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धर्म बिगाड़ना अर्थ, प्रयोग (Dharm bigadna)

परिचय: “धर्म बिगाड़ना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका इस्तेमाल तब किया जाता है जब कोई व्यक्ति या समूह धार्मिक या नैतिक मूल्यों से विचलित होकर गलत या अनुचित कार्य करता है। यह मुहावरा धार्मिक या नैतिक पतन को दर्शाता है।

अर्थ: “धर्म बिगाड़ना” का अर्थ है धार्मिक या नैतिक मार्ग से भटकना और गलत कार्यों में लिप्त होना। यह उन कार्यों को दर्शाता है जो धार्मिक या नैतिक दृष्टिकोण से गलत माने जाते हैं।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब कोई व्यक्ति या समूह अपने धार्मिक या नैतिक मानदंडों से विचलित होकर गलत काम करता है। यह अक्सर तब इस्तेमाल होता है जब व्यक्ति अपनी आस्था या नैतिकता को भूलकर कुछ गलत करता है।

उदाहरण:

-> अभय ने धर्म बिगाड़ते हुए चोरी की, जिससे उसके परिवार का नाम खराब हुआ।

-> समाज में बढ़ती भ्रष्टाचार की प्रवृत्ति ने लोगों का धर्म बिगाड़ दिया है।

निष्कर्ष: “धर्म बिगाड़ना” मुहावरा धार्मिक या नैतिक पथ से विचलन को दर्शाता है। यह हमें सिखाता है कि नैतिकता और धर्म का पालन करना महत्वपूर्ण है और इनके बिना समाज में अव्यवस्था और अराजकता फैल सकती है। यह मुहावरा व्यक्ति के नैतिक पतन को व्यक्त करता है और समाज में सही आचरण की महत्ता को रेखांकित करता है।

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धर्म बिगाड़ना मुहावरा पर कहानी:

एक गाँव में अमन नाम का एक युवक रहता था। अमन को बचपन से ही उसके माता-पिता ने सच्चाई और ईमानदारी का पाठ पढ़ाया था। लेकिन, जैसे-जैसे अमन बड़ा हुआ, उसकी संगति गलत दोस्तों से हो गई।

उसके दोस्त अक्सर चोरी और जुआ खेलते थे। धीरे-धीरे अमन भी उनकी इन हरकतों में शामिल होने लगा। पहले तो उसने छोटी-छोटी चोरियाँ की, फिर बड़े अपराध में लिप्त हो गया। अमन ने अपने माता-पिता की सीख और अपने धर्म को भुला दिया।

एक दिन गाँव में चोरी की एक बड़ी घटना हुई। पुलिस ने जांच की और पता चला कि चोरी में अमन शामिल था। गाँव वालों और अमन के माता-पिता को इस बात का गहरा दुख हुआ। उन्होंने कहा, “अमन ने अपना धर्म बिगाड़ लिया है।”

अमन को जब अपनी गलती का एहसास हुआ, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। उसे पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और उसके आगे का जीवन जेल में बीतने लगा।

इस कहानी से हमें सिखने को मिलता है कि “धर्म बिगाड़ना” का अर्थ है अपने नैतिक मार्ग से भटक जाना और गलत कामों में लिप्त होना। यह हमें यह भी सिखाता है कि सही और गलत के बीच की पहचान बहुत महत्वपूर्ण है और जीवन में सही मार्ग का चुनाव करना चाहिए।

शायरी:

धर्म बिगड़ा जब इंसान का, खो दिया सब ईमान का,

खुद से ही बिछड़ गए, चल दिए गलत मकान का।

खोटे सिक्के की तरह, धर्म बिगाड़ने वाले,

भटकते रहे अंधेरे में, ना कोई ठिकाने वाले।

धर्म की राह से जो मुँह मोड़े, उसका क्या है भरोसा,

जीवन की इस दौड़ में, वो खुद से ही है खफा।

धर्म बिगाड़ कर जो चले, अपने ही पाँव पर कुल्हाड़ी मारे,

खुद की नैया डूबती, फिर भी न समझे बात हमारी।

जिसने धर्म बिगाड़ा अपना, वो कैसे पाएगा मंजिल,

जीवन की इस कश्मकश में, वो हमेशा रहेगा नाकामिल।

 

धर्म बिगाड़ना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of धर्म बिगाड़ना – Dharm bigadna Idiom:

Introduction: “धर्म बिगाड़ना” is a prevalent Hindi idiom used when an individual or a group deviates from religious or moral values to engage in wrong or inappropriate actions. This idiom signifies the decay of religious or moral integrity.

