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उल्टी गंगा बहाना, अर्थ, प्रयोग(Ulti ganga bahana)

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परिचय:“उल्टी गंगा बहाना” एक लोकप्रिय हिंदी मुहावरा है, जिसे आमतौर पर उस समय प्रयोग किया जाता है, जब कोई व्यक्ति अपनी स्वाभाविक प्रवृत्ति या स्वभाव के विपरीत कोई कार्य करता है।

मुहावरे का अर्थ:जब कोई व्यक्ति अपने स्वभाव या प्राकृतिक प्रवृत्ति के खिलाफ कुछ करता है, तो इसे “उल्टी गंगा बहाना” कहते हैं।

उदाहरण:

-> मोहन आज मंदिर जा रहा है वो तो कभी मंदिर नहीं जाता, आज तो “उलटी गंगा बह रही है”।

-> राजू ने कभी गाली नहीं दी, आज अपने दोस्तों को गली दे रहा था। ये उलटी गंगा कबसे बहने लगी।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग तब होता है जब हम किसी के अचानक बदले हुए व्यवहार या क्रियावली को दर्शाना चाहते हैं, जो उसकी स्वाभाविक प्रवृत्ति से विपरीत हो।

विशेष टिप्पणी: “उल्टी गंगा बहाना” मुहावरे का प्रयोग कभी-कभी सकारात्मक परिणामों के लिए भी हो सकता है, जैसे किसी की अच्छी आदतें देखकर, जो पहले उसकी स्वभाविक प्रवृत्ति में नहीं थी।

निष्कर्ष: ‘उल्टी गंगा बहाना’ एक मुहावरा है जो हमें यह दर्शाता है कि कैसे किसी व्यक्ति की प्रवृत्तियाँ या आचरण समय-समय पर बदल सकते हैं। यह हमें सोचने पर मजबूर करता है कि हमारी प्रवृत्तियाँ भी परिस्थितियों और समय के साथ बदल सकती हैं।

उल्टी गंगा बहाना मुहावरा पर कहानी:

गाँव में लोकेश और अमित दो अच्छे दोस्त थे। लोकेश की एक आदत थी कि वह अकेला ही काम करना पसंद करता था, जबकि अमित हमेशा सभी की मदद के लिए तैयार रहता था। एक दिन गाँव में मेला आया। उस मेले में एक बड़ा झूला लगा हुआ था।

लोकेश और अमित दोनों झूले पर चढ़ने की सोच रहे थे, लेकिन झूला बहुत ऊँचा था। अमित ने लोकेश से कहा, “तुम मेरी मदद करो, मैं तुम्हें झूले पर बैठा दूँगा।” लोकेश थोड़ा अजीब सा महसूस हुआ। उसने कभी भी दूसरों की मदद नहीं मांगी थी।

लेकिन अमित की बातों में वह सहमत हो गया और झूले पर चढ़ गया। जब वह झूले पर उछलने लगा, उसे बहुत मजा आया। उसने समझा कि कभी-कभी अपनी स्वाभाविक प्रवृत्तियों को तोड़ना भी अच्छा होता है।

जब लोकेश झूले से नीचे उतरा, तो गाँववाले उससे कहने लगे, “अरे लोकेश! तुमने आज तो उल्टी गंगा बहा दी।” लोकेश हंसते हुए बोला, “हाँ, कभी-कभी उल्टी गंगा बहाना भी अच्छा लगता है।”

निष्कर्ष: इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि कभी-कभी हमें अपनी स्वाभाविक प्रवृत्तियों को तोड़कर कुछ नया आजमाना चाहिए। हो सकता है कि हमें उसमें मजा आए।

शायरी:

उल्टी गंगा की बहार में,
स्वाभाव की चौंक देखी।
जो सोचा था कभी ना हो,
वही मन की धड़कन देखी।

स्वाभाव बदले जब जीवन में,
नए रंग और चरण देखी।
उल्टी गंगा बहाने में,
अद्भुत रहस्य-भार देखी।

 

उल्टी गंगा बहाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of उल्टी गंगा बहाना – Ulti ganga bahana Idiom:

Meaning:  “Ulti ganga bahana” is a popular Hindi idiom, often used when someone acts against their inherent nature or tendencies. When someone does something contrary to their inherent behavior or natural inclination, it’s referred to as “Ulti ganga bahana” (literally translating to “flowing the Ganges in reverse”).

Examples:

-> Mohan is going to the temple today, he never goes to the temple, it seems like “the Ganges is flowing in reverse today.”

-> Raju never used to swear, but today he was swearing at his friends. When did this reverse flow of the Ganges start?

Usage: This idiom is used when we want to highlight someone’s sudden changed behavior or actions that are contrary to their usual nature. 

Special Note: The idiom “Ulti ganga bahana” can sometimes also be used for positive outcomes, like noticing good habits in someone which weren’t part of their natural behavior before.

Conclusion: ‘Ulti ganga bahana’ is an idiom that illustrates how a person’s tendencies or behavior can change over time. It compels us to think that our inclinations can also change with circumstances and time.

Story of ‌‌Ulti ganga bahana Idiom in English:

In a village, Lokesh and Amit were two good friends. Lokesh had a habit of preferring to work alone, while Amit was always ready to help others. One day, a fair came to the village. At this fair, there was a big swing.

Lokesh and Amit both contemplated riding the swing, but it was quite high. Amit told Lokesh, “You help me, and I will get you seated on the swing.” Lokesh felt a bit odd. He had never asked for someone’s help before.

However, persuaded by Amit’s words, Lokesh agreed and got onto the swing. As he began swinging, he found it immensely enjoyable. He realized that sometimes breaking away from one’s inherent tendencies can be quite refreshing.

When Lokesh descended from the swing, the villagers exclaimed, “Oh, Lokesh! Today you truly reversed the flow of the Ganges.” Lokesh, with a smile, replied, “Yes, sometimes it feels good to reverse the flow.”

Conclusion: This story teaches us that sometimes, we should try breaking away from our inherent habits and try something new. We might just enjoy the experience.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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