Budhimaan

Home » Hindi Muhavare » छाती पर साँप लोटना मुहावरा, अर्थ, प्रयोग(Chhati par saap lotna)

छाती पर साँप लोटना मुहावरा, अर्थ, प्रयोग(Chhati par saap lotna)

छाती पर साँप लोटना मुहावरा, ईर्ष्या की प्रतीक, हिंदी मुहावरे चित्र, Budhimaan.com मुहावरे चित्र.

अर्थ: ‘छाती पर साँप लोटना’ इस मुहावरे का अर्थ है ईर्ष्या या जलन महसूस करना। जब किसी की प्रगति या सफलता देखकर व्यक्ति में जलन उत्पन्न होती है, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।

प्रयोग: जब किसी व्यक्ति को किसी दूसरे की सफलता से ईर्ष्या हो या वह उससे जले, तो इस मुहावरे का प्रयोग होता है।

उदाहरण: राम ने सुना कि उसके साथी श्याम ने उससे बड़ी गाड़ी खरीदी है। इससे सुनकर राम को लगा जैसे ‘छाती पर साँप लोट रहा हो’।

विशेष टिप्पणी: यह मुहावरा हमें यह सिखाता है कि ईर्ष्या और जलन से हमें कोई भी लाभ नहीं होता। इससे सिर्फ हमारी मानसिक शांति बाधित होती है। इसलिए, हमें दूसरों की सफलता पर खुश होना चाहिए और उनसे प्रेरित होकर अपने लक्ष्य की ओर अधिक समर्पित होना चाहिए।

अकल या बुद्धि पर पत्थर पड़ना मुहावरा पर कहानी:

गाँव में दो सखायें रहती थीं, राधा और सीता। दोनों हमेशा साथ खेलती थीं, साथ पढ़ती थीं और साथ ही गाँव की छोटी-छोटी खुशियों में शामिल होती थीं।

एक दिन, गाँव में मेला आया। सभी बच्चे वहाँ गए और खूब मजा किया। मेले में एक संगीत प्रतियोगिता भी थी। सीता ने उस प्रतियोगिता में भाग लिया और पहली प्रतिष्ठान प्राप्त की। सभी लोग उसे बधाई दे रहे थे और उसकी प्रशंसा कर रहे थे।

राधा भी सीता की प्रशंसा सुन रही थी, लेकिन उसके अंदर जलन उत्पन्न हो रही थी। वह सोच रही थी कि वह भी गाना गा सकती थी, लेकिन उसने प्रतियोगिता में भाग नहीं लिया। अब जब सीता की इतनी प्रशंसा हो रही थी, तो राधा को लग रहा था कि ‘छाती पर साँप लोट रहा हो’।

जब सीता ने इसे महसूस किया, तो उसने राधा को अपने पास बुलाया और कहा, “राधा, हम सखायें हैं। मेरी जीत में तुम्हें भी खुशी महसूस होनी चाहिए। अगली बार हम दोनों मिलकर गाएंगे और जीतेंगे।”

राधा को समझ में आया कि जलन और ईर्ष्या से कुछ नहीं होगा। वह सीता को गले लगा लिया और दोनों फिर से अच्छी सखायें बन गईं।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि जलन और ईर्ष्या से हमें और हमारे प्रियजनों को दुःख होता है। हमें चाहिए कि हम दूसरों की प्रगति में खुशी महसूस करें और उन्हें प्रोत्साहित करें।

शायरी:

छाती पर साँप सा लोट जाए,

जब दोस्त की खुशी में जलन हो आए।

जीवन में ऐसा क्यों हो,

कि अपनों की खुशी से दिल डर जाए।

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।

Hindi to English Translation of छाती पर साँप लोटना – Chhati par saap lotna Idiom:

Meaning: The proverb ‘Chhati par saap lotna’ signifies feeling envy or jealousy. When someone feels a pang of jealousy upon witnessing another’s success or progress, this phrase is used.

Usage: This proverb is used when an individual feels envious or jealous of someone else’s achievements.

Example: Ram heard that his colleague, Shyam, had bought a car bigger than his own. Hearing this, Ram felt as if a ‘snake was slithering on his chest’.

Special Note: This proverb teaches us that there’s no gain from feeling envious or jealous. Such feelings only disrupt our mental peace. Therefore, we should rejoice in others’ successes and let them inspire us to be more dedicated to our own goals.

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly.

