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कोल्हू का बैल, अर्थ, प्रयोग(Kolhu ka bail)

परिचय: हमारी हिंदी भाषा में अनेक मुहावरे हैं जो हमें जीवन के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करते हैं। ‘कोल्हू का बैल’ भी ऐसा ही एक मुहावरा है।

अर्थ: ‘कोल्हू का बैल’ मुहावरे का अर्थ होता है एक व्यक्ति जो बार-बार एक ही प्रकार का काम करता रहे बिना किसी परिवर्तन या आराम के। जैसे कोल्हू के बैल को बार-बार घूमते रहना पड़ता है बिना किसी विचार या आराम के।

उदाहरण:

-> राज रोजाना 9 से 5 तक काम करता है, बिना किसी छुट्टी के। वह अब तो कोल्हू का बैल बन चुका है।

-> अनिता हर रोज वही घर के काम में लगी रहती है, उसका जीवन कोल्हू के बैल की तरह हो गया है।

प्रयोग: यह मुहावरा उस समय प्रयुक्त होता है, जब किसी को बार-बार एक ही प्रकार की मेहनतशील गतिविधियों में लगाव हो।

निष्कर्ष:

 ‘कोल्हू का बैल’ मुहावरा हमें यह दर्शाता है कि कैसे कई बार हम अपने जीवन में मोनोटोनी और रूटीन में फंस जाते हैं। यह हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि हमें अपने जीवन में विविधता और परिवर्तन शामिल करना चाहिए।

Hindi Muhavare Quiz

कोल्हू का बैल मुहावरा पर कहानी:

गांव में रामू नामक एक व्यक्ति रहता था। रामू गांव का सबसे बड़ा किसान था, लेकिन उसकी जिंदगी का कोई रोमांच नहीं था। रोजाना सूरज उगते ही वह अपने खेत में जाता और सूरज डूबने तक वहीं काम करता।

गांव में सभी लोग रामू को देखकर कहते, “रामू तो बिल्कुल ‘कोल्हू का बैल’ बन गया है।” क्योंकि जैसे कोल्हू के बैल को बार-बार चक्कर लगाने पड़ते है, वैसे ही रामू भी बिना थके और बिना आराम किए अपने काम में लगा रहता था।

एक दिन उसके मित्र श्याम ने उससे पूछा, “रामू भैया, आप रोजाना इतनी परेशानी में क्यों काम करते हैं? क्या आपको आराम की जरूरत नहीं है?”

रामू ने जवाब दिया, “श्याम, मुझे अपने परिवार का ख्याल रखना है। मैं चाहता हूँ कि मेरे परिवार को कोई कमी न हो।”

श्याम ने कहा, “लेकिन रामू, आराम भी जरूरी है। आपको अपनी सेहत का भी ध्यान रखना चाहिए।”

रामू ने समझा कि वह सच में ‘कोल्हू का बैल’ बन चुका था। उसने तय किया कि वह अब अपनी मेहनत के साथ-साथ आराम भी करेगा और अपने परिवार के साथ समय बिताएगा।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि काम जरूरी है, लेकिन आराम और अपनी सेहत का ध्यान रखना भी उतना ही महत्वपूर्ण है।

शायरी:

कोल्हू के बैल की तरह जीवन चलता जाए,

अनवरत मेहनत में दिन रात ढलता जाए।

बिना थके, बिना रुके पथ पर चलते रहो,

लेकिन कभी-कभी जीवन में आराम से पल बिताओ।

जिंदगी एक सफर है सुहाना, मेहनत का भार आराम से उठाओ,

प्यार और मोहब्बत से जीवन का आंगन सजाओ।

 

कोल्हू का बैल शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of कोल्हू का बैल – Kolhu ka Bail Idiom:

Introduction: Our Hindi language has numerous idioms that help us understand various facets of life. ‘Kolhu ka Bail’ is one such idiom.

Meaning: The idiom ‘Kolhu ka Bail’ translates to “the bull of the oil press” and implies a person who repeatedly does the same kind of work without any change or rest, similar to how a bull tied to an oil press goes round and round without a break or thought. 

Examples:

-> Raj works from 9 to 5 daily, without any holidays. He has now become like ‘Kolhu ka Bail’.

-> Anita is always busy with the same household chores; her life has become like that of ‘Kolhu ka Bail’. 

Usage: This idiom is used when someone is continually engaged in monotonous, laborious activities. 

Conclusion: The idiom ‘Kolhu ka Bail’ illustrates how we often get trapped in monotony and routine in our lives. It prompts us to think about introducing diversity and change into our lives.

Story of ‌‌Kolhu ka Bail in English:

In a village, there lived a man named Ramu. Ramu was the largest farmer in the village, but there was no excitement in his life. Every day, as soon as the sun rose, he would go to his field and work until the sun set.

Everyone in the village would see Ramu and say, “Ramu has truly become ‘The Bull of the Oil Press.'” Because just as the bull of the oil press has to go round and round repeatedly, Ramu also continued his work tirelessly and without rest.

One day, his friend Shyam asked him, “Brother Ramu, why do you work in such distress every day? Don’t you need rest?”

Ramu replied, “Shyam, I have to take care of my family. I want my family to lack nothing.”

Shyam said, “But Ramu, rest is also essential. You should also take care of your health.”

Ramu realized that he had indeed become ‘Kolhu ka Bail’. He decided that he would now take rest along with his hard work and spend time with his family.

This story teaches us that work is necessary, but taking rest and looking after one’s health are equally important.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

“कोल्हू का बैल” मुहावरे का क्या संदर्भ हो सकता है?

यह मुहावरा अक्सर व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में किसी के मेहनती प्रयासों को स्तुति करते समय उपयोग किया जाता है, जैसे कि किसी के कठिन काम को समर्थन देते समय।

“कोल्हू का बैल” का क्या धार्मिक महत्व हो सकता है?

यह मुहावरा धार्मिक महत्व से वंचित होता है और सामान्यत: व्यक्तिगत और पेशेवर स्फीति की प्रशंसा के लिए प्रयुक्त होता है।

“कोल्हू का बैल” का क्या विपरीतार्थक मुहावरा है?

इसका कोई विशेष विपरीतार्थक मुहावरा नहीं होता है, क्योंकि यह एक सकारात्मक अर्थ में होता है।

“कोल्हू का बैल” मुहावरे का क्या इतिहास है?

इस मुहावरे का कोई विशेष इतिहास नहीं है, लेकिन यह जीवन के कठिनाइयों को प्रशंसा करने के लिए उपयोग होता है।

“कोल्हू का बैल” का किसी विशेष व्यक्ति से संबंध होता है?

नहीं, यह मुहावरा किसी विशेष व्यक्ति से संबंधित नहीं होता है। यह किसी की मेहनत और परिश्रम को सामान्यत: व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त होता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह मुहावरा जानवर पर मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

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