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बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय अर्थ, प्रयोग (Bina vichare jo kare, So pache pachtaye)

परिचय: ‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय’ यह हिंदी मुहावरा उस स्थिति को दर्शाता है जब कोई व्यक्ति बिना सोचे-समझे, जल्दबाजी में कोई काम करता है और बाद में उसे उसके परिणामों का पछतावा होता है। यह उस प्रवृत्ति को दर्शाता है जहां व्यक्ति बिना पूर्ण विचार विमर्श के निर्णय लेता है।

अर्थ: इस मुहावरे का अर्थ है कि जब भी कोई व्यक्ति बिना पर्याप्त विचार या योजना बनाए कोई कार्य करता है, तो बाद में उसे उस कार्य के अनचाहे परिणामों का सामना करना पड़ता है और वह पछताता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग उन परिस्थितियों में किया जाता है जहां किसी ने जल्दबाजी में या बिना सोचे-समझे कोई निर्णय लिया हो और बाद में उसे उसका परिणाम भुगतना पड़े।

उदाहरण:

-> “मुनीश ने बिना विचारे व्यापार में निवेश किया और अब वह सो पाछे पछता रहा है।”

-> “उसने जल्दबाजी में शादी का फैसला किया और अब ‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय’ की स्थिति में है।”

निष्कर्ष: ‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय’ मुहावरा हमें यह सिखाता है कि किसी भी कार्य को करने से पहले उस पर गहराई से विचार करना चाहिए। यह हमें यह भी बताता है कि जल्दबाजी या बिना सोचे-समझे किए गए कार्य अक्सर हमें बाद में पछतावा करने को मजबूर करते हैं। इसलिए, हमें हमेशा विचारपूर्ण और सोच-समझ कर निर्णय लेने चाहिए।

बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे शहर में विकास नाम का एक युवक रहता था। विकास बहुत ही जल्दबाज और बिना सोचे-समझे फैसले लेने वाला व्यक्ति था। एक दिन, उसने अपने दोस्तों की बातों में आकर बिना पर्याप्त जानकारी और विचार किए एक नए व्यापार में निवेश कर दिया।

विकास का मानना था कि यह व्यापार उसे जल्दी और अधिक मुनाफा दिलाएगा। लेकिन कुछ ही समय बाद, वह व्यापार घाटे में चला गया और विकास का सारा पैसा डूब गया। उसे तब अहसास हुआ कि उसने बिना किसी ठोस योजना और विचार के निवेश किया था।

विकास की इस गलती से उसके परिवार को भी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ा। उसे तब ‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय’ का सही अर्थ समझ में आया। उसे पता चला कि जल्दबाजी में लिए गए फैसले अक्सर गलत होते हैं और बाद में पछताने के सिवा कुछ नहीं रहता।

इस अनुभव के बाद, विकास ने जीवन में सोच-समझकर और योजनाबद्ध तरीके से निर्णय लेना शुरू किया। उसने सीखा कि विचारपूर्ण और जानकारी आधारित निर्णय ही व्यक्ति को सही दिशा में ले जा सकते हैं।

इस कहानी से हमें यह सिख मिलती है कि बिना सोचे-समझे किए गए काम अक्सर पछतावे का कारण बनते हैं और इसलिए हमें हमेशा विचारपूर्ण ढंग से कार्य करना चाहिए।

शायरी:

बिना सोचे जो कदम बढ़ाया, मंजिल ने मुँह मोड़ लिया,

जल्दबाजी में जो ख्वाब सजाया, वक्त ने उसे तोड़ दिया।

‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय’,

जिंदगी ने यही सिखाया, हर फैसले में समय लगाय।

उन्माद में लिए गए फैसलों का, क्या फायदा,

जब हर कदम पर, खुद से लड़ना पड़ा।

बिना विचारे किए गए काम, पछतावे के सिवा कुछ न दिया,

जिंदगी ने यह सबक सिखाया, सोच समझ कर कदम बढ़ाया।

वक्त की रेत पर बिना सोचे निशान,

आँधियों में उड़ जाते हैं, बनाए बिना कोई मकान।

‘बिना विचारे जो करे’, उसे हमेशा पछताना पड़ता है,

जीवन में सोच-समझ कर चल, यही सच्चा ज्ञान है।

 

बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय – Bina vichare jo kare, So pache pachtaye Idiom:

Introduction: The Hindi idiom ‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय’ illustrates a situation where an individual acts hastily and without thought, only to regret the consequences later. It represents the tendency of making decisions without thorough consideration.

Meaning: The meaning of this idiom is that whenever a person performs an action without adequate thought or planning, they eventually face the unwanted consequences of that action and feel regret.

Usage: This idiom is used in situations where someone has made a decision in haste or without thinking it through, and later has to suffer the consequences of that decision.

Example:

-> “Munish invested in business without thinking and now he is regretting it.”

-> “He made a hasty decision to get married and now is in the situation of ‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय.'”

Conclusion: The idiom ‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय’ teaches us that we should think deeply before doing any work. It also tells us that actions taken in haste or without proper thought often lead to regret later. Therefore, we should always make decisions thoughtfully and with proper consideration.

Story of ‌‌Bina vichare jo kare, So pache pachtaye Idiom in English:

In a small town, there lived a young man named Vikas. Vikas was very impulsive and prone to making decisions without thinking them through. One day, influenced by his friends, he invested in a new business without sufficient information and consideration.

Vikas believed that this business would quickly yield high profits. However, in a short time, the business went into loss, and Vikas lost all his money. He then realized that he had invested without a solid plan or proper thought.

Vikas’s mistake also brought financial troubles to his family. It was then he understood the true meaning of ‘बिना विचारे जो करे, सो पाछे पछताय’. He learned that decisions made in haste are often wrong and only lead to regret later.

After this experience, Vikas began to make decisions in life thoughtfully and with planning. He learned that well-thought-out and informed decisions are the only way to steer in the right direction.

This story teaches us that actions taken without proper thought often lead to regret, and therefore, we should always act in a thoughtful manner.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

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