Budhimaan

लानत भेजना अर्थ, प्रयोग(Lanat bhejna)

परिचय: ‘लानत भेजना’ एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है, जिसका उपयोग अक्सर अवमानना या तिरस्कार के भाव से किसी पर निंदा या अपमान करने के संदर्भ में किया जाता है। यह व्यक्त करता है कि कोई व्यक्ति किसी और के प्रति अपनी अवज्ञा और घृणा का भाव प्रकट कर रहा है।

अर्थ: ‘लानत भेजना’ का अर्थ है किसी को अवमानना के भाव से गाली देना या तिरस्कार करना। इसका प्रयोग तब होता है जब किसी के कार्य या व्यवहार से अत्यधिक असंतुष्टि होती है।

प्रयोग: इस मुहावरे का इस्तेमाल व्यक्ति की गहरी असंतोष की भावना और क्रोध को व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

उदाहरण:

-> जब राजनीतिक नेता ने वादे पूरे नहीं किए, तो जनता ने उन पर ‘लानत भेजी’।

-> कंपनी के सीईओ ने जब कर्मचारियों की मांगों को अनदेखा किया, तो कर्मचारियों ने उनके खिलाफ ‘लानत भेजी’।

निष्कर्ष: ‘लानत भेजना’ मुहावरा हमें बताता है कि जब किसी के कार्य या व्यवहार से लोग अत्यधिक निराश होते हैं, तो वे अपनी असंतोष की भावनाओं को इस प्रकार व्यक्त करते हैं। यह हमें यह भी सिखाता है कि हमें अपनी भावनाओं को संयमित तरीके से व्यक्त करने का प्रयास करना चाहिए।

Hindi Muhavare Quiz

लानत भेजना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे गांव में सुरेंद्र नाम का एक व्यापारी रहता था। सुरेंद्र अपने व्यापार में काफी सफल था, लेकिन उसका स्वभाव अहंकारी और स्वार्थी था। वह अक्सर गांववालों की जरूरतों की अनदेखी करता और केवल अपने लाभ के बारे में सोचता था।

एक बार गांव में सूखा पड़ गया, और गांववालों को पानी और खाने की सख्त जरूरत थी। सुरेंद्र के पास बहुत सारा अनाज और पानी का भंडार था, लेकिन उसने इसे गांववालों के साथ साझा करने से इनकार कर दिया। इससे गांववाले बहुत नाराज हुए और उन्होंने सुरेंद्र पर ‘लानत भेजी’।

सुरेंद्र को जब गांववालों की नाराजगी का पता चला, तो उसे अपने किए पर पछतावा हुआ। उसने समझा कि उसकी स्वार्थी प्रवृत्ति ने उसे गांववालों की नजरों में गिरा दिया है। सुरेंद्र ने अपनी गलती सुधारने का निश्चय किया और गांववालों की मदद करने के लिए आगे आया।

निष्कर्ष:

इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ‘लानत भेजना’ तब होता है जब कोई व्यक्ति समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को नहीं निभाता और अपने स्वार्थ के लिए दूसरों की अवहेलना करता है। यह हमें यह भी बताता है कि हमें अपने कार्यों के प्रति जागरूक रहना चाहिए और समाज के प्रति सहयोगी भाव रखना चाहिए।

शायरी:

लानत भेजी है दुनिया ने, इन्सानियत के नाम पर,

जो खुदगर्जी में डूबे, वो भूले रिश्तों की शान पर।

किसी के दर्द पे हंसना, यही तो दुनिया का दस्तूर है,

लानत भेजते हैं लोग, जब दिल से टूटे हर हुजूर है।

जब अपनापन बेगाना हो, दिल में उठता है तूफान,

‘लानत भेजते’ हैं लोग, जब न बचे इंसानियत की पहचान।

गरीबों की आह में, बसी है लानत की ये दास्तान,

जो दर्द में भी ना बांटे, उन पर ‘लानत’ हर जुबान।

दुनिया में इंसाफ की बातें, हैं सब खोखले वादे,

‘लानत भेजने’ में ही सही, निकलता है दिल का इरादे।

 

लानत भेजना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of लानत भेजना – Lanat bhejna Idiom:

Introduction: ‘Lanat bhejna’ is a common Hindi idiom often used to express condemnation or contempt for someone. It signifies that a person is expressing their disdain and hatred towards someone else.

Meaning: The phrase ‘Lanat bhejna’ means to curse someone with feelings of contempt or disdain. It is used when there is extreme dissatisfaction with someone’s actions or behavior.

Usage: This idiom is employed to express deep feelings of dissatisfaction and anger.

Usage:

-> When the political leader failed to fulfill his promises, the public ‘sent a curse’ upon him.

-> When the CEO of the company ignored the demands of the employees, the employees ‘sent a curse’ against him.

Conclusion: The idiom ‘Lanat bhejna’ tells us that when people are extremely disappointed with someone’s actions or behavior, they express their feelings of dissatisfaction in this manner. It also teaches us that we should try to express our emotions in a controlled manner.

Story of ‌‌Lanat bhejna Idiom in English:

In a small village, there lived a merchant named Surendra. Surendra was quite successful in his business, but he was arrogant and selfish. He often ignored the needs of the villagers and only thought about his own profit.

