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थोबड़ा फुलाना अर्थ, प्रयोग (Thobda fulana)

“थोबड़ा फुलाना” एक प्रचलित हिंदी मुहावरा है। इसका शाब्दिक अर्थ है किसी का चेहरा फुलाना या गुस्से से सूज जाना। लेकिन, इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर उस स्थिति को व्यक्त करने के लिए किया जाता है जब कोई व्यक्ति गुस्से में या नाराजगी में अपना चेहरा फुलाए रहता है।

परिचय: “थोबड़ा फुलाना” मुहावरे का प्रयोग भारतीय समाज में बहुत आम है, खासकर जब किसी को अपनी नाराजगी या गुस्से को प्रदर्शित करना हो। यह व्यंग्यात्मक रूप से भी प्रयोग किया जाता है।

अर्थ: इस मुहावरे का सामान्य अर्थ है किसी का गुस्सा या असंतोष प्रकट करना, जहां व्यक्ति अपने चेहरे की भाव-भंगिमा से अपनी असंतुष्टि दर्शाता है।

प्रयोग: इस मुहावरे का प्रयोग अक्सर तब होता है जब किसी को किसी बात पर गुस्सा आता है या वह किसी बात से असंतुष्ट होता है। उदाहरण के लिए, “जब अमन ने अपनी नई साइकिल खो दी, तो उसके पिता ने थोबड़ा फुला लिया।”

उदाहरण:

आइए एक उदाहरण के माध्यम से इस मुहावरे के प्रयोग को समझते हैं:

स्कूल में जब शिक्षक ने प्रथम की गलतियों की ओर इशारा किया, तो वह थोबड़ा फुलाकर बैठ गया।” इस उदाहरण में, प्रथम का थोबड़ा फुलाना उसकी नाराजगी और असंतोष को दर्शाता है।

निष्कर्ष: “थोबड़ा फुलाना” मुहावरा भारतीय संस्कृति और भाषा में गहराई से निहित है। यह न केवल भावनाओं को प्रकट करता है, बल्कि व्यक्ति की मनोदशा और उसके रिएक्शन को भी व्यक्त करता है। इसका प्रयोग सामाजिक और व्यक्तिगत संवादों में भावनाओं और मनोभावों को प्रभावी ढंग से व्यक्त करने के लिए किया जाता है।

Hindi Muhavare Quiz

थोबड़ा फुलाना मुहावरा पर कहानी:

एक छोटे से गाँव में प्रथम नाम का एक लड़का रहता था। प्रथम हमेशा प्रसन्न और मिलनसार रहता था। उसके पास एक खूबसूरत साइकिल थी, जिसे वह बहुत प्यार करता था।

एक दिन, प्रथम अपनी साइकिल लेकर गाँव के बाहर एक खेल के मैदान में गया। वहाँ खेलते-खेलते उसने अपनी साइकिल कहीं रख दी और खेलने में इतना मगन हो गया कि उसे साइकिल की याद ही नहीं रही। जब वह वापस लौटा, तो देखा कि उसकी साइकिल गायब थी। वह बहुत दुखी हुआ और घर लौट आया।

घर पहुंचकर जब उसने अपने पिता को साइकिल खोने की बात बताई, तो उनका चेहरा गुस्से से लाल हो गया। प्रथम के पिता ने गुस्से में अपना थोबड़ा फुला लिया और कहा, “तुम्हें अपनी चीजों की कद्र करना सीखना चाहिए।”

प्रथम को अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने अपने पिता से माफी मांगी। उसने वादा किया कि आगे से वह अपनी चीजों का ध्यान रखेगा और उन्हें संभालकर रखेगा।

इस घटना के बाद, प्रथम ने अपने पिता की बातों को गंभीरता से लिया और अपनी सभी चीजों का सही से ध्यान रखने लगा। उसने महसूस किया कि अपनी लापरवाही के कारण ही उसके पिता को थोबड़ा फुलाना पड़ा था।

प्रथम के पिता भी धीरे-धीरे समझ गए कि प्रथम ने अपनी गलती से सीख ली है और अब वह ज्यादा जिम्मेदार बन गया है। उन्होंने भी अपना गुस्सा शांत किया और प्रथम को प्यार से समझाया कि जीवन में छोटी-छोटी गलतियों से सीखना बहुत जरूरी है।

इस कहानी के माध्यम से हमने देखा कि “थोबड़ा फुलाना” मुहावरे का अर्थ किसी के गुस्से या नाराजगी को व्यक्त करता है। प्रथम के पिता का गुस्से में चेहरा फुलाना उनकी नाराजगी और चिंता को दर्शाता है, और प्रथम की गलती से उन्हें जो सीख मिली, वह इस मुहावरे के महत्व को उजागर करती है। इस कहानी से यह भी समझ में आता है कि गलतियों से सीखना और उन्हें सुधारना जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। अंत में, प्रथम और उसके पिता के बीच की समझ और प्यार इस कहानी को एक सुखद अंत देती है।

शायरी:

थोबड़ा फुलाये बैठे हैं, नाराज़गी में गुम,

जिंदगी की राहों में, हर खुशी लगती है कम।

अरमानों का बाज़ार सजा, दिल तोड़ने की आदत में,

हर ख्वाहिश पे थोबड़ा फुलाना, इस दौर की रवायत में।

गुस्से की आंधी में, चेहरा सूजा जज़्बातों से,

दिल में उलझनें हैं कई, आंखों में बरसातों से।

थोबड़ा फुलाकर बैठे हैं, टूटे ख्वाबों के साथ,

जिंदगी के मेले में, खो गया हर एक राज़ की बात।

राहत की बातें करते हैं, दिल के ज़ख्मों के साथ,

थोबड़ा फुलाए हुए, चलते हैं इस जहान की राह।

 

थोबड़ा फुलाना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of थोबड़ा फुलाना – Thobda fulana Idiom:

“थोबड़ा फुलाना” is a common Hindi idiom. Its literal meaning is to puff up one’s face or to swell up in anger. However, this idiom is often used to express a situation when a person puffs up their face in anger or displeasure.

Introduction: The general meaning of this idiom is to express someone’s anger or dissatisfaction, where the person shows their discontent through their facial expressions.

Meaning: The general meaning of this idiom is to express someone’s anger or dissatisfaction, where the person shows their discontent through their facial expressions.

Usage: This idiom is often used when someone gets angry about something or feels dissatisfied with something. For example, “When Aman lost his new bicycle, his father puffed up his face in anger.”

Example:

Let’s understand the use of this idiom through an example:

“When the teacher pointed out Pratham’s mistakes in school, he sat there with a puffed-up face.” In this example, Pratham puffing up his face indicates his annoyance and dissatisfaction.

Conclusion: The idiom “थोबड़ा फुलाना” is deeply ingrained in Indian culture and language. It not only expresses emotions but also reflects a person’s state of mind and their reactions. It is used in social and personal dialogues to effectively express emotions and feelings.

Story of ‌‌Thobda fulana Idiom in English:

In a small village, there lived a boy named Pratham. Pratham was always cheerful and sociable. He had a beautiful bicycle, which he loved dearly.

One day, Pratham took his bicycle to a playground outside the village. While playing, he left his bicycle somewhere and got so engrossed in the game that he forgot about it. When he returned, he found his bicycle was missing. He was very saddened and went back home.

Upon reaching home, when he told his father about losing the bicycle, his father’s face turned red with anger. Pratham’s father puffed up his face in anger and said, “You should learn to value your belongings.”

Pratham realized his mistake and apologized to his father. He promised that from then on, he would take care of his things and handle them carefully.

After this incident, Pratham took his father’s words seriously and began to take proper care of all his belongings. He realized that it was his carelessness that had made his father puff up his face in anger.

Gradually, Pratham’s father understood that Pratham had learned from his mistake and had become more responsible. He also calmed down his anger and lovingly explained to Pratham that learning from small mistakes in life is very important.

Through this story, we see that the idiom “थोबड़ा फुलाना” expresses someone’s anger or displeasure. Pratham’s father puffing up his face in anger shows his annoyance and concern, and the lesson learned from Pratham’s mistake highlights the importance of the idiom. The story also teaches us that learning and correcting mistakes is an essential part of life. In the end, the understanding and love between Pratham and his father bring a happy conclusion to the story.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या “थोबड़ा फुलाना” मुहावरे का इस्तेमाल केवल नकारात्मक संदर्भ में होता है?

ज्यादातर समय यह मुहावरा नकारात्मक संदर्भ में ही इस्तेमाल होता है, क्योंकि इसका संबंध शारीरिक हिंसा और दर्द से है। हालांकि, कभी-कभी इसे हल्के व्यंग्य या मजाक में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

“थोबड़ा फुलाना” मुहावरे की उत्पत्ति कैसे हुई?

इस मुहावरे की ठोस उत्पत्ति के बारे में कोई सटीक जानकारी नहीं है, लेकिन यह संभवतः प्राचीन काल से चला आ रहा है जहां शारीरिक दंड का उपयोग आम था।

“थोबड़ा फुलाना” और “मुंह तोड़ जवाब देना” में क्या अंतर है?

“थोबड़ा फुलाना” मुहावरे का संबंध शारीरिक हिंसा से है, जबकि “मुंह तोड़ जवाब देना” का इस्तेमाल ऐसी स्थिति के लिए किया जाता है जहां किसी चुनौती या आलोचना का प्रभावी ढंग से जवाब दिया जाता है, और यह शाब्दिक या बौद्धिक प्रतिक्रिया हो सकती है।

क्या “थोबड़ा फुलाना” मुहावरे का इस्तेमाल आधुनिक हिंदी में होता है?

हाँ, “थोबड़ा फुलाना” मुहावरे का इस्तेमाल आधुनिक हिंदी में भी होता है, खासकर बोलचाल की भाषा में और साहित्यिक कृतियों में भी।

“थोबड़ा फुलाना” मुहावरे का इस्तेमाल व्यक्ति के चरित्र पर क्या प्रभाव डालता है?

“थोबड़ा फुलाना” मुहावरे का इस्तेमाल आमतौर पर नकारात्मक संदर्भ में होता है और यह व्यक्ति के आक्रामक या हिंसक प्रवृत्ति को दर्शा सकता है।

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