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वाह वाह करना, अर्थ, प्रयोग(Vah vah karna)

परिचय: वाह वाह करना, हिंदी भाषा अपने अनेक मुहावरों के लिए प्रसिद्ध है, जो बोलचाल की भाषा को रोचक और जीवंत बनाते हैं। आइए इस मुहावरे के बारे में विस्तार से जानते हैं।

अर्थ: “वाह वाह करना” का अर्थ होता है किसी की प्रशंसा करना या किसी के कार्य या बातों की सराहना करना। यह मुहावरा अक्सर तब प्रयोग में लाया जाता है जब कोई व्यक्ति किसी की बुद्धिमत्ता, कला, या अन्य प्रतिभा की तारीफ कर रहा हो।

उदाहरण:

-> जब पूजा ने अपनी कविता सुनाई, सभी श्रोताओं ने वाह वाह की।

-> पारुल की बनाई डिश का स्वाद इतना अच्छा था कि सभी मेहमान वाह वाह कर उठे।

विशेष उल्लेख: “वाह वाह करना” मुहावरा भारतीय संस्कृति में काव्य पाठ, संगीत की महफिलों, और विभिन्न प्रकार के प्रदर्शनों में अक्सर सुना जाता है। यह न केवल प्रशंसा का भाव व्यक्त करता है, बल्कि कलाकारों को उत्साहित भी करता है।

आधुनिक संदर्भ: आज के डिजिटल युग में, “वाह वाह करना” अक्सर सोशल मीडिया पर देखने को मिलता है, जहाँ लोग अपने मित्रों या प्रसिद्ध व्यक्तित्वों की पोस्ट पर प्रशंसात्मक कमेंट्स के रूप में इसका प्रयोग करते हैं।

निष्कर्ष: “वाह वाह करना” मुहावरा हमारे समाज में सकारात्मकता और सहयोग की भावना को दर्शाता है। यह हमें सिखाता है कि किसी की प्रतिभा या कठिन परिश्रम की सराहना करना कितना महत्वपूर्ण है।

Hindi Muhavare Quiz

वाह वाह करना मुहावरा पर कहानी:

एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस सम्मेलन में दूर-दूर से कवि और शायर आए थे। सभी ने अपनी-अपनी रचनाएं सुनाने का फैसला किया।

सम्मेलन का मुख्य आकर्षण थे प्रेमचंद्र जी, जो एक बहुत प्रसिद्ध कवि थे। जैसे ही प्रेमचंद्र जी ने अपनी कविता सुनाना शुरू किया, लोगों की भीड़ में सन्नाटा छा गया। उनकी कविता की हर पंक्ति लोगों के दिल को छू रही थी।

जैसे ही उन्होंने अपनी कविता खत्म की, पूरा सभागार “वाह वाह” की आवाज़ों से गूंज उठा। लोगों की तालियों और वाह वाह की आवाज़ों से प्रेमचंद्र जी का उत्साह और भी बढ़ गया। उनकी कविता ने सभी का मन मोह लिया था।

इस कहानी से हमें यह सीखने को मिलता है कि “वाह वाह करना” मुहावरे का अर्थ है किसी की प्रशंसा करना और उनके कार्य की सराहना करना। प्रेमचंद्र जी की कविता ने लोगों के दिलों को छू लिया था, और उनकी प्रशंसा में लोगों ने वाह वाह की आवाज़ें लगाईं।

निष्कर्ष:

कहानी के माध्यम से हम समझते हैं कि प्रशंसा और सराहना न केवल किसी के मनोबल को बढ़ाती है, बल्कि यह एक सामाजिक संबंध को भी मजबूत करती है। “वाह वाह करना” हमें सिखाता है कि हमें दूसरों की प्रतिभा और कठिन परिश्रम की सराहना करनी चाहिए।

यह कहानी न केवल मनोरंजक है बल्कि यह हमें एक महत्वपूर्ण जीवन शिक्षा भी देती है।

शायरी:

