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कहां राजा भोज कहां गंगू तेली मुहावरा, अर्थ, प्रयोग(Kahan raja bhoj kahan gangu teli)

अर्थ: “कहां राजा भोज कहां गंगू तेली” एक प्रसिद्ध हिंदी मुहावरा है, जिसका अर्थ है कि दो व्यक्तियों या चीज़ों में बड़ा अंतर होता है। यहाँ ‘राजा भोज’ को उच्च स्थिति, आदर या महत्वपूर्णता के रूप में प्रस्तुत किया गया है, जबकि ‘गंगू तेली’ को उसके सामान्य या नीच स्थिति के रूप में।

उदाहरण:

-> अरुण ने विवाह की बहुत महंगी घड़ी पहनी हुई थी, जबकि अमित ने सस्ती घड़ी पहनी थी। लोग बोले, “कहां राजा भोज कहां गंगू तेली।”

->राज की नई कार और राम की पुरानी बाइक को देखकर मोहन बोला, “कहां राजा भोज कहां गंगू तेली।”

वाक्य में प्रयोग: जब मुझे अपने मित्र के नए महल जैसे घर और मेरे छोटे से कमरे की तुलना की गई, तो मैंने सोचा, “कहां राजा भोज कहां गंगू तेली।”

विचार: इस मुहावरे से हमें यह सिखाया जाता है कि हर व्यक्ति या चीज की अपनी स्थिति और महत्वपूर्णता होती है। हमें दूसरों से तुलना करके अपनी स्थिति को अधीन महसूस नहीं करना चाहिए। हर व्यक्ति और चीज का अपना महत्व है।

Hindi Muhavare Quiz

कहां राजा भोज कहां गंगू तेली मुहावरा पर कहानी:

सुशांत शहर के सबसे बड़े और अमीर व्यापारी थे। उनकी बड़ी-बड़ी कारें, उच्चाकाशील भवन और अनगिनत संपत्तियाँ थीं। उनकी जिंदगी में ऐश्वर्य की कमी नहीं थी, लेकिन उसमें संतुष्टि की खोज बाकी थी।

फिर था विपुल, जो शहर के एक छोटे से गली में अपनी छोटी दुकान में चप्पल मरम्मत करता था। उसकी जिंदगी साधारण थी, परंतु उसके चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनी रहती थी।

एक दिन सुशांत अपनी नई कार में सवार होकर वहां से गुजर रहे थे जब उनकी कार की चप्पल टूट गई। वह विपुल की दुकान पर पहुंचे। विपुल ने तुरंत चप्पल की मरम्मत शुरू की और उन्हें चाय की प्याली प्रस्तुत की। जबकि चप्पल मरम्मत हो रही थी, सुशांत और विपुल बातचीत में लगे।

सुशांत ने पूछा, “तुम इतनी खुश कैसे रहते हो, हालांकि तुम्हारी आजीविका इतनी साधारण है?” विपुल मुस्कराया और बोला, “साहब, खुशी का मूल्य धन में नहीं है, यह तो हमारी सोच और समझदारी में है। मैं अपने काम से संतुष्ट हूँ और जो कुछ भी मैं कमाता हूँ, वह मुझे और मेरे परिवार को संतुष्ट रखता है।”

सुशांत वहाँ से जा रहे थे, लेकिन उस दिन वह कुछ सीखकर गए। वह समझे कि “कहां राजा भोज कहां गंगू तेली” न केवल धन और सम्पत्ति के बीच के अंतर को दर्शाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि खुशी और संतोष का मूल्य धन में नहीं, बल्कि हमारी मानसिकता में है।

शायरी:

राजा भोज की भव्यता में दुनिया घूमी,

उसकी धन-याशों में लिपटी हर कोई झूमी।

उसके महलों की चमक में सभी बहक गए,
उसकी ताकत में सभी कुछ भूलकर रह गए।

लेकिन गंगू तेली के मन में खोजी जीवन की सच्चाई,

उसकी सादगी में छुपा असली जीवन का राज है भाई।

 

कहां राजा भोज कहां गंगू तेली शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of कहां राजा भोज कहां गंगू तेली – Kahan raja bhoj kahan gangu teli Idiom:

Meaning: “Where there’s King Bhoj and where there’s Gangu Teli” is a renowned Hindi idiom, signifying a vast difference between two persons or things. Here, ‘King Bhoj’ represents a high status, respect, or importance, whereas ‘Gangu Teli’ denotes its ordinary or inferior status.

Examples:-> Arun wore a very expensive watch for the wedding, while Amit had on a cheap one. People commented, “It’s like comparing Raja Bhoj to Gangu Teli.”

-> Observing Raj’s new car and Ram’s old bike, Mohan remarked, “It’s like comparing Raja Bhoj to Gangu Teli.”

Usage in a Sentence: When my friend’s mansion-like house was compared to my small room, I thought, “It’s like comparing Raja Bhoj to Gangu Teli.”

Story of  Kahan raja bhoj kahan gangu teli idiom in English:

Sushant was the wealthiest and the most influential businessman in the city. He owned luxurious cars, towering buildings, and countless properties. His life was filled with affluence, but there was a lingering search for contentment.

Then there was Vipul, who in a small alley of the city, mended shoes in his modest shop. His life was simple, but he always had a smile on his face.

One day, as Sushant was passing by in his new car, its shoe (tire) broke down. He approached Vipul’s shop. Without hesitation, Vipul began mending the shoe and offered Sushant a cup of tea. While the shoe was being fixed, the two engaged in conversation.

Curiously, Sushant asked, “How do you manage to remain so happy despite leading such a simple life?” Vipul smiled and replied, “Sir, the value of happiness isn’t in wealth; it lies in our perception and wisdom. I am content with my work, and whatever I earn is enough to keep me and my family satisfied.”

As Sushant departed, he left with a lesson that day. He realized that the phrase “Where’s King Bhoj and where’s Gangu Teli” not only illustrates the difference between wealth and assets but also shows that the true essence of happiness and contentment isn’t in riches but in our mindset.

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

इस मुहावरे का प्रयोग किस प्रकार की स्थितियों में किया जाता है?

जब दो लोगों, वस्तुओं, या परिस्थितियों की तुलना करते हुए एक को बहुत श्रेष्ठ और दूसरे को बहुत सामान्य या निम्न स्तर का बताना होता है, तब इस मुहावरे का प्रयोग होता है।

“कहां राजा भोज कहां गंगू तेली” मुहावरे की उत्पत्ति कैसे हुई?

यह मुहावरा प्राचीन कथाओं से उपजा है जहां राजा भोज एक प्रतिष्ठित और सम्मानित राजा थे, और गंगू तेली एक सामान्य व्यक्ति था।

क्या इस मुहावरे का उपयोग केवल व्यक्तियों के लिए होता है?

नहीं, इसका उपयोग व्यक्तियों के साथ-साथ वस्तुओं, स्थानों, या परिस्थितियों की तुलना में भी किया जा सकता है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग आधुनिक हिंदी में भी प्रचलित है?

हां, यह मुहावरा आधुनिक हिंदी में भी काफी प्रचलित है और अक्सर प्रयोग किया जाता है।

क्या इस मुहावरे का प्रयोग साहित्यिक ग्रंथों में भी मिलता है?

हां, यह मुहावरा हिंदी साहित्य की कई रचनाओं में प्रयोग किया गया है, विशेषकर जहां विभिन्न पात्रों या परिस्थितियों की तुलना की गई हो।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

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