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शेर की माँद में पैर रखना अर्थ, प्रयोग (Sher ki maand mein pair rakhna)

परिचय: “शेर की माँद में पैर रखना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है जो साहस और जोखिम का प्रतीक है। यह मुहावरा सदियों से हमारे समाज में प्रयोग किया जा रहा है और इसका उपयोग अक्सर उन परिस्थितियों में होता है जहाँ कोई व्यक्ति बहुत बड़े जोखिम या चुनौती का सामना करता है।

अर्थ: “शेर की माँद में पैर रखना” का शाब्दिक अर्थ है किसी शेर की गुफा में कदम रखना। परंतु इसका व्यापक अर्थ है जोखिम भरे या खतरनाक कार्य में हाथ डालना। यह मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति बड़े साहस के साथ खतरों का सामना करता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का उपयोग व्यापार, राजनीति, और व्यक्तिगत जीवन के उन पहलुओं में होता है जहाँ जोखिम और साहस की आवश्यकता होती है। यह उन व्यक्तियों की प्रशंसा करता है जो असाधारण चुनौतियों का सामना करते हैं।

उदाहरण:

-> जब लक्ष्मी ने उस बड़ी कंपनी में नौकरी के लिए आवेदन किया, तो उसने सचमुच “शेर की माँद में पैर रखा” क्योंकि वहाँ का प्रतिस्पर्धी माहौल काफी कठिन था।

-> नए व्यापारिक उद्यम में निवेश करना मानो “शेर की माँद में पैर रखने” जैसा था, पर उसने इसे स्वीकार किया।

निष्कर्ष: “शेर की माँद में पैर रखना” मुहावरा हमें सिखाता है कि जीवन में साहसी बनना और जोखिम उठाना कभी-कभी अनिवार्य होता है। यह हमें प्रेरित करता है कि हम अपने डर का सामना करें और बड़े लक्ष्यों की ओर बढ़ें। यह मुहावरा न केवल भाषायी संपदा को बढ़ाता है, बल्कि जीवन की महत्वपूर्ण सीख भी देता है।

शेर की माँद में पैर रखना मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गाँव में अनुज नाम का एक युवा रहता था। अनुज बहुत ही साहसी और मेहनती था। गाँव के लोग उसकी बहादुरी के किस्से सुनाया करते थे। एक दिन, गाँव में खबर आई कि पास के जंगल में एक खूंखार शेर ने डेरा डाल दिया है। लोगों में डर का माहौल था, क्योंकि शेर अक्सर गाँव के पास आ जाता था।

गाँव के मुखिया ने तय किया कि शेर को जंगल से दूर करने के लिए किसी को उसकी माँद में जाना होगा। इस कार्य के लिए सभी ने अनुज का नाम सुझाया। अनुज ने बिना किसी हिचकिचाहट के इस कार्य को स्वीकार किया। उसने ठान लिया था कि वह “शेर की माँद में पैर रखेगा” और गाँव को शेर के आतंक से मुक्त कराएगा।

अनुज ने साहस के साथ जंगल की ओर कदम बढ़ाया। उसे पता था कि यह कार्य जानलेवा हो सकता है, पर उसका साहस उसके डर पर भारी था। जब वह शेर की माँद के पास पहुँचा, तो उसने देखा कि शेर वहाँ सोया हुआ था। अनुज ने धीरे से अपना भाला उठाया और शेर पर निशाना साधा। शेर जब जागा तो उसने अनुज पर हमला करने की कोशिश की, पर अनुज ने बड़ी चतुराई से उसे पराजित कर दिया।

जब अनुज शेर को पराजित कर गाँव लौटा, तो सभी गाँव वाले उसे देख कर हैरान थे। उसकी बहादुरी की कहानियाँ चारों ओर फैल गईं। अनुज ने सिद्ध कर दिया था कि “शेर की माँद में पैर रखने” का मतलब सिर्फ खतरा उठाना ही नहीं, बल्कि उस खतरे का सामना करना और उसे पराजित करना भी होता है।

निष्कर्ष:

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जीवन में जोखिम उठाना और बड़े साहस के साथ चुनौतियों का सामना करना जरूरी है। अनुज की तरह, हमें भी अपने डर का सामना करना चाहिए और चुनौतियों को पार करने की हिम्मत रखनी चाहिए। “शेर की माँद में पैर रखना” हमें यही सिखाता है।

शायरी:

जिंदगी में जब भी आए कठिनाई, समझ लो इम्तिहान है,

“शेर की माँद में पैर रखना” ही असली इंसान है।

डर के आगे जीत है, ये बात सच है प्यारे,

शेर की गुफा में जो कदम रखे, वो है सच्चे दिलवारे।

मुश्किलों से भागने का नहीं, उनसे लड़ने का नाम है जीवन,

जो खतरों से खेले, समझो उसमें बहादुरी की चिंगारी है जीवन।

हर कदम पर मिलेंगे इम्तिहान, पर हिम्मत से कदम बढ़ाना,

“शेर की माँद में पैर रखने” वाला ही तो सच्चा नायक कहलाना।

जिसमें होती है हिम्मत आंधियों से टकराने की,

वो ही इस दुनिया में अपनी एक अलग पहचान बनाने की।

 

शेर की माँद में पैर रखना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of शेर की माँद में पैर रखना – Sher ki maand mein pair rakhna Idiom:

Introduction: “Sher ki maand mein pair rakhna” is a prevalent Hindi idiom symbolizing courage and risk. This phrase has been used in our society for centuries and is often employed in situations where an individual faces significant risks or challenges.

Meaning: The literal translation of “शेर की माँद में पैर रखना” is to step into the den of a lion. However, its broader meaning encompasses undertaking risky or dangerous tasks. This idiom illustrates situations where a person confronts dangers with great bravery.

Usage: This idiom is used in aspects of business, politics, and personal life where risk and courage are required. It appreciates those individuals who face extraordinary challenges.

Example:

-> When Lakshmi applied for a job in that big company, she truly “stepped into the lion’s den” as the competitive environment there was quite challenging.

-> Investing in a new business venture was akin to “stepping into the lion’s den,” but he accepted the challenge.

Conclusion: The idiom “Sher ki maand mein pair rakhna” teaches us that being courageous and taking risks is sometimes essential in life. It motivates us to face our fears and aim for bigger goals. This phrase not only enriches our linguistic heritage but also imparts significant life lessons.

Story of ‌‌Sher ki maand mein pair rakhna Idiom in English:

Once upon a time, in a small village, there lived a young man named Anuj. He was known for his bravery and hard work. The villagers often spoke of his courage. One day, news spread in the village that a ferocious lion had settled in the nearby jungle. The villagers were terrified, as the lion often ventured close to the village.

The village head decided that someone had to venture into the lion’s den to drive it away from the jungle. Everyone suggested Anuj for this task. Without any hesitation, Anuj accepted the challenge. He resolved to “step into the lion’s den” and free the village from the terror of the lion.

Anuj stepped into the jungle with courage, aware that this task could be life-threatening, but his bravery outweighed his fear. Upon reaching the lion’s den, he saw the lion asleep. Anuj cautiously picked up his spear and aimed at the lion. When the lion woke up and tried to attack him, Anuj skillfully defeated it.

When Anuj returned to the village after defeating the lion, everyone was astonished. Stories of his bravery spread far and wide. Anuj had proven that “stepping into the lion’s den” meant not only taking risks but also facing and overcoming those dangers.

Conclusion:

This story teaches us that it is essential in life to take risks and face challenges with great courage. Like Anuj, we should also confront our fears and have the courage to overcome challenges. “Stepping into the lion’s den” teaches us just that.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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