लफ्ज़ों का जब सफर दिल से निकलता है,

हर जुबां पर बस “वाह वाह” सजता है।

मोहब्बत की महफिल में जब कलाम बोलते हैं,

दिलों का हर राज़ खुलकर खिलता है।

अल्फाज़ बिखेरूँ जब मैं ख्यालों के मेले में,

हर शेर में जिंदगी की रवानी देखता हूँ।

“वाह वाह” की गूंज है, ये दिलों की बातें,

इन्हीं पलों में तो जीवन की मिठास देखता हूँ।

दुनिया की भीड़ में अपनी पहचान बनाना है,

क़लम की नोक पर हर जज्बात उठाना है।

जब लब्ज़ों में दिल की धड़कन बोले,

तब हर किसी का दिल “वाह वाह” कह उठे।

रंग लाती हैं वो शायरी, जिसमें दिल की धड़कन हो,

हर शेर में वो जादू हो, जो ख्वाबों में बसा करता है।

“वाह वाह” का तराना जब लबों पर आए,

मानो खुदा भी कहीं पर्दे में मुस्कुराता है।

 

वाह वाह करना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of वाह वाह करना – Vah vah karna Idiom:

Introduction: The Hindi language is famous for its numerous idioms, which make conversational language interesting and lively. One such idiom is “वाह वाह करना.” Let’s learn more about this idiom in detail.

Meaning: The meaning of “वाह वाह करना” is to praise someone or appreciate someone’s work or words. This idiom is often used when a person is praising someone’s intelligence, art, or other talents.

Examples:

-> When Puja recited her poem, all the listeners praised it with “वाह वाह.”

-> The taste of the dish made by Parul was so good that all the guests started praising it with “वाह वाह.”

Special Mention: The idiom “वाह वाह करना” is often heard in Indian culture during poetry readings, music gatherings, and various types of performances. It not only expresses appreciation but also encourages the artists.

Modern Context: In today’s digital era, “वाह वाह करना” is often seen on social media, where people use it as appreciative comments on the posts of their friends or famous personalities.

Conclusion: The idiom “वाह वाह करना” reflects a sense of positivity and cooperation in our society. It teaches us how important it is to appreciate someone’s talent or hard work.

Story of ‌‌Vah vah karna Idiom:

Once upon a time, in a small village, a poetry symposium was organized. Poets and shayars from far and wide had come to this symposium. Everyone decided to recite their own compositions.

The main attraction of the symposium was Premchand Ji, a very famous poet. As soon as Premchand Ji began reciting his poem, a silence enveloped the crowd. Every line of his poem touched the hearts of the people.

As soon as he finished his poem, the entire hall resonated with the sounds of “वाह वाह” (Wow wow). The applause and shouts of “वाह वाह” from the people further boosted Premchand Ji’s enthusiasm. His poem had captivated everyone’s mind.

This story teaches us that the meaning of the idiom “वाह वाह करना” is to praise someone and appreciate their work. Premchand Ji’s poem had touched the hearts of the people, and in praise, they responded with sounds of “वाह वाह.”

Conclusion:

Through this story, we understand that praise and appreciation not only boost someone’s morale but also strengthen social bonds. “वाह वाह करना” teaches us that we should appreciate others’ talents and hard work.

This story is not only entertaining but also imparts an important life lesson.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या “वाह वाह करना” का उपयोग सार्वजनिक स्थानों पर होता है?

हाँ, इस मुहावरे का उपयोग सार्वजनिक स्थानों पर भी हो सकता है, जैसे कि सांसदों के सम्मान में सभा में।

वाह वाह करना का उपयोग कहाँ हो सकता है?

इस मुहावरे का उपयोग किसी के कार्य, कला, उपलब्धि या उत्कृष्टता की सराहना करने के लिए किया जा सकता है, जैसे कि किसी कलाकार की प्रशंसा करते समय।

वाह वाह करना मुहावरा का क्या अर्थ है?

“वाह वाह करना” का मतलब होता है किसी की प्रशंसा करना या किसी की कल्पना करना। इसे किसी के कार्य या उपलब्धि की सराहना के लिए भी उपयोग किया जा सकता है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग फिल्मों और नृत्य में होता है?

हाँ, बहुत से फिल्मों और नृत्य प्रदर्शनों में इस मुहावरे का उपयोग किसी कलाकार की प्रशंसा करने के लिए होता है।

इस मुहावरे का विरुद्ध क्या हो सकता है?

इसका विरुद्ध मुहावरा “अरे वाह!” हो सकता है, जिससे सराहना की बजाय हैरानी या अचरज का अभिव्यक्ति होती है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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