Once, a drought hit the village, and the villagers desperately needed water and food. Surendra had a large stock of grain and water, but he refused to share it with the villagers. This made the villagers very angry, and they ‘cursed’ Surendra.

When Surendra learned about the villagers’ displeasure, he regretted his actions. He realized that his selfish behavior had lowered him in the eyes of the villagers. Surendra decided to rectify his mistake and came forward to help the villagers.

Conclusion:

This story teaches us that ‘cursing’ occurs when a person fails to fulfill their responsibilities towards society and neglects others for their own selfish interests. It also tells us that we should be mindful of our actions and maintain a cooperative attitude towards society.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या लानत भेजना एक सही सांविदानिक उपाय है?

नहीं, शांतिपूर्ण और समझदारी से विवादों का समाधान करना हमेशा बेहतर है।

क्या लानत भेजना सामाजिक संबंधों में सही है?

नहीं, लानत भेजना समस्तता और समर्थन की भावनाओं को कमजोर कर सकता है, इसे बचना चाहिए।

लानत भेजना का मतलब क्या है?

“लानत भेजना” का अर्थ होता है किसी को बुराई या शान्ति की शपथ देना।v

क्या लानत भेजना किसी धार्मिक या सामाजिक अभिवृद्धि के लिए उपयुक्त है?

नहीं, धर्मिक और सामाजिक सद्भावना के लिए सही समाधान अन्य हैं।

क्या लानत भेजना समस्याओं का समाधान कर सकता है?

नहीं, इससे समस्याएं बढ़ सकती हैं, इसलिए बुरे शब्दों का उपयोग बचना चाहिए।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"गुरु और शिष्य की अद्भुत कहानी", "गुरु गुड़ से चेला शक्कर की यात्रा", "Budhimaan.com पर गुरु-शिष्य की प्रेरणादायक कहानी", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण और अर्थ"
Hindi Muhavare

गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया अर्थ, प्रयोग (Guru gud hi raha, chela shakkar ho gya)

परिचय: “गुरु गुड़ ही रहा, चेला शक्कर हो गया” यह हिन्दी मुहावरा शिक्षा और गुरु-शिष्य के संबंधों की गहराई को दर्शाता है। यह बताता है

Read More »
"गुड़ और मक्खियों का चित्रण", "सफलता के प्रतीक के रूप में गुड़", "Budhimaan.com पर मुहावरे का सार", "ईर्ष्या को दर्शाती तस्वीर"
Hindi Muhavare

गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी अर्थ, प्रयोग (Gud hoga to makkhiyan bhi aayengi)

परिचय: “गुड़ होगा तो मक्खियाँ भी आएँगी” यह हिन्दी मुहावरा जीवन के एक महत्वपूर्ण सत्य को उजागर करता है। यह व्यक्त करता है कि जहाँ

Read More »
"गुरु से कपट मित्र से चोरी मुहावरे का चित्रण", "नैतिकता और चरित्र की शुद्धता की कहानी", "Budhimaan.com पर नैतिकता की महत्वता", "हिन्दी साहित्य में नैतिक शिक्षा"
Hindi Muhavare

गुरु से कपट मित्र से चोरी या हो निर्धन या हो कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Guru se kapat mitra se chori ya ho nirdhan ya ho kodhi)

परिचय: “गुरु से कपट, मित्र से चोरी, या हो निर्धन, या हो कोढ़ी” यह हिन्दी मुहावरा नैतिकता और चरित्र की शुद्धता पर जोर देता है।

Read More »
"गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे मुहावरे का चित्रण", "मानवीय संवेदनशीलता को दर्शाती छवि", "Budhimaan.com पर सहयोग की भावना", "हिन्दी मुहावरे का विश्लेषण"
Hindi Muhavare

गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे अर्थ, प्रयोग (Gud na de to gud ki-si baat to kare)

परिचय: “गुड़ न दे तो गुड़ की-सी बात तो करे” यह हिन्दी मुहावरा उस स्थिति को व्यक्त करता है जब कोई व्यक्ति यदि किसी चीज़

Read More »
"गुड़ खाय गुलगुले से परहेज मुहावरे का चित्रण", "हिन्दी विरोधाभासी व्यवहार इमेज", "Budhimaan.com पर मुहावरे की समझ", "जीवन से सीखने के लिए मुहावरे का उपयोग"
Hindi Muhavare

गुड़ खाय गुलगुले से परहेज अर्थ, प्रयोग (Gud khaye gulgule se parhej)

परिचय: “गुड़ खाय गुलगुले से परहेज” यह हिन्दी मुहावरा उन परिस्थितियों का वर्णन करता है जहां व्यक्ति एक विशेष प्रकार की चीज़ का सेवन करता

Read More »
"खूब मिलाई जोड़ी इडियम का चित्रण", "हिन्दी मुहावरे एक अंधा एक कोढ़ी का अर्थ", "जीवन की शिक्षा देते मुहावरे", "Budhimaan.com पर प्रकाशित मुहावरे की व्याख्या"
Hindi Muhavare

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी अर्थ, प्रयोग (Khoob milai jodi, Ek andha ek kodhi)

खूब मिलाई जोड़ी, एक अंधा एक कोढ़ी, यह एक प्रसिद्ध हिन्दी मुहावरा है जिसका प्रयोग अक्सर उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां दो व्यक्ति

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।