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आटे दाल का भाव मालूम होना, अर्थ, प्रयोग(Aate daal ka bhav malum hona)

परिचय: हमारी हिंदी भाषा में अनेक मुहावरे हैं, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं को चित्रित करते हैं। ‘आटे दाल का भाव मालूम होना’ भी ऐसा ही एक मुहावरा है जिसे जानकरी और समझ के विषय में समझा जाता है।

अर्थ: ‘आटे दाल का भाव मालूम होना’ का अर्थ होता है किसी विषय या स्थिति की गहरी और वास्तविक जानकारी होना, दुनियादारी की जानकारी होना खासकर संघर्ष और जीवन की वास्तविकताओं के विषय में।

उदाहरण:

-> जब अखिल ने अपना स्टार्टअप डाला तब उसे आटे दाल का भाव मालूम हुआ।

-> सुभाष की नौकरी छूटने पर उसे आटे दाल का भाव मालूम हो गया।

विवेचना: जब कोई व्यक्ति जीवन की चुनौतियों और संघर्षों के बारे में पूरी तरह से जागरूक और समझदार होता है, तब कहा जाता है कि उसे ‘आटे दाल का भाव’ मालूम है। इसका संदर्भ मूल जीवन की वास्तविकता से है, जहाँ आटा और दाल मूल जरूरतें होती हैं।

निष्कर्ष: ‘आटे दाल का भाव मालूम होना’ हमें यह सिखाता है कि जीवन में सफलता पाने के लिए उसकी वास्तविकता और संघर्षों की समझ होना चाहिए। यह मुहावरा हमें प्रेरित करता है कि हमें अपनी समझ और जानकारी को बढ़ावा देना चाहिए।

Hindi Muhavare Quiz

एक कहानी: आटे दाल का भाव मालूम होना

पूजा एक साधारण परिवार से थी। उसके पिता एक छोटे से किराना स्टोर चलाते थे और माँ घर का काम देखती थी। पूरे परिवार की आजीविका पिताजी की छोटी सी दुकान पर ही निर्भर थी।

एक बार, एक आकस्मिक परिस्थिति में उसके पिता को चोट आ गई और वह कुछ समय के लिए बेड पर थे। उस समय, पूजा ने अपने पिता की दुकान की जिम्मेदारी ली। उसने पहले दिन ही समझा कि ‘आटे दाल का भाव’ क्या होता है। दुकान चलाना उतना आसान नहीं था जितना वह सोचती थी।

हर दिन उसे नई चुनौतियों का सामना करना पड़ता था – माल की कमी, उसकी मूल्य वृद्धि, ग्राहकों की मांग और कई अन्य समस्याएँ। लेकिन पूजा ने हार नहीं मानी। वह प्रतिदिन दुकान पर पहुंचती, ग्राहकों से बात करती, और उन्हें सही माल देने की पूरी कोशिश करती।

कुछ महीनों बाद, जब उसके पिता ठीक हो गए और दुकान पर वापस आए, उन्होंने देखा कि पूजा ने दुकान को कितनी अच्छी तरह से संचालित किया। वह समझ गई थी कि जीवन में आटे दाल का भाव क्या होता है और उसने अपनी मेहनत और समझदारी से परिस्थितियों का सामना किया।

पूजा की कहानी हमें यह सिखाती है कि जीवन में जब भी कठिनाई आए, हमें ‘आटे दाल का भाव’ समझने की जरूरत होती है

शायरी – Shayari

जीवन की राहों में बहुत कुछ सिखाया है मुझे,

‘आटे दाल का भाव’ समझाया है मुझे।

हर मुश्किल में छुपा हुआ एक संदेश होता,

हर चुनौती से ही तो जीवन संवारता है कदम कदम पे।

सच मुच में, जब समझ आए जीवन के उस खेल को,

तो हर पल, हर घड़ी, अद्भुत लगने लगती है जिंदगी।

 

आटे दाल का भाव मालूम होना शायरी

आशा है कि आपको इस मुहावरे की समझ आ गई होगी और आप इसका सही प्रयोग कर पाएंगे।


Hindi to English Translation of आटे दाल का भाव मालूम होना – Knowing the price of flour and lentils
Idiom:

Introduction: “Our Hindi language has numerous idioms that depict various aspects of life. ‘आटे दाल का भाव मालूम होना’ (Knowing the price of flour and lentils) is one such idiom that relates to knowledge and understanding.

