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ऊँट मक्का को ही भागता है अर्थ, प्रयोग (Oont makka ko hi bhagta hai)

परिचय: हिन्दी भाषा समृद्ध है अपने अनेक मुहावरों और लोकोक्तियों के साथ, जो जीवन के विविध पहलुओं को छूती हैं। “ऊँट मक्का को ही भागता है” ऐसा ही एक मुहावरा है जो व्यंग्यात्मक रूप से व्यक्ति की स्वभावगत प्रवृत्तियों को दर्शाता है।

अर्थ: इस मुहावरे का सामान्य अर्थ है कि कोई व्यक्ति या प्राणी अपनी स्वभाविक प्रवृत्तियों या आदतों से बाहर नहीं जा सकता। जैसे ऊँट स्वाभाविक रूप से मक्का की ओर आकर्षित होता है, वैसे ही मनुष्य भी अपनी प्राकृतिक प्रवृत्तियों से बच नहीं सकता।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम किसी व्यक्ति की निरंतर समान प्रवृत्ति या आदतों की ओर इशारा करना चाहते हैं, खासकर तब जब वे आदतें उसके स्वभाव का हिस्सा हों।

उदाहरण:

-> विकास हर समय झूठ बोलता है, वाकई ऊँट मक्का को ही भागता है।

-> अनुभव को जुआ खेलने की बुरी आदत है, उसे चाहे जितना समझाओ, ऊँट मक्का को ही भागता है।

निष्कर्ष: यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि मनुष्य की प्रकृति और आदतें गहराई से निहित होती हैं और उन्हें बदलना अक्सर कठिन होता है। यह हमें यह भी बताता है कि किसी की स्वाभाविक प्रवृत्तियों को समझना और स्वीकार करना महत्वपूर्ण है। इस प्रकार, यह मुहावरा न केवल एक वाक्यांश है, बल्कि जीवन का एक महत्वपूर्ण सबक भी है।

Hindi Muhavare Quiz

ऊँट मक्का को ही भागता है मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, राजस्थान के एक छोटे से गाँव में एक विशाल मेला लगा था। वहाँ के लोगों ने अपने ऊँटों को सजा-धजा कर ऊँटों की रेस की तैयारी की थी। गाँव का सबसे प्रसिद्ध ऊँट था कालू, जो अपनी तेज दौड़ और बुद्धिमानी के लिए जाना जाता था।

कालू के मालिक, सुरेंद्र किसान, ने कालू को बहुत प्यार से पाला था और उसे हर दिन मक्के की भूसी खिलाता था। कालू को मक्का इतना पसंद था कि वह उसके लिए कुछ भी कर सकता था।

मेले के दिन, सुरेंद्र ने कालू को रेस के लिए तैयार किया और उसे स्टार्टिंग लाइन पर ले गया। रेस शुरू होने पर, कालू तेजी से दौड़ने लगा और बाकी सभी ऊँटों से आगे निकल गया। लेकिन तभी कुछ हुआ जिसकी किसी ने कल्पना भी नहीं की थी।

रेस के बीच में, कालू ने मक्के के एक खेत को देखा जो रेस ट्रैक के किनारे पर था। उसकी नजरें मक्के पर टिक गईं और वह रेस छोड़कर मक्के की ओर भागने लगा। सुरेंद्र और बाकी गाँव वाले हैरान रह गए। कालू ने रेस जीतने का सुनहरा मौका खो दिया था, सिर्फ इसलिए क्योंकि वह अपनी पसंदीदा मक्का खाने की आदत से बाज नहीं आ सका।

सुरेंद्र ने उसे वापस बुलाया और समझाया, “कालू, तुम्हारी यह आदत तुम्हें हमेशा मुसीबत में डाल देती है।”

गाँव वालों ने एक-दूसरे से कहा, “सच में, ऊँट मक्का को ही भागता है। कालू ने अपनी प्राकृतिक प्रवृत्ति को नहीं छोड़ा।”

कहानी का सार यह है कि प्रत्येक प्राणी अपनी प्राकृतिक आदतों और प्रवृत्तियों से बाहर नहीं जा सकता, और कभी-कभी यही आदतें उसे महत्वपूर्ण अवसरों से वंचित कर देती हैं।

