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चबाए कौर को चबाना अर्थ, प्रयोग (Chabaye kaur ko chabana)

परिचय: “चबाए कौर को चबाना” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है जो अक्सर व्यर्थ की बातों या कार्यों का वर्णन करने के लिए प्रयोग किया जाता है। यह मुहावरा उन स्थितियों को दर्शाता है जहां किसी पहले से सुलझाए गए या समाप्त किए गए मुद्दे पर बार-बार विचार या चर्चा की जाती है।

अर्थ: “चबाए कौर को चबाना” का अर्थ है किसी पहले से हल हो चुके मुद्दे को फिर से उठाना या उस पर दोबारा विचार करना। यह अक्सर उन परिस्थितियों में प्रयोग होता है जहाँ कोई व्यक्ति या समूह बार-बार एक ही बात को दोहराता है, जिससे कोई नया परिणाम या समाधान नहीं निकलता।

प्रयोग: यह मुहावरा आमतौर पर उस समय प्रयोग किया जाता है जब किसी पुराने और हल हो चुके मुद्दे को बार-बार उठाया जाता है, जिससे वर्तमान स्थिति या विचार-विमर्श में कोई सार्थक योगदान नहीं होता।

उदाहरण:

-> राजनीतिक बहस में अक्सर चबाए कौर को चबाना होता है, जहाँ पुराने मुद्दे बार-बार उठाए जाते हैं।

-> टीम मीटिंग में वही पुरानी रणनीति पर चर्चा करना, बस चबाए कौर को चबाना ही तो है।

निष्कर्ष: “चबाए कौर को चबाना” मुहावरा हमें यह सिखाता है कि पुराने और हल हो चुके मुद्दों पर बार-बार विचार करना न केवल व्यर्थ है, बल्कि यह समय और संसाधनों की बर्बादी भी है। यह हमें आगे बढ़ने और नए समाधानों की खोज में सहयोग करने की प्रेरणा देता है। इस मुहावरे का मूल संदेश यह है कि हमें अतीत की बातों को बार-बार दोहराने के बजाय, वर्तमान की समस्याओं और चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए और उनके लिए नए और रचनात्मक समाधान खोजने चाहिए।

Hindi Muhavare Quiz

चबाए कौर को चबाना मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में एक सभा आयोजित की गई थी। इस सभा का मुख्य उद्देश्य था गाँव के विकास के नए तरीके ढूँढना। गाँव के मुखिया, प्रेमचंद्र, ने सभी ग्रामीणों को इस सभा में आमंत्रित किया।

सभा के दिन, सभी ग्रामीण समय पर पहुँच गए। लेकिन जैसे ही सभा शुरू हुई, एक वृद्ध ग्रामीण ने पुराने पानी की समस्या का मुद्दा उठाया। प्रेमचंद्र ने समझाया कि यह मुद्दा पहले ही हल हो चुका है और नई जल संरक्षण योजनाएँ लागू की जा रही हैं।

फिर भी, वृद्ध ग्रामीण और कुछ अन्य लोग बार-बार उसी पुराने मुद्दे को उठाते रहे। इससे सभा में काफी समय बर्बाद हुआ और कोई नया विचार सामने नहीं आ सका।

तब प्रेमचंद्र ने सभी से कहा, “दोस्तों, हम यहाँ गाँव की नई समस्याओं के हल और विकास के लिए नए विचार सोचने आए हैं। बार-बार पुराने मुद्दे उठाना सिर्फ ‘चबाए कौर को चबाने’ जैसा है। हमें आगे बढ़कर नए समाधानों पर विचार करना चाहिए।”

इस पर, ग्रामीणों को समझ में आया कि वे वास्तव में एक ही बात को बार-बार दोहरा रहे थे। उन्होंने अपनी ऊर्जा और ध्यान नई योजनाओं और विचारों पर केंद्रित किया।

अंत में, सभा में कई नए और सार्थक विचार सामने आए। ग्रामीणों ने एक साथ मिलकर गाँव के विकास के लिए कई उपायों पर सहमति जताई।

इस कहानी से सीख मिलती है कि पुराने मुद्दों पर बार-बार विचार करने के बजाय, हमें नए विचारों और समाधानों पर ध्यान देना चाहिए। “चबाए कौर को चबाना” मुहावरे का सार यही है कि अतीत की बातों को छोड़कर हमें वर्तमान की चुनौतियों पर केंद्रित रहना चाहिए और उनके लिए नवीन और प्रभावी समाधान तलाशने चाहिए।

शायरी:

पुराने ज़ख्मों को कुरेदने का क्या फायदा,

चबाए कौर को चबाने का क्या रायदा।

गुज़रा वक्त फिर से नहीं आता,

बार-बार उसे याद करने का क्या मतलब बताता।

आज की बातों में नया रंग भरो,

पुराने किस्सों को दोहराने में क्या खुशी मिलती है, यह सोचो।

आगे बढ़ने की राह में नई सोच ले चलो,

पुराने किस्सों को बार-बार चबाने में क्या लाभ हो, यह समझो।

जीवन के सफर में नई कहानियाँ रचो,

चबाए हुए कौर को फिर से चबाने से क्या हासिल होगा, यह जानो।

 

चबाए कौर को चबाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of चबाए कौर को चबाना – Chabaye kaur ko chabana Idiom:

Introduction: “चबाए कौर को चबाना” (Rehashing the Chewed Bite) is a popular Hindi idiom often used to describe futile talks or actions. This idiom depicts situations where a previously resolved or finished issue is repeatedly thought about or discussed.

Meaning: “चबाए कौर को चबाना” means to bring up or reconsider an issue that has already been resolved. It is commonly used in situations where a person or group repetitively dwells on the same topic, leading to no new outcome or solution.

Usage: This idiom is typically used when an old and already resolved issue is repeatedly brought up, contributing nothing meaningful to the current situation or discussion.

Example:

-> In political debates, there is often a rehashing of the chewed bite, where old issues are repeatedly raised.

-> Discussing the same old strategy in the team meeting is just rehashing the chewed bite.

Conclusion: The idiom “चबाए कौर को चबाना” teaches us that repeatedly pondering over old and resolved issues is not only futile but also a waste of time and resources. It inspires us to move forward and collaborate in finding new solutions. The core message of this idiom is that instead of repeatedly dwelling on the past, we should focus on the current problems and challenges and seek new and creative solutions for them.

Story of ‌‌Chabaye kaur ko chabana Idiom in English:

Once upon a time, a small village organized a meeting. The main purpose of this meeting was to find new ways to develop the village. The village head, Premchandra, invited all the villagers to this meeting.

On the day of the meeting, all the villagers arrived on time. But as soon as the meeting started, an elderly villager raised an old issue regarding the water problem. Premchandra explained that this issue had already been resolved and new water conservation plans were being implemented.

Nevertheless, the elderly villager and some others kept bringing up the same old issue repeatedly. This led to a lot of time being wasted in the meeting and no new ideas could emerge.

Then Premchandra said to everyone, “Friends, we have come here to think of new ideas for solving the village’s new problems and development. Repeatedly bringing up old issues is just like ‘chewing the chewed bite’ (चबाए कौर को चबाना). We should move forward and think about new solutions.”

Upon hearing this, the villagers realized that they were indeed repeating the same thing over and over again. They focused their energy and attention on new plans and ideas.

Finally, several new and meaningful ideas emerged in the meeting. The villagers collectively agreed on several measures for the development of the village.

This story teaches us that instead of repeatedly pondering over old issues, we should focus on new ideas and solutions. The essence of the idiom “चबाए कौर को चबाना” is that we should leave the past behind and focus on the present challenges, seeking innovative and effective solutions for them.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

“चबाए कौर को चबाना” मुहावरे की उत्पत्ति कैसे हुई?

इस मुहावरे की विशेष उत्पत्ति के बारे में सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं है, लेकिन यह लोकोक्ति अनावश्यक प्रयासों और दोहराव पर व्यंग्य करने के लिए उपजी होगी।

क्या “चबाए कौर को चबाना” केवल बोलचाल की भाषा में प्रयोग होता है?

हाँ, यह मुहावरा ज्यादातर बोलचाल की भाषा में और लोकप्रिय वार्तालापों में प्रयोग किया जाता है, विशेषकर जब दोहराव की आलोचना करनी होती है।

“चबाए कौर को चबाना” मुहावरे का शिक्षाप्रद महत्व क्या है?

इस मुहावरे का शिक्षाप्रद महत्व यह है कि यह हमें सिखाता है कि हमें अपने प्रयासों में सार्थकता और नवीनता का महत्व समझना चाहिए और बेवजह के दोहराव से बचना चाहिए।

क्या “चबाए कौर को चबाना” मुहावरे से किसी समस्या का समाधान निकल सकता है?

इस मुहावरे का प्रयोग समस्या के समाधान के सीधे तौर पर नहीं बल्कि अनावश्यक दोहराव के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए किया जा सकता है, जिससे व्यक्ति अधिक प्रभावी समाधान की ओर अग्रसर हो सकता है।

क्या “चबाए कौर को चबाना” मुहावरे का उपयोग केवल विशेष परिस्थितियों में ही सीमित है?

यह मुहावरा विभिन्न संदर्भों में प्रयोग किया जा सकता है, जहाँ भी अनावश्यक दोहराव या बेकार के प्रयासों की ओर संकेत करना हो, चाहे वह व्यक्तिगत वार्तालाप हो या सार्वजनिक चर्चा।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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