Meaning:  The idiom ‘आटे दाल का भाव मालूम होना’ means to have a deep and genuine understanding of a topic or situation, especially the worldly wisdom concerning struggles and the realities of life.

Usage:

-> When Akhil started his own startup, he came to know the ‘price of flour and lentils.’

 -> Subhash realized the ‘price of flour and lentils’ when he lost his job.

Discussion: When someone is fully aware and wise about the challenges and struggles of life, it is said that they know the ‘price of flour and lentils.’ The reference is to the basic necessities of life, where flour and lentils are fundamental needs.

Conclusion: ‘Knowing the price of flour and lentils’ teaches us that to achieve success in life, one should understand its realities and struggles. This idiom inspires us to enhance our understanding and knowledge.”

Story of ‌‌आटे दाल का भाव मालूम होना – Knowing the price of flour and lentils Idiom:

Pooja came from a modest family. Her father ran a small grocery store, and her mother managed the household chores. The entire family’s livelihood depended solely on her father’s tiny shop.

Once, due to an unforeseen circumstance, her father was injured and bedridden for some time. During this period, Pooja took on the responsibility of the store. On her very first day, she understood what ‘knowing the value of flour and lentils’ meant. Running the store wasn’t as easy as she had thought.

Every day she faced new challenges – shortage of goods, price hikes, customer demands, and various other issues. But Pooja didn’t give up. She showed up at the shop daily, interacted with the customers, and always tried her best to provide them with the right products.

A few months later, when her father recovered and returned to the store, he saw how efficiently Pooja had managed it. She had grasped the true essence of life’s ‘value of flour and lentils’ and confronted situations with her hard work and wisdom.

Pooja’s story teaches us that whenever we face difficulties in life, it’s essential to ‘understand the value of flour and lentils,’

 

I hope this gives you a clear understanding of the proverb and how to use it correctly

FAQs:

क्या इस मुहावरे का उपयोग केवल आर्थिक संदर्भ में होता है?

मुख्यतः यह आर्थिक संदर्भ में ही प्रयोग किया जाता है, परन्तु इसका अर्थ जीवन की मूलभूत समझ से भी जुड़ा हो सकता है।

“आटे दाल का भाव मालूम होना” का प्रयोग किस प्रकार के व्यक्ति पर किया जाता है?

यह उन व्यक्तियों पर प्रयोग किया जाता है जो जीवन के यथार्थ को समझते हैं और व्यावहारिक होते हैं।

क्या यह मुहावरा आज के समय में भी प्रासंगिक है?

हां, यह मुहावरा आज भी प्रासंगिक है और व्यावहारिक ज्ञान की महत्ता को दर्शाता है।

क्या यह मुहावरा केवल घरेलू जीवन के संदर्भ में प्रयोग किया जाता है?

मुख्यतः यह घरेलू जीवन और दैनिक खर्चों से संबंधित होता है, लेकिन इसका विस्तार व्यापक जीवन यथार्थ के संदर्भ में भी हो सकता है।

क्या इस मुहावरे का उपयोग शिक्षा में भी किया जाता है?

हां, यह मुहावरा हिंदी भाषा शिक्षण में शामिल होता है और बच्चों को पढ़ाया जाता है।

हिंदी मुहावरों की पूरी लिस्ट एक साथ देखने के लिए यहाँ क्लिक करें

यह मुहावरा अ से शुरू होने वाले मुहावरे पेज पर भी उपलब्ध है।

2 टिप्पणियाँ

    1. आपके इस सवाल के लिए धन्यवाद। बिल्कुल, आप इस मुहावरे का प्रयोग कर सकते हैं। यह मुहावरा वास्तव में एक गहरी सीख देता है। इसका अर्थ है कि वर्तमान में चीजों को हल्के में लेने पर भविष्य में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। यह हमें याद दिलाता है कि प्रत्येक क्षण की महत्वता होती है और हमें सदैव सजग रहने की आवश्यकता होती है।
      आशा करता हूँ कि यह उत्तर आपके सवाल का समाधान करता है। और भी कोई प्रश्न हो तो, कृपया पूछने में संकोच न करें।

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