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हाथ पर हाथ धरे रहना, अर्थ, प्रयोग(Haath par haath dhare rahna)

परिचय: हिंदी में मुहावरे का महत्व सदियों से है। वे हमें एक संक्षिप्त तरीके से एक बड़ी सोच या अद्वितीयता प्रदान करते हैं। ‘हाथ पर हाथ धरे रहना’ भी ऐसा ही एक मुहावरा है, जिसे आज हम जानेंगे।

अर्थ: ‘हाथ पर हाथ धरे रहना’ मुहावरे का अर्थ होता है कोई कार्य ना करना या आलस्य में रहना।

उत्पत्ति: यह मुहावरा बगुले की प्रवृत्तियों से आया है। बगुला साधु की तरह शांत और धार्मिक दिखाई देता है जब वह मेंढ़ से कीड़े पकड़ने की प्रतीक्षा करता है। लेकिन जब मेंढ़ पास आता है, बगुला तत्पर हो जाता है और उसे पकड़ लेता है।

उदाहरण:

-> अमन अगर परीक्षा में पास होना चाहता है तो उसे हाथ पर हाथ धरे नहीं रहना चाहिए।

-> अनुज अकेला ही पूरी प्रोजेक्ट का काम कर रहा था, जबकि अन्य सभी सदस्य हाथ पर हाथ धरे रह रहे थे।

विवेचना: यह मुहावरा वह स्थितियों को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति अपनी जिम्मेदारियों और कर्तव्यों से भाग जाता है या उसे नजरअंदाज करता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि किसी भी कार्य में सफलता पाने के लिए प्रयासशीलता और समर्पण जरूरी है, यह मुहावरा उसी तथ्य को प्रकाशित करता है।

निष्कर्ष: ‘हाथ पर हाथ धरे रहना’ मुहावरा हमें यह सिखाता है कि हमें अपनी जिम्मेदारियों को सीरियसली लेना चाहिए और उन्हें पूरा करने के लिए सक्रिय रूप से काम करना चाहिए। आलस्य में रहने से हमें न केवल अपने लक्ष्यों को पाने में असफलता होती है, बल्कि हमारा आत्म-सम्मान भी कम होता है। इसलिए, हमें चाहिए कि हम हमेशा सक्रिय और जागरूक रहें।

Hindi Muhavare Quiz

हाथ पर हाथ धरे रहना मुहावरा पर कहानी:

अभय एक समझदार लड़का था, जो अब तक कई जगहों पर नौकरी की खोज में नाकाम रहा था। उसने सुना था कि शहर की बड़ी कंपनी में नौकरी के लिए साक्षात्कार हो रहा था। वह बहुत उत्साहित था और उसने ठान लिया कि इस बार वह साक्षात्कार में सफल होगा।

उसके दोस्त विशाल भी उसी साक्षात्कार में हिस्सा लेने वाला था। अभय ने तैयारी की शुरुआत की और रोज़ घंटों-घंटों की मेहनत की। वह कंपनी के बारे में, उसकी सेवाओं के बारे में, और साक्षात्कार में पूछे जाने वाले प्रश्नों के बारे में जानकारी प्राप्त करने में व्यस्त था।

विशाल ने भी तैयारी शुरू की, लेकिन कुछ ही दिनों में उसका मन फिसलने लगा। वह अकेला बैठकर टेलीविजन देखने लगा और कई दिनों तक उसने किताबों को हाथ भी नहीं लगाया। जब अभय ने उससे उसकी तैयारी के बारे में पूछा, तो विशाल ने कहा, “मैंने पहले ही सब कुछ पढ़ लिया है।” अभय समझ गया कि विशाल ‘हाथ पर हाथ धरे’ रह रहा है।

जब साक्षात्कार का दिन आया, अभय तैयार और आत्म-विश्वास से भरा हुआ था। जबकि विशाल घबराया हुआ और अत्यधिक परेशान था। अभय ने साक्षात्कार में उम्दा प्रदर्शन किया और वह चुन लिया गया। जबकि विशाल को असफलता मिली।

इस घटना से विशाल को समझ में आया कि सिर्फ़ उम्मीद पर बैठकर ‘हाथ पर हाथ धरे रहना’ सही नहीं है। प्रयास, समर्पण और तैयारी ही सफलता की कुंजी है। विशाल ने अपनी गलतियों से सिखा और अगली बार जब उसने साक्षात्कार की तैयारी की, तो वह पूरी तरह से समर्पित रहा और अंत में उसे सफलता मिली।

