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अपनी करनी पार उतरनी, अर्थ, प्रयोग(Apni karni par utarni)

परिचय: भारतीय दर्शन और संस्कृति में कर्मों का बहुत महत्व है। ‘अपनी करनी पार उतरनी’ एक ऐसा हिंदी मुहावरा है जो कर्मों के इसी फलस्वरूप पर जोर देता है। इसका सार यह है कि मनुष्य को अपने किए हुए अच्छे बुरे कर्मों का फल इसी जीवन में भोगना पड़ता है। यह कहावत उस सिद्धांत को प्रकट करती है कि हमारे कर्म ही हमारे जीवन की दिशा और दशा निर्धारित करते हैं।

अर्थ: ‘अपनी करनी पार उतरनी’ का अर्थ होता है कि व्यक्ति को अपने किए गए कर्मों का परिणाम स्वयं भोगना पड़ता है। यह विचार जीवन में न्याय और धर्म की अवधारणा पर आधारित है।

प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी व्यक्ति के कर्मों का सीधा प्रतिफल उसे देखने को मिलता है। यदि कोई व्यक्ति अच्छे काम करता है, तो उसे अच्छा परिणाम प्राप्त होता है और यदि वह बुरे काम करता है, तो उसे बुरा परिणाम सहना पड़ता है।

कहानियों में उपयोग: अनेक कहानियां और पुराणिक कथाएँ हैं जो ‘अपनी करनी पार उतरनी’ के मुहावरे को चरितार्थ करती हैं। महाभारत, रामायण जैसे महाकाव्यों में भी कर्मों के फल की गाथाएँ बहुतायत से मिलती हैं।

वास्तविक जीवन में उपयोग: जीवन में अक्सर हमें यह मुहावरा उस समय याद आता है जब हम किसी को अपने कर्मों के अनुसार फल प्राप्त होते देखते हैं। यह हमें सिखाता है कि हमारा हर कर्म महत्वपूर्ण है और हमें सदैव अच्छे कर्म करने चाहिए।

शिक्षा: ‘अपनी करनी पार उतरनी’ हमें यह शिक्षा देता है कि हमें हमेशा ऐसे कर्म करने चाहिए जिन पर हमें गर्व हो, क्योंकि कर्म ही हमारे भविष्य की नींव रखते हैं। यह हमें जिम्मेदारी और नैतिकता की ओर प्रेरित करता है।

इस मुहावरे के माध्यम से, हम समझते हैं कि जीवन में हमारे प्रत्येक क्रियाकलाप का महत्व है और इसीलिए हमें अपने प्रत्येक कदम को सोच-समझकर उठाना चाहिए। यह मुहावरा न केवल एक सबक है बल्कि एक जीवनशैली भी है जो धर्म और कर्म की पवित्रता पर बल देती है।

अंत में, ‘अपनी करनी पार उतरनी’ का मूल मंत्र है कि हमें अपने कर्मों के प्रति जागरूक रहना चाहिए क्योंकि वे ही हमारे जीवन की गुणवत्ता और दिशा निर्धारित करते हैं।

Hindi Muhavare Quiz

अपनी करनी पार उतरनी मुहावरा पर कहानी:

एक समय की बात है, एक छोटे से गाँव में दो किसान रहते थे – सुरेंद्र और सुधीर। दोनों ही अपने-अपने खेतों में मेहनती और लगन से काम करते थे, लेकिन उनके काम करने के तरीके में बहुत अंतर था।

सुरेंद्र हमेशा ईमानदारी और सच्चाई से अपने खेतों की देखभाल करता था। वह सही समय पर बीज बोता, पानी देता और खरपतवार निकालता। उसने कभी भी अपनी फसल में कोई मिलावट नहीं की और न ही अधिक मुनाफे के लिए रसायनों का इस्तेमाल किया।

दूसरी ओर, सुधीर हमेशा शॉर्टकट खोजता और अक्सर अनैतिक तरीके अपनाता। वह कम समय में अधिक पैसे कमाने के लिए कृत्रिम उर्वरकों और कीटनाशकों का उपयोग करता था, और कई बार बाजार में अपनी सब्जियों को अधिक भारी दिखाने के लिए उन पर पानी छिड़कता था।

समय बीतता गया और आखिरकार कटाई का समय आया। सुरेंद्र की फसल भले ही कम दिखती थी, लेकिन उसकी सब्जियां शुद्ध और स्वादिष्ट थीं। उसे बाजार में अच्छी कीमत मिली और गाँववाले उसकी तारीफ करते नहीं थकते थे।

सुधीर की फसल बाहर से तो भरी-पूरी दिखती थी, लेकिन जब उसने अपनी सब्जियां बेचनी शुरू कीं तो लोगों को उसके उत्पादों में खराबी और स्वाद में कमी महसूस हुई। जल्दी ही, सुधीर के तरीकों के बारे में सबको पता चल गया, और उसकी बाजार में साख गिर गई।

इस कहानी से हमें ‘अपनी करनी पार उतरनी’ मुहावरे का अर्थ समझ में आता है। सुरेंद्र, जिसने अच्छे कर्म किए, उसकी अच्छाई और मेहनत ने उसे सम्मान और संतुष्टि दिलाई, जबकि सुधीर को अपने बुरे कर्मों का फल भुगतना पड़ा और उसे लोगों की नाराजगी और व्यापार में नुकसान का सामना करना पड़ा। इस प्रकार, हर व्यक्ति अपने कर्मों का फल भुगतता है, चाहे वह अच्छा हो या बुरा।

