पहचाने और उन्हें सुधारने का प्रयास करे। असफलता के बाद भी उत्साहित रहना और प्रगति की दिशा में काम करना ही असली सफलता की कुंजी है।

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अंगूर खट्टे होना मुहावरा पर कहानी:

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में अमन नाम का एक युवक रहता था। अमन के मन में एक ही सपना था – एक बड़ी और सुंदर हवेली में रहना। उसकी यह इच्छा इतनी प्रबल थी कि वह रात-दिन इसी सोच में डूबा रहता कि कैसे वह अपने सपनों की हवेली को प्राप्त कर सके।

गाँव के बाहर, एक पुरानी और विशाल हवेली थी जिसे देखकर अमन के मन में लालच जागा। वह रोज उस हवेली के चक्कर लगाता, और सोचता कि कैसे वह उसे खरीद सके। लेकिन, अमन एक साधारण किसान था और उसके पास इतनी दौलत नहीं थी कि वह हवेली खरीद सके।

एक दिन, हवेली के मालिक ने अमन को आश्चर्यजनक प्रस्ताव दिया। उन्होंने कहा, “अमन, तुम मेरे बाग के अंगूर खाओ और जितने मीठे लगें, उतने पैसे देना।” अमन को लगा कि यह उसके सपने को सच करने का सुनहरा मौका है।

अमन ने खुशी-खुशी यह सौदा स्वीकार कर लिया और अंगूरों को चखने लगा। लेकिन, उसे अंगूर कड़वे लगे। वह समझ गया कि वह हवेली को खरीद नहीं पाएगा। निराश होकर, उसने सोचा कि ये अंगूर तो खट्टे हैं और हवेली के सपने को उसने दिल से निकाल दिया।

गाँव में वापस जाते हुए, अमन ने अपने दोस्त अंश को यह कहते हुए सुना, “वह हवेली तो बहुत पुरानी है, मैं तो वैसे भी नहीं खरीदना चाहता था।” अंश ने अमन को समझाया, “अरे दोस्त, तू ‘अंगूर खट्टे हैं’ की कहावत तो जानता है न? जब हम कोई चीज नहीं प्राप्त कर पाते, तो उसे बुरा बता देते हैं।”

अमन को अपनी गलती का एहसास हुआ। उसने अंश से कहा, “तुम सही कह रहे हो। मुझे उस हवेली की चाहत ने अंधा बना दिया था। मैंने अपनी मेहनत और सच्चाई को भूलकर, सिर्फ हवेली के सपने में खो गया था।”

उस दिन के बाद, अमन ने सच्ची मेहनत और लगन से अपने खेती में सुधार किया और धीरे-धीरे उसने अपने खेतों को ही अपनी हवेली बना लिया। उसने सीखा कि जीवन में वास्तविक सफलता मेहनत से आती है, न कि केवल सपने देखने से। और जिस दिन से उसने यह समझा, उसका जीवन सच में बदल गया।

इस कहानी के माध्यम से हमें ‘अंगूर खट्टे होना’ की कहावत का अर्थ समझ में आता है, जो यह दर्शाती है कि जब हम किसी चीज को प्राप्त नहीं कर पाते, तो हमें उसे बुरा भला कहने की बजाय, अपनी मेहनत पर ध्यान देना चाहिए।

शायरी:

अंगूर के बाग़ देखे बड़ी चाहत से हमने,

खट्टे हुए जब मिले नहीं, ज़रा सा मुस्कुराए हम।

मायूसियों का बोझ जब आँखों में समाया,

‘अंगूर खट्टे हैं’ कह, दिल को बहलाया हमने।

ज़िन्दगी के इस मेले में, ख्वाब थे जो अधूरे,

उन ख्वाबों की दौलत को, खट्टा कहा ज़रूरी।

हासिल जो ना हो सका, उसे बुरा बताना आसां,

दिल की गलियों में फिर भी, उम्मीद के दीप जलाए हम।

किस्मत से क्या गिला, जब खुद है फैसला अपना,

‘अंगूर खट्टे हैं’ यह कहके, खुद को समझाए हम।

हाथों की लकीरों से, क्या बात बदलती है भला,

मंज़िलें तो उनकी भी हैं, जो खुद राह बनाए हम।

सपनों की दुनिया में, कभी दर्द भी सुना है,

‘अंगूर खट्टे हैं’ कह, हर नाकामी को छुपाए हम।

हँसते हैं ज़माने पर, ये जानकर ‘अंगूर खट्टे हैं’,

जो चाहा था कभी, उसे ही आज ठुकराए हम।

 