शायरी:

हाथ पर हाथ धरे जो बैठा वक्त से,

ज़िंदगी के मेले में वो खोता देखा।

आँखों में जज्बात के झरोखे खुले रखो,

क्योंकि दौलत से बड़ी, हर ख़्वाब में मेहनत है छुपी।।

 

हाथ पर हाथ धरे रहना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of हाथ पर हाथ धरे रहना – Haath par haath dhare rahna Idiom:

Introduction: Idioms have been significant in Hindi for centuries. They offer us a concise way to express profound thoughts or uniqueness. ‘Haath par haath dhare rahna’ is one such idiom, which we will explore today.

Meaning:  The idiom ‘Haath par haath dhare rahna’ translates to being inactive or being lazy.

Usage:

-> If Aman wants to pass his exam, he shouldn’t remain inactive.

-> Anuj was working on the entire project alone, while all the other members were just sitting idle.

Discussion: This idiom illustrates situations where an individual shirks their responsibilities or ignores them. As we all know, dedication and effort are necessary for success in any task. This idiom emphasizes this very fact.

Conclusion: The idiom ‘Haath par haath dhare rahna’ teaches us that we should take our responsibilities seriously and actively work to fulfill them. Being lazy not only leads to failures in achieving our goals but also diminishes our self-respect. Thus, it’s essential to always remain active and vigilant.

Story of ‌‌Haath par haath dhare rahna Idiom in English:

Abhay was an intelligent young man, who had been unsuccessful in finding a job despite several attempts. He had heard about an interview taking place at a renowned company in the city. Filled with enthusiasm, he decided that this time, he would succeed.

His friend, Vishal, was also planning to attend the same interview. Abhay began his preparations, putting in hours of effort daily. He engrossed himself in learning about the company, its services, and potential interview questions.

Vishal started his preparation too, but within a few days, he became distracted. He began to spend his time watching television and didn’t even touch his books for days. When Abhay inquired about his preparations, Vishal replied, “I have already studied everything.” Abhay realized that Vishal was ‘resting on his laurels.’

On the day of the interview, Abhay was well-prepared and brimming with confidence, while Vishal was nervous and visibly troubled. Abhay performed exceptionally well in the interview and was selected, while Vishal faced rejection.

This incident made Vishal realize that merely relying on past accomplishments and ‘resting on one’s laurels’ isn’t the right approach. Effort, dedication, and preparation are the keys to success. Vishal learned from his mistakes. The next time he prepared for an interview, he was wholly dedicated, and in the end, he achieved success.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या “हाथ पर हाथ धरे रहना” मुहावरे का कोई समानार्थी वाक्यांश है?

हां, “कुछ न करना” या “आलस्य में समय बर्बाद करना” इसके समानार्थी वाक्यांश हो सकते हैं।

“हाथ पर हाथ धरे रहना” मुहावरे का इतिहास क्या है?

इस मुहावरे का विशेष इतिहास तो नहीं मिलता है, लेकिन यह संभवतः लंबे समय से भारतीय समाज में प्रचलित है, जिसका उपयोग आलस्य और निष्क्रियता को व्यक्त करने के लिए किया जाता रहा है।

क्या “हाथ पर हाथ धरे रहना” केवल नकारात्मक संदर्भ में उपयोग होता है?

हां, यह मुहावरा आमतौर पर नकारात्मक संदर्भ में ही उपयोग होता है, जब व्यक्ति के निष्क्रिय या आलसी होने की बात की जा रही हो।

“हाथ पर हाथ धरे रहना” मुहावरे का आधुनिक संदर्भ में क्या महत्व है?

आधुनिक संदर्भ में, यह मुहावरा जीवन की तेज गति और कार्यों के बढ़ते दबाव में व्यक्ति की निष्क्रियता या आलस्य को दर्शाता है, जो सफलता के मार्ग में एक बाधा के रूप में देखी जाती है।

“हाथ पर हाथ धरे रहना” मुहावरे का सामाजिक-मनोवैज्ञानिक पहलू क्या है?

यह मुहावरा सामाजिक और मनोवैज्ञानिक पहलुओं पर प्रकाश डालता है, जैसे कि आलस्य और निष्क्रियता के पीछे के कारणों को समझना और यह कैसे व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में प्रगति को प्रभावित करता है।

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यह मुहावरा मानव शरीर के अंगों पर आधारित मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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