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

2 टिप्पणियाँ

  1. पिंगबैक: List of Hindi Muhavare - Budhimaan

टिप्पणी करे

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Budhimaan Team

Budhimaan Team

हर एक लेख बुधिमान की अनुभवी और समर्पित टीम द्वारा सोख समझकर और विस्तार से लिखा और समीक्षित किया जाता है। हमारी टीम में शिक्षा के क्षेत्र में विशेषज्ञ और अनुभवी शिक्षक शामिल हैं, जिन्होंने विद्यार्थियों को शिक्षा देने में वर्षों का समय बिताया है। हम सुनिश्चित करते हैं कि आपको हमेशा सटीक, विश्वसनीय और उपयोगी जानकारी मिले।

संबंधित पोस्ट

"टुकड़ा खाए दिल बहलाए कहावत का प्रतीकात्मक चित्र", "कपड़े फाटे घर को आए कहावत की व्याख्या वाला चित्र", "आर्थिक संघर्ष दर्शाती Budhimaan.com की छवि", "भारतीय ग्रामीण जीवन का यथार्थ चित्रण"
Kahavaten

टुकड़ा खाए दिल बहलाए, कपड़े फाटे घर को आए, अर्थ, प्रयोग(Tukda khaye dil bahlaye, Kapde fate ghar ko aaye)

“टुकड़ा खाए दिल बहलाए, कपड़े फाटे घर को आए” यह हिंदी कहावत कठिन परिस्थितियों में जीवन यापन करने के संघर्ष को दर्शाती है। इस कहावत

Read More »
"टका सर्वत्र पूज्यन्ते कहावत का चित्रण", "धन और सामाजिक सम्मान का प्रतीकात्मक चित्र", "भारतीय समाज में धन का चित्रण", "हिंदी कहावतों का विश्लेषण - Budhimaan.com"
Kahavaten

टका सर्वत्र पूज्यन्ते, बिन टका टकटकायते, अर्थ, प्रयोग(Taka sarvatra pujyate, Bin taka taktakayte)

परिचय: हिंदी की यह कहावत “टका सर्वत्र पूज्यन्ते, बिन टका टकटकायते” धन के महत्व और समाज में इसके प्रभाव पर जोर देती है। यह कहावत

Read More »
"टेर-टेर के रोवे कहावत का प्रतीकात्मक चित्र", "Budhimaan.com पर व्यक्तिगत समस्याओं का समाधान", "सामाजिक प्रतिष्ठा की रक्षा करती कहावत का चित्र", "हिंदी प्रवचनों की व्याख्या वाला चित्र"
Kahavaten

टेर-टेर के रोवे, अपनी लाज खोवे, अर्थ, प्रयोग(Ter-ter ke rove, Apni laj khove)

“टेर-टेर के रोवे, अपनी लाज खोवे” यह हिंदी कहावत व्यक्तिगत समस्याओं को बार-बार और सबके सामने व्यक्त करने के परिणामों को दर्शाती है। इस कहावत

Read More »
"ठग मारे अनजान कहावत का प्रतीकात्मक चित्र", "Budhimaan.com पर बनिया मारे जान कहावत का विश्लेषण", "धोखाधड़ी के विभिन्न रूप दर्शाती कहावत का चित्र", "हिंदी प्रवचनों की गहराई का चित्रण"
Kahavaten

ठग मारे अनजान, बनिया मारे जान, अर्थ, प्रयोग(Thag mare anjaan, Baniya maare jaan)

“ठग मारे अनजान, बनिया मारे जान” यह हिंदी कहावत विभिन्न प्रकार के छल-कपट की प्रकृति को दर्शाती है। इस कहावत के माध्यम से, हम यह

Read More »
"टका हो जिसके हाथ में कहावत का चित्रण", "समाज में धन की भूमिका का चित्र", "भारतीय कहावतों का चित्रात्मक प्रतिनिधित्व", "Budhimaan.com पर हिंदी कहावतों का विश्लेषण"
Kahavaten

टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में, अर्थ, प्रयोग(Taka ho jiske haath mein, Wah hai bada jaat mein)

“टका हो जिसके हाथ में, वह है बड़ा जात में” यह हिंदी कहावत समाज में धन के प्रभाव और उसकी महत्वपूर्णता पर प्रकाश डालती है।

Read More »
"टट्टू को कोड़ा और ताजी को इशारा कहावत का चित्रण", "बुद्धिमत्ता और मूर्खता पर आधारित हिंदी कहावत का चित्र", "Budhimaan.com पर हिंदी कहावतों की व्याख्या", "जीवन शैली और सीख का प्रतिनिधित्व करता चित्र"
Kahavaten

टट्टू को कोड़ा और ताजी को इशारा, अर्थ, प्रयोग(Tattoo ko koda aur tazi ko ishara)

“टट्टू को कोड़ा और ताजी को इशारा” यह हिंदी कहावत बुद्धिमत्ता और मूर्खता के बीच के व्यवहारिक अंतर को स्पष्ट करती है। इस कहावत के

Read More »

आजमाएं अपना ज्ञान!​

बुद्धिमान की इंटरैक्टिव क्विज़ श्रृंखला, शैक्षिक विशेषज्ञों के सहयोग से बनाई गई, आपको भारत के इतिहास और संस्कृति के महत्वपूर्ण पहलुओं पर अपने ज्ञान को जांचने का अवसर देती है। पता लगाएं कि आप भारत की विविधता और समृद्धि को कितना समझते हैं।