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दाल में नमक बराबर अर्थ, प्रयोग(Daal mein namak barabar)

परिचय: “दाल में नमक बराबर” मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब किसी चीज की मात्रा या महत्व बहुत कम हो। इसे अक्सर ऐसी स्थिति में प्रयोग किया जाता है जब किसी बड़ी चीज़ के संदर्भ में किसी छोटी चीज़ का महत्व न के बराबर हो।

अर्थ: इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ है कि दाल में नमक की मात्रा बहुत कम होती है। लाक्षणिक रूप से, यह दर्शाता है कि किसी बड़े संदर्भ या समग्र दृश्य में किसी छोटी चीज का योगदान या महत्व नगण्य है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब किया जाता है जब हम किसी बड़े समूह या संगठन में किसी व्यक्ति के छोटे योगदान को व्यक्त करना चाहते हैं। यह व्यक्त करता है कि वह व्यक्ति या चीज इतनी महत्वपूर्ण नहीं है कि उसके बिना काम नहीं चल सकता।

उदाहरण:

-> उस बड़ी कंपनी में विशाल का योगदान ‘दाल में नमक बराबर’ है, वह ज्यादा महत्वपूर्ण नहीं है।

-> इस विशाल परियोजना में मेरा काम ‘दाल में नमक बराबर’ है, बाकी सब कुछ टीम ने किया है।

निष्कर्ष: ‘दाल में नमक बराबर’ मुहावरा हमें यह दर्शाता है कि हर व्यक्ति या चीज का महत्व होता है, चाहे वह कितना भी छोटा क्यों न हो। यह हमें याद दिलाता है कि हर योगदान महत्वपूर्ण है और हर व्यक्ति की अपनी एक विशेष भूमिका होती है।

Hindi Muhavare Quiz

दाल में नमक बराबर मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में नियांत नामक एक लड़का रहता था। नियांत बहुत मेहनती और समझदार था, लेकिन उसकी स्थिति गाँव में बहुत मामूली थी। गाँव में हर साल एक बड़ा मेला लगता था, जिसमें सभी गाँववाले अपनी-अपनी कला और कौशल का प्रदर्शन करते थे।

इस वर्ष, गाँववालों ने एक विशाल दावत का आयोजन किया था। सभी ने अपनी-अपनी विशेषताएँ प्रदर्शित करने का निर्णय लिया। नियांत ने भी दावत में भाग लेने की इच्छा जताई, लेकिन सभी ने उसे हल्के में लिया क्योंकि वह गाँव का सबसे छोटा और सबसे कम महत्वपूर्ण सदस्य माना जाता था।

दावत के दिन, सभी ने अपने-अपने व्यंजन पेश किए। नियांत ने भी एक बड़ी देगची में दाल बनाई और उसे दावत में ले आया। सभी ने नियांत की दाल को अनदेखा कर दिया और अन्य व्यंजनों की प्रशंसा की। लेकिन जब खाना शुरू हुआ, तो सभी को एहसास हुआ कि अन्य सभी व्यंजनों में कुछ कमी थी।

तब नियांत ने अपनी दाल की पेशकश की। जैसे ही लोगों ने नियांत की दाल चखी, उन्हें एहसास हुआ कि यह दाल ही थी जो सभी व्यंजनों को पूर्णता प्रदान कर रही थी। नियांत की दाल ने सभी के दिल और पेट दोनों को भर दिया।

उस दिन गाँववालों ने सीखा कि “दाल में नमक बराबर” होने का मतलब यह नहीं है कि उसका कोई महत्व नहीं है। नियांत की दाल, जिसे सबने अनदेखा किया था, ने सभी को यह सिखाया कि हर छोटी चीज का भी अपना एक महत्व होता है, और यही छोटी-छोटी चीजें मिलकर जीवन को संपूर्ण बनाती हैं।

शायरी:

दाल में नमक बराबर, बात ये सच्ची सी लगती है,

हर छोटी चीज में भी, एक कहानी बुनती है।

जीवन की इस रसोई में, सबकी अपनी भूमिका है,

बिन नमक के दाल जैसा, हर एक अधूरा फसाना है।

छोटे-छोटे किरदार भी, कहाँ कुछ कम कर जाते हैं,

वो नमक जैसे लगते हैं, जो ज़ायका बदल जाते हैं।

जिंदगी के इस सफर में, हर छोटी बात अहम होती है,

नमक सा असर छोड़ जाती, हर वो चीज़ जो नजरअंदाज़ होती है।

बड़े-बड़े समंदर में भी, एक बूंद का महत्व होता है,

दाल में नमक बराबर, ये मुहावरा गहरा होता है।

 

दाल में नमक बराबर शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of दाल में नमक बराबर – Daal mein namak barabar Idiom:

Introduction: The idiom “Daal mein namak barabar” is used when the quantity or significance of something is very minimal. It is often employed in situations where the importance of a small thing is negligible in comparison to something much larger.

Meaning: Literally, this idiom means that the quantity of salt in lentils is very small. Figuratively, it suggests that the contribution or importance of a small thing is insignificant in a larger context or overall scenario.

Usage: This idiom is used when we want to express the minor contribution of an individual in a large group or organization. It conveys that the person or thing is not so significant that work cannot proceed without it.

Example:

-> In that large company, Vishal’s contribution is ‘Daal mein namak barabar’, meaning he is not very important.

-> In this massive project, my role is ‘Daal mein namak barabar’; the rest has all been done by the team.

Conclusion: The idiom ‘Daal mein namak barabar’ illustrates that every person or thing has its importance, no matter how small. It reminds us that every contribution is important and every individual has a unique role to play.

Story of ‌‌Daal mein namak barabar Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a boy named Niyant. Niyant was very hardworking and intelligent, but his status in the village was quite modest. Every year, the village would host a large fair where all the villagers showcased their art and skills.

That year, the villagers had organized a grand feast. Everyone decided to display their specialities. Niyant also expressed his desire to participate in the feast, but everyone took him lightly as he was considered the smallest and least important member of the village.

On the day of the feast, everyone presented their dishes. Niyant too prepared lentils in a large pot and brought it to the feast. Everyone ignored Niyant’s lentils and praised the other dishes. However, when the meal began, everyone realized that something was lacking in all the other dishes.

Then, Niyant offered his lentils. As soon as people tasted Niyant’s lentils, they realized that it was his dish that completed all the others. Niyant’s lentils filled both the hearts and stomachs of everyone present.

That day, the villagers learned that “being like salt in lentils” doesn’t mean being unimportant. The lentils of Niyant, which everyone had overlooked, taught everyone that every small thing has its own significance, and it’s these small things that together make life complete.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का प्रयोग किन संदर्भों में किया जाता है?

इस मुहावरे का प्रयोग धन-दौलत, ज्ञान, प्रतिभा, समय, प्रयास, मसाला, सजावट आदि चीजों के लिए किया जा सकता है, जहाँ कम मात्रा में उनकी उपस्थिति महत्वपूर्ण प्रभाव डालती है।

इस मुहावरे का असली अर्थ क्या है?

यह मुहावरा किसी चीज की बहुत कम, लेकिन बेहद जरूरी मात्रा को दर्शाता है। जिस तरह नमक थोड़ी मात्रा में होने पर भी दाल का स्वाद बढ़ा देता है, उसी तरह यह मुहावरा जीवन के किसी भी पहलू में महत्वहीन सी लगने वाली परन्तु महत्वपूर्ण चीज को बताता है।

इस मुहावरे का शाब्दिक अर्थ क्या है?

इस मुहावरे का सीधा अर्थ होता है “दाल में नमक जितनी कम मात्रा में होता है”।

इस मुहावरे का उलटावत वाक्यांश क्या होगा?

इसका उलटावत वाक्यांश होगा “दाल में नमक ज्यादा होना” जिसका अर्थ होगा किसी चीज का जरूरत से ज्यादा होना, जो हानिकारक भी हो सकता है।

क्या इसके कोई पर्यायवाची मुहावरे हैं?

हाँ, इसके कुछ पर्यायवाची मुहावरे हैं जैसे “बूंद से सागर”, “एक तिनका तूफान मचा सकता है”, “थोड़े से आटे से बहुत रोटी”।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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