शायरी:

अपनी करनी का जाम हमें, खुद ही पीना पड़ता है,

वक्त की रेत पर नाम हमें, खुद ही लिखना पड़ता है।

राहत की बातों से मिली, ये सीख हमें याद रही,

जो बोया है दिल की जमीन पर, वो काटना पड़ता है।

अपने कर्मों की धूप में, कभी छाँव मिलती है,

कभी इसी धूप में जलन, हमें सहना पड़ता है।

बुराई का जहर अगर, आज उगलोगे तुम,

तो कल उस जहर का असर, खुद महसूसना पड़ता है।

राहत सा मिलता नहीं, हर किसी को फल अपना,

जिंदगी तो खुद की शायरी, हर किसी को कहना पड़ता है।

 

अपनी करनी पार उतरनी शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translationof अपनी करनी पार उतरनी – Apni karni par utarni Idiom:

Introduction: In Indian philosophy and culture, actions hold significant importance. The Hindi idiom ‘अपनी करनी पार उतरनी’ emphasizes the consequences of one’s actions. Its essence is that a person has to experience the results of their good and bad deeds in this very life. This saying expresses the principle that our actions determine the direction and condition of our lives.

Meaning: The meaning of ‘अपनी करनी पार उतरनी’ is that an individual has to face the consequences of their actions. This notion is based on the concepts of justice and righteousness in life.

Usage: This idiom is often used when someone witnesses the direct repercussions of their actions. If a person does good deeds, they receive positive outcomes, and if they do bad deeds, they must endure negative consequences.

In Stories: There are many stories and mythological tales that embody the idiom ‘अपनी करनी पार उतरनी.’ Epics like Mahabharata and Ramayana are replete with narratives of the fruits of one’s actions.

In Real Life: In life, we often remember this idiom when we see someone reaping the results according to their deeds. It teaches us that every action of ours is important and we should always perform good deeds.

Lesson: ‘अपनी करनी पार उतरनी’ teaches us that we should always perform actions that we can be proud of, as our deeds lay the foundation for our future. It motivates us towards responsibility and morality.

Through this idiom, we understand that every action in life has significance, and therefore, we should consider each step carefully. This saying is not just a lesson but also a lifestyle that emphasizes the sanctity of duty and action.

In conclusion, the core message of ‘अपनी करनी पार उतरनी’ is that we should be aware of our actions because they determine the quality and direction of our lives.

Story of ‌‌Apni karni par utarni Idiom in English:

In a small village lived a young man named Anubhav. Anubhav had a dream – to become a great singer. Since his childhood, he had a deep love for music and his voice was so sweet that the entire village was crazy about his singing. However, due to poverty and lack of resources, he was unable to fulfill his dream.

By teaching music to the village children and working in the fields, he managed to support his family, but deep down, he always harbored the desire to achieve his ‘Armaan’ (ambitions).

Time passed, and Anubhav’s ambition slowly turned into a raging fire in his heart. One day, a grand music festival was to be organized in the village by a wealthy man of the same village, Seth Ji. Seth Ji knew about Anubhav’s talent, but he was so consumed by his pride in his wealth and power that he did not give Anubhav the opportunity to perform at his event.

Instead of becoming discouraged, Anubhav doubled his efforts. He started a small music class in a hut outside the village and dedicated himself to the practice of music day and night.

As he waited for the right time, the day finally came when a famous music director happened to pass through the village. Anubhav’s melodious voice enchanted him, and he invited Anubhav to perform at a music festival in a big city.

The tale of Anubhav’s success spread throughout the village, and even Seth Ji could not stop himself from praising him. He realized that in front of true merit and talent, wealth and arrogance held no value. He acknowledged his mistake and apologized to Anubhav.

Eventually, Anubhav fulfilled his ambitions and taught that with patience and steadfast effort, anyone can realize their dreams. His story is still alive in the village as the phrase ‘Armaan nikalne’ (to achieve one’s ambitions), serving as an example to inspire the younger generation.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का प्रयोग किस प्रकार से होता है?

इस मुहावरे का प्रयोग व्यक्तिगत या सामाजिक संदर्भों में किया जा सकता है, जब कोई किसी मुश्किल स्थिति से बाहर निकलता है।

अपनी करनी पार उतरनी का मतलब क्या है?

इस मुहावरे का मतलब होता है कि कोई व्यक्ति अपनी कीचड़ी कर्मों के बावजूद भी सफलता या मानवता में उच्च स्थान प्राप्त करता है।

क्या यह मुहावरा किसी ऐतिहासिक कथा से जुड़ा है?

नहीं, यह मुहावरा किसी ऐतिहासिक कथा से सीधे रूप से नहीं जुड़ा है, बल्कि यह एक उपमहाद्वीपीय अभिव्यक्ति है।

क्या इस मुहावरे का कोई विरोधी मुहावरा है?

हां, कुछ मुहावरे जैसे “बंदर किया बवाल” इस मुहावरे के विरोधी हो सकते हैं।

क्या इस मुहावरे का कोई संबंध किसी धार्मिक या सांस्कृतिक अदान-प्रदान से है?

नहीं, यह मुहावरा धार्मिक या सांस्कृतिक अदान-प्रदान से सीधे रूप से नहीं जुड़ा है, यह व्यक्तिगत प्रयास और सफलता के साथ संबंधित है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह मुहावरा अ से शुरू होने वाले मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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