परिचय: हिंदी भाषा में मुहावरे अक्सर रोचक कहानियों और लोकोक्तियों से निकले होते हैं। “बीरबल की खिचड़ी” एक ऐसा ही प्रसिद्ध मुहावरा है, जिसकी उत्पत्ति मुगल सम्राट अकबर और उनके नवरत्नों में से एक, बीरबल से जुड़ी एक कहानी से हुई है।
अर्थ: “बीरबल की खिचड़ी” मुहावरे का अर्थ होता है किसी काम को बहुत धीमी गति से या अनुचित रूप से करना, जिससे उस काम का समय पर पूरा होना संभव न हो।
प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उन स्थितियों में प्रयोग किया जाता है, जहाँ काम को इतनी धीमी गति से किया जा रहा हो कि उसके पूरे होने की संभावना न के बराबर हो।
उदाहरण:
-> “वह परियोजना पर काम कर रहा है जैसे बीरबल की खिचड़ी पक रही हो।”
-> “सरकारी दफ्तरों में काम अक्सर बीरबल की खिचड़ी की तरह होता है।”
निष्कर्ष: “बीरबल की खिचड़ी” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि काम को सही और तेजी से करना कितना महत्वपूर्ण है। यह मुहावरा कार्यकुशलता और समय प्रबंधन के महत्व पर जोर देता है और हमें यह भी बताता है कि अनुचित ढंग से किए गए काम से सफलता की संभावना कम हो जाती है। यह मुहावरा आज भी उन स्थितियों के लिए प्रासंगिक है जहाँ लक्ष्य की प्राप्ति में अनावश्यक विलंब हो।
बीरबल की खिचड़ी मुहावरा पर कहानी:
एक बार की बात है, एक छोटे से शहर में विशाल नाम का एक युवक रहता था। विशाल को एक महत्वपूर्ण परियोजना मिली थी, जिसे समय पर पूरा करना था। उसकी सफलता इसी परियोजना पर निर्भर थी। लेकिन विशाल काम को टालमटोल करने में माहिर था।
परियोजना शुरू होने के बाद, विशाल ने काम को बहुत धीमी गति से शुरू किया। वह अक्सर दोस्तों के साथ बाहर घूमने चला जाता, या फिर टीवी देखने में समय बिताता। दिन बीतते गए, लेकिन विशाल का काम उसी तरह अधूरा पड़ा रहा।
विशाल के पिता ने जब उसकी इस आदत को देखा, तो उन्होंने कहा, “बेटा, तुम जिस तरह से काम कर रहे हो, वो ‘बीरबल की खिचड़ी’ पकाने जैसा है। इस तरह से तो यह परियोजना कभी पूरी नहीं होगी।”
विशाल को अपने पिता की बात समझ में आ गई। उसने अपने काम को गंभीरता से लेना शुरू किया और तेजी से काम करने लगा। अंत में, उसने परियोजना को समय पर पूरा किया और उसे बड़ी सफलता मिली।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि काम को धीमी गति से या अनुचित तरीके से करने से उसके पूरे होने में विलंब होता है। “बीरबल की खिचड़ी” की तरह काम करने से बचना चाहिए और काम को सही और तेजी से करने की कोशिश करनी चाहिए।
शायरी:
काम में देरी है, फिर भी दिल बेफिक्र है,
जैसे बीरबल की खिचड़ी, ये वक्त भी ठहर है।
इरादे मजबूत हैं, पर काम अधूरे हैं,
जैसे खिचड़ी पक रही हो, धीमे शोले पर सूरे हैं।
धीरे-धीरे चल रहा, ये कारवाँ जिंदगी का,
बीरबल की खिचड़ी सा, सब्र का इम्तिहान लगी का।
वक्त की आंच पर पकता, हर ख्वाब यहाँ,
जैसे बीरबल की खिचड़ी, सब्र का फल मीठा होगा यहाँ।
काम के बीच में जब, धीरज खोता जाए,
याद आती है तब, बीरबल की खिचड़ी, जो सब्र सिखाए।
आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।
Hindi to English Translation of बीरबल की खिचड़ी – Birbal ki khichdi Idiom:
Introduction: In the Hindi language, idioms often emerge from interesting stories and proverbs. “बीरबल की खिचड़ी” (Birbal’s Khichdi) is one such famous idiom, originating from a story related to Mughal Emperor Akbar and one of his nine gems, Birbal.
Meaning: The idiom “बीरबल की खिचड़ी” implies doing a task very slowly or inappropriately, making it impossible to complete the task on time.
Usage: This phrase is typically used in situations where work is being done so slowly that the completion of the task seems almost impossible.
Example:
-> “He is working on the project as if he is cooking Birbal’s Khichdi.”
-> “Work in government offices often seems like Birbal’s Khichdi.”
Conclusion: The idiom “बीरबल की खिचड़ी” teaches us the importance of doing work correctly and swiftly. It emphasizes the importance of efficiency and time management and tells us that improperly done tasks are less likely to be successful. This idiom is still relevant today in situations where there is unnecessary delay in achieving goals.
Story of Birbal ki khichdi Idiom in English:
Once, in a small town, there lived a young man named Vishal. Vishal had received an important project, which needed to be completed on time. His success depended entirely on this project. However, Vishal was an expert in procrastinating.
After the project commenced, Vishal began working at a very slow pace. He often went out with friends or spent time watching TV. Days passed, but Vishal’s work remained incomplete.
When Vishal’s father noticed his habit, he said, “Son, the way you’re working is like cooking ‘Birbal’s Khichdi.’ At this rate, the project will never be completed.”
Vishal understood his father’s advice. He started to take his work seriously and began to work faster. Eventually, he completed the project on time and achieved great success.
This story teaches us that working slowly or inappropriately can delay the completion of tasks. One should avoid working like ‘Birbal’s Khichdi’ and strive to work correctly and swiftly.
I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly
FAQs:
क्या इस मुहावरे का कोई अन्य अर्थ है?
जी हां, इसका अर्थ भी हो सकता है कि किसी चीज़ को अपेक्षाएँ ना पूरी हों, अनुचित या असंगत हो।
क्या इस मुहावरे का इतिहास है?
हां, बीरबल नामक महान और चतुर नवरत्नों में से एक के बारे में कहानियाँ हैं, जिसमें वह खिचड़ी के संबंध में चुनौती स्वरूप प्रधानमंत्री के लिए उपयोग करते हैं।
क्या है “बीरबल की खिचड़ी” का अर्थ?
“बीरबल की खिचड़ी” एक मुहावरा है जो किसी चीज़ को अनवांछित रूप से मिश्रित और उसके असंगत घटकों को संकेत करता है।
क्या इस मुहावरे की एक प्रसिद्ध कहानी है?
हां, बहुत सी कहानियाँ हैं जिनमें बीरबल को खिचड़ी बनाने के लिए चुनौती दी जाती है, जो उनकी चतुराई को दिखाती है।
इस मुहावरे का प्रयोग कहाँ-कहाँ होता है?
यह मुहावरा आमतौर पर बोलचाल में, लेखन में, और वार्तालाप में उपयोग किया जाता है।
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