“अपनी लगाई आग में आप जल जाना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो स्वयं के द्वारा बनाई गई समस्याओं या परिस्थितियों से खुद का ही नुकसान होने की स्थिति को दर्शाता है।
परिचय: “अपनी लगाई आग में आप जल जाना” मुहावरे का उपयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति अपने खुद के द्वारा की गई गलतियों या गलत निर्णयों की वजह से खुद को हानि पहुंचाता है।
अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति खुद की बनाई हुई परिस्थितियों या समस्याओं का शिकार हो जाता है। इसमें व्यक्ति स्वयं के कार्यों के परिणामों से प्रभावित होता है।
प्रयोग: यह मुहावरा तब प्रयोग में लाया जाता है जब कोई व्यक्ति अपने द्वारा किए गए कामों के नकारात्मक परिणामों से प्रभावित होता है, और उसके कार्यों से उसी को हानि होती है।
उदाहरण:
मुनीश ने अपने प्रतिद्वंदी को नीचा दिखाने के लिए झूठी अफवाह फैलाई, लेकिन अंत में वह खुद ही उस अफवाह का शिकार हो गया। वह “अपनी लगाई आग में आप जल गया।”
निष्कर्ष: “अपनी लगाई आग में आप जल जाना” मुहावरे से हमें यह सिखने को मिलता है कि अपने द्वारा किए गए कार्यों के परिणामों के प्रति सजग रहना चाहिए और नकारात्मक या हानिकारक कार्यों से बचना चाहिए। यह हमें यह भी सिखाता है कि हमारे अपने कार्य हमें ही हानि पहुंचा सकते हैं।
अपनी लगाई आग में आप जल जाना मुहावरा पर कहानी:
एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में सुरेंद्र नाम का एक व्यापारी रहता था। सुरेंद्र बहुत ही चतुर और धूर्त व्यक्ति था। उसका एक ही लक्ष्य था – ज्यादा से ज्यादा धन कमाना, चाहे उसके लिए किसी को भी धोखा देना पड़े।
गांव में उसका मुख्य प्रतिद्वंद्वी था सुभाष, जो सुरेंद्र से काफी ईमानदार और समझदार था। सुरेंद्र ने सुभाष को व्यापार में पछाड़ने के लिए एक चाल चली। उसने गांव में अफवाह फैला दी कि सुभाष के उत्पाद खराब क्वालिटी के हैं। शुरुआत में तो यह अफवाह सुभाष के व्यापार को प्रभावित करने लगी।
लेकिन, कुछ समय बाद यह पता चला कि यह अफवाह सुरेंद्र ने ही फैलाई थी। गांव वाले सुरेंद्र से नाराज हो गए और उसके व्यापार से भी मुंह मोड़ लिया। सुरेंद्र जिस आग को सुभाष के लिए लगाया था, उसी में खुद जल गया।
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि “अपनी लगाई आग में आप जल जाना” मुहावरे का अर्थ है कि जब कोई व्यक्ति अपने स्वार्थ के लिए दूसरों को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, तो अक्सर उसी के कार्यों का परिणाम उस पर भी भारी पड़ जाता है। यह हमें सिखाता है कि हमें अपने कर्मों के प्रति सजग रहना चाहिए।
शायरी:
अपनी ही चिंगारी से जल जाना, ये कैसी सजा है,
जो खुद की लगाई आग में, खुद ही जला है।
बिछाई थी जाल जिसने, औरों के लिए यहाँ,
उसी जाल में फंस कर, खुद बना अपना शिकार।
खेला था जिसने षडयंत्र का खेल, अपनी ही चाल में,
वो खुद ही फंसा, अपने उलझे जाल में।
जिसने दूसरों के लिए गढ़े थे फाँस,
वो खुद ही फंसा, अपने बुने जालास।
कहते हैं दुनिया, बुराई का फल बुरा होता है,
अपनी लगाई आग में, खुद ही जला होता है।
आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।
Hindi to English Translation of अपनी लगाई आग में आप जल जाना – Apni lagai aag mein aap jal jana Idiom:
“Apni lagai aag mein aap jal jana” is a common Hindi idiom, illustrating the situation where one suffers due to problems or circumstances created by oneself.
Introduction: The use of the idiom “Apni lagai aag mein aap jal jana” occurs when a person causes harm to themselves due to their own mistakes or poor decisions.
Meaning: This idiom means when a person becomes a victim of situations or problems created by themselves. It involves being affected by the consequences of one’s own actions.
Usage: This phrase is used when a person is affected by the negative outcomes of their own actions, and their actions lead to their own harm.
Example:
Munish spread false rumors to discredit his rival, but in the end, he became a victim of his own rumor. He “Burned in His Own Lit Fire.”
Conclusion: The idiom “Apni lagai aag mein aap jal jana” teaches us to be aware of the consequences of our actions and to avoid negative or harmful actions. It also teaches us that our own actions can cause us harm.
Story of Apni lagai aag mein aap jal jana Idiom in English:
Once upon a time, in a small village, there lived a businessman named Surendra. Surendra was very cunning and deceitful. His sole aim was to amass wealth, even if it meant deceiving others.
In the village, his main competitor was Subhash, who was much more honest and sensible than Surendra. To outdo Subhash in business, Surendra hatched a plot. He spread a rumor in the village that Subhash’s products were of poor quality. Initially, this rumor started affecting Subhash’s business.
However, after some time, it was discovered that Surendra was the one who had spread the rumor. The villagers became angry with Surendra and turned away from his business. Surendra, who had lit the fire for Subhash, ended up burning in it himself.
This story teaches us the meaning of the idiom “Burning in One’s Own Lit Fire,” which implies that when a person tries to harm others for their own selfish reasons, often the consequences of their actions backfire on them. It teaches us to be mindful of our actions.
I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly
FAQs:
क्या इस मुहावरे का कोई और अर्थ हो सकता है?
हां, कभी-कभी इस मुहावरे का अर्थ यह भी होता है कि किसी व्यक्ति ने अपने आप को किसी सांसारिक संघर्ष या संकट में फंसा दिया है जिसके नतीजे में उसे बड़ी मुश्किलें सामना करनी पड़ रही हैं।
यह मुहावरा किस प्रकार के व्यक्ति के लिए उपयुक्त है?
इस मुहावरे का उपयोग उन लोगों के लिए उपयुक्त है जो अपनी गलतियों के परिणामों को समझने में संवेदनशील हैं और स्वयं को सुधारने के लिए तत्पर हैं।
क्या मुहावरा ‘अपनी लगाई आग में आप जल जाना’ का अर्थ है कि?
यह मुहावरा उस व्यक्ति के बारे में कहता है जो अपनी ही गलतियों के कारण सजीव जल रहा है, अर्थात् अपने ही किए गए कार्यों से पीड़ित हो रहा है।
इस मुहावरे का उपयोग किस संदर्भ में होता है?
यह मुहावरा उस व्यक्ति की स्थिति को व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है जो अपने ही अच्छे कर्मों के परिणामों में दु:खी होता है।
क्या इस मुहावरे का कोई उदाहरण है?
हां, उदाहरण के रूप में एक व्यक्ति जो बिना सोचे-समझे अपनी खुद की किए गए गलतियों के प्रति अनदेखा रहता है और उन्हें सहने के लिए मजबूर होता है।
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