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नौ दो ग्यारह होना, अर्थ, प्रयोग(Nau do gyarah hona)

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परिचय: हिंदी भाषा अपार संख्या में मुहावरों का खजाना है जिसमें प्रत्येक मुहावरा किसी विशेष अर्थ को प्रकट करता है। “नौ दो ग्यारह होना” भी ऐसा ही एक मुहावरा है।

अर्थ: “नौ दो ग्यारह होना” मुहावरे का अर्थ है अचानक से भाग जाना या अचानक से गायब हो जाना।

उदाहरण:

-> जब विशाल ने सुना कि पुलिस उसकी तलाशी में है, वह तुरंत नौ दो ग्यारह हो गया।

-> जब विकास को लगा कि उसे उसकी गलतियों का सामना करना पड़ेगा, वह नौ दो ग्यारह होकर अपने गाँव लौट गया।

विवेचना: हमारे समाज में कई बार ऐसे स्थितियाँ होती हैं जब किसी को अपनी गलतियों या किसी संकट से बचने के लिए अचानक ही भाग जाना पड़ता है। “नौ दो ग्यारह होना” मुहावरा इसी तरह की परिस्थितियों को दर्शाता है।

निष्कर्ष: “नौ दो ग्यारह होना” मुहावरे के माध्यम से हम इसे समझते हैं कि कभी-कभी लोग अपेक्षिकता या भय के कारण अचानक ही एक स्थान से दूसरे स्थान पर जा सकते हैं।

नौ दो ग्यारह होना मुहावरा पर कहानी:

गाँव के मुख्य चौराहे पर विकास अपनी छोटी सी दुकान पर बैठा था। वह गाँव में सबसे अच्छा समोसा बनाने के लिए मशहूर था। परन्तु, वह सिर्फ समोसा ही नहीं बेचता था, बल्कि वह उन समोसों में चोरी की गई चीजें भी छुपा देता था।

एक दिन, गाँव के पंचायती ने सुना कि विकास चोरी की हुई चीजें अपनी दुकान में छुपा रहा है। वे तय करने वाले थे कि वे विकास की दुकान पर छापा मारेंगे।

विकास को इस बारे में जानकारी मिल गई थी। वह डर गया और सोचा कि अब उसे जेल जाना पड़ेगा। वह तय कर लिया कि वह गाँव छोड़कर भाग जाएगा।

रात के समय, जब सभी सो रहे थे, विकास ने अपनी दुकान से सभी पैसे और कुछ आवश्यक सामान ले लिया और नौ दो ग्यारह हो गया।

अगले दिन सुबह, जब पंचायती लोग छापा मारने पहुंचे, तो विकास की दुकान बंद पाई गई और वह खुद वहाँ पर नहीं था। लोगों ने समझा कि विकास ने समझ लिया था कि अब उसका खेल खत्म हो गया है, इसलिए वह भाग गया।

इस कहानी से हमें यह समझ में आता है कि ‘नौ दो ग्यारह होना’ का मतलब है किसी डर या भय की वजह से अचानक भाग जाना।

शायरी:

जब जीवन में आयी मुश्किलें कड़ी,

हर मोड़ पर लगी थी रोक बड़ी।

नौ दो ग्यारह होने का मन किया,

पर फिर भी मैंने मुकामात नहीं छोड़ी।

 

नौ दो ग्यारह होना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of नौ दो ग्यारह होना – Nau do gyarah hona Idiom:

Introduction: The Hindi language has a treasure trove of idioms, each of which conveys a specific meaning. “Nau do gyarah hona” is one such idiom.

Meaning:  The idiom “Nau do gyarah hona” translates to suddenly running away or disappearing unexpectedly.

Usage:

-> When Vishal heard that the police were searching for him, he suddenly disappeared.

-> When Vikas felt that he would have to face the consequences of his mistakes, he immediately ran back to his village.

Discussion: In our society, there are often situations where someone has to suddenly flee or avoid facing their mistakes or a crisis. The idiom “Nau do gyarah hona” represents such situations.

Conclusion: Through the idiom “Nau do gyarah hona,” we understand that sometimes people can suddenly move from one place to another due to urgency or fear.

Story of ‌‌au do gyarah hona Idiom in English:

At the main crossroads of the village, Vikas sat at his small shop. He was renowned in the village for making the best samosas. However, he didn’t just sell samosas; he also hid stolen items inside them.

One day, the village council heard that Vikas was hiding stolen goods in his shop. They decided to raid Vikas’s shop.

Vikas got wind of this. He was scared and thought he would have to go to jail. He decided that he would flee the village.

At night, when everyone was asleep, Vikas took all the money from his shop and some essential items and disappeared without a trace.

The next morning, when the council members arrived to conduct the raid, they found Vikas’s shop closed, and he was nowhere to be found. People realized that Vikas must have figured out that his game was up, which is why he had run away.

This story helps us understand that “Nau Do Gyarah Hona” means to suddenly flee due to fear or panic.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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