Meaning: “धर्म बिगाड़ना” means to stray from the path of religious or moral righteousness and indulge in wrongful acts. It represents actions that are considered wrong from a religious or moral standpoint.

Usage: This idiom is employed when a person or a group diverges from their religious or moral standards to commit wrongful deeds. It is often used when someone forgets their faith or morality and does something wrong.

Example:

-> Abhay tainted his moral character by stealing, which brought disgrace to his family.

-> The rising trend of corruption in society has led to the moral decay of many individuals.

Conclusion: The idiom “धर्म बिगाड़ना” illustrates deviation from the path of religious or moral righteousness. It teaches us the importance of adhering to morality and religious values, as their absence can lead to disorder and chaos in society. This idiom expresses the downfall of an individual’s moral character and highlights the importance of proper conduct in society.

Story of ‌‌Dharm bigadna Idiom in English:

In a village lived a young man named Aman. Since childhood, his parents had taught him the lessons of truth and honesty. However, as Aman grew up, he began to keep the company of wrong friends.

His friends often engaged in theft and gambling. Gradually, Aman also started participating in these activities. Initially, he committed small thefts, but soon he became involved in major crimes. Aman forgot the teachings of his parents and strayed from his moral path.

One day, a major theft occurred in the village. The police investigated and discovered that Aman was involved. The villagers and Aman’s parents were deeply saddened. They said, “Aman has strayed from his moral path.”

By the time Aman realized his mistake, it was too late. He was arrested by the police and spent the rest of his life in jail.

This story teaches us that “धर्म बिगाड़ना” means to deviate from one’s moral path and get involved in wrongful deeds. It also teaches us the importance of distinguishing between right and wrong and choosing the right path in life.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

“धर्म बिगाड़ना” मुहावरे की उत्पत्ति कैसे हुई?

इस मुहावरे की उत्पत्ति का सटीक इतिहास तो नहीं मिलता, लेकिन यह भारतीय संस्कृति में धर्म और नैतिकता के महत्व पर आधारित है, जहाँ इसे सामाजिक और व्यक्तिगत आचारण का मूलभूत अंग माना जाता है।

“धर्म बिगाड़ना” मुहावरे का महत्व क्या है?

इस मुहावरे का महत्व इसमें है कि यह हमें धार्मिक और नैतिक मूल्यों के प्रति सचेत रहने की प्रेरणा देता है और उन्हें बिगाड़ने वाले कार्यों से बचने की चेतावनी देता है।

“धर्म बिगाड़ना” मुहावरे को जीवन में कैसे लागू किया जा सकता है?

इस मुहावरे को जीवन में लागू करने के लिए, व्यक्तियों को अपने धार्मिक और नैतिक मूल्यों के प्रति ईमानदार रहने की आवश्यकता है और उन्हें बिगाड़ने वाले किसी भी प्रकार के प्रलोभन या दबाव से बचना चाहिए।

“धर्म बिगाड़ना” मुहावरे का साहित्यिक महत्व क्या है?

साहित्यिक महत्व में, “धर्म बिगाड़ना” मुहावरा चरित्रों के धार्मिक और नैतिक पतन को दर्शाने के लिए उपयोगी होता है, यह कथानक में गहराई और संघर्ष का तत्व जोड़ता है, जिससे पाठकों को नैतिक और धार्मिक मूल्यों के महत्व पर पुनर्विचार करने की प्रेरणा मिलती है।

इस मुहावरे को सकारात्मक तरीके से कैसे देखा जा सकता है?

इस मुहावरे को सकारात्मक रूप से देखते हुए, यह हमें नैतिकता और धार्मिक मूल्यों के प्रति सतर्क रहने की प्रेरणा देता है और उन्हें संरक्षित करने की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

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