शायरी:

जैसे मक्का की खुशबू से ऊँट न बच पाए,

हर दिल में छुपी आदत यूँ ही सामने आए।

इस दुनिया में इरादे बहुत, पर मक्सद एक,

अपनी फितरत से, हर कोई यहाँ है अनेक।

ज़िन्दगी की राहों में, हर कदम पे इम्तिहान है,

फिर भी आदत से मजबूर, इंसान तो इंसान है।

ख्वाहिशों की मक्का में, बंधे हर ख्वाब के ऊँट,

इंसानी फितरत का, ये अजब और गजब रूट।

जीवन की इस दौड़ में, सभी की अपनी दौड़ है,

‘ऊँट मक्का को ही भागता’, ये सच्चाई का शोर है।

 

ऊँट मक्का को ही भागता शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of ऊँट मक्का को ही भागता है – Oont makka ko hi bhagta hai Idiom:

Introduction: The Hindi language is rich with its many idioms and proverbs, touching on various aspects of life. “ऊँट मक्का को ही भागता है” (The camel always runs towards the maize) is one such idiom that sarcastically represents a person’s inherent tendencies.

Meaning: The general meaning of this idiom is that a person or animal cannot escape their natural instincts or habits. Just as a camel is naturally attracted to maize, similarly, humans cannot escape their innate tendencies.

Usage: This idiom is used when we want to point out someone’s consistent behavior or habits, especially when those habits are part of their nature.

Example:

-> Vikas always lies, indeed, the camel always runs towards the maize.

-> Anubhav has a bad habit of gambling, no matter how much you explain to him, the camel always runs towards the maize.

Conclusion: This idiom teaches us that human nature and habits are deeply ingrained and often difficult to change. It also tells us that understanding and accepting someone’s natural tendencies is important. Thus, this idiom is not just a phrase, but also an important lesson in life.

Story of ‌‌Oont makka ko hi bhagta hai Idiom in English:

Once upon a time, in a small village in Rajasthan, a grand fair was held. The villagers had decorated their camels and prepared them for a camel race. The most famous camel in the village was Kalu, known for his swift running and intelligence.

Kalu’s owner, Surendra, a farmer, had raised him with great affection and fed him corn husks every day. Kalu loved corn so much that he would do anything for it.

On the day of the fair, Surendra prepared Kalu for the race and took him to the starting line. As the race began, Kalu started running fast and soon outpaced all the other camels. But then, something happened that no one had imagined.

In the middle of the race, Kalu saw a cornfield at the edge of the race track. His eyes fixed on the corn, and he left the race to run towards it. Surendra and the rest of the villagers were shocked. Kalu lost the golden opportunity to win the race, simply because he couldn’t resist his favorite corn.

Surendra called him back and explained, “Kalu, this habit of yours always lands you in trouble.”

The villagers said to each other, “Truly, the camel always runs towards the maize. Kalu didn’t leave his natural instinct.”

The moral of the story is that every creature cannot escape its natural habits and tendencies, and sometimes these habits deprive them of important opportunities.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का वास्तविक अर्थ भी होता है?

नहीं, यह मुहावरा केवल एक व्यावहारिक भाषा है और उसका वास्तविक अर्थ नहीं होता।

क्या अन्य भाषाओं में इस मुहावरे का समकालिक संवर्णन है?

हां, कई अन्य भाषाओं में इसका समकालिक संवर्णन है, जैसे अंग्रेजी में “The camel runs only towards the maize.”

क्या मुहावरा ‘ऊँट मक्का को ही भागता है’ का अर्थ है?

यह मुहावरा दिखाता है कि कोई व्यक्ति सीमित या अपरिश्रेणीय चीजों की ओर ही ध्यान देता है।

इस मुहावरे का प्रयोग कहाँ होता है?

यह मुहावरा व्यक्ति की भौतिक या मानसिक रूप से सीमित सोच को व्यक्त करने के लिए प्रयोग किया जाता है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग केवल व्यक्तिगत स्तर पर होता है?

नहीं, यह मुहावरा सामाजिक, आर्थिक, या राजनीतिक संदर्भों में भी प्रयोग किया जा सकता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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