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खुद लिखे खुदा बांचे अर्थ, प्रयोग(Gadha khet khaye aur kumhar mara jaye)

“गधा खेत खाए और कुम्हार मारा जाए” यह हिंदी में एक प्रचलित मुहावरा है, जिसका अर्थ है कि गलती किसी और की हो और सजा किसी और को मिले।

परिचय: हिंदी साहित्य में मुहावरे अपनी गहराई और सारगर्भित अर्थों के लिए जाने जाते हैं। “गधा खेत खाए और कुम्हार मारा जाए” मुहावरा भी इसी तरह का है जो अन्याय और गलत व्यक्ति को सजा मिलने की परिस्थिति को दर्शाता है।

अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि एक व्यक्ति गलती करे और दंड दूसरे को मिले। यह उन स्थितियों का वर्णन करता है जहाँ निर्दोष व्यक्ति को बिना किसी अपराध के सजा मिलती है।

प्रयोग: यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब किसी निर्दोष व्यक्ति को दूसरे की गलती के लिए दंडित किया जाता है।

उदाहरण:

कार्यस्थल पर एक कर्मचारी गलती करता है और उसका प्रभाव दूसरे कर्मचारी पर पड़ता है, जैसे कि उसे नौकरी से निकाल दिया जाता है। इस स्थिति में कहा जा सकता है, “यहाँ तो ‘गधा खेत खाए और कुम्हार मारा जाए’ वाला मामला हो गया।”

निष्कर्ष: इस मुहावरे के माध्यम से हमें यह सीखने को मिलता है कि अक्सर जीवन में अन्याय होता है, जहाँ निर्दोष लोगों को दूसरों की गलतियों की सजा मिलती है। इस मुहावरे का प्रयोग करके हम ऐसी स्थितियों का विरोध और चिन्हित कर सकते हैं, और समाज में न्याय की मांग कर सकते हैं।

Hindi Muhavare Quiz

गधा खेत खाए और कुम्हार मारा जाए मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में सुरेंद्र नाम का एक ईमानदार किसान रहता था। गाँव के बाहर उसका छोटा सा खेत था, जिसमें वह सालभर मेहनत करता।

एक दिन, गाँव के ही एक व्यक्ति का गधा भागकर सुरेंद्र के खेत में घुस गया और फसल को नुकसान पहुँचाने लगा। यह देखकर गाँव के सरपंच ने बिना सोचे-समझे सुरेंद्र को ही दोषी ठहरा दिया और उसे दंडित करने का आदेश दे दिया।

सुरेंद्र ने विनती की कि यह उसकी गलती नहीं है, लेकिन सरपंच ने उसकी एक न सुनी। गाँव के लोग भी इस अन्याय को देखकर अचंभित थे। एक बुजुर्ग ने टिप्पणी की, “यह तो ‘गधा खेत खाए और कुम्हार मारा जाए’ जैसा मामला हो गया।”

अंत में, गाँव के कुछ लोगों ने सुरेंद्र का समर्थन किया और सरपंच को असली स्थिति का पता चला। सरपंच ने अपनी गलती मानी और सुरेंद्र को माफी दी। सुरेंद्र को उसकी मेहनत का फल भी मिला।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि अक्सर जीवन में गलती किसी और की होती है, और भुगतना किसी और को पड़ता है। “गधा खेत खाए और कुम्हार मारा जाए” मुहावरा हमें यह दिखाता है कि हमें हमेशा सोच-समझकर न्याय करना चाहिए और निर्दोष व्यक्तियों पर बिना सोचे-समझे दोषारोपण नहीं करना चाहिए।

शायरी:

गधा खेत खाए, कुम्हार को सजा हो जाए,
इस दुनिया में अक्सर, निर्दोष की राहत खो जाए।

गलती किसी की, दंड किसी और को मिले,
ये कैसी विडंबना है, जहां इंसाफ भी शर्मिंदा हो जाए।

बेगुनाहों की आह से, आसमान भी रो पड़े,
जब अन्याय के आगे, न्याय की आवाज़ सो जाए।

दुनिया के इस मेले में, सच की राहें खो जाती हैं,
जहां गधा खेत खाए, और बेगुनाही बोझ ढो जाती है।