अंगूर खट्टे होना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of अंगूर खट्टे होना- Angoor khatte hona Idiom:

Introduction: “The Grapes Are Sour” is a popular Hindi idiom often used in our social and personal lives. The origin of this idiom comes from an ancient tale where a fox tries to reach for grapes by jumping but fails to acquire them and eventually states that the grapes are sour. From this tale, the idiom was formed.

Meaning: ‘The Grapes Are Sour’ idiom means when someone does not get something or fails to achieve a goal, they start to criticize it or find faults in it.

Usage: Suppose a person interviews for a high position but does not get selected. Later he claims that he never really wanted the job as it involves a lot of work. Here, he is demonstrating ‘The Grapes Are Sour’.

Lesson: This idiom teaches us that we should accept our failures and learn from them, rather than criticizing the things we cannot achieve.

Conclusion: A wise person is one who rises above the tendency of ‘The Grapes Are Sour’, recognizes their shortcomings, and strives to improve. Staying motivated after failure and working towards progress is the real key to success.

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Story of ‌‌Angoor khatte hona Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a young man named Aman. Aman had only one dream – to live in a large and beautiful mansion. His desire was so strong that he would spend his days and nights engrossed in thoughts about how he could acquire the mansion of his dreams.

Outside the village, there was an old and vast mansion that sparked greed in Aman’s heart. He would circle the mansion daily, thinking about how he could purchase it. However, Aman was a simple farmer and did not have enough wealth to buy the mansion.

One day, the owner of the mansion made Aman an astonishing offer. He said, “Aman, eat the grapes from my garden and pay as much as they taste sweet to you.” Aman thought this was a golden opportunity to make his dream come true.

Aman happily accepted the deal and began tasting the grapes, but he found the grapes to be bitter. He realized that he would not be able to buy the mansion. Disappointed, he thought to himself that the grapes were sour and he removed the dream of the mansion from his heart.

On his way back to the village, Aman heard his friend Ansh saying, “That mansion is very old; I didn’t want to buy it anyway.” Ansh explained to Aman, “Hey friend, you know the saying ‘the grapes are sour’, right? When we can’t get something, we tend to speak ill of it.”

Aman realized his mistake. He said to Ansh, “You are right. My desire for the mansion had blinded me. I had forgotten my hard work and honesty, and was lost in the dream of the mansion.”

After that day, Aman improved his farming with true hard work and dedication and gradually turned his fields into his own mansion. He learned that in life, real success comes from hard work, not just from dreaming. And from the day he understood this, his life truly changed.

This story helps us understand the meaning of the proverb ‘the grapes are sour’, which illustrates that when we cannot achieve something, we should focus on our hard work instead of disparaging what we cannot have.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का उत्पत्ति से संबंध क्या है?

इस मुहावरे का उत्पत्ति संभावना से आती है, क्योंकि खट्टे अंगूर स्वाद में तीखे होते हैं और यहां पर तीखापन से कुछ नेगेटिव होने का संकेत हो सकता है।

इस मुहावरे का उपयोग किस स्थिति में किया जा सकता है?

अंगूर खट्टे होना मुहावरा विफलता या असफलता की स्थिति को व्यक्त करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।

अंगूर खट्टे होना का मतलब क्या है?

इस मुहावरे का मतलब होता है किसी कार्य में असफलता होना या कोई अपेक्षित परिणाम नहीं मिलना।

क्या इस मुहावरे का कोई विपरीत अर्थ है?

हां, इसका विपरीत अर्थ “अंगूर मीठे होना” हो सकता है, जिसका मतलब होता है सफलता या अच्छा परिणाम मिलना।

क्या यह मुहावरा साधारित भाषा में भी उपयोग हो सकता है?

हां, इसे साधारित भाषा में भी उपयोग किया जा सकता है ताकि व्यक्ति अपने असफल प्रयासों को सांकेतिक रूप से व्यक्त कर सके।

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यह मुहावरा अ से शुरू होने वाले मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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