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अपना नीगर पराया टींगर अर्थ, प्रयोग (Apna Nigar paraya tingar)

परिचय: हिंदी भाषा में मुहावरे अपने अर्थ और गहराई के लिए प्रसिद्ध हैं। “अपना नीगर पराया टींगर” भी एक ऐसा ही मुहावरा है जो सामाजिक व्यवहार और मानवीय स्वभाव को दर्शाता है।

अर्थ: “अपना नीगर पराया टींगर” का अर्थ है कि अपने हित की रक्षा करना और दूसरों की गलतियों पर नजर रखना। यह मुहावरा उस स्थिति का वर्णन करता है जहां व्यक्ति अपने लाभ के लिए कार्य करता है और दूसरों की त्रुटियों की ओर ध्यान देता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग आमतौर पर तब किया जाता है जब कोई अपनी स्वार्थी प्रवृत्ति दिखाता है और दूसरों की कमियों पर नजर रखता है।

उदाहरण:

-> सुधीर ने अपने पड़ोसी की छोटी-छोटी गलतियों पर तो ध्यान दिया, पर अपनी गलतियों से आँखें मूंद लीं। यही तो “अपना नीगर पराया टींगर” का उदाहरण है।

-> कई कंपनियाँ “अपना नीगर पराया टींगर” की नीति अपनाती हैं, जहां वे अपने लाभ के लिए काम करती हैं और प्रतिस्पर्धियों की कमियों पर नजर रखती हैं।

निष्कर्ष: “अपना नीगर पराया टींगर” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि जीवन में संतुलन और नैतिकता महत्वपूर्ण है। अपने स्वार्थ की पूर्ति करते समय दूसरों की कमियों को उजागर करने की आदत से बचना चाहिए। यह मुहावरा हमें आत्म-चिंतन की ओर प्रेरित करता है।

Hindi Muhavare Quiz

अपना नीगर पराया टींगर मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक गाँव में दो पड़ोसी, सुभाष और सुधीर रहते थे। सुभाष का स्वभाव बहुत स्वार्थी था, और वह हमेशा अपने फायदे के बारे में सोचता रहता। सुधीर, दूसरी ओर, एक उदार और सहयोगी व्यक्ति था।

एक दिन गाँव में एक बाजार लगा। सुभाष ने देखा कि सुधीर अपनी दुकान में कुछ गलतियाँ कर रहा है। सुभाष ने इसे अपने लिए अवसर समझा और सुधीर की गलतियों की बात सबके सामने कर दी, ताकि ग्राहक उसकी दुकान पर आएँ।

सुधीर को जब इसका पता चला, तो वह बहुत दुखी हुआ। उसने सुभाष से कहा, “तुम्हें अपनी गलतियों पर ध्यान देना चाहिए था, न कि मेरी छोटी गलतियों पर। तुमने ‘अपना नीगर पराया टींगर’ की तरह व्यवहार किया है।”

सुभाष को अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने सुधीर से माफी मांगी। उसने समझा कि स्वार्थी होने के बजाय एक दूसरे की मदद करने में ही सच्ची खुशी है।

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें अपने हितों की रक्षा करते समय दूसरों की गलतियों पर ध्यान नहीं देना चाहिए, बल्कि अपने आचरण पर ध्यान देना चाहिए। “अपना नीगर पराया टींगर” का यही अर्थ है।

शायरी:

अपनी खुद की गलतियों से, आँखें फेर लेते हैं लोग,
“अपना नीगर पराया टींगर”, यही रिवाज है रोज़ का।

दूसरों के दाग देखने में, माहिर हैं सभी यहाँ,
अपनी जेब में छेद हो, तो क्यों नजर नहीं आता?

दूसरों की कमियों पर, टीका-टिप्पणी करने वाले,
खुद की गलतियों पर कभी, क्यों नहीं विचारते?

“अपना नीगर पराया टींगर”, दुनिया का दस्तूर है,
अपने आईने में देखें, तो बेहतर हो सफर।

सब के दिलों में बसता है, एक छोटा सा स्वार्थ,
पर इसे पहचानना, वही है असली कला।

 

अपना नीगर पराया टींगर शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of अपना नीगर पराया टींगर – Apna Nigar paraya tingar Idiom:

Introduction: Hindi idioms are famous for their meanings and depth. “अपना नीगर पराया टींगर” is one such idiom that reflects social behavior and human nature.

Meaning: “अपना नीगर पराया टींगर” means to protect one’s own interests while keeping an eye on others’ mistakes. This idiom describes the situation where a person works for their own benefit and pays attention to the faults of others.

Usage: This idiom is usually used when someone shows selfish tendencies and keeps an eye on the shortcomings of others.

Example:

-> Sudhir paid attention to the minor mistakes of his neighbor, but turned a blind eye to his own faults. This is an example of “अपना नीगर पराया टींगर.”

-> Many companies adopt the policy of “अपना नीगर पराया टींगर,” where they work for their own benefit and keep an eye on the competitors’ weaknesses.

Conclusion: The idiom “अपना नीगर पराया टींगर” teaches us that balance and ethics are important in life. We should avoid the habit of highlighting others’ flaws while fulfilling our own selfish needs. This idiom encourages us to introspect.

Story of ‌‌Apna Nigar paraya tingar Idiom in English:

Once upon a time, in a village, there lived two neighbors, Subhash and Sudhir. Subhash was quite selfish and always thought about his own benefit. Sudhir, on the other hand, was a generous and cooperative person.

One day, a market was set up in the village. Subhash noticed that Sudhir was making some mistakes in his shop. Seeing this as an opportunity for himself, Subhash publicly pointed out Sudhir’s mistakes, hoping to attract customers to his own shop.

When Sudhir learned about this, he was deeply saddened. He said to Subhash, “You should have focused on your own mistakes, not my minor ones. You have behaved like ‘one who guards oneself but points fingers at others’ (literal translation of ‘अपना नीगर पराया टींगर’).”

Realizing his mistake, Subhash apologized to Sudhir. He understood that true happiness lies in helping each other rather than being selfish.

This story teaches us that we should not focus on others’ mistakes while protecting our own interests. Instead, we should pay attention to our own behavior. This is the essence of the idiom “अपना नीगर पराया टींगर.”

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का विपरीत क्या है?

इस मुहावरे का विपरीत हो सकता है “अपना अपना होता है, पराया पराया” जिससे यह समझाया जाता है कि हर व्यक्ति के संबंध अलग-अलग होते हैं और वह अपने संबंधों का समर्थन करना चाहिए।

क्या यह मुहावरा केवल हिंदी भाषा में ही है?

नहीं, “अपना नीगर पराया टींगर” जैसे मुहावरे अन्य भारतीय भाषाओं और उनके विभिन्न रूपों में भी पाए जा सकते हैं, जैसे कि तेलुगू, तमिल, गुजराती आदि।

क्या है मुहावरा “अपना नीगर पराया टींगर” का मतलब?

यह मुहावरा उस व्यक्ति को वर्णित करता है जो अपने निकट संबंधियों का सहारा न लेकर अपने स्वार्थ के लिए किसी अनजान व्यक्ति का सहारा लेता है।

इस मुहावरे का उपयोग किस संदर्भ में होता है?

यह मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने संबंधियों को छोड़कर अनजानों के साथ उचित नहीं व्यवहार करता है।

क्या यह मुहावरा केवल व्यक्तिगत स्तर पर ही उपयोगी है?

नहीं, इस मुहावरे का उपयोग सामाजिक या राजनीतिक संदर्भों में भी किया जा सकता है, जहां किसी व्यक्ति या संगठन ने अपने संबंधियों की ध्यानदारी छोड़कर दूसरों का समर्थन किया हो।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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