हर किस्से में एक सबक होता है,
जहाँ अन्याय हो, वहाँ खुदा भी रोता है।

इंसाफ की ये दुनिया, कभी न अंधी हो जाए,
जहां गधा खेत खाए, वहां कुम्हार न दोषी ठहराए।

 

गधा खेत खाए और कुम्हार मारा जाए शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of गधा खेत खाए और कुम्हार मारा जाए – Gadha khet khaye aur kumhar mara jaye Idiom:

“Gadha khet khaye aur kumhar mara jaye” is a prevalent Hindi idiom, meaning someone else commits the mistake, and someone else gets punished.

Introduction: In Hindi literature, idioms are known for their depth and meaningful interpretations. “The donkey eats the crops, and the potter gets beaten” is one such idiom that illustrates the situation of injustice and punishment being given to the wrong person.

Meaning: The idiom means that one person commits a mistake, and another person receives the punishment. It describes situations where an innocent person is punished for no fault of their own.

Usage: This idiom is often used when an innocent person is punished for someone else’s mistake.

Usage:

At a workplace, one employee makes a mistake, and its impact falls on another employee, such as being fired from the job. In this situation, it can be said, “This is a case of ‘the donkey eats the crops, and the potter gets beaten.'”

Conclusion: Through this idiom, we learn that often in life, injustice occurs where innocent people are punished for others’ mistakes. Using this idiom, we can protest against and identify such situations and advocate for justice in society.

Story of ‌‌Gadha khet khaye aur kumhar mara jaye Idiom in English:

In a small village, there lived an honest farmer named Surendra. He had a small field outside the village, where he worked hard throughout the year.

One day, a donkey belonging to a villager ran into Surendra’s field and started damaging the crops. Seeing this, the village head, without thinking, blamed Surendra and ordered him to be punished.

Surendra pleaded that it was not his fault, but the village head did not listen to him. The villagers were also astonished to see this injustice. An elder commented, “This has become a case of ‘the donkey eats the crops, and the potter gets beaten.'”

Eventually, some villagers supported Surendra, and the village head came to know the real situation. The village head admitted his mistake and apologized to Surendra. Surendra also received the fruits of his hard work.

This story teaches us that often in life, someone else makes the mistake, and someone else suffers the consequences. The idiom “the donkey eats the crops, and the potter gets beaten” shows us that we should always judge wisely and should not blame innocent people without thinking.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का उपयोग शिक्षा क्षेत्र में किया जा सकता है?

हाँ, इस मुहावरे का उपयोग शिक्षा क्षेत्र में भी किया जा सकता है, जब किसी छात्र ने पढ़ाई में सही दिशा न देने से कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग व्यापारिक संदर्भ में किया जा सकता है?

हाँ, इस मुहावरे को व्यापारिक संदर्भ में भी उपयोग किया जा सकता है, जब किसी व्यवसायी ने अव्वल योजना बनाई बिना ही किसी प्रोजेक्ट को शुरू कर दिया हो और उसे कठिनाईयों का सामना करना पड़ता है।

गधा खेत खाए और कुम्हार मारा जाए मुहावरे का मतलब क्या है?

इस मुहावरे का अर्थ है कि कोई व्यक्ति अपनी बुद्धिमता का सही तरीके से उपयोग नहीं करता और फिर परिणामस्वरूप उसे नुकसान होता है।

क्या इस मुहावरे का कोई उपयोग राजनीतिक संदर्भ में हो सकता है?

हाँ, इस मुहावरे को राजनीतिक संदर्भ में भी उपयोग किया जा सकता है, जब कोई नेता अपनी नीतियों को सही तरीके से नहीं प्रदर्शित करता और उसे जनता का विश्वास हासिल नहीं होता।

क्या इस मुहावरे को किसी व्यक्ति के व्यवहारिक अनुभव के रूप में भी समझा जा सकता है?

हाँ, इस मुहावरे को किसी व्यक्ति के व्यवहारिक अनुभव में भी समझा जा सकता है, जब कोई व्यक्ति अपनी बुद्धिमता का सही तरीके से प्रयोग नहीं करता और उसे नुकसान होता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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