Budhimaan

Home » Hindi Muhavare » आँखों में खटकना, अर्थ, प्रयोग(Ankho me khatakna)

आँखों में खटकना, अर्थ, प्रयोग(Ankho me khatakna)

आँखों में खटकना मुहावरा चित्र, Budhimaan.com मुहावरे, हिंदी मुहावरे इल्लस्ट्रेशन, आँखों में खटकना ग्राफिक डिजाइन

हिंदी भाषा में कई मुहावरे हैं, जिनके पीछे अपनी अद्वितीय समझ और महत्व है। ‘आँखों में खटकना’ भी ऐसा ही एक मुहावरा है, जिसका अर्थ है किसी को अपनी नज़रों में पसंद नहीं आना। इसे विस्तार से समझें।

अर्थ: ‘आँखों में खटकना’ मुहावरे का सीधा अर्थ है किसी व्यक्ति, बात या परिस्थिति से परेशान होना या उसे अपनी नज़रों में पसंद नहीं आना। जब कोई व्यक्ति दूसरे की प्रगति या विकास से जलन महसूस करता है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।

उदाहरण:

-> राम ने देखा कि श्याम उससे ज्यादा प्रगति कर रहा है, तो श्याम अब उसकी आँखों में खटकता है।

->प्रिया को जलन होती है जब वह सुनती है कि उसकी सहेली सोनिया ने नई नौकरी पाई, और सोनिया अब उसकी आँखों में खटकती है।

प्रयोग: जब हम किसी की प्रगति, सफलता या उनके प्राप्त किए गए लाभ से जलते हैं और उसे अपनी नजरों में अच्छा नहीं लगता, तो हम “आँखों में खटकना” मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैं।

विशेष टिप्पणी: ‘आँखों में खटकना’ मुहावरा व्यक्ति की जलन और असंतोष को प्रकट करता है, जो अक्सर दूसरे की प्रगति और सफलता से होता है। यह हमें यह भी सिखाता है कि हमें दूसरों की सफलता से प्रेरित होना चाहिए, न कि जलन महसूस करनी चाहिए।

आँखों में खटकना मुहावरा पर कहानी:

राम और श्याम गाँव के दो अच्छे दोस्त थे। दोनों बचपन से ही साथ खेलते थे और बड़े होकर गाँव में अपना व्यापार शुरू किया। राम गाँव में चाय की दुकान खोल बैठा था, जबकि श्याम ने फलों की दुकान खोली।

श्याम की दुकान पहले ही दिन से चर्चा में थी, क्योंकि वह ताज़ा और अच्छे गुणवत्ता वाले फल बेचता था। लोग उसकी दुकान पर अधिक मात्रा में आने लगे। वहीं, राम की चाय की दुकान भी अच्छी चल रही थी, लेकिन जब उसने श्याम की सफलता को देखा, तो उसकी आँखों में श्याम के लिए जलन उत्पन्न हो गई।

राम ने सोचा कि श्याम की दुकान के सामने अगर वह अपनी चाय की दुकान खोल दे, तो शायद उसकी दुकान में भी ज्यादा ग्राहक आएंगे। लेकिन जब वह वहाँ अपनी दुकान खोला, तो उसका परिणाम उल्टा हुआ। 

श्याम ने जब राम की इस स्थिति को देखा, तो वह उसके पास गया और बोला, “राम, हमें दूसरों की सफलता से जलन नहीं होनी चाहिए। हमें उससे प्रेरणा लेनी चाहिए और अपने मार्ग में प्रयासशील रहना चाहिए।” राम ने समझा कि वह गलत था।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि हमें दूसरों की सफलता से जलन नहीं होनी चाहिए, बल्कि हमें उससे प्रेरणा लेनी चाहिए। और ‘आँखों में खटकना’ मुहावरे का सही अर्थ भी समझ में आता है।

शायरी:

उसकी उचाईयों को देख, मेरी आँखों में बजी सितार,


शायरी की तरह गहरा, जलन का वह अहसास यार।

उसकी महकती कामयाबी, जैसे गीली मिट्टी की खुश्बू,


आँखों में खटकता है, पर दिल जानता है वह भी है मजबूर।

 

आँखों में खटकना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of आँखों में खटकना – Ankho me khatakna Idiom:

Meaning:  The idiom ‘Ankho me khatakna’ directly translates to being annoyed or displeased by a person, statement, or situation. When someone feels envious or jealous of another’s progress or growth, this idiom is used.

Examples:

-> When Ram saw that Shyam was progressing more than him, Shyam started to irk him.

-> Priya feels envious when she hears about her friend Sonia getting a new job, and now Sonia seems to bother her eyes.

Usage: When we are envious of someone’s progress, success, or the benefits they have received, and we do not like it, we can use the idiom “Ankho me khatakna”.

Special Note: The idiom ‘Ankho me khatakna’ denotes a person’s envy and discontent, often arising from someone else’s progress and success. It teaches us that we should be inspired by others’ success, rather than feeling jealous. 

Story of ‌‌Ankho me khatakna Idiom in Hindi:

Ram and Shyam were two close friends from the village. They had played together since childhood and, as they grew older, both began their own businesses in the village. 

Ram set up a tea stall, while Shyam opened a fruit shop. Right from the first day, Shyam’s shop became the talk of the town because he sold fresh and high-quality fruits. People started flocking to his shop in large numbers. Meanwhile, Ram’s tea stall was also doing well. However, when he noticed Shyam’s success, envy crept into his eyes for Shyam. 

Ram thought that if he relocated his tea stall opposite Shyam’s shop, perhaps he would attract more customers. But when he did that, the result was quite the opposite. When Shyam observed Ram’s predicament, he approached him and said, “Ram, we shouldn’t be jealous of others’ success. 

We should take inspiration from it and continue our efforts in our own path.” Ram realized he was wrong. This story teaches us that instead of being envious of someone else’s success, we should draw inspiration from it. It also helps us understand the true essence of the idiom ‘Ankho me khatakna’ (feeling envious or bothered by someone else’s progress).

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"टुकड़ा खाए दिल बहलाए कहावत का प्रतीकात्मक चित्र", "कपड़े फाटे घर को आए कहावत की व्याख्या वाला चित्र", "आर्थिक संघर्ष दर्शाती Budhimaan.com की छवि", "भारतीय ग्रामीण जीवन का यथार्थ चित्रण"
Kahavaten

टुकड़ा खाए दिल बहलाए, कपड़े फाटे घर को आए, अर्थ, प्रयोग(Tukda khaye dil bahlaye, Kapde fate ghar ko aaye)

“टुकड़ा खाए दिल बहलाए, कपड़े फाटे घर को आए” यह हिंदी कहावत कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करने के संघर्ष को दर्शाती है। इस कहावत

Read More »
"टका सर्वत्र पूज्यन्ते कहावत का चित्रण", "धन और सामाजिक सम्मान का प्रतीकात्मक चित्र", "भारतीय समाज में धन का चित्रण", "हिंदी कहावतों का विश्लेषण - Budhimaan.com"
Kahavaten

टका सर्वत्र पूज्यन्ते, बिन टका टकटकायते, अर्थ, प्रयोग(Taka sarvatra pujyate, Bin taka taktakayte)

परिचय: हिंदी की यह कहावत “टका सर्वत्र पूज्यन्ते, बिन टका टकटकायते” धन के महत्व और समाज में इसके प्रभाव पर जोर देती है। यह कहावत

Read More »
"टेर-टेर के रोवे कहावत का प्रतीकात्मक चित्र", "Budhimaan.com पर व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान", "सामाजिक प्रतिष्ठा की रक्षा करती कहावत का चित्र", "हिंदी प्रवचनों की व्याख्या वाला चित्र"
Kahavaten

टेर-टेर के रोवे, अपनी लाज खोवे, अर्थ, प्रयोग(Ter-ter ke rove, Apni laj khove)

“टेर-टेर के रोवे, अपनी लाज खोवे” यह हिंदी कहावत व्यक्तिगत समस्याओं को बार-बार और सबके सामने व्यक्त करने के परिणामों को दर्शाती है। इस कहावत

Read More »
"ठग मारे अनजान कहावत का प्रतीकात्मक चित्र", "Budhimaan.com पर बनिया मारे जान कहावत का विश्लेषण", "धोखाधड़ी के विभिन्न रूप दर्शाती कहावत का चित्र", "हिंदी प्रवचनों की गहराई का चित्रण"
Kahavaten

ठग मारे अनजान, बनिया मारे जान, अर्थ, प्रयोग(Thag mare anjaan, Baniya maare jaan)

“ठग मारे अनजान, बनिया मारे जान” यह हिंदी कहावत विभिन्न प्रकार के छल-कपट की प्रकृति को दर्शाती है। इस कहावत के माध्यम से, हम यह

Read More »
"टका हो जिसके हाथ में कहावत का चित्रण", "समाज में धन की भूमिका का चित्र", "भारतीय कहावतों का चित्रात्मक प्रतिनिधित्व", "Budhimaan.com पर हिंदी कहावतों का विश्लेषण"
Kahavaten

टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में, अर्थ, प्रयोग(Taka ho jiske haath mein, Wah hai bada jaat mein)

“टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में” यह हिंदी कहावत समाज में धन के प्रभाव और उसकी महत्वपूर्णता पर प्रकाश डालती है।

Read More »
"टट्टू को कोड़ा और ताजी को इशारा कहावत का चित्रण", "बुद्धिमत्ता और मूर्खता पर आधारित हिंदी कहावत का चित्र", "Budhimaan.com पर हिंदी कहावतों की व्याख्या", "जीवन शैली और सीख का प्रतिनिधित्व करता चित्र"
Kahavaten

टट्टू को कोड़ा और ताजी को इशारा, अर्थ, प्रयोग(Tattoo ko koda aur tazi ko ishara)

“टट्टू को कोड़ा और ताजी को इशारा” यह हिंदी कहावत बुद्धिमत्ता और मूर्खता के बीच के व्यवहारिक अंतर को स्पष्ट करती है। इस